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View Full Version : जिस देश में बच्चे भूखे सोते है


sombirnaamdev
25-04-2012, 11:10 PM
जिस देश में बच्चे भूखे सोते है
उस देश में कुत्ते बिस्किट खाते है ,

गर्मी में नंगे पांव घूमते इंसानों के बच्चे
ऍसी करों में बैठे है कुतों के बच्चे
इस देश में गरीब आदमी कुतों का झुटे बिस्किट खाते हैं ,

सोने का व्यापारी यहाँ दो वक़्त की रोटी नहीं जुटा पता है
जिनका हाथ सत्ता में रेत बेचकर करोड़ों कमाता है
जनता के बदन पर कपडा नहीं उनके स्विस बैंक में खाते हैं .,

जनता से लेकर वोट वो जनता के सरमायेदार बने
ना समझी में देकर वोट अपने ही घर हम किरायेदार हुए
गुंडों के हाथों यहाँ घर के मालिक घर से निकाले जाते है ,

खाकर माल जनता का डकार भी नहीं लेते है
पांच साल तक जनता को फिर पास त़क न आने देते है
पांच साल के बाद फिर मेंडक ज्यों टराते है,

Suresh Kumar 'Saurabh'
26-04-2012, 05:00 AM
जिस देश में बच्चे भूखे सोते है
उस देश में कुत्ते बिस्किट खाते है ,

गर्मी में नंगे पांव घूमते इंसानों के बच्चे
ऍसी करों में बैठे है कुतों के बच्चे
इस देश में गरीब आदमी कुतों का झुटे बिस्किट खाते हैं ,

सोने का व्यापारी यहाँ दो वक़्त की रोटी नहीं जुटा पता है
जिनका हाथ सत्ता में रेत बेचकर करोड़ों कमाता है
जनता के बदन पर कपडा नहीं उनके स्विस बैंक में खाते हैं .,

जनता से लेकर वोट वो जनता के सरमायेदार बने
ना समझी में देकर वोट अपने ही घर हम किरायेदार हुए
गुंडों के हाथों यहाँ घर के मालिक घर से निकाले जाते है ,

खाकर माल जनता का डकार भी नहीं लेते है
पांच साल तक जनता को फिर पास त़क न आने देते है
पांच साल के बाद फिर मेंडक ज्यों टराते है,


ओहो! कितनी गम्भीर स्थिति है। कल्पना से परे ये सत्य बात है, जिसे हम जीवन में प्राय: देखते हैं ये वही बात है।
बहुत-बहुत आपका धन्यवाद!

Sikandar_Khan
26-04-2012, 07:50 AM
जिस देश में बच्चे भूखे सोते है
उस देश में कुत्ते बिस्किट खाते है ,

गर्मी में नंगे पांव घूमते इंसानों के बच्चे
ऍसी करों में बैठे है कुतों के बच्चे
इस देश में गरीब आदमी कुतों का झुटे बिस्किट खाते हैं ,

सोने का व्यापारी यहाँ दो वक़्त की रोटी नहीं जुटा पता है
जिनका हाथ सत्ता में रेत बेचकर करोड़ों कमाता है
जनता के बदन पर कपडा नहीं उनके स्विस बैंक में खाते हैं .,

जनता से लेकर वोट वो जनता के सरमायेदार बने
ना समझी में देकर वोट अपने ही घर हम किरायेदार हुए
गुंडों के हाथों यहाँ घर के मालिक घर से निकाले जाते है ,

खाकर माल जनता का डकार भी नहीं लेते है
पांच साल तक जनता को फिर पास त़क न आने देते है
पांच साल के बाद फिर मेंडक ज्यों टराते है,

:fantastic:
अरे वाह , आपकी मेहनत देखकर मुझे घोर आश्चर्य हो रहा है ! इतने कम समय मे इतना परिवर्तन ! ऐसे ही लिखते रहिए |

abhisays
26-04-2012, 07:53 AM
बहुत ही बढ़िया सोमवीर जी..

Dr. Rakesh Srivastava
26-04-2012, 08:14 AM
वाह - वाह . बहुत बढ़िया मित्र .

malethia
26-04-2012, 10:52 AM
सोमबीर जी आपकी इस सुंदर रचना के लिए आपको कोटि कोटि प्रणाम.............

sombirnaamdev
26-04-2012, 08:45 PM
ओहो! कितनी गम्भीर स्थिति है। कल्पना से परे ये सत्य बात है, जिसे हम जीवन में प्राय: देखते हैं ये वही बात है।
बहुत-बहुत आपका धन्यवाद!

श्रीमान जी स्तिथि तो इस से भी गंभीर है
लेकिन उसे शब्दों में ढाल पाना मुश्किल ही नहीं नामुमकिन भी ,

Suresh Kumar 'Saurabh'
26-04-2012, 08:49 PM
श्रीमान जी स्तिथि तो इस से भी गंभीर है
लेकिन उसे शब्दों में ढाल पाना मुश्किल ही नहीं नामुमकिन भी ,

जितना आपने ढाला है उतना भी ढाल पाना मुश्किल है।

sombirnaamdev
26-04-2012, 08:50 PM
:fantastic:
अरे वाह , आपकी मेहनत देखकर मुझे घोर आश्चर्य हो रहा है ! इतने कम समय मे इतना परिवर्तन ! ऐसे ही लिखते रहिए |
आपकी तरफ लगातार मिल रहे सहयोग की वजह ही ये सब कर पा रहा हूँ ,उम्मीद है आपकी कृपा बनी रहेगी ........

sombirnaamdev
26-04-2012, 08:53 PM
सोमबीर जी आपकी इस सुंदर रचना के लिए आपको कोटि कोटि प्रणाम.............


मलेथिया जी . आपको मेरी तरफ से भी कोटि कोटि प्रणाम ............
उत्साहवर्धन लिए धन्यवाद

sombirnaamdev
26-04-2012, 08:56 PM
बहुत ही बढ़िया सोमवीर जी..
अभी जी आपकी तरफ मिल रहे सहयोग आपको बहूत बहूत धन्यवाद

sombirnaamdev
26-04-2012, 09:06 PM
वाह - वाह . बहुत बढ़िया मित्र .


जितना सुख शबरी को राम दर्शन पे मिला था उतनी खशी मुझे मिलती है जब आप मेरी कविता पढ़ते है
जिनके आने से चेहरे पे बहार आ जाती है उस शख्शियत का नाम है ? डॉ राकेश श्रीवास्तव

rafik
30-07-2014, 11:28 AM
देश की हालत पर सीधा प्रहार किया आपने ,धन्यवाद मित्र