sombirnaamdev
28-06-2012, 10:29 PM
ऊपर वाले मैं तुमको क्या बोलू ,
देखा जलवा तेरी खुदाई का !
कोई रहा गुलो गुलजार ता उम्र,
कोई झेले सालों साल गम जुदाई का !
लाश को किसी की कफ़न न मिला ,
किसी की याद में ताज महल बन जाते है !
किसी की मौत पे दो आंसू न मिले ,
तो किसी रोने पे गजल बन जाते है !
ता उम्र भटकता रहा सफ़र में कोई ,
किसी का पहला कदम मंजिल बन जाता है !
कोई ता उम्र करके वफ़ा रहा बेवफा ,
तो कोई बेवफा ता उम्र करके दगा संग दिल कहलाता है !
sombirnaamdev@gmail.com
mob no .9321083377
देखा जलवा तेरी खुदाई का !
कोई रहा गुलो गुलजार ता उम्र,
कोई झेले सालों साल गम जुदाई का !
लाश को किसी की कफ़न न मिला ,
किसी की याद में ताज महल बन जाते है !
किसी की मौत पे दो आंसू न मिले ,
तो किसी रोने पे गजल बन जाते है !
ता उम्र भटकता रहा सफ़र में कोई ,
किसी का पहला कदम मंजिल बन जाता है !
कोई ता उम्र करके वफ़ा रहा बेवफा ,
तो कोई बेवफा ता उम्र करके दगा संग दिल कहलाता है !
sombirnaamdev@gmail.com
mob no .9321083377