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View Full Version : हिन्दी में ब्लॉग और उसकी सफलता की सम्भावनì


smartoolu
14-11-2012, 07:05 PM
मै पिछले २ सालो से ब्लॉग्गिंग कार रहा हू जो की अंग्रेजी भाषा में लिखता था लेकिंग जब भी मै गूगल सर्च इंजिन में जाने पे देखता हू की हिन्दी में ब्लॉग बहुत काम दिखयी देते है वानस्पत और भाषा के ! इसलिए मै एक छोटा कोशिश कर रहा हू ये देखने और हिन्दी में बहुत अछे लिखने वाले लोग है जो फेसबुक पे है उनको लोगो को प्रेरित कार हिन्दी ब्लॉग्गिंग के तरफ ला सकू! लेकिंग बहुत मेरे मित्र गण है कहते है की हिन्दी के ब्लॉग्गिंग में कुछ नहीं है हिन्दी ब्लॉग कामसूत नहीं हो सकता है ! क्या ये बात सही है हिन्दी ब्लॉग कामसूत नहीं हो सकता है ! आपलोगों का आशीर्वाद चाहूँगा ! अपना कमेंट्स लिखियेगा!
http://www.becomehindiblogger.blogspot.com

Ranveer
15-11-2012, 08:32 AM
मै पिछले २ सालो से ब्लॉग्गिंग कार रहा हू जो की अंग्रेजी भाषा में लिखता था लेकिंग जब भी मै गूगल सर्च इंजिन में जाने पे देखता हू की हिन्दी में ब्लॉग बहुत काम दिखयी देते है वानस्पत और भाषा के ! इसलिए मै एक छोटा कोशिश कर रहा हू ये देखने और हिन्दी में बहुत अछे लिखने वाले लोग है जो फेसबुक पे है उनको लोगो को प्रेरित कार हिन्दी ब्लॉग्गिंग के तरफ ला सकू! लेकिंग बहुत मेरे मित्र गण है कहते है की हिन्दी के ब्लॉग्गिंग में कुछ नहीं है हिन्दी ब्लॉग कामसूत नहीं हो सकता है ! क्या ये बात सही है हिन्दी ब्लॉग कामसूत नहीं हो सकता है ! आपलोगों का आशीर्वाद चाहूँगा ! अपना कमेंट्स लिखियेगा!


विगत कुछ महीनो से मै इन्टरनेट पर हिन्दी का काफी विस्तार देख रहा हूँ । कई सोशल नेटवर्किंग साइट और अन्य जगहों पर हिन्दी का प्रयोग धड़ाधड़ होना शुरू हुआ है । कई ब्लॉग हिन्दी मे मौजूद हैं । पर ये ध्यान देने वाली बात है की अभी भी हिन्दी कंप्यूटर के लिए एक मुश्किल भाषा है और हिन्दी से सही सही अनुवाद किसी अन्य भाषा मे किए जाने वाला अभी तक सॉफ्टवेयर मौजूद नहीं है , यदि है भी तो उसका सही अनुवाद न करके अर्थ मे थोड़ी हेर फेर कर देते हैं । यदि आप बहुत काम की चीज़ लिखते हैं तो कोई अनुवाद मे माध्यम से उसे समझ सके, ये जरूरी है । आप अन्य भाषाओं मे भी कुछ ही भाषाओं के ब्लॉग अधिक देखते होंगे । चाइनीज , जापानी , रशिअन , अरबी ,स्पेनिश , मलय आदि भाषाएँ अनुवाद के दृष्टि कोण से हिन्दी की अपेक्षाकृत ज्यादा आसान हैं इसीलिए ब्लोगिंग भी अधिक है ।

दूसरा कारण है की भारत मे हिन्दी को अँग्रेजी की अपेक्षा कम महत्व देना । प्राचीन काल मे जैसे संस्कृत को पढे लिखे लोगों की भाषा मानी जाती थी और पाली जैसे भाषाओं की उपेक्षा होती थी ठीक वैसी ही स्थिति हिन्दी की है । इसके लिए आवश्यक है की लोगों मे हिन्दी भाषा के प्रति सम्मान और गौरव महसूस हो । मै उन सभी लोगों की खुलकर तारीफ करना चाहूँगा जो अन्य भाषा जानते हुए भी हिन्दी मे लिखना पसंद करते हैं ।

कमाई के लिए चीजों का प्रासंगिक होना आवश्यक है । यदि आप कोई ब्लॉग बनाते हैं तो उसके लेख ऐसे होने चाहिए जो किसी के लिए उपयोगी या अत्याधिक मनोरंजक हो । मैंने हिन्दी मे सॉफ्टवेयर या स्वास्थ्य या सामाजिक मुद्दों से संबन्धित कई ब्लॉग देखे हैं जिन्हे सफल कहा जा सकता है ।

Ranveer
15-11-2012, 08:41 AM
वैसे गूगल ने अपने ऍड सेंस मे हिन्दी को क्यूँ नहीं शामिल किया है ये समझ मे नहीं आता ।
कहीं ऐसा तो नहीं की अँग्रेजी के विस्तार और पोपुलरिटी को ध्यान मे रखकर हिन्दी को जानबूझ कर उपेक्षित किया गया हो । हो सकता है की उन्हे लगता हो की यदि हिन्दी अधिक पोपुलर हुई तो अँग्रेजी को नुकसान पहुंचा सकती है ।

smartoolu
15-11-2012, 01:14 PM
आपलोगो ने आपना विचार रखा उसके लिए धन्याद!मेरे विचार में हिन्दी का अनुवाद भी एक कारण है और इन्टरनेट की पहुच भी एक कारण था, लेकिंग जब से इसकी पहुच बढ़ी है तब से लोगो का सोच भी बदल्रह है! आज आप देखे होंगे की स्टार क्रिकेट ने हिन्दी में क्रिकेट का आँखों देखा हल भी आज से शुरू कार दिया है ! ऐसे हि गूगल को भी अपनी निति बदलनी पड़ेगी नहीं तो हिन्दी के बाज़ार को कोई और लेजायेगा !

Sameerchand
22-11-2012, 07:31 AM
देखिएगा जल्द ही हिंदी का बोलबाला होगा इन्टरनेट पर। :horse: