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View Full Version : प्रधानमंत्री को हिन्दी आनी ही चाहिए:प्रणव


abhisays
03-07-2012, 12:37 PM
नई दिल्ली: देश के निवर्तमान वित्तमंत्री और राष्ट्रपति पद के लिए केन्द्र में सत्तारूढ़ यूपीए के उम्मीदवार प्रणब मुखर्जी ने एनडीटीवी इंडिया से एक्सक्लूसिव बातचीत करते हुए साफ कहा कि उनके मन में प्रधानमंत्री नहीं बन पाने का मलाल कभी नहीं रहा।

प्रणब ने यह भी कहा कि दरअसल, प्रधानमंत्री बनने की लालसा ही उनके भीतर कभी नहीं रही। दादा ने साफ कहा कि इस मुल्क का प्रधानमंत्री बनने के लिए हिन्दी पर 'जबरदस्त' पकड़ होना ज़रूरी है। उनके मुताबिक भारत के प्रधानमंत्री को हिन्दी अनिवार्य रूप से आनी चाहिए, क्योंकि हिन्दी आम जनता की भाषा है।

abhisays
03-07-2012, 12:38 PM
प्रणब ने बड़ी उम्र के राजनेताओं को सक्रिय राजनीति से अलग हो जाने का मशवरा देते हुए कहा कि अब नई पीढ़ी के लिए जगह बनाई जानी चाहिए। राष्ट्रपति पद के लिए चुनाव में यूपीए की घटक तृणमूल कांग्रेस द्वारा उनका समर्थन न किए जाने पर कतई चिंतित न होते हुए प्रणब ने आशा जताई कि ममता बनर्जी उनकी उम्मीदवारी का समर्थन कर देंगी।

बचपन की यादों में खोते हुए दादा का कहना था कि उनका नाम पोल्टू इसलिए पड़ा, क्योंकि वह बेहद शरारती बच्चे थे। उल्लेखनीय है कि प्रणब को घर के बड़े-बुजुर्ग प्यार से पोल्टू ही पुकारते हैं, और वह अपने तीन भाई-बहनों में सबसे छोटे हैं। पश्चिम बंगाल के बीरभूम जिले के एक छोटे से गांव मिराती में पले-बढ़े प्रणब के पिता एक शिक्षक थे, जो कांग्रेस से भी जुड़े रहे। उनके पिता स्वतंत्रता सेनानी थे, जो आजादी से पहले जेल भी गए।

abhisays
03-07-2012, 12:38 PM
बचपन में भी हर किसी को इस बात पर हैरानी होती थी कि प्रणब अगर किसी चीज को एक बार देख लेते हैं, तो वह उन्हें हमेशा के लिए याद हो जाती है। इसीलिए आज तक उनके करीबी उनकी तुलना किसी चलते-फिरते एनसाइक्लोपीडिया से करते हैं