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View Full Version : 'बिग बी' के आगे बौने सत्तर


Dark Saint Alaick
11-10-2012, 01:26 AM
http://myhindiforum.com/attachment.php?attachmentid=17802&stc=1&d=1349900774 http://myhindiforum.com/attachment.php?attachmentid=17803&stc=1&d=1349900774

मित्रो, आज सदी के महानायक आदि अनेक उपाधियों से नवाज़े गए महानायक अमिताब बच्चन सत्तर बरस के हो गए ! एक लंबा अरसा बॉलीवुड में उन्होंने गुज़ारा है, अनेक खूबसूरत और दुखद पलों के साक्षी रहे हैं ! भारतीय सिनेमा को उनकी जो देन है, वैसा योगदान शायद ही कभी कोई दे पाए ! अनेक परछाईयां उन्हें स्पर्श करने का प्रयास करती हैं, उनकी नक़ल करती हैं और खुद को उन तक पहुंच गया मान कर खुद ही खुश भी हो लेती हैं और दंभ से भर भी उठती हैं, लेकिन इस देश का बच्चा - बच्चा जानता है कि 'बिग बी' बेमिसाल हैं, बेनजीर हैं और उनके कद को कोई छू सकता है, तो वे खुद 'बिग बी' ही हैं ! मैं यह सूत्र उनके सत्तर साल को समर्पित कर रहा हूं ! उम्मीद है, यह उनके विषय में आपके ज्ञान -पिटारे में कुछ और इजाफा करने में कामयाब होगा ! शुक्रिया !

Dark Saint Alaick
11-10-2012, 01:43 AM
http://myhindiforum.com/attachment.php?attachmentid=17807&stc=1&d=1349901964 http://myhindiforum.com/attachment.php?attachmentid=17808&stc=1&d=1349901964 http://myhindiforum.com/attachment.php?attachmentid=17809&stc=1&d=1349901964


अमिताभ बच्चन का जन्म इलाहाबाद में 11 अक्टूबर 1942 को हुआ था। उनके पिता हरिवंशराय बच्चन हिन्दी और उर्दू के जाने माने कवि थे, जबकि उनकी माता तेजी बच्चन सामाजिक कार्यकर्ता थीं। अमिताभ बच्चन ने स्नातक की शिक्षा दिल्ली के किरोड़ीमल कालेज से पूरी करने से पहले नैनीताल के प्रसिद्ध शेरवुड कालेज में भी पढाई की। इसके बाद उन्हें कलकत्ता में पहली नौकरी बतौर सुपरवाइजर मिली, जहां उन्हें 800 रुपए मासिक वेतन मिला करता था। वर्ष 1968 में कलकत्ता की नौकरी छोडने के बाद मुंबई आ गए ।

Dark Saint Alaick
11-10-2012, 01:51 AM
http://myhindiforum.com/attachment.php?attachmentid=17810&stc=1&d=1349902262

बचपन से ही अमिताभ बच्चन का झुकाव अभिनय की ओर था और दिलीप कुमार से प्रभावित रहने के कारण वह उन्हीं की तरह अभिनेता बनना चाहते थे। वर्ष 1969 में उन्हें पहली बार ख्वाजा अहमद अब्बास की फिल्म 'सात हिंदुस्तानी' में काम करने का मौका मिला, लेकिन इस फिल्म के असफल होने के कारण वह दर्शकों के बीच कुछ खास पहचान नहीं बना पाए।

Dark Saint Alaick
11-10-2012, 01:52 AM
http://myhindiforum.com/attachment.php?attachmentid=17811&stc=1&d=1349902339

वर्ष 1970 में अमिताभ बच्चन को राजेश खन्ना के साथ फिल्म 'आनंद' में काम करने का मौका मिला। राजेश खन्ना जैसे तत्कालीन सुपरस्टार के रहते हुए अमिताभ बच्चन दर्शकों का ध्यान अपनी ओर आकर्षित करने में सफल रहे। इस फिल्म के लिए उन्हें सहायक अभिनेता का फिल्म फेयर पुरस्कार दिया गया।

Dark Saint Alaick
11-10-2012, 01:58 AM
http://myhindiforum.com/attachment.php?attachmentid=17812&stc=1&d=1349902687

निर्माता प्रकाश मेहरा की फिल्म 'जंजीर' अमिताभ बच्चन के सिने कैरियर की महत्वपूर्ण फिल्म साबित हुई । फिल्म की सफलता के बाद बतौर अभिनेता अमिताभ बच्चन फिल्म इंडस्ट्री में अपनी पहचान बनाने में कामयाब हो गए । दिलचस्प तय यह है कि फिल्म 'जंजीर' में अमिताभ बच्चन को काम करने का मौका सौभाग्य से ही मिला। वर्ष 1973 में निर्माता-निर्देशक प्रकाश मेहरा अपनी जंजीर फिल्म के लिए अभिनेता की तलाश कर रहे थे। पहले तो उन्होंने इस फिल्म के लिये देव आनंद से गुजारिश की और बाद में अभिनेता राजकुमार से काम करने की पेशकश की, लेकिन किसी कारणवश दोनों अभिनेताओं ने जंजीर में काम करने से इन्कार कर दिया। बाद में अभिनेता प्राण ने प्रकाश मेहरा को अमिताभ बच्चन का नाम सुझाया और उनकी फिल्म 'बांबे टू गोवा' देखने की सलाह दी। फिल्म को देखकर प्रकाश मेहरा काफी प्रभावित हुए और उन्होंने अमिताभ बच्चन को बतौर अभिनेता चुन लिया।

Dark Saint Alaick
11-10-2012, 02:06 AM
प्रसिद्ध लेखक बन्नी रूबेन ने अपनी किताब 'एंड प्राण' में इस प्रसंग का विस्तृत वर्णन किया है ! 'जंजीर' के लिए काफी समय तक यह मिथक चलता रहा था कि सलीम-जावेद की जोड़ी ने इसे देव आनंद को ध्यान में रख कर लिखा था, लेकिन बाद में जावेद अख्तर ने इसका यह कहते हुए खंडन किया था कि उन्होंने उस समय चल रहे रोमांटिक दौर से अलग कथा लिखने का प्रयास किया था और यह किसी भी तत्कालीन नायक को ध्यान में रख कर नहीं लिखी गई थी ! हां, प्रकाश मेहरा की पहली पसंद अवश्य देव आनंद ही थे और उन्होंने प्राण के जरिए उनसे संपर्क भी किया था ! इस विषय में एक रोचक किस्सा बनी रूबेन ने 'प्राण' पर अपनी किताब में लिखा है कि तीन बार की मीटिंग के बाद देव आनंद ने इस बात पर हैरानी जताई कि इस कहानी में उन पर एक भी गाना नहीं रखा गया है, जबकि वे कम से कम दो गाने गाना चाहते थे ! देव साहब ने प्रकाश मेहरा को यह प्रस्ताव दे डाला कि वे यह कहानी उन्हें सौंप दें, जिस पर वे अपने बैनर 'नवकेतन' से फिल्म बनाएंगे और डायरेक्शन प्रकाश मेहरा ही करेंगे ! ज़ाहिर है प्रस्ताव को दम तोड़ना ही था ! इसके बाद प्रकाश मेहरा ने पहले राज कुमार और फिर राजेश खन्ना से भी संपर्क किया, लेकिन दोनों ने अपने-अपने कारणों से इनकार कर दिया ! तब यह फिल्म अमिताभ बच्चन को मिली ! ज़रा सोचिए, यह फिल्म अगर देव साहब ने की होती, तो आज मुम्बइया फिल्मों का इतिहास ही कुछ और होता !

Dark Saint Alaick
11-10-2012, 02:10 AM
इससे पहले कि हम 'बिग बी' के जीवन के बारे में कुछ और जानें मैं चाहता हूं कि कुछ ताज़ा चीजों पर चर्चा हो जाए ! उसके बाद उनके जीवन के प्रसंग जारी रहेंगे !

जन्मदिन पर बिग बी के नाम से एक नया एप्लीकेशन शुरू

कोलकाता से एक अच्छी खबर है ! आज दुनियाभर में फैले बिग बी के चाहने वाले उन्हें एक नये मोबाइल फोन एप्लीकेशन के जरिये जम्नदिन की बधाई दे सकेंगे । हिंदी फिल्मों के ‘शहंशाह’ के सम्मान में टेकजोन कंपनी ने एक नया ‘बिगबी’ एप और डब्लूएपी पेज विकसित किया है। कंपनी ने इसके जरिये बिग बी के चाहने वालों को उनसे जुड़ी सारी जानकारियां देने का वादा किया है । इस एप के जरिये ग्राहक यूनिवर्सल म्यूजिक के 100 बेहतरीन गुणवत्ता वाले गीत सुन सकेंगे और डाउनलोड कर सकेंगे । इसके अलावा 200 पुरानी फिल्मों के प्रदर्शन की तिथि और अन्य जानकारियां हासिल कर सकेंगे । यह एप एप्पल के उपकरणों और अन्य मोबाइलों पर डब्लूएपी फॉरमेट पर काम करेगा ।

Dark Saint Alaick
11-10-2012, 02:12 AM
अमिताभ को जन्मदिन के उपहार में मिलेगा सचल मधुमेह क्लीनिक

अब एक और अच्छी खबर लन्दन से । महानायक अमिताभ बच्चन को उनके 70वें जन्मदिन पर उपहार में मुंबई के लिए एक सचल मधुमेह परीक्षण यूनिट मिलने वाली है। बिग बी को यह उपहार ब्रिटेन के सर्वाधिक वरिष्ठ एशियाई सांसद कीथ वाज की चैरिटी सिल्वर स्टार की ओर से मिलने वाला है। उन्हें यह उपहार मुंबई के सेवेन हिल्स हॉस्पिटल में भारत में ब्रिटेन के उप उच्चायुक्त देंगे। इस उपहार का मतलब है कि मुंबई के पास पहली बार मधुमेह की जांच के लिए एक सचल यूनिट होगी। अब तक ऐसी यूनिट ब्रिटेन के लंदन और लीसेस्टर में तथा भारत के गोवा में है। अमिताभ के सम्मान में इस यूनिट का नाम भी ‘अमिताभ’ ही होगा। बिग बी इस चैरिटी के संरक्षक हैं और भारत में मधुमेह के बारे में जागरूकता फैलाने के लिए सक्रिय हैं। इस सचल मोबाइल परीक्षण यूनिट के कामकाज और वित्तीय व्यवस्था का जिम्मा मुंबई के सेवेन हिल्स हॉस्पिटल का होगा। यह यूनिट शहर के सर्वाधिक वंचित वर्ग के लोगों की मधुमेह की जांच मुफ्त करेगी। समारोह में कीथ वाज के नेतृत्व में ब्रिटिश प्रतिनिधिमंडल सहित दुनिया भर के गणमान्य अतिथि शामिल होंगे। अस्पताल का प्रतिनिधित्व उसके अध्यक्ष डॉ जितेन्द्र दास मगन्ती और विश्व स्तरीय रेडियोलॉजिस्ट डॉ भुजंग पई करेंगे।

Dark Saint Alaick
11-10-2012, 02:14 AM
http://myhindiforum.com/attachment.php?attachmentid=17813&stc=1&d=1349903680

भारत में ब्रिटेन के उप उच्चायुक्त पीटर बकिंघम ने कहा कि अस्पताल को मधुमेह की जांच के लिए एक सचल यूनिट देने की सिल्वर स्टार की योजना सुन कर मैं रोमांचित हूं। इससे उनके भारत से गहरे रिश्तों का पता चलता है। सांसद और सिल्वर स्टार के संस्थापक संरक्षक कीथ वाज ने कहा कि अमिताभ बच्चन ने दुनिया भर में कई महत्वपूर्ण कार्यों के लिए योगदान दिया है जिसके लिए उनके 70 वें जन्म दिन पर हम उनका सम्मान करते हैं। ब्रिटेन की जनता उन्हें एक उपहार देना चाहती है जो अनूठा है और उपयोगी भी। यह यूनिट उनके प्यारे शहर मुंबई में मधुमेह का प्रसार रोकने में मददगार होगी। उन्होंने कहा कि मधुमेह एक खामोश हत्यारा है। एक अनुमान के अनुसार, 6.2 करोड़ भारतीय मधुमेह से पीड़ित हैं और यह संख्या 2025 तक करीब दस करोड़ लोग इस बीमारी के शिकार हो जाएंगे। जीवन शैली में बदलाव और जागरूकता की मदद से हम मधुमेह के 80 फीसदी मामले रोक सकते हैं।

Dark Saint Alaick
11-10-2012, 03:17 AM
बेमिसाल है ‘शहंशाह’ का याराना और दरियादिली

http://myhindiforum.com/attachment.php?attachmentid=17814&stc=1&d=1349907409

हिंदी सिनेमा की दिशा बदलने वाले महानायक अमिताभ बच्चन अपने दोस्तों और जानने वालों के बुरे वक्त को बदलने में भी हमेशा मददगार रहे। यही वजह है कि उनकी हमदर्दी और दरियादिली का हर कोई कायल है। जिंदगी के 70 बसंत पूरे करने जा रहे बच्चन ने कामयाबी की बुलंदियों को छूने के बावजूद अपने पैर हमेशा जमीन पर रखे और कामयाबी की खुमारी को कभी खुद पर हावी नहीं होने दिया। ‘नमक हराम’, ‘कालिया’ और ‘खुद्दार’ जैसी फिल्मों में बच्चन के साथ काम कर चुके अभिनेता रजा मुराद सिनेमा के इस शहंशाह की इसी हमदर्दी और दरियादिली को शिद्दत से याद करते हैं। मुराद ने बताया कि अमिताभ इतने बड़े अभिनेता हैं लेकिन अपने व्यवहार और बातचीत से उन्होंने हमेशा खुद को लोगों से जोड़े रखा। वह हमेशा अपने दोस्तों के बुरे वक्त में साथ नजर आते हैं। बच्चन की दरियादिली का एक वाकया बताते हुए उन्होंने कहा कि हमारे यहां तुलसी नाम का एक जूनियर आर्टिस्ट था। लंबे समय बाद वह सेट पर दिखा तो बच्चन साहब ने उसकी खैरियत पूछी। उसने बताया कि उसे दिल की बीमारी हो गई है और अब काम नहीं कर सकता। बाद में पता चला कि बच्चन साहब ने तुलसी को एक मकान और दुकान खरीद कर दी।

Dark Saint Alaick
11-10-2012, 03:22 AM
कुछ और किस्से

http://myhindiforum.com/attachment.php?attachmentid=17815&stc=1&d=1349907717

बच्चन के याराने और उनकी दरियादिली की बातें कई बार सामने आ चुकी हैं। पिछले साल ‘कौन बनेगा करोड़पति’ के दौरान निर्देशक रोहित शेट्टी ने दर्शकों को बताया था कि मुश्किल वक्त में अमिताभ ने उनके परिवार का किस तरह से साथ दिया था। इसी तरह बिंदास अदाकारा राखी सावंत ने ‘बिग बॉस’ कार्यक्रम के दौरान कहा था कि कई साल पहले उनका परिवार बुरे दौर से गुजर रहा था, तो अमिताभ ने आर्थिक मदद की थी। अमिताभ की पेशेवर जिंदगी की एक खूबी उनका वक्त का पाबंद होना भी है। मुराद कहते हैं कि अमिताभ एक बेहद पेशेवर अभिनेता हैं। वह वक्त के इतने पाबंद हैं कि अगर सुबह सात बजे सेट पर पहुंचना है, तो ठीक सात बजे ही पहुंचते हैं। यह बात सभी नवोदित कलाकारों के लिए सीखने वाली है। पिछले चार दशक के दौरान 180 से अधिक फिल्मों में काम कर चुके बच्चन ने हाल ही में एक साक्षात्कार में कहा कि वह क्षमता से अधिक काम नहीं कर रहे हैं। वर्ष 1969 में ‘सात हिन्दुस्तानी’ फिल्म से शुरूआत के बाद अमिताभ ने अपने चार दशक पुराने करियर में ‘जंजीर’, ‘दीवार’, ‘मुकद्दर का सिकंदर’, ‘कभी कभी और ‘शोले’ जैसी कई हिट फिल्में दीं। उनकी इस साल की आखिरी रिलीज फिल्म ‘डिपार्टमेंट’ है।

abhisays
11-10-2012, 06:44 AM
बहुत ही शानदार जानकारी, अमिताभ बच्चन के 70वे सालगिरह के ऊपर इससे बेहतर सूत्र नहीं हो सकता था। :cheers:

abhisays
11-10-2012, 06:48 AM
अमिताभ के सत्तर का सफ़र एक तस्वीर में।

http://myhindiforum.com/attachment.php?attachmentid=17817&stc=1&d=1349920124

ndhebar
11-10-2012, 03:59 PM
एक बेहतरीन सूत्र

Dark Saint Alaick
11-10-2012, 05:14 PM
सूत्र की सराहना के लिए धन्यवाद मित्रो । प्रस्तुत है बिग बी से जन्म दिन के उपलक्ष में आज ही लिया गया इंटरव्यू -

http://myhindiforum.com/attachment.php?attachmentid=17841&stc=1&d=1349957629

अपनी लोकप्रियता पर कभी ध्यान नहीं दिया : अमिताभ बच्चन
मेगास्टार अमिताभ बच्चन ने अपने 70 वें जन्म दिन पर कहा कि उन्होंने कभी अपनी लोकप्रियता पर ध्यान नहीं दिया लेकिन उनका मानना है कि जिंदगी के प्रति किसी का नजरिया बहुत मायने रखता है। बच्चन ने साक्षात्कार में बताया, ‘हर इंसान को उतार चढाव से गुजरना होता है। जो भी उपर आता है उसे नीचे जाना होता है। मुझे नहीं लगता कि मैं किसी से अलग हूं। हम सबके जीवन में उतार चढाव आते हैं।’ उन्होंने कहा, ‘अगर आप सफल होते हैं, तो आपको ध्यान रखना चाहिये कि यह ज्यादा देर नहीं टिकने वाली ... अगर आप असफल हो रहे हैं तो आपको लड़ना चाहिये और वापसी करनी चाहिये।’ चार दशकों से करीब 180 फिल्मों में काम कर चुके महानायक ने कहा कि उनके समकालीन अभिनेता भी अच्छा काम कर रहे हैं। बच्चन ने कहा, ‘मैं अपने बारे में कभी निर्णय नहीं लेता। मेरे समकालीन अभिनेता मुझसे पीछे रह गये ... ऐसा कहना गलत होगा। मैंने कभी अपनी लोकप्रियता पर ध्यान नहीं दिया। लोग जो चाहें लिख सकते हैं पर मुझे इससे फर्क नहीं पड़ता ।’ उन्होंने कहा शत्रुघ्न सिन्हा, विनोद खन्ना, धर्मेंद्र और रिषी कपूर फिल्मों में अभी भी सक्रिय हैं और दुर्भाग्यवश शशि कपूर बीमार हैं वरना वह भी सक्रिय होते। उन्होंने कहा, ‘आज विनोद खन्ना और शत्रुघ्न सिन्हा राजनीति में पहुंच चुके हैं और अच्छा कर रहे हैं। मुझे लगता है कि मैं उनसे पीछे छूट गया हूं।’

Dark Saint Alaick
11-10-2012, 05:14 PM
अमिताभ बच्चन ने बताया कि दिलीप कुमार और वहीदा रहमान उनके पसंदीदा कलाकार हैं। उन्होंने बताया कि दोनों कलाकार उनके आदर्श हैं। उन्होंने कहा, ‘जब आप भारतीय सिनेमा के इतिहास की बात करते हैं तो यह दो हिस्सों में बांटा जा सकता है। एक दिलीप कुमार से पहले का और दूसरा उनके आने के बाद का।’ बच्चन ने कहा, ‘जब आप अपने प्रिय कलाकार के साथ काम करते हैं तो आपके मन में बहुत सारे भाव आते हैं। वह ऐसे हैं जिनको मैंने बचपन से देखा है।’ फिल्म ‘शक्ति’ की शूटिंग को याद करते हुये उन्होंने कहा, जब हम दोनों शूटिंग के लिये साथ आये तो मुझे थोड़ा अजीब लगा। यह मेरे लिये पचा पाना बहुत मुश्किल था कि मैं दिलीप साहब के साथ स्क्रीन पर दिखूंगा। मैं खुशनसीब हूं कि मुझे उनके साथ काम करने का मौका मिला। मैं उनसे अब भी संपर्क में हूं।’ बच्चन ने कहा कि उन्हें कई निर्देशकों के साथ काम करने का मौका मिला पर वह रिषिकेश मुखर्जी को अपना ‘गॉडफादर’ मानते हैं। उन्होंने ख्वाजा अहमद अब्बास का शुक्रिया अदा किया जिन्होंने उन्हें उनकी पहली फिल्म ‘सात हिंदुस्तानी’ मे काम दिया। ‘मैं रिषिकेश मुखर्जी को अपना ‘गॉडफादर’ मानता हूं। सबको लगता है कि मैंने प्रकाश मेहरा और मनमोहन देसाई के साथ ज्यादा फिल्में की हैं पर यह सच नहीं है। मैंने रिषि दा के साथ ज्यादा फिल्में की हैं।’ उन्होंने कहा, ‘मनमोहन देसाई में एक तरह का पागलपन था। वह दर्शकों की नब्ज को पहचानते थे। यश चोपड़ा ने मेरे करियर की सबसे बड़ी फिल्में दीं। उसी समय मैंने मुकुल आनंद और टीनू आनंद के साथ काम किया।’

Dark Saint Alaick
11-10-2012, 05:14 PM
बच्चन ने करण जौहर, प्राकश झा, संजय लीला भंसाली और शुजित सरकार जैसे मौजूदा निर्देशकों की भी तारीफ की। उन्होंने बताया कि वह आर बाल्कि, शुजित सरकार और प्रकाश झा के साथ फिर से काम कर रहे हैं। बच्चन ने पान सिंह तोमर, गैंग्स ऑफ़ वासेपुर, विकी डोनर, कहानी जैसी फिल्मों की प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि यह फिल्में बेहतरीन थीं और सबने इन्हें पसंद किया। बच्चन के जन्म दिन पर तामाम शख्सियतों ने शिरकत की। इनमें रजनीकांत, चिरंजीवी, अनिल अंबानी, कुमार मंगलम बिड़ला, दिलीप कुमार, मुलायम सिंह यादव, अखिलेख यादव शामिल रहे। बच्चन ने 1984 में फिल्मों से ब्रेक लिया और राजनीति में शिरकत की। वह इलाहाबाद सीट से कांग्रेस के सांसद बने। हालांकि उन्होंने बाद में राजनीति को त्याग दिया। बच्चन इन दिनों छोटे पर्दे पर ‘कौन बनेगा करोड़पति’ के छठे संस्करण का संचालन कर रहे हैं।

Dark Saint Alaick
11-10-2012, 05:23 PM
बिग बी के पर्दे के प्रसिद्ध किरदार पर 'पेटा' ने रखा बैल का नाम

एक खुशखबर नासिक से ! आज अपना 70वां जन्मदिन मना रहे अभिनेता अमिताभ बच्चन के प्रसिद्ध सिनेमाई किरदार ‘विजय’ के नाम पर 'पेटा' ने एक बैल का नाम विजय रखा है। 20 से अधिक फिल्मों में विजय नाम का किरदार करने वाले अमिताभ को लगातार तीन साल तक पेटा के ‘हॉटेस्ट वेजिटेरियन सेलिब्रिटी’ की संज्ञा दी गयी है। 'पेटा' ने नासिक में एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा कि अमिताभ शाकाहारी हैं और इस तरह से पशुओं को बचाने में योगदान देते हैं, इसलिए उनके पर्दे के मशहूर नाम पर बैल को पुकारा जाएगा। बैल को महाराष्ट्र के सांगली जिले में स्वैच्छिक संगठन एनिमल राहत ने मदद प्रदान की जो बहुत माल ढोता था और कमजोर हो गया था। पशु चिकित्सक उसका इलाज कर रहे थे। एनिमल राहत संस्था चीनी मिलों में काम करने वाले बैलों, ईंट के भट्टों पर काम करने वाले गधों और तांगा खींच रहे घोड़ों की निशुल्क मदद करता है।

Dark Saint Alaick
23-10-2012, 09:05 AM
अमिताभ की आवाज को नकार दिया था आकाशवाणी ने

http://myhindiforum.com/attachment.php?attachmentid=19001&stc=1&d=1350965139

अपनी दमदार आवाज और अभिनय के दम पर दर्शकों को दीवाना बनाने वाले हिन्दी फिल्म इंडस्ट्री के 'शहंशाह' अमिताभ बच्चन को अपने कैरियर के शुरूआती दिनों में वह दिन भी देखना पडा था, जब उनकी आवाज को लोगों ने नकार दिया था। फिल्म जगत में अपने कैरियर के शुरूआती दिनों में अमिताभ बच्चन ने 'आकाशवाणी' में भी आवेदन किया, लेकिन वहां उन्हें काम करने का अवसर नहीं मिला। यहां तक कि फिल्म 'रेशमा और शेरा' में अपनी अच्छी आवाज के बावजूद उन्हें मूक भूमिका भी स्वीकार करनी पड़ी। आज आप कह सकते हैं कि अच्छा ही हुआ कि उन्हें आकाशवाणी की नौकरी नहीं मिली, वरना फिल्म जगत एक चक्रवर्ती सम्राट से वंचित रह गया होता !

Dark Saint Alaick
23-10-2012, 09:11 AM
राज कपूर की भविष्यवाणी

http://myhindiforum.com/attachment.php?attachmentid=19002&stc=1&d=1350965446

जंजीर के निर्माण के समय स्टूडियो में फिल्म की शूटिंग के दौरान राज कपूर भी अपनी फिल्म की शूटिंग में व्यस्त थे। उसी दौरान राज कपूर ने अमिताभ की आवाज सुनी, लेकिन तब तक वह नहीं जानते थे कि यह किसकी आवाज है ! उन्होंने कहा कि एक दिन इस दमदार आवाज का मालिक फिल्म इंडस्ट्री का बेताज बादशाह बनेगा। फिल्म 'जंजीर' की सफलता के बाद अमिताभ बच्चन की गिनती अच्छे अभिनेता के रूप मे होने लगी और वह फिल्म उद्योग में 'एंग्री यंग मैन' कहे जाने लगे। वर्ष 9975 में यश चोपड़ा के निर्देशन में बनी फिल्म 'दीवार' ने अमिताभ बच्चन की पिछली सभी फिल्मों के रिकार्ड तोड़ दिए और 'शोले' की सफलता के बाद तो उनके सामने सारे कलाकार फीके पड़ने लगे और अमिताभ बच्च्चन फिल्म इंडस्ट्री में सुपर स्टार के सिंहासन पर जा बैठे।

Dark Saint Alaick
23-10-2012, 09:34 AM
रास न आई राजनीति

http://myhindiforum.com/attachment.php?attachmentid=19003&stc=1&d=1350966860

वर्ष 1984 में अपने मित्र राजीव गांधी के आग्रह पर उन्होंने राजनीति में प्रवेश किया और इलाहाबाद से सांसद का चुनाव लड़ा तथा सांसद के रूप मे चुन लिए गए, लेकिन अमिताभ बच्चन को अधिक दिनों तक राजनीति रास नहीं आई और सांसद के रूप में तीन वर्ष तक काम करने के बाद उन्होंने सांसद के पद से इस्तीफा दे दिया। इसके बाद अमिताभ बच्चन पुन. फिल्म इंडस्ट्री में सक्रिय हो गए और उन्होंने फिल्मों में अभिनय करना जारी रखा। लेकिन 90 के दशक के आखिर में उनकी फिल्में 'गंगा जमुना सरस्वती', 'तूफान', 'जादूगर', 'इंद्रजीत', 'अकेला' और 'खुदागवाह, जैसी फिल्में बॉक्स आफिस पर असफल हो गईं । इसके बाद अमिताभ बच्चन ने 1997 तक अपने आप को अभिनय से अलग रखा।

Dark Saint Alaick
05-03-2013, 10:50 PM
‘दीवार’ देखकर अमिताभ के प्रशंसक हो गए थे दुष्यंत कुमार

हिन्दी के सुविख्यात कवि एवं शायर दुष्यंत कुमार ने बॉलीवुड महानायक अमिताभ बच्चन को उनकी फिल्म ‘दीवार’ के बाद पत्र लिखकर उनके अभिनय की तारीफ की और कहा कि वह उनके ‘फैन’ हो गए हैं। दुष्यंत कुमार का वर्ष 1975 में निधन हो गया था और उसी साल उन्होंने यह पत्र अमिताभ को लिखा था। यह दुर्लभ पत्र हाल ही में उनकी पत्नी राजेश्वरी त्यागी ने उन्हीं के नाम से स्थापित संग्रहालय को सौंपा है। दुष्यंत कुमार और अमिताभ के पिता डॉ. हरिवंशराय बच्चन में गहरा प्रेम था। ‘दीवार’ फिल्म में उन्होंने अमिताभ की तुलना तब के सुपर स्टार्स शशि कपूर और शत्रुघ्न सिन्हा से भी की थी। हिन्दी के इस महान साहित्यकार की धरोहरें ‘दुष्यंत कुमार स्मारक पाण्डुलिपि संग्रहालय’ (भोपाल) में सहेजी जा रही हैं। इन्हें देखकर ऐसा लगता है कि साहित्य का एक युग यहां पर जीवित है।

Dark Saint Alaick
05-03-2013, 10:50 PM
...तब तुम बहुत छोटे थे

दुष्यंत कुमार ने अमिताभ को लिखे इस पत्र में कहा कि किसी फिल्म आर्टिस्ट को पहली बार खत लिख रहा हूं। वह भी ‘दीवार’ जैसी फिल्म देखकर, जो मानवीय करूणा और मनुष्य की सहज भावुकता का अंधाधुंध शोषण करती है। कवि और शायर ने अमिताभ को याद दिलाया कि तुम्हें याद नहीं होगा। इस नाम (दुष्यंत कुमार) का एक नौजवान इलाहाबाद में अक्सर बच्चन साहब के पास आया करता था, तब तुम बहुत छोटे थे। उसके बाद दिल्ली के विलिंगटन क्रेसेंट वाले मकान में आना-जाना लगा रहा, लेकिन तुम लोगों से संपर्क नहीं रहा। दरअसल, कभी जरूरत भी महसूस नहीं हुई। मैं तो बच्चनजी की रचनाओं को ही उनकी संतान माने हुए था। दुष्यंत कुमार ने लिखा कि मुझे क्या पता था कि उनकी एक संतान का कद इतना बड़ा हो जाएगा कि मैं उसे खत लिखूंगा और उसका प्रशंसक हो जाउंगा।

Dark Saint Alaick
05-03-2013, 10:51 PM
धरोहर के रूप में पत्रों का संग्रह

संग्रहालय के निदेशक राजुरकर राज ने बताया कि यहां केवल दुष्यंत कुमार ही नहीं, बल्कि डॉ. हरिवंशराय बच्चन के भी पचास से अधिक पत्र धरोहर के रूप में संग्रहित किए गए हैं। उन्होंने कहा कि इसके साथ ही अमिताभ बच्चन के ‘लेटरहेड’ पर डॉ. बच्चन और तेजी बच्चन के हस्ताक्षरयुक्त शुभकामना पत्र, जो उन्होंने डॉ. प्रेमशंकर रघुवंशी को लिखा था, वह भी संग्रहित किया गया है। राज ने कहा कि इस तरह की धरोहर को सहेजना प्राथमिकता है, ताकि आने वाली पीढ़ी तक हम एक समृद्ध विरासत को पहुंचा सकें। बच्चनजी कालजयी रचनाकार थे। देशभर में जहां-जहां उनकी धरोहर है उसे प्राप्त करने का हम प्रयत्न कर रहे हैं। सबसे ज्यादा पत्र डॉ. हरिवंशराय बच्चन ने लिखे हैं। इसलिए उनके नाम से संग्रहालय में पत्र कक्ष की स्थापना की परिकल्पना है।