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View Full Version : जिन्दगी से जूझते 2 मौत से सुलह हो गयी !


sombirnaamdev
13-06-2012, 10:50 PM
दिल की हालत न जाने फिर आज क्या हो गयी ,
ख़ुशी की रात बीत चुकी है गम की नयी सुबह हो गयी है !

दिल के मारे हम अपनी नींदों को भुला गए .
वो जालिम हम को मौत की नींद सुला गए
जिन्दगी से जूझते 2 मौत से सुलह हो गयी !

अरमान दिल के आंसुओं में बह गए
महफिलें दूर हुई हमसे फिर से हम तनहा रह गये ..
उस बेवफा महबूब से आज फिर जिरह हो गयी !

दिल के मारों का सहारा कोई दिखता नहीं .
अपनों की महफ़िल में अपना कोई दिखता नहीं ..
अपनी हालत भी वक़्त के मारों की तरह हो गयी !

सोचा न था मेरी वफ़ा का ये सिला होगा .
उस जालिम को जाने महबूब कैसा मिला होगा ..
खुश वो रहे हमेशा ...जिन्दगी भले अपनी तबाह हो गयी

sombirnaamdev@gmail .com
लेखक :- सोमबीर सिंह सरोया
मोब नो. 93210883377

Sikandar_Khan
13-06-2012, 11:12 PM
दिल की हालत न जाने फिर आज क्या हो गयी ,
ख़ुशी की रात बीत चुकी है गम की नयी सुबह हो गयी है !

दिल के मारे हम अपनी नींदों को भुला गए .
वो जालिम हम को मौत की नींद सुला गए
जिन्दगी से जूझते 2 मौत से सुलह हो गयी !

अरमान दिल के आंसुओं में बह गए
महफिलें दूर हुई हमसे फिर से हम तनहा रह गये ..
उस बेवफा महबूब से आज फिर जिरह हो गयी !

दिल के मारों का सहारा कोई दिखता नहीं .
अपनों की महफ़िल में अपना कोई दिखता नहीं ..
अपनी हालत भी वक़्त के मारों की तरह हो गयी !

सोचा न था मेरी वफ़ा का ये सिला होगा .
उस जालिम को जाने महबूब कैसा मिला होगा ..
खुश वो रहे हमेशा ...जिन्दगी भले अपनी तबाह हो गयी

sombirnaamdev@gmail .com
लेखक :- सोमबीर सिंह सरोया
मोब नो. 93210883377
:fantastic::bravo:
सोमवीर जी , बहुत ही सुन्दर लिखा है |

abhisays
14-06-2012, 06:54 AM
बहुत अच्छे सोमवीर जी. महफ़िल में फिर से बहार आ गयी है.. :gm:

ndhebar
14-06-2012, 07:59 AM
badhiya hai, par aur badhiya ho sakta tha....
aage se aur gambhir prayas ki ummid hai
thanks

sombirnaamdev
15-06-2012, 12:43 PM
:fantastic::bravo:
सोमवीर जी , बहुत ही सुन्दर लिखा है | sikander ji dhanyavaad

sombirnaamdev
15-06-2012, 10:15 PM
बहुत अच्छे सोमवीर जी. महफ़िल में फिर से बहार आ गयी है.. :gm:
हाँ जी आपने ठीक ही कहा है , डॉ साहब के महफ़िल में आने से बहार आ गयी है !कविता पढ़ने और पसंद करने के लिए धन्यवाद

sombirnaamdev
15-06-2012, 10:17 PM
badhiya hai, par aur badhiya ho sakta tha....
Aage se aur gambhir prayas ki ummid hai
thanks
आपके कीमती विचारों का स्वागत करता हूँ ! कोशिश करूँगा की इस कसोटी पर खरा उतरूं

dipu
30-07-2012, 09:27 PM
:bravo::bravo::bravo::bravo:

sombirnaamdev
15-08-2012, 02:09 PM
thanks deepu ji