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View Full Version : यादें ओलिम्पिक की


Dark Saint Alaick
07-05-2012, 03:21 PM
मित्रो ! लन्दन ओलिम्पिक नजदीक हैं ! इस अवसर पर मेरा यह नया सूत्र आपको इस महान खेल-पर्व की कुछ सुनहली यादों से रू-ब-रू कराएगा ! कुछ खट्टी-कुछ मीठी इन यादों में कुछ रोचक हैं, तो अनेक सिहरा देने वाली भी हैं ! मेरा प्रयास रहेगा कि घटनाएं रोचक शैली में प्रस्तुत की जाएं, ताकि आपके ज्ञान में मनोरंजक तरीके से वृद्धि हो ! सबसे पहले प्रस्तुत करूंगा ओलिम्पिक पर कुछ जानकारी और फिर यादों का सिलसिला ...! आइए, शुरू करते हैं ओलिम्पिक की यह काल-यात्रा !

Dark Saint Alaick
07-05-2012, 03:24 PM
सबसे अधिक स्वर्ण पदक जीतने वाली टीम ही पदक तालिका में रहती है शीर्ष पर

ओलिंपिक में यूं तो सभी पदक काफी अहम होते हैं, लेकिन स्वर्ण पदक का महत्व सबसे ज्यादा होता है। किसी टीम द्वारा जीते गए स्वर्ण पदक की संख्या तय करती है कि तालिका में उसका स्थान क्या होगा। बीजिंग (2008) ओलिंपिक में अमरिका ने 110 पदक जीते थे। इसके बावजूद 100 पदक जीतने वाला चीन तालिका में पहले स्थान पर रहा था। ऐसा इसलिए मुमकिन हुआ, क्योंकि चीन ने अमेरिका की तुलना में ज्यादा स्वर्ण पदक जीते थे। भारत ने उस ओलिंपिक में तीन पदक जीतकर 50वां स्थान हासिल किया था, लेकिन इसके बावजूद भारतीय दल तालिका में पांच-पांच पदक जीतने वाले स्वीडन, क्रोएशिया, लिथुआनिया और चार-चार पदक जीतने वाले नाइजीरिया और ग्रीस से आगे रहा। ऐसा इसिलए हुआ, क्योंकि भारत के पास एक स्वर्ण था जबकि इन टीमों के पास सिर्फ रजत और कांस्य पदक ही थे।

Dark Saint Alaick
07-05-2012, 03:26 PM
एथलेटिक्स में सबसे ज्यादा स्वर्ण

लंदन ओलिंपिक गेम्स में 26 खेल और 39 डिसप्लीन आयोजित होंगे। इसमें कुल मिलाकर 302 स्वर्ण पदक दांव पर होंगे। सबसे ज्यादा स्वर्ण एथलेटिक्स में होंगे। ट्रैक एंड फील्ड की इन स्पर्द्धाओं में कुल 47 स्वर्ण दांव पर होंगे। एक्वाटिक्स दूसरे नंबर पर है। इसमें 46 स्वर्ण दांव पर लगे होंगे। इन 46 स्वर्ण में 34 तैराकी में, आठ ड्राइविंग में, दो सिंक्रोनाइज्ड स्वीमिंग में और दो वाटर पोलो में होंगे। अमेरिकी टीम एथलेटिक्स और तैराकी में हमेशा अच्छा प्रदर्शन करती है लिहाजा उसे लगभग हर ओलिंपिक में अच्छा स्थान हासिल हुआ है। किसी एक खेल में सबसे कम पदकों की संख्या दो है। इसमें मॉडर्न पेंटाथलॉन और ट्राइथलॉन को छोड़कर शेष टीम इवेंट हैं। बास्केटबॉल, फील्ड हॉकी, फुटबॉल और हैंडबॉल ऐसे ही खेल हैं। इनमें एक स्वर्ण पुरुष चैम्पियन टीम के लिए और एक महिला चैम्पियन टीम के लिए होता है।

Dark Saint Alaick
07-05-2012, 03:27 PM
13 खेलों में 10 से ज्यादा स्वर्ण

एथलेटिक्स और एक्वाटिक्स सहित लंदन ओलिंपिक में कुल 13 ऐसे खेल हैं जिनमें 10 या इससे अधिक स्वर्ण पदक दांव पर लगे होंगे। मुक्केबाजी में 13 स्वर्ण पदकों के लिए फैसला होना है। इसमें से तीन स्वर्ण ओलिंपिक इतिहास में पहली बार शामिल किए गए महिला मुक्केबाजी के लिए हैं। पांच बार की विश्व चैम्पियन एमसी मैरीकॉम के देश भारत को भी महिला मुक्केबाजी में कम से कम एक स्वर्ण की आस तो जरूर है। कैनोइंग में 16, स्प्रिंट में 12 , स्लैलोम में चार , साइकिलिंग में 18, तलवारबाजी में 10 , जिमनास्टिक में 18 , जूडो में 14, रोइंग में 14 , सेलिंग में 10 , निशानेबाजी में 15 , वेटलिफ्टिंग में 15 और कुश्ती में 18 स्वर्ण दांव पर लगे होंगे। ओलिंपिक की पदक तालिका में शीर्ष दस में आने वाली टीमें इनमें से किसी न खेल में महारथ हासिल रखती है। अमेरिका का जहां एथलेटिक्स और स्वीमिंग में दबदबा है तो चीन ने ड्राइविंग, वेटलिफ्टिंग और जिमनास्टिक में खूब पदक बटोरे हैं। इनके अलावा चीन टेबल टेनिस और बैडमिंटन क्रमश: चार और पांच स्वर्ण में भी सबसे आगे हैं। रूस अपने ज्यादातर स्वर्ण फील्ड इवेंट्स कुश्ती और जिमनास्टिक में बटोरता है। इसी तरह ब्रिटेन का साइकिलिंग में दबदबा है। जर्मनी घुड़सवारी, कैनोइंग और तलवारबाजी में मजबूत है।

Dark Saint Alaick
07-05-2012, 03:29 PM
भारत को भी पहचाननी होगी ताकत

भारत अभी किसी भी खेल में सबसे आगे नहीं है, लेकिन भविष्य में होने वाले ओलिंपिक खेलों में भारत को यदि महाशक्तिके तौर पर उभरना है तो उसे अपनी ताकत पहचाननी होगी। पिछले कुछ सालों में कॉमनवेल्थ गेम्स और एशियन गेम्स इस ओर इशारा करते हैं कि भारत निशानेबाजी, मुक्केबाजी और कुश्ती को अपनी मजबूती बना सकता है। इन तीनों खेलों में भारत ने हालिया समय में काफी तरक्की की है। अगर सार्थक प्रयास किए जाएं तो हम इन खेलों में वर्ल्ड बीटर (दुनिया को हराने वाला)की उपाधि हासिल कर सकते हैं। इनके अलावा भारत बैडमिंटन और तीरंदाजी में भी मजबूत दावेदार बन सकता है। बैडमिंटन में पांच और तीरंदाजी में चार स्वर्ण दांव पर होते हैं।

Dark Saint Alaick
07-05-2012, 03:30 PM
नम्बर गेम

36 स्वर्ण जीते थे अमेरिका ने बीजिंग ओलिंपिक में। इसमें से 12 स्वीमिंग में और सात एथलेटिक्स में मिले थे।

51 स्वर्ण जीते थे चीन ने बीजिंग में। 11 जिमनास्टिक में, आठ वेटलिफ्टिंग में और सात ड्राइविंग में जीते।

19 स्वर्ण के साथ चौथे स्थान पर रहा था ब्रिटेन बीजिंग में। इसमें से आठ स्वर्ण सिर्फ साइकिलिंग में मिले थे।

6 स्वर्ण पदक हासिल किए जमैका ने बीजिंग ओलिंपिक में। ये सभी स्वर्ण एथलेटिक्स की स्प्रिंट रेस में जीते।

Dark Saint Alaick
07-05-2012, 03:33 PM
आयोजन से पहले बन गए कई विश्व रिकॉर्ड
ऐसे कई मामले हैं जिनमें लंदन ओलिंपिक 2012 अब हुए खेल आयोजनों को पीछे छोड़ चुका है

लंदन ओलिंपिक शुरू होने में अभी करीब तीन महीने का वक्त शेष है। आयोजन जब शुरू होगा तो मैदान पर कई रिकॉर्ड बनेंगे ही, लेकिन कई ऐसे पहलू हैं जिसमें लंदन ओलिंपिक 2012 ने विश्व कीर्तिमान रच दिया है। गिनीज बुक आफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स के मुताबिक इस खेल महाकुंभ के नाम जो रिकॉर्ड अब तक दर्ज हो चुके हैं वे इस प्रकार हैं-

1. सबसे बड़ा रक्षा बजट : अभी तक लंदन ओलिंपिक का रक्षा बजट करीब 1.5 बिलियन डॉलर करीब 7500 अरब रुपए का है। आज तक किसी खेल आयोजन में सुरक्षा के इंतजाम पर इतने पैसे नहीं खर्च किए गए हैं।

2. सबसे ज्यादा डोपिंग टेस्ट : डोपिंग का साया लगभग हर खेल में मंडराता है। ओलिंपिक के ज्यादातर खेलों में शारीरिक दमखम का काफी महत्व होता है लिहाजा इनमें डोपिंग की आशंका भी काफी बढ़ जाती है। इस पर लगाम लगाने के लिए आयोजकों ने इस बार 5000 एंडी डोपिंग टेस्ट कराने का फैसला किया है। यह ओलिंपिक इतिहास में नया रिकॉर्ड है।

Dark Saint Alaick
07-05-2012, 03:40 PM
http://myhindiforum.com/attachment.php?attachmentid=16205&stc=1&d=1336387247


3. सबसे महंगा ओलिंपिक लोगो : ओलिंपिक का जो लोगो आप देख रहे हैं उसे बनवाने में 645645 अमेरिकी डॉलर यानी तीन करोड़ 22 लाख से ज्यादा रुपए खर्च हुए हैं। यह किसी खेल आयोजन का अब तक का सबसे महंगा लोगो है। इस लोगो को ब्रांड कंसलटेंट्स वॉल्फ ओलिंस द्वारा बनाया गया है।

4. ओलिंपिक पार्क में सबसे ज्यादा बर्ड बॉक्स : इस ओलिंपिक को पर्यावरण के अनुकूल बनाने के लिए स्ट्रैटफोर्ड स्थित ओलिंपिक पार्क में 525 बर्ड बॉक्स लगाए गए हैं। इसमें 150 बैट बॉक्स भी हैं।

Dark Saint Alaick
07-05-2012, 03:41 PM
5. पहली बार महिला बॉक्सिंग का आयोजन : ओलिंपिक खेलों के इतिहास में पहली बार दुनियाभर की महिला मुक्केबाज भी दमखम आजमाएंगी। हालांकि अभी महिलाओं को सिर्फ तीन श्रेणियों फ्लाईवेट48-51 किग्रा, लाइटवेट 56-60 किग्रा और मिडिलवेट 69-75 किग्रा में जोर-आजमाइश का मौका मिलेगा। इसी तरह इस बार टेनिस में मिश्रित युगल को भी पहली बार शामिल किया गया है। यह स्केटिंग के बाद दूसरा ऐसा इवेंट होगा जब किसी पदक के लिए पुरुष और महिला मिलकर प्रयास करेंगे।

6. 1,125 साल पुरानी कंपनी ने बनाए मेडल : लंदन ओलिंपिक के मेडल बनाने का काम रॉयल मिंट को मिला था। रॉयल मिंट की स्थापना 886 ईसवी में हुई थी। इस तरह 1,125 साल की यह कंपनी ओलिंपिक मेडल बनाने वाली सबसे पुरानी कंपनी बनने का विश्व रिकॉर्ड बना चुकी है।

Dark Saint Alaick
07-05-2012, 03:42 PM
http://myhindiforum.com/attachment.php?attachmentid=16206&stc=1&d=1336387352


7. सबसे महंगा ओलिंपिक टिकट : ओलिंपिक इतिहास का सबसे महंगा टिकट 3,250 डॉलर (करीब 1 लाख 62 हजार रुपए) में बिका। यह टिकट इस बार के ओलिंपिक के उद्घाटन समारोह के लिए बेचा गया। उद्घाटन समारोह के अन्य टिकटों की कीमत 2,586 डॉलर, 1,608 डॉलर, 242 डॉलर और 35 डॉलर रखी गई है।

8. सबसे ज्यादा टिकटों की बिक्री : इस ओलिंपिक में 8.8 मिलियन (88 लाख) टिकट बेचे जाने हैं। यह किसी खेल आयोजन में बिक्री के लिए उपलब्ध टिकटों की सर्वाधिक संख्या है।

ndhebar
07-05-2012, 03:44 PM
ओलम्पिक पर शुरू किया गया शानदार सूत्र
बहुत अच्छी जानकारी उपलब्ध करा रहे हैं
इससे शायद हमारे भाई बंधुओं को भी कुछ फायदा होगा जो क्रिकेट के अलवा दुसरे खेल का नाम नहीं जानते

Dark Saint Alaick
07-05-2012, 03:47 PM
9. सर्वाधिक राष्ट्राध्यक्षों की मौजूदगी : इस ओलिंपिक में करीब 120 देशों के राष्ट्राध्यक्ष आएंगे। यह किसी एक खेल समारोह में पहुंचने वाले राष्ट्र प्रमुखों की सबसे बड़ी संख्या होगी।

http://myhindiforum.com/attachment.php?attachmentid=16207&stc=1&d=1336387614

10. एक शहर में सर्वाधिक ओलिंपिक : लंदन तीसरी बार ओलिंपिक खेलों का आयोजन करने जा रहा है। इससे पहले यहां 1908 और 1948 में इस खेल महाकुंभ का आयोजन हो चुका है। यह 116 साल के ओलिंपिक इतिहास में पहला मौका है, जब कोई शहर तीसरी बार ओलिंपिक खेलों का आयोजन कर रहा है। खास बात है कि लंदन ने तीन बार मेजबानी का दावा किया और उसे तीनों ही बार इसे हासिल करने में सफलता मिली।

prashant
07-05-2012, 06:58 PM
आपने ज्ञानवर्धक जानकारी जानकारी दी है.इससे मेरे सामान्य गायन बढ़ोतरी हुई.

abhisays
07-05-2012, 08:11 PM
बहुत ही उम्दा सूत्र है, अलैक जी. :bravo::bravo:

Dark Saint Alaick
07-05-2012, 11:09 PM
पदक की राह में आपसी तकरार का कांटा
टेनिस में भारत के पास ओलिंपिक मेडल जीतने का सुनहरा मौका, लेकिन पेस और भूपति को भुलाना होगा विवाद

पिछले साल जब लिएंडर पेस और महेश भूपित ने साथ खेलने का फैसला किया तो लगा इंडियन एक्सप्रेस पटरी पर लौट आई है, लेकिन कुछ महीनों बाद दोनों ने फिर से साथ न खेलने का निर्णय लिया। पेस की दलील थी कि दोनों की उम्र ज्यादा हो गई है। कोर्ट पर उन्हें युवा साथी की जरूरत है। जाहिर है पेस का इशारा रोहन बोपन्ना की ओर था। वे ओलिंपिक में उनके साथ जोड़ी बनाना चाहते थे, लेकिन बोपन्ना ने भूपति को तरजीह दी है। यही हाल मिश्रित युगल में है। सानिया मिर्जा किसके साथ उतरे इस बात को लेकर भी पेस और भूपति में तकरार है।

Dark Saint Alaick
07-05-2012, 11:14 PM
तीन बार फेल हो चुके हैं पेस-भूपति

http://myhindiforum.com/attachment.php?attachmentid=16216&stc=1&d=1336414439 http://myhindiforum.com/attachment.php?attachmentid=16217&stc=1&d=1336414439

पेस और भूपति इससे पहले सिडनी, एथेंस और बीजिंग ओलिंपिक में साथ उतर चुके हैं, लेकिन हर बार वे पदक से दूर रह गए। इन सभी ओलिंपिक से पहले दोनों के बीच विवाद रहे, लेकिन देश हित में उन्होंने साथ खेलने का फैसला किया था। पिछले साल भी दोनों खिलाड़ी लंदन ओलिंपिक को ही ध्यान में रखते हुए साथ आए थे,लेकिन अपेक्षित परिणाम न मिलता देख पेस ने जोड़ी तोड़ने का फैसला किया। अब पुरुष युगल में बोपन्ना और मिश्रित युगल में सानिया को लेकर दोनों के बीच खींचतान है।

Dark Saint Alaick
07-05-2012, 11:16 PM
अब एआईटीए करेगा फैसला

लंदन ओलिंपिक में कौन किसके साथ जोड़ी बनाएगा इस बारे में भारतीय टेनिस महासंघ (एआईटीए) ही फैसला करेगा। पुरुष युगल के लिए जून तक और मिश्रित युगल के लिए जुलाई में सूची भेजनी है। युगल स्पर्द्धा में सीधे प्रवेश पाने के लिए रैंकिंग की विशेष भूमिका होगी। अभी भारतीय खिलाड़ियों में पेस सबसे ऊपर सातवें स्थान पर हैं। बोपन्ना दसवें और भूपित 15वें स्थान पर हैं। भारत यदि पुरुष युगल में दो जोड़ी भेजने में सफल रहता है तो भूपित की जोड़ी बोपन्ना के साथ और पेस की जोड़ी सोमदेव देवबर्मन के साथ बन सकती है। हालांकि पेस ने इस पर अपना रुख साफ नहीं किया है और वे बोपन्ना के लिए अड़ भी सकते हैं। एआईटीए के हाल के रुख को देखें तो उसका समर्थन पेस के लिए ज्यादा है। उज्बेकिस्तान के खिलाफ संपन्न डेविस कप के लिए भूपति को टीम में नहीं चुना गया था। ऐसे में पेस के साथ बोपन्ना युगल मुकाबले में उतरे थे, लेकिन यह भी सच है कि उनकी जोड़ी अनजान प्रतिद्वंद्वी से हार गई थी।

Dark Saint Alaick
07-05-2012, 11:20 PM
सानिया को भी भूपति पसंद

http://myhindiforum.com/attachment.php?attachmentid=16218&stc=1&d=1336414799

मिश्रित युगल के लिए सानिया मिर्जा भी महेश भूपति के साथ जोड़ी बनाना चाहती है। सानिया-भूपति ने एक ग्रैंड स्लैम खिताब भी जीता है। हालांकि पेस ने भी सानिया के साथ एशियाई खेलों में स्वर्णिम सफलता हासिल की है। यहां भी एआईटीए को हस्तक्षेप करना ही होगा। मिश्रित युगल पहली बार ओलिंपिक में शामिल किया गया है और भारतीय टेनिस महासंघ नहीं चाहेगा कि अच्छी टीम होने के बावजूद विवाद के कारण पदक जीतने का मौका गंवाना पड़े।

Dark Saint Alaick
07-05-2012, 11:21 PM
कड़ी चुनौती से होगा सामना

ऐसा भी नहीं है कि पेस और भूपित आपसी विवाद सुलझा लें तो भारत के लिए युगल वर्ग में पदक पक्का हो जाएगा। ओलिंपिक पदक के लिए पूरी दुनिया में होड़ मची रहती है। कुछ साल पहले प्रोफेशनल टेनिस प्लेयर्स ओलिंपिक को ज्यादा तरजीह नहीं देते थे, लेकिन अब माजरा बदल गया है। बीजिंग ओलिंपिक में पूर्व वर्ल्ड नंबर वन रोजर फेडरर ने स्तानिस्लास वावरिंका के साथ मिलकर युगल का स्वर्ण जीता था। इसी जोड़ी ने पेस और भूपति को क्वार्टर फाइनल में हराया था। इसी तरह स्पेन के राफेल नडाल भी डेविड फेरर या किसी अन्य मजबूत खिलाड़ी के साथ उतर सकते हैं। बॉब ब्रायन और माइक ब्रायन के रूप में पहले से ही युगल विशेषज्ञ अमेरिकी प्रतिद्वंद्वी मौजूद हैं।

Dark Saint Alaick
07-05-2012, 11:22 PM
नम्बर गेम

1996 अटलांटा ओलिंपिक में पुरुष एकल में कांस्य जीता था लिएंडर पेस ने।

2008 बीजिंग ओलिंपिक के क्वार्टर फाइनल में हारी थी पेस-भूपति की जोड़ी।

1896 पहले ओलिंपिक खेलों में ही टेनिस शामिल हो गया था।

2012 पहली बार मिश्रित युगल स्पर्द्धा को ओलिंपिक में शामिल किया जा रहा है।

Dark Saint Alaick
08-05-2012, 04:07 AM
इस बार खत्म होगा इंतजार?
ट्रैक एंड फील्ड स्पर्द्धा में किसी भारतीय ने अब तक नहीं जीता मेडल

रोम ओलिंपिक 1960 और लॉस एंजिलिस ओलिंपिक 1984 । भारतीय नजरिए से दोनों में खास समानता है। इन दोनो ओलिंपिक की एथलेटिक्स स्पर्द्धा में भारतीय धावक (1960 में मिल्खा सिंह और 1984 में पी.टी. ऊषा) मामूली अंतर से पदक से चूक गए और चौथे स्थान पर रहे। यह ओलिंपिक के इतिहास में ट्रैक एंड फील्ड इवेंट में भारत की ओर से दिखाया गया सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन है और इसी के आधार पर मिल्खा सिंह को फ्लाइंग सिख और पीटी ऊषा को उड़न परी की प्रचलित उपाधि मिली। पीटी ऊषा ने एक इंटरव्यू में कहा भी था कि यह देश का दुर्भाग्य है कि चौथे स्थान पर आने वाले धावकों की गिनती देश के महानतम एथलीटों में होती है। दुनिया यह कहने लगी कि भारतीयों में इतना दमखम नहीं है कि वे ट्रैक एंड फील्ड इवेंट्स में कोई ओलिंपिक पदक जीत सकें। क्या लंदन कोई बदलाव लेकर आएगा। क्या हम इन कठिन मानी जाने वाली स्पर्द्धाओं में पहली बार कोई पदक जीत पाएंगे। अगर भारतीय खिलाड़ियों के हाल-फिलहाल के प्रदर्शन पर गौर करें तो इस बार भी उम्मीदों की तस्वीर काफी हद तक धुंधली ही है।

Dark Saint Alaick
08-05-2012, 04:08 AM
विकास-कृष्णा सबसे बड़ी उम्मीद

लंदन ओलिंपिक की ट्रैक एंड फील्ड स्पर्द्धाओं में भारत के लिए पदक की सबसे बड़ी उम्मीद डिस्कस थ्रोअर विकास गौड़ा माने जा रहे हैं। ताजा वर्ल्ड रैंकिंग में वे नंबर वन बन चुके हैं। उनका हालिया प्रदर्शन भी ओलिंपिक मेडल जीतने लायक है। विकास अमेरिका में पले-बढ़े हैं और डिस्कस थ्रो की ट्रेनिंग भी उन्होंने वहीं हासिल की है। इस बार ओलिंपिक गोल्ड क्वेस्ट संस्था ने उनकी तैयारी का भार उठाया था। अगर विकास को ओलिंपिक में पदक जीतना है तो उन्हें अपने कॅरियर के अब तक के सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन से भी बेहतर करना होगा। विकास का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन 64.96 मीटर है जबकि बीजिंग में कांस्य पदक जीतने वाले एथलीट ने 67.79 मीटर चक्का फेंका था। विकास का कहना है कि वे अभ्यास में 68.69 मीटर तक की दूरी मांप रहे हैं। अगर वे ऐसा कारनामा लंदन में भी कर पाए तो कोई उन्हें पदक जीतने से नहीं रोक सकता। वहीं राजस्थान की बहू कृष्णा पूनिया भी पदक जीतने की दावेदार बताई जा रही हैं, लेकिन इसके लिए उन्हें भी विकास की ही तरह अपने कॅरियर बेस्ट से भी बेहतर प्रदर्शन करने की दरकार होगी।

Dark Saint Alaick
08-05-2012, 04:09 AM
आठ अन्य दावेदार

विकास और कृष्णा की तरह आठ अन्य एथलीट भी अब तक लंदन ओलिंपिक के लिए क्वालीफाई कर चुके हैं। हालांकि इन सभी का प्रदर्शन अभी पदक जीतने लायक नहीं कहा जाएगा। हां, इतना जरूर है कि किस्मत के साथ देने पर ये भी कोई कारनामा कर सकते हैं। इन एथलीटो में गुरमीत सिंह, बलजिंदर सिंह (20 किलोमीटर पैदल चाल), सीमा अंतिल (डिस्कस थ्रो), ओम प्रकाश (शॉटपुट) टिंटू लुका (800 मीटर दौड़) रंजीत महेश्वरी (ट्रिपल जंप) मयूखा जॉनी (ट्रिपल जंप) और राम सिंह यादव (मैराथन) शामिल हैं।

Dark Saint Alaick
08-05-2012, 04:11 AM
उम्मीदों पर खरी नहीं उतरी अंजू बॉबी जॉर्ज

http://myhindiforum.com/attachment.php?attachmentid=16233&stc=1&d=1336432266

इससे पहले 2003 वर्ल्ड एथलेटिक्स चैंपियनशिप में कांस्य पदक जीतकर इतिहास रचने वाली भारतीय महिला लांग जंपर अंजू बॉबी जॉर्ज अपनी सफलता को कभी ओलिंपिक में नहीं दोहरा सकीं। उन्होंने एथेंस (2004) और बीजिंग (2008) ओलिंपिक में हिस्सा लिया, लेकिन पदक से काफी दूर रह गईं। विशेषज्ञ मानते हैं कि अंजू में ओलिंपिक मेडल जीतने की काबिलियत थी, लेकिन इतने बड़े खेल आयोजन के दबाव को वे झेल नहीं सकीं। इस तरह पीटी ऊषा के बाद भारत की सबसे बड़ी ओलिंपिक मेडल की उम्मीद मानी जा रही अंजू से देशवासियों को निराशा ही हाथ लगी। इस बार महिलाओं की 4 गुणा 400 मीटर रिले टीम से काफी उम्मीद थी, लेकिन इसमें शामिल खिलाड़ी डोपिंग के जाल में उलझ गईं। अभी यह स्पष्ट नहीं है कि वे लंदन ओलिंपिक में हिस्सा ले पाएंगी या नहीं।

Dark Saint Alaick
08-05-2012, 04:18 AM
एक ब्रिटिश ने जीता था भारत के नाम पर पदक

http://myhindiforum.com/attachment.php?attachmentid=16234&stc=1&d=1336432638 http://myhindiforum.com/attachment.php?attachmentid=16235&stc=1&d=1336432638

रिकॉर्ड बुक की बात करें तो भारत को ओलिंपिक के पहले दो पदक वर्ष 1900 में आयोजित पेरिस ओलिंपिक में ही मिल गए थे। तब ब्रिटिश धावक नार्मन प्रिटचार्ड ने भारत की ओर से हिस्सा लेते हुए एथलेटिक्स में दो रजत पदक जीते थे। हालांकि कोई भी भारतीय इन्हें भारत का पदक नहीं मानता है।

Dark Saint Alaick
08-05-2012, 04:20 AM
नम्बर गेम


1896 पहले ओलिंपिक खेलों से लेकर अब तक हर बार एथलेटिक्स इस खेल महाकुंभ का हिस्सा रहा है।

1928 ओलिंपिक में पहली बार महिलाओं को एथलेटिक्स स्पर्द्धाओं में भाग लेने की इजाजत मिली।

738 पदक जीते हैं संयुक्त राज्य अमेरिका ने एथलेटिक्स में अब तक। इसमें 311 स्वर्ण शामिल।

92 देशों के एथलीट अब तक एथलेटिक्स स्पर्द्धा में पदक जीत चुके हैं। भारत का खाता खुलना बाकी।

Dark Saint Alaick
10-05-2012, 04:26 AM
तीर कमान, रखेंगे भारत का मान
तीरंदाजी की स्पर्द्धाओं में इस बार भारत का दावा मजबूत

तीरंदाजी दुनिया को भारत की देन कही जाती है। बात चाहे हमारे इतिहास की हो या वेद-पुराण की, तीरंदाजी का जिक्र सभी जगह है, लेकिन जब खेलों में तीरंदाजी की चर्चा होती है तो हम अपने ही द्वारा ईजाद किए गए इस हुनर में काफी पीछे नजर आते हैं। आधुनिक तीरंदाजी में दक्षिण कोरिया और अमेरिका जैसे देश महाशक्ति हैं जबकि इन देशों के इतिहास में तीर-कमान के इस्तेमाल की बात विरले ही मौजूद है। ओलिंपिक खेलों में तीरंदाजी को पहली बार 1900 पेरिस ओलिंपिक में शामिल किया गया था। तब से अब तक भारत का कोई भी तीरंदाजी एक भी पदक जीतने में सफल नहीं हो पाया। हालांकि इस बार स्थिति में काफी बदलाव है। अब हमारे पास भी विश्व स्तरीय तीरंदाज मौजूद हैं और पहली बार हम इस खेल में पदक के दावेदार माने जा रहे हैं।

Dark Saint Alaick
10-05-2012, 04:29 AM
दीपिका सबसे बड़ी दावेदार

http://myhindiforum.com/attachment.php?attachmentid=16300&stc=1&d=1336606125

तीरंदाजी में भारत की सबसे बड़ी उम्मीद झारखंड की 18 वर्षीय तीरंदाज दीपिका कुमारी हैं। रांची के एक आटो चालक की इस बेटी ने पिछले कुछ सालों में अंतर्राष्ट्रीय स्तर की विभिन्न प्रतियोगिताओं में सफलता का परचम लहराया है। 2009 में जूनियर विश्व कैडेट तीरंदाजी खिताब जीतने के बाद दीपिका ने दिल्ली में आयोजित राष्ट्रमण्डल खेलों में दोहरा स्वर्ण पदक जीता था। इसके बाद वह एशियाई खेलों में कांस्य पदक जीतने वाली भारतीय महिला टीम में भी शामिल रहीं। विश्व सीनियर तीरंदाजी के विभिन्न चरणों में भी दीपिका का प्रदर्शन शानदार रहा। दीपिका की अगुवाई में भारतीय महिला टीम ने हाल ही में विश्व चैम्पियन दक्षिण कोरिया को भी हराया था।

Dark Saint Alaick
10-05-2012, 04:30 AM
बोम्बायला और सुवरो भी कम नहीं

दीपिका के अलावा महिला टीम की अन्य दो सदस्य एलण बोम्बायला देवी और चेक्रोवोलू सुवरो हैं। इन दोनों तीरंदाजों ने भी विश्व स्तर पर अच्छा प्रदर्शन किया है। सुवरो ने हाल ही में एक चैंपियनशिप में दीपिका को भी मात दी थी। वहीं बोम्बायला देवी राष्ट्रमण्डल खेलों में स्वर्ण पदक जीतने वाली भारतीय टीम की सदस्य हैं। दीपिका के साथ इन दोनों तीरंदाजों ने भी लंदन ओलिंपिक का टिकट हासिल कर लिया है और इन दिनों जोरदार अभ्यास में जुटी हैं। भारतीय महिला टीम 52 देशों की विश्व रैंकिंग में दूसरे स्थान पर है और लंदन में किस्मत ने थोड़ा भी साथ दिया तो भारतीय महिलाएं व्यक्तिगत और टीम स्पर्द्धा दोनों में पदक जीतने की काबिलियत रखती हैं।

Dark Saint Alaick
10-05-2012, 04:30 AM
पुरुष वर्ग में जयंत पर दारोमदार

पुरुष वर्ग में अब तक सिर्फ जयंत तालुकदार ने लंदन ओलिंपिक के लिए क्वालीफाई किया है। हालांकि उम्मीद जताई जा रही है कि समय रहते राहुल बनर्जी और तरुणदीप राय भी लंदन का टिकट हासिल कर लेंगे। इसके लिए उन्हें जून में ओग्डेन में आयोजित होने वाले वर्ल्डकप में टॉप 3 में आना होगा। भारतीय पुरुष टीम की वर्ल्ड रैंकिंग पांच है। जयंत तालुकदार काफी अनुभवी तीरंदाज हैं और वे पहले भी ओलिंपिक में भारत का प्रतिनिधित्व कर चुके हैं। राष्ट्रमण्डल और एशियाई खेलों में वे कांस्य पदक जीत चुके हैं। हालांकि ओलिंपिक में जयंत अब तक अपनी प्रतिभा के साथ न्याय नहीं कर पाए। ओलिंपिक पदक जीतने के लिए उन्हें दबाव में बिखर जाने की अपनी कमजोरी से पार पाना होगा।

Dark Saint Alaick
10-05-2012, 04:35 AM
लॉर्ड्स में आयोजित होंगी तीरंदाजी की स्पर्द्धाएं

http://myhindiforum.com/attachment.php?attachmentid=16301&stc=1&d=1336606502

लंदन ओलिंपिक की तीरंदाजी स्पर्द्धाएं ऐतिहासिक क्रिकेट मैदान लॉर्ड्स में आयोजित की जाएंगी। क्रिकेट के मक्का के तौर पर मशहूर इसी मैदान पर कपिलदेव की कप्तान में भारत ने 1983 विश्व कप जीता था। इसके बाद क्रिकेट भारत में सबसे लोकप्रिय खेल बन गया है। मुमकिन है इस बार तीरंदाजी में भी भारत के हाथ कुछ ऐसी ही शानदार सफलता हाथ लगे।

Dark Saint Alaick
10-05-2012, 04:36 AM
नम्बर गेम


1900 पेरिस ओलिंपिक में पहली बार तीरंदाजी को शामिल किया गया।

1972 ओलिंपिक से तीरंदाजी लगातार इस खेल महाकुंभ का हिस्सा रहा है।

30 पदक जीते हैं दक्षिण कोरिया ने तीरंदाजी में अब तक, 16 स्वर्ण पदक सहित।

13 पदक जीतकर अमेरिका दूसरे स्थान पर है। इसमें 8 स्वर्ण पदक शामिलहैं।

Dark Saint Alaick
10-05-2012, 04:39 AM
मेडल नहीं, अनुभव जीतने जाएंगे लंदन
तैराकी में अब तक चार भारतीय कर चुके हैं लंदन ओलिंपिक के लिए क्वालीफाई, लेकिन पदक की उम्मीद काफी कम

तैराकी भारत में मजबूरी या शौक के तौर पर ही देखा जाता है। मजबूरी उनके लिए जो बाढ़ से परेशान रहते हैं या समुद्र, नदियां और तालाब जिनकी जिंदगी का हिस्सा होते हैं। शौक उनके लिए जो इसे अच्छा टाइमपास होने के साथ-साथ एक्सरसाइज का उम्दा विकल्प भी मानते हैं। खेल के तौर पर तैराकी को भारत में बहुत पहचान नहीं मिली और इसी का नजीता है कि 100 साल से ज्यादा का समय बीत जाने के बावजूद ओलिंपिक में सिर्फ पांच भारतीय तैराक हिस्सा ले पाए हैं। जाहिर है किसी को पदक नहीं मिला। इस बार चार भारतीय तैराकों ने इस खेल महाकुंभ के लिए क्वालीफाई किया है। इनमें से दो वीरधवल खाड़े और संदीप सेजवाल पहले भी ओलिंपियन रह चुके हैं। वहीं दो अन्य आरोन डिसुजा और सौरव सांगवेकर पहली बार किस्मत आजमाएंगे।

Dark Saint Alaick
10-05-2012, 04:48 AM
अंतर्राष्ट्रीय स्तर से बहुत पीछे

http://myhindiforum.com/attachment.php?attachmentid=16303&stc=1&d=1336607261

वीरधवल खाड़े भारत के सबसे बेहतरीन तैराक माने जाते हैं। वे लंदन ओलिंपिक में 100 मीटर फ्रीस्टाइल स्पर्द्धा में शिरकत करेंगे। इस स्पर्द्धा में खाड़े का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन 49.47 सेकंड का है। उनके लिए चुनौती कितनी कड़ी है इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि 2011 में बीजिंग में आयोजित वर्ल्ड चैम्पियनशिप में 100 मीटर फ्रीस्टाइल का कांस्य जीतने वाले फ्रांस के विलियम मेनार्ड ने 48.00 सेकंड का समय निकाला था। गोल्ड जीतने वाले आस्ट्रेलिया के जेम्स मैगनुसीन ने तो 47.63 सेकंड का समय ही लिया था। जब भारत का सर्वश्रेष्ठ तैराक अपने वर्ग में अंतर्राष्ट्रीय स्तर से इतना पीछे है, तो शेष तैराकों की स्थित का अंदाजा बहुत ही आसानी से लगाया जा सकता है। भारतीय तैराक अपनी-अपनी स्पर्द्धाओं में हीट चरण से आगे निकलने में सफल रहे तो इसे ही बहुत बड़ी कामयाबी के तौर पर गिना जाएगा।

Dark Saint Alaick
10-05-2012, 04:49 AM
महिलाओं की उपस्थिति ही नहीं

http://myhindiforum.com/attachment.php?attachmentid=16304&stc=1&d=1336607401 http://myhindiforum.com/attachment.php?attachmentid=16305&stc=1&d=1336607401

पुरुष वर्ग में तो चार तैराक ने कम से कम क्वालीफाई तो किया, लेकिन महिला वर्ग में एक भी भारतीय तैराक लंदन का टिकट हासिल नहीं कर सकी। नेशनल गेम्स में पदकों की झड़ी लगा देने वाली ऋचा मिश्रा भी इस उपलब्धि को हासिल नहीं कर सकीं। भारत के ओलिंपिक इतिहास में अब तक सिर्फ एक महिला तैराक इस खेल महाकुंभ में भाग ले पाई हैं। वह हैं कर्नाटक की निशा मिलेट। निशा ने 2000 सिडनी ओलिंपिक में हिस्सा लिया था। विभिन्न राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में करीब 600 गोल्ड मेडल जीत चुकीं, निशा ओलिंपिक में कोई कमाल नहीं दिखा सकी थीं।

Dark Saint Alaick
10-05-2012, 04:51 AM
अमेरिका और आस्ट्रेलिया महाशक्ति

ओलिंपिक तैराकी में अब तक अमेरिका का दबदबा रहा है। अमेरिकी तैराकों ने इसमें 214 स्वर्ण सहित 489 पदक जीते हैं। दूसरे नंबर पर मौजूद आस्ट्रेलिया ने 56 स्वर्ण पदक सहित 168 पदक अपनी झोली में डाले हैं। एशियाई देशों में जापान सबसे आगे है। जापान ने कुल 62 पदक जीते हैं, इसमें 20 स्वर्ण पदक शामिल हैं। ओवरआल जापान पांचवें स्थान पर है।

Dark Saint Alaick
10-05-2012, 04:54 AM
फेल्प्स सबसे सफल तैराक

http://myhindiforum.com/attachment.php?attachmentid=16306&stc=1&d=1336607663

अमेरिका के माइकल फेल्प्स ओलिंपिक इतिहास के सबसे सफल तैराक हैं। उन्होंने 2004 एथेंस ओलिंपिक और 2008 बीजिंग ओलिंपिक को मिलाकर कुल 16 पदक जीते। इसमें 14 स्वर्ण पदक शामिल हैं। फेल्प्स ने सिर्फ बीजिंग ओलिंपिक में ही आठ गोल्ड मेडल जीते थे। फेल्प्स न सिर्फ तैराकी बल्कि किसी भी खेल में सबसे ज्यादा पदक जीतने वाले खिलाड़ी हैं।

Dark Saint Alaick
10-05-2012, 04:55 AM
नम्बर गेम


27 ओलिंपिक खेलों का आयोजन हुआ है अब तक और सभी में
तैराकी शामिल रहा।

1912 ओलिंपिक में पहली बार महिला तैराकी स्पर्द्धा को भी शामिल किया गया।

1906 ओलिंपिक तक तैराकी की स्पर्द्धाएं पूल में आयोजित न होकर ओपन वाटर में हुई।

50 मीटर के स्टैंडर्ड पूल का पहली बार 1924 ओलिंपिक में इस्तेमाल किया गया।

Dark Saint Alaick
10-05-2012, 05:04 AM
बड़े घमासान के बाद चुना जाता है मेजबान
आज तक अफ्रीका, मध्य एशिया, मध्य-पूर्वी एशिया या दक्षिण एशिया में नहीं हुआ है ओलिंपिक

ओलिंपिक में पदक के लिए होने वाली प्रतिद्वंद्विता से भी मुश्किल है इन खेलों की मेजबानी हासिल करने के लिए होने वाली जंग। मैदान पर तो जिस खिलाड़ी के पास हुनर और योग्यता है वह पदक जीतने में कामयाब हो जाता है, लेकिन मेजबानी हासिल करने के लिए सिर्फ इन्हीं खूबियों पर भरोसा नहीं किया जा सकता है। यहां साम, दाम, दंड, भेद सबका सहारा लेना पड़ता है। जो शहर सबसे बड़ा दावेदार नजर आता है मुमकिन है वोटिंग में वह न जीत पाए और अपेक्षाकृत कमजोर माने जाने वाले दावेदार कई बार मेजबानी ले उड़ते हैं। कुछ ऐसा ही पिछली बार लंदन के साथ हुआ। 2012 ओलिंपिक खेलों के लिए पेरिस सबसे बड़ा दावेदार था और लंदन की चुनौती काफी कमजोर आंकी जा रही थी, लेकिन आखिरकार लंदन ने पेरिस को हराकर मेजबानी का अधिकार हासिल कर लिया।

Dark Saint Alaick
10-05-2012, 05:07 AM
यह है चयन प्रक्रिया

अंतर्राष्ट्रीय ओलिंपिक समिति ने 1999 में आयोजक शहर के चुनाव के लिए नई प्रक्रिया बनाई। इसके तहत दावेदारी के इच्छुक शहरों को एक विस्तृत आवेदन पत्र जमा करना होता है। इसके साथ प्रस्तावना और 10 मिनट का प्रजेंटेशन भी देना होता है। इसके बाद आईओसी का कार्यकारी बोर्ड जगह, सुरक्षा, यातायात समेत कई पैमानों पर इन दावेदारों को परखता है। जो शहर इसमें कमजोर पाए जाते हैं, उन्हें तत्काल प्रक्रिया से बाहर कर दिया जाता है। शेष बचे दावेदारों में से चुनाव के लिए आईओसी के सदस्य देशों के बीच वोटिंग कराई जाती है। आयोजन का अधिकार उसी शहर को मिलता है, जिसे बहुमत हासिल हो जाए। अगर एक राउंड में ऐसा नहीं होता है, तो यह वोटिंग तब तक होती है, जब तक किसी एक शहर को बहुमत न मिल जाए। हर राउंड में सबसे कम वोट पाने वाला दावेदार बाहर हो जाता है। उदाहरण के तौर पर 2012 ओलिंपिक के मेजबान के लिए चार राउंड में वोटिंग करानी पड़ी थी। पहले राउंड में लंदन को 22, पेरिस को 21, मैड्रिड को 20, न्यूयॉर्क को 19 और मास्को को 15 वोट मिले थे। इस तरह सबसे कम वोट पाने वाला मास्को दूसरे राउंड की वोटिंग प्रक्रिया से बाहर हो गया। दूसरे राउंड में लंदन को 27, पेरिस को 25, मैड्रिड को 32 और न्यूयार्क को 16 वोट मिले। इसके बाद न्यूयार्क बाहर हो गया। तीसरे राउंड में लंदन को 39, पेरिस को 33 और मैड्रिड को 31 वोट मिले। चौथे और आखिरी राउंड में लंदन को 54 और पेरिस को 50 वोट मिले। इस तरह 2012 ओलिंपिक की मेजबानी का अधिकार लंदन को मिल गया। जाहिर है इस वोटिंग में हर वोट काफी कीमती है और माना जाता है कि इसे हासिल करने के लिए दावेदार किसी भी हद तक जा सकते हैं।

Dark Saint Alaick
10-05-2012, 05:08 AM
महज दावेदारी में खर्च हो जाते हैं 200-250 करोड़

ओलिंपिक की मजेबानी का दावा कितना खर्चीला है इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि 2016 ओलिंपिक के लिए दावेदारी पेश करने वाले हर पक्ष को करीब 200 से 250 करोड़ रुपए खर्च करने पड़े। इतने पैसे खर्च करने के बावजूद मेजबानी मिलने की कोई गारंटी नहीं होती है। यहां दूसरे और तीसरे स्थान पर आने वाले शहरों को कोई मेडल नहीं मिलता। सारी मलाई जीतने वाला शहर झटक लेता है। वर्ष 2000 में ओलिंपिक खेल सिडनी में आयोजित हुए, लेकिन जब इससे सात साल पहले इसके लिए दावेदारी पेश हुई थी, तो बीजिंग होड़ में सबसे आगे था। बावजूद इसके सिडनी ने बाजी पलट दी। 1896 में पहले ओलिंपिक गेम्स की मेजबानी करने वाले एथेंस ने इसके बाद चार बार और दावा पेश किया, लेकिन उसे दोबारा मेजबानी 108 साल बाद 2004 में मिली।

Dark Saint Alaick
10-05-2012, 05:09 AM
उठते रहे हैं विवाद

अमेरिकी शहर अटलांटा ने जब 1996 ओलिंपिक की मेजबानी हासिल की, तब यह आरोप लगा कि वहां की मशहूर शीतल पेय कम्पनी कोकाकोला ने इस मामले में हस्तक्षेप किया था। हालांकि इस आरोप की कभी पुष्टि नहीं हुई। ओलिंपिक समिति के सदस्यों पर 2002 विंटर गेम्स की मेजबानी के दावेदार साल्ट लेक सिटी की ओर से उपहार लेने के आरोप लगे। साल्ट लेक ने मेजबानी हासिल भी कर ली। बाद में सभी आरोपी सदस्यों को ओलिंपिक समिति से बाहर कर दिया गया।

Dark Saint Alaick
10-05-2012, 05:11 AM
क्या मिलता है मेजबानी पाने से?

- दुनियाभर की नजरों में आने का मौका।
- अर्थव्यवस्था को बल।
- पर्यटन को बढ़ावा।
- बेहतरीन आधारभूत संरचना का निर्माण।
- राष्ट्रीय सम्मान में इजाफा।
- ज्यादा पदक की उम्मीद।

Dark Saint Alaick
10-05-2012, 05:13 AM
नम्बर गेम

03 बार लंदन ने ओलिंपिक की मेजबानी का दावा किया और तीनों बार उसे सफलता मिली।

06 बार स्वीडन ने शीत ओलिंपिक की मेजबानी का दावा किया, लेकिन हाथ अब तक खाली।

05 बार तुर्की और हंगरी ने ग्रीष्म ओलिंपिक का दावा किया, लेकिन मेजबानी नहीं मिली।

36 बार किसी अमेरिकी शहर ने सबसे अधिक ग्रीष्म ओलिंपिक की मेजबानी का दावा किया है।

abhisays
10-05-2012, 07:29 AM
क्या मिलता है मेजबानी पाने से?

- दुनियाभर की नजरों में आने का मौका।
- अर्थव्यवस्था को बल।
- पर्यटन को बढ़ावा।
- बेहतरीन आधारभूत संरचना का निर्माण।
- राष्ट्रीय सम्मान में इजाफा।
- ज्यादा पदक की उम्मीद।


काश भारत को भी कभी मेजबानी का मौका मिले! लेकिन डर यह रहेगा की commonwealth गेम जैसे हाल ना हो जाए.

Dark Saint Alaick
10-05-2012, 10:26 PM
काश भारत को भी कभी मेजबानी का मौका मिले! लेकिन डर यह रहेगा की commonwealth गेम जैसे हाल ना हो जाए.

सही कहा आपने, लेकिन यह सब अभी सपना ही रहने वाला है ! आपकी इसी बात को आगे बढाएंगी मेरी आगे की कुछ प्रविष्ठियां !

Dark Saint Alaick
10-05-2012, 10:27 PM
महाशक्तियों को मापने का पैमाना है ओलिंपिक
भारत इसका अपवाद, विश्व के अग्रणी देशों में शामिल होने के बावजूद फीका रहा है प्रदर्शन

बीजिंग ओलिंपिक में जब चीन ने अमेरिका को पीछे छोड़ पदक तालिका में पहला स्थान हासिल किया तो इसे अंतर्राष्ट्रीय जगत में शक्तियों के बदलाव के तौर पर देखा गया। विशेषज्ञ मानते हैं कि आने वाले समय में चीन दुनिया का सबसे शक्तिशाली देश बन जाएगा और यह पदक तालिका इसी का प्रतिविंब है। अगर हम 1896 में एथेंस में आयोजित पहले ओलिंपिक से लेकर अब तक के इसके सफर पर गौर करें, यह मानना सच के काफी करीब है कि ओलिंपिक का प्रदर्शन दुनिया की महाशक्तियों की झलक प्रदान करता है। हालांकि इस नियम का एक अपवाद भी है। वह है अपना देश भारत। आज की तारीख में अर्थव्यवस्था से लेकर सामरिक ताकत के तौर पर भारत की गिनती विश्व के अग्रणी देशों में होती है, लेकिन इसके बावजूद ओलिंपिक में हमारा प्रदर्शन कहीं नहीं ठहरता है।

Dark Saint Alaick
10-05-2012, 10:36 PM
तब हिटलर की जर्मनी सबसे आगे

http://myhindiforum.com/attachment.php?attachmentid=16390&stc=1&d=1336671486 http://myhindiforum.com/attachment.php?attachmentid=16391&stc=1&d=1336671486

दुनिया को दूसरे विश्व युद्ध की आग में झोंकने वाला हिटलर जर्मनी का महत्वाकांक्षी तानाशाह था। उसने जर्मनी को विश्व का राजा बनाने का सपना देखा। उसके इस सपने में खेल भी शामिल था। तभी तो 1936 में बर्लिन में आयोजित ओलिंपिक खेलों में जर्मनी पदक तालिका में अमेरिका से आगे निकलकर पहले स्थान पर पहुंच गया। उस ओलिंपिक में जर्मनी ने 33 स्वर्ण के साथ कुल 89 पदक जीते। अमेरिका 24 स्वर्ण के साथ 56 पदक लेकर दूसरे स्थान पर रहा। उस समय हंगरी की गिनती भी दुनिया के मजबूत देश के तौर पर होती थी। हंगरी ने 1936 ओलिंपिक में 10 स्वर्ण के साथ 16 पदक जीतकर तीसरा स्थान हासिल किया।

Dark Saint Alaick
10-05-2012, 10:42 PM
अमेरिका बनाम सोवियत संघ

दूसरे विश्व युद्ध ने अमेरिका के साथ सोवियत संघ के रूप में एक और महाशक्ति को जन्म दिया। दोनों देश दुनिया की सबसे प्रभावशाली शक्ति बनने में जुट गए और शीत युद्ध का दौर शुरू हो गया। ओलिंपिक खेलों में अगले चार दशक भी इन्हीं महाशक्तियों के बीच प्रतिद्वंद्विता के नाम रहा। हालांकि सोवियत संघ ने 1948 लंदन ओलिंपिक में हिस्सा नहीं लिया, तो अमेरिका ने इसमें आसानी से पहला स्थान हासिल किया। 1952 हेलसिंकी गेम्स में सोवियत टीम शामिल हुई। इसमें अमेरिका ने 40 तो सोवियत संघ ने 22 स्वर्ण जीते। हालांकि कुल पदकों के मामले में दोनो देश (अमेरिका 76, सोवियत संघ 71) एक-दूसरे के काफी करीब रहे। इसके बाद 1956 और 1960 मे सोवियत संघ अंक तालिका में पहले स्थान पर रहा। 1964 टोक्यो ओलिंपिक में अमेरिका ने वापसी करते हुए पहला स्थान फिर हासिल कर लिया। 1968 मैक्सिको ओलिंपिक में भी अमेरिका सबसे आगे रहा। 1972 म्यूनिख ओलिंपिक में सोवियत संघ ने फिर जोरदार वापसी की और 50 स्वर्ण सहित 99 पदक हासिल तक तालिका में शीर्ष स्थान पर कब्जा जमाया। 1976 मोंट्रियल ओलिंपिक में भी सोवियत संघ का ही राज रहा। इसमें अमेरिका को दूसरा स्थान भी नसीब नहीं हुआ। दूसरे स्थान पर सोवियत संघ के प्रभाव वाला पूर्वी जर्मनी रहा। 1980 में ओलिंपिक गेम्स मास्को में आयोजित हुए और सोवियत सेना के अफगानिस्तान में प्रवेश के विरोध स्वरूप अमेरिका और उसके साथी देशों ने इसमें हिस्सा नहीं लिया। इसका बदला सोवियत संघ ने 1984 ओलिंपिक खेलों का बहिष्कार कर लिया। 1988 में सियोल में आयोजित खेलों में एक बार फिर सोवियत संघ पहले और पूर्वी जर्मनी दूसरे स्थान पर रहा। 90 के दशक के शुरुआत में सोवियत संघ का विघटन हो गया। हालांकि इसके बावजूद सोवियत संघ के देशों ने यूनिफाइड टीम के नाम पर 1992 बार्सिलोना ओलिंपिक में भाग लिया और पहला स्थान हासिल किया।

Dark Saint Alaick
10-05-2012, 10:45 PM
अमेरिकी राज को फिर चीन की चुनौती

सोवियत संघ के विघटन के बाद दुनिया में अमेरिका एकमात्र सुपरपॉवर रह गया और इसकी झलक आने वाले ओलिंपिक खेलों में भी दिखी। 1996 और 2000 ओलिंपिक में अमेरिका आसानी से पहले स्थान पर रहा। 2004 से चीन ने अमेरिका को चुनौती देना शुरू किया। एथेंस में आयोजित उस ओलिंपिक में अमेरिका ने 35 व चीन ने 32 स्वर्ण पदक जीते। बीजिंग में तो बाजी पलट ही गई। चीन ने 51 स्वर्ण जीते, वहीं अमेरिका 36 स्वर्ण ही जीत पाया। हालांकि अमेरिका ने 110 तो चीन ने 100 पदक जीते।

Dark Saint Alaick
10-05-2012, 10:54 PM
नम्बर गेम

1010 पदक जीते हैं सोवियत संघ ने 1952 हेलसिंकी से लेकर 1988 सियोल ओलिंपिक खेल तक।

851 पदक जीते हैं जर्मनी ने ओलिंपिक खेलों के इतिहास में। इसमें 247 स्वर्ण शामिल हैं।

20 पदक ही जीत पाया है भारत 22 ओलिंपिक में हिस्सा लेकर। इसमें नौ स्वर्ण शामिल हैं। यह भी अनूठा तथ्य है कि इस विशाल जनसंख्या वाला यह देश शीतकालीन ओलिम्पिक (कुल 8) में आज तक एक भी पदक नहीं जीत पाया है।

Dark Saint Alaick
14-05-2012, 10:57 AM
उम्मीद जगाकर निराश करते भारतीय पहलवान
कुश्ती में अब तक 5 भारतीय पहलवानों को ही मिला है ओलिंपिक टिकट

भारत को ओलिंपिक खेलों में पहला व्यक्तिगत पदक कुश्ती में मिला। 1952 में हेलसिंकी ओलिंपिक में के.डी. जाधव ने यह उपलब्धि हासिल की थी। इसके बाद 2008 बीजिंग ओलिंपिक में सुशील कुमार ने जाधव के कारनामे को दोहराया। इस बार सुशील से स्वर्ण की आस है, लेकिन कॉमनवेल्थ गेम्स में स्वर्ण पदक जीतने के बाद से दिल्ली का यह पहलवान फॉर्म में नहीं है। देश के कुश्ती प्रेमियों की दुआ होगी कि सुशील ओलिंपिक में पदक हासिल कर लें। अगर ऐसा नहीं हुआ तो इस बार इस खेल में पदक की हमारी उम्मीदें कमजोर पड़ सकती हैं।

Dark Saint Alaick
14-05-2012, 11:11 AM
अब तक 5 को टिकट

भारत के कुल 5 पहलवानों, 4 पुरुष और एक महिला ने अब तक लंदन ओलिंपिक के लिए क्वालीफाई किया है। इनमें नरसिंह यादव (74 किग्रा), सुशील कुमार (66 किग्रा), योगेश्वर दत्त (60 किग्रा), अमित कुमार (55 किग्रा) और गीता फोगट (55 किग्रा) शामिल हैं। योगेश्वर ने बीजिंग ओलिंपिक में भी भारत का प्रतिनिधित्व किया था, लेकिन तब वे क्वार्टरफाइनल में पराजित हो गए थे। अमित कुमार और गीता पहली बार ओलिंपिक में किस्मत आजमाएंगे। गीता भारत की ओर से ओलिंपिक के लिए क्वालीफाई करने वाली पहली महिला पहलवान हैं। ध्यान देने योग्य बात यह है कि बीजिंग ओलिंपिक में भारत के तीन पहलवानों ने हिस्सा लिया था। अगर इस बार भी चार-पांच पहलवान ही भाग ले पा रहे हैं, तो इसका मतलब है कि चार साल में हमने कोई तरक्की नहीं की। ऐसी स्थिति में राष्ट्रमंडल खेलों में जीते गए 10 स्वर्ण पदकों की कोई अहमियत नहीं रह जाएगी।

Dark Saint Alaick
14-05-2012, 11:13 AM
अतिआत्मविश्वास विफलता का कारण

बीजिंग ओलिंपिक में कांस्य जीतने के बाद सुशील वर्ल्ड चैंपियन बने और उन्होंने राष्ट्रमंडल खेलों का स्वर्ण पदक भी जीता। कॉमनवेल्थ गेम्स में वे चोटिल होने के बावजूद उतरे। इससे उनकी चोट गंभीर हो गई और वे कई महीनों तक खेल से दूर रहे। सुशील ने नेशनल कुश्ती चैंपियनशिप और 34वें राष्ट्रीय खेलों में हिस्सा नहीं लिया। हालांकि इस दौरान वे हमेशा इस इस अति आत्मविश्वास का शिकार भी रहे कि ओलिंपिक क्वालीफाई करना बहुत ही मामूली बात है। अब स्थिति यह आ गई है कि सुशील के पास लंदन में पदक हासिल करने के मौके गिने-चुने ही बचे हैं।

Dark Saint Alaick
14-05-2012, 11:15 AM
चयन ट्रॉयल में धांधली

भारतीय कुश्ती संघ पर चयन ट्रॉयल के दौरान धांधली के आरोप लगते रहे हैं। हाल ही में गीतिका जाखड़ और अल्का तोमड़ का विवाद सामने आया था। इससे पहले रमेश गुलिया और नरसिंह यादव का विवाद भी सामने आ चुका है। रमेश गुलिया ने 2009 में वर्ल्ड कुश्ती चैंपियनशिप में कांस्य पदक जीता था। उस समय उन्हें भारत का सबसे बेहतरीन पहलवान बताया जा रहा था, लेकिन इसके बाद न जाने क्या हुआ वे हर अंतर्राष्ट्रीय टूर्नामेंट के लिए होने वाले चयन ट्रॉयल में नरसिंह यादव से हारने लगे। रमेश ने ट्रॉयल में धांधली का आरोप लगाया। रांची में आयोजित राष्ट्रीय खेलों में उन्होंने नरसिंह को पराजित कर इस बात की पुष्टि भी की, लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ। उसके बाद जितने चयन ट्रॉयल हुए उसमें नरसिंह ही जीते।

Dark Saint Alaick
14-05-2012, 11:16 AM
अमेरिका-सोवियत संघ का रहा है दबदबा

ओलिंपिक फ्रीस्टाइल कुश्ती में अमेरिका का दबदबा रहा है। अमेरिकी पहलवानों ने इस स्पर्द्धा में अब तक 46 स्वर्ण सहित 108 पदक जीते हैं। वहीं दूसरे स्थान पर मौजूद सोवियत संघ ने 28 स्वर्ण सहित 56 पदक जीते हैं। तुर्की ने 19 स्वर्ण सहित 41 पदक जीते हैं और यह देश तीसरे स्थान पर है। ग्रीको रोमन कुश्ती में सोवियत संघ ने 34 स्वर्ण सहित 60 पदक जीते हैं। स्वीडन के पहलवानों ने इस वर्ग में 20 स्वर्ण सहित 56 पदक हासिल किए हैं।

Dark Saint Alaick
14-05-2012, 11:17 AM
नम्बर गेम


1900 पेरिस ओलिंपिक को छोड़कर कुश्ती हर ओलिंपिक गेम्स का हिस्सा रहा है।

1904 पहली बार फ्रीस्टाइल कुश्ती और अलग-अलग वजन वर्गों की शुरुआत हुई।

2004 पहली बार महिला कुश्ती स्पर्द्धा को ओलिंपिक खेलों में शामिल किया गया।

18 स्पर्द्धाएं कुश्ती की आयोजित होंगी लंदन ओलिंपिक में (14 पुरुष वर्ग व 4 महिला वर्ग में)।

Dark Saint Alaick
18-05-2012, 12:32 AM
साइना को तोड़नी होगी चीन की दीवार
बैडमिंटन में साइना ओलिंपिक पदक जीतने की एकमात्र भारतीय दावेदार

http://myhindiforum.com/attachment.php?attachmentid=16594&stc=1&d=1337283131

आज चीन बैडमिंटन में सबसे बड़ी शक्ति है। अब तक कोई भी भारतीय इस खेल में ओलिंपिक मेडल नहीं जीत पाया है, लेकिन इसके के बावजूद यह भी सच है कि इस खेल की उत्पत्ति भारत में हुई थी। 18वीं शताब्दी में तत्कालीन पूना, अब पुणे में मौजूद ब्रिटिश आर्मी के जवानों ने स्थानीय लोगों से इसे सीखा। तब इस खेल को पूना के नाम से ही जाना जाता था। इसके बाद यह खेल ब्रिटिश सैनिकों के जरिए दुनिया भर में फैला। हालांकि यह दुर्भाग्य ही है कि जहां इस खूबसूरत खेल का जन्म हुआ वहां का कोई भी खिलाड़ी आज तक इसमें ओलिंपिक मेडल नहीं जीत पाया है। इस बार हमारे पास साइना नेहवाल के रूप में उम्मीद की बड़ी किरण मौजूद है, लेकिन साइना को अपने सपने को साकार करने के लिए चीन की मजबूत दीवार को तोड़ना होगा। अभी साइना वर्ल्ड रैंकिंग में पांचवें स्थान पर हैं। शीर्ष चार पर मौजूद सभी खिलाड़ी चीन की हैं।

Dark Saint Alaick
18-05-2012, 12:34 AM
बीजिंग में अंतिम आठ में पहुंची थी

साइना में वह सारी खूबियां मौजूद हैं जो किसी ओलिंपिक मेडलिस्ट में होनी चाहिए। वर्ष 2009 से अब तक यह भारतीय खिलाड़ी चार सुपर सीरीज खिताब और कॉमनवेल्थ गेम्स में गोल्ड मेडल जीतने का कारनामा कर चुकी हैं। साइना ने बीजिंग ओलिंपिक में भी भारत का प्रतिनिधित्व किया था। तब वह क्वार्टर फाइनल तक पहुंचने में सफल रही थीं। तब साइना को इंडोनेशिया की मारिया क्रिस्टिन युलियांती के खिलाफ हार का सामना करना पड़ा था। हालांकि तब से अब तक इस भारतीय खिलाड़ी के प्रदर्शन में काफी सुधार आ चुका है और वे पिछले चार साल में लगभग तमाम शीर्ष खिलाड़ियों को मात दे चुकी हैं। इस बीच साइना वर्ल्ड रैंकिंग में नंबर दो तक भी पहुंची। इस बार साइना और पदक के बीच चीन की चुनौती सबसे बड़ी है। हाल फिलहाल आयोजित हुए टूर्नामेंटों में साइना का सफर किसी न किसी चीनी खिलाड़ी ने ही रोका है।

Dark Saint Alaick
18-05-2012, 12:35 AM
सर्वश्रेष्ठ फॉर्म की तलाश

साइना ने अंतर्राष्ट्रीय सर्किट में भले ही कई शानदार उपलब्धियां हासिल की हों, लेकिन हाल के समय में वे बहुत अच्छी फॉर्म में नहीं हैं। वर्ष 2011 से उन्होंने कोई सुपर सीरीज खिताब नहीं जीता है। हालांकि वह पिछले साल के अंत में चीन में आयोजित वर्ल्ड सुपर सीरीज फाइनल्स के फाइनल में जरूर पहुंची थीं। नई दिल्ली में शुरू हुई इंडियन ओपन सुपर सीरीज में साइना अच्छा प्रदर्शन कर खोई फॉर्म हासिल करना चाहेंगी। इसके बाद ओलिंपिक से पहले दो सुपर सीरीज और खेले जाने हैं। साइना को तब तक अपनी लय हासिल कर लेनी होगी।

Dark Saint Alaick
18-05-2012, 12:38 AM
चीनी खिलाड़ियों के खिलाफ साइना

प्रतिद्वंद्वी/ मैच/ जीती/ हारी

वांग यिहान/ 5/ 0/ 5
वांग जिन/ 6/ 2/ 4
वांग लिन/ 5/ 2/ 3
वांग शिजियान/ 3/ 2/ 1
ली जुएरुई/ 5/ 1/ 4
लियू जिन/ 1/ 1/ 0
लू लान/ 5/ 4/ 1
यानजियाओ/ 5/ 0/ 5
चेन जिया/ 1/ 0/ 1
जेई जिनफांग/ 2/ 0/ 2

Dark Saint Alaick
18-05-2012, 12:39 AM
घबराती हैं चीनी खिलाड़ी


वांग यिहान मेरे लिए सबसे कड़ी प्रतिद्वंद्वी है। मैं उन्हें कभी हरा नहीं पाई हूं, लेकिन इसके अलावा चीन की सभी खिलाड़ी मुझसे घबराती हैं। जब किसी चीनी खिलाड़ी का मुझसे सामना होता है तो सब मिलकर मेरे खिलाफ रणनीति बनाने में जुट जाती हैं। मेरी पूरी कोशिश होगी कि इस ओलिंपिक में मैं महिला एकल में चीन के वर्चस्व को तोड़ दूं और भारत के लिए गोल्ड मेडल जीतूं।

- साइना नेहवाल, इंडियन ओपन शुरू होने से पहले

Dark Saint Alaick
18-05-2012, 12:42 AM
वर्ल्ड रैंकिंग में टॉप 10 खिलाड़ी

रैंक- खिलाड़ी- देश
1- वांग यिहान- चीन
2- वांग जिन- चीन
3- वांग शिजियान- चीन
4- ली जुएरुई- चीन
5- साइना नेहवाल- भारत
6- जियांग यानजियाओ- चीन
7- टाइने बाउन- डेनमार्क
8- जुलियन शेंक- जर्मनी
9- चेंग शाओ चेह- ताइपे
10- आईण्रातचानोक- थाइलैंड

Dark Saint Alaick
18-05-2012, 12:43 AM
32 साल का इंतजार खत्म करने की चुनौती
आसान नहीं होगी ओलिंपिक में भारतीय हॉकी टीम की पदक जीतने की राह

आस्ट्रेलिया, हॉलैंड और जर्मनी मौजूदा समय में हॉकी की सबसे मजबूत टीमें मानी जाती हैं। शायद ही किसी को याद होगा कि इन टीमों के खिलाफ भारत ने अपनी आखिरी जीत कब दर्ज की थी। इनको छोड़िए, पिछले कुछ वर्षों में भारत को स्पेन, न्यूजीलैंड, अर्जेन्टीना, इंग्लैंड, दक्षिण कोरिया और यहां तक कि मलेशिया के खिलाफ भी मैच जीतने में काफी मुश्किल होती है। इन सब के बावजूद दिल्ली में आयोजित क्वालीफायर में फ्रांस, कनाडा व दक्षिण अफ्रीका जैसी कमजोर टीमों को हराकर लंदन का टिकट हासिल करने वाली भारतीय हॉकी टीम को इस बार 32 साल बाद (1980 मास्को ओलिंपिक के बाद से) पदक का दावेदार माना जा रहा है। क्या इस बार वाकई हमारी टीम इतनी मजबूत है जो इस खेल में हमारे स्वर्णिम अतीत को वापस ला सके? हकीकत यह है कि टीम के मुख्य कोच माइकल नोब्स ने भी हाल ही में कहा है कि उनका लक्ष्य ओलिंपिक में शीर्ष पांच में आना है। यह तो तय है कि शीर्ष पांच में आना पदक की गारंटी नहीं है। इसके लिए शीर्ष तीन में आना होगा। स्वर्ण छोड़िए अगर हम कांस्य पदक भी जीत पाएं तो यह हमारी हॉकी टीम के लिए वाकई बहुत बड़ी उपलब्धि होगी।

Dark Saint Alaick
18-05-2012, 12:44 AM
क्यों है पदक जीतने की हाइप

इस बार यह चर्चा जोरों पर है कि भारतीय टीम लंदन में पदक जीत सकती है। आखिरी पदक की यह उम्मीद या यूं कहें हाइप कहां से पैदा हो गई। भारतीय टीम बीजिंग ओलिंपिक के लिए क्वालीफाई नहीं कर पाई थी। तब से देश में इस खेल को लेकर काफी निराशा थी। इस बार भारत को लंदन ओलिंपिक का टिकट क्या मिला पदक पक्का मान लिया गया। हमें नहीं भूलना चाहिए कि करीब 18 महीने पहले आस्ट्रेलिया ने हमें राष्ट्रमंडल खेलों के फाइनल में आठ- शून्य से रौंदा था। यह भी नहीं भूलना चाहिए कि हम एशियाई खेलों में मलेशिया से हार गए और फाइनल में भी नहीं पहुंचे। यह भी याद रखने लायक है कि हमारी टीम चैंम्पियंस लीग के लिए भी क्वालीफाई नहीं कर पाती है जिसमें दुनिया की शीर्ष छह टीमें ही हिस्सा लेती है। हम सातवें से 12वें स्थान वाली टीमों के बीच होने वाली चैंपियंस चैलेंज प्रतियोगिता में भी स्वर्ण नहीं जीत पाते हैं।

Dark Saint Alaick
18-05-2012, 12:45 AM
संदीप, सरदार और शिवेंद्र से आस

इन नकारात्मक तथ्यों के बावजूद अगर भारत को लंदन ओलिंपिक में अच्छा प्रदर्शन करना है तो उसके तीन प्रमुख खिलाड़ियों संदीप सिहं, सरदार सिंह और शिवेंद्र को अच्छा प्रदर्शन करना होगा। संदीप पेनल्टी कॉर्नर के विशेषज्ञ हैं लेकिन उन्हें ध्यान रखना होगा कि आस्ट्रेलिया, जर्मनी, हॉलैंड और पाकिस्तान के डिफेंडरों को चकमा देना उतना आसान नहीं होगा जितना फ्रांस, कनाडा या दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ था। वैसे भी संदीप के लिए रोल तभी बनेगा जब भारतीय अग्रिम पंक्ति पेनल्टी कॉर्नर जुटाने में सफल होगी। इसके लिए शिवेंद्र सिंह और सरदार सिंह को अहम किरदार अदा करना होगा।

Dark Saint Alaick
18-05-2012, 12:45 AM
नोब्स ने किया टीम में सुधार

भारतीय टीम के मौजूदा आस्ट्रेलियाई कोच माइकल नोब्स नि:संदेह भारतीय टीम में सुधार लेकर आए हैं। उन्होंने टीम को उसकी असली ताकत यानी आक्रमण से परिचित करवाया है। यूरोपीय कोच भारतीय खिलाड़ियों को यूरोपियन शैली यानी डिफेंड एंड काउंटर अटैक और लंबे पास के सहारे खेलना सिखाते थे। यह भारतीय शैली के ठीक उलट थी और जाहिर है इसमें हमारे खिलाड़ी पारंगत नहीं हो पाए। नोब्स की कोचिंग कितनी कारगर रही है उसकी असलियत दुनिया की चोटी की टीम से भिड़ने पर ही सामने आएगी।

Dark Saint Alaick
18-05-2012, 12:46 AM
मजबूत पक्ष

मजबूत आक्रमण पंक्ति,पेनल्टी कॉर्नर कनवर्जन, योग्य कोच, हालिया अच्छी फॉर्म।


कमजोर पक्ष

जरूरत से ज्यादा ड्रिबलिंग, गोल पोस्ट पर लड़खड़ाना, मिडफील्ड में संतुलन का अभाव।

Dark Saint Alaick
18-05-2012, 12:48 AM
नम्बर गेम

11 ओलिंपिक पदक जीत चुका है भारत । आठ स्वर्ण, एक रजत और दो कांस्य ।

1928 एम्सटर्डम ओलिंपिक में भारतीय हॉकी टीम ने पहली बार स्वर्ण पदक जीता ।

1960 रोम ओलिंपिक में भारत को रजत से संतोष करना पड़ा। फाइनल में पाक ने हराया।

ओलिंपिक स्थान
1984-7वां, 1988-5वां, 1992-9वां, 1996-9वां, 2000-11वां, 2004-9वां, 2008 में क्वालीफाई नहीं कर पाई।

Dark Saint Alaick
18-05-2012, 12:51 AM
इस बार ओलिंपिक में 12 पदकों का लक्ष्य
भारतीय दल का यह महत्वाकांक्षी लक्ष्य प्राप्त करना मुश्किल जरूर लेकिन असंभव नहीं

बीजिंग ओलिंपिक में भारत ने एक स्वर्ण सहित तीन पदक जीतकर इतिहास रचा था। एक ओलिंपिक में भारतीय दल ने पहली बार इतने पदक जीते थे। इसके बाद नई दिल्ली में आयोजित कॉमनवेल्थ गेम्स और ग्वांग्झू (चीन) में आयोजित एशियन गेम्स में भी शानदार सफलता हासिल करने बाद भारत ने लंदन ओलिंपिक में 12 पदक जीतने का महत्वाकांक्षी लक्ष्य तय किया है। जिस देश ने पिछले 112 साल में चंद पदक जीते हों उसके लिए एक ओलिंपिक में 12 पदक जीतना काफी मुश्किल माना जा सकता है। लेकिन भारतीय खिलाड़ी अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने में सफल रहे तो इस लक्ष्य को हासिल करना असंभव भी नहीं है।

Dark Saint Alaick
18-05-2012, 12:52 AM
निशानेबाजी में बड़ी उम्मीदें

भारत के एक से ज्यादा पदक जीतने की सबसे अधिक उम्मीद निशानेबाजी से है। गत ओलिंपिक चैम्पियन अभिनव बिंद्रा और गगन नारंग 50 मीटर एयर राइफल में देश को दो पदक दिला सकते हैं। इसके अलावा रंजन सिंह सोढ़ी भी डबल ट्रैप में पदक जीतने का माद्दा रखते हैं। इसके अलावा विजय कुमार भी अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने की स्थित में पदक पर निशाना साध सकते हैं। इस तरह भारत को इस खेल में कम से कम तीन पदक की उम्मीद है।

Dark Saint Alaick
18-05-2012, 12:52 AM
मुक्केबाजों में है दम

निशानेबाजी के बाद जो खेल भारत का मजबूत पक्ष है वह मुक्केबाजी है। इसमें हालिया फॉर्म के हिसाब से विकास कृष्णा, शिवा थापा और महिला वर्ग में एम सी मैरीकोम देश को पदक दिलाने का माद्दा रखते हैं। विजेंदर गत ओलिंपिक के कांस्य पदक विजेता हैं और यदि वे समय पर फॉर्म हासिल कर पाएं तो वह भी पदक जीतने में कामयाब हो सकते हैं। ऐसे में मुक्केबाज भी भारत को तीन पदक दिला सकते हैं।

Dark Saint Alaick
18-05-2012, 12:53 AM
टेनिस में दो पदक की आस

टेनिस में भले ही भारतीय खिलाड़ी आपसी विवाद में उलझे हों लेकिन वे अगर इन्हें पीछे छोड़ सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन कर पाए तो दो पदक भारत की झोली में आ सकते हैं। एक पदक पुरुष युगल में और एक पदक महिला युगल में जीतने का माद्दा भारतीय सितारों के पास है। पुरुष युगल में लिएंडर पेस और महेश भूपति से उम्मीदें हैं। भले ही ये खिलाड़ी किसी के साथ भी जोड़ी बनाएं। उसी तरह ओलिंपिक में पहली बार शामिल किए गए मिश्रित युगल में पेस-सानिया या भूपति-सानिया की जोड़ी देश के लिए पदक जीत सकती है।

Dark Saint Alaick
18-05-2012, 12:53 AM
तीरंदाजी में दो की आस

दीपिका कुमारी की अगुवाई वाली भारतीय महिला तीरंदाजी टीम भी दो पदक जीतने में सक्षम है। एक पदक महिला टीम स्पर्धा और एक पदक महिला एक स्पर्धा में मिलने की उम्मीद है। हालांकि इसके लिए हमारी महिला तीरंदाजों को दक्षिण कोरिया, इटली और अमेरिका की मजबूत प्रतिद्वंद्वियों को पछाड़ना होगा।

Dark Saint Alaick
18-05-2012, 12:54 AM
सुशील और साइना भी करेंगे कमाल

कुश्ती में सुशील कुमार और बैडमिंटन में साइना नेहवाल भारत के लिए पदक जीतने का कारनाम कर सकते हैं। दोनों ही खिलाड़ी हाल के समय में अच्छी फॉर्म में नहीं रहे हैं, लेकिन दोनों को ही अपने-अपने खेल में विश्वस्तरीय माना जाता है। एशियाई क्वालिफिकेशन में बुरी तरह फ्लॉप रहने के बाद सुशील वर्ल्ड क्वालिफिकेश में अच्छा प्रदर्शन किया है। इससे वह खोई लय वापस पाते हुए दिख रहे हैं। वहीं साइना को पिछले कुछ बैडमिंटन टूर्नामेंटों की निराशा को पीछे छोड़कर दमदार प्रदर्शन करना होगा।

Dark Saint Alaick
18-05-2012, 12:54 AM
एथलेटिक्स, रोइंग, हॉकी से भरपाई

निशानेबाजी, मुक्केबाजी, तीरंदाजी, टेनिस, बैडमिंटन और कुश्ती को मिलाकर भारत अधिकतम 12 पदक जीतने की क्षमता रखता है। लेकिन यह भी तय है कि इन खेलों में कुछ खिलाड़ी लक्ष्य हासिल करने में विफल रहेंगे। ऐसे में एथलेटिक्स, रोइंग के साथ-साथ भारतीय पुरुष हॉकी टीम पदक जीतकर इनकी भरपाई कर सकती है। एथलेटिक्स में विकास गौड़ा, कृष्णा पूनिया और गुरमीत सिंह के पास आउटसाइड चांस है। वहीं रोइंग की टीम भी किस्मत साथ देने पर कमाल दिखा सकती है।

Dark Saint Alaick
18-05-2012, 12:55 AM
नम्बर गेम

1920 ओलिंपिक से भारत ने आधिकारिक तौर पर ओलिंपिक में भाग लेना शुरू किया।

06 ओलिंपिक खेलों 1920, 1924, 1976, 1984, 1988, 1992 में भारत को कोई पदक नहीं मिला।

04 खेलों हॉकी, कुश्ती, निशानेबाजी और मुक्केबाजी में ही भारत को अब तक ओलिंपिक पदक मिले हैं।

02 पदक नॉर्मन प्रिटचार्ड ने भारत के नाम पर 1900 में जीते थे, लेकिन भारत इसे अपना नहीं मानता।

Dark Saint Alaick
18-05-2012, 01:08 AM
जब डोपिंग के डंक ने डसा ओलिंपिक को
लिलजेनवाल ओलिंपिक इतिहास में डोपिंग के कारण कलंकित हुए पहले एथलीट

इस खेल महाकुंभ के इतिहास में कई ऐसे अवसर आए जब शानदार प्रदर्शन करने वाला खिलाड़ी डोपिंग का दोषी पाया गया। पेश हैं ऐसे ही पांच सबसे चर्चित उदाहरण।

1. लिलजेनवाल (स्वीडन)
1968, मैक्सिको ओलिंपिक

http://myhindiforum.com/attachment.php?attachmentid=16595&stc=1&d=1337285270

स्वीडन के पेंटाथलीट हांस गनर लिलजेनवाल ओलिंपिक इतिहास में डोपिंग के कारण कलंकित हुए पहले एथलीट हैं। अंतर्राष्ट्रीय ओलिंपिक समिति ने 1967 में एंटी डोपिंग रेगुलेशन लागू किया और अगले ही ओलिंपिक में लिलजेनवाल इसके पहले शिकार बने। लिलजेनवाल के यूरीन सैंपल में अल्कोहल की मात्रा पाई गई। लिलजेनवाल ने स्वीकार किया ने अपनी स्पर्द्धा के दौरान घबराहट कम करने के लिए उन्होंने दो बोतल बीयर पी थी। उनकी इस हरकत के कारण स्वीडिश टीम को अपना कांस्य पदक गंवाना पड़ा।

Dark Saint Alaick
18-05-2012, 02:04 AM
2. बेन जॉनसन (कनाडा)
1988, सियोल ओलिंपिक

http://myhindiforum.com/attachment.php?attachmentid=16596&stc=1&d=1337288637

100 मीटर फर्राटा दौड़ ओलिंपिक में सबसे लोकप्रिय स्पर्द्धा मानी जाती है। इसमें स्वर्ण पदक जीतने वाला खिलाड़ी रातों-रात स्टार बन जाता है और कम से कम अगले ओलिंपिक तक पूरी दुनिया की नजरें उस पर टिकी होती हैं। जाहिर है इतनी महत्वपूर्ण स्पर्द्धा का स्वर्ण पदक जीतने की चाहत इसमें भाग लेने वाले हर एथलीट को होती है और इनमें से कुछ इसके लिए कुछ भी कर गुजरते हैं। डोपिंग भी। ऐसा ही एक एथलीट था कनाडा का बेन जॉनसन। 1988 ओलिंपिक में कार्ल लुईस और बेन जॉनसन 100 मीटर की दौड़ जीतने के दो सबसे प्रबल दावेदार माने जा रहे थे। इससे पहले के कुछ सालों में जॉनसन ने लुईस के कई रिकॉर्ड तोड़े थे। तब लुईस ने डोपिंग की आशंका जताई थी, लेकिन किसी ने इस पर यकीन नहीं किया था। 1988 की रेस भी जॉनसन ने जीत ली। वह 9.79 सेकंड के विश्व रिकॉर्ड समय के साथ। हालांकि उनकी खुशी तीन दिन तक ही कायम रही और वे डोप टेस्ट में पकड़े गए। उनके यूरीन सैंपल में प्रतिबंधित ड्रग स्टैनोजोलोल पाया गया। उनका स्वर्ण पदक छीन लिया गया।

Dark Saint Alaick
18-05-2012, 02:05 AM
3. आंद्रीया राडुकन (रोमानिया)
2000, सिडनी ओलिंपिक

http://myhindiforum.com/attachment.php?attachmentid=16597&stc=1&d=1337288724

1983 में जन्मीं रोमानियाई जिमनास्ट आंद्रीया राडुकन ने महज 16 साल की उम्र में विश्व आर्टिस्टिक जिमनास्टिक चैम्पियनशिप में दो स्वर्ण पदक जीते थे। इसके बाद वे वर्ष 2000 में सिडनी में आयोजित होने वाले ओलिंपिक गेम्स में भी स्वर्ण पदक की दावेदार बन गर्इं। उन्होंने इस ओलिंपिक में उम्मीद के अनुकूल प्रदर्शन किया और टीम स्पर्द्धा में स्वर्ण पदक जीतने के साथ-साथ एकल स्पर्द्धा में कांस्य पदक जीता। वह ओवरआल एकल चैम्पियन भी बनने वाली थी कि तभी यह खुलासा हुआ कि राडुकन डोप टेस्ट में फेल हो गई हैं। उन्हें प्रतिबंधित दवा श्यूडोफेड्रिन के सेवन का दोषी पाया गया और उनके पदक छीन लिए गए। हालांकि उनके कोच और खुद राडुकन यह कहती रहीं कि उन्होंने यह दवा जुकाम के इलाज के तौर पर ली थी और यह दवा शरीर में फुर्ती के बजाय सुस्ती लाती है। उनकी बात काफी हद तक सही भी थी, क्योंकि आमतौर पर जिमनास्टिक में यह दवा प्रदर्शन में सुधार लाने वाला नहीं माना जाता है, लेकिन इसके बावजूद उन्हें ओलिंपिक में अपने जीते पदक वापस नहीं मिले। उनके डॉक्टर पर दो साल का प्रतिबंध लगा।

Dark Saint Alaick
18-05-2012, 02:07 AM
4. मारियन जोंस (अमेरिका)
2000, सिडनी ओलिंपिक

http://myhindiforum.com/attachment.php?attachmentid=16598&stc=1&d=1337288835

अमेरिकी मारियन जोंस ने सिडनी ओलिंपिक शुरू होने से पहले कहा था कि वे इस बार पांच स्वर्ण पदक जीतन के इरादे से आई हैं। वे पांच स्वर्ण तो नहीं जीत सकीं, अलबत्ता उन्हें पांच पदक जीतने में जरूर सफलता मिली। इसमें से तीन स्वर्ण पदक शामिल थे। यह उपलब्धि भी शानदार थी, क्योंकि इससे पहले ट्रैक एंड फील्ड में कोई महिला एथलीट एक ओलिंपिक में इतने पदक नहीं जीत सकी थी। हालांकि उनकी सफलता में डोपिंग का हाथ था जिसे जोंस ने बीजिंग ओलिंपिक के सात साल बाद 2007 में स्वीकार किया। उनके सभी पदक छीन लिए गए।

Dark Saint Alaick
18-05-2012, 02:11 AM
5. राशिद रमज़ी (बहरीन)
2008, बीजिंग ओलिंपिक

http://myhindiforum.com/attachment.php?attachmentid=16599&stc=1&d=1337289097

मोरक्को में जन्मे राशिद रमज़ी ने 2005 विश्व एथलेटिक्स चैम्पियनशिप में 800 मीटर और 1500 मीटर दोनों स्पर्द्धाओं का स्वर्ण पदक जीता। 2008 बीजिंग ओलिंपिक में रमज़ी ने 1500 मीटर दौड़ का स्वर्ण पदक जीता। यह बहरीन की ओर से जीता गया पहला ओलिंपिक मेडल था। हालांकि एथलीट के तौर पर रमज़ी और देश के तौर पर बहरीन की खुशी इसके दो साल बाद 2010 में तब काफूर हो गई, जब उन्हें बीजिंग ओलिंपिक में प्रतिबंधित दवा सीईआरए के सेवन का दोषी पाया गया। उनका स्वर्ण पदक छीन लिया गया।

Dark Saint Alaick
18-05-2012, 02:13 AM
नम्बर गेम


1999 में वर्ल्ड एंटी डोपिंग एजेंसी (वाडा) की स्थापना की गई। इससे पहले यह आयोजक द्वारा ही कराए जाते थे।

1968 में पहली बार डोपिंग टेस्ट कराए गए। 1967 में आईओसी ने एंडी डोपिंग रेगुलेशन को लागू किया।

5000 डोप टेस्ट कराने की तैयारी है लंदन में, किसी ओलिंपिक में अब तक इतने डोप टेस्ट नहीं हुए हैं।

4620 डोप टेस्ट कराए गए थे बीजिंग ओलिंपिक में, इसमें 3,681 यूरीन और 939 ब्लड टेस्ट थे।

Dark Saint Alaick
26-05-2012, 05:08 AM
इकलौता खेल जिसमें पशु भी लेता है भाग
लंदन में घुड़सवारी की तीन अलग-अलग स्पर्द्धाओं में कुल छह स्वर्ण पदक दांव पर होंगे

लंदन ओलिंपिक में 26 खेलों का आयोजन किया जा रहा है। आज से हम हर खेल पर बारी-बारी से नजर डालेंगे। इसकी पहली कड़ी के रूप पेश है घुड़सवारी। यह ओलिंपिक का इकलौता खेल है जिसमें पशु यानी घोड़े भी हिस्सा लेते हैं। साथ ही यह उन गिने-चुने ओलिंपिक खेलों में शामिल है जिसमें महिलाएं और पुरुष आपस में सीधा मुकाबला कर सकते हैं। लंदन ओलिंपिक में घुड़सवारी की तीन अलग-अलग स्पर्द्धाओं में कुल छह स्वर्ण पदक दांव पर होंगे। ये तीन स्पर्द्धाएं ड्रेसाज, इवेंटिंग और जंपिंग के रूप में जानी जाती हैं। तीनों ही स्पर्द्धाओं में एक स्वर्ण व्यक्तिगत मुकाबले के लिए और एक टीम इवेंट के लिए दांव पर होंगे।

Dark Saint Alaick
26-05-2012, 05:09 AM
वेन्यू-ग्रीनविच पार्क (28 जुलाई- 9 अगस्त)
इवेंट इंट्रोडक्शन

ड्रेसाज : इस स्पर्द्धा में घोड़े की ट्रेनिंग का इम्तिहान होता है। घोड़ा एक प्राकृतिक एथलीट माना जाता है और इस इवेंट में उसकी क्षमताएं, कौशल और हुनर को परखा जाता है। 20 गुणा 60 मीटर के फील्ड पर घुड़सवार अपने घोड़े के साथ विभिन्न चरणों में हिस्सा लेता है और उसे जज शून्य से लेकर 10 तक अंक देते हैं। शून्य अंक आमतौर पर हिस्सा न लेने वाले या बिल्कुल ही परफॉर्म न करने वालों को दिया जाता है। वहीं 10 अंक सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन के लिए मिलता है। सभी चरणों को मिलाकर जो घुड़सवार सर्वाधिक अंक जुटाता है उसे स्वर्ण पदक दिया जाता है। दूसरे स्थान के लिए रजत और तीसरे स्थान के लिए कांस्य निर्धारित है। ऐसा ही टीम इवेंट में होता है।
जंपिंग : इसे शो जंपिंग, स्टेडियम जंपिंग, ओपन जंपिंग या जंपर्स के नाम से भी जाना जाता है। इसमें घोड़े की विभिन्न बाधाओं को कूद कर पार करने की क्षमता को परखा जाता है। इसमें घुड़सवार को घोड़े के साथ 10 से 16 बाधाओं को सफलतापूर्वक पार करना होता है। बाधाओं की अधिकतम ऊंचाई 5 फुट 3 इंच तक होती है। चूकने पर पेनल्टी लगाई जाती है। अधिकतम अंक हासिल करने वाला विजेता बनता है।
इवेंटिंग : इसमें घुड़सवारी के हर कौशल का परीक्षण होता है। इवेंटिंग में ड्रेसाज, क्रॉस कंट्री और जंपिंग शामिल होती है। ड्रेसाज में घोड़े की ट्रेनिंग, क्रॉस कंट्री में इसका दमखम और जंपिंग में बाधाओं को पार करने की क्षमता मांपी जाती है। इवेंटिंग व्यक्तिगत और टीम स्पर्द्धाएं तीन-तीन दिनों तक चलती है।

Dark Saint Alaick
26-05-2012, 05:10 AM
जर्मनी-स्वीडन का प्रभुत्व

ओलिंपिक में घुड़सवारी में जर्मनी और स्वीडन का दबदबा रहा है। जर्मनी ने अब तक 21 स्वर्ण सहित 42 पदक जीते हैं। वहीं स्वीडन ने 17 स्वर्ण सहित 41 पदक अपने नाम किए हैं। फ्रांस तीसरे स्थान पर है और उसके नाम 12 स्वर्ण सहित 34 पदक हैं। चौथे स्थान पर मौजूद अमेरिका ने 11 स्वर्ण के साथ 49 पदक झटके हैं। एशियाई देशों में सिर्फ जापान ने ओलिंपिक घुड़सवारी में पदक जीता है। जापान के नाम एक स्वर्ण पदक है। इस खेल में भारत की कोई दावेदारी नहीं है।

Dark Saint Alaick
26-05-2012, 05:12 AM
71 साल के होकेत्सु लेंगे भाग

http://myhindiforum.com/attachment.php?attachmentid=16717&stc=1&d=1337991153

जापान के 71 वर्षीय हिरोशी होकेत्सु ने फ्रांस में आयोजित इंटरनेशनल ड्रेसाज मीट में अच्छा प्रदर्शन कर लंदन ओलिंपिक के लिए क्वालीफाई किया है। वे लंदन ओलिंपिक में भाग लेने वाले सबसे उम्रदराज प्रतियोगी होंगे। होकेत्सु ने बीजिंग ओलिंपिक में भी 67 साल की उम्र में हिस्सा लिया था। हालांकि हेकेत्सु ओलिंपिक में अब तक के सबसे उम्रदराज प्रतियोगी नहीं होंगे। यह उपलब्धि स्वीडन के निशानेबाज आस्कर स्वान के नाम पर है। उन्होंने 72 साल की उम्र में एंटवर्प ओलिंपिक में न सिर्फ हिस्सा लिया था बल्कि रजत पदक भी जीता था।

Dark Saint Alaick
26-05-2012, 05:13 AM
नम्बर गेम


1900 पेरिस में घुड़सवारी को पहली बार शामिल किया गया था। 1904 और 1908 गेम्स में इसे जगह नहीं मिली।

1912 ओलिंपिक से अब तक घुड़सवारी लगातार ग्रीष्मकालीन ओलिंपिक का हिस्सा रहा है।

1924 ओलिंपिक से घुड़सवारी अंतर्राष्ट्रीय घुड़सवारी संघ के तत्वावधान में आयोजित होने लगे।

1952 तक घुड़सवारी में सिर्फ सेना के अधिकारी ही हिस्सा लेते थे। बाद में आम नागरिक भी भाग लेने लगे।

Dark Saint Alaick
26-05-2012, 05:16 AM
फिर रंग जमाएगा दक्षिण कोरियाई मार्शल आर्ट
लंदन में ताइक्वांडो में आठ स्वर्ण पदक होंगे दांव पर, इस खेल में दक्षिण कोरिया का है दबदबा

वेन्यू - एक्स सेल (8-11 अगस्त)

दक्षिण कोरियाई मार्शल आर्ट ताइक्वांडो पहली बार सियोल ओलिंपिक खेलों में 1988 में शामिल हुआ। तब यह सिर्फ प्रदर्शनी खेल था। वर्ष 2000 में सिडनी ओलिंपिक में पहली बार यह मेडल स्पोर्ट्स के रूप में शामिल हुआ तब से लगातार इस खेल महाकुंभ का हिस्सा है। लंदन ओलिंपिक में ताइक्वांडो में कुल आठ स्वर्ण पदक (चार पुरुष वर्ग और चार महिला वर्ग में) दांव पर होंगे। चूंकि इस मार्शल आर्ट का उदय दक्षिण कोरिया में हुआ है लिहाजा दक्षिण कोरिया ताइक्वांडो में सबसे ज्यादा पदक भी जीतता है। बीजिंग ओलिंपिक में दक्षिण कोरिया ने आठ में से चार स्वर्ण पदक झटके थे।

Dark Saint Alaick
26-05-2012, 05:16 AM
ताइक्वांडो का मतलब

ताइक्वांडो दक्षिण कोरियाई शब्द ताइ,कोन और डो को मिलाकर बना है। ताइ का मतलब पैर से प्रहार करना, कोन का मतलब मुक्के से प्रहार करना और डो का अर्थ तरीका होता है। कुल मिलाकर यह ऐसा मार्शल आर्ट है जिसमें पैर और मुक्के से प्रहार किया जाता है। जापान से 1945 में आजादी हासिल करने के बाद यह खेल दक्षिण कोरिया में लोकप्रिय हुआ। 1973 से इसे ओलिंपिक स्पोर्ट्स बनाने की मुहिम शुरू हुई और आखिरकार 2000 सिडनी ओलिंपिक में सफलता मिली।

Dark Saint Alaick
26-05-2012, 05:17 AM
ओलिंपिक स्पर्द्धाएं

ओलिंपिक में ताइक्वांडो पुरुष और महिला वर्ग में चार अलग-अलग वजन श्रेणियों मे आयोजित होती है। पुरुष वर्ग में 58, 68, 80 और 80 प्लस वजन श्रेणियां हैं। वहीं महिला वर्ग में 49, 57, 67 और 67 प्लस वर्ग है। कुल 128 खिलाड़ी (64 पुरुष और 64 महिला) लंदन ओलिंपिक की ताइक्वांडो स्पर्द्धाओं में भाग लेंगे। हर वजन में 16 खिलाड़ी भाग लेंगे। इसमें भाग लेने वाले हर देश से अधिकतम चार खिलाड़ी ही हिस्सा ले सकते हैं। इसलिए कोई एक सभी आठ स्वर्ण के लिए मुकाबला नहीं कर सकता है। यही कारण है कि कोरियाई टीम ताइक्वांडो में इतनी मजबूत होने के बावजूद सभी स्वर्ण नहीं जीतती है। बीजिंग ओलिंपिक में चार कोरियाई खिलाड़ियों ने हिस्सा लिया था और चारों ने स्वर्ण पदक जीता था। ब्रिटेन को आयोजक होने के नाते चार स्थान बिना क्वालीफाई किए ही मिल गए हैं। अन्य भाग लेने वाले देशों को इसके लिए क्वालीफाई करना पड़ता है। भारत का कोई भी खिलाड़ी इस खेल के लिए क्वालीफाई नहीं कर पाया है। वहीं अफगानिस्तान जैसे संकटग्रस्त देश से दो खिलाड़ी लंदन ओलिंपिक में ताइक्वांडो का टिकट हासिल कर चुके हैं।

Dark Saint Alaick
26-05-2012, 05:18 AM
हारने वाले के लिए भी उम्मीद

कुश्ती की ही तरह ताइक्वांडो में भी रेपचेज का प्रावधान है। यानी सेमीफाइनल तक हारने वाले खिलाड़ी के पास भी कांस्य पदक जीतने का मौका हो सकता है। रेपचेज राउंड के दो फाइनल होते हैं और दोनों के विजेता को कांस्य पदक मिलता है। सेमीफाइनल में हारने वाले खिलाड़ी सीधे रेपचेज के अलग-अलग फाइनल में प्रवेश कर जाते हैं। अन्य हारने वाले खिलाड़ी फिर आपस में मुकाबला कर रेपचेज के फाइनल में पहुंचते हैं।

Dark Saint Alaick
26-05-2012, 05:18 AM
दक्षिण कोरिया के नाम कुल नौ स्वर्ण

अब तक तीन ओलिंपिक खेलों में ताइक्वांडो मेडल इवेंट के तौर पर शामिल हो चुका है। इनमें दक्षिण कोरिया ने नौ स्वर्ण सहित कुल 12 पदक जीते हैं। चीन ने चार स्वर्ण सहित पांच और अमेरिका ने दो स्वर्ण सहित छह पदक जीते हैं। चीनी ताइपे चौथे स्थान पर है और उसके नाम दो स्वर्ण के साथ कुल सात पदक हैं। पांचवें स्थान पर मौजूद मैक्सिको ने 2 स्वर्ण सहित कुल पांच पदक जीते हैं। भारत का कोई खिलाड़ी अब तक ताइक्वांडो में पदक नहीं जीत सका है।

Dark Saint Alaick
26-05-2012, 05:20 AM
नम्बर गेम


1973 में वर्ल्ड ताइक्वांडो संघ की स्थापना हुई और इसका मुख्यालय दक्षिण कोरिया में खुला।

1980 में अंतर्राष्ट्रीय ओलिंपिक संघ ने ताइक्वांडो खेल और वर्ल्ड ताइक्वांडो संघ को मान्यता दी।

1988 सियोल में पहली बार इसे प्रदर्शनी खेल के तौर पर ओलिंपिक मेंशामिल किया गया।

63 देशों के ताइक्वांडो खिलाड़ी अब तक लंदन ओलिंपिक के लिए क्वालीफाई करने में सफल रहे हैं।

Dark Saint Alaick
26-05-2012, 05:21 AM
चीनी वर्चस्व का दूसरा नाम है पिंग पोंग

पिंग पोंग या टेबल टेनिस नाम के खेल का जन्म वैसे तो ब्रिटेन में हुआ लेकिन आज चीन इस खेल की महाशक्ति है और ओलिंपिक में इसमें चीन का ही दबदबा रहता है।

वेन्यू - एक्स सेल (28 जुलाई - 8 अगस्त)

टेबल टेनिस ओलिंपिक में पहली बार 1988 में शामिल हुआ। तब से बीजिंग ओलिंपिक तक इस खेल में 24 स्वर्ण पदकों का फैसला हुआ है और इसमें से 20 पर चीन ने कब्जा जमाया है। इसी आंकड़े से समझा जा सकता है कि चीन का टेबल टेनिस पर कितना दबदबा है। यह चीन का राष्टñीय खेल भी है। वैसे टेबल टेनिस खेल का जन्म ब्रिटेन में 1880 के आसपास हुआ था। तब वहां के धनाढ्य इसे रात के भोजन के बाद हल्के-फुल्के व्यायाम के तौर पर खेला करते थे।

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26-05-2012, 05:22 AM
विफ-वाफ से पिंग-पोंग और फिर टेबल टेनिस

पहले इस खेल को विफ-वाफ के नाम से जाना जाता था। 1901 में इस खेल के उपकरण बनाने वाली कंपनी जे.जैक्स एंड संस ने इसे पिंग-पोंग ट्रेडमार्क का नाम दिया। इसके साथ ही यह खेल पूरे विश्व में पिंग-पोंग के नाम से मशहूर हो गया। पिंग-पोंग की बढ़ती लोकप्रियता से जे.जैक्स एंड संस कपनी की कमाई में भी इजाफा होने लगा। तब अन्य निर्माताओं ने इसे टेबल टेनिस का नाम दिया। धीरे-धीरे टेबल टेनिस ही इसका लोकप्रिय नाम हो गया।

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26-05-2012, 05:22 AM
तकनीकी बदलाव

पहले टेबल टेनिस का रैकेट विशुद्ध रूप से लकड़ी का होता था लेकिन बाद में इस पर रबर स्पोंज का कवर लगने लगा। इससे गेंद की गति काफी बढ़ गई और गेंद को मिलने वाले स्पिन में भी काफी इजाफा हो गया। 2000 सिडनी ओलिंपिक खेलों से अंतर्राष्ट्रीय टेबल टेनिस संघ ने कई नियमों में बदलाव किए। पहले इसके गेंद का आकार 38 मिलीमीटर हुआ करता था। इससे खेल काफी तेज होता था और तब यह टेलीविजन फ्रेंडली नहीं था। टेलीविजन पर दर्शक खेल के दौरान गेंद को ठीक से देख भी नहीं पाते थे। 2000 ओलिंपिक से गेंद का आकार 40 मिलीमीटर कर दिया गया। तब खेल की रफ्तार कुछ कम हुई और टेलीविजन पर इसकी लोकप्रियता भी बढ़ गई।

Dark Saint Alaick
26-05-2012, 05:23 AM
ओलिंपिक स्पर्धाएं


लंदन ओलिंपिक में टेबल टेनिस में चार स्वर्ण पदक दांव पर होंगे। इसमें दो पुरुष वर्ग (एकल और टीम इवेंट) और दो महिला वर्ग (एकल और टीम इवेंट) में होते हैं। हालांकि शुरुआत से ही ऐसा नहीं था। 1988 से 2004 ओलिंपिक तक पुरुष और महिला दोनों वर्गों में एकल और युगल स्पर्धाएं आयोजित होती थीं। 2008 बीजिंग ओलिंपिक से युगल स्पर्धा की जगह टीम इवेंट को शामिल कर लिया गया।

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26-05-2012, 05:24 AM
सौम्यजीत और अंकिता लेंगे भाग

भारत की ओर से पुरुष और महिला दोनों वर्गों में एक-एक खिलाड़ी ने लंदन ओलिंपिक के लिए क्वालिफाई किया है। पुरुष वर्ग में सौम्यजीत घोष और महिला वर्ग में अंकिता दास भारत का प्रतिनिधित्व करेंगी। भारत के सबसे बेहतरीन पुरुष एकल खिलाड़ी माने जाने वाले अचिंता शरत कमल लंदन ओलिंपिक का टिकट हासिल करने से चूक गए। मेजबान होने के नाते ब्रिटेन के छह खिलाड़ियों को सीधा प्रवेश मिला है। एक स्पर्धा में एक देश से अधिकतम दो खिलाड़ी ही भाग ले सकते हैं।

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26-05-2012, 05:24 AM
दक्षिण कोरिया दे रहा है चीन को चुनौती

टेबल टेनिस में चीन के एक छत्र राज को अगर कोई देश थोड़ी-बहुत चुनौती दे पा रहा है तो वह दक्षिण कोरिया है। दक्षिण कोरिया ने ओलिंपिक टेबल टेनिस में अब तक तीन स्वर्ण सहित 17 पदक जीते हैं। स्वीडन ने एक स्वर्ण सहित तीन पदक अपने नाम किए हैं। ओलिंपिक में इस खेल में अब तक कुल 11 देशों के खिलाड़ी पदक जीतने में कामयाब हो सके हैं।

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26-05-2012, 05:25 AM
नंबर गेम


1900 के शुरुआती वर्षों में रूस में इस खेल पर प्रतिबंध था। वहां माना जाता था कि इससे खिलाड़ियों की आंखें खराब होती हैं।

1921 में लंदन में ब्रिटिश टेबल टेनिस संघ की स्थापना की गई। पांच साल बाद अंतर्राष्ट्रीय टेबल टेनिस संघ बना।

1926 में टेबल टेनिस की पहली वर्ल्ड चैंपियनशिप ब्रिटेन की राजधानी लंदन में आयोजित की गई थी।

2001 से अंतरराष्टñीय टेबल टेनिस संघ ने 21 प्वाइंट सिस्टम को बदल कर 11 प्वाइंट सिस्टम कर दिया।

Dark Saint Alaick
03-06-2012, 06:17 AM
तलवार की नोक पर होंगे 10 स्वर्ण
अब तक सभी ओलिंपिक में शामिल रही है तलवारबाजी, पुरुष और महिला दोनों वर्गों में पांच-पांच स्वर्ण पदक होंगे दांव पर

वेन्यू - एक्स सेल (28 जुलाई-5 अगस्त)

अब तक सिर्फ पांच खेल ही ऐसे हैं जो वर्ष 1896 से शुरू हुए ओलिंपिक खेलों के हर संस्करण में शामिल हुए। इसमें से एक है तलवारबाजी यानी फेंसिंग। अन्य चार खेल एथलेटिक्स, जिमनास्टिक्स, साइक्लिंग और तैराकी है। जहां तक तलवारबाजी का सवाल है तो ओलिंपिक में युद्ध जैसी तलवारबाजी नहीं होती है। बावजूद इसके तलवार की मौजूदगी से चोट का खतरा होता है इसलिए खिलाड़ियों को सुरक्षा के लिए जरूरी लिबास पहनना होता है। ओलिंपिक तलवारबाजी विशुद्ध रूप से एक खेल है और इसकी शुरुआत फ्रांस में हुई थी। हालांकि इटली इस खेल की सबसे सफल टीम है। इटली ने तलवारबाजी में अब तक 45 स्वर्ण सहित कुल 114 पदक जीते हैं। इस खेल का जन्मदाता फ्रांस 41 स्वर्ण सहित 115 पदक जीतकर दूसरे स्थान पर है। हंगरी ने 34 स्वर्ण के साथ 82 पदक जीते हैं और वह तीसरे स्थान पर है। एशियाई देशों में चीन सबसे आगे है। उसके नाम दो स्वर्ण सहित कुल नौ पदक हैं।

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03-06-2012, 06:18 AM
इवेंट इंट्रोडक्शन

ओलिंपिक में कुल 10 स्वर्ण दांव पर होते हैं जिनमें पांच पुरुष वर्ग में और पांच महिला वर्ग में होते हैं। दोनों ही वर्गों में इंडिविजुअल एपी, इंडिविजुअल फ्वाइल, टीम फ्वाइल, इंडिविजुअल सैबर और टीम सैबर नाम की स्पर्धाएं होती हैं। हर स्पर्धा में एक स्वर्ण पदक दांव पर होता है।

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03-06-2012, 06:18 AM
एपी

एपी एक भारी हथियार है। इसमें पूरे शरीर को निशाना बनाया जा सकता है। इसमें डबल स्ट्राइक (एक ही समय पर दोनों तलवारबाजों द्वारा हिट किया जाना) की अनुमति है। अंक गणना इलेक्ट्रॉनिक तरीके से होती है। अंक जुटाने के लिए प्रतिद्वंद्वी पर कम से कम 7.35 न्यूटन की ताकत से प्रहार करना होता है। तलवारबाजी की सभी स्पर्धाओं की तुलना में इसे सबसे अधिक फ्री स्टाइल माना जाता है। अगर प्रतिद्वंद्वी को नुकसान पहुंचाने का इरादा न हो तो पेनाल्टी नहीं के बराबर लगती है।

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03-06-2012, 06:19 AM
फ्वाइल

यह एक हल्का और लचीला हथियार है। इसकी स्पर्धा में सिर्फ धड़ (टोर्सो) पर प्रहार करना होता है। तलवार की नोक पर पुश बटन लगा होता है। इसी से पता चलता है कि प्रतिद्वंद्वी पर किस दमखम से प्रहार किया गया है। अंक जुटाने के लिए प्रहार में कम से कम 4.90 न्यूनटन की ताकत होनी चाहिए। हाथ पर हमले की इजाजत नहीं होती है। इसमें डबल स्ट्राइक की इजाजत नहीं होती है। यानी एक ही साथ दोनों तलवारबाज को अंक नहीं मिलते हैं। ऐसी स्थिति में यह देखा जाता है कि किसने हमले की शुरुआत पहले की थी। उसे ही अंक दिया जाता है।

Dark Saint Alaick
03-06-2012, 06:19 AM
सैबर

यह काटने वाला हथियार है। हालांकि खेल में प्रतिद्वंद्वी को काटना नहीं होता है। अंक तलवार की नोट और किनारे दोनों हिस्से से प्रहार करने पर मिलते हैं। सैबर में हाथ को छोड़कर कमर से ऊपर हर हिस्से पर प्रहार किया जा सकता है। प्रतिद्वंद्वी के कमर के हिस्से से ऊपर (हाथ को छोड़कर) किसी भी भाग पर तलवार के किसी भी हिस्से से संपर्क होने पर अंक मिलते हैं। इसमें जरूरी न्यूनतम ताकत नहीं मापी जाती है।

Dark Saint Alaick
03-06-2012, 06:20 AM
204 तलवारबाज कर चुके हैं क्वालिफाई

लंदन ओलिंपिक के लिए अब तक 44 देशों के 204 तलवारबाज क्वालिफाई कर चुके हैं। इसमें से सबसे ज्यादा 16 तलवारबाज अमेरिका के हैं। इटली और रूस के 15-15 तलवारबाजों ने लंदन ओलिंपिक का टिकट हासिल किया है। चीन से 13, जर्मनी से 12 और फ्रांस से 11 खिलाड़ियों ने इस खेल के लिए अब तक क्वालिफाई किया है। भारत से किसी खिलाड़ी को यह उपलब्धि हासिल नहीं हुई है। एशियाई देशों में चीन के अलावा जापान से आठ, हांगकांग से छह, कजाकिस्तान से तीन और अन्य कुछ देशों के भी एक-दो तीरंदाज लंदन ओलिंपिक में दिखाई देंगे।

Dark Saint Alaick
03-06-2012, 06:22 AM
नंबर गेम

1924 से महिला तलवारबाजी (फ्वाइल स्पर्धा) को ओलिंपिक खेलों में शामिल किया गया।

1936 में एपी में, 1956 में फ्वाइल में और 1988 में सैबर में इलेक्ट्रॉनिक गणना शुरू हुई।

07 पदक जीते थे इटली ने बीजिंग ओलिंपिक में। इसमें दो स्वर्ण और पांच कांस्य पदक शामिल।

04 लगातार ओलिंपिक में स्वर्ण पदक जीत चुकी हैं इटली की वालेंटीना वेजाली।

Dark Saint Alaick
03-06-2012, 06:24 AM
उद्घाटन से पहले शुरू हो जाएंगे फुटबॉल मुकाबले

वेन्यू - लंदन, कार्डिफ, ग्लासगो, मैनचेस्टर, न्यू कासल और कोवेंट्री

तिथि - 25 जुलाई-11 अगस्त

फुटबॉल विश्व का सबसे लोकप्रिय खेल माना जाता है और इसे चलाने वाली वैश्विक संस्था फीफा के सदस्यों की संख्या संयुक्त राष्ट्र के सदस्यों की संख्या से भी अधिक है। ओलिंपिक में फुटबॉल पहली बार 1900 में शामिल किया गया गया। तब से सिर्फ 1932 में फुटबॉल इस खेल महाकुंभ का हिस्सा नहीं रहा है। लंदन ओलिंपिक में फुटबॉल में दो स्वर्ण पदक (एक पुरुष वर्ग में और एक महिला वर्ग) दांव पर होंगे।

Dark Saint Alaick
03-06-2012, 06:25 AM
हंगरी की पुरुष टीम सबसे सफल

जब फुटबॉल की बात होती है तो ब्राजील, इटली, जर्मनी जैसे देशों की गिनती इसके पॉवरहाउस के तौर पर होती है, लेकिन ओलिंपिक खेलों में इन टीमों की खास दाल नहीं गली है। पुरुष वर्ग में हंगरी की टीम सबसे सफल रही है। हंगरी ने इसमें तीन स्वर्ण सहित पांच पदक जीते हैं। ब्रिटेन के नाम तीन स्वर्ण हैं। वहीं अर्जेंटीना, सोवियत संघ और उरुग्वे ने दो-दो बार ओलिंपिक फुटबॉल का स्वर्ण जीता है। महिला वर्ग में अमेरिका की टीम सबसे सफल है। अमेरिका ने अब तक इस वर्ग में तीन स्वर्ण और एक रजत पदक जीता है। नार्वे ने एक स्वर्ण और एक कांस्य पदक जीता है।

Dark Saint Alaick
03-06-2012, 06:25 AM
पुरुष वर्ग में अंडर-23 टीम लेती है भाग

ओलिंपिक फुटबॉल विश्व कप फुटबॉल को चुनौती न दे इसके लिए फीफा ने तय कर दिया है कि ओलिंपिक में हर देश की अंडर-23 फुटबॉल टीमें ही भाग लेंगी। सभी टीमों में हालांकि तीन खिलाड़ी 23 साल से ज्यादा के हो सकते हैं। इसी नियम के कारण फुटबॉल जगत की दिग्गज टीमें ओलिंपिक में खास कमाल नहीं कर पाई है। पुरुष वर्ग में ओलिंपिक फुटबॉल को फीफा का अंडर-23 वर्ल्ड कप भी कहा जाता है। वहीं महिला वर्ग में कोई उम्र सीमा लागू नहीं है और इसमें किसी भी देश की सर्वश्रेष्ठ टीम भाग ले सकती है।

Dark Saint Alaick
03-06-2012, 06:28 AM
प्रोफेशनल खिलाड़ियों पर थी पाबंदी

1900 और 1904 ओलिंपिक की फुटबॉल स्पर्द्धा में किसी देश की राष्ट्रीय टीम ने नहीं बल्कि क्लबों ने भाग लिया था। इसके बाद से ही इसमें राष्ट्रीय टीमों की भागीदारी शुरू हुई। हालांकि तब अंतर्राष्ट्रीय ओलिंपिक समिति ने प्रोफेशनल खिलाड़ियों के भाग लेने पर प्रतिबंध लगा दिया था और सिर्फ एमेच्योर्स को ही ओलिंपिक में खेलने की अनुमति थी। दूसरे विश्व युद्घ के बाद से सोवियत संघ और इसके नजदीकी पूर्वी यूरोप के देशों ने इस नियम का खूब फायदा उठाया। यहां के खिलाड़ी राष्ट्रीय तौर पर प्रायोजित होते थे, जिससे वे एमेच्योर बने रहते थे। यही वजह है कि 1948 से 1980 तक ओलिंपिक फुटबॉल में दांव पर लगे 27 में से 23 पदक पूर्वी यूरोप के देशों ने जीते।

Dark Saint Alaick
03-06-2012, 06:28 AM
1984 में फिर बदला नियम

प्रोफेशनल खिलाड़ियों पर पाबंदी लगने से ओलिंपिक फुटबॉल की लोकप्रियता घटने लगी थी। इसके बाद आईओसी ने इस नियम को हटा दिया। हालांकि तब तक फुटबॉल इतना लोकप्रिय हो चुका था कि फीफा ने अपने वर्ल्ड कप की साख बचाने के लिए ओलिंपिक में यूरोप और लैटिन अमेरिकी देशों की नंबर एक टीम की भागीदारी पर रोक लगा दी। तब यह समझौता हुआ कि यूरोप और लैटिन अमेरिकी देशों से अंडर-23 टीमें और एशिया, अफ्रीका और ओसियाना के देशों की नंबर एक टीमें ओलिंपिक में भाग लेंगी। 1992 बार्सिलोना ओलिंपिक से सभी देशों की अंडर-23 टीम ही ओलिंपिक में भाग लेती हैं।

Dark Saint Alaick
03-06-2012, 06:30 AM
एक बार सेमीफाइनल में पहुंची थी भारतीय टीम

भारतीय फुटबॉल टीम भले ही आज तक एक बार भी विश्व कप में न खेल पाई हो, लेकिन इसे ओलिंपिक में भाग लेने के मौके मिले हैं। भारतीय फुटबॉल टीम ने पहली बार 1948 लंदन ओलिंपिक में हिस्सा लिया था। इसमें बिना जूते खेलते हुए भारतीय खिलाड़ियों ने फ्रांस की मजबूत टीम को कड़ी चुनौती दी। भारत यह मैच 1-2 से हारा था। भारतीय टीम ने अगर दो पेनल्टी नहीं गंवाए होते तो मैच का परिणाम बदल भी सकता था। 1952 ओलिंपिक में भारत को यूगोस्लाविया के हाथों 1-10 से हार का सामना करना पड़ा। 1956 में हमारी टीम सेमीफाइनल में पहुंची थी। इसी ओलिंपिक में आस्ट्रेलिया के खिलाफ भारत के नेविले डिसूजा ने हैट्रिक जमाई थी। डिसूजा ओलिंपिक में हैट्रिक जमाने वाले एशिया के पहले प्लेयर हैं। सेमीफाइनल में भारत को यूगोस्लाविया से और तीसरे स्थान के लिए हुए मैच में बुल्गारिया से हार का सामना करना पड़ा।

Dark Saint Alaick
03-06-2012, 06:33 AM
नंबर गेम

02 रजत पदक ही जीत पाया है ब्राजील ओलिंपिक फुटबॉल में, वहीं वर्ल्ड कप में ब्राजील के नाम पांच खिताब हैं।

1996 अटलांटा ओलिंपिक में महिला फुटबॉल को पहली बार इस खेल महाकुंभ में शामिल किया गया।

2004 में अर्जेंटीना की टीम पहली बार ओलिंपिक में स्वर्ण पदक जीतने में सफल रही। 2008 में भी अर्जेंटीना चैम्पियन बना।

1974 के बाद से पहली बार 2012 में ब्रिटेन की टीम ओलिंपिक फुटबॉल में हिस्सा लेगी। इसमें सिर्फ इंग्लैंड के खिलाड़ी होंगे।

Dark Saint Alaick
09-06-2012, 12:06 PM
एक माह में दो बार गुलजार होगा विम्बलडन
लंदन ओलिंपिक की टेनिस स्पर्धाएं विम्बलडन के ग्रास कोर्ट पर आयोजित होगी, पांच स्वर्ण पदक होंगे दांव पर

टेनिस दुनिया के सबसे लोकप्रिय खेलों मे शामिल है और ओलिंपिक के दौरान इसमें विश्व भर के दिग्गज खिलाड़ी भाग लेते हैं। लंदन ओलिंपिक में पांच स्वर्ण पदक दांव पर होंगे। इनमें से दो पर भारत की निगाहें भी होंगी। 1896 में आयोजित पहले ओलिंपिक खेलों में भी टेनिस शामिल हुआ था और तब से 1924 तक लगातार सात बार इसका आयोजन हुआ। 1928 से 1964 तक टेनिस ओलिंपिक से बाहर रहा। 1968 में इस खेल की वापसी हुई लेकिन फिर 1972 से 1980 तक ओलिंपिक में टेनिस का आयोजन नहीं हुआ। 1984 ओलिंपिक से अब तक लगातार टेनिस इस खेल में बना हुआ है। लंदन ओलिंपिक में इसका आयोजन विश्व प्रसिद्ध विम्बलडन के ग्रास कोर्ट पर होगा। खास बात यह है कि इसी कोर्ट पर 25 जून से 8 जुलाई तक टेनिस ग्रैंड स्लैम में सबसे प्रतिष्ठित विम्बलडन टूर्नामेंट का आयोजन होना है। इसके तीन सप्ताह बाद ही यहां ओलिंपिक मुकाबले होंगे। इस तरह एक महीने के भीतर विम्बलडन कोर्ट दो बार गुलजार होंगे।

Dark Saint Alaick
09-06-2012, 12:07 PM
मिश्रित युगल का भी आयोजन

ओलिंपिक में अब तक टेनिस की चार स्पर्धाएं पुरुष एकल, महिला एकल,पुरुष युगल व महिला युगल आयोजित होती रही है। इस बार मिश्रित युगल का भी आयोजन होना है। हालांकि इससे पहले सिर्फ एक बार 1924 ओलिंपिक में भी मिश्रित युगल स्पर्धा आयोजित हुई थी। टेनिस के मुकाबले विम्बलडन के 12 कोर्ट पर आयोजित किए जाएंगे।

Dark Saint Alaick
09-06-2012, 12:07 PM
अमेरिका का दबदबा

ओलिंपिक टेनिस की पदक तालिका में वैसे तो अमेरिका और ब्रिटेन लगभग बराबरी की शक्ति दिखते हैं लेकिन ब्रिटेन के ज्यादातर पदक 1924 ओलिंपिक तक के ही जीते हुए हैं। अमेरिका ने इस खेल में अब तक 17 स्वर्ण सहित कुल 34 पदक जीते हैं। वहीं ब्रिटेन ने 16 स्वर्ण सहित 44 पदक अपने नाम किए हैं। ब्रिटेन ने इन पदकों में से 39 (15 स्वर्ण सहित) 1924 ओलिंपिक तक जीत लिए थे। ओवरआल पदक तालिका में फ्रांस पांच स्वर्ण सहित 19 पदक जीतकर तीसरे, जर्मनी चौथे और दक्षिण अफ्रीका पांचवें स्थान पर हैं। भारत ने ओलिंपिक टेनिस में अब तक सिर्फ एक पदक जीता है। लिएंडर पेस ने 1996 ओलिंपिक में पुरुष एकल में कांस्य पदक जीता था।

Dark Saint Alaick
09-06-2012, 12:08 PM
भाग लेते हैं लगभग सभी दिग्गज

1992 ओलिंपिक तक टेनिस स्पर्धाओं में ऊंची रैंकिंग वाले खिलाड़ी कम ही भाग लेते थे लेकिन 1996 में आंद्रे अगासी ने इसमें भाग लेने के साथ-साथ स्वर्ण पदक जीतकर इस परंपरा को बदल दिया। अब तो राफेल नडाल (बीजिंग ओलिंपिक के स्वर्ण पदक विजेता), रोजर फेडरर, नोवाक जोकोविच सहित लगभग तमाम दिग्गज ओलिंपिक खेलों में शिरकत करते हैं। वीनस विलियम्स ओलिंपिक में तीन स्वर्ण पदक जीतक सबसे सफल महिला खिलाड़ी हैं। वहीं पुरुष वर्ग में ब्रिटेन के रेगिनाल्ड डोहर्टी ने तीन स्वर्ण सहित कुल चार पदक जीते हैं।

Dark Saint Alaick
09-06-2012, 12:08 PM
करियर गोल्डन स्लैम की चाहत

कोई टेनिस खिलाड़ी अपने करियर में सभी ग्रैंड स्लैम जीत लेता है तो इसे करियर स्लैम बनाना कहा जाता है। करियर स्लैम बनाने वाला कोई खिलाड़ी अगर ओलिंपिक स्वर्ण भी जीत लेता तो इसे करियर गोल्डन स्लैम बनाना कहा जाता है। स्पेन के राफेल नडाल ने बीजिंग ओलिंपिक का स्वर्ण पदक जीता था। बाद में उन्होंने करियर स्लैम भी बना लिया। इस तरह नडाल का भी गोल्डन स्लैम पूरा हो गया। उनके अलावा अब तक सिर्फ दो अन्य खिलाड़ी जर्मनी की स्टेफी ग्राफ और अमेरिका के आंद्रे अगासी इस उपलब्धि को हासिल कर पाए हैं। इस बार अगर रोजर फेडरर स्वर्ण जीतने में सफल रहते हैं तो वह भी करियर गोल्डन स्लैम बना लेंगे।

Dark Saint Alaick
09-06-2012, 12:10 PM
दो वर्गों में भारत भी दावेदार

लंदन ओलिंपिक में भारत भी दो वर्गों में पदक जीतने का प्रबल दावेदार है। पुरुष युगल में भारत को लिएंडर पेस, महेश भूपति, रोहन बोपन्ना जैसे खिलाड़ियों से काफी उम्मीदें हैं। वहीं मिश्रित युगल में सानिया मिर्जा की मौजूदगी से भारत की संभावना बढ़ जाती है। सानिया मिर्जा ने एकल वर्ग में भी वाइल्ड कार्ड के लिए आवेदन किया है, लेकिन उनकी मौजूदा फॉर्म को देखकर ऐसा नहीं लगता कि वह मौका मिलने पर भी इसमें कोई कमाल दिखा पाएंगी। वहीं पूरी तरह फिट रहने की स्थिति में सोमदेव देवबर्मन भी पुरुष एकल में चुनौती पेश कर सकते हैं, लेकिन उनके लिए भी पदक की संभावनाएं काफी कम हैं।

Dark Saint Alaick
09-06-2012, 12:11 PM
नंबर गेम


2004 से ओलिंपिक का प्रदर्शन एटीपी और डब्ल्यूटीए रैंकिंग में शामिल किया जाने लगा। इसलिए भी ओलिंपिक में लगभग सभी शीर्ष खिलाड़ी भाग लेते हैं।

1968 और 1984 ओलिंपिक में टेनिस शामिल तो किया गया था लेकिन इसमें कोई पदक नहीं दिए गए। तब यह प्रदर्शनी खेल था।

172 टेनिस खिलाड़ी भाग लेंगे लंदन ओलिंपिक की पांच स्पर्धाओं में। सभी स्पर्धा में तीन पदक एक स्वर्ण, एक रजत व एक कांस्य दांव पर होंगे।

04 खिलाड़ी ही किसी एक देश से एकल वर्ग में हिस्सा ले सकता है। इसके लिए भी उसे रैंकिंग में शीर्ष 56 में होना होगा। 8 वाइल्ड कार्ड भी बंटेंगे।

Dark Saint Alaick
09-06-2012, 12:12 PM
वॉलीबॉल में चार स्वर्ण दांव पर
लंदन ओलिंपिक में इनडोर और बीच वॉलीबॉल के रूप में इस खेल की दो स्पर्धाएं होंगी

दुनिया के सबसे लोकप्रिय बॉल गेम्स में से एक वॉलीबॉल ओलिंपिक में पहली बार 1964 में शामिल किया गया। तब से यह खेल लगातार ओलिंपिक का हिस्सा रहा है। हालांकि इससे पहले 1924 ओलिंपिक में इसे अमेरिकी प्रदर्शनी खेल के तौर पर शामिल किया गया था जिसमें मेडल नहीं दिए गए थे। लंदन ओलिंपिक में वॉलीबॉल की दो स्पर्धाएं खेली जाएंगी। इसमें इनडोर और बीच वॉलीबॉल शामिल हैं। इनडोर वॉलीबॉल में एक टीम में छह खिलाड़ी होते हैं वहीं बीच वॉलीबॉल में एक टीम में दो खिलाड़ी होते हैं। बीच वॉलीबॉल पहली बार 1996 ओलिंपिक गेम्स में मेडल स्पोर्ट्स के रूप में शामिल हुआ था। 1992 ओलिंपिक में इसे प्रदर्शनी खेल के तौर पर शामिल किया गया था। इस तरह वॉलीबॉल में दोनों स्पर्धाओं को मिलाकर कुल चार स्वर्ण पदक (दो पुरुष वर्ग में और दो महिला वर्ग में) दांव पर होंगे।

Dark Saint Alaick
09-06-2012, 12:13 PM
फॉर्मेट

इनडोर वॉलीबॉल में कुल 12 टीमें हिस्सा लेती हैं। दो ग्रुप में छह-छह टीमों को रखा जाता है। दोनों ग्रुप में होने वाले लीग मैचों में सभी टीम एक-दूसरे से एक-एक मैच खेलती है। शीर्ष चार टीमें नॉकआउट राउंड या फाइनल राउंड में पहुंचती हैं। फाइनल राउंड में क्वार्टर फाइनल, सेमीफाइनल और फाइनल के मुकाबले होते हैं। वहीं बीच वॉलीबॉल में कुल 24 टीमें हिस्सा लेती हैं। इन्हें छह ग्रुप में बांटा जाता है। लीग मैचों के बाद प्ले आफ मुकाबले होते हैं।

Dark Saint Alaick
09-06-2012, 12:14 PM
बीच वॉलीबॉल में अमेरिका का दबदबा

जब से बीच वॉलीबॉल ओलिंपिक खेलों का हिस्सा बना है तब से अमेरिका ने इसमें हर बार कम से कम एक स्वर्ण पदक जरूर जीता है। अमेरिका ने अब तक पांच स्वर्ण सहित कुल सात पदक अपने नाम किए हैं। ब्राजील दो स्वर्ण के साथ कुल नौ पदक जीतकर दूसरे और आस्ट्रेलिया एक स्वर्ण के साथ दो पदक जीतकर तीसरे स्थान पर है। एशियाई देशों में चीन की टीमें सबसे सफल रही है। चीन ने इसमें एक रजत और एक कांस्य पदक जीता है।

Dark Saint Alaick
09-06-2012, 12:15 PM
इनडोर वॉलीबॉल में कड़ा मुकाबला

बीच वॉलीबॉल में जहां अमेरिका और ब्राजील की टीमें हावी हैं वहीं इनडोर वॉलीबॉल में मुकाबला ज्यादा कड़ा है। इसमें पुरुष वर्ग में अमेरिका और ब्राजील के साथ-साथ जापान, हॉलैंड, रूस, इटली की टीमें भी बड़ा कारनामा करने में सक्षम है। पुरुष वर्ग में सोवियत संघ ने तीन स्वर्ण सहित कुल छह पदक जीते हैं लेकिन 90 के दशक में सोवियत संघ के विघटन के बाद यह शक्ति समाप्त हो गई। अमेरिका ने अब तक तीन स्वर्ण के साथ चार पदक अपने नाम किए हैं। ब्राजील ने चार (दो स्वर्ण- दो रजत), जापान ने तीन, हॉलैंड ने दो पदक अपने नाम किए हैं। वहीं महिला वर्ग में सोवियत संघ ने चार स्वर्ण सहित छह पदक, क्यूबा ने तीन स्वर्ण सहित चार पदक, जापान व चीन ने दो-दो स्वर्ण सहित कुल पांच-पांच पदक अपने नाम किए हैं। ब्राजील ने एक स्वर्ण सहित तीन पदक जीते हैं। भारत अब तक ओलिंपिक वॉलीबॉल में हिस्सा भी नहीं ले पाया है।

Dark Saint Alaick
09-06-2012, 12:16 PM
टेनिस और हैंडबॉल को मिलाकर बना वॉलीबॉल

अमेरिका के मैसाचुसेट्स में वाईएमसीए के फिजीकल एडुकेशन डायरेक्टर विलियम जी मोर्गन को इस खेल का जन्मदाता कहा जाता है। उन्होंने 9 फरवरी 1895 में टेनिस और हैंडबॉल से प्रेरित होकर इस खेल की शुरुआत की। शुरुआत में इसमें खिलाड़ियों की संख्या तय नहीं थी और नेट की ऊंचाई 6 फुट 6 इंच रखी गई थी। अमेरिका के बाद वर्ष 1900 में इस खेल को कनाडा ने भी अपनाया। बाद में नियमों के कई बदलाव से गुजरने के बाद आधुनिक वॉलीबॉल सामने आया।

Dark Saint Alaick
09-06-2012, 12:17 PM
नंबर गेम

1949 में वॉलीबॉल की पहली वर्ल्ड चैंपियनशिप आयोजित हुई। महिलाओं की चैंपियनशिप 1952 में शुरू हुई।

2000 में बने नियम के तहत ऐसी सर्विस को भी मान्यता मिल गई जिसमें गेंद नेट को छूने के बावजूद विपक्षी खेमें में पहुंच जाती है।

03 बार लगातार (1992 से 1996) क्यूबा की महिला टीम ने स्वर्ण पदक जीता। ओलिंपिक में स्वर्ण की हैट्रिक जमाने वाली इकलौती टीम।

12 बार ब्राजील की पुरुष टीम ओलिंपिक वॉलीबॉल में हिस्सा ले चुकी है। किसी भी देश की तुलना में सर्वाधिक।

Dark Saint Alaick
09-06-2012, 12:19 PM
एक पदक के लिए स्वीमिंग, साइक्लिंग और रनिंग की चुनौती
सिडनी ओलिंपिक में पहली बार शामिल हुए ट्रायथलॉन की गितनी सबसे कठिन स्पर्धाओं में होती है

यूं तो ओलिंपिक में किसी भी खेल का पदक जीतना आसान नहीं होता है, लेकिन ट्रायथलॉन की गितनी सबसे कठिन स्पर्धाओं में होती है। इसमें एथलीट को एक पदक के लिए 1.5 किलोमीटर स्वीमिंग, 40 किलोमीटर साइक्लिंग और 10 किलोमीटर रनिंग करते हुए प्रतिद्वंद्वियों को पीछे छोड़ना होता है। ट्रायथलॉन को सबसे पहले सिडनी ओलिंपिक (वर्ष 2000) में शामिल किया गया। तब से बीजिंग ओलिंपिक में इसमें कुछ छह स्वर्ण पदकों का फैसला हुआ और ये स्वर्ण छह अलग-अलग देशों के खिलाड़ियों ने जीते हैं। इसका मतलब साफ है कि ओलिंपिक ट्रायथलॉन पर किसी एक देश का वर्चस्व नहीं है। लंदन ओलिंपिक में भी ट्रायथलॉन में दो स्वर्ण (एक पुरुष वर्ग में और एक महिला वर्ग में) दांव पर होंगे।

Dark Saint Alaick
09-06-2012, 12:20 PM
इवेंट इंट्रोडक्शन

ट्रायथलॉन में तीन खेल शामिल हैं। प्रतिभागियों को सबसे पहले 1.5 किलोमीटर की स्वीमिंग में हिस्सा लेना होता है। यह स्वीमिंग ओपन वाटर में होती है न कि किसी पूल में। ट्रायथलॉन की स्वीमिंग परंपरागत स्वीमिंग से थोड़ी अलग होती है। चूंकि खिलाड़ियों को इसके बाद साइकिलिंग और रनिंग भी करनी होती है लिहाजा वे पैरों की शक्ति को बचाने के प्रयास में इसका कम इस्तेमाल करते हैं। साइक्लिंग स्पर्धा 40 किलोमीटर की होती है। अन्य साइक्लिंग स्पर्धाओं को उलट इसमें प्रतिभागियों को एक-दूसरे के नजदीक चलने की इजाजत होती है। 1.5 किलोमीटर स्वीमिंग और 40 किलोमीटर साइक्लिंग के बाद 10 किलोमीटर दौड़ना इस खेल का सबसे कठिन हिस्सा है। इसमें एथलीट लॉन्ग डिसटेंस रनर की तरह शुरुआत में धीमा दौड़ते हैं और बाद में तेजी बढ़ाते हैं। तीन चरण एक के बाद एक पूरा करना होता है और इसमें कोई ब्रेक नहीं मिलता है।

Dark Saint Alaick
09-06-2012, 12:20 PM
एक वर्ग में 55 प्रतिद्वंद्वी

ओलिंपिक ट्रायथलॉन में पुरुष और महिला दोनों वर्गों में 55-55 प्रतिद्वंद्वी हिस्सा लेते हैं। हालांकि सिडनी ओलिंपिक में पुरुष वर्ग में 52 और महिला वर्ग में 48 खिलाड़ियों ने हिस्सा लिया था। 2004 एथेंस ओलिंपिक में दोनों वर्गों को मिलाकर कुल खिलाड़ियों की संख्या सिडनी की ही तरह 100 रही लेकिन इस बार 50 पुरुष और 50 महिलाओं ने हिस्सा लिया। बीजिंग ओलिंपिक में दोनों वर्गों में प्रतिभागियों की संख्या 55-55 कर दी गई। लंदन में भी 55-55 खिलाड़ी ही हिस्सा लेंगे।

Dark Saint Alaick
09-06-2012, 12:21 PM
ट्रायथलॉन के लिए कोई टिकट नहीं

लंदन ओलिंपिक में ट्रायथलॉन उन गिनी-चुनी स्पर्धाओं में शामिल है जिसे देखने के लिए दर्शकों को कोई टिकट नहीं खरीदना होगा। हायड पार्क में यह खेल आयोजित होना है और दर्शक चार अगस्त को महिला ट्रायथलॉन और 7 अगस्त को पुरुष ट्रायथलॉन का मुफ्त में मजा ले सकते हैं।

Dark Saint Alaick
09-06-2012, 12:31 PM
व्हाइटफील्ड और स्नोसिल के नाम ओलिंपिक रिकॉर्ड

http://myhindiforum.com/attachment.php?attachmentid=16935&stc=1&d=1339227058 http://myhindiforum.com/attachment.php?attachmentid=16936&stc=1&d=1339227058

पुरुष वर्ग में ट्रायथलॉन का ओलिंपिक रिकॉर्ड कनाडा के सिमोन व्हाइटफील्ड के नाम है। उन्होंने 2000 सिडनी ओलिंपिक में एक घंटा, 48 मिनट और 24.02 सेकेंड का समय निकाला था। वहीं महिला वर्ग का ओलिंपिक रिकॉर्ड आस्ट्रेलिया की एम्मा स्नोसिल के नाम है। उन्होंने 2008, बीजिंग ओलिंपिक में एक घंटा, 58 मिनट और 27.66 सेकेंड का समय निकाला था। ओलिंपिक के प्रदर्शन को वर्ल्ड रिकॉर्ड की होड़ में शामिल नहीं किया जाता है क्योंकि ट्रायथलॉन की अन्य अंतर्राष्ट्रीय स्पर्धाएं अलग-अलग चरणों में अलग-अलग दूरी की होती हैं।

Dark Saint Alaick
09-06-2012, 12:33 PM
नंबर गेम


1920 के दशक में फ्रांस में ट्रायथलॉन की शुरुआत हुई थी। इससे पहले तीन खेलों वाली स्पर्धा का जिक्र 1902 में मिलता है। हालांकि उसमें रनिंग, साइक्लिंग और कैनोइंग शामिल थे।

25 सितंबर 1974 को अमेरिकी शहर सैनिडएगो के मिसन बे नाम के जगह पर पहली बार आधुनिक ट्रायथलॉन का आयोजन हुआ था। इसमें 46 खिलाड़ियों ने हिस्सा लिया था।

1980 के दशक में अमेरिकी के जिम कर्ल ने 1.5 किलोमीटर स्वीमिंग, 40 किलोमीटर साइक्लिंग और 10 किलोमीटर रनिंग वाले ट्रायथलॉन का इजाद किया। यही ओलिंपिक में शामिल हुआ।

04 पदक जीते हैं आस्ट्रेलिया ने एक स्वर्ण सहित ओलिंपिक ट्रायथलॉन में अब तक। न्यूजीलैंड और स्विट्जरलैंड के नाम तीन-तीन पदक हैं। कनाडा और जर्मनी ने दो-दो पदक जीते हैं।

Dark Saint Alaick
09-06-2012, 12:35 PM
पानी में हैंडबॉल अर्थात वाटरपोलो
1900 में आयोजित ओलिंपिक में पहली बार शामिल हुआ था वाटरपोलो, तब से लगातार इस खेल महाकुंभ का हिस्सा

वेन्यू - ओलिंपिक पार्क
तिथि - 29 जुलाई-12 अगस्त
पुरुष वर्ग - 12 टीमें
महिला वर्ग - 8 टीमें

वाटरपोलो। नाम से प्रतीत होता है मानो पानी में पोलो जैसा खेल, लेकिन संरचना और नियमों के हिसाब से यह काफी हद तक हैंडबॉल से मिलता-जुलता है। वाटरपोलो को पहली बार वर्ष 1900 में आयोजित पेरिस ओलिंपिक में शामिल किया गया था। तब से लगातार यह ओलिंपिक का हिस्सा है। इस खेल में हंगरी, इटली और ब्रिटेन का दबदबा रहा है। हंगरी ने इटली और ब्रिटेन द्वारा जीते स्वर्ण पदकों की कुल संख्या से भी ज्यादा स्वर्ण जीते हैं।

Dark Saint Alaick
09-06-2012, 12:36 PM
इवेंट इंट्रोडक्शन

लंदन ओलिंपिक में वाटरपोलो की स्पर्द्धाएं पुरुष और महिला दोनों वर्गों में आयोजित होंगी। इस खेल में एक टीम में सात खिलाड़ी (एक गोलकीपर सहित) होते हैं। एक मैच चार पीरियड (क्वार्टर) में आयोजित होता है। हर पीरियड आठ-आठ मिनट के होते हैं। गोलकीपर एक नंबर लिखी हुई लाल कैप पहनता है। गोल के बाद, टाइम आउट के समय, हर क्वार्टर की शुरुआत में, फाउल या इंजरी के वक्त खिलाड़ियों को बदला जा सकता है। हॉकी की तरह जब गेंद खेल में नहीं होती है ,घड़ी को रोक दिया जाता है। इसी वजह से आठ मिनट का क्वार्टर पूरा होने में आम-तौर पर 12 मिनट लग जाते हैं। वाटरपोलो में हैंडआई कॉर्डिनेशन की बहुत ज्यादा जरूरत होती है। यह खूबी अच्छी और महान टीमों में अंतर पैदा करती है।

Dark Saint Alaick
09-06-2012, 12:36 PM
हंगरी के नाम सर्वाधिक स्वर्ण

ओलिंपिक वाटरपोलो में हंगरी की टीम सबसे सफल रही है। हंगरी ने अब तक नौ स्वर्ण सहित कुल 15 पदक जीते हैं। दूसरे स्थान पर ग्रेट ब्रिटेन ने चार स्वर्ण जीते हैं। इटली ने तीन स्वर्ण सहित छह पदक अपने नाम किए हैं। यूगोस्लाविया और सेवियत संघ (अब मौजूद नहीं) ने सात-सात पदक जीते हैं। अमेरिका ने कुल पदक तो 12 जीते हैं, लेकिन इसमें स्वर्ण सिर्फ एक ही है। जर्मनी, स्पेन, फ्रांस, हॉलैंड और आॅस्ट्रेलिया ने भी एक-एक पदक जीते हैं।

Dark Saint Alaick
09-06-2012, 12:37 PM
ब्लड इन द वाटर मैच

1956 मेलबर्न ओलिंपिक में हंगरी और सोवियत संघ के बीच खेला गया मैच ब्लड इन द वाटर यानी पानी में खून वाले मैच के तौर पर याद किया जाता है। यह मैच 6 दिसंबर 1956 को खेला गया था। उस समय हंगरी में सोवियत संघ की घुसपैठ के खिलाफ आंदोलन चल रहा था। लिहाजा दोनों देशों के बीच सम्बंध काफी तनावपूर्ण थे और इसका असर मैच के दौरान भी दिखा। दोनों टीमों के खिलाड़ी मैच में बार-बार फाउल कर रहे थे और एक-दूसरे के साथ धक्का-मुक्की कर रहे थे। हद तो तब हो गई तब सोवियत खिलाड़ी वेलेंटिन प्रकोपोव ने हंगरी के इरिवन जाडोर की आंख के नीचे हमला कर दिया। इससे उनकी आंखों से खून निकलने लगा। इसके बाद स्टैंड में मौजूद हंगरी के दर्शकों ने हंगामा कर दिया और मैच निर्धारित समय से एक मिनट पहले रोक देना पड़ा। उस समय हंगरी की टीम 4-0 से आगे थी। इसमें से दो गोल जाडोर ने किए थे। हंगरी को विजेता घोषित कर दिया गया और उसने फाइनल में यूगोस्लाविया को हराकर स्वर्ण पदक जीता।

Dark Saint Alaick
09-06-2012, 12:37 PM
पुरुष वर्ग में 12 और महिला वर्ग में आठ टीमें

लंदन ओलिंपिक में पुरुष वर्ग में 12 टीमें हिस्सा ले रही हैं। वहीं महिला वर्ग में आठ टीमें शामिल होंगी। लंदन ओलिंपिक का ड्रॉ जारी कर दिया गया है। पुरुष वर्ग में ग्रुप ए में ग्रीस, इटली, कजाकिस्तान, स्पेन, आस्ट्रेलिया और क्रोएशिया की टीमें शामिल हैं। ग्रुप बी में हंगरी, मोंटेनिग्रो, रोमानिया, ग्रेट ब्रिटेन, अमेरिका और सर्बिया की टीमें हैं। महिला वर्ग के ग्रुप ए में हंगरी, स्पेन, चीन और अमेरिका की टीमें शामिल हैं। वहीं ग्रुप बी में इटली, ग्रेट ब्रिटेन, रूस और आस्ट्रेलिया की टीमें हैं। ग्रेट ब्रिटेन को मेजबान होने के नाते दोनों वर्गों में सीधा प्रवेश मिला है। अन्य टीमें क्वालीफाई करके आई हैं।

Dark Saint Alaick
09-06-2012, 12:40 PM
नंबर गेम


1900 ओलिंपिक में फ्रांस की चार टीमों ने हिस्सा लिया था। सेमीफाइनल में हारने वाली दोनों टीमों को कांस्य पदक दिए गए थे। दोनों कांस्य फ्रांस को मिले थे।

1904 ओलिंपिक में वाटरपोलो में सिर्फ अमेरिका ने हिस्सा लिया था। अमेरिका की तीन टीमों ने इसमें शिरकत किया और स्वर्ण, रजत और कांस्य पर कब्जा जमाया।

2000 सिडनी ओलिंपिक में पहली बार महिला वाटरपोलो को शामिल किया गया। आस्ट्रेलिया, इटली और हॉलैंड ने इसमें एक-एक स्वर्ण पदक पर कब्जा जमाया है।

2005 से लेकर 2009 के बीच फीना द्वारा संशोधित नियमों के आधार पर होता है अब ओलिंपिक में वाटरपोलो खेल का आयोजन।

Dark Saint Alaick
09-06-2012, 12:46 PM
रूस ने तोड़ा अमेरिका और कनाडा का वर्चस्व
सिंक्रोनाइज्ड स्वीमिंग में सिडनी ओलिंपिक से अब तक सभी छह स्वर्ण पदक रूस के नाम

वेन्यू - लंदन एक्वाटिक्स सेंटर
तिथि - 5 अगस्त -10 अगस्त

सिंक्रोनाइज्ड स्वीमिंग यानी लयबद्ध तैराकी भी वाटरपोलो की तरह एक्वाटिक्स के तहत होने वाली स्पर्धाओं में शामिल है और फीना इसे अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर संचालित करती है। यह उन गिने-चुने ओलिंपिक स्पोर्ट्स में है जिसमें सिर्फ महिलाएं ही भाग लेती हैं। सिंक्रोनाइज्ड स्वीमिंग पहली बार 1984 ओलिंपिक खेलों का हिस्सा बनी। पहले इस खेल में अमेरिका और कनाडा का दबदबा था, लेकिन वर्ष 2000 में सिडनी ओलिंपिक से रूस ने इन देशों का प्रभुत्व खत्म कर दिया। तब से अब तक रूस ने इस खेल में दांव पर लगे सभी छह स्वर्ण पदक अपने नाम किए हैं।

Dark Saint Alaick
09-06-2012, 12:47 PM
स्वीमिंग, डांस और जिमनास्टिक का मिश्रण

http://myhindiforum.com/attachment.php?attachmentid=16937&stc=1&d=1339228030

सिंक्रोनाइज्ड स्वीमिंग में एडवांस वाटर स्किल की जरूरत पड़ती है और इसमें भाग लेने वाले खिलाड़ियों को स्वीमिंग, डांस और जिमनास्टिक तीनों में पारंगत होना होता है। इस खेल की शुरुआत 19वीं सदी के आखिरी सालों में हुई। 1891 में इसकी प्रतियोगिता बर्लिन में हुई थी। तब इसे वाटर बैले के नाम से जाना जाता था। इसके बाद के सालों में यह एक साथ कई देशों आस्ट्रेलिया, कनाडा, फ्रांस, जर्मनी, अमेरिका आदि में लोकप्रिय हुआ। शुरुआती दिनों में इस खेल में सिर्फ पुरुष भाग लेते थे लेकिन जरूरतों के हिसाब से यह धीरे-धीरे महिलाओं के खेल में तब्दील हो गया। हालांकि कुछ अंतर्राष्ट्रीय स्पर्धाओं में अब भी पुरुष हिस्सा लेते हैं लेकिन दो सबसे बड़ी प्रतियोगिता वर्ल्ड चैंपियनशिप और ओलिंपिक में सिर्फ महिलाएं ही भाग लेती हैं।

Dark Saint Alaick
09-06-2012, 12:48 PM
1952 ओलिंपिक में प्रदर्शनी खेल

सिंक्रोनाइज्ड स्वीमिंग को 1952 ओलिंपिक में प्रदर्शन खेल के तौर पर शामिल किया गया था। 1968 में इसे फीना ने चौथे वाटर स्पोर्ट्स के रूप में मान्यता दी। इससे पहले स्वीमिंग, डाइविंग और वाटर पोलो को फीना की मान्यता मिल चुकी थी। 1984 से 1992 ओलिंपिक तक इस खेल में सोलो (एकल) और डुएट (युगल) स्पर्धाएं आयोजित होती थीं। 1996 में दोनों स्पर्धाओं को हटाकर टीम इवेंट को शामिल किया गया। हालांकि 2000 सिडनी ओलिंपिक से डुएट को एक बार फिर शामिल कर लिया गया और तब से डुएट और टीम स्पर्धा आयोजित होने लगी।

Dark Saint Alaick
09-06-2012, 12:49 PM
टीम इवेंट में आठ और डुएट में 24 टीमें

लंदन ओलिंपिक में टीम इवेंट में आठ टीमें हिस्सा ले रही हैं। इनमें आस्ट्रेलिया, कनाडा, चीन, ग्रेट ब्रिटेन, इजिप्ट, जापान, रूस और स्पेन शामिल हैं। डुएट में भी यह आठ टीमें हिस्सा लेंगी लेकिन इनके आलावा 16 अन्य देशों की टीमों को भी भागीदारी का मौका मिलेगा। ये 16 टीमें ओलिंपिक क्वालिफाइंग टूनार्मेंट के जरिए ओलिंपिक में पहुंची हैं। कुल मिलाकर लंदन ओलिंपिक की सिंक्रोनाइज्ड स्वीमिंग में 108 खिलाड़ी हिस्सा लेंगी।

Dark Saint Alaick
09-06-2012, 12:50 PM
नंबर गेम


1933 में शिकागो में द मॉडर्न मेरमेड्स शो में पहली बार सिंक्रोनाइज्ड स्वीमिंग शब्द का इस्तेमाल हुआ।

1944 से 1980 तक कई हॉलीवुड फिल्मों के जरिए इस खेल का खूब प्रचार हुआ।

12 पदक जीते हैं जापान ने अब तक। इसमें एक भी स्वर्ण शामिल नहीं।

03 देशों ने ही अब तक स्वर्ण पदक जीतने में सफलता हासिल की है। छह स्वर्ण के साथ रूस सबसे आगे।

Dark Saint Alaick
13-06-2012, 05:43 AM
तरणताल में तय होंगे 34 स्वर्ण पदकों के विजेता
1896 से हर ओलिंपिक खेलों में स्विमिंग शामिल, अमेरिका ने जीते हैं सर्वाधिक पदक

स्विमिंग यानी तैराकी का इतिहास उतना ही पुराना है जितना मानव सभ्यता का। इसके बारे में पुराना रिकॉर्ड 7,000 साल पहले पाषाण कालीन पेंटिंग्स के रूप में उपलब्ध है। वहीं सबसे पुराना लिखित दस्तावेज करीब 2,000 साल पुराना है। जाहिर है जब इंसानों ने खेलना शुरू किया तैराकी के मुकाबले उसकी शुरुआती पंसद में शामिल रहा। वैसे यूरोप में प्रतिस्पर्धी तैराकी की शुरुआत 1800 ई. के आसपास हुई। तब केवल ब्रेस्ट स्ट्रोक स्पर्धाएं आयोजित होती थीं। 1896 में एथेंस में हुए पहले ओलिंपिक खेलों में भी तैराकी शामिल हुई और तब से यह हर ओलिंपिक का हिस्सा है।

Dark Saint Alaick
13-06-2012, 05:43 AM
खुले पानी से पूल तक का सफर

ओलिंपिक तैराकी हमेशा से ही पूल में आयोजित नहीं होती थी। 1896 में इसका आयोजन भूमध्य सागर में, 1900 में सीन नदी में व 1904 में कृत्रिम झील में हुआ हुआ था। 1908 में 100 मीटर के पूल में तैराकी की स्पर्धाएं हुई। 1924 ओलिंपिक में पहली बार 50 मीटर के पूल में आयोजित हुए। 1940 ओलिंपिक तक सभी पुरुष तैराक फुल बॉडी स्वीम शूट पहनते थे। बटर फ्लाई स्ट्रोक की शुरुआत 1956 ओलिंपिक से हुई।

Dark Saint Alaick
13-06-2012, 05:44 AM
अमेरिका का दबदबा

ओलिंपिक तैराकी में अमेरिका का दबदबा रहा है। अमेरिकी तैराकों ने अब तक इसमें 214 स्वर्ण सहित कुल 489 पदक जीते हैं। दूसरे स्थान पर आस्ट्रेलिया कायम है। आस्ट्रेलिया ने ओलिंपिक तैराकी में 56 स्वर्ण सहित 68 पदक जीते हैं। 38 स्वर्ण के साथ पूर्वी जर्मनी तीसरे और 23 स्वर्ण के साथ हंगरी चौथे स्थान पर है। एशियाई देशों में जापान सबसे बड़ी शक्ति है। जापान ने तैराकी में अब तक 20 स्वर्ण सहित कुल 62 पदक जीते हैं।

Dark Saint Alaick
13-06-2012, 05:44 AM
इवेंट इंट्रोडक्शन

लंदन ओलिंपिक में कुल 34 स्वर्ण पदक तैराकी में दांव पर होंगे। इसमें 17 स्वर्ण पुरुष वर्ग में और 17 स्वर्ण महिला वर्ग में होंगे। 50 मी. 100 मी. 200 और 400 मी. फ्री स्टाइल की स्पर्धाएं दोनों वर्गों में आयोजित होती हैं। जहां तक लंबी दूरी की फ्रीस्टाइल स्पर्धा की बात है तो पुरुष वर्ग में 1500 मी. तो महिला वर्ग में 800 मी. फ्रीस्टाइल स्पर्धा होती है। बैक स्ट्रोक, ब्रेस्ट स्ट्रोक और बटर फ्लाई में दोनों वर्गों में 100 मी. और 200 मी. की स्पर्धा होती है। इंडिविजुअल मेडले में पुरुष और महिला दोनों के लिए 200 मी. और 400 मीटर की स्पर्धा आयोजित होती है। रिले में 4 गुणा 100 मीटर, 4 गुणा 200 मीटर और 4 गुणा 100 मीटर मेडले रिले दोनों वर्गों के लिए आयोजित की जाती हैं।

Dark Saint Alaick
13-06-2012, 05:45 AM
फेल्प्स के नाम सर्वाधिक स्वर्ण

अमेरिका के माइकल फेल्प्स न सिर्फ स्विमिंग बल्कि किसी भी खेल में सबसे ज्यादा पदक जीतने वाले खिलाड़ी हैं। उन्होंने अब तक 16 ओलिंपिक मेडल जीते हैं जिसमें 14 स्वर्ण पदक हैं। स्विमिंग में दूसरे, तीसरे, तौथे नंबर पर भी अमेरिकी खिलाड़ी ही मौजूद हैं। मार्क स्पिट्ज नौ स्वर्ण सहित कुल 11 पदक के साथ दूसरे स्थान पर हैं। जेनी थॉम्पसन (12 पदक) तीसरे और मैट बिनोडी (11 पदक) चौथे स्थान पर हैं।

Dark Saint Alaick
13-06-2012, 05:46 AM
नंबर गेम


1912 ओलिंपिक से पहली बार महिला स्विमिंग को शामिल किया गया।

214 स्वर्ण सहित कुल 489 पदक जीते हैं अमेरिका ने। आस्ट्रेलिया 56 स्वर्ण के साथ दूसरे स्थान पर।

87 स्वर्ण पदक सहित 208 पदक जीते हैं अमेरिका ने ओलिंपिक महिला स्विमिंग में।

1968 ओलिंपिक में पहली बार महिलाओं के लिए लंबी दूरी की तैराकी का आयोजन हुआ।

Dark Saint Alaick
13-06-2012, 05:47 AM
पानी में गोता लगाकर तलाशेंगे स्वर्ण
लंदन ओलिंपिक में डाइविंग में दांव पर होंगे आठ स्वर्ण पदक, चीन का है इस खेल में दबदबा

वेन्यू - लंदन एक्वाटिक सेंटर
तिथि - 29 जुलाई - 11 अगस्त

चीन को ओलिंपिक महाशक्ति बनाने में जिन खेलों का महत्वपूर्ण योगदान रहा है उनमें से एक डाइविंग यानी गोताखोरी भी है। बीजिंग ओलिंपिक में चीन ने डाइविंग में दांव पर लगे आठ में से सात स्वर्ण पदक जीते थे। कभी इस खेल की महाशक्ति रहा अमेरिका एक भी पदक नहीं जीत पाया था। लंदन ओलिंपिक में भी डाइविंग में आठ स्वर्ण सहित कुल 24 पदकों के लिए होड़ होगी और इस बार भी चीन की दावेदारी सबसे अधिक मजबूत है।

Dark Saint Alaick
13-06-2012, 05:48 AM
इवेंट इंट्रोडक्शन

लंदन ओलिंपिक में महिला और पुरुष दोनों वगों में चार-चार स्पर्धाएं होंगी। ये स्पर्धाएं 3 मी. स्प्रिंग बोर्ड, सिंक्रोनाइज्ड 3 मी. स्प्रिंग बोर्ड, 10 मीटर प्लेटफॉर्म और 10 मी. सिंक्रोनाइज्ड प्लेटफॉर्म हैं। लंदन में इन चारों वर्गों को मिलाकर कुल 136 पुरुष और महिला खिलाड़ी हिस्सा लेंगे। डाइविंग में तीन पहलुओं एप्रोच, डाइव और इंट्री को ध्यान में रखकर अंक दिए जाते हैं। एक डाइव में हर पहलू के लिए तीन अंक हैं और एक अंक जज के विवेक पर मिलता है। इस तरह प्रत्येक डाइव में अधिकतम 10 अंक मिल सकते हैं। कुल मिलाकर सर्वाधिक अंक लाने वाला स्वर्ण पदक जीतता है। दूसरे स्थान के लिए रजत और तीसरे स्थान के लिए कांस्य पदक मिलते है।

Dark Saint Alaick
13-06-2012, 05:48 AM
1904 ओलिंपिक से हुई थी शुरुआत

पहले दो ओलिंपिक खेलों (1896 और 1900) में डाइविंग का आयोजन नहीं हुआ था। पहली बार यह खेल 1904 ओलिंपिक खेलों का हिस्सा बना और तब से लगातार यह ओलिंपिक खेल बना हुआ है। तब इसे फेंसी डाइविंग के नाम से जाना जाता था। 1904 में सिर्फ प्लेटफार्म डाइविंग (सिर्फ पुरुष वर्ग में) को शामिल किया गया था। 1908 ओलिंपिक में भी सिर्फ पुरुषों ने भाग लिया था, लेकिन उस बार स्प्रिंग बोर्ड डाइविंग को भी शामिल किया गया। महिला डाइविंग पहली बार 1912 ओलिंपिक में शामिल हुआ। महिलाओं की स्प्रिंग बोर्ड डाइविंग 1920 ओलिंपिक खेलों में पहली बार शामिल हुई।

Dark Saint Alaick
13-06-2012, 05:49 AM
अमेरिका के नाम 48 स्वर्ण

चीन ने ओलिंपिक में काफी देर से भाग लेना शुरू किया है। इससे पहले डाइविंग में अमेरिका का ही दबदबा था। अमेरिका ने डाइविंग में अब तक 48 स्वर्ण सहित 131 पदक जीते हैं। वहीं चीन 27 स्वर्ण सहित 49 पदक लेकर दूसरे स्थान पर है। स्वीडन छह स्वर्ण के साथ 21 पदक जीतकर तीसरे और सोवियत यूनियन (अब अस्तित्व में नहीं) चार स्वर्ण सहित 14 पदक लेकर चौथे स्थान पर है। सोवियत संघ के विघटन के बाद रूस ओलिंपिक में हिस्सा लेता रहा है। डाइविंग में रूस के नाम तीन स्वर्ण सहित 16 पदक हैं और वह ओवरआॅल तालिका में पांचवें स्थान पर है। इटली, आस्ट्रेलिया और जर्मनी ने भी तीन-तीन स्वर्ण पदक जीते हैं।

Dark Saint Alaick
13-06-2012, 05:50 AM
नंबर गेम


1984 में पहली बार चीन ने भाग लिया। इससे पहले अंतर्राष्ट्रीय स्विमिंग एसोसिएशन (फीना) ने उस पर प्रतिंबध लगाया हुआ था।

2000 सिडनी ओलिंपिक से पहली बार पुरुष और महिला दोनों वर्गों में सिंक्रोनाइज्ड डाइविंग को शामिल किया गया।

1964 टोक्यो ओलिंपिक में भारत ने भी डाइविंग स्पर्धा में हिस्सा लिया था। हालांकि भारतीय पदक जीतने में सफल नहीं हो पाए।

1928 से लेकर 1996 ओलिंपिक तक डाइविंग की स्पर्धाओं में कोई बदलाव नहीं हुआ। इस दरम्यान छह स्वर्ण पदक दांव पर रहते थे।

Dark Saint Alaick
13-06-2012, 05:52 AM
रोइंग में 14 स्वर्ण पदक के लिए होगा मुकाबला
लंदन ओलिंपिक में पुरुष वर्ग में आठ , महिला वर्ग में छह स्वर्ण पदक दांव पर

वेन्यू : डोर्नी लेक
तिथि : 28 जुलाई से 4 अगस्त

ओलिंपिक में नाव (बोट) से जुड़ी कुल तीन स्पर्धाएं रोइंग, सेलिंग और कैनोइंग शामिल हैं। इन तीनों खेलों में पानी और नाव की मौजूदगी है लेकिन ये एक-दूसरे से काफी अलग हैं। आज हम रोइंग के बारे में जानेंगे। रोइंग को हम नौकायन के तौर पर भी जानते हैं। लंदन ओलिंपिक में इस खेल में कुल 14 स्वर्ण पदक दांव पर होंगे। इनमें से आठ पुरुष वर्ग में और छह महिला वर्ग में होंगे।

Dark Saint Alaick
13-06-2012, 05:53 AM
इवेंट इंट्रोडक्शन : कुल दूरी-2000 मी.

रोइंग में दो तरह की नाव एक लाइटवेट और एक हैवीवेट इस्तेमाल होती है। इसके अलावा रोइंग के मुकाबले दो शैलियों स्वीप और स्कलिंग में भी विभाजित होते हैं। स्वीप में एक प्रतियोगी द्वारा एक चप्पू का इस्तेमाल किया जाता है वहीं स्कलिंग में दो चप्पुओं का इस्तेमाल होता है।

पुरुष वर्ग की स्पर्धाएं : सिंगल स्कल्स, कोक्सलेस पेयर, डबल स्कल्स, लाइटवेट डबल स्कल्स, कोक्सलेस फोर, क्वाड्रापल स्कल्स, एट और लाइटवेट कोक्सलेस फोर।

महिला वर्ग की स्पर्धाएं : सिंगल स्कल्स, कोक्सलेस पेयर, डबल स्कल्स, लाइटवेट डबल स्कल्स, क्वाड्रापल स्कल्स और एट।

Dark Saint Alaick
13-06-2012, 05:54 AM
अमेरिका और जर्मनी का दबदबा

ओलिंपिक रोइंग में ईस्ट जर्मनी (अब अस्तित्व में नहीं) ने सर्वाधिक स्वर्ण पदक जीते हैं। ईस्ट जर्मनी के नाम 33 स्वर्ण सहित कुल 48 पदक हैं। वहीं दूसरे स्थान पर अमेरिका के नाम 31 स्वर्ण सहित कुल 84 पदक हैं। ब्रिटेन ने 24 स्वर्ण के साथ कुल 54 और जर्मनी ने 19 स्वर्ण के साथ 45 पदक जीते हैं। एशियाई देशों में सबसे अच्छा प्रदर्शन चीन का है। चीन ने एक स्वर्ण के साथ कुल छह पदक जीते हैं। 2008 बीजिंग ओलिंपिक में ब्रिटेन दो स्वर्ण के साथ कुल छह पदक जीतकर पहले स्थान पर रहा था। आस्ट्रेलिया ने दो स्वर्ण के साथ तीन पदक जीते थे। कनाडा, अमेरिका, चीन समेत कुल 10 देशों ने एक-एक स्वर्ण पदक पर कब्जा जमाया। लंदन ओलिंपिक में भारत भी रोइंग में भाग लेगा। भारतीय के तीन खिलाड़ियों ने दो स्पर्धाओं मेंस सिंगल्स स्कल्स और लाइटवेट मेंस डबल्स स्क्लस के लिए क्वालिफाई किया है। ग्वांगझू एशियन गेम्स ने राजस्थान के बजरंग लाल ताखड़ ने भारत को इस खेल का पहला स्वर्ण पदक दिलाया था। लिहाजा लंदन में भी भारत को अच्छे प्रदर्शन की उम्मीद होगी।

Dark Saint Alaick
13-06-2012, 05:54 AM
सबसे पुराने खेलों में से एक

रोइंग ओलिंपिक में शामिल सबसे पुराने खेलों में से एक है। 1900 में पेरिस में आयोजित दूसरे ओलिंपिक में रोइंग को पहली बार शामिल किया गया, तब से यह हर बार इस खेल महाकुंभ का हिस्सा है। 1896 में आयोजित पहले ओलिंपिक में भी रोइंग शामिल था लेकिन तब खराब मौसम के कारण टाल देना पड़ा। 1900 से 1972 ओलिंपिक तक रोइंग में सिर्फ पुरुषों की भागीदारी थी लेकिन 1976 से महिलाओं को भी इसमें मौका मिलने लगा।

Dark Saint Alaick
13-06-2012, 05:55 AM
नंबर गेम


1996 ओलिंपिक में पहली बार लाइटवेट रोइंग को शामिल किया गया। इससे पहले सर्फ हैवीवेट रोइंग होती थी।

1992 में महिलाओं की कोक्सलेस फोर इवेंट शामिल की गई लेकिन इसके बाद इसे हटा लिया गया।

1000 मीटर रेस होती थी महिला रोइंग में 1988 तक। बाद में इसे 2000 मीटर कर दिया गया।

550 खिलाड़ी हिस्सा लेंगे लंदन ओलिंपिक की रोइंग स्पर्धा में। इसमें 353 पुरुष और 197 महिला खिलाड़ी शामिल हैं।

Dark Saint Alaick
13-06-2012, 05:57 AM
कैनोइंग और कयाकिंग में 16 पदक दांव पर

*पुरुष वर्ग में 11 और महिला वर्ग में पांच स्वर्ण पदक
*इस खेल में यूरोपीय देशों का है दबदबा

वेन्यू - ली वैली व्हाइट वाटर सेंटर और एटोन डोर्नी
तिथि - 29 जुलाई से 2 अगस्त, 6 से 11 अगस्त

कैनोइंग और कयाकिंग भी रोइंग की तरह एक बोट स्पोर्ट्स है, लेकिन उपकरणों की बनावट और खेल के नियमों में भिन्नता के कारण यह एक दूसरे से काफी अलग है। कैनोइंग और कयाकिंग सबसे लोकप्रिय ओलिंपिक खेलों में एक है और लंदन में इसमें 16 स्वर्ण पदक दांव पर होंगे। इसमें पुरुष वर्ग में 11 और महिला वर्ग में पांच स्वर्ण पदक के लिए मुकाबले होंगे।

Dark Saint Alaick
13-06-2012, 05:58 AM
इवेंट इंट्रोडक्शन

जैसा कि नाम से जाहिर है इस खेल में दो तरह की बोट इस्तेमाल में आती हैं। एक का नाम कैनो है। इससे होने वाली स्पर्धा कैनोइंग के नाम से जाती है। वहीं कयाक से होने वाली स्पर्धा कयाकिंग कहलाती है। कैनोइंग की स्पर्धाएं सी 1, सी 2 कोड से जानी जाती हैं। इसमें एक या दो खिलाड़ियों वाले मुकाबले होते हैं। कयाकिंग की स्पर्धाओं में के1 से लेकर के4 (खिलाड़ियों की संख्या के आधार पर) तक कोड इस्तेमाल होते हैं। इसमें एक से लेकर चार खिलाड़ियों तक के मुकाबले होते हैं। महिलाएं सिर्फ कयाकिंग स्पर्धाओं में भाग लेती हैं। ये स्पर्धाएं भी दो प्रारूपों स्लैलोम और स्प्रिंट में होती है।

Dark Saint Alaick
13-06-2012, 05:59 AM
लंदन ओलिंपिक की स्पर्धाएं

स्लैलोम - पुरुष सी-1, पुरुष सी-2, पुरुष के -1 और महिला के-1

स्प्रिंट - पुरुष वर्ग : सी-1 200 मीटर, सी-1 1000 मीटर, सी-2 1000 मीटर, के-1 200 मीटर, के-1 1000 मीटर, के-2 1000 मीटर, के-4 1000 मीटर

महिला वर्ग : के-1 200 मीटर, के-1 500 मीटर, के-2 500 मीटर, के-4 500 मीटर

Dark Saint Alaick
13-06-2012, 06:00 AM
1936 से ओलिंपिक का हिस्सा

कैनोइंग और कयाकिंग को पहली बार 1936 ओलिंपिक में शामिल किया गया। तब से यह लगातार इस खेल महाकुंभ का हिस्सा है। हालांकि इसे 1924 ओलिंपिक में भी शामिल किया गया था, लेकिन तब यह सिर्फ एक प्रदर्शनी खेल था और इसमें विजेताओं को कोई पदक नहीं दिए गए थे। कैनोइंग को कयाकिंग की तुलना में ज्यादा मुश्किल माना जाता है लिहाजा अभी भी महिलाएं सिर्फ कयाकिंग में ही हिस्सा लेती हैं।

Dark Saint Alaick
13-06-2012, 06:00 AM
सोवियत संघ और जर्मनी सबसे आगे

कैनोइंग और कयाकिंग में सोवियत संघ (अब अस्तित्व में नहीं) ने 29 स्वर्ण सहित कुल 51 पदक जीते हैं। जर्मनी 25 स्वर्ण सहित कुल 55 पदक लेकर दूसरे स्थान पर है। हंगरी ने 19 स्वर्ण सहित कुल 71 पदक जीते हैं। चौथे स्थान पर काबिज स्वीडन ने 15 स्वर्ण सहित कुल 30 पदक अपने नाम किए हैं। पूर्वी जर्मनी (अब अस्तित्व में नहीं) ने 14 स्वर्ण सहित 30 पदक जीते हैं। एशियाई देशों में सिर्फ चीन ने पदक जीतने में सफलता हासिल की है। चीन के नाम दो स्वर्ण सहित चार पदक हैं। 2008 बीजिंग ओलिंपिक में जर्मनी ने तीन स्वर्ण सहित आठ पदक जीतकर पहला स्थान हासिल किया था। दूसरे स्थान पर रहने वाले स्लोवाकिया ने तीन स्वर्ण सहित चार पदक जीते थे। हंगरी और बेलारूस ने दो-दो स्वर्ण जीते थे। स्पेन, आस्ट्रेलिया, ब्रिटेन, रूस, यूक्रेन और चीन ने एक-एक स्वर्ण अपने नाम किया था।

Dark Saint Alaick
13-06-2012, 06:01 AM
नंबर गेम


2008 ओलिंपिक तक पुरुष वर्ग में भी 500 मीटर की स्पर्धा होती थी, लेकिन लंदन ओलिंपिक में इसे 200 मीटर की स्पर्धा से तब्दील कर दिया गया है।

1936 से 1956 ओलिंपिक तक पुरुष वर्ग में 10 किलोमीटर लंबी स्पर्धा भी आयोजित होती थी।1960 से इसका आयोजन बंद हो गया।

1976 से 2008 ओलिंपिक तक कैनोइंग और कयाकिंग स्पर्धा के फाइनल दो दिन में समाप्त होते थे। इस बार फाइनल्स तीन दिन चलेंगे।

330 खिलाड़ी लंदन ओलिंपिक की कैनोइंग और कयाकिंग स्पर्धा में हिस्सा लेंगे। इसमें पुरुष और महिला दोनों खिलाड़ी शामिल हैं।

Dark Saint Alaick
13-06-2012, 06:03 AM
दस स्वर्ण के लिए सागर में होगी होड़
ओलिंपिक की सबसे लोकप्रिय स्पर्धाओं में एक है सेलिंग, ग्रेट ब्रिटेन का है इस खेल में दबदबा

वेन्यू - वे माउथ और पोर्टलैंड
तिथि -28 जुलाई - 11 अगस्त

सेलिंग यानी पाल नौकायन की गिनती ओलिंपिक की सबसे लोकप्रिय स्पर्धाओं में होती है। यह संभवत: इकलौता ओलिंपिक खेल है जिसका आयोजन सागर में होता है। लंदन ओलिंपिक में प्रतिभागी इस खेल में दांव पर लगे 10 स्वर्ण पदकों के लिए मुकाबला करेंगे। यह खेल 1904 को छोड़कर हर ओलिंपिक का हिस्सा रहा है। 1896 में आयोजित पहले ओलिंपिक खेलों में खराब मौसम के कारण इसकी स्पर्धाएं रद्द करनी पड़ी थी।

Dark Saint Alaick
13-06-2012, 06:05 AM
इवेंट इंट्रोडक्शन

लंदन ओलिंपिक में सेलिंग की कुल दस स्पर्धाएं आयोजित होंगी। इसमें से पांच पुरुषों के लिए, चार महिलाओं के लिए और एक मिश्रित वर्ग में है।

पुरुष वर्ग की स्पर्धाएं - सेलबोर्ड, लेजर क्लास, फिन क्लास, 470 क्लास और स्टार क्लास।

महिला वर्ग की स्पर्धाएं - सेलबोर्ड,लेजर रेडियल, 470 क्लास और एलियट 6 एम।

ओपन वर्ग - 49ईआर क्लास
49ईआर क्लास ओपन वर्ग है और इसमें पुरुष और महिला दोनों हिस्सा ले सकते हैं। इस स्पर्धा की वजह से घुड़सवारी के साथ सिर्फ दूसरा ऐसा ओलिंपिक खेल है जिसमें एक पदक के लिए महिलाएं सीधे पुरुषों को चुनौती दे सकती हैं। 1988 सियोल ओलिंपिक तक सेलिंग की सभी स्पर्धा ओपन वर्ग की थीं लेकिन 1992 बार्सिलोना ओलिंपिक से इसमें बदलाव कर पांच पुरुषों के लिए, चार महिलाओं के लिए और एक ओपन वर्ग के लिए कर दिया गया।

Dark Saint Alaick
13-06-2012, 06:05 AM
ब्रिटेन का रहा है दबदबा

ओलिंपिक सेलिंग में ब्रिटेन ने सबसे ज्यादा स्वर्ण पदक जीते हैं। ब्रिटेन के नाम इस खेल में 24 स्वर्ण सहित कुल 49 पदक हैं। वहीं अमेरिका ने 19 स्वर्ण सहित 59 पदक जीते हैं। नार्वे 17 स्वर्ण के साथ कुल 31 पदक जीतकर तीसरे, फ्रांस 12 स्वर्ण सहित 37 पदक जीतकर चौथे और डेनमार्क 12 स्वर्ण सहित 26 पदक जीतकर पांचवें स्थान पर है। एशियाई देशों में चीन का प्रदर्शन सबसे अच्छा है। चीन ने एक स्वर्ण सहित कुल चार पदक जीते हैं और वह आॅवरआॅल सूची में 23वें स्थान पर है। पिछले तीन ओलिंपिक ;सिडनी, एथेंस और बीजिंग में भी ब्रिटेन ही सेलिंग में अव्वल रहा है। बीजिंग ओलिंपिक में ब्रिटेन ने चार स्वर्ण सहित कुल छह पदक जीते थे।

Dark Saint Alaick
13-06-2012, 06:09 AM
पॉल एल्वस्ट्रॉम महानतम सेलर

http://myhindiforum.com/attachment.php?attachmentid=17063&stc=1&d=1339549770

डेनमार्क के पॉल एल्वस्ट्रॉम ओलिंपिक सेलिंग के महानतम खिलाड़ी माने जाते हैं। उन्होंने 1948 से 1960 ओलिंपिक तक कुल चार स्वर्ण पदक जीते थे। जर्मनी के जोचेन स्कूमान (1976-2000),सोवियत संघ के वेलेंटिन मैनकिन (1968-1980) और ब्रिटेन के बेन एनिस्ले तीन स्वर्ण सहित कुल चार पदक जीतकर दूसरे स्थान पर हैं। ब्राजील के टोर्बेन ग्रेएल (1994-2004) ने सर्वाधिक पांच पदक जीते हैं लेकिन इसमें एक भी स्वर्ण शामिल नहीं है।

Dark Saint Alaick
13-06-2012, 06:10 AM
नंबर गेम


1996 ओलिंपिक तक इसे याचिंग के नाम से जाना जाता था। सिडनी ओलिंपिक से इसे सेलिंग का नाम मिला।

1896 ओलिंपिक में यह खेल शामिल किया गया था लेकिन खराब मौसम के कारण आयोजन रद्द करना पड़ा था।

50 देशों के 380 एथलीट लंदन ओलिंपिक की सेलिंग स्पर्धा में दांव पर लगे 10 स्वर्ण पदकों के लिए मुकाबला करेंगे।

jonydec
01-07-2012, 01:55 PM
thanks for share this .....

Dark Saint Alaick
02-07-2012, 03:08 PM
फेसबुक, ट्विटर पर लें लंदन ओलिंपिक के पल पल का मजा

अगर आप लंदन में होने जा रहे ओलिंपिक 2012 का लुत्फ उठाने वहां नहीं जा पा रहे हैं, तो निराश न हों, क्योंकि इस खेल ‘महाकुंभ’ के आयोजकों ने सोशल नेटवर्किंग वेबसाइट फेसबुक, वीडियो शेयरिंग वेबसाइट यूट्यूब, ट्विटर और अपनी वेबसाइट पर इसकी पल पल की जानकारी देने की व्यवस्था की है। अब तक के सबसे महंगे ओलिपिंक खेल कहे जा रहे ‘लंदन ओलिंपिक 2012’ में मात्र 26 दिन ही शेष बचे हैं। लंदन ओलिंपिक के आयोजकों ने दुनियाभर में फैले ओलिंपिक के चाहने वालों को विभिन्न मैचों को दिखाने के लिए अपनी आधिकारिक वेबसाइट पर सीधे प्रसारण की व्यवस्था की है। इस आधिकारिक वेबसाइट पर विभिन्न खेलों के आयोजन स्थल, उनके दिन, आने जाने के रास्ते, ओलिंपिक से जुड़ी ताजा खबरें, फोटो, वीडियो अपलोड किए गए हैं। इसके अलावा ओलिंपिक खेलों में हिस्सा लेने जा रहे सभी देशों, उनके अधिकारियों का पूरा विवरण भी दिया गया है। इसके अलावा अगर आप अब तक के सबसे प्रसिद्ध ओलिंपिक खिलाड़ियों के बारे में जानना चाहते हैं, तो इस वेबसाइट की ओर रुख करें। यहां आपको डेनमार्क के प्रसिद्ध नौकायन खिलाड़ी पॉल इल्वरस्ट्राम, पांच ओलिंपिक में स्वर्ण पदक जीतने वाले पहले एथलीट स्टीव रेडग्रेव और ऐसी ही कई उपलब्धियां हासिल करने वाले ओलिंपिक खिलाड़ियों के बारे में विस्तार से जानकारी मिल सकती है। यदि आप दुनिया की सबसे लोकप्रिय सोशल नेटवर्किंग वेबसाइट फेसबुक पर हैं, तो लंदन ओलिंपिक के आधिकारिक पेज को बस ‘लाइक’ करें और इससे जुड़ी ताजा खबरें, तस्वीरें, वीडियो देख सकते हैं। लंदन ओलिंपिक के फेसबुक पेज को अब तक 4,28,410 लोगों ने ‘लाइक’ किया है और एक लाख से अधिक लोग इसके बारे में चर्चा कर रहे हैं। इसी तरह माइक्रो ब्लॉगिंग वेबसाइट ट्विटर पर भी लंदन ओलिंपिक के पल-पल की जानकारी ले सकते हैं। ट्विटर पर लंदन ओलिंपिक के सात लाख से अधिक फॉलोवर हैं। अगर आप वीडियो देखने के शौकीन हैं, तो वीडियो शेयरिंग वेबसाइट यूट्यूब की ओर रुख करें, जहां अभी तक 52 लाख से अधिक लोग ओलिंपिक से जुडे वीडियो देख चुके हैं। यही नहीं, अगर आपको कोई वीडियो पसंद आता है, तो आप इसे फेसबुक पर अपने मित्रों से साझा भी कर सकते हैं। उल्लेखनीय है कि लंदन ओलिंपिक खेल 27 जुलाई से 12 अगस्त तक खेले जाएंगे और इसमें करीब 200 देशों के हजारों खिलाड़ी हिस्सा लेंगे।

Dark Saint Alaick
09-07-2012, 12:03 PM
धार्मिक महोत्सव के तौर पर शुरू हुए थे ओलम्पिक
विजेता को मिलती थी जैतून की टहनी

भारत में कुंभ मेले की तर्ज पर करीब तीन हजार साल पूर्व उस समय के अति विकसित देश यूनान के ओलम्पिया में राजाओं की मौजूदगी में चार साल में एक बार होने वाले अत्यंत पवित्र और धार्मिक त्यौहार के अवसर पर शुरू हुए खेलों की प्रेरणा से ही आधुनिक ओलम्पिक की नींव पड़ी थी। प्राचीन ओलम्पिक में खेलों में विवाहित महिलाओं के स्टेडियम में जाने पर प्रतिबंध था और विजेता खिलाड़ी को पदक के बजाय जैतून की टहनी और उसकी माला पहनाई जाती थी। ओलम्पिक खेलों की मशाल को आज भी इसी स्थान से प्रज्वलित करने का रिवाज है। ओलम्पिया नामक स्थान पर प्राचीन ओलम्पिक खेल 776 ईसापूर्व शुरू हुए और प्रत्येक चार साल के बाद लगातार छह बार इनका आयोजन किया गया, लेकिन बाद में रोम के राजाओं ने इसे रद्द करवा दिया था। प्राचीन ओलम्पिक खेलों को राजाओं की मौजूदगी में दुनियाभर से करीब 50 हजार लोग देखने आते थे। इन खेलों में केवल पुरूष, लड़के और कुंवारी महिलाएं ही भाग ले सकती थीं, जबकि शादीशुदा महिलाओं को इन खेलों को देखने तक की इजाजत नहीं थी। यूनान में देवता को प्रसन्न करने के लिये समारोह का आयोजन किया जाता था, इसी दौरान खेल भी होते थे। पहले प्राचीन ओलम्पिक केवल एक दिन के अंदर समाप्त हो गए थे। इसमेंं सुबह से शाम तक फर्राटा दौड़ आयोजित की गई थी। बाद में लोगों दिलचस्पी को देखते हुए इन खेलों को चार दिन का कर दिया गया था, जिसमें बाद में एथलेटिक की प्रतियोगिताओं के अलावा कुश्ती और मुक्केबाजी मुख्य खेल हुआ करते थे। कुश्ती मुकाबला तब तक जारी रहता था, जब तक एक पहलवान दूसरे को चित कर दे या फिर कोई खुद अपनी हार मान ले। प्राचीन ओलम्पिक को फिर से शुरू करने की परिकल्पना फ्रांस के एक युवा पियरे द कुबरटिन ने की थी। उनके प्रयासों से पहले अधिकृत आधुनिक ओलम्पिक खेल 1896 में एथेंस में आयोजित किए गए थे और इसी कड़ी में अब 31वें ओलम्पिक खेल 27 जुलाई से लंदन में शुरू होेने जा रहे हैं। कुबरटिन के कई साल के प्रयासों से ही आखिरकार 1894 में अंतर्राष्ट्रीय ओलम्पिक समिति का गठन किया गया। कुबरटिन को आधुनिक ओलंपिक खेलों का जन्मदाता भी कहा जाता है। पहले ओलम्पिक खेल छह से 15 अप्रैल (1896) तक आयोजित किए गए, जिनमें 14 देशों के 241 खिलाड़ियों ने नौ खेलों की 43 स्पर्धाओं में भाग लिया था। इन खेलों की परिकल्पना करने वाले फ्रांसीसी कुबरटिन का भी यही मानना था महिलाओं को ओलम्पिक खेलों में भाग नहीं लेना चाहिए, लिहाजा पहले ओलम्पिक खेलों में महिलाओं ने भाग नहीं लिया। इसके चार साल बाद 1900 में पेरिस ओलम्पिक खेलों से महिला खिलाड़ियों को भाग लेने की अनुमति मिल गई थी।