PDA

View Full Version : इस जीभ को सिखा दे, बस राम नाम गाना


Suresh Kumar 'Saurabh'
29-04-2012, 08:31 PM
*****************************
सूचना:-
रचना वास्तव में अच्छी लगे तभी कुछ कहें, झूठी प्रशंसा करने की कोई आवश्यकता नहीं है। इससे व्यर्थ ही पृष्ठ भर जाएगा।
*****************************

Suresh Kumar 'Saurabh'
29-04-2012, 09:00 PM
एक पुरानी फिल्म 'दाग' में किशोर कुमार का गाया एक गीत है- ''मेरे दिल में आज क्या है, तू कहे तो मैं बता दूँ''
इसी तर्ज पर मैंने दिनांक 30- अक्टूबर- 2010 को स्वयं गुनगुनाने के लिए एक रचना लिखी थी। प्रस्तुत है-
*****************************
इस जीभ को सिखा दे, बस राम नाम गाना।
ना-ये गीत ना गज़ल है, ना है कोई तराना।
.
जिसको न आये सरगम , न राग का हो ज्ञानी-----2
उसके लिए भी है ये, आसान गुन-गुनाना।
.
तर जायेगा रे बन्धु, संसार सिन्धु से तू --2
जिह्वा पे राम की ही, नईया को बस चलाना।
.
खाने से जब भी फ़ुर्सत, ये जीभ तेरी पाये---2
तो राम नाम का भी, तू-स्वाद इसे चखाना।
.
मन में जो पल रही है, कोई भी व्यर्थ बातें------2
रसना पे आने से ही, पहले उसे भूलाना।
.
इस नाम के सहारे, कागज़ की नाव भी रे----2
कर देगी पार सागर, श्रद्धा से बैठ जाना।
.
साहस नहीं है 'सौरभ', अग्नि में जो जला दे----2
भक्ति में रम के ख़ुद को, प्रह्लाद सा बनाना।

*****************************
सुरेश कुमार 'सौरभ'
*****************************

malethia
06-05-2012, 01:49 PM
आपकी कोशिश निश्चित ही सराहनीय है !

Suresh Kumar 'Saurabh'
07-05-2012, 05:58 AM
आपकी कोशिश निश्चित ही सराहनीय है ! आपका धन्यवाद! पूरे सात दिन के बाद कोई प्रतिक्रिया आयी है।

abhisays
07-05-2012, 06:03 AM
बहुत बढ़िया सौरभ भाई. :cheers:

Suresh Kumar 'Saurabh'
07-05-2012, 09:44 AM
बहुत बढ़िया सौरभ भाई. धन्यवाद प्रशासक जी! आते रहिए।

ndhebar
07-05-2012, 04:59 PM
अब आगे कुछ और लिखेंगे तब आयेंगें ना

Suresh Kumar 'Saurabh'
07-05-2012, 07:29 PM
अब आगे कुछ और लिखेंगे तब आयेंगें ना

देर से ही सही भला आ तो गयें। धन्यवाद!

Devotional Thoughts
08-10-2012, 05:26 PM
Dear Sri Shourabji,
Namaskaar !

Great composition. एक एक शब्*द सत्*य और सार्थक है
प्रभु के लिए लिखना , प्रभु के लिए गुनगुनना परम सौभाग्*य का फल होता है

I will love to have it on www.devotionalthoughts.in.
It is a free website , a non-advertisement based , non -profit making website containing thoughts that will lead one closer to ALMIGHTY GOD. Please go through it.
I am planning to develop a page of titled " UNSUNG LYRICS" (only devotional Lyric) which will showcase free UNSUNG BHAZAN LYRICS for anyone to pick up and make a melody out of it.
Yours can be the first post.
Contact me on the address given on website.
Kindest Regards,


GOD's sincerely
ChandraShekhar Karwa