karambir11
21-03-2012, 12:47 PM
युग का दीपक
वह था मर्द जो अंतिम क्षण तक अड़ा रहा
वह था सिंह जो उस वेदी पर खड़ा रहा
http://3.bp.blogspot.com/-cPfzQ4a7YOI/TbQUG_5uuTI/AAAAAAAAAC4/u9m2C4wBGbo/s1600/wefwefwfwgwg.jpg
बलिदान का क्षण वह अनोखा
वो वीर फंदे को चूम रहा था
चमक उठा मस्तक
दमक रहा मुख उज्जवल था
वह तूफ़ान सैलाब नसों मैं
दिल मैं भाव वासंती था
देखा न देखा ऐसा यह वीरों का वसंत
मर मिटने की यह भावना
ये अनुराग ये प्रेम महान
उन्नत होती संस्कृति तुमसे
तुम्हारा सदा रहे दिनमान
वह था मर्द जो अंतिम क्षण तक अड़ा रहा
वह था सिंह जो उस वेदी पर खड़ा रहा
http://3.bp.blogspot.com/-cPfzQ4a7YOI/TbQUG_5uuTI/AAAAAAAAAC4/u9m2C4wBGbo/s1600/wefwefwfwgwg.jpg
बलिदान का क्षण वह अनोखा
वो वीर फंदे को चूम रहा था
चमक उठा मस्तक
दमक रहा मुख उज्जवल था
वह तूफ़ान सैलाब नसों मैं
दिल मैं भाव वासंती था
देखा न देखा ऐसा यह वीरों का वसंत
मर मिटने की यह भावना
ये अनुराग ये प्रेम महान
उन्नत होती संस्कृति तुमसे
तुम्हारा सदा रहे दिनमान