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View Full Version : 2012 : क्या खोया, क्या पाया


Dark Saint Alaick
27-12-2012, 01:50 PM
2012 : क्या खोया, क्या पाया

मित्रो ! गत वर्ष मैंने एक सूत्र बनाया था '2011 : क्या खोया, क्या पाया', इसमें मैंने आपके लिए वर्षभर का लेखा-जोखा प्रस्तुत किया था। उसी तर्ज़ पर इस बार भी हाज़िर है, यह वार्षिक लेखा-जोखा, लेकिन इस बार मैंने इसे दो हिस्सों में बांट दिया है। एक - 'मेरी डायरी में 2012', यह सूत्र वर्ष की समस्त अच्छी-बुरी घटनाओं को महीने के हिसाब से तिथिवार पेश करेगा और दूसरा '2012 : क्या खोया, क्या पाया', यह सूत्र प्रत्येक क्षेत्र की उपलब्धियों और हानियों को वर्षवार प्रस्तुत करेगा अर्थात इस वर्ष ने हमें क्या खुशियां अता कीं और किन दुखों-पीड़ाओं के रू-ब-रू कराया। मेरा प्रयास रहेगा कि सूत्र आपको प्रत्येक क्षेत्र के घटनाक्रम से अवगत कराए। यदि आपको कुछ छूटता महसूस हो, तो कृपया मेरा ध्यानाकर्षण अवश्य कराएं, ताकि मैं उस कमी को पूर्ण कर सकूं। धन्यवाद।

Dark Saint Alaick
27-12-2012, 01:58 PM
भारतीय फुटबाल टीम के लिए मिश्रित सफलता वाला रहा बीता साल

http://myhindiforum.com/attachment.php?attachmentid=22130&stc=1&d=1356602270

जीत से लेकर हार तक भारतीय फुटबाल ने बीते साल अच्छे, बुरे और खराब सारे पल देखे लेकिन इस साल की सबसे बड़ी सुर्खी जर्मनी के बावारियन क्षेत्र से एक मशहूर क्लब का भारत दौरा रही । भारत ने इस साल अपनी सरजमीं पर नेहरू कप में खिताबी जीत की हैट्रिक पूरी की । इसके बाद नेपाल में एएफसी चैलेंज कप में भारत का प्रदर्शन निराशाजनक रहा । ईस्ट बंगाल और मोहन बागान के बीच आई लीग के मैच में हुई हिंसा भी बीते साल भारतीय फुटबाल की शर्मनाक घटनाओं में से रही । इसके कारण मैच रद्द करना पड़ा जब मोहन बागान ने सुरक्षा कारणों से दूसरे हाफ में मैदान पर उतरने से इनकार कर दिया । मोहन बागान पर प्रतिबंध लगाया जा सकता है लेकिन इस पर फैसला अभी नहीं लिया गया है । भारत की अंडर 22 टीम के एएफसी चैम्पियनशिप क्वालीफाइंग टूर्नामेंट में प्रदर्शन को देखकर भविष्य उज्ज्वल लग रहा है । भारतीय टीम ने लेबनान और तुर्कमेनिस्तान को हराया जबकि संयुक्त अरब अमीरात से ड्रा खेला । सीनियर टीम के लिये शुरूआत अच्छी नहीं रही क्योंकि एएफसी टूर्नामेंट में उसने सारे मैच गंवाये । फीफा के अंतरराष्ट्रीय दोस्ताना मैचों की कमी से भारत रैंकिंग में खिसककर 169वें स्थान पर पहुंच गया । अब भारतीय फुटबाल प्रशासकों को फीफा की तारीखों के भीतर अधिक से अधिक अंतरराष्ट्रीय मैच खेलने पर जोर देना चाहिये ताकि रैंकिंग में सुधार हो सके। नेहरू कप में मिली जीत प्रशंसनीय थी लेकिन इससे रैंकिंग में सुधार नहीं हुआ । मैच फीफा की तारीखों पर नहीं हुए थे और कैमरून ने दोयम दर्जे की टीम भेजी थी । खिलाडियों में सुनील छेत्री और सैयद रहीम नबी ने पूरे साल अच्छा प्रदर्शन किया । छेत्री ने पुर्तगाली क्लब स्पोर्टिंग लिस्बन के साथ करार किया । इसी क्लब ने लुई फिगो, क्रिस्टियानो रोनाल्डो और नैनी जैसे खिलाड़ी दिये हैं। नबी को इस साल एआईएफएफ का सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी चुना गया । करीब एक साल बाद टीम में लौटे गोलकीपर सुब्रत पाल ने नेहरू कप में अच्छा प्रदर्शन किया । हालैंड के किम कोवेरमांस को कोच बनाना भी साल की बड़ी खबर रही । वह बाब हाटन के जाने के एक साल बाद भारतीय फुटबाल टीम के कोच बने हैं । फीफा ने भारत में फुटबाल को बढावा देने के लिये अखिल भारतीय फुटबाल महासंघ के साथ करार किया जो एक सकारात्मक कदम रहा । एफआईएफएफ ने 2017 में अंडर 17 विश्व कप की मेजबानी की दावेदारी भी की । बायर्न म्युनिख टीम का भारत आना लंबे समय तक चर्चा का विषय रहा । जर्मनी का यह क्लब भारत के पूर्व कप्तान बाईचुंग भूटिया का आखिरी मैच खेलने जनवरी में भारत आया था ।

Dark Saint Alaick
27-12-2012, 02:05 PM
खुदरा क्षेत्र के लिए घटनाओं और विवाद से भरा रहा यह साल

http://myhindiforum.com/attachment.php?attachmentid=22131&stc=1&d=1356602715

देश में खुदरा व्यवसाय का क्षेत्र इस साल खूब चर्चा में रहा। बहु-ब्रांड कारोबार में विदेशी कंपनियों को प्रवेश देने के सरकार फैसले का खिलाफ की ओर से डट कर विरोध किए जाने से यह विषय एक बड़ा राजनीतिक मुद्दा बन गया और इस पर संसद में मतदान तक कराया गया । भारत में बहु-ब्रांड खुदरा कारोबार में कदम रखने से पहले ही इस क्षेत्र की सबसे चर्चित और बड़ी बहुराष्ट्रीय कंपनी वाल-मार्ट कई तरह के विवाद में उलझ गई है। इसमें एक विवाद यह है कि उसने अपने लिए भारत का बाजार खोलवाने के उद्येश्य से अमेरिकी सांसदों के बीच लाबिंग करने पर करोड़ो डालर खर्च किए। साल के दौरान इन घटनाक्रमों में स्वीडेन की फर्निचर श्रृंखला आईकिया का नाम भी जुड़ गया। कंपनी ने भारत में 10,500 करोड़ रुपए के निवेश के साथ यहां विभिन्न स्थानों पर अपने स्टोर स्थापित करने की योजना की घोषणा की । यह एकल ब्रांड खुदरा बाजार में अब तक का सबसे बड़ा विदेशी निवेश होगा। इस बीच रीबॉक इंडिया के दो शीर्ष कार्यकारियों पर हिसाब किताब में 870 करोड़ रुपए की कथित धोखाधड़ी किए जाने का मामला भी सामने आया। कंपनी खिलाड़ियों के लिए जूते बनाती है। खुदरा क्षेत्र के लिए साल की शुरूआत फीकी रही क्योंकि खुदरा क्षेत्र में एफडीआई मानदंडों में ढील देने का मामला 2011 में लटक गया था। कड़े राजनैतिक विरोध के बीच सरकार ने इस साल सितंबर में बहु-ब्रांड खुदरा कारोबार में 51 फीसद प्रत्यक्ष विदेशी निवेश की अनुमति दी लेकिन दुकानें खोलने की अनुमति देने के संंबंध में फैसला करने का अधिकार राज्यों पर छोड़ दिया। सरकार ने एकल ब्रांड खुदरा क्षेत्र में निवेश 51 फीसद से बढाकर 100 फीसद करने की भी अनुमति दी। एकल ब्रांड कारोबार में स्थानीय इकाइयों उत्पाद खरीद की सीमा में भी हेर-फेर किया गया। 50 फीसद से अधिक एफडीआई के मद्देनजर उस नियम में भी बदलाव किया गया जिसके तहत विदेशी निवेशकों को अपनी 30 प्रतिशत खरीदारी स्थानीय सूक्ष्म, लघु और मध्यम उपक्रमों (एमएसएमई) से करना अनिवार्य है। जो विदेशी निवेशक इस 30 प्रतिशत स्थानीय खरीदारी की शर्त से छूट चाहते हैं उन्हें भारत में विनिर्माण इकाई स्थापित करना होगा। बहु-ब्रांड खुदरा कारोबार में एफडीआई की अनुमति हालांकि विपक्षी दलों और संप्रग के पूर्व सहयोगी तृणमूल को पसंद नहीं आई। तृणमूल ने बहु ब्रांड खुदरा क्षेत्र में एफडीआई और डीजल की कीमत में बढोतरी के फैसले के बाद सरकार से समर्थन वापस ले लिया। बहु ब्रांड खुदरा क्षेत्र में एफडीआई के मुद्दे पर संसद की कार्यवाही तब तक थमी रही जब तक सरकार इस मुद्दे पर मतदान के लिए सहमत नहीं हुई हालांकि समाजवादी पार्टी और बहुजन समाजवादी पार्टी के मतदान के बहिष्कार के कारण सरकार अपनी कोशिश में सफल रही। सरकार का जब लगा कि यह मामला निपट गया तो वाल-मार्ट का यह खुलासा सामने आया कि उसने अमेरिका में भारतीय बाजार में अपने बहुत बढाने के संबंध में पिछले चार वर्षों में करोड़ों डालर खर्च किये है । इसके कारख फिर गरमाए इस मुद्दे पर विपक्ष ने कई दिन संसद में हंगामा किया। वाल-मार्ट ने स्पष्टीकरण दिया है कि उसने भारत में किसी को रिश्वत नहीं दी है।

Dark Saint Alaick
27-12-2012, 02:25 PM
राजस्थान भाजपा के मतभेद सड़कों पर
कांग्रेस घर में ही उलझी रही

http://myhindiforum.com/attachment.php?attachmentid=22132&stc=1&d=1356603880 http://myhindiforum.com/attachment.php?attachmentid=22133&stc=1&d=1356603880

राजनीतिक गलियारों में आम तौर पर शान्ति प्रिय माने जाने वाले राजस्थान में भारतीय जनता पार्टी के आन्तरिक मतभेद खुलकर सड़कों पर नजर आये वहीं कांग्रेस में ‘नाराजगी भरे शब्दबाण’ घर में ही चले। अन्य राजनीतिक दलों में मनमुटाव सुनायी नहीं दिया। भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष डॉ अरूण चतुर्वेदी और नेता प्रतिपक्ष वसुंधरा राजे के बीच चल रही कशमकश, पूर्व गृहमंत्री गुलाबचंद कटारिया की यात्रा को लेकर राजे समर्थक विधायकों का शक्ति प्रदर्शन लक्ष्मण रेखा लांघकर कई दिनों तक सड़कों पर नजर आया। कांग्रेस और भाजपा को छोड़कर अन्य विपक्षी दलों माकपा समेत अन्य दल जनता दल यू, बहुजन समाज पार्टी में पार्टी स्तर पर आरोप-प्रत्यारोप या नाराजगी के मुद्दे सुनाई नहीं दिये। भाजपा के एक वरिष्ठ नेता ने कहा ‘किसी विषय को लेकर एक दूसरे के बीच वैचारिक मतभेद हो सकते हैं वह भी बाहर नहीं जाने चाहिए। बातचीत के माध्यम से समस्या का समाधान निकाला जा सकता है, पर यह प्रक्रिया समाप्त सी हो गई है। मतभेद सड़क पर आने से पार्टी का ही नुकसान होता है।’ पार्टी के वरिष्ठ नेता गुलाबचंद कटारिया की मेवाड़ अंचल में प्रस्तावित यात्रा को रद्द करवाने के लिए नेता प्रतिपक्ष वसुंधरा राजे के समर्थक विधायकों की चेतावनी से जनसंघ के जमाने से जुडे नेता और आलाकमान सकते में आ गये थे। भाजपा के दिग्गजों के हस्तक्षेप के बाद कटारिया ने पार्टी हित में अपनी प्रस्तावित यात्रा रदद् करने की घोषणा की। हांलाकि इस मुद्दे को लेकर पहले से दो खेमों में बंटी नजर आ रहीं पार्टी के दोनों धडे अलग अलग अवसरों पर एक दूसरे को ताल ठोंकते नजर आए। भाजपा का एक गुट आलाकमान से नेता प्रतिपक्ष वसुंधरा राजे को आगामी विधानसभा चुनाव में मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार के तौर पर पेश कर चुनाव लड़ने की घोषणा और प्रदेश अध्यक्ष की कुर्सी पर अपने व्यक्ति को बैठाने को लेकर दवाब बनाए हुए है। दूसरी ओर पार्टी में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुडे पार्टीजन इसके विरोध में बताये जाते है। सत्ताधारी कांग्रेस पार्टी में मुख्य सरकारी सचेतक डॉ. रघु शर्मा और सार्वजनिक निर्माण मंत्री भरत सिंह के बीच मनरेगा को लेकर आरोप प्रत्यारोप, विधायक कर्नल सोनाराम की पूरे समय अपनी ही सरकार के खिलाफ बयानबाजी, प्रतिनिधि सम्मेलन में पूर्व विधायक संयम लोढा का मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पर कथित आरोप, संसदीय सचिव राजेन्द्र सिंह विधूड़ी और कांग्रेस के असंतुष्ट विधायकों द्वारा दिल्ली दरबार में दौरे चर्चा में रहे। कांग्रेस के कुछ नाराज विधायक इच्छानुसार स्थानान्तरण नहीं होने, पार्टी में बाहर से आये विधायकों को लाल बत्ती देने को लेकर लामबंदी में व्यस्त हैं, लेकिन विधानसभा चुनाव नजदीक देखकर अपने पांव पीछे खीच लिए है। पार्टी के एक प्रदेश पदाधिकारी ने विधायकों की किसी तरह की नाराजगी से इंकार करते हुए कहा जिनके काम हो रहे हैं वे बोलते नहीं हैं। यदि किसी की शिकायत है तो उसे दूर करने का प्रयास किया जाएगा। घर में ही लोग अपनी बात कह रहे हैं और सुझाव दे रहे हैं। कांग्रेस के टिकट पर चुनाव जीती जयपुर नगर निगम की महापौर ज्योति खंडेलवाल सरकार और संगठन के लिए परेशानी बनी रहीं। महापौर ने निगम के कार्यकारी अधिकारी एवं कुछ वरिष्ठ अधिकारियों पर कथित भ्रष्टाचार के आरोप लगाकर हटाने की मांग को लेकर धरना तक दिया। महापौर ने कथित भ्रष्ट अधिकारियों की सूची उच्चतम न्यायालय भेजने का ऐलान कर संगठन और सरकार को सकते में डाल दिया।

Dark Saint Alaick
27-12-2012, 02:59 PM
प्राकृतिक आपदाओं ने नहीं बख्शा दुनिया के किसी भी हिस्से को

http://myhindiforum.com/attachment.php?attachmentid=22137&stc=1&d=1356605949

जाता हुआ वर्ष दुनियाभर में प्राकृतिक आपदाओं की सूरत में हजारों लोगों को उम्र भर रिसने वाला जख्म दे गया। 2012 के बारह महीनों में प्राकृतिक आपदाओं ने दुनिया के लगभग हर हिस्से में तबाही मचाई। कहीं धरती डोल गई तो कहीं बादल फटे। कुछ देशों ने भीषण तूफानों का प्रलंयकारी वेग झेला। खुद को महाशक्ति कहने वाले देश प्रकृति की एक करवट के सामने बेबस और बौने नजर आए। अमेरिका इस साल भीषण चक्रवाती तूफान सैंडी से दहल गया जिसने उसके पूर्वी तट पर जम कर कहर ढाया और 80 से अधिक लोगों की जान ले ली। पिछले कुछ वर्षों में अमेरिका के पूर्वी तट पर यह सबसे भीषण तूफान था। तटीय क्षेत्रों में 13 फुट उंची लहरें उठी। अक्तूबर के आखिरी सप्ताह में आए इस तूफान की वजह से राष्ट्रपति बराक ओबामा और उनके रिपब्लिकन प्रतिद्वन्द्वी मिट रोमनी को अपना चुनाव प्रचार रोकना पड़ा। तूफान के कारण अमेरिका में दो दिन शेयर बाजार बंद रहा। 1888 के बाद पहली बार न्यूयॉर्क स्टॉक एक्सचेंज लगातार दो दिन बंद रहा। देश के 12 से ज्यादा राज्यों में आपात स्थिति की घोषणा कर दी गयी। नार्थ कैरोलीना और न्यू हैंपशायर से लेकर समूचे पूर्वी तट के करीब पांच करोड़ लोग प्रभावित हुए और 100 से अधिक की मौत हो गई।
'पायरेट्स आफ द कैरेबियन: डेड मैन चेस्ट' जैसी हालीवुड फिल्मों में दिखा प्रसिद्ध जहाज एचएमएस बाउंटी उत्तरी कैरोलिना तट पर आये भीषण तूफान सैंडी से उठी विशाल लहरों की भेंट चढ गया। एक ओर अमेरिका के पूर्वी तटों पर सैंडी का प्रकोप था वहीं अर्जेन्टीना की राजधानी ब्यूनस आयर्स में भी तूफान आया। इसी दौरान वियतनाम के उत्तरी हिस्से में तूफान 'सोन तिन' का असर एक सप्ताह तक रहा और 32 से अधिक लोगों की जान गई। दक्षिणी चीन तक इस तूफान ने असर दिखाया। श्रीलंका में तूफान की वजह से भारी वर्षा हुई और तेज हवा चली तथा 50 हजार से ज्यादा लोग प्रभावित हो गए। हैती भी सैंडी तूफान के कहर से नहीं बच पाया और कैरेबियाई क्षेत्र में करीब 71 लोगों की जान चली गई। यहां भी कई लोग लापता हुए। दिसंबर के पहले सप्ताह में फिलीपीन में तूफान 'बोफा' के कहर से करीब 500 से अधिक लोगों की मौत हो गई जबकि दक्षिणी फिलीपीन में चालीस हजार से अधिक लोगों को सुरक्षित स्थानों पर शरण लेनी पड़ी। जुलाई के आखिर में और पूरे अगस्त फिलीपीन बाढ से जूझता रहा और बाढ की जद में राजधानी मनीला का आधा हिस्सा आ गया। फिलिपीन अगस्त में भी बाढ से दो चार हुआ और 23 लोगों की जान गई। अगस्त के शुरू में पूर्वी चीन के तटीय इलाकों में आए दो भीषण तूफानों और बारिश के कारण दस लाख से भी ज्यादा लोगों को सुरक्षित स्थानों पर ले जाया गया। भारी बारिश में चीन की महान दीवार का एक हिस्सा ढह गया।
वर्ष 2005 के बाद से आये अब तक के सबसे भयानक हैकू तूफान के कारण चीन के पूर्वी हिस्से में लाखों लोग विस्थापित हो गए। उत्तर पूर्वी अफगानिस्तान में मार्च के शुरू में एक पूरा गांव हिमस्खलन के कारण बर्फ में दब गया और 47 लोगों की मौत हो गई। मार्च के ही शुरूआती सप्ताह में आॅस्ट्रेलिया के न्यूसाउथ वेल्स में बाढ ने तबाही मचाई। लगातार बारिश की वजह से पूर्वी राज्यों क्वींसलैंड, न्यू साउथवेल्स और विक्टोरिया में नदियों में बाढ आ गई। अमेरिका के पांच राज्यों ... अलबामा, जाजिर्या, इंडियाना, केंटकी और ओहायो में मार्च के पहले सप्ताह में तूफान आया और करीब 38 लोगों की मौत हो गई। जुलाई के आखिर तथा अगस्त के शुरू में उत्तर कोरिया के विभिन्न हिस्सों में आई बाढ में 169 लोगों की जान चली गई। मध्य सितंबर में दक्षिण अमेरिका के मध्यवर्ती क्षेत्र असनसियान में जबर्दस्त तूफान आने से पराग्वे में पांच लोगों की मृत्यु हो गई। एक ओर जहां प्राकृतिक आपदाएं विभिन्न देशों में कहर ढाती रहीं वहीं दूसरी ओर मौसम विज्ञानियों ने अमेरिका के कैलिफोनिर्या स्थित 'डेथ वैली' को विश्व के सबसे गर्म स्थान का दर्जा दे दिया। डेथ वैली में 10 जुलाई 1913 को 56.7 डिग्री सेल्सियस अधिकतम तापमान दर्ज किया गया था।

Dark Saint Alaick
27-12-2012, 03:06 PM
बिहार सरकार के लिए सिरदर्द बने रहे अनुबंधित शिक्षक, हिंसक प्रदर्शन

http://myhindiforum.com/attachment.php?attachmentid=22138&stc=1&d=1356606360

बिहार में जाते वर्ष में स्कूलों में नामांकन घोटाले के उजागर होने के बाद शिक्षा के क्षेत्र में विवादास्पद शुरुआत हुई और साल के उत्तरार्द्ध में मुख्यमंत्री की जनसभाओं के दौरान अनुबंधित शिक्षकों के हिंसक प्रदर्शन राज्य सरकार का सिरदर्द बने रहे, जबकि उच्चतर शिक्षा जगत में सूबे के लिए दो दो केंद्रीय विश्वविद्यालयों का रास्ता साफ हुआ। पंचायत स्तर के प्राथमिक और माध्यमिक विद्यालयों के अनुबंधित शिक्षकों ने समान कार्य के लिए समान वेतन की मांग करते हुए आंदोलन की राह पकड़ी। अनुबंधित शिक्षकों ने खगड़िया और बेगूसराय में हिंसक प्रदर्शन किये, जबकि बेतिया, मधेपुरा, नवादा में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के जिला स्तरीय अधिकार सम्मेलनों में काले झंडे दिखाये गए। बिहार को विशेष राज्य का दर्जा दिलाने के लिए चार नवंबर को पटना में अधिकार रैली से पूर्व इन शिक्षकों ने घेरा डाल दिया, जिसे पुलिस हस्तक्षेप के बाद समाप्त कराया जा सका। खगड़िया में शिक्षकों ने हिंसा और तोड़फोड़ की। मुख्यमंत्री ने जहां अनुबंधित शिक्षकों को सरकारी शिक्षकों को समान वेतनमान देने में असमथर्ता जताई वहीं इसे राजनीतिक मुद्दे के रूप में हथियाते हुए राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद ने अपनी सरकार बनने पर शिक्षकों के स्थायीकरण और नियमित वेतनमान के आश्वासन का झुनझुना थमाया। शिक्षा विभाग के समीक्षा कार्यक्रम के तहत सरकारी, प्राथमिक और माध्यमिक विद्यालयों में साढे तीन लाख से अधिक फर्जी नामांकन पकड़े गये। विपक्ष ने इस मुद्दे को लेकर काफी हंगामा किया। वर्ष के मध्य में नालंदा अंतरराष्ट्रीय विश्वविद्यालय अंतिम स्वरूप लेता नजर आया। नोबेल पुरस्कार विजेता अमर्त्य सेन को विश्वविद्यालय का पहला कुलाधिपति नियुक्त किया गया। सेन ने कहा कि 2014 से विश्वविद्यालय के दो विद्यापीठों में पढाई शुरू होगी। जाते हुए वर्ष में मोतिहारी में केंद्रीय विश्वविद्यालय की स्थापना को लेकर केंद्र और राज्य सरकार के बीच तनातनी होती रही। केंद्रीय मानव संसाधन मंत्री ने कहा कि गया में बिहार का केंद्रीय विश्वविद्यालय स्थापित होगा। बाद में केंद्रीय मानव संसाधन मंत्री कपिल सिब्बल ने गया और मोतिहारी में केंद्रीय विश्वविद्यालयों की स्थापना को हरी झंडी दे दी। किशनगंज में अलीगढ मुस्लिम केंद्रीय विश्वविद्यालय के अध्ययन केंद्र की स्थापना को लेकर बिहार सरकार द्वारा जमीन आवंटन के बावजूद अध्ययन केंद्र की स्थापना में जाते हुए वर्ष में कोई प्रगति नहीं दिखी। बिहार सरकार ने विश्वविद्यालय प्रशासन को दिसंबर 2011 में 224 एकड़ जमीन किशनगंज में हस्तांतरित की थी। बिहार सरकार ने राज्य के 2012-13 के 78686 करोड़ रुपये के बजट में शिक्षा के विकास के लिए 15054.24 करोड़ रुपये खर्च करने की घोषणा की। उच्चतर शिक्षा के क्षेत्र में कुलपतियों की नियुक्ति को लेकर कुलाधिपति कार्यालय और राज्य सरकार के बीच जाते हुए वर्ष में टकराव कम नहीं हुआ। वर्ष 2012 में कुलाधिपति सह राज्यपाल देवानंद कुंवर द्वारा नियुक्त आठ कुलपतियों की नियुक्तियां पटना उच्च न्यायालय ने रद्द कर दी। विभिन्न जनहित याचिकाओं पर फैसला सुनाते हुए बिहार विश्वविद्यालय अधिनियम 1976 के उल्लंघन के मामले में अदालत ने पहले दो और बाद में छह कुलपतियों की नियुक्तियों को निरस्त कर दिया। अदालत ने चार प्रति कुलपतियों की नियुक्तियां भी रद्द कर दीं। वर्ष के अंत में दिसंबर में बिहार के प्रतिष्ठित विश्वविद्यालयों में से एक पटना विश्वविद्यालय में 28 वर्ष के अंतराल के बाद छात्रसंघ चुनाव हुए। 1984 के बाद पहली बार छात्रों के प्रतिनिधियों को चुनने के लिए कालेज कैंपस में वोट डाले गये। लिंग्दोह समिति की सिफारिशों के आधार पर चुनाव कराकर विश्वविद्यालय प्रशासन ने इतिहास रचा। इससे राज्य के अन्य विश्वविद्यालयों में भी छात्र संघ चुनाव का रास्ता साफ हो गया।

Dark Saint Alaick
27-12-2012, 03:11 PM
किसी न किसी कारण से बरस भर होती रही असम की चर्चा

http://myhindiforum.com/attachment.php?attachmentid=22139&stc=1&d=1356606680

अंत के करीब पहुंच चुके वर्ष 2012 में असम में मूलनिवासी बोडो और प्रवासी अल्पसंख्यकों के बीच हुई भीषण हिंसा और छेड़छाड़ का एक मामला जहां राष्ट्रीय सुखिर्यां बना वहीं जानलेवा बाढ और नौका हादसे में 100 लोगों की मौत राज्य के लिए गहरा घाव बन गई। मुख्यमंत्री तरूण गोगोई के लिए उनके कायर्काल का दूसरा वर्ष बहुत मुश्किल भरा रहा। जुलाई के आखिरी सप्ताह से चार बोडोलैंड भूभागीय प्रशासित जिलों (बीटीएडी) और धुबरी में हिंसा फैली। बोडो और अल्पसंख्यक प्रवासियों के बीच टकराव में करीब 110 लोगों की जान गई, सैकड़ों लोग विस्थापित हो गए और अगस्त तक चली हिंसा में 4.85 लाख से ज्यादा लोगों को राहत शिविरों में शरण लेना पड़ा। टकराव जमीन संबंधी मुद्दों को लेकर शुरू हुआ। बोडो लोगों ने कहा कि वह उस भूमि के मूल निवासी हैं और बांग्लादेश से आए अवैध प्रवासी उनकी जमीन पर कब्जा कर बस गए। अल्पसंख्यकों ने दावा किया कि टकराव के पीछे, विघटित हो चुके बोडो लिबरेशन टाइगर्स के कैडरों का हाथ था।
जुलाई महीने में शहर की व्यस्ततम जी एस रोड पर स्थित एक बार के बाहर भीड़ ने एक लड़की के साथ छेड़छाड़ की और टीवी के एक पत्रकार ने इसकी फिल्म बनाकर यू ट्यूब पर डाल दी जिससे खासा विवाद हुआ। घटना के सिलसिले में 16 लोगों को गिरफ्तार किया गया जिनमें मुख्य आरोपी अमरज्योति कलीता और पत्रकार गौरवज्योति नियोग भी थे। कलीता और 10 अन्य को स्थानीय अदालत ने दोषी ठहराया और नियोग तथा तीन अन्य को बरी कर दिया। इस घटना के चलते कई वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों का तबादला हुआ और टीवी चैनल के प्रधान संपादक तथा नियोग को संस्थान से इस्तीफा देना पड़ा। चैनल गोगोई मंत्रिमंडल के एक वरिष्ठ कैबिनेट मंत्री की पत्नी का था इसलिए मंत्री ने भी इस्तीफा दिया पर मुद्दा सुलझा लिया गया। राज्य में इस साल सर्वाधिक भीषण बाढ आई जिसमें 150 से अधिक लोगों की जान गई और 27 जिलों में से 25 जिलों की करीब 50 लाख की आबादी प्रभावित हुई। ब्रह्मपुत्र और उसकी सहायक नदियों ने राज्य में तबाही मचा दी जिससे कई इलाके डूबे और फसल खराब हुई। बाढ का कहर इस साल तीन बार टूटा और दुनिया का सबसे बड़ा रिहायशी नदी द्वीप माजुली भी नहीं बच पाया। न केवल द्वीप पानी में डूबा बल्कि व्यापक स्तर पर भूमि का क्षरण भी हुआ।
काजीरंगा नेशनल पार्क का 90 फीसदी भाग बाढ के पानी में डूबा और यहां के रिकॉर्ड 631 पशु इस तबाही की भेंट चढ गए। एक सींग वाले गैंडे के लिए प्रख्यात काजीरंगा नेशनल पार्क में शिकारियों ने इस साल 20 से अधिक हाथियों को उनके दांतों के लिए मार डाला। बाजार में हाथी दांत की कीमत 80 लाख रूपये से एक करोड़ रूपये तक है। गैंडों के शिकार के लिए राज्य के वन विभाग की खासी आलोचना हुई जिसके चलते वन मंत्री रॉकीबुल हुसैन ने पार्क के लिए मुख्य वन संरक्षक की नियुक्ति करने और वन गार्डों को एके 47 रायफलें देने सहित कई उपायों की घोषणा की। तीस अप्रैल को राज्य में करीब 300 यात्रियों को लेकर जा रही एक नौका तूफान में फंस कर बांग्लादेश की सीमा से लगे धुबरी जिले में ब्रह्मपुत्र नदी में डूब गई। तलाशी अभियान कई सप्ताह चला। इस आशंका के चलते बांग्लादेश सरकार से मदद मांगी गई कि शव पानी की धारा में बह कर पड़ोसी देश चले गए होंगे। लेकिन केवल 42 शव ही मिल सके। करीब 200 लोगों का पता नहीं चल पाया। तीन दशक से राज्य में चल रहा उग्रवाद इस साल धीमा रहा और उल्फा तथा एनडीएफबी के साथ वार्ता प्रक्रिया शुरू हुई। यह बात अलग है कि वार्ता में उल्लेखनीय प्रगति नहीं हो पाई।

Dark Saint Alaick
27-12-2012, 03:16 PM
अपराध महाराष्ट्र : कसाब की फांसी और जंदल का प्रत्यर्पण 2012 की प्रमुख घटना रहीं

http://myhindiforum.com/attachment.php?attachmentid=22140&stc=1&d=1356606981

मुंबई आतंकी हमले के दोषी अजमल कसाब को फांसी, उसके आका अबु जंदल का सउदी अरब से प्रत्यर्पण, पुणे में विस्फोट, फेसबुक पर डाली गई टिप्पणी को लेकर दो लड़कियों की गिरफ्तारी और आजाद मैदान में 11 अगस्त को हुयी हिंसा जैसी घटनाएं इस साल महाराष्ट्र में सुखिर्यों में रही। लश्कर ए तैय्यबा के आतंकवादी कसाब को पुणे में अत्यधिक सुरक्षा वाली यरवदा जेल में 21 नवंबर को गोपनीय तरीके से फांसी दे दी गयी। आजादी के बाद कसाब पहला विदेशी अभियुक्त है जिसे देश में फांसी दी गयी। कसाब को फांसी के पहले 26/11 मामले में एक बड़ी कामयाबी उस समय मिली थी जब सैयद जबीउद्दीन अंसारी उर्फ अबु जंदल को दिल्ली पुलिस द्वारा जून में प्रत्यर्पित किया गया। जंदल ने कसाब और अन्य हमलावरों को हिंदी सिखायी थी और उन्हें निशाना बनाए जाने वाले स्थानों की भौगोलिक स्थिति की जानकारी दी थी। जंदल के खिलाफ मामले को मजबूत बनाने वाले एक कदम में मुंबई की अपराध शाखा ने अगस्त में उसे आर्थर रोड जेल में कसाब के सामने बिठाकर पूछताछ की थी। कसाब ने जंदल की पूरे मामले के मुख्य साजिशकर्ता के रूप में पहचान की थी।
आतंकवाद से जुड़ी ही एक अन्य घटना में एक अगस्त को पुणे में कम तीव्रता वाले चार विस्फोट हुए। उस घटना में एक व्यक्ति गंभीर रूप से घायल हो गया था। दिल्ली पुलिस ने इस मामले में इंडियन मुजाहिद्दीन के चार लोगों को पकड़ते हुए दावा किया कि इसी आतंकवादी गुट ने विस्फोटों की योजना बनायी थी। एक अन्य घटना में मुंबई पुलिस पर अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के अधिकार का 'दमन' करने का आरोप लगा जब दो लड़कियों को शिवसेना के संस्थापक बाल ठाकरे के निधन पर आयोजित बंद की आलोचना करने के बाद गिरफ्तार कर लिया गया। शिवसेना के एक स्थानीय नेता ने लड़कियों के खिलाफ शिकायत की थी। इसके बाद 19 नवंबर को दोनों लड़कियों को गिरफ्तार कर लिया गया। इस गिरफ्तारी की व्यापक आलोचना हुयी थी। इस मामले में जांच का आदेश दिया गया और दो पुलिस अधिकारियों ठाणे ग्रामीण के पुलिस अधीक्षक रवीन्द्र सेनगांवकर तथा पालघर के वरिष्ठ पुलिस इन्स्पेक्टर श्रीकांत पिंगले को निलंबित कर दिया गया। दोनों लड़कियों पर लगाए गए आरोप हटा दिए गए। एक अन्य विवादास्पद घटना 11 अगस्त को हुयी जब असम और म्यामां में मुस्लिमों पर हमले के विरोध में आजाद मैदान में एक रैली आयोजित की गयी। लेकिन रैली में हिंसा हुई, पुलिस पर हमला किया गया और मीडियाकमिर्यों तथा वाहनों को निशाना बनाया गया। हिंसा में दो लोगों की मौत हो गयी।
इस घटना के बाद मुंबई पुलिस आयुक्त अरूप पटनायक का तबादला कर दिया गया। उन पर आरोप था कि वह आजाद मैदान की घटना से सही तरीके से निबटने में नाकाम रहे। उसके बाद प्रोन्नति देते हुए उन्हें महाराष्ट्र राज्य सुरक्षा निगम का महानिदेशक बना दिया गया। इस मामले में रैली के आयोजक एवं मदीना-तुल-इल्म के मौलाना अहमद रजा सहित 64 लोगों को गिरफ्तार किया गया था। उनमें से एक किशोर था। पांच को निर्दोष पाए जाने के बाद रिहा कर दिया गया। 45 लोगों को जमानत मिल गयी। पुलिस ने फरवरी में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और मुंबई कांग्रेस के पूर्व प्रमुख कृपाशंकर सिंह के खिलाफ आय के ज्ञात स्रोतों से अधिक संपत्ति के आरोप में एक मामला दर्ज किया। एक अन्य बड़े मामले में पुलिस ने मई में जुहू में एक होटल में छापा मारा और 90 लोगों को हिरासत में लिया। इनमें आईपीएल के दो खिलाडी दक्षिण अफ्रीका के वायने पारनेल और राहुल शर्मा भी थे। पुलिस को सूचना मिली थी कि पार्टी में ड्रग का इस्तेमाल किया जा रहा था। उनके मूत्र और रक्त के नमूने लिए जाने के बाद उन्हें छोड दिया गया था। प्रख्यात गायिका आशा भोसले की पुत्री वर्षा भोंसले की आत्महत्या का मामला भी इस साल सुखिर्यों में रहा। 56 साल की वर्षा का शव घर में ही सोफे पर मिला और सर पर गोली का घाव था। पुलिस के अनुसार, आत्महत्या के लिए जिस पिस्तौल का इस्तेमाल किया गया वह उनकी मां आशा भोंसले की थी और करीब तीन दशक पहले ही वह खो गयी थी।

Dark Saint Alaick
27-12-2012, 03:24 PM
विश्व मंच ने इस साल भी माना भारतीय मेधा का लोहा

http://myhindiforum.com/attachment.php?attachmentid=22141&stc=1&d=1356607449

वैश्विक विकास में भारतीयों का महत्वपूर्ण योगदान रहा है। इस साल भी दुनिया के अलग अलग हिस्सों में भारतीयों ने अपनी मेधा का परचम लहराया। भारत की ओर से नामित न्यायमूर्ति दलवीर भंडारी अप्रैल में भारी बहुमत से अंतरराष्ट्रीय न्यायालय (आईसीजे) के न्यायाधीश के तौर पर निर्वाचित किए गए। संयुक्त राष्ट्र महासभा और सुरक्षा परिषद दोनों स्थानों पर 64 वर्षीय न्यायमूर्ति भंडारी ने फिलीपीन के फलोरेंतिनो फेलिसिआनो को मात दी। महासभा में उन्होंने 122 और सुरक्षा परिषद में 15 में से 13 मत हासिल किए। इसी माह भारतीय मूल के उद्यमी और शिक्षाविद सनी वर्के को संयुक्त राष्ट्र की शैक्षिक एवं सांस्कृतिक एजेंसी यूनेस्को का सद्भावना दूत नियुक्त किया गया। शिक्षा के क्षेत्र में वर्के के अहम योगदान के मद्देनजर उन्हें यूनेस्को का सद्भावना दूत नियुक्त किया गया। भारतीय प्रधानमंत्री कार्यालय के एक वरिष्ठ अधिकारी बिनाय जॉब को मार्च में वर्ल्ड इकोनोमिक फोरम ने ‘यंग ग्लोबल लीडर’ पुरस्कार प्रदान किया। सामाजिक बदलाव में मीडिया के इस्तेमाल में बिनाय की भूमिका को देखते हुए यह पुरस्कार प्रदान किया गया। पंजाब विधान सभा के अध्यक्ष डा. चरणजीत अटवाल को अपने राज्य में प्राथमिक शिक्षा के क्षेत्र में योगदान के लिये एशियन गिल्ड्स के ‘विशेष अंतरराष्ट्रीय पुरस्कार ’ से सम्मानित किया गया। एशियन गिल्ड के अध्यक्ष लार्ड तरसेम किंग ने लोकसभा के पूर्व उपाध्यक्ष अटवाल को नवंबर के पहले सप्ताह में लंदन स्थित हाउस आफ लार्ड्स में एशियन गिल्ड एन्युअल अवार्ड्स डिनर 2012 में सम्मानित किया।
नवंबर के ही पहले सप्ताह में उपन्यासकार किरण नागरकर और उद्योगपति बाबासाहब कल्याणी को भारत-जर्मनी के रिश्तों में उनके योगदान के लिए जर्मनी के ‘क्रॉस आफ द आर्डर आफ मेरिट’ के प्रतिष्ठित ‘बुंदेस्वरदीनस्तक्रूज’ पुरस्कार से नवाजा गया। बाबासाहब कल्याणी भारत के सफल उद्यमी हैं जिनका जर्मनी से गहरा रिश्ता रहा है वहीं नागरकर जर्मनी में भारत के सर्वाधिक लोकप्रिय लेखक हैं। गरीब बच्चों को आईआईटी जेईई की तैयारी कराने वाले गणितज्ञ आनंद कुमार द्वारा स्थापित संस्था सुपर 30 की ख्याति सुनकर लंदन की प्रख्यात फोटोग्राफर ओलिविया आर्थर नवंबर के दूसरे सप्ताह में पटना पहुंचीं और संस्थान तथा उसके विद्यार्थियों के जीवन के विविध रंगों को अपने कैमरे में कैद किया। लंदन के रॉयल फोटोग्राफिक सोसायटी के ओडेन पुरस्कार और पेरिस की सोसाइटी से सम्मानित ओलिविया ने इससे पहले भी भारत के विषयों के अलावा सउदी अरब की परदा नशीं महिलाओं सहित अन्य विषयों के चित्र उतारे हैं। सुपर 30 में उन्होंने गरीब और मेधा के सशक्तिकरण का एक सफल प्रयोग देखा। अंतरराष्ट्रीय प्रदर्शनियों में अपनी तस्वीर लगाने वाली ओलिविया की प्रदर्शनी का अगला विषय सुपर 30 है। भारतीय मूल के जीव वैज्ञानिक डॉक्टर कमल बावा को वैश्विक सतत विकास की दिशा में विज्ञान के क्षेत्र में किए गए उनके श्रेष्ठ कार्य के लिए रॉयल नार्वियन सोसायटी आफ साइंसेज एंड लेटर्स (डीकेएनवीएस) की ओर से 17 अप्रैल को ‘जनरस सस्टेनेबिलिटी अवार्ड’ दिया गया। ‘जनरस सस्टेनेबिलिटी अवार्ड’ विज्ञान के क्षेत्र में दिया जाने वाला पहला बड़ा अंतरराष्ट्रीय पुरस्कार है।
ब्रिटेन की अर्थव्यवस्था में एशिया के योगदान को सम्मानित करने के लिए प्रवासी भारतीय कारोबारी तेज लालवानी को 2012 के ‘युवा उद्यमी पुरस्कार’ के लिए चुना गया। लालवानी वीटाबायोटिक्स के वैश्विक परिचालन के उपाध्यक्ष हैं और उन्होंने अपने पिता कर्तार लालवानी की उपलब्धियों में चार चांद लगाया। कभी मलिन बस्ती में रहने वाले और अब चेन्नई में खाद्यान्न उद्योग संभालने वाले सरत बाबू इलूमलाई उन तीन युवाओं में शामिल थे जिन्हें विश्वबैंक के वार्षिक कार्यक्रम ग्लोबल यूथ कांफे्रेंस के लिये विश्वभर से आमंत्रित किया गया। सम्मेलन की विषयवस्तु ‘यूथ अनएंप्लायमेंट : एंपावरिंग सोल्यूशन थ्रू इनोवेशन एंड इन्क्लूजन’ थी। अमेरिका में रहने वाले भारतीय शेफ विकास खन्ना की रसोई पर लिखी किताब ‘फ्लेवर्स फर्स्ट : एन इंडियन शेफ्स कुजीनरी जर्नी’ को महत्वपूर्ण बेंजामिन फ्रेंकलिन पुरस्कार प्रदान किया गया। ‘फ्लेवर फर्स्ट’ में खन्ना के शेफ बनने की दास्तान है और इसमें हाथ से बनी रोटी, विभिन्न किस्म की चटनी, ठंडे पेय पदार्थ आदि भारतीय व्यंजनों का जिक्र है। रंगभेद की नीति का विरोध करने वाले भारतीय मूल के अहमद कर्थडा को जोहान्सबर्ग शहर के सर्वोच्च सम्मान ‘फ्रीडम आफ द सिटी’ से नवाजा गया। सालों तक जेल में कैद रहे अहमद कर्थडा नेल्सन मंडेला के बाद पांचवे व्यक्ति हैं जिन्हें यह सम्मान दिया गया है। भारतीय अर्थशास्त्री तथा 1998 में अर्थशास्त्र के नोबेल पुरस्कार विजेता अमर्त्य सेन को अमेरिकी राष्ट्रपति बराक अ*ोबामा ने फरवरी में व्हाइट हाउस में एक शानदार समारोह में ‘नेशनल मेडल्स आफ आर्ट्स एंड ह्यूमैनिटीज’ पुरस्कार से सम्मानित किया।

Dark Saint Alaick
27-12-2012, 03:35 PM
राजस्थान में इस वर्ष भ्रष्टाचारियों पर शिकंजा कसा
लेकिन लोकायुक्त की खाली कुर्सी ने सरकार की नीयत पर खड़े किए सवाल

http://myhindiforum.com/attachment.php?attachmentid=22142&stc=1&d=1356608089

राजस्थान सरकार ने भ्रष्ट तरीकों से सम्पति अर्जित करने वालों की सम्पति कुर्क कर उसको सार्वजनिक कार्यों के उपयोग में लेने और जनप्रतिनिधियों व आला अधिकारियों की सम्पति की घोषणा का फैसला कर भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने की अच्छी पहल की, लेकिन राज्य का लोकायुक्त का पद छह महीने से अधिक समय से रिक्त होने के कारण शिकायतों की फाइलें बढती जा रही हैं। राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के अनुसार राजस्थान विशेष न्यायालय विधेयक 2012 को राष्ट्रपति की अनुमति मिलने से भ्रष्ट तरीके से सम्पति अर्जित करने वाले लोकसेवकों की जांच के लिए विशेष न्यायालय सुनवाई कर तय समय में फैसला करेंगे। उन्होंने कहा कि आय से अधिक सम्पति के आरोप साबित होने पर लोकसेवकों की सम्पति कुर्क कर उस सम्पति का उपयोग अस्पताल, स्कूल आदि खोलने में किया जा सकेगा। भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष डा अरूण चतुर्वेदी ने कहा कि राज्य के अनेक मंत्रियों पर भ्रष्टाचार के आरोप है इनमें से कुछ ने पद छोड़ दिए हैं। न्यायालय ने भी प्रदेश में भ्रष्टाचार को लेकर समय समय पर प्रतिकूल टिप्पणी की है। सरकार को जवाब देना चाहिए। राजस्थान प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष डा चन्द्रभान ने भाजपा पर पलटवार करते हुए कहा ै पूर्व वंसुधरा राजे सरकार के कायर्काल में हुआ भ्रष्टाचार प्रदेशवासियों की जुबान पर है, आमेर की हवेलियां, राजस्थान क्रिकेट एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष ललित मोदी के कार्यकलापों पर निगाह डालें तो उनको खुद ब खुद जवाब मिल जाएगा।
राजस्थान भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो के महानिरीक्षक उमेश मिश्रा के अनुसार, 'राज्य में भ्रष्ट लोकसेवकों के खिलाफ कारर्वाई करते हुए अगस्त 2012 तक तीन सौ 84 मामले दर्ज किये गये हैं। यह मामले पिछले वर्षो में दर्ज मुकदमों से अधिक है। उन्होंने कहा कि वर्ष 2010 में चार सौ सात और वर्ष 2011 में पांच सौ सोलह मुकदमे दर्ज किए गये, जो पूरे भारत में दर्ज भ्रष्टाचार के प्रकरणों में सर्वाधिक हैं।' उन्होंने कहा, 'संस्थागत स्तर पर हो रहे भ्रष्टाचार पर नकेल कसते हुए ब्यूरो ने बिना पूर्ण प्रशिक्षण के व्यावसायिक पायलट लाइसेंस देने के मामले का पर्दाफाश कर फर्जी उड़ान के आंकडे तैयार करने के आरोप में राजस्थान पायलट स्कूल के मुख्य प्रशिक्षक समेत कई अधिकारियों को गिरफ्तार किया। इसके उपरान्त दिल्ली पुलिस द्वारा की गई कायर्वाही में कई फर्जी पायलट पकडे गए।' राजस्थान भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो के वरिष्ठतम अधिकारी ने कहा, 'ब्यूरो ने केवल कमर्चारियों एवं अधिकारियों को ही नहीं बल्कि भारतीय प्रशासनिक सेवा, भारतीय पुलिस सेवा, भारतीय वन सेवा, राजस्थान प्रशासनिक सेवा, राजस्थान पुलिस सेवा के अधिकारियों को भी रिश्वत लेते हुए गिरफतार किया है।'
अधिकारी ने कहा कि ब्यूरो ने अगस्त 2012 तक तीन आईएएस और तीन आईपीएस अधिकारियों के खिलाफ आय से अधिक सम्पति के मामले दर्ज किए। उन्होंने बताया कि राजपत्रित अधिकारियों के खिलाफ अगस्त 2012 तक एक सौ चार मुकदमे दर्ज किए जा चुके हैं जबकि वर्ष 2010 में इस तरह के एक सौ इक्यावन और वर्ष 2011 में दो सौ छब्बीस मुकदमे दर्ज हुए थे। भ्रष्ट तरीके से सम्पति अर्जित करने वाले लोकसेवकों के खिलाफ राजस्थान भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो लगातार कायर्वाही कर रहा है। लेकिन राजस्थान लोकायुक्त कार्यालय पिछले पांच महीने से निस्तेज पड़ा है। लोकायुक्त कार्यालय इन दिनों सूना पड़ा है। लोकायुक्त, सचिव, उप सचिव सभी पद रिक्त है। इंतहा तो यह है कि लोकायुक्त कार्यालय के बारे में अधिकारिक तौर पर उत्तर देने वाला कोई नहीं है। लोकायुक्त कार्यालय के अनुसार, हर रोज पांच से छह शिकायते आ रही है, लेकिन इनका निस्तारण करने वाला कोई नहीं है क्योंकि अधिकांश पद खाली पड़े हैं। जब उनसे कुल शिकायतों के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि इस बारे में आधिकारिक तौर पर कोई कुछ नहीं बता सकता क्योंकि अधिकांश पद रिक्त हैं।

Dark Saint Alaick
29-12-2012, 02:09 AM
वर्ष नेता : बात बिगड़ेगी तो फिर अदालत तक जाएगी

http://myhindiforum.com/attachment.php?attachmentid=22250&stc=1&d=1356732696 http://myhindiforum.com/attachment.php?attachmentid=22251&stc=1&d=1356732696

इस वर्ष नेताओं की बयानबाजी ने कई बवाल मचाए और कुछ विवाद तो अदालतों के दरवाजे तक जा पहुंचे। अदालती कार्यवाही का सामना कर रहे कुछ नेताओं को राहत मिली तो कुछ को नये झमेलों से दो चार होना पड़ा। फरवरी में तत्कालीन विधि मंत्री सलमान खुर्शीद ने मुस्लिमों को आरक्षण संबंधी टिप्पणी की तो निर्वाचन आयोग ने इसे आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन करार दिया। लेकिन आयोग की आपत्ति के बावजूद खुर्शीद ने फर्रूखाबाद में एक चुनावी रैली में कहा था कि वह मुस्लिमों के लिए आरक्षण के मुद्दे पर अपना संघर्ष जारी रखेंगे, फिर भले ही वह (निर्वाचन आयोग) उन्हें फांसी पर क्यों न लटका दे। इस पर एक अपूर्व कदम उठाते हुए निर्वाचन आयोग ने तत्कालीन राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल को पत्र लिखकर खुर्शीद द्वारा कथित रूप से निर्वाचन आयोग के खिलाफ की जा रही बयानबाजी के मामले में हस्तक्षेप करने की अपील की। राष्ट्रपति ने यह पत्र प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के कार्यालय को भेजा और खुर्शीद को सिंह के समक्ष सफाई देनी पड़ी। बाद में निर्वाचन आयोग के साथ टकराव को समाप्त करने का प्रयास करते हुए खुर्शीद ने घटना पर अफसोस जाहिर किया। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह पर भाजपा अध्यक्ष नितिन गडकरी ने मानहानि का मुकदमा ठोंका। सिंह ने गडकरी पर उनकी पार्टी के सांसद अजय संचेती के साथ कारोबारी संबंध रखने और संचेती को कोयला ब्लॉक के आवंटन के एवज में उनसे 500 करोड़ रूपये लेने का आरोप लगाया था। बहरहाल, मामले में सिंह को अदालत से जमानत मिल चुकी है।
गडकरी की अपनी कंपनी को लेकर भी उन पर भ्रष्टाचार के खूब आरोप लगे और उनकी ही पार्टी के कुछ सदस्यों ने अध्यक्ष पद से उनके इस्तीफे की मांग कर डाली। गडकरी की वजह से भाजपा के लिए भी असहज स्थिति पैदा हुई लेकिन गडकरी पद पर बरकरार हैं। महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के अध्यक्ष राज ठाकरे के बयानों ने उन्हें चौतरफा आलोचनाओं का निशाना बनाया। उन्होंने कथित तौर पर मुंबई में रह रहे बिहार के लोगों को घुसपैठिये कहा और उन्हें बाहर निकाल देने की धमकी दी जिसके बाद अदालत ने दिल्ली पुलिस को उनके खिलाफ मामला दर्ज करने का आदेश दिया। राज के बयान को लेकर एक वकील ने शिकायत दर्ज कराई थी कि उनका बयान राष्ट्रविरोधी और उकसाने वाला था। दिल्ली की मुख्यमंत्री शीला दीक्षित ने भाजपा के दिल्ली इकाई के अध्यक्ष विजेन्दर गुप्ता के बयानों को लेकर उनके खिलाफ मानहानि का मुकदमा दर्ज कराया। शीला ने आरोप लगाया कि गुप्ता ने 15 अप्रैल को स्थानीय निकाय चुनाव के दौरान उनके खिलाफ ‘असभ्य’ भाषा का उपयोग किया। अदालत ने शीला के वकील को चेतावनी दी कि या तो शीला खुद अदालत में पेश हों या फिर मामला खारिज कर दिया जाएगा।
पूर्व केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री अंबुमणि रामदास पर अपने पद का दुरूपयोग कर इंदौर के एक मेडिकल कालेज को छात्रों के प्रवेश की अनुमति देने का आरोप लगा जबकि मेडिकल कॉलेज में पर्याप्त अकादमिक अवसंरचनाएं नहीं थीं। सीबीआई ने रामदास के खिलाफ आरोपपत्र दाखिल कर दिया। जनता पार्टी के अध्यक्ष सुब्रमण्यम स्वामी ने सीबीआई की विशेष अदालत में याचिका दायर कर वित्त मंत्री पी चिदंबरम को टू जी स्पेक्ट्रम आवंटन मामले में आरोपी बनाए जाने की मांग की। लेकिन याचिका खारिज कर दी गई। चिदंबरम को चार जनवरी को सीबीआई के विशेष न्यायाधीश ओ पी सैनी ने क्लीन चिट देते हुएकहा कि वह पूर्व दूरसंचार मंत्री ए राजा द्वारा किए गए निर्णयों से किसी भी तरह का आर्थिक लाभ लेने के आपराधिक षड्यंत्र में शामिल नहीं थे। टू जी स्पेक्ट्रम मामले में मुख्य आरोपी ए राजा के खिलाफ सुनवाई चल रही है लेकिन 15 माह तक जेल में रहने के बाद इस साल उन्हें अदालत से जमानत मिली और वह रिहा हो गए। साल के आखिर में एक अदालत ने राष्ट्रमंडल खेल परियोजनाओं में अनियमितताओं के मामले में कांग्रेस के सांसद सुरेश कलमाड़ी के खिलाफ अपने पद का कथित तौर पर दुरूपयोग कर सरकारी खजाने को 90 करोड़ का चूना लगाने के लिए आरोप तय करने का आदेश दे दिया। राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के पुत्र एवं सांसद अभिजीत मुखर्जी ने राजधानी दिल्ली में पैरा मेडिकल छात्रा के साथ सामूहिक बलात्कार के खिलाफ होने वाले प्रदर्शनों में शामिल महिलाओं को ‘अत्यधिक रंगी पुती’ कह कर खासा विवाद खड़ा कर दिया और आलोचनाओं में घिर गए। बाद में उन्होंने माफी मांगी।

Dark Saint Alaick
29-12-2012, 02:42 AM
2012 के टॉप टेन चर्चित चेहरे


इस वर्ष कुछ चेहरे अचानक सुर्खियों का हिस्सा बन गए। इनके नाम की चर्चा पहले भी होती रहती थी, लेकिन इस वर्ष कुछ असाधारण गतिविधियों अथवा उपलब्धियों के कारण इनके नाम की खास चर्चा हुई।

Dark Saint Alaick
29-12-2012, 02:43 AM
अखिलेश यादव

http://myhindiforum.com/attachment.php?attachmentid=22252&stc=1&d=1356734624

उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनावों में समाजवादी पार्टी की जीत में अहम भूमिका निभाने वाले अखिलेश यादव मार्च में राज्य के 33वें मुख्यमंत्री बने। वह देश की सर्वाधिक आबादी वाले राज्य के सबसे युवा मुख्यमंत्री हैं। आस्ट्रेलिया से पर्यावरण इंजीनियरिंग में स्नातकोत्तर की डिग्री प्राप्त अखिलेश की सुनियोजित चुनाव प्रचार नीति की वजह से 403 सदस्यीय विधानसभा में सपा को 224 सीटें मिलीं।

Dark Saint Alaick
29-12-2012, 02:45 AM
अरविंद केजरीवाल

http://myhindiforum.com/attachment.php?attachmentid=22253&stc=1&d=1356734699

पिछले साल प्रख्यात गांधीवादी समाज सेवक अन्ना हजारे के भ्रष्टाचार विरोधी आंदोलन में उनके सहायक रहे अरविंद केजरीवाल ने इस साल अक्तूबर में न केवल अपनी राजनीतिक पार्टी गठित की बल्कि भ्रष्टाचार के समूल खात्मे के ऐलान के साथ ही सरकार से जुड़े लोगों पर धुआंधार आरोप लगाए। महंगाई के खिलाफ भी केजरीवाल ने जबरदस्त मुहिम छेड़ी, धरने आंदोलन किए और जेल भी गए।

Dark Saint Alaick
29-12-2012, 02:46 AM
रॉबर्ट वाड्रा

http://myhindiforum.com/attachment.php?attachmentid=22254&stc=1&d=1356734778

कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के दामाद रॉबर्ट वाड्रा इस साल अपने कारोबार को लेकर सुर्खियों में रहे और केजरीवाल ने उन पर सत्ता से नजदीकी की वजह से अनावश्यक लाभ हासिल करने का आरोप लगाया।

Dark Saint Alaick
29-12-2012, 02:48 AM
अशोक खेमका

http://myhindiforum.com/attachment.php?attachmentid=22255&stc=1&d=1356734882

हरियाणा के वरिष्ठ आईएएस अधिकारी अशोक खेमका भी चर्चा में रहे जिन्होंने वाड्रा के डीएलएफ के साथ सौदों की जांच का आदेश दिया जिसके बाद उनका तबादला कर दिया गया। खेमका ने उनका तबादले के बाद प्रमुख रियल्टी समूह डीएलएफ को वाड्रा की तीन एकड़ जमीन की बिक्री को रद्द कर दिया।

Dark Saint Alaick
29-12-2012, 02:49 AM
जनरल वी. के. सिंह

http://myhindiforum.com/attachment.php?attachmentid=22256&stc=1&d=1356734974

इस साल मई में सेवानिवृत्त हुए तत्कालीन सेना प्रमुख जनरल वी के सिंह ने अपनी उम्र संबंधी विवाद को लेकर सरकार को उच्चतम न्यायालय में खींचा। हालांकि वह 10 फरवरी को यह लड़ाई हार गये और उन्हें अपनी याचिका वापस लेने के लिए मजबूर होना पड़ा। उन्होंने अपने सेना के कुछ अधिकारियों पर भी आरोप लगाए जिनकी जांच चल रही है। जनरल सिंह 31 मई को सेवानिवृत्त हो गए। उन्हें मिली जेड प्लस श्रेणी की सुरक्षा साल के आखिर में वापस लेने का फैसला भी हो गया।

Dark Saint Alaick
29-12-2012, 02:55 AM
असीम त्रिवेदी

http://myhindiforum.com/attachment.php?attachmentid=22257&stc=1&d=1356735299

कानपुर के कार्टूनिस्ट असीम त्रिवेदी को राजद्रोह के आरोप में आठ सितंबर को गिरफ्तार किया गया और जनाक्रोश के बीच उच्च न्यायालय से जमानत मिलने के बाद उन्हें 12 सितंबर को रिहा किया गया। बंबई उच्च न्यायालय ने त्रिवेदी को ‘तुच्छ’ आधार पर तथा ‘बिना सोचे समझे’ गिरफ्तार करने के लिए मुंबई पुलिस को फटकार लगाते हुए कहा कि उसकी कार्रवाई से असीम की बोलने और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का उल्लंघन हुआ है।

Dark Saint Alaick
29-12-2012, 03:01 AM
जी माधवन नायर

http://myhindiforum.com/attachment.php?attachmentid=22258&stc=1&d=1356735649

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के पूर्व अध्यक्ष जी. माधवन नायर तथा तीन अन्य वरिष्ठ वैज्ञानिकों को इसरो द्वारा नियुक्त समिति ने एंट्रिक्स देवास सौदे मामले में दोषी पाया। इन चारों सरकारी पद ग्रहण करने से वंचित भी कर दिया गया।

Dark Saint Alaick
29-12-2012, 03:02 AM
दिनेश त्रिवेदी

http://myhindiforum.com/attachment.php?attachmentid=22259&stc=1&d=1356735767

तृणमूल कांग्रेस के नेता दिनेश त्रिवेदी ने रेल बजट में रेलगाड़ियों का भाड़ा बढ़ाने का प्रस्ताव क्या दिया कि उनकी पार्टी ने भाड़ा वापस लेने की मांग के साथ साथ उनके भी इस्तीफे की मांग कर डाली। आखिरकार त्रिवेदी को इस्तीफा देना ही पड़ा।

Dark Saint Alaick
29-12-2012, 03:04 AM
वीरभद्र सिंह

http://myhindiforum.com/attachment.php?attachmentid=22260&stc=1&d=1356735838

हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह को न भ्रष्टाचार के आरोपों को लेकर विपक्षी शिकस्त दे पाए और न ही कांग्रेस की कलह नुकसान पहुंचा सकी। अपने जबरदस्त प्रचार अभियान के बाद वीरभद्र कांग्रेस को विधानसभा चुनावों में राज्य में फिर सत्ता में वापस ले आये और एक रिकार्ड बनाते हुये 78 वर्षीय इस नेता ने 25 दिसंबर को छठवीं बार राज्य के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। अदालत ने भी वीरभद्र को राहत देते हुये उन्हें भ्रष्टाचार और साजिश के मामले से बरी कर दिया। इस मामले की वजह से उन्हें केंद्रीय मंत्री का पद छोड़ना पड़ा था।

Dark Saint Alaick
29-12-2012, 03:05 AM
नरेन्द्र मोदी

http://myhindiforum.com/attachment.php?attachmentid=22261&stc=1&d=1356735911

भाजपा के कद्दावर नेता नरेंद्र मोदी ने गुजरात विधानसभा चुनावों में सत्ता विरोधी लहर को पराजित कर और कांग्रेस तथा केशूभाई पटेल से मिली मामूली सी चुनौती को पार करते हुए हैट्रिक बनाई। राज्य में भाजपा को लगातार पांचवीं जीत दिलाते हुए मोदी ने अगले लोकसभा चुनाव में भाजपा के अंदर प्रधानमंत्री पद के लिए अपनी दावेदारी मजबूत की और 182 सदस्यीय विधानसभा में 115 सीटें हासिल कर पार्टी को शानदार जीत दिलाई। मोदी तीसरी बार मुख्यमंत्री भी बने।

Dark Saint Alaick
29-12-2012, 03:10 AM
राजनीति कोयले के कारण तपती रही छत्तीसगढ की राजनीति

http://myhindiforum.com/attachment.php?attachmentid=22262&stc=1&d=1356736200

छत्तीसगढ में कोयले के कारण इस वर्ष राजनीति की हवा तपती रही। वहीं यह साल नेताओं के विवादास्पद बयानों के कारण भी जाना जाएगा। छत्तीसगढ में पिछले नौ सालों से भारतीय जनता पार्टी का राज है और इस दौरान राज्य के मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस ने राज्य सरकार पर कई बार हजारों करोड़ रूपए के भ्रष्ट्राचार का आरोप लगाया, लेकिन सीएजी रिपोर्ट में कोल ब्लाक आबंटन को लेकर की गई टिप्पणी के बाद राज्य में कांग्रेस को जैसे बैठे बिठाए एक मुद्दा मिल गया। इस मुद्दे को लेकर भाजपा ने केंद्र सरकार को घेरा तब बदले में यहां कांग्रेस ने राज्य सरकार पर कोल ब्लाक आबंटन में भारी भ्रष्टाचार करने और राष्ट्रीय अध्यक्ष नितिन गडकरी के करीबी संचेती को फायदा पहुंचाने का आरोप लगाया। विधानसभा में पेश रिपोर्ट में भटगांव कोल ब्लाक आबंटन को लेकर सीएजी ने तीखी टिप्पणी की थी, लेकिन तब मामला ठंडा पड़ गया था। लेकिन एक बार फिर जब संसद में मामला उठा तब भटगांव का कोयला फिर गर्म हो गया। अंतत: कोल मंत्रालय ने भटगांव कोल ब्लाक का आबंटन रद्द कर दिया और अब कांग्रेस इस मामले की सीबीआई जांच की मांग कर रही है। राज्य में सरकार और विपक्ष के बीच आरोप प्रत्यारोप का दौर चलता रहा और सरकार भी चलती रही लेकिन यहां के डाक्टरों की गलतियों ने एक बार फिर सरकार को कठघरे में खड़ा कर दिया।
राज्य में स्वास्थ्य सेवाओं में गड़बड़ी को लेकर पहले ही सरकार कई बार विधानसभा में घिर चुकी है। लेकिन इस बार बगैर किसी ठोस कारण के चिकित्सकों पर गर्भाशय निकालने का आरोप लगा। सरकार ने जांच करवाने का आश्वास दिया और नौ चिकित्सकों पर कार्रवाई भी हुई। अब जांच हो रही है। रही सही कसर मोतियाबिंद के आपरेशन ने पूरी कर दी। इस बार लापरवाही का शिकार हुए महासमुंद जिले के 12 मरीज। अब इन मरीजों की एक आंख की रोशनी चली गई है और इस मामले की भी जांच हो रही है। दोनों मामलों को लेकर विपक्ष ने सरकार को घेरा और जवाब मांगा। बहरहाल इन मामलों को लेकर राजनीति अभी भी गर्म है। राज्य में सरकार ने किसानों को लुभाने के लिए कई घोषणाएं की और इस वर्ष अलग से कृषि बजट भी पेश किया गया। छह हजार करोड़ रूपए के इस बजट में किसानों की बेहतरी के लिए कई प्रावधान किए गए हैं। अब राज्य सरकार का बजट लगभग 50 हजार करोड़ रूपए का हो गया है। राज्य में राजनीति के जानकारों का मानना है कि राज्य के उत्तर क्षेत्र सरगुजा और दक्षिण क्षेत्र बस्तर की सीटों की वजह से यहां सरकार बनती है। और इसके लिए आदिवासी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। लेकिन साल के शुरूआती महीने में विधानसभा घेराव करने जा रहे आदिवासियों पर पुलिस ने लाठीचार्ज कर दिया और इससे नाराज आदिवासियों ने सरकार पर अत्याचार करने का आरोप लगा दिया वहीं विपक्ष ने सरकार से इस्तीफे की मांग की। मामला यही खत्म नहीं हुआ आदिवासी विरोधी होने का आरोप तो कांग्रेस पर भी लगा। राष्ट्रपति चुनाव में पी.ए. संगमा का साथ दे रहे पूर्व केंद्रीय मंत्री अरविंद नेताम को कांग्रेस ने बाहर का रास्ता दिखा दिया। अब राज्य की दोनों ही पार्टियां आदिवासियों को रिझाने का प्रयास कर रही हैं, क्योंकि अगले साल राज्य में विधानसभा का चुनाव होना हैं।
राज्य में साल भर के भीतर चुनाव होने हैं और मुख्यमंत्री ने दावा किया है कि गुजरात की तरह यहां उनकी हैट्रिक होगी, लेकिन विपक्षी कांग्रेस भाजपा को सत्ता से बेदखल करने का ख्वाब देख रही है। राज्य सरकार ने इसे ध्यान में रखते हुए छत्तीसगढ में केंद्र से पहले ही खाद्य सुरक्षा कानून बना दिया गया। हालंकि मुख्यमंत्री रमन सिंह अभी भी दावा कर रहे हैं कि उनके पास एक ब्रम्हास्त्र शेष है। इधर प्रदेश कांग्रेस के मुखिया नंद कुमार पटेल कहते हैं कि वर्ष 2013 कांग्रेस का होगा और इसके लिए तैयारी पूरी है। लेकिन उन्हें पार्टी के ही नाराज नेताओं को मनाने के लिए काफी प्रयास करना पड़ रहा है। राज्य में आरोप प्रत्यारोप का दौर तो चलता ही रहा लेकिन इस दौरान वरिष्ठ नेताओं के बयानों ने काफी विवाद भी मचाया। जुलाई महीने में देश के 45वें विज्ञान केंद्र के उद्घाटन अवसर पर मुख्यमंत्री रमन सिंह ने जीन और अनुवांशिक गुणों के बारे में जानकारी देते हुए कह दिया कि बेटा गलती करता है तो बाप की ठुकाई होनी चाहिए। फिर क्या था विपक्ष को मुद्दा मिल गया और कांग्रेस ने इसे मुख्यमंत्री की बौखलाहट में निकला बयान करार दिया। बात यहीं खत्म नहीं हुई। इसी महीने राज्य के आदिवासी बाहुल्य सरगुजा जिले में कांग्रेस के महासचिव हरिप्रसाद ने राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ को पहला आतंकी संगठन कह दिया।
अब बारी भाजपा की थी और भाजपा नेताओं ने कांग्रेस के नेताओं को हरिप्रसाद का इलाज करवाने की सलाह दे डाली। राज्य में बयानों का सिलसिला चलता रहा और विवाद भी होते रहे। लेकिन नवंबर महीने में मुख्यमंत्री रमन सिंह ने सड़क दुर्घटनाओं के लिए मोबाइल, बाइक और गर्लफ्रेंड को दोषी ठहरा दिया। राजधानी रायपुर स्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान में सड़क दुर्घटनाओं की रोकथाम विषय पर आयोजित एक दिवसीय सेमीनार का शुभारंभ करते हुए सिंह ने कहा कि ‘अच्छी मोटर सायकल, अच्छा मोबाइल और अच्छी गर्लफ्रेंड हो तो एक्सीडेंट होना ही है।’ बयान के बाद कांग्रेस ने इसे बड़ा मुंह और छोटी बात कहा और सरकार को राज्य में सड़क निर्माण में हो रही गड़बड़ी की तरफ ध्यान देने को कहा। छत्तीसगढ में इस वर्ष राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के पूर्व सरसंघचालक कुप्पहल्ली सीतारामय्या सुदर्शन का निधन दुख दे गया। रायपुर में 18 जून 1931 को सुदर्शन का जन्म हुआ था। और 81 वर्ष की आयु में रायपुर में ही उनका 15 सितंबर को निधन हो गया। सुदर्शन नौ वर्ष तक आरएसएस के सरसंघचालक रहे। वे आरएसएस की शाखाओं में नए प्रयोगों और अपनी बेबाकी के लिए जाने जाते रहेंगे।

Dark Saint Alaick
29-12-2012, 03:21 AM
वर्ष 2012 में मनोरंजन जगत ने गंवाए कई अनमोल रत्न

http://myhindiforum.com/attachment.php?attachmentid=22263&stc=1&d=1356736863 http://myhindiforum.com/attachment.php?attachmentid=22264&stc=1&d=1356736863

इतिहास का पन्ना बनने जा रहे वर्ष 2012 में मनोरंजन जगत को खासा नुकसान हुआ क्योंकि उसके कई अनमोल रत्नों ने अपनी समृद्ध विरासत छोड़ कर इस दुनिया को अलविदा कह दिया। प्रख्यात सितार वादक पंडित रविशंकर, जानेमाने गजल गायक मेहदी हसन, रोमांस को पर्दे पर नया रूप देने वाले यश चोपड़ा, हिन्दी सिनेमा के पहले सुपर स्टार राजेश खन्ना और रूस्तम ए हिन्द दारा सिंह जैसे कई नाम इस साल सिर्फ यादों में रह गए। भारतीय संगीत का दुनियाभर में प्रचार प्रसार करने वाले मशहूर सितारवादक पंडित रविशंकर का 12 दिसंबर को अमेरिका के सैन डियागो में 92 वर्ष की आयु में निधन हो गया। वर्ष 1999 में भारत रत्न से सम्मानित रविशंकर का ‘द बीटल्स’ जैसे पश्चिमी संगीतकारों पर काफी प्रभाव था। तीन बार ग्रैमी पुरस्कार से सम्मानित रविशंकर ने आखिरी बार गत चार नवम्बर को कैलीफोर्निया में अपनी पुत्री अनुष्का शंकर के साथ प्रस्तुति दी थी। उनको उनके एल्बम ‘द लिविंग सेशंस पार्ट.1’ के लिए वर्ष 2013 के ग्रैमी पुस्कार के लिए नामांकित किया गया था तथा उस श्रेणी में उनका मुकाबला अनुष्का से ही था। ‘रंजिशें सही’, ‘जिंदगी में तो सभी प्यार किया करते हैं‘, ‘पत्ता पत्ता बूटा बूटा’ जैसी बेहतरीन गजलों को अपनी मखमली आवाज से नवाजने वाले मेहदी हसन ने कराची के अस्पताल में 13 जून को आखिरी सांस ले ली। उनका जन्म राजस्थान के लूना में 18 जुलाई 1927 को हुआ था। वह कलावंत घराने के 16वीं पीढी के फनकार थे। भारत के विभाजन के बाद वह पाकिस्तान चले गए थे। उनके फन की काबिलियत की वजह से उन्हें शहंशाह ए गजल कहा जाने लगा।
रूपहले पर्दे पर रोमांस को एक नया अंदाज और एक अलग तरह की नफासत देने वाले रोमांटिक फिल्मों के बादशाह प्रसिद्ध फिल्म निर्माता निर्देशक यश चोपड़ा ने 21 अक्तूबर को दुनिया को अलविदा कह दिया। 80 वर्षीय यश चोपड़ा ने अपने पांच दशकों के करियर में बॉलीवुड को ‘त्रिशूल’, ‘दीवार’, ‘सिलसिला’, ‘चांदनी’, ‘कभी कभी’, ‘वीर जारा’ और ‘दिल तो पागल है’ जैसी सुपरहिट फिल्में दीं। हिन्दी सिनेमा के एक पूरे दौर को अपने नाम करने वाले अभिनेता राजेश खन्ना ने 18 जुलाई को हमेशा के लिए आंखें मूंद लीं। वर्ष 1969 से 1972 के बीच ‘आराधना’, ‘हाथी मेरे साथी’, ‘आनंद’ और ‘अमर प्रेम’ लगातार 15 सुपरहिट फिल्में देने के कारण राजेश खन्ना को भारत का पहला सुपरस्टार कहा जाता था। ‘कभी किसी को मुकम्मल जहां नहीं मिलता...’, ‘इन आंखों की मस्ती के मस्ताने हजारों हैं’, दिल चीज क्या है आप मेरी जान लीजिए’, ‘सीने में जलन आंखों में तूफान सा क्यों है....’ जैसे अमर गीतों की रचना करने वाले उर्दू के मशहूर शायर, गीतकार और ज्ञानपीठ पुरस्कार से सम्मानित अखलाक मोहम्मद खान का 13 फरवरी को निधन हो गया। वह ‘शहरयार’ के नाम से मशहूर थे और 75 वर्ष के थे। कुश्ती की दुनिया में कई सूरमाओं को धूल चटाने के बाद अभिनय जगत में दमदार उपस्थिति दर्ज कराने वाले रामायण के हनुमान दारा सिंह का 12 जुलाई को देहांत हो गया। राष्ट्रमंडल कुश्ती चैंपियन दारा सिंह ने पचास के दशक में फिल्म उद्योग में कदम रखा था। वह ‘किंग कांग’ और ‘फौलाद’ में अपनी दमदार भूमिका के लिये जाने जाते हैं। दारासिंह ने रामानंद सागर के टीवी सीरियल ‘रामायण’ में हनुमान की कालजयी भूमिका निभाई थी और घर घर में लोकप्रिय हो गए थे।
फिल्म ‘शोले’ में एक डायलॉग ‘इतना सन्नाटा क्यों है भाई’ लरजती आवाज में बोल कर इकलौते पोते को खोने की आशंका तथा लाचारगी का अहसास कराते नेत्रहीन रहीम चाचा के किरदार को अमर बनाने वाले अभिनेता ए के हंगल ने 26 अगस्त को आखिरी सांस ली। मशहूर बॉलीवुड पटकथा लेखक और फिल्म निर्माता ओपी दत्ता का 10 फरवरी को निधन हो गया। दत्ता ने अपने कैरियर की शुरूआत एक निर्देशक के तौर पर वर्ष 1948 में ‘प्यार की जीत’, फिल्म से की थी। उन्होंने ‘सूरजमुखी’, ‘एक नजर’, आंगन और अन्य फिल्मों का निर्देशन किया। बाद में दत्ता ने अपने बेटे जेपी दत्ता की फिल्में ‘गुलामी’, ‘हथियार’, ‘बॉडर’, ‘रिफ्यूजी’, ‘एलओसी कारगिल’ के लिए पटकथा लिखी। संगीतकार रवि इस बार ‘बसंती होली’ का दीदार नहीं कर सके और एक दिन पहले, सात मार्च को दुनिया को अलविदा कह गए। संगीत निर्देशक के रूप में रवि ने बुलंदी को छुआ। फिल्म ‘भरोसा’ का गीत ‘इस भरी दुनिया में कोई हमारा न हुआ’, हमराज का गीत ‘किसी पत्थर की मूरत से मुहब्बत का इरादा है, चौदहवीं का चांद फिल्म का गीत ‘चौदहवीं का चांद हो या...’ चाइना टाउन का ‘बार बार देखो, हजार बार देखो’, दो बदन का ‘लो आ गई उनकी याद वो नहीं आए’ लोगों के पसंदीदा हैं। उनकी अंतिम उल्लेखनीय फिल्म निकाह है जिसके गीत ‘दिल के अरमां आंसुओं में बह गए’ को संगीत प्रेमी काफी पसंद करते हैं। आम आदमी की समस्याओं को व्यंग्य के माध्यम से उठाने वाले प्रसिद्ध हास्य कलाकार तथा फिल्म निर्माता जसपाल भट्टी का 25 अक्तूबर को जालंधर के निकट सड़क दुर्घटना में निधन हो गया। बीते दौर की अभिनेत्री अचला सचदेव, अभिनेता जॉय मुखर्जी, निर्देशक बी आर इशारा, सिनेमेटोग्राफर अशोक मेहता तथा रंगमंच के जाने माने कलाकार और निर्देशक दिनेश ठाकुर ने भी इस साल दुनिया को अलविदा कह दिया।

Dark Saint Alaick
29-12-2012, 03:28 AM
किसी न किसी कारण से सितारे बरस भर बने रहे खबरों में

http://myhindiforum.com/attachment.php?attachmentid=22265&stc=1&d=1356737266

बॉलीवुड और खबरों का कभी न टूटने वाला नाता है। वर्ष 2012 इस मामले में अपवाद नहीं रहा। इस साल भी सितारों से जुड़ी खबरें लगातार सुर्खियां बनी रहीं। साल के शुरू में ही कभी शाहरूख खान और उनकी सबसे अच्छी मित्र रहीं फराह खान के निर्देशक पति शिरीष कुंदर के बीच झगड़ा हो गया। रितिक रोशन अभिनीत ‘अग्निपथ’ की पार्टी में शिरीष ने शाहरूख की फिल्म ‘रा.वन’ के खिलाफ टिप्पणी की और शाहरूख ने शिरीष को पीट दिया। बाद में शिरीष और फराह ने शाहरूख से मुलाकात की और झगड़ा खत्म हो गया। शाहरूख मुंबई में वानखेड़े स्टेडियम विवाद में भी घिरे और उनके स्टेडियम में प्रवेश पर रोक लग गई। एक आईपीएल टीम के मालिक शाहरूख पर मैदान में जाने से रोके जाने पर सुरक्षा कर्मियों से दुर्व्यवहार करने का आरोप लगा। किंग खान ने अपने बचाव में कहा कि सुरक्षा कर्मियों ने उनके साथ गए उनके बच्चों से धक्कामुक्की की जिससे तकरार हुई। बाद में उन्होंने माफी भी मांगी। शाहरूख के खिलाफ आठ अप्रैल को अपनी टीम कोलकाता नाइट राइडर्स और राजस्थान रॉयल्स के बीच सवाई मान सिंह स्टेडियम में धूम्रपान करते देखे जाने की शिकायत भी हुई। जयपुर की एक अदालत ने उन्हें मई में तलब किया। शाहरूख ने एक अगस्त को अदालत में अपना दोष कबूल कर लिया, जिसके बाद उन्हें मात्र 100 रूपये जुर्माने की सजा हुई।
बॉलीवुड के महानायक अमिताभ बच्चन का इस साल 11 फरवरी को पेट का आॅपरेशन हुआ। वह लंबे समय से पेट की बीमारी से परेशान थे। यह दर्द 1982 में फिल्म ‘कुली’ की शूटिंग के दौरान लगी चोट से जुड़ा था। मार्च में, हिंदी फिल्म जगत में ‘धक धक’ गर्ल के नाम से मशहूर माधुरी दीक्षित नेने की मोम की प्रतिमा का विश्व प्रसिद्ध मैडम टुसाद के संग्रहालय में अनावरण किया गया। इसी माह अभिनेता जॉन अब्राहम को साल 2006 में लापरवाही से गाड़ी चलाने के एक मामले में पुलिस हिरासत में ले लिया गया। बाद में वह जमानत पर छोड़ दिए गए। फिल्म-निर्माता सुभाष घई को करारा झटका देते हुए चार अप्रैल को उच्चतम न्यायालय ने बंबई उच्च न्यायालय के उस आदेश पर मुहर लगाकर घई की याचिका खारिज कर दी जिसमें मुंबई की फिल्मसिटी में उनके ‘व्हिसलिंग वुड्स इंस्टीट्यूट’ के लिए 20 एकड़ जमीन के आवंटन को रद्द करने का फैसला सुनाया गया था। उच्चतम न्यायालय की पीठ ने 2004 में जमीन आवंटित करने के लिए महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री विलासराव देशमुख की भी यह कहते हुए खिंचाई की कि सरकारी जमीन देने के लिए मुख्यमंत्री झुक नहीं सकते और न ही नियमों को ताक पर रख सकते हैं। अभिनेता सैफ अली खान अप्रवासी भारतीय कारोबारी इकबाल शर्मा के साथ मुंबई में धक्कामुक्की की वजह से विवादों में घिरे। ताज महल होटल के जापानी रेस्तरां ‘वसाबी’ में करीना और मित्रों के साथ अपनी फिल्म ‘एजेंट विनोद’ की पार्टी के दौरान सैफ से इकबाल ने पार्टी का शोर कम करने को कहा तो सैफ ने कथित तौर पर उसे धक्का मार दिया। बाद में सैफ ने कहा कि उन्होंने आत्मरक्षा के लिए ऐसा किया। सैफ को कुछ समय के लिए गिरफ्तार भी किया गया। दोनों पक्षों ने एक दूसरे पर मुकदमा कर दिया।
बॉलीवुड के पहले सुपर स्टार राजेश खन्ना की मौत के बाद अनिता अडवानी नामक एक महिला ने खुद को उनकी ‘लिव इन पार्टनर’ बताया और अदालत में याचिका दायर कर कहा कि राजेश की पत्नी डिंपल और दामाद अक्षय कुमार ने उन्हें संपत्ति में से हिस्सा देने से मना कर दिया है। अभिनेता आमिर खान और उनकी पत्नी किरण राव ने पहले ओशियन-सिनेफैन नीलामी में फिल्मों से जुड़ी यादगार वस्तुओं के लिए 2,38,000 रुपए की सफल बोली लगाई। नयी दिल्ली में एक अगस्त को आयोजित इस नीलामी में आमिर ने शम्मी कपूर की 88,000 रूपये की जैकेट खरीद ली। मेलोडी क्वीन लता मंगेशकर ने एक साक्षात्कार में कहा कि मोहम्मद रफी के गुस्से के कारण उन्होंने उनके साथ गाना बंद कर दिया था। उनके बीच रॉयल्टी विवाद भी था। लता के अनुसार, रफी के लिखित में माफी मांगने के बाद उनके बीच की दूरी खत्म हुई। लेकिन इस साक्षात्कार के बाद रफी के पुत्र शाहिद ने कड़ी आपत्ति जताते हुए कहा कि अगर वह पत्र लता के पास हो तो वह पेश करें। उन्होंने लता पर शोहरत के लिए दुष्प्रचार का आरोप भी लगाया। रानी मुखर्जी के भाई राजा टीवी अदाकारा प्रिया मिश्रा से छेड़छाड़ के आरोप में गिरफ्तार किए गए। इन दिनों वह जमानत पर हैं। बालीवुड के दिग्गज दिलीप कुमार द्वारा पेशावर के किस्सा ख्वानी बाजार स्थित पैतृक मकान को छोड़े जाने के आठ दशक बाद इस साल अप्रैल में पाकिस्तानी अधिकारियों ने जीर्णशीर्ण इमारत के अधिग्रहण की तैयारी शुरू की ताकि इसे राष्ट्रीय धरोहर स्थल के तौर पर संरक्षित किया जा सके।

Dark Saint Alaick
29-12-2012, 03:32 AM
वर्ष भर दुनिया के अलग अलग हिस्सों में याद किए गए बापू

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अहिंसा के पुजारी राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की बात ही कुछ निराली है। बापू की हत्या को 60 साल से अधिक समय बीत गया लेकिन उनकी चर्चा दुनिया के अलग अलग हिस्सों में जब तब होती रहती है। यह गुजरता बरस भी इससे अछूता नहीं रहा। दक्षिणी आस्ट्रेलिया के एडीलेड शहर में 19 जनवरी को बापू की कांस्य प्रतिमा का अनावरण किया गया। इसके स्तंभ पर गांधी की प्रसिद्ध उक्ति ‘वह बदलाव बनें, जो बदलाव आप देखना चाहते हैं’ लिखी है। एडीलेड विश्वविद्यालय में लगाई गई 1.95 मीटर लंबी इस प्रतिमा निर्माण प्रसिद्ध मूर्तिकार गौतम पाल ने किया जिनकी बनायी कांस्य प्रतिमाएं दुनिया भर में कई जगहों पर लगायी जा चुकी हैं। कोलकाता निवासी पाल द्वारा निर्मित यह प्रतिमा भारत सरकार ने एडीलेड विश्वविद्यालय को उपहार में दी थी। आस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री जे वेदरील ने प्रतिमा का अनावरण करते हुए कहा कि गांधी की यह प्रतिमा दक्षिणी आस्ट्रेलिया और भारत के मजबूत रिश्तों का प्रतीक है। जुलाई में लंदन में महात्मा गांधी से जुड़े महत्वपूर्ण दस्तावेजों और तस्वीरों को भारत ने 12.8 लाख डालर में खरीद कर उन्हें नीलाम होने से बचा लिया। इनमें बापू के वास्तुकार मित्र हर्मन कालेनबाख के साथ विवादास्पद संबंध पर भी दस्तावेज एवं तस्वीरें हैं। गांधीजी के करीबी मित्र और जर्मन यहूदी बडी बिल्डर कालेनबाख से संबद्ध ये अभिलेख नीलाम होने वाले थे लेकिन भारत सरकार एवं नीलामी घर के बीच पर्दे के पीछे वार्ता के बाद इसे रद्द कर दिया गया। कालेनबाख के परिवार के सदस्यों ने भारत को इन दुर्लभ दस्तावेज हासिल करने में मदद की।
विदेश मंत्रालय, भारतीय अभिलेखागार के साथ विचार विमर्श के बाद तीन पक्षों - भारत सरकार, सोथबी तथा कालेनबाख की भतीजी इसा सारिद के बीच समझौता हुआ। सारिद परिवार ने इस अमूल्य खजाने का दाम 50 लाख डालर रखा था लेकिन अंतत: 12.8 लाख डालर का भुगतान किया गया। इन दस्तावेजों में कई ऐसे पत्र भी शामिल हैं जो गांधी और कालेनबाख के बीच विवादित रिश्ते पर प्रकाश डालते हैं। जब गांधी दक्षिण अफ्रीका में थे तब कालेनबाख उनके बेहद करीबी मित्र थे। इन दुर्लभ सामग्रियों में बेहद मुश्किल में फंसे गांधीजी के पहले पुत्र हरिलाल के मर्मस्पर्शी पत्र, उनके दूसरे पुत्र मणिलाल के कालेनबाख के साथ गहरे संबंध, और उनके तीसरे पुत्र रामदास के बारे में महत्वपूर्ण जानकारियां शामिल हैं। वर्ष 1948 में जिस जगह गांधीजी की हत्या हुई थी वहां की, बापू के खून में भीगी चुटकी भर रेत और खून से सनी घास को लंदन में 17 अप्रैल को एक नीलामी में 10,000 पाउंड में बेच दिया गया। महात्मा गांधी द्वारा 1992 में रवींद्रनाथ टैगोर के सबसे बड़े भाई द्विजेंद्रनाथ को लिखे पत्रों को दिसंबर में लंदन में सोथबी की नीलामी में एक अज्ञात व्यक्ति ने इसकी अनुमानित कीमत से सात गुना राशि में खरीदा। बापू ने द्विजेंद्रनाथ को साबरमती जेल से पत्र लिखे थे जिन्हें सोथबी की अंग्रेजी साहित्य, इतिहास, बाल पुस्तकें और रचनाओं की नीलामी में 49,250 पाउंड में बेचा गया। इनकी बिक्री पांच से सात पाउंड में होने का पूर्वानुमान लगाया गया था। राष्ट्रपिता ने इस पत्र में द्विजेंद्रनाथ से यंग इंडिया पत्रिका के समर्थन में संदेश भेजने को कहा था और इसे पेंसिल से लिखा गया था। इससे पहले नवंबर में गांधीवादी लेखक गिरिराज किशोर ने संप्रग अध्यक्ष सोनिया गांधी से संपर्क कर दोनों पत्रों की नीलामी रोकने का आग्रह किया था।

Dark Saint Alaick
29-12-2012, 03:37 AM
भारतीय विमानन क्षेत्र के लिए मुश्किलों से भरा रहा वर्ष 2012

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वर्ष 2012 विमानन उद्योग के लिए मुश्किलों से भरा रहा और इस दौरान जहां किंगफिशर एयरलाइंस आसमान से जमीन पर आ गई, वहीं वित्तीय संकट ने एयर इंडिया और अन्य विमानन कंपनियों को परेशान कर दिया । वहीं, भारत की ढांचागत क्षेत्र की एक कंपनी के 50 करोड़ डालर के ठेके को मालदीव की सरकार द्वारा निरस्त किए जाने से साल का अंत विवादों से भरा रहा। हालांकि, विमानन क्षेत्र को राहत प्रदान करने के लिए सरकार ने कुछ अनुकूल नीतियों की घोषणा की जिसमें विदेशी विमानन कंपनियों को घरेलू विमानन कंपनियों में हिस्सेदारी खरीद की अनुमति देना शामिल है। टिकटों के उंचे दाम पर अंकुश लगाने के लिए उठाए गए कदमों का अपेक्षित असर नहीं दिखा और कम दाम में हवाई सैर करना दूर की कौड़ी बना रहा। इससे घरेलू हवाई यातायात में गिरावट आई और जनवरी..नवंबर के बीच यातायात 2.94 प्रतिशत घटा। ढांचागत क्षेत्र की भारतीय कंपनी जीएमआर को मिला माले हवाईअड्डा विस्तार एवं आधुनिकीकरण का ठेका मालदीव सरकार द्वारा मनमाने ढंग से रद्द किए जाने से दोनों देशों के बीच तनाव जैसी स्थिति बन गई।
भारत में एफडीआई संबंधी निर्णय के बारे में आईएटीए प्रमुख टोनी टेलर ने कहा, ‘जब तक कर की उंची दरें कायम रहेंगी, हवाईअड्डा शुल्क एवं अन्य परिचालन लागत उंचे बने रहेंगे, लोग भारतीय विमानन कंपनियों में निवेश नहीं करने वाले।’ इस साल भारत सरकार ने एयर इंडिया को उबारने के लिए 30,231 करोड़ रुपये की अतिरिक्त इक्विटी देने का वादा किया। यह राशि 2012 और 2021 के बीच किस्तों में दी जाएगी, बशर्ते विमानन कंपनी समयबद्ध तरीके से अपनी पुनर्गठन योजनाओं को लागू करे और सौंपे गए कार्यों को पूरा करे। इस साल विमानन क्षेत्र को कर्मचारियों की हड़ताल का सामना भी करना पड़ा जिससे एयर इंडिया का परिचालन 58 दिनों तक प्रभावित रहा, जबकि किंगफिशर एयरलाइंस के कर्मचारियों की हड़ताल ने कंपनी की हालत और खराब कर दी जिससे कंपनी को तालाबंदी की घोषणा करनी पड़ी। इसके बाद विमानन क्षेत्र के नियामक डीजीसीए ने कंपनी का उड़ान परमिट निरस्त कर दिया। विजय माल्या की अगुवाई वाली किंगफिशर एयरलाइंस ने 2013 से सीमित परिचालन बहाल करने के लिए अंतरिम बहाली योजना डीजीसीए को सौंपी है।

Dark Saint Alaick
29-12-2012, 04:00 AM
राजस्थान : दारिया फर्जी मुठभेड, भंवरी देवी मामलों के उतार चढाव में बीता साल

http://myhindiforum.com/attachment.php?attachmentid=22268&stc=1&d=1356739187

राजस्थान में बीते साल अदालतों में चल रहे दारा सिंह उर्फ दारिया फर्जी मुठभेड़, नर्स भंवरी देवी हत्याकांड प्रकरण की सुनवाई में आ रहे उतार चढाव से प्रदेश की राजनीति में नित दिन उतार चढाव आते रहे, वहीं पाकिस्तानी जीव वैज्ञानिक मोहम्मद खलील चिश्ती प्रकरण तथा वनस्थली विद्यापीठ में छात्रा के साथ कथित दुष्कर्म घटना के कारण राजस्थान सुर्खियों में रहा। दूसरी ओर राजस्थान सरकार द्वारा भारत रत्न की तर्ज पर पहली बार प्रदेश की सात विभूतियों को राजस्थान रत्न से नवाजा जाना, मुख्यमंत्री ग्रामीण आवास योजना, मुख्यमंत्री नि:शुल्क दवा योजना, भ्रष्ट तरीके से अर्जित सम्पति जब्त करने का कानून और समाचार पत्रों में नियमित रूप से बीस साल तक काम कर चुके बासठ वर्षीय पत्रकारों को पांच हजार रूपये महीने की मदद देने की घोषणा बरसों तलक याद रहेगी। केन्द्रीय मंत्रिमंडल के ताजा फेरबदल मेंं लाल चंद कटारिया और चन्द्रेश कुमारी के शामिल होने से केन्द्र में राजस्थान का प्रतिनिधित्व बढना सुकून भरा रहा। कटारिया, विभाग वितरण और हत्याकांड में कथित संलिप्तता मुद्दे को लेकर चर्चा में रहे। कटारिया को कई दिन तक इसके लिए सफाई देनी पड़ी। नर्स भंवरी देवी हत्या कांड और दारिया फर्जी मुठभेड प्रकरण में कांग्रेस के दो और भाजपा के एक विधायक की संलिप्तता का चालान अदालत में पेश करने से साफ सुथरी और शान्त राजनीतिक गतिविधियों के लिए ख्यात राजस्थान को शर्मशार होना पड़ा। नर्स भंवरी देवी और आरोपी पूर्व काबीना मंत्री महिपाल मदेरणा की अश्लील सीडी के सम्पादित अंश यू ट्यूब समेत अन्य सोशल साइट पर कई महीने तक छाये रहने से राजस्थान की छवि को खासा नुकसान पहुंचा।
केन्द्रीय जांच ब्यूरो की ओर से अदालतों में पेश चालान में नर्स भंवरी देवी प्रकरण में राज्य के पूर्व काबीना मंत्री और मौजूदा विधायक महिपाल मदेरणा, कांगे्रस विधायक मलखान सिंह, दारिया कथित फर्जी मुठभेड़ प्रकरण में भाजपा के तेजतर्रार विधायक राजेन्द्र सिंह राठौड़ का नाम अन्य आरोपियों के साथ शामिल हैं। राज्य के पूर्व जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी मंत्री महिपाल मदेरणा, कांगे्रस विधायक मलखान सिंह जेल में हैं, जबकि दारिया कथित फर्जी मुठभेड प्रकरण में राजस्थान के पूर्व काबीना मंत्री और मौजूदा भाजपा विधायक राजेन्द्र सिंह राठौड़ को कई दिन तक जेल में रहना पड़ा। प्रदेश में घटी इन दो घटनाओं में तीन निर्वाचित जन प्रतिनिधियों की कथित संलिप्तता की वजह से प्रदेश की राजनीति का एक नया चेहरा सामने आया। हालांकि जयपुर की एक अदालत ने केन्द्रीय जांच ब्यूरो की ओर से भाजपा विधायक राजेन्द्र राठौड़ को दारिया कथित फर्जी मुठभेड़ में आरोपित करने को खारिज कर चुकी है पर यह मामला सर्वोच्च न्यायालय में विचाराधीन है। बुजुर्ग पाकिस्तानी जीव वैज्ञानिक मोहम्मद खलील चिश्ती को अजमेर की एक अदालत द्वारा हत्या के जुर्म में दी गई सजा, स्वयंसेवी संगठनों द्वारा मानवीयता के आधार पर सजा में माफी की मांग, सर्वोच्च न्यायालय द्वारा जमानत स्वीकार कर पाकिस्तान जाने की अनुमति देना और पिछले दिनों आरोप से बरी करने का मामला देश में ही नहीं, विदेश में भी सुर्खियों में रहा।
बीते साल दारिया कथित फर्जी मुठभेड़ मामले में राजस्थान के निलम्बित अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक अरविन्द कुमार जैन की कई महीनों की लुकाछिपी के बाद अदालत में आत्मसमर्पण (जैन अभी न्यायिक हिरासत में जेल में है) जयपुर की एक अदालत द्वारा राजस्थान के चिकित्सा एवं स्वास्थ्य राज्य मंत्री राज कुमार शर्मा, भाजपा विधायक हनुमान बेनीवाल को रास्ता रोकने के जुर्म में तीन साल की कैद को लेकर राजनीतिक गलियारों में फिर उबाल आ गया। कोटा की दो अलग अलग अदालत में रास्ता रोकने के जुर्म में आरोपी भाजपा विधायक भवानी सिंह राजावत, ओम बिडला का आत्मसमर्पण, एक अदालत द्वारा पूर्व विधायक रणवीर सिंह गुढा को हमले के आरोप में न्यायिक हिरासत में भेजना चर्चा में रहे। टोंक जिले के निवाई कस्बे में स्थित लड़कियों के वनस्थली विद्यापीठ में एक छात्रा के साथ कथित दुष्कर्म को लेकर कई दिनों तक मचा बबाल, राज्य के पूर्व गृहमंत्री गुलाब चंद कटारिया की यात्रा को लेकर राजस्थान की नेता प्रतिपक्ष वसुंधरा राजे के समर्थक विघायकों की पार्टी छोडने की घुड़की, राजे-भाजपा प्रदेश अध्यक्ष डा अरूण चतुर्वेदी के बीच मतभेद जगजाहिर हुए। कांगे्रस विधायक सोना राम, संसदीय कार्य मंत्री राजेन्द्र सिंह विधूड़ी, मुख्य सरकारी सचेतक डा रघु शर्मा, कांगे्रस के पूर्व विधायक डा संयम लोढा और कांगे्रस के कुछ विधायकों द्वारा मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और प्रदेश कांगे्रस अध्यक्ष डा. चन्द्रभान पर आरोपों के तीर चलते रहे। राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की बजट घोषणा को अमली जामा पहनाते हुए संस्कृति, धरोहर, लोककला, लोकगायकी और साहित्य के क्षेत्र की राज्य की सात विभूतियों को राजस्थान रत्न से सम्मानित करने का सिलसिला इसी साल शुरू किया गया। राज्यपाल मार्गेट आल्वा और मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने लक्ष्मी कुमारी चूंडावत, विजय दान देथा और विश्वमोहन भट्ट को यह सम्मान प्रदान किया। चार विभूतियों कोमल कोठारी, कन्हैया लाल सेठिया, अल्लाह जिलाई बाई और जगत सिंह को मरणोपरांत राजस्थान रत्न से नवाजा गया।

Dark Saint Alaick
29-12-2012, 04:23 AM
इस साल भी राजनीतिक बिसात पर रहा मुस्लिम समाज

http://myhindiforum.com/attachment.php?attachmentid=22269&stc=1&d=1356740508

देश के मुस्लिम समाज को इस साल भी राजनीतिक गलियारों से लुभाने की खूब कोशिशें हुर्इं। कहीं आरक्षण के नाम पर तो कहीं विकास के एजेंडे के नाम पर देश के इस सबसे बड़े अल्पसंख्यक तबके का वोट हासिल करने की जद्दोजहद अमूमन सभी राजनीतिक दलों में देखी गई। राजनीतिक मुद्दों के साथ असम हिंसा और उत्तर प्रदेश एवं कुछ अन्य स्थानों पर भड़की सांप्रदायिक हिंसा को लेकर भी मुस्लिम जगत में एक तरह की चिंता देखी गई। इसी को लेकर कई मुस्लिम संगठनों ने सांप्रदायिक हिंसा को रोकने के लिए सख्त कानून बनाने की मांग की। इस्लामी जानकार अख्तरूल वासे का कहना है, ‘देश को प्रभावित करने वाले हर मुद्दे और विषय का मुस्लिम समाज पर बराबर का असर होता है। मेरा मानना है कि यह साल कुल मिलाकर देश के लिए अच्छा रहा है और ऐसे में मुस्लिम समाज के लिए भी अच्छा था। आरक्षण या कुछ मुद्दों पर कोई खास नतीजा नहीं देखने को मिला, लेकिन लोकतंत्र में उम्मीद हमेशा रखनी चाहिए।’ साल 2012 की शुरुआत में ओबीसी कोटे में अल्पसंख्यकों के लिए साढे चार फीसदी आरक्षण का प्रावधान करने संबंधी केंद्र सरकार के फैसले को लेकर खूब बहस हुई। उत्तर प्रदेश और कुछ अन्य राज्यों में विधानसभा चुनाव से पहले से आए केंद्र के इस फैसले को राजनीतिक फायदा उठाने की कोशिश के तौर पर देखा गया। यह बात दीगर है कि इसका उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को कोई फायदा नहीं हुआ। आरक्षण का भाजपा ने पुरजोर विरोध किया तो सपा और बसपा ने इसे छलावा करार दिया। इसी बीच मई में आंध्र प्रदेश उच्च न्यायालय ने साढे चार फीसदी आरक्षण को रद्द कर दिया। अब केंद्र सरकार कह रही है कि वह उच्चतम न्यायालय में अपना पक्ष व्यापक रूप से रखेगी।
आल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के सदस्य और सपा नेता कमाल फारूकी कहते हैं, ‘आरक्षण के बारे में मुस्लिम समाज से जो वादे किए गए, वे पूरे नहीं हुए हैं। केंद्र ने 4.5 फीसदी को आरक्षण को बहाल करने की दिशा में कोई ठोस कदम नहीं उठाया। उम्मीद करते हैं कि उत्तर प्रदेश में मेरी पार्टी इस दिशा में तेजी से कदम उठाएगी।’ कांग्रेस और संप्रग का आरक्षण का सियासी दाव भले ही नाकाम रहा हो, लेकिन उत्तर प्रदेश में मुसलमानों को आबादी के अनुपात में आरक्षण देने का वादा करने वाली सपा को इसका खूब फायदा मिला। उसे राज्य विधानसभा के चुनाव में भारी बहुमत मिला। वर्ष 2012 में दिल्ली की जामा मस्जिद के शाही इमाम सैयद अहमद बुखारी और सपा नेता आजम खान के बीच आरोप-प्रत्यारोप का सिलसिला भी सुर्खियों में रहा। बुखारी ने मुसलमानों से किए वादे को पूरा नहीं करने का आरोप लगाकार मुलायम से खुलकर नाराजगी जताई तो आजम ने उनकी नाराजगी को अपने निजी स्वार्थ पूरे करने का जरिया बताया। इस साल अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय का मुखिया भी बदला। बीते साढे आठ साल से इस मंत्रालय की जिम्मेदारी सलमान खुर्शीद संभाल रहे थे, लेकिन कैबिनेट के पिछले फेरबदल में यह जिम्मा के. रहमान खान को सौंप दिया गया। अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय को भले ही इस साल नया मंत्री मिल गया, लेकिन इसके अधीनस्थ कई प्रमुख संस्थानों में अहम पद खाली हैं। मौलाना आजाद शिक्षा प्रतिष्ठान में बीते कई वर्षों से स्थायी तौर पर सचिव की नियुक्ति नहीं हो पाई है तो अजमेर दरगाह कमिटी के नाजिम का पद भी कई महीने से खाली पड़ा है। राष्ट्रीय अल्पसंख्यक विकास एवं वित्त निगम के प्रबंध निदेशक का पद भी बीते दो महीने से खाली है। मंत्रालय में अधिकारी वाईपी सिंह को इसका अतिरिक्त प्रभार सौंपा गया है।
साल के आखिर में गुजरात विधानसभा चुनाव के समय भी मुस्लिम वोट बैंक को लुभाने की कोशिश हुई, लेकिन पिछले चुनावों के उलट इस बार मुद्दा विकास पर केंद्रित रहा। मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी ने तमाम अटकलों से उलट एक भी मुसलमान को टिकट नहीं दिया, लेकिन चुनाव के बाद नतीजों से पता चला कि इस बार इस समुदाय का अच्छाखासा वोट भाजपा को मिला । इसको लेकर भी खूब बहस हो रही है। इस वर्ष कई स्थानों पर सांप्रदायिक हिंसा भी हुई। सबसे बड़ी हिंसा असम में हुई। इसको और म्यामां में रोहिंगया मुस्लिम विरोधी हिंसा को लेकर भारतीय मुसलमानों ने खुलकर अपने गुस्से का इजहार किया। इसी तरह की एक विरोध रैली का आयोजन 11 अगस्त को मुंबई के आजाद मैदान में किया गया, जहां हिंसा भड़क गई थी। इसको लेकर भी जमकर राजनीति हुई। उत्तर प्रदेश में बरेली, फैजाबाद, गाजियाबाद के मसूरी, प्रतापगढ और कई अन्य स्थानों पर सांप्रदायिक हिंसा भड़की। इसको लेकर अखिलेश सरकार को मुस्लिम संगठनों का कड़ा विरोध झेलना पड़ा। साल की शुरुआत में विवादास्पद लेखक सलमान रूश्दी के विरोध की खूब चर्चा रही। जयपुर साहित्य महोत्सव में रूश्दी आने वाले थे लेकिन दारूल उलूम देवबंद और कई अन्य मुस्लिम संगठनों ने इसका कड़ा विरोध किया। इस कारण उनके आने के कार्यक्रम को टाल दिया गया। मुस्लिम संगठन ‘सेटेनिक वर्सेस’ पुस्तक के कारण रूश्दी का विरोध करते हैं। वर्ष 2012 में कई अजीबो-गरीब फतवे भी आए जिनको लेकर बहस हुई। दारूल उलूम ने कई ऐसे फतवे जारी किए। एक फतवे में कहा गया कि बांह पर टैटू होने और अल्कोहल युक्त परफ्यूम इस्तेमाल करने की स्थिति में नमाज जायज नहीं है। एक अन्य फतवे में कहा गया कि मुस्लिम लड़की किसी आफिस में रिसेप्शनिस्ट नहीं हो सकती।

Dark Saint Alaick
07-01-2013, 11:34 PM
बीते साल का सबसे प्रचलित नाम-‘मलाला’

http://myhindiforum.com/attachment.php?attachmentid=22478&stc=1&d=1357587242

महिलाओं की शिक्षा के लिए आवाज उठाने वाली पाकिस्तान की युवा मानवाधिकार कार्यकर्ता ‘मलाला’ यूसुफजई बीते वर्ष 2012 में सबसे प्रचलित नाम रहा। साथ ही ‘एपोकेलिप्स’ को इस साल का सबसे प्रचलित शब्द बताया गया। एपोकेलिप्स का अर्थ दुनिया खत्म होने से जुडेÞ कारणों के प्रति आकर्षण है। अंग्रेजी शब्दों के प्रयोग और उनके सांस्कृतिक प्रभावों का विश्लेषण करने वाली संस्था ‘ग्लोबल लैंग्वेज मॉनिटर’ द्वारा किए गए 13वें वैश्विक सर्वेक्षण में ‘मलाला’ और ‘एपोकेलिप्स’ के अलावा कोरियाई रैप गायक साई के ‘गंगनम स्टाइल’ को सर्वाधिक प्रचलित वाक्यांश घोषित किया गया। एपोकेलिप्स के बाद प्रचलित शब्दों की सूची में ‘डेफिसिट’, ‘ओलंपियाड’, ‘बाकतुन’ और ‘मेमे’ रहे वहीं वाक्यांशों की सूची में ‘ग्लोबल वार्मिंग’ ‘फिस्कल क्लिफ’ ‘द डेफिसिट’ ‘गॉड पार्टिकल’ ‘रोग न्यूक्स’ ‘अरब स्प्रिंग’ ‘सोलर मैक्स’ और ‘बिग डाटा’ जैसे शब्द शामिल रहे। साल 2012 के शीर्ष नामों में मलाला और न्यूटाउन के बीच बराबरी रही। शीर्ष नामों की सूची में इन दोनों नामों के बाद शी चिनफिंग, केट मिडलटन, बराक ओबामा, मिट रोमनी, लंदन ओलंपिक, हिग्स बोसोन, यूरोप जैसे नाम रहे। ग्लोबल लैंग्वेज मॉनिटर के अध्यक्ष जे जे पायाबैक ने बताया कि 2012 के शीर्ष शब्दों में से शीर्ष आठ शब्द दुनिया खत्म होने के सिद्धांतों से जुड़े थे। जी एल एम के अनुसार साल भर उभरे शब्दों, नामों और वाक्यांशों को उनके वैश्विक प्रयोग, 25000 लोगों द्वारा उल्लेख, उनके इस्तेमाल के प्रचलन और मीडिया में प्रयोग के आधार पर ही इस सूची में जगह मिलती है।

Dark Saint Alaick
08-01-2013, 06:17 PM
वर्ष नीलामी
अनमोल कलाकृतियों के कद्रदानों ने बढ चढकर लगाई अपनी पसंद की कीमत

http://myhindiforum.com/attachment.php?attachmentid=22488&stc=1&d=1357654635 http://myhindiforum.com/attachment.php?attachmentid=22489&stc=1&d=1357654635

दुनिया के बेहतरीन कलाकारों की अनमोल कलाकृतियां और कुछ अन्य दुर्लभ चीजें इस वर्ष रिकार्ड कीमत में बिकीं। दरअसल इनके चाहने वालों ने इन कलाकृतियों की कीमत नहीं लगाई, बल्कि इनके प्रति अपनी चाहत और इन्हें अपने पास रखने की हसरत की कीमत लगाते हुए इन्हें करोड़ों रूपए में खरीदा। सैफ्रनआर्ट द्वारा जून में आयोजित नीलामी में एस एच राजा की 1985 में बनायी गई पेंटिंग और वी एस गैतोंडे की कलाकृतियों को लेकर सबसे ज्यादा आकर्षण रहा और सबसे अधिक मूल्य में बिकी। राजा की पेंटिंग ‘एनकाउंटर’ 3.15 करोड़ रूपये में बिकी जबकि नीलामी की न्यूनतम तय राशि दो से ढाई लाख रुपये के आस पास थी। इसी तरह राजा की एक अन्य कलाकृति ‘जर्मीनेशन’ 1.82 करोड़ रुपये में, गैतोंडे की एक पेटिंग 2.85 करोड़, सुबोध गुप्ता की एक पेंटिंग 1.17 करोड़ रुपये और एम एफ हुसैन की एक कलाकृति 1.02 करोड़ रुपये में बिकी। प्रगतिशील भारतीय कलाकार दिवंगत तैयब मेहता की पेन्टिंग मार्च में न्यूयार्क में नीलामी के दौरान 17.60 लाख डॉलर में बिकी। राजस्थान के उदयपुर के महाराणा और देवगढ के रावतों से संबंधित 18 शताब्दी के कलाकार बगता का एक अलिखित चित्र फरवरी में बोनहैम्स में हुई नीलामी में अनुमान से छह गुना अधिक यानि 302500 डालर में नीलाम हुआ। यह चित्र वर्ष 1808 का है और इसका आकार 16 गुणा 22 इंच है। इस चित्र में रावत गोकल दास को अपनी पत्नियों के साथ होली खेलते दिखाया गया है। इस चित्र को एक कलेक्टर की ओर से भेजा गया था जिसने इसे दो दशक पहले मात्र 125 डालर में खरीदा था। भारत के आधुनिक कलाकारों में से एक जहांगीर सबावाला की एक शानदार तस्वीर सात जून को आधुनिक और समकालीन दक्षिण एशिया कला की बोनहम्स वार्षिक नीलामी में रिकार्ड दो लाख 53 हजार 650 पाउंड में बिकी। सबावाला की तस्वीर ‘वेस्पर्स वन’ की अनुमानित कीमत एक लाख से डेढ लाख पाउंड के बीच आंकी गई थी यह तस्वीर नये कीर्तिमान के साथ बिकी।
भारत के महान बल्लेबाज सचिन तेंदुलकर के हस्ताक्षर वाले बल्ले को अपनी ‘सबसे कीमती चीज’ मानने वाले ब्रिटेन के प्रधानमंत्री डेविड कैमरन ने रवांडा में क्रिकेट स्टेडियम के लिए पैसा जुटाने के इरादे से इसे दान दे दिया था। स्टेडियम परियोजना के लिए धन जुटाने के मकसद से लार्ड्स में मई में हुई नीलामी में यह बल्ला 3400 पाउंड (लगभग तीन लाख रुपये) में बिका। अक्तूबर में न्यूजीलैंड में हीरे जड़ा एक सैंडल पांच लाख अमेरिकी डालर में बिका। यह दुनिया में अब तक के सबसे महंगे सैंडलों में से है। आकलैंड की फुटवियर डिजाइनर कैथरीन विल्सन और ज्वेलरी डिजाइनर सारा हचिंग ने मिलकर इस महंगे सैंडल को तैयार किया था। जनवरी में एलेक्जेंडर ग्राहम बेल द्वारा वर्ष 1878 में अपने माता-पिता को लिखे गये एक पत्र को नीलामी में 92,000 अमेरिकी डॉलर से अधिक की धनराशि मिली। इस पत्र में स्काटलैंड में जन्मे बेल ने अपने माता-पिता को निर्देश दिये हैं कि किस तरह टेलीफोन को बिजली के झटकों से दूर रखा जाए। टेलीफोन पर पेटेंट हासिल करने के दो साल के बाद बेल ने यह चिट्ठी लिखी थी। बेल ने सबसे पहले अपने सहयोगी थॉमस को फोन किया था। वाटरलू की लड़ाई में मिली हार के बाद फ्रांसीसी शासक नेपोलियन बोनापार्ट द्वारा अंग्रेजी में लिखे गए एक पत्र की जून में चार लाख डालर में नीलामी की गई। सेंट हेलेना द्वीप पर निर्वासित जीवन बिताने के दौरान नैपोलियन ने अंग्रेजी सीखने का प्रयास किया था और यहीं रहते वक्त उसने 1816 में यह पत्र लिखा था। एक पृष्ठ के पत्र पर नौ मार्च, 1816 की तिथि दी गई है। डलास में हत्या के बाद अमेरिका के तत्कालीन राष्ट्रपति जॉन एफ केनेडी के शव को जिस वाहन में रखकर एयर फोर्स वन विमान तक पहुंचाया गया था उसे जनवरी में एक लाख 60 हजार डॉलर में नीलाम किया गया। कार की बिक्री बेरेट जैक्सन नीलामी कंपनी के वार्षिक स्कॉटडेल कलेक्टर कार आक्शन में हुई। चेतन सेठ नाम के एक भारतीय ने मार्च में एक नीलामी के दौरान क्यूबाई सिगार ब्रांड एच. उपमैन से 60,000 यूरो (करीब 39 लाख रुपये) में सिगारदान (केस) खरीदा। विश्व सिनेमा पर अमिट छाप छोड़ने वाली एलिजाबेथ टेलर के सोने के तारों से बने पोंचू ने मार्च के आखिर में लंदन में हुई नीलामी में 37 हजार पाउंड (तकरीबन तीन लाख रूपये) बटोरे। उन्होंने यह पोंचू फिल्म ‘क्लियोपेट्रा’ में पहना था। इस लिबास को कुछ इस तरह तराशा गया था कि यह फिनिक्स के पंख की तरह दिखती थी। इस पोंचू की बदौलत 1963 में दुनिया भर में धूम मचाने वाली फिल्म को सर्वश्रेष्ठ कॉस्ट्यूम डिजाइन के लिए आस्कर से नवाजा गया था। टाइटेनिक जहाज के एक मेनू की अप्रैल माह में 60 लाख 76 हजार रुपए की बोली लगायी गयी। इसी मेनू के जरिए प्रथम श्रेणी के यात्रियों के बीच लजीज भोजन परोसा जाता था। अटलांटिक महासागर में जहाज डूबने की घटना के सौ साल पूरे होने से पहले विल्टशाइर में जहाज की कुछ वस्तुओं की बोली लगायी गयी, जिसमें यह मेनू भी था। मेनू पर 14 अप्रैल, 1912 की तारीख दर्ज है। इसी दिन यह जहाज एक बड़े हिमखंड से टकरा गया था जिसमें 1522 लोग काल के गाल में समा गए थे। महात्मा गांधी द्वारा 1992 में रवींद्रनाथ टैगोर के सबसे बड़े भाई द्विजेंद्रनाथ को लिखे पत्रों को 12 दिसंबर को लंदन में सोथबी की एक नीलामी में एक अज्ञात शख्स ने इसकी अनुमानित कीमत से सात गुना अधिक राशि देकर खरीदा। इसी नीलामी में एक निजी संग्रहकर्ता ने भारतीय संविधान की एक दुर्लभ प्रति प्रस्तावित कीमत से करीब आठ गुना मूल्य में खरीद ली। इस संविधान की प्रति पर प्रथम राष्ट्रपति राजेंद्र प्रसाद के अंग्रेजी और देवनागरी में हस्ताक्षर हैं। जवाहरलाल नेहरू के भी इस पर दस्तखत हैं।

Dark Saint Alaick
08-01-2013, 06:29 PM
वर्ष ओडिशा
राजनीतिक विद्रोह, अपहरण और घोटालों का रहा बोलबाला

http://myhindiforum.com/attachment.php?attachmentid=22490&stc=1&d=1357655298 http://myhindiforum.com/attachment.php?attachmentid=22491&stc=1&d=1357655298

ओड़िशा में साल 2012 में सियासी बगावत के कारण मुख्यमंत्री नवीन पटनायक को बड़ी चुनौती का सामना करना पड़ा तो माओवादियों ने अपनी मांगों को पूरा कराने के लिए अपहरण को अपना नया हथियार बनाया। यही नहीं, लौह अयस्क और कोयला खदान सहित कई क्षेत्रों में घोटालों को लेकर ओड़िशा राष्ट्रीय स्तर की मीडिया में छाया रहा। कई औद्योगिक इकाइयों को तमाम मुश्किलों के कारण बंदी का सामना करना पड़ा। बीते कई वर्षों से ओडिशा की राजनीति में पटनायक के सियासी वजूद को इससे पहले कभी इस तरह की चुनौती नहीं मिली। मुख्यमंत्री के तौर पर तीसरा कार्यकाल संभाल रहे बीजू जनता दल :बीजद: के नेता पटनायक के खिलाफ 29 मई को बगावत एवं सरकार गिराने की खबरें आईं। उस वक्त मुख्यमंत्री विदेश दौरे पर थे। कथित बगावत की स्थिति को खत्म करने के मकसद से बीजद सुप्रीमो ने पार्टी सांसद प्यारीमोहन महापात्रा सहित कुछ नेताओं को बाहर का रास्ता दिखाया तथा कुछ मंत्रियों को भी बर्खास्त कर दिया। कभी नौकरशाह रहे महापात्रा ने सरकार गिराने की किसी योजना से इंकार करने के साथ दावा किया कि उनके आवास पर नेताओं की बैठक बीजद में आंतरिक लोकतंत्र को मजबूत करने के मकसद से हुई थी।
ओडिशा में सियासी सरगरमी के साथ ही माओवादियों ने सुरक्षा बलों के लिए नित नयी चुनौतियां पेश कीं। उन्होंने मार्च महीने में दो इतालवी नागरिकों पाओलो बोसुस्को और क्लाउडियो कोलांजेलो तथा बीजद के विधायक झीना हिकाका को बंधक बनाया। इसे लेकर सरकार के साथ माथे पर खासी सिकन देखी गई। कोलांजेलो को माओवादियों ने करीब 11 दिनों तक बंधक रखने के बाद मुक्त किया, जबकि बोसुस्को को लंबी वार्ता के बाद मुक्त किया गया। विधायक हिकाका को एक महीने से अधिक समय तक माओवादियों की गिरफ्त में रहना पड़ा। ओडिशा में इस साल कई घोटालों की बात भी सामने आई। करोड़ों रुपये खदान घोटाला पूरे साल सुर्खियों में बना रहा। विपक्ष ने राज्य में कीमती संसाधनों की लूट का आरोप लगाया और पटनायक सरकार को कई बार घेरा।

Dark Saint Alaick
08-01-2013, 06:31 PM
वर्ष तमिलनाडु
जयललिता के लिए जल और बिजली संकट बरकरार

http://myhindiforum.com/attachment.php?attachmentid=22492&stc=1&d=1357655463 http://myhindiforum.com/attachment.php?attachmentid=22493&stc=1&d=1357655463

तमिलनाडु की मुख्यमंत्री जे जयललिता के लिए साल 2012 मुश्किलों भरा रहा क्योंकि उन्हें कावेरी मुद्दे पर कर्नाटक के साथ कानूनी लड़ाई लड़नी पड़ी और चिरप्रतिद्वंद्वी द्रमुक सहित सभी पक्षों की ओर से राज्य में बिजली कटौती को लेकर आलोचना झेलनी पड़ी। उधर द्रमुक को इस साल अंदरूनी कलह का सामना करना पड़ा। तमाम परेशानियों के बावजूद जयललिता ने राज्य को साल 2023 तक शीर्ष पर पहुंचाने के लिए ‘विस्तृत दृष्टिकोण दस्तावेज’ पेश किया। कावेरी मुद्दे पर उन्हें काफी चुनौती का सामना करना पड़ा लेकिन उन्होंने इस संकट के बावजूद खुद की स्थिति मजबूत की। जयललिता ने कावेरी नदी से राज्य के हिस्से का जल हासिल करने के लिए उच्चतम न्यायालय का दरवाजा खटखटाया लेकिन शीर्ष अदालत ने इस मामले में अपनी मजबूरी जाहिर की। हालांकि शीर्ष अदालत तमिलनाडु के बचाव में आई और उसने कर्नाटक को जल का हिस्सा देने का निर्देश दिया लेकिन कर्नाटक के किसानों और नेताओं ने खुलकर विरोध किया। जयललिता ने इस साल कई कल्याणकारी योजनाएं लागू कीं जिनमें से ज्यादातर मुफ्त थीं। उन्होंने साथ ही सुशासन देने का वादा किया लेकिन उनके 18 महीने के शासन में बिजली कटौती मुख्य समस्या रही है। द्रमुक अध्यक्ष एम करूणानिधि ने बिजली कटौती के कारण इस शासन को ‘अंधेरे में चलता राज’ करार दिया। जलललिता ने कावेरी विवाद, तमिलनाडु के मछुआरों पर हमले और श्रीलंकाई रक्षा सैनिकों के प्रशिक्षण सहित कई मुद्दों पर समय समय पर प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को पत्र लिखे। कुडनकुलम परमाणु बिजली संयंत्र के मुद्दे पर जयललिता के रूख में बदलाव की काफी आलोचना हुई। उधर विधानसभा चुनाव हारने के बाद लगातार दूसरे साल द्रमुक को अंदरूनी राजनीति से ही जूझना पड़ा। करूणानिधि के बेटों अलागिरी और स्टालिन के समर्थक मदुरै में एक बैठक में भिड़ गये जिसके बाद पार्टी प्रमुख को मामला शांत करने के लिए बैठक बुलानी पड़ी। कहा जा रहा है कि दोनों बेटे पार्टी में वर्चस्व हासिल करने की दौड़ में हैं और करूणानिधि अपने छोटे बेटे स्टालिन को समर्थन देते दिख रहे हैं। पिछले साल विधानसभा चुनाव जीतने वाली अन्नाद्रमुक ने स्थानीय निकाय चुनाव और उपचुनावों में भी जीत दर्ज की और पार्टी प्रमुख राष्ट्रीय राजनीति में बड़ी भूमिका पर नजरें गढाई हुई हैं। अपना कांग्रेस विरोध जताते हुए जयललिता ने ओडिशा के अपने समकक्ष नवीन पटनायक के साथ गठजोड़ करके राष्ट्रपति चुनाव में राजग प्रत्याशी पीए संगमा का समर्थन किया लेकिन संगमा चुनाव नहीं जीत पाये। उन्होंने खुदरा क्षेत्र में एफडीआई का भी मुखर विरोध किया और कहा कि राज्य में एफडीआई को लागू नहीं किया जाएगा।

Dark Saint Alaick
08-01-2013, 06:44 PM
वर्ष राजस्थान
आरसीए के ढीले रैवये से उड़ी क्रिकेट की गिल्लियां

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झुंझुनूं में खेल विश्वविद्यालय खोलने का फैसला कर राजस्थान सरकार ने जहां इस साल प्रदेश में खेलों और खिलाडियों को बढावा देने की जोरदार पहल की हैं, वहीं दूसरी ओर राजस्थान क्रिकेट संघ (आर.सी.ए) तथा राजस्थान खेल परिषद के बीच चल रहे कथित मनमुटाव से राज्य में क्रिकेट की गिल्लियां उडी हुई है। राजस्थान खेल परिषद, आर.सी.ए को किराये पर स्टेडियम उपलब्ध करवाने को तैयार है पर आर.सी.ए इसके लिए अपने कदम आगे नहीं बढा रहा है। राजस्थान खेल परिषद के अध्यक्ष शिवचरण माली ने कहा, ‘हम किसी को भी क्रिकेट मैच के लिए सवाई मान सिंह स्टेडियम किराये पर देने के लिए आज से नहीं शुरू से ही तैयार है। हम प्रदेशस्तरीय, राज्यस्तरीय आईपीएल या अन्तर्राष्ट्रीय क्रिकेट मैच के लिए स्टेडियम किराये पर देने को तैयार है, लेकिन कोई आये तो सही।’ उन्होने कहा परिषद स्थानीय क्रिकेट मैचों के लिए और किसी भी मैच के लिए स्टेडियम किराये पर दे रहे है हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता ही खेलों को बढावा देनी की है। राजस्थान के एक जाने माने क्रिकेट खिलाडी ने नाम उजागर नहीं करने की शर्त पर कहा, ‘जब कानपुर और इन्दौर में क्रिकेट संघ और खेल विभाग के बीच बिना समझौते के मैच हो सकते है, तो राजस्थान के सवाई मान सिंह स्टेडियम में क्यों नहीं हो सकते। आरसीए को बिना वक्त गंवाये खेल परिषद से बातचीत कर मैच करवाने चाहिए। इसमें देरी करना राजस्थान के क्रिकेट प्रेमियों के साथ अन्याय होगा।
राजस्थान खेल परिषद के अध्यक्ष ने कहा कि परिषद और राज्य सरकार खेल और खिलाडियों को प्रोत्साहित करने में जुटी हुई है। मुख्यमंत्री प्रतिभा सम्मान योजना के तहत ओलम्पिक, एशियाड और राष्ट्रमंडल खेलों में हिस्सा लेने वाले खिलाडियों को आर्थिक मदद दी गई है और झुंझुनूं में सरकारी स्तर पर खेल विश्वविद्यालय खोलने की घोषणा की गयी है। दूसरी और राजस्थान क्रिकेट संघ के अहम के चलते राज्य में प्रस्तावित क्रिकेट मैच की तीनों गिलियां उडने की संभावना दिख रही है। आईपीएल के राजस्थान में हिस्से में आए आठ मैच पर संकट के बादल मंडरा रहे है।असल में आर.सी.ए और राजस्थान खेल परिषद के बीच मैदान के रखरखाव को लेकर प्रस्तावित समझौता झगडे की जड बना हुआ है। अधिकारिक सूत्रों के अनुसार इस विवाद को दूर करने के लिए आगामी दिनों आरसीए और राज्य सरकार के बीच बैठक प्रस्तावित है पर बैठक की तिथि अभी तय नहीं हुई है। आरसीए के प्रवक्ता के के शर्मा का कहना है कि सवाई मान सिंह स्टेडियम रखरखाव के अभाव में बुरे हाल में है पिच पूरी तरह से खराब हो चुका है। खस्ता हाल मैदान के कारण ईरानी ट्राफी के मैच भी नहीं हो सके। राजस्थान ने चैन्नई में दूसरी बार रणजी चैम्पियनशिप पर कब्जा कर एक बार फिर राजस्थान का नाम रौशन किया, पर आगामी सत्र में आईपीएल और अन्तर्राष्ट्रीय मैचों को लेकर असमंजस की स्थिति बनी हुई है। रणजी मैच भी सवाई मान सिंह स्टेडियम में नहीं होकर के एल सैनी स्टेडियम में कराये गये थे।राजस्थान क्रिकेट संघ के अध्यक्ष केन्द्रीय मंत्री डा सी पी जोशी व्यस्त होने के कारण उनसे सम्पर्क नहीं हो सका।
युवा एवं खेलकूद विभाग सूत्रों ने कहा राज्य सरकार ने प्रदेश की उदीयमान और छिपी खेल प्रतिभाओं को सामने लाने के लिए गुलाबी नगरी में लंदन ओलम्पिक में पदक जीतने वाले विजय कुमार (निशानेबाजी), सुशील कुमार (कुश्ती) को पचास-पचास लाख रूपये और महिला मुक्केबाज मैरी काम, साइना (बैडमिंटन), गगन नारंग (निशानेबाजी) और पहलवान योगेश्वर दत्त को पच्चीस पच्चीस लाख रूपये तथा महिला डिस्कस थ्रो में फाइनल में पहुंचने वाली राजस्थान की कृष्णा पूनिया को इक्कीस लाख रूपये का पुरस्कार देकर एक नयी शुरूआत की है। उन्होने कहा कि इसके दूरगामी परिणाम निकलेंगे इससे महिलाएं हिचक छोडकर खेलों में आएगी ओर नामी गिरामी खिलाडी नये खिलाडी तैयार करने में जुटेंगे। सरकार खिलाडियों को हर संभव मदद दे रही है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने अपनी सरकार के चौथी वर्षगांठ पर बासठ साल से अधिक के खिलाडी जिन्होने ओलम्पिक, एशियाड और राष्ट्रमंडल खेलों में तथा राष्ट्रीय स्तर पर पुरस्कृत खिलाडियों को डेढ लाख रूपये की राशि उपलब्ध कराने की घोषणा की है।

rajnish manga
15-01-2013, 10:17 PM
वर्ष 2012 का राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय परिदृश्य प्रस्तुत करने के लिए आपका आभार, अलैक जी. मेरे विचार से मलाला युसुफज़यी वर्ष की सार्वाधिक चर्चित व्यक्तित्व रही. कुछ न होते हुए भी उसने अल्प वय में ही वह कर दिखाया जो पाकिस्तान या पड़ौसी देशों के बड़े बड़े सियासी और समाजी कार्यकर्ता भी नहीं कर पाए. मलाला का सन्देश उन आततायियों के मुंह पर एक तमाचा है जो मानवीय अधिकारों पर पाबंदियां लगाते हैं.