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View Full Version : दुश्मन की जरुरत मुझको मेंरा दुश्मन जैसा यì


sombirnaamdev
03-06-2012, 10:25 AM
दुश्मन की जरुरत मुझको मेंरा दुश्मन जैसा यार ,
पग पग पर धोखा दिया उसने ,जिसे मैंने किया है प्यार !
हुसन के चोरों की नजर जा उनपे पड़ी ,
उनकी नजर में हम चोर हो गए!
जिन्दगी ऐसे मोड़ पे आन कड़ी ,
उनकी महफ़िलों के सरमाये और हो गए !
मेरी आंखो को चैन नहीं मिला ,न दिल को मिला करार
सीने अन्दर आये याद तेरी ,आँखों में आंसू आये ,
चाह कर भी साजन दिल से ना गए भुलाये ,
हुस्न का जादू चला के तुने पागल कई बनाये ,
तेरी एक अदा ने कईयों दिल आसमान में दिए उडाये ,
मेरे लाख इकरार पे भरी पड़ी एक छोटी सी तकरार !
यूँ रूठ कर जो एक दुसरे से जो हम तुम बैठेंगे ,
जमाना हंसेगा हम पर लोग तमाशा देखेंगे,
गरीबों के संग जो लाई यारी अब क्यू तुझको लगती भारी,
हुस्न तेरे को उड़ जाना है एक दिन मार उड़ारी
इस नफ़रत को भूल ” नामदेव ” आ करले थोडा प्यार

sombirnaamdev@gmail.com
sombirnaamdev@yahoo.com (sombirnaamdev@gmail.com)
sombirnaamdev@rediffmail.com

abhisays
03-06-2012, 04:35 PM
बहुत बढ़िया... :cheers::cheers::cheers:

sombirnaamdev
10-06-2012, 08:19 PM
बहुत बढ़िया... :cheers::cheers::cheers:
abhi ji aapka bahoot bahoot dhanyavaad