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View Full Version : मेरे दर्द की कोई दवा


sombirnaamdev
21-04-2012, 10:40 PM
मेरे दर्द की दवा आज कोई मेरे सनम करदे,
थोडा मुस्करा के मेरे गम को कम करदे |

तेरी मेहरबानी मुझपे सनम अगर हो जाये ,
मेरे लिए आसान जिन्दगी की डगर हो जाये ,
कट जायेगा सफ़र जिन्दगी का तू अगर मेरे क़दमों के संग कदम धरदे |

बिना तेरे साथी जिन्दगी मेरी अधूरी सी है,
जिन्दा है लेकिन सांसों से दुरी सी है,
मुदत्तों से मुर्दा पड़े इस जिस्म में थोडा सा दम भरदे|

यादों के साये आज मेरे चारोँ और घूमते है ,
तेरी जुल्फों के के बादल आज भी मेरे सीने को चुमते है ,
तेरी इन मद मस्त आँखों की मस्ती को मेरे जख्मों का मरहम करदे |

साथ जो मिले गर तुम्हारा मेरी जिन्दगी सवार जाये,
तुझको पाकर मेरा जीवन खुशियों से भर जाये ,
भुला के आज ये सारे गम आँखे मेरी ख़ुशी से नाम करदे |

दर्द ए जुदाई अब और नही सह सकेंगे,
तेरे सिवा और किसी से न कह सकेंगे ,
आ जाओ इससे पहले पहले की की मौत मुझे बेदम करदे |

ये दिल तुम बिन दर्दो गम से आहें भरेगा ,
जख्मी दिल की दवा तुम बिन कौन करेगा ,
"नामदेव" पे रहम तू थोडा आज सनम कर दे ||

Dr. Rakesh Srivastava
23-04-2012, 08:58 AM
पहले से भी अच्छी रचना . कृपया स्वयं को सुधारते रहिये . शुभकामनाएं .

abhisays
23-04-2012, 09:07 AM
अच्छा प्रयास है. सोमवीर जी. :bravo::bravo::bravo:

sombirnaamdev
23-04-2012, 06:04 PM
पहले से भी अच्छी रचना . कृपया स्वयं को सुधारते रहिये . शुभकामनाएं .


आपने मेरी पंक्तियों को पढ़ा और पसंद किया उस के लिए आपका बहूत बहूत आभार व्यक्त करता हूँ ,
उम्मीद है आगे भी इसी तरह आपका साथ मिलता रहेगा

sombirnaamdev
23-04-2012, 06:06 PM
अच्छा प्रयास है. सोमवीर जी. :bravo::bravo::bravo:

:help:आपने मेरी पंक्तियों को पढ़ा और पसंद किया उस के लिए आपका बहूत बहूत आभार व्यक्त करता हूँ
उम्मीद है आगे भी इसी तरह आपका साथ मिलता रहेगा :iagree:

Suresh Kumar 'Saurabh'
23-04-2012, 09:33 PM
वाह-वाह बहुत खूब!

Sikandar_Khan
23-04-2012, 11:31 PM
मेरे दर्द की दवा आज कोई मेरे सनम करदे,
थोडा मुस्करा के मेरे गम को कम करदे |

तेरी मेहरबानी मुझपे सनम अगर हो जाये ,
मेरे लिए आसान जिन्दगी की डगर हो जाये ,
कट जायेगा सफ़र जिन्दगी का तू अगर मेरे क़दमों के संग कदम धरदे |

बिना तेरे साथी जिन्दगी मेरी अधूरी सी है,
जिन्दा है लेकिन सांसों से दुरी सी है,
मुदत्तों से मुर्दा पड़े इस जिस्म में थोडा सा दम भरदे|

यादों के साये आज मेरे चारोँ और घूमते है ,
तेरी जुल्फों के के बादल आज भी मेरे सीने को चुमते है ,
तेरी इन मद मस्त आँखों की मस्ती को मेरे जख्मों का मरहम करदे |

साथ जो मिले गर तुम्हारा मेरी जिन्दगी सवार जाये,
तुझको पाकर मेरा जीवन खुशियों से भर जाये ,
भुला के आज ये सारे गम आँखे मेरी ख़ुशी से नाम करदे |

दर्द ए जुदाई अब और नही सह सकेंगे,
तेरे सिवा और किसी से न कह सकेंगे ,
आ जाओ इससे पहले पहले की की मौत मुझे बेदम करदे |

ये दिल तुम बिन दर्दो गम से आहें भरेगा ,
जख्मी दिल की दवा तुम बिन कौन करेगा ,
"नामदेव" पे रहम तू थोडा आज सनम कर दे ||

बहुत खूब ऐसे ही लिखते रहिए |

neelam
23-04-2012, 11:35 PM
अच्छी कविता है. :iagree:

sombirnaamdev
24-04-2012, 12:06 AM
बहुत खूब ऐसे ही लिखते रहिए |

dhanyavaad sikander ji aapse jaise mahanu bhavo ki prerana se hi ye sab kuch likh pa raha hu kripa banaye rakhein

sombirnaamdev
24-04-2012, 12:09 AM
अच्छी कविता है. :iagree: neelam ji dhanyavaad aapka jo aaapne meri kavita pasand kiya

sombirnaamdev
24-04-2012, 12:11 AM
वाह-वाह बहुत खूब!


saurabh ji dhanya vaad aapka . kripa bana kar rakhiyega