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View Full Version : ये कैसी आजादी ये कैसा देश ?


Sikandar_Khan
28-03-2012, 09:05 AM
आज हमेँ आजाद हुए लगभग 65 वर्ष होने वाले है !
राज्य पे राज्य बनाए जा रहे हैँ
लेकिन फायदा क्या है ?
एक नया राज्य बनाकर विकास के नाम पर सरकार भोली भाली जनता पर भिन्न-भिन्न प्रकार के "कर" के बोझ को लाद दिया जाता है ! जिसे न चाहते हुए भी जनता को सहन करना पड़ता है |
आज हर राज्य ने अपने-अपने हिसाब से वैट कर लागू कर रखा है !
गोवा राज्य मे आज की तारीख मे सरकार ने पेट्रोल पर टैक्स कम कर दिया है जिससे अब गोवा मे पेट्रोल का मूल्य 55 रुपए प्रतिलीटर है लेकिन गोवा के पड़ोसी राज्य महाराष्ट्र मे आज भी पेट्रोल का मूल्य लगभग 74 प्रतिलीटर है
ये कैसी आजाद है ये कैसा भारत है जहाँ के नागरिकोँ को समान अधिकार नही प्राप्त है उनके साथ भेदभाव किया जाता है |
सरकार से प्रश्न पूछने पर की ऐसा क्योँ ? तो उत्तर मिलता है की छोटे राज्योँ के खर्च कम हैँ इसलिए वो ऐसा कर सकते है
लेकिन मै कहता हूँ की आपके बड़े राज्य मे खर्च अधिक हैँ तो आय के स्रोत भी उससे कहीँ अधिक हैँ |
पता नही कब हमेँ समान अधिकार प्राप्त होँग ?

Dark Saint Alaick
29-03-2012, 07:17 AM
आपने बिलकुल ठीक कहा है बन्धु ! मुद्दा विकास नहीं, सत्ता का नशा है ! जिस तरह इस नशे ने नेहरू और जिन्ना को मोहरा बना कर देश के टुकड़े करवा दिए, ठीक उसी तर्ज़ पर आज यही मद राज्यों के टुकड़े करा रहा है !

khalid
29-03-2012, 07:52 AM
आपने बिल्कुल ठिक लिखा हैँ सिकन्दर भाई
आज आप पंजाब को देख लो सब तरह की सब्सीटी वहाँ के किसान को उपलब्ध हैँ
क्योँ की वहाँ के हर घर से एक आदमी कम से कम विदेश मेँ नौकरी करता हैँ या रहता हैँ सरकार को विदेशी मुद्रा लाकर देता हैँ इसलिए उनलोगो के परिवार को और ज्यादा देती हैँ लेकिन बिहार और दीगर प्रदेश मेँ इतनी सुविधा नहीँ हैँ आज आप कानपुर को देखे कितने लोगो को रोजगार मिल सकता हैँ बंद पडे कपडे के मिल को चालु करवाने से लेकिन यु पी मेँ चाहे किसी की सरकार बने अपने मतलब से मतलब हैँ उन मजदुरोँ की सुधलेने वाला कोई नहीँ

Sikandar_Khan
29-03-2012, 08:47 AM
खालिद भाई मै आपकी बात से पूर्णता सहमत हूँ
आज लखनऊ का विकास किसी से छुपा नही है लेकिन उसके पड़ोसी कानपुर के साथ कितना भेदभाव है ये सबको नही पता होता !
कानपुर मे उद्योग लखनऊ की तुलना मे कहीँ अधिक है कानपुर के चर्म उद्योग से राज्य सरकार एवं केन्द्र सरकार अरबो रुपए कर के रूप मे वसूल करती है
चर्म उद्योगोँ द्वारा निर्यात मे विदेशी मुद्रा भारत आती है
आज सरकार को कानपुर से लखनऊ की तुलना मे अधिक आय के स्रोत हैँ फिर भी लखनऊ की तुलना मे कानपुर का विकास आधा भी नही है |
लखनऊ मे 24 घंटे बिजली उपलब्ध है लेकिन कानपुर मे 18 से 20 घंटे ही बिजली मिल पाती है गर्मीयोँ मे बिजली की स्थिति और भी खराब हो जाती है |
कानपुर के हृदय स्थल सिविल लाईन क्षेत्र मे ब्रिटिश शासनकाल मे तकरीबन 7 कपड़े की मिलेँ स्थापित की गई थी जो कि विश्व प्रसिद्ध थी ! लेकिन आज वो सभी अपनी हालत पर आँसू बहा रही हैँ ! आज उनकी सुध लेने वाला कोई नही है |
वर्तमान मे उत्तर प्रदेश को चार भागोँ मे बाँटने का विचार चल रहा है ! नतीजा क्या होगा फिर विकास के नाम पर जनता के साथ छलावा |

khalid
29-03-2012, 09:00 AM
मैँ इसी मुद्दे की बात कर रहा था
कानपुर मेँ आज सौ रिक्शे वाले मेँ 80 85 उसी मिलो मेँ काम करने वाले हैँ
किसी जमाने मेँ सरकारी नौकरी करने वाले से ज्यादा तन्खवा कमाने वाले का परिवार का बुरा हाल देखने वाला कोई नहीँ जिसे देखो वोटो की राजनिती करने वाले तो मिल जाऐँगे लेकिन मजदुरो को पुर्नवास की योजना किसी के पास नहीँ हैँ चाहे राज्य मेँ बैठा हो या केन्द्र मेँ
आज नितीश के चर्चे आम हैँ लेकिन कटिहार के जुट मिल को खोलने की योजना उनके पास भी नहीँ हैँ ताकी कुछ मजदुरो का पलायन रुके

abhisays
29-03-2012, 09:14 AM
सिकंदर जी ने बहुत ही ज्वलंत मुद्दा उठाया है. बात बिलकुल सही है की एक में देश में इतनी असमानता क्यों है.

एक तरफ बंगलोर में एक बहुत ही बड़ी कंप्यूटर उद्योग फल फुल रहा है तो दूसरी तरफ पटना, कानपूर जैसे जगह में कोई भी उद्योगपति नए फैक्ट्री लगाने तो तयार नहीं है. ऐसा क्यों हो रहा है.

गुजरात, कर्नाटक, तमिल नाडू, केरल, आंध्र प्रदेश देश को आगे बढाने का काम कर रहे हैं लेकिन उत्तर प्रदेश, बिहार, उड़ीसा देश को पीछे ले जा रहे हैं.

ऐसा क्यों हो गया?

क्या उत्तर प्रदेश और बिहार के वासियों में आगे बढ़ने के क्षमता नहीं है?

आखिर कमी कहाँ है?

बहुत लोग बोल रहे बिहार में यह हो गया, बिहार में वो गया, बहुत तरक्की हुई है, लेकिन क्या वास्तव में ऐसा हुआ है?

स्थिथि काफी विस्फोटक हो चुकी है, भारत और इंडिया में काफी गहरी खाई खुद चुकी है.

jayeshh
11-04-2012, 11:09 AM
हा हा हा.... आज़ादी.... अंग्रेज गए... लेकिन अपनी..... छोड़ गए... उनसे भी ज्यादा कर आज की सरकार ले रही है....

jayeshh
11-04-2012, 11:11 AM
आप लोग अपने राज्य की बात कर रहे है... जरा गुजरात में देखो सभी सहूलियत अछि तरह मिलती है लेकिन..... व्यावसायिक दर से............

jayeshh
11-04-2012, 11:15 AM
सिकंदर जी ने बहुत ही ज्वलंत मुद्दा उठाया है. बात बिलकुल सही है की एक में देश में इतनी असमानता क्यों है.

एक तरफ बंगलोर में एक बहुत ही बड़ी कंप्यूटर उद्योग फल फुल रहा है तो दूसरी तरफ पटना, कानपूर जैसे जगह में कोई भी उद्योगपति नए फैक्ट्री लगाने तो तयार नहीं है. ऐसा क्यों हो रहा है.

गुजरात, कर्नाटक, तमिल नाडू, केरल, आंध्र प्रदेश देश को आगे बढाने का काम कर रहे हैं लेकिन उत्तर प्रदेश, बिहार, उड़ीसा देश को पीछे ले जा रहे हैं.

ऐसा क्यों हो गया?

क्या उत्तर प्रदेश और बिहार के वासियों में आगे बढ़ने के क्षमता नहीं है?

आखिर कमी कहाँ है?

बहुत लोग बोल रहे बिहार में यह हो गया, बिहार में वो गया, बहुत तरक्की हुई है, लेकिन क्या वास्तव में ऐसा हुआ है?

स्थिथि काफी विस्फोटक हो चुकी है, भारत और इंडिया में काफी गहरी खाई खुद चुकी है.

दोस्तों गुजरात का नाम ही मत लो.... गुजरात को आगे बढाने में गुजरात की जनता का ही ज्यादा श्रेय देना.... जरा सभी राज्यों के मुकाबले गुजरात में कितनी कर वसूली है वो देख लेना.... और जो भी सुविधाएं प्राप्त है उनका सभी पैसा गुजरात की जनता की जेब से ही जाता है.... मेरा मानना है की देश में कहीं भी ज्यादा कर वसूली है तो वो गुजरात में ही है.... एक सामान्य उदाहरण.... Cng गैस गुजरात में ४५.०० रूपये प्रति किलो महाराष्ट्र में ३५.०० रूपये प्रति किलो..... आपके उधर क्या हाल है?

abhisays
11-04-2012, 11:33 AM
दोस्तों गुजरात का नाम ही मत लो.... गुजरात को आगे बढाने में गुजरात की जनता का ही ज्यादा श्रेय देना.... जरा सभी राज्यों के मुकाबले गुजरात में कितनी कर वसूली है वो देख लेना.... और जो भी सुविधाएं प्राप्त है उनका सभी पैसा गुजरात की जनता की जेब से ही जाता है.... मेरा मानना है की देश में कहीं भी ज्यादा कर वसूली है तो वो गुजरात में ही है.... एक सामान्य उदाहरण.... Cng गैस गुजरात में ४५.०० रूपये प्रति किलो महाराष्ट्र में ३५.०० रूपये प्रति किलो..... आपके उधर क्या हाल है?


jayesh ji, gujart mein sarkaar daru par tax to kamati nahi hai. iski bharpaai kahi naa kahi se to karni hi hogi naa..

Dark Saint Alaick
11-04-2012, 03:28 PM
क्या कम पैसा खर्च कर घंटों तक बिना बिजली के अंधेरे में रहना और नेट से जुड़े अपने व्यवसाय की हानि आप मंजूर करेंगे या ऎसी स्थिति पसंद करेंगे कि थोड़ा ज्यादा पैसा खर्च कर 24 घंटे बिजली मिले ? अधिक सुविधाओं के लिए कुछ त्याग करना ही होगा ! ज़रा यूपी और राजस्थान जैसे राज्यों की जनता से पूछिए, जो प्रतिदिन तकरीबन आधा दिन और कभी-कभी लगभग पूरी रात बिजली के बिना बिताने को अभिशप्त है ! क्या यही विकास है ?

jayeshh
11-04-2012, 05:17 PM
jayesh ji, gujart mein sarkaar daru par tax to kamati nahi hai. iski bharpaai kahi naa kahi se to karni hi hogi naa..


आपकी बात सही है... हा हा हा..... दारुबंदी.... गुजरात में.... जरा गुजरात में आना हो तो देख लेना... चोरी चोरी चुपके चुपके.... कितना दारु मिलता है वो तो आम जनता बहुत अछि तरह से जानती है.... और वैसे मैं नहीं मानता की तंत्र अनजान है.... सिर्फ नाम की दारुबंदी है..... सिर्फ कागज़ पे दारुबंदी है..... सर्कार टेक्स गंवाती है और bina टेक्स की दारु गुजरात में bikti है.....

Suresh Kumar 'Saurabh'
11-04-2012, 06:14 PM
अच्छा विचार-विमर्श है भाई जी लोग।

Suresh Kumar 'Saurabh'
11-04-2012, 06:19 PM
क्या कम पैसा खर्च कर घंटों तक बिना बिजली के अंधेरे में रहना और नेट से जुड़े अपने व्यवसाय की हानि आप मंजूर करेंगे या ऎसी स्थिति पसंद करेंगे कि थोड़ा ज्यादा पैसा खर्च कर 24 घंटे बिजली मिले ? अधिक सुविधाओं के लिए कुछ त्याग करना ही होगा ! ज़रा यूपी और राजस्थान जैसे राज्यों की जनता से पूछिए, जो प्रतिदिन तकरीबन आधा दिन और कभी-कभी लगभग पूरी रात बिजली के बिना बिताने को अभिशप्त है ! क्या यही विकास है ? डार्क जी, उ0 प्र0 में बिजली की खूब चोरी होती है।

khalid
11-04-2012, 09:17 PM
क्या कम पैसा खर्च कर घंटों तक बिना बिजली के अंधेरे में रहना और नेट से जुड़े अपने व्यवसाय की हानि आप मंजूर करेंगे या ऎसी स्थिति पसंद करेंगे कि थोड़ा ज्यादा पैसा खर्च कर 24 घंटे बिजली मिले ? अधिक सुविधाओं के लिए कुछ त्याग करना ही होगा ! ज़रा यूपी और राजस्थान जैसे राज्यों की जनता से पूछिए, जो प्रतिदिन तकरीबन आधा दिन और कभी-कभी लगभग पूरी रात बिजली के बिना बिताने को अभिशप्त है ! क्या यही विकास है ?

हा हा हा संत भाई बिहार मेँ तो 80 / प्रतिसत बिजली नहीँ हमारे पंजात तो छोडीए ब्लाक तक मेँ बिजली नहीँ हैँ
आज भी हमलोग लालटेन युग मेँ जीने को मजबुर हैँ
जब की आज की दुनिया मेँ बिजली सड़क शिक्षा का बहुत महत्व हैँ

abhisays
12-04-2012, 08:40 AM
बिहार और up का यह हाल इसलिए है की वहां के लोग जात और धर्म के नाम पर अभी भी वोट देते हैं. लोग अच्छे लोगो को नहीं चुनते बस अपने जाती प्रमाण पत्र वोटिंग मशीन पर चिपका कर आ जाते है.

Saffron_Warrior
24-04-2012, 06:00 PM
अब इस देश का उद्धार कोई राष्ट्रवादी पार्टी ही कर सकती है, कांग्रेस ने देश का खून चूस चूस का इसे अपंग कर दिया है. केंद्र में एक मजबूर नहीं मजबूत सरकार की जरुरत है.