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View Full Version : मेरी पहली कविता


abhi2632
01-12-2012, 01:03 PM
बारिश की बूंदों जैसी, सागर की लेहेरों जैसी,
पर्वत पर बिछी हुई, बर्फ की चादर जैसी,
गंगाजल सी पवित्र, इंद्रधनुष सी विचित्र,
वीणा की सरगम जैसी, मेरी पहली कविता*


सूरज की रौशनी की बूंद के सामान,
चंदा की सफ़ेद चांदनी सी निदान,
गगन में झिलमिल तारों के सामान,
अंतहीन ब्रम्हांड में, मेरी पहली कविता


कागज़ पर सिमटी हुई, शब्दों में लिपटी हुई,
मन के सागर में सोच के मोती सी सामान,
सावन के मौसम की पहली फुहार के सामान
अनजान पहेली जैसी, मेरी पहली कविता


ईश्वर की भक्ति जैसी, ह्रदय की शक्ति जैसी,
अंधकार को चीरती हुई, पहली किरण जैसी,
वन में विचरण करते हुए कस्तूरी हिरण जैसे,
रति के सुंदर नैनों सामान, मेरी पहेली कविता


जीवन के रथ पर सवार, शब्दों के रस में शुमार
मौसम की वो पहली बहार, मेरी पहली कविता

abhisays
01-12-2012, 01:29 PM
बहुत ही अच्छी कविता है अभी जी, आपका इस हिंदी मंच पर स्वागत है।

जीवन के रथ पर सवार, शब्दों के रस में शुमार
मौसम की वो पहलीबहार, मेरी पहली कविता

आखिरी 2 लाइन ने दिल को छु लिया :hello:

Sikandar_Khan
01-12-2012, 10:30 PM
बारिश की बूंदों जैसी, सागर की लहेरों जैसी,
पर्वत पर बिछी हुई, बर्फ की चादर जैसी,
गंगाजल सी पवित्र, इंद्रधनुष सी विचित्र,
वीणा की सरगम जैसी, मेरी पहली कविता*
:fantastic:

सूरज की रौशनी की बूंद के सामान,
चंदा की सफ़ेद चांदनी सी निदान,
गगन में झिलमिल तारों के सामान,
अंतहीन ब्रम्हांड में, मेरी पहली कविता


कागज़ पर सिमटी हुई, शब्दों में लिपटी हुई,
मन के सागर में सोच के मोती सी सामान,
सावन के मौसम की पहली फुहार के सामान
अनजान पहेली जैसी, मेरी पहली कविता


ईश्वर की भक्ति जैसी, ह्रदय की शक्ति जैसी,
अंधकार को चीरती हुई, पहली किरण जैसी,
वन में विचरण करते हुए कस्तूरी हिरण जैसे,
रति के सुंदर नैनों सामान, मेरी पहेली कविता


जीवन के रथ पर सवार, शब्दों के रस में शुमार
मौसम की वो पहली बहार, मेरी पहली कविता




अतिसुन्दर पंक्तियाँ :bravo:

jai_bhardwaj
01-12-2012, 11:26 PM
बारिश की बूंदों जैसी, सागर की लेहेरों जैसी,
पर्वत पर बिछी हुई, बर्फ की चादर जैसी,
गंगाजल सी पवित्र, इंद्रधनुष सी विचित्र,
वीणा की सरगम जैसी, मेरी पहली कविता*


सूरज की रौशनी की बूंद के सामान,
चंदा की सफ़ेद चांदनी सी निदान,
गगन में झिलमिल तारों के सामान,
अंतहीन ब्रम्हांड में, मेरी पहली कविता


कागज़ पर सिमटी हुई, शब्दों में लिपटी हुई,
मन के सागर में सोच के मोती सी सामान,
सावन के मौसम की पहली फुहार के सामान
अनजान पहेली जैसी, मेरी पहली कविता


ईश्वर की भक्ति जैसी, ह्रदय की शक्ति जैसी,
अंधकार को चीरती हुई, पहली किरण जैसी,
वन में विचरण करते हुए कस्तूरी हिरण जैसे,
रति के सुंदर नैनों सामान, मेरी पहेली कविता


जीवन के रथ पर सवार, शब्दों के रस में शुमार
मौसम की वो पहली बहार, मेरी पहली कविता




ओस की बूँद सी, वृक्षों के किसलय सी
सागर के ज्वार सी, प्रेयसी के प्यार सी,
मधुपों के गान सी, नवांकुरित धान्य सी
बहुत हृदयग्राही है, पहली कविता आपकी

हृदय से अभिनन्दन है बन्धु।

rajnish manga
02-12-2012, 09:30 PM
गंगाजल सी पवित्र, इंद्रधनुष सी विचित्र,
वीणा की सरगम जैसी, मेरी पहली कविता*
अंतहीन ब्रम्हांड में, मेरी पहली कविता .....
सावन के मौसम की पहली फुहार के सामान
अनजान पहेली जैसी, मेरी पहली कविता
ईश्वर की भक्ति जैसी, ह्रदय की शक्ति जैसी ....
जीवन के रथ पर सवार, शब्दों के रस में शुमार
मौसम की वो पहलीबहार, मेरी पहली कविता

:cheers:

अभी जी, यदि यह आपकी पहली कविता है तो मैं आपको बताना चाहता हूँ कि हर लिहाज़ से यह एक उत्कृष्ट रचना है. आपको इस नायाब सृजन के लिये बधाईयां. आपकी अगली रचना जल्द आएगी ऐसी आशा करते हैं.

Jack.hardon
24-12-2012, 03:45 PM
bahut hi khoobsurat panktiyan hai..dil ko chu gayi ekdum..kya koi batayega ki hindi me kaise type karte hain?muje nahi ata.. :(

rajnish manga
24-12-2012, 04:02 PM
bahut hi khoobsurat panktiyan hai..dil ko chu gayi ekdum..kya koi batayega ki hindi me kaise type karte hain?muje nahi ata.. :(



:gm:

जैक जी, आप माई हिंदी फोरम के TECH TALK खंड में जायें तो आपको वहां कुछ सरल आप्शन मिल जायेंगे. तत्पश्चात, आप हिंदी में टाइप कर पायेंगे. फोरम पर आपका स्वागत है.

bindujain
24-12-2012, 05:48 PM
:cheers:

अभी जी, यदि यह आपकी पहली कविता है तो मैं आपको बताना चाहता हूँ कि हर लिहाज़ से यह एक उत्कृष्ट रचना है. आपको इस नायाब सृजन के लिये बधाईयां. आपकी अगली रचना जल्द आएगी ऐसी आशा करते हैं.
कविता अच्छी है आंगे भी लिखते रहे