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View Full Version : तुम प्रेम अनुरोध हो


anilkriti
01-10-2012, 12:32 PM
मित्रों स्वप्न श्रंखला की अपनी तीसरी कविता आपके सामने रख रहा हूँ , आशा करता हूँ की आप सब को पसंद आएगी /

आशा और निराशा हो
तुम अव्यक्त पिपासा हो
सत्य और असत्य हो
तुम अंतहीन कथ्य हो

पाप और पुण्य हो
तुम अनंत शून्य हो
आचार और अनाचार हो
तुम जीवन आधार हो

आरम्भ और अंत हो
तुम आनंद अनंत हो
काम और क्रोध हो
तुम प्रेम अनुरोध हो

यथार्थ और स्वप्न हो
तुम अबूझ प्रश्न हो ...

Dark Saint Alaick
01-10-2012, 03:55 PM
अत्यंत श्रेष्ठ सृजन है, मित्र ! किन्तु आपको एक सलाह, कृपया अन्यथा न लें, क्योंकि आप कवि हैं, अतः मेरी बात का मर्म बेहद अच्छी तरह समझ सकते हैं ! किसी भी कविता में मात्राओं की गलतियां अखरने वाली तो होती ही हैं, कभी-कभी ये अर्थ का अनर्थ भी कर सकती हैं ! आपकी एक पूर्व कविता में भी यह त्रुटि थी और इसमें भी शून्य 'शुन्य' हो रहा है ! अब वह सलाह - रचना प्रविष्ट करने से पूर्व कृपया उस पर एक बार और नज़र डाल लें ! धन्यवाद !

YUVRAJ
01-10-2012, 04:43 PM
कमाल ही रचना है और आप अपनी टंकण की त्रुटि को नजर अंदाज करते हुए हमे इन शब्दों में बांध दिया करे, यही कामना है।
बेमिसाल रचना …:bravo:

abhisays
01-10-2012, 06:25 PM
बेहतरीन रचना है। :cheers::cheers::cheers::cheers:

anilkriti
01-10-2012, 10:32 PM
अत्यंत श्रेष्ठ सृजन है, मित्र ! किन्तु आपको एक सलाह, कृपया अन्यथा न लें, क्योंकि आप कवि हैं, अतः मेरी बात का मर्म बेहद अच्छी तरह समझ सकते हैं ! किसी भी कविता में मात्राओं की गलतियां अखरने वाली तो होती ही हैं, कभी-कभी ये अर्थ का अनर्थ भी कर सकती हैं ! आपकी एक पूर्व कविता में भी यह त्रुटि थी और इसमें भी शून्य 'शुन्य' हो रहा है ! अब वह सलाह - रचना प्रविष्ट करने से पूर्व कृपया उस पर एक बार और नज़र डाल लें ! धन्यवाद !

धन्यवाद मित्र, आशा करता हूँ की आगे इस प्रकार की त्रुटि नहीं होगी / मानव हूँ तो संभव है कभी कोई गलती हो जाए इसलिए आशा है की आप उसको नज़रंदाज़ करते हुए कविता का रसास्वादन करेंगे /

anilkriti
01-10-2012, 10:34 PM
कमाल ही रचना है और आप अपनी टंकण की त्रुटि को नजर अंदाज करते हुए हमे इन शब्दों में बांध दिया करे, यही कामना है।
बेमिसाल रचना …:bravo:

युवराज जी प्रोत्साहित करने के लिए धन्यवाद/

rajnish manga
08-11-2012, 08:44 PM
यथार्थ और स्वप्न हो
तुम अबूझ प्रश्न हो ...

:cheers:
अनिल कृति जी, सुन्दर रचना के लिये बधाई स्वीकार करें. आपकी आगामी रचनाओं का इन्तज़ार रहेगा.