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View Full Version : तुम एक स्वप्न हो


anilkriti
26-09-2012, 05:03 PM
तुम एक स्वप्न हो
एक ऐसा स्वप्न जो पहले कभी न देखा
स्वप्न में रंग नहीं होता
लेकिन तुम रंगों का सागर हो
ऐसे रंग जो अनुभूत होते हैं
चंचल चमकते पारदर्शी रंग...

तुम एक स्वप्न हो
ऐसा स्वप्न जो जीवन की अविरल धारा
आह्लादित करने वाला कोलाहल
स्वप्न जो शाश्वत सत्य है
शीतल, मृदु , मनोरम...

तुम एक स्वप्न हो
एक ऐसा स्वप्न जो आ जाता है अचानक
सर्दियों में धूप की तरह
जीवन की कठोरता का हरण करने
नर्म कोमल स्पर्श की तरह...
तुम एक स्वप्न हो /

http://prakhar-anil.blogspot.in

Dark Saint Alaick
26-09-2012, 05:08 PM
अत्यंत श्रेष्ठ सृजन पढवाने के लिए आपका शुक्रिया, मित्र ! प्रेयसी की इस रूप में कल्पना आप ही कर सकते हैं ! कविता के गहरे भाव-बोध ने मुझे अभिभूत कर दिया ! धन्यवाद ! :bravo:

arvind
26-09-2012, 06:25 PM
अति सुंदर रचना.....:valentineday:
:fantastic::fantastic:

anilkriti
27-09-2012, 12:34 AM
डार्क सैंट अलैक,
आपकी तरफ से कहे गए प्रोत्साहन के शब्द निश्चय ही मेरा उत्साहवर्धन करेंगे और आगे भी मैं कुछ और उत्कृष्ट लिखने में समर्थ होऊंगा / बहुत बहुत धन्यवाद /

anilkriti
27-09-2012, 12:36 AM
अरविन्द जी,
आपको रचना पसंद आयी, मेरा प्रयास सफल रहा / धन्यवाद /

Dark Saint Alaick
27-09-2012, 01:30 AM
डार्क सैंट अलैक,
आपकी तरफ से कहे गए प्रोत्साहन के शब्द निश्चय ही मेरा उत्साहवर्धन करेंगे और आगे भी मैं कुछ और उत्कृष्ट लिखने में समर्थ होऊंगा / बहुत बहुत धन्यवाद /

आपका सदैव स्वागत है, मित्र ! दुआ है कि आप निरंतर श्रेष्ठ सृजन करते रहें और उसे फोरम पर प्रस्तुत करते रहें, ताकि इसे पढ़ने से मिलने वाला आत्मिक आनंद हमें भी रसमय करता रहे ! धन्यवाद आपका !

arvind
27-09-2012, 10:53 AM
अरविन्द जी,
आपको रचना पसंद आयी, मेरा प्रयास सफल रहा / धन्यवाद /
अनिल जी,
उम्मीद है आगे भी आपकी बेहतरीन कृतियों का लाभ हम सभी फोरमवासी उठाते रहेंगे।
धन्यवाद।

ndhebar
27-09-2012, 07:19 PM
निःसंदेह एक उत्कृष्ट रचना
धन्यवाद

anilkriti
28-09-2012, 12:19 PM
निःसंदेह एक उत्कृष्ट रचना
धन्यवाद

शुक्रिया कविता पसन्द करने के लिये / आशा है आगे भी आपसे ऐसा ही समर्थन प्राप्त होता रहेगा /

abhisays
28-09-2012, 04:49 PM
बहुत ही बढ़िया रचना है। :bravo::bravo::bravo::bravo:


आपकी अगली रचनाओं का इंतज़ार रहेगा

Sikandar_Khan
28-09-2012, 10:17 PM
अल्फ़ाजो को पिरोने का हुनर आप बाखूबी जानते हैँ |

anilkriti
28-09-2012, 10:57 PM
अल्फ़ाजो को पिरोने का हुनर आप बाखूबी जानते हैँ |

सिकंदर भाई , आपकी तारीफ़ बहोत मायने रखती है / शुक्रिया /

Dr. Rakesh Srivastava
29-09-2012, 12:30 AM
रचना श्रेष्ठ है . आगे भी प्रतीक्षा रहेगी .