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View Full Version : चाचा नेहरु पर चर्चा


jeetpunjabi
19-06-2012, 07:30 PM
देश विभाजन हेतु मतदान – एक दुर्लभ चित्र



http://i46.tinypic.com/2d0xq2g.jpg

देश के विभाजन के पक्ष में हाथ खड़े करके मत देते हुए श्री नेहरू मन चाहे रोये, चेहरे पर चाहे उदासी झलके, पर देश के विभाजन के पक्ष में मतदान तो जरूरी है।

jeetpunjabi
19-06-2012, 07:34 PM
चाचा नेहरु को हमारे इतिहास की किताबो में एक महान राजनेता और भारत देश के हितेषी के रूप में पढाया जाता है.
जो वेयक्ति अपने देश के विभाजन के पक्ष में हो वोह एक महान राजनेता या अपने देश का हितेषी केसे हो सकता है?
में चाहता हूँ की आप लोग अपने विचार बताएं चाचा नेहरु के बारे में
और देश के विभाजन के बारे में थोड़ी चर्चा करें

abhisays
19-06-2012, 08:21 PM
भारत का विभाजन भारत के इतिहास का एक दुखद अध्याय था. इसके लिए केवल पंडित नेहरु नहीं जिन्ना, पटेल और गाँधी सभी जिम्मेदार हैं.

abhisays
19-06-2012, 08:24 PM
कई एक्सपर्ट्स का यह मानना है की अगर भारत का विभाजन नहीं होता तो कैबिनेट मिशन का प्लान मंजूर होता और केंद्र में एक कमजोर सरकार बनती और फिर बाद में भारत करीब २५ २६ भाग में विभाजित हो जाता..

jeetpunjabi
20-06-2012, 12:17 AM
कई एक्सपर्ट्स का यह मानना है की अगर भारत का विभाजन नहीं होता तो कैबिनेट मिशन का प्लान मंजूर होता और केंद्र में एक कमजोर सरकार बनती और फिर बाद में भारत करीब २५ २६ भाग में विभाजित हो जाता..
अभी जी परंतु कहीं इतिहास कारों का कहना है की चाचा नेहरु और जिन्नाह विभाजन का मुखेया कारन थे.

stolen heart
05-07-2012, 12:34 AM
कई एक्सपर्ट्स का यह मानना है की अगर भारत का विभाजन नहीं होता तो कैबिनेट मिशन का प्लान मंजूर होता और केंद्र में एक कमजोर सरकार बनती और फिर बाद में भारत करीब २५ २६ भाग में विभाजित हो जाता..
नेहरु जी के विषय में काफी विशेषज्ञों के सकारात्मक विचार नहीं हैं ,परन्तु प्रमाणों के सामने विचारों का महत्त्व नहीं रहता |कृपया इस चित्र के विषय में भी अपनी राय दीजियेगा |


http://myhindiforum.com/attachment.php?attachmentid=17289&stc=1&d=1341430622

abhisays
05-07-2012, 07:14 AM
इसमें कोई शक नहीं नेहरु दिल्फेक आदमी थे.

एक पाकिस्तानी फिल्म जिन्नाह में इस बात को काफी अच्छे से दिखाया है.

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stolen heart
05-07-2012, 09:44 AM
नेहरु जी के चरित्र पर प्रश्नचिंह लगाने के लिए मेरा पास इतना कुछ है कि इस सूत्र पर अच्छी खासी बहस छिड़ सकती है |परन्तु चरित्र की चर्चा को यह सोचकर विराम देते हैं कि यह उनका निजी मामला है |
फिर भी यदि वो स्वयम प्रधानमंत्री बनने की जिद्द न करते तो शायद बंटवारे की नौबत ही नहीं आती क्यूंकि उस समय इनसे कहीं अधिक कद्दावर,योग्य एवं स्वतंत्रता आंदोलन में इनसे कहीं अधिक सक्रिय नेता मौजूद थे जिन्हें केवल बापू के नेहरु प्रेम के कारण इग्नोर किया गया था |अब जो व्यक्ति स्वयम समझ रहा हो कि बंटवारा हुए बिना उसका प्रधानमंत्री बनना सम्भव नहीं है तो भला वो बंटवारे के पक्ष में वोट क्यूँ नहीं देगा |इसलिए अपने स्वार्थ के लिए दिये गए इस वोट को उनका देश प्रेम नहीं माना जा सकता |
परन्तु कई बातें जिनके कारण उन्हें एक अच्छा देशभक्त नेता मानने को मन नहीं करता |
उनके प्रधानमंत्री कार्यकाल के दौरान उनका व्यक्तिगत खर्च लगभग 25000 रूपये प्रतिमाह था जबकि उस समय देश की प्रति व्यक्ति आय मात्र 3.50 रूपये थी,इसका कड़ा आंतरिक राजनीतिक विरोध हुआ था और बाद में यही उनकी सरकार गिरने का कारण भी बना था |उनकी शेरवानी सरकारी खर्च पर धुलने के लिए विदेश (मुझे ठीक से याद नहीं आ रहा शायद फ़्रांस या इटली) भेजी जाती थी |

Deep_
03-08-2012, 10:07 PM
मे अपना कोई मत नहि रख रहा हूं । मुझे यह विडियो किसी दीन युट्युब पर एसे ही मिल गया था...

http://www.youtube.com/watch?v=2P40alfZdAE