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View Full Version : अमर रहने की तरकीब


Dr. Rakesh Srivastava
18-06-2012, 08:23 PM
मौका तलाश कर ज़मीं पे आसमाँ लिखो ;
सहरा को सींच - सींच नया गुलिस्ताँ लिखो .

घूंघट रवायतों का झटक कर जहान में ;
जज़्बात की स्याही से नयी दास्ताँ लिखो .

सदियों से खाईयों में धकेले गये हैं जो ;
ग़र हो सके तो उनके लिए सीढ़ियाँ लिखो .

पिचके हुए पेटों की सदाओं पे गौर कर ;
उनके भी मुकद्दर में पहले रोटियां लिखो .

कोशिश रहे कि हाशियों तक पे चले कलम ;
हर एक के हिस्से में बराबर जहाँ लिखो .

इस सोच के संग अपना हर सफ़र शुरू करो ;
जिस राह चलो उस पे कोई कारवाँ लिखो .

मर कर भी अमर रहने की तरकीब यही है ;
सबकी ज़ुबां पे अपने लिए मेहरबाँ लिखो .

रचयिता ~~ डॉ . राकेश श्रीवास्तव
विनय खण्ड - 2 , गोमती नगर , लखनऊ .

Sikandar_Khan
18-06-2012, 10:21 PM
मौका तलाश कर ज़मीं पे आसमाँ लिखो ;
सहरा को सींच - सींच नया गुलिस्ताँ लिखो .

घूंघट रवायतों का झटक कर जहान में ;
जज़्बात की स्याही से नयी दास्ताँ लिखो .

सदियों से खाईयों में धकेले गये हैं जो ;
ग़र हो सके तो उनके लिए सीढ़ियाँ लिखो .

पिचके हुए पेटों की सदाओं पे गौर कर ;
उनके मुकद्दरों में पहले रोटियां लिखो .:fantastic:

कोशिश रहे कि हाशियों तक पे चले कलम ;
हर एक के हिस्से में बराबर जहाँ लिखो .

इस सोच के संग अपना हर सफ़र शुरू करो ;
जिस राह चलो उस पे कोई कारवाँ लिखो .

मर कर भी अमर रहने की तरकीब यही है ;
सबकी ज़ुबां पे अपने लिए मेहरबाँ लिखो .

अतिसुन्दर पंक्तियाँ .........

sombirnaamdev
19-06-2012, 11:33 PM
पिचके हुए पेटों की सदाओं पे गौर कर ;
उनके भी मुकद्दर में पहले रोटियां लिखो .

hamesha ki tarah hi ek bhav puran kavita ,
dr sahab aap to pursh hai hi nahi ,

,,,,,,,,,,,,,,, aap to mahapurush hain realy

Dr. Rakesh Srivastava
14-07-2012, 11:34 PM
सर्वश्री Abhisays ji , Dark Saint Alaick ji , अरविन्द जी , सोमवीर नामदेव जी , रणवीर जी , सिकंदर खान जी एवं अन्य सभी अज्ञात बन्धुवों ;
पढ़ने के लिए आप सभी का बहुत - बहुत शुक्रिया .

rajnish manga
08-11-2012, 09:04 PM
[QUOTE=Dr. Rakesh Srivastava;154909]

घूंघट रवायतों का झटक कर जहान में ;
जज़्बात की स्याही से नयी दास्ताँ लिखो .

:cheers:

बेहतरीन ग़ज़ल के लिये बधाई स्वीकार करें. इस क्षेत्र में आप बहुत अच्छा काम कर रहे हैं, डॉ. साहब.

Dr. Rakesh Srivastava
08-11-2012, 10:16 PM
आभार आपका श्री रजनीश मंगा जी .