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View Full Version : जाने क्यूं हर वक्त जख्मों को सहलाया मैंने 


sombirnaamdev
08-04-2012, 12:10 AM
जाने क्या खोया क्या पाया मैंने तुमसे दिल लगा के
नींद आँखों की खोयी ,दर्द ज़माने का पाया मैंने तुमसे दिल लगा के

आँखों में नींद का नाम नहीं.
दिल में चैन का काम नहीं ..
बेदर्द ज़माने में जज्बातों का कोई दाम नहीं ...
जाने कौन सा दर्द जगाया मैंने तुमसे दिल लगा के
जाने क्या खोया क्या पाया मैंने तुमसे दिल लगा के
नींद आँखों की खोयी ,दर्द ज़माने का पाया मैंने तुमसे दिल लगा के

दिल को सुकून मिले ना मिले .
आँखों को चैन मिले न मिले ..
जख्म दिल के सिले न सिले ...
फिर भी जाने क्यू हर वकत जख्मों को सहलाया मैंने तुम से दिल लगाके
जाने क्या खोया क्या पाया मैंने तुमसे दिल लगा के
नींद आँखों की खोयी ,दर्द ज़माने का पाया मैंने तुमसे दिल लगा के

सोचा था उनसे मिलकर थोडा सा चैन मिले.
वो जब भी मिले मुझसे हर वक़्त बेचैन मिले ..
दिल के सारे जख्म ही मुझे उनकी ही देन मिले...
दर्द ज़माने कम पड़ गया जितना पाया मैंने तुझसे दिल लगा के

जाने क्या खोया क्या पाया मैंने तुमसे दिल लगा के
नींद आँखों की खोयी ,दर्द ज़माने का पाया मैंने तुमसे दिल लगा के

Sikandar_Khan
08-04-2012, 12:16 AM
:fantastic::bravo:
सोमवीर जी ,बहुत ही खूब दर्द बयां किया है |

sombirnaamdev
08-04-2012, 12:21 AM
:fantastic::bravo:
सोमवीर जी ,बहुत ही खूब दर्द बयां किया है |


sir ji raaton ya to pagal jagate hain dard ke mare


kavita padhane or utsah vardhan ke dhanyavaad srimman ji

Sikandar_Khan
08-04-2012, 12:29 AM
sir ji raaton ya to pagal jagate hain dard ke mare


kavita padhane or utsah vardhan ke dhanyavaad srimman ji

हमेँ आप पहले क्रम वाला समझिए |

sombirnaamdev
08-04-2012, 12:35 AM
हमेँ आप पहले क्रम वाला समझिए |

or hame kaun sa

Sikandar_Khan
08-04-2012, 12:37 AM
or hame kaun sa

आप दूसरे क्रम वाले हो सकते हैँ |

Dark Saint Alaick
08-04-2012, 02:50 AM
अच्छी कोशिश है, मित्र ! धन्यवाद !

Suresh Kumar 'Saurabh'
08-04-2012, 06:32 AM
बहुत ही अच्छा है।

Dr. Rakesh Srivastava
08-04-2012, 01:55 PM
गंभीरता से लिखते रहें मित्र , सफलता आपके कदम चूमेगी एक दिन .

sombirnaamdev
08-04-2012, 11:28 PM
अच्छी कोशिश है, मित्र ! धन्यवाद !
नियामक महोदय उत्साह बढाने के लिए आपका बहूत बहूत धन्य वाद

मुझ जैसे नाचीज को आपने इस काबिल समझा
और आगे भी आपके मार्ग दर्शन के इन्तजार में रहूँगा

sombirnaamdev
08-04-2012, 11:34 PM
गंभीरता से लिखते रहें मित्र , सफलता आपके कदम चूमेगी एक दिन .
डा . साहब मैंआज जो कुछ भी लिख रहा हूँ
सब आप ही के मार्गदर्शन में लिख रहा हूँ
अत मुझसे जो भी अच्छा या बुरा जो भी लिखा जाये
अपना मार्गदर्शन देकर कृतार्थ करते रहिएगा
धन्य वाद

sombirnaamdev
08-04-2012, 11:49 PM
बहुत ही अच्छा है।

होसला अफजाई के लिए धन्य वाद श्री मान जी