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View Full Version : न्यू मूवी रिव्यू: विद मानसर


DevRaj80
31-03-2012, 01:49 PM
न्यू मूवी रिव्यू: विद मानसर


मित्रों यहाँ हम नयी आने वाली फिल्मो के रिव्यू पढ़ सकेंगे ...........

पसंद आये तो रेपो ++++ दे कर उत्साह बढ़ाये ........

DevRaj80
31-03-2012, 01:54 PM
रिजर्वेद .................

jitendragarg
31-03-2012, 02:42 PM
idea accha hai. :good:

DevRaj80
31-03-2012, 06:14 PM
धन्यवाद दोस्त

DevRaj80
31-03-2012, 06:15 PM
<b> मूवी रिव्यू: 'ब्लड मनी'

Movie Name:
'ब्लड मनी'



Viewer Rating:



Critic Rating:
(2/5)


Star Cast:
कुणाल खेमू, अमृता पुरी,मनीष चौधरी,संदीप सिकंद,मिया उएदा और करण मेहरा


Director:
विशाल महादकर


Producer:
महेश भट्ट


Music Director:
जीत गांगुली,सिद्धार्थ हल्दीपुर,संगीत हल्दीपुर और प्रणय एम रिजिया


Genre:
थ्रिलर

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DevRaj80
31-03-2012, 06:16 PM
कहानी

कहानी:ब्लड मनी कहानी है कुणाल की जो कि कम उम्र में अनाथ हो गया था। पार्ट टाइम जॉब कर उसने अपने कॉलेज की फीस भरी और एमबीए किया। विदेश जाकर खूब पैसे कमाने की उसकी चाहत है।

दक्षिण अफ्रीका स्थित ट्रिनीटी डायमंड्स कंपनी में उसे नौकरी मिल जाती है। छ: अंकों में सैलेरी, कार, शानदार बंगला और केपटाउन में काम करने का मौका। कुणाल की तो लॉटरी लग जाती है।

जब यह बात वह अपनी गर्लफ्रेड आरजू को बताता है तो वह उसके साथ वहां जाने में हिचकती है। कुणाल उसे मना लेता है। दोनों शादी कर केपटाउन के लिए रवाना हो जाते हैं।

धन और लक्जरी लाइफस्टाइल के चक्रव्यूह में कुणाल धीरे-धीरे फंसता जाता है।कुणाल यह बात अपनी पत्नी को बताता है। वह उसे भारत वापस चलने के लिए कहती है, लेकिन कुणाल को पता है कि यहां से निकल पाना बेहद मुश्किल है।

कुणाल कंपनी के साथ ही काम करने का फैसला करता है ताकि वह उन लोगों के खिलाफ सबूत इकट्ठा कर सके। क्या कुणाल इसमें कामयाब हो पाता है?फिल्म की कहानी इसी पर आधारित है|

DevRaj80
31-03-2012, 06:16 PM
स्टोरी ट्रीटमेंट:

फिल्म की कहानी इंटरवल के बाद 'जन्नत' जैसी हो जाती है| कुणाल की पत्नी आरजू(अमृता) अपने पति को मिस करने लगती है| कुणाल काम की वजह से उन्हें वक्त ही नहीं दे पाते| जन्नत में भी कुछ ऐसा दिखाया गया था| इसके अलावा फिल्म का क्लाइमेक्स बहुत ही कन्फ्यूज कर देने वाला है| ऑफिस में कैद घायल कुणाल वहां से महत्वपूर्ण कागजात लेकर कैसे निकलने में सफल हो जाता है वो समझ से परे है|

DevRaj80
31-03-2012, 06:16 PM
स्टार कास्ट:


कुणाल खेमू ने एक्टर के तौर पर अपना बेस्ट देने की कोशिश की है मगर बेहद कमजोर स्क्रिप्ट के चलते उनकी मेहनत पर पानी फिर जाता है|अमृता पुरी ने ठीक ठाक अभिनय किया है मगर कई बार वह ओवर एक्टिंग करती नजर आती हैं|खडूस बॉस के रूप में मनीष चौधरी ने बढ़िया काम किया है| संदीप सिकंद छोटे मगर महत्वपूर्ण रूप में हैं| मिया उएदा अपने रोल में छाप छोड़ने में नाकामयाब रहीं|

DevRaj80
31-03-2012, 06:16 PM
निर्देशन:

नए निर्देशक विशाल महादकर में एक अच्छे निर्देशक बनने की संभावना नजर आई है|हालांकि कमजोर स्क्रीनप्ले और कहानी की वजह से निर्देशन भी कमजोर ही साबित हुआ है| मगर पहली फिल्म होने के नाते विशाल ने अपना बेस्ट देने की पूरी कोशिश की है|

DevRaj80
31-03-2012, 06:17 PM
म्यूजिक/सिनेमटोग्राफी/एडिटिंग:


विशेष फिल्म्स की फिल्मों का संगीत हमेशा ही दर्शकों को लुभाता है और इस फिल्म से भी उन्होंने संगीत के मामले में निराश नहीं किया है| इसके अलावा कुछ डायलॉग्स भी प्रभावी है और सधी हुई एडिटिंग कमजोर फिल्म को कुछ हद तक संभालने में कामयाब हुई है|

DevRaj80
31-03-2012, 06:17 PM
समीक्षा : डायमंड मार्केट की अपराध कथा है ब्लड मनी

Movie Review Blood money is Diamond market crime story

अब भट्ट कैंप की फिल्मों की सबसे बड़ी पहचान यही है कि वे सनसनीखेज होती हैं। ब्लड मनी भी कुछ इसी किस्म की फिल्म है, जिसमें डायमंड मार्केट की क्राइम स्टोरी का तड़का लगाया गया है। डायमंड माफिया कैसे अपने कारोबार को चमकाने के लिए आतंकियों तक से हाथ मिला लेते हैं, यही ब्लड मनी की केंद्रीय विषय वस्तु है।


निश्चित रूप से डायमंड मार्केट के इस खौफनाक चेहरे को सामने रखता फिल्म का कथ्य तो नया है, लेकिन कमजोर ट्रीटमेंट के चलते आखिरकार यह एक लचर फिल्म ही साबित हुई है। न ढंग से कहानी बुनी गई है और न ही निर्देशन में कोई परिपक्वता नजर आती है। ऐसे में कलाकारों के अभिनय के बारे में कोई बात न की जाए, यही बेहतर रहेगा।

पिज्जा डिलीवरी बॉय के तौर पर मुंबई में काम करने वाले कुणाल कदम को जब दक्षिण अफ्रीका के केपटाउन शहर में एक प्रतिष्ठित डायमंड कंपनी में नौकरी मिलती है, तो उसे लगता है कि उनका नसीब जग चुका है। वह जी तोड़ मेहनत करता है और प्रमोशन पर प्रमोशन पाता जाता है।

लेकिन जल्द ही उसे पता चल जाता है कि डायमंड व्यापार की आड़ में काला धंधे का बड़ा कारोबार चल रहा है। उसकी कंपनी के स्मगलरों और अपराधियों के साथ गहरे संबंध हैं, यह सच उसे विचलित कर देता है।

वह सच से अनजान बने रहने में दिक्कत महसूस करता है, लेकिन बड़ा आदमी बनने की ललक उसे इस धंधे में डुबाए रखती है। हालांकि बाद में वह अपनी अंतरात्मा की पुकार सुनता है, लेकिन तब उसकी जान खतरे में पड़ जाती है...।


संपूर्णता में देखें, तो ब्लड मनी भट्ट कैंप की एक बचकानी फिल्म है। आश्चर्य होता है कि अपने बैनर की फिल्मों की कथा और पटकथा पर तेज नजर रखने वाले महेश भट्ट ने इस फिल्म से कैसे आंखें फेर लीं? फिल्म के हीरो कुणाल खेमू का काम औसत है, तो हीरोइन अमृता पुरी में कोई दम नहीं है।

विशाल महाडकर ने निर्देशक की कुर्सी में बैठने से पहले भट्ट कैंप की ही कुछ हिट फिल्मों को गंभीरतापूर्वक देखा होता, तो बेहतर परिणाम निकल सकता था।

DevRaj80
31-03-2012, 06:18 PM
समीक्षा: बेहद बोरिंग है 'ब्लड मनी'
शुक्रवार, मार्च 30, 2012,13:51 [IST]
Blood Money

http://sagargsm.com/attachment.php?attachmentid=4947&d=1333181321
बैनर: वायकॉम 18 मोशन पिक्चर्स, विशेष फिल्म्स
निर्माता: मुकेश भट्ट
निर्देशक: विशाल महदकर
संगीत: जीत गांगुली, सिद्धार्थ हल्दीपुर, संगीत हल्दीपुर
कलाकार : कुणाल खेमू, अमृता पुरी, मनीष चौधरी, मिया
रेटिंग: 2/5

समीक्षा: आज रूपहले पर्दे पर पहुंची भट्ट कैंप की 'ब्लड मनी' एक एवरेज फिल्म हैं जो कि केवल औसत दर्जे का ही बिजनेस कर सकती है। फिल्म सफलता का कीर्तिमान रचेगी ऐसा सोचना भी गलत है। भट्ट कैंप की और फिल्मो की तरह इस फिल्म में भी ग्लैमर और संस्पेंस का तड़का लगा हुआ है लेकिन यह फिल्म पिछली फिल्मों की तरह रोमांच उत्पन्न नहीं करती है।

फिल्म को कुणाल-अमृता के गर्मा-गर्म दृश्यों से भी बेचने की कोशिश की गयी है लेकिन उससे भी बात नहीं बन पायी है। फिल्म में अभिनेता कुणाल खेमू, अमृता पुरी और खासकर मनीष चौधरी ने अच्छा अभिनय किया है लेकिन जब पटकथा ही काफी उलझी हुई हो तो कलाकार क्या कर सकते हैं?

फिल्म एक नौजवान लड़के के प्रेम और सपनों की कहानी कहती है जो तरक्की के लिए गलत काम भी कर बैठता है लेकिन उसे बाद में एहसास होता है कि उसका रास्ता गलत है लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी होती है। फिल्म में बिल्कुल नयापन नहीं है।

फिल्म में गाने से ज्यादा संवाद अच्छे हैं, इसलिए लोग गानों से ज्यादा फिल्म के डॉयलाग याद रखेंगे। फिल्म के हॉट सींस भी लोगों को लुभाने में नाकाम रहे हैं। कुल मिला कर डायरेक्टर विशाल महदकर की 'ब्लड मनी' एक एवरेज फिल्म है और इसके लिए हमारी रेटिंग 2 से ज्यादा नहीं है।

कहानी: गरीबी से लड़ता हुआ हीरो कुणाल खेमू बड़ी मुश्किल से एमबीए करता है। बड़े होने पर उसकी जिंदगी में अमृता पुरी आती है। जिसको खुशियां देने के लिए वो दिन-रात काम करने लगता है कि अचानक उसे दक्षिण अफ्रिका से हीरों की कंपनी का ऑफर आता है। जो उसे बहुत सारा पैसा, बंग्ला, गाडी और भी बहुत सारी चीजे देता है। जिसके मोहपाश में फंसा कुणाल एक गैरकानूनी धंधे में फंस जाता है। फिल्म एक नौजवान की हद से ज्यादा महात्वाकांक्षी सपनों की कहानी कहती है।

DevRaj80
31-03-2012, 06:18 PM
<b> कहानी : खूबसूरत है कहानी

मुख्य कलाकार : विद्या बालन, इंद्रनील सेनगुप्ता, परमब्रत चटोपाध्याय, नवाजुद्दीन सिद्दीकी

निर्देशक : सुजॉय घोष

तकनीकी टीम : सुखविंदर सिंह, श्रेया घोषाल, अमिताभ बच्चन

धार्मिक कहानियों के अनुसार, जब असुरों का धरती पर राज बढ़ा, तो देवताओं ने देवी की आराधना की। सबने अपने कुछ-कुछ अंश दिए और अंत में बनीं मां दुर्गा, जिन्होंने दैत्य का वध किया। निर्देशक सुजॉय घोष की फिल्म कहानी में भी शक्ति के रूप में विद्या बालन को रखा गया है और उन्होंने भी उस काम को बखूबी अंजाम तक पहुंचाया है, वह भी रहस्य के साथ।

फिल्म की कहानी विद्या बागची की है, जो अपने पति के साथ लंदन में रहती है। दोनों सॉफ्टवेयर इंजीनियर हैं। पति जब एक काम के सिलसिले में कोलकाता आता है, जो लंदन नहीं लौटता। पति अरूप क्यों वापस लंदन नहीं लौटता, इसके पीछे एक लंबी कहानी है, जो फिल्म में कहानी के रूप में आगे बढ़ती है। लंदन से कोलकाता आने के बाद विद्या बागची की खोज आगे बढ़ती है और हत्याओं का सिलसिला चलता रहता है और वह भी बड़े रोमांचक तरीके से। अंत में दशहरे के दिन जिसकी हत्या होती है, वही होता है अरूप के साथ-साथ तमाम लोगों का हत्यारा और हत्या का कारण।

अभिनय की बात करें तो विद्या बालन ने अपने चरित्र को कमाल के साथ पेश किया है। राना के रोल में परमब्रत चटोपाध्याय, नवाजुद्दीन सिद्दीकी ने खान की भूमिका और मिलन दामजी की भूमिका को इंद्रनील सेनगुप्ता ने बहुत ही बेहतरीन निभाया है। कुछ और छोटे रोल भी फिल्म में ऐसे हैं, जिनकी अहमियत फिल्म देखते हुए महसूस होती है।

सुजॉय घोष और रितेश शाह ने कहानी को इस तरह से प्रस्तुत किया है कि मन कहानी से कहीं और नहीं जाता। गीत-संगीत का इस फिल्म में खास योगदान नहीं है। एक गीत कोलकाता का रंग दिखाता हुआ है और दूसरा गीत गुरु रवींद्रनाथ टैगोर की कविता ..तोबे एकला चोलो रे.. को अमिताभ बच्चन की आवाज में खूबसूरती से पेश किया गया है। कुल मिलाकर कहानी के जरिए एक बार फिर यह बताया गया है कि कहानी दमदार हो, तो स्टार्स कोई मायने नहीं रखते।

चार स्टार **** ४/५

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DevRaj80
31-03-2012, 06:19 PM
कहानी



कहानी:

फिल्म सस्पेंस थ्रिलर है। अपने पति की तलाश में प्रेग्नेंट विद्या बागची लंदन से कोलकाता आती है। यहां सभी उसे यह विश्वास दिलाने की कोशिश करते हैं कि जिस पति को वह ढूंढ रही है उसका कोई अस्तित्व ही नहीं है। विद्या को दाल में कुछ काला नजर आता है। उसे अहसास होता है कि कहीं तो कुछ गड़बड़ है। उसे जो दिखाया जा रहा है, वास्तव में ऐसा कुछ नहीं है। विद्या अपनी जिंदगी को खतरे में डालकर अपने तथा अपने पैदा होने वाले बच्चे के लिए सच्चाई पर से परदा उठाने की ठानती है। लेकिन जब रहस्य खुलता है तो आप चौंक जाते हैं। यही इस फिल्म की खासियत है। स्क्रिप्ट पर भरोसा करके ही निर्देशक ने किसी बड़े मेल स्टार की अपेक्षा सिर्फ विद्या पर दांव लगाया है।स्टोरी ट्रीटमेंट:फिल्म एक महिला के संघर्ष की रोचक कहानी है। जैसे-जैसे कहानी आगे बढ़ती है सस्पेंस और गहराता जाता है। फिल्म की यूएसपी ही उसकी रफ्तार औऱ रोमांच है| स्टार कास्ट:पूरी फिल्म विद्या बालन के कंधों पर टिकी हुई है| उन्होंने अपने किरदार को जीवंत करने में कोई कसर नहीं छोड़ी है| परदे पर उनकी परेशानियों को देखकर आपको एक जुड़ाव से होने लगता है और आप कहानी में खोते चले जाते हैं| विद्या के एक्सप्रेशंस, उनकी बॉडी लैंग्वेज किरदार को और ज्यादा मजबूत बना देते है| विद्या ने छोटे-छोटे भाव दिखाने में जमकर मेहनत की है। राणा के किरदार में परमब्राता चट्टोपाध्याय ने जोरदार एक्टिंग की है| इंद्रनील सेनगुप्ता ने छोटे से किरदार में खूब जमे हैं।निर्देशन:सुजॉय ने अच्छी स्क्रिप्ट में सस्पेंस को जबरदस्त तरीके से पिरोया है| उन्होंने गंभीर विषय को हल्के-फुल्के दृश्यों के माध्यम से दिखाने की कोशिश की है जिससे फिल्म बोझिल नहीं लगती|

सुनने में यह किसी औरत की दुख भरी दास्तान लगती है, लेकिन 'कहानी' एक जबर्दस्त सस्पेंस थ्रिलर फिल्म है। ऐसी फिल्म लिखना और बनाना आसान नहीं...



डायलॉग्स/ सिनेमटोग्राफी/ म्यूज़िक:

डायलॉग्स कुछ ज्यादा खास नहीं और अपने पति को खोजने की जद्दोजहद में लगी महिला और ऑफिसर के बीच के संवाद महत्वपूर्ण हैं| अंत में अमिताभ बच्चन का वाइसओवर एवं माँ दुर्गा और विद्या की तुलना वाला दृश्य बहुत ही प्रभावशाली है| क्यों देखें:विद्या बालन के जबरदस्त फैन हैं तो यह फिल्म आपके लिए ही है|

DevRaj80
31-03-2012, 06:19 PM
‘कहानी’ के अंत तक अनुमान लगाते रह जाएंगे

मुंबई। हाथ में पासपोर्ट और बैग लिए गर्भवति विद्या बालन जैसे ही कोलकाता एयरपोर्ट पर उतरती हैं तमाम ऑटो रिक्शा वाले उनके आस पास मंडराने लगते हैं और वो मानो कहीं खो सी जाती हैं।

सुजॉय घोष द्वारा लिखी और निर्देशित फिल्म कहानी की शुरुआत होती है मिसेज बागची के किरदार में विद्या बालन से जो लंदन से अपने पति अरनब को ढूंढने आई हैं। एक पुलिस वाला इसमें उसकी मदद करता है जो चारों तरफ उसे छानते हैं पर उसका कोई पता नहीं चलता।
Attachment 4948 (http://sagargsm.com/attachment.php?attachmentid=4948)
इसी बीच विद्या को पता चलता है कि उसके पति के लापता होने के पीछे कुछ मोस्ट वॉन्टेड अपराधियों का हाथ है। काफी ताजा सी कहानी हर मोड़ पर आपको चौंका देगी और इस तरह आपको बांधे रखेगी। यहां पूरा ध्यान फिल्म की कहानी पर दिया गया है।



घोष अपने हर किरदार पर बहुत ध्यान देते हैं और सभी ने बेहतरीन अभिनय किया है। पुलिस वाले के किरदार में परमभ्रता चैटर्जी हमेशा विद्या का साथ देते हैं। फिल्म में हर छोटी से छोटी बात पर ध्यान दिया गया है। फिल्म के बारे में ज्यादा कुछ बताना गलत होगा।




ये फिल्म रियल लोकेशन पर शूट की गई है और तभी आप लोगों को घूरते हुए देखेंगे। इस फिल्म को कोलकाता के अलावा कहीं भी इमेजिन करना मुश्किल होगा क्योंकि कोलकाता इस फिल्म का जैसे एक अहम किरदार है। कहानी एक महिला के द्वारा बताई गई एक महिला की ही कहानी है। राजीव मसंद ने इस फिल्म को पांच में से साढ़े तीन स्टार दिए हैं। फिल्म थोड़ी लंबी जरूर लगेगी पर ये आपको अंत तक अनुमान करते रहने पर मजबूर करेगी।

DevRaj80
31-03-2012, 06:19 PM
मन का सरोवर ..... मानसर का रिव्यू .......... फिल्म को जरूर देखिये

DevRaj80
31-03-2012, 06:19 PM
Movie Name:
कहानी



Critic Rating:
(4/5)


Star Cast:
विद्या बालन, परम बरता चट्टोपाध्याय, नवाज़ुद्दीन सिद्दीकी, इंद्रनील सेनगुप्ता


Director:
सुजॉय घोष


Producer:
सुजॉय घोष,कुशाल गाड़ा


Music Director:
विशाल ददलानी, शेखर रवजियानी


Genre:
ड्रामा, थ्रिलर