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View Full Version : जानें : अपने देश को


bindujain
07-01-2013, 09:24 PM
जाने :-अपने देश को
प्रदेश को
परम्पराओं को
रीति-रिवाजो को

bindujain
07-01-2013, 09:27 PM
छः ऋतुएँ

वसंत
ग्रीष्म
वर्षा
शरद
हेमंत
शिशिर

bindujain
07-01-2013, 09:28 PM
आठ दिशाएँ
पूर्व
ईशान
उत्तर
वायव्य
पश्चिम
नैऋत्य
दक्षिण
आग्नेय

bindujain
07-01-2013, 09:30 PM
हिन्दू माह
चैत्र (चैत)
वैशाख (बैसाख)
ज्येष्ठ (जेठ)
आषाढ़
श्रावण (सावन)
भाद्रपक्ष (भादों)
आश्विन (क्वार)
कार्तिक
मार्गशीष (अगहन)
पौष
माघ
फाल्गुन

bindujain
08-01-2013, 05:32 AM
http://www.jiyojindgi.com/wp-content/uploads/2011/10/great-india.jpg

bindujain
08-01-2013, 05:33 AM
हमारी भषा

http://t0.gstatic.com/images?q=tbn:ANd9GcToZ_O7sTqm6f5ih5WLeAltb0TvnpgIy VM4kac04oc7x5kAe3AK

rajnish manga
08-01-2013, 03:36 PM
हमारी भषा

http://t0.gstatic.com/images?q=tbn:ANd9GcToZ_O7sTqm6f5ih5WLeAltb0TvnpgIy VM4kac04oc7x5kAe3AK

:gm:
यदि उपरोक्त भषा हिंदी है तो हमारी भाषा हीन्दी होनी चाहिए, बिन्दु जी.

bindujain
08-01-2013, 09:50 PM
भारत

भारत विश्*व की सबसे पुरानी सम्*यताओं में से एक है जिसमें बहुरंगी विविधता और समृद्ध सांस्*कृतिक विरासत है। इसके साथ ही यह अपने-आप को बदलते समय के साथ ढ़ालती भी आई है। आज़ादी पाने के बाद पिछले 64 वर्षों में भारत ने बहुआयामी सामाजिक और आर्थिक प्रगति की है। भारत कृषि में आत्*मनिर्भर बन चुका है और अब दुनिया के सबसे औद्योगीकृत देशों की श्रेणी में भी इसकी गिनती की जाती है। साथ ही उन चंद देशों में भी इसका शुमार होने लगा है, जिनके कदम चांद तक पहुंच चुके हैं। भारत का क्षेत्रफल 32,87,263 वर्ग कि.मी. है, जो हिमाच्*छादित हिमालय की ऊंचाइयों से शुरू होकर दक्षिण के विषुवतीय वर्षा वनों तक फैला हुआ है। विश्*व का सातवां बड़ा देश होने के नाते भारत शेष एशिया से अलग दिखता है जिसकी विशेषता पर्वत और समुद्र ने तय की है और ये इसे विशिष्*ट भौगोलिक पहचान देते हैं। उत्तर में बृहत् पर्वत श्रृंखला हिमालय से घिरा यह कर्क रेखा से आगे संकरा होता जाता है। पूर्व में बंगाल की खाड़ी, पश्चिम में अरब सागर तथा दक्षिण में हिन्*द महासागर इसकी सीमा निर्धारित करते हैं।

पूरी तरह उत्*तरी गोलार्ध में स्थित भारत की मुख्*यभूमि 8 डिग्री 4 मिनट और 37 डिग्री 6 मिनट उत्*तरी अक्षांश और 68 डिग्री 7 मिनट तथा 97 डिग्री 25 मिनट पूर्वी देशान्*तर के बीच स्थित है । उत्*तर से दक्षिण तक इसकी अधिकतम लंबाई 3,214 कि.मी. और पूर्व से पश्चिम तक अधिकतम चौड़ाई 2,933 कि.मी. है। इसकी ज़मीनी सीमाओं की लंबाई लगभग 15,200 कि.मी. है। जबकि मुख्*यभूमि, लक्षद्वीप और अण्*डमान तथा निकोबार द्वीपसमूह की तटरेखा की कुल लम्*बाई 7,516.6 कि.मी है।

bindujain
08-01-2013, 09:53 PM
भारत की राष्*ट्रीय पहचान के प्रतीक राष्*ट्रीय ध्*वज

http://knowindia.gov.in/hindi/images/national_flag.gif

राष्ट्रीय ध्वज तिरंगे में समान अनुपात में तीन क्षैतिज पट्टियां हैं: गहरा केसरिया रंग सबसे ऊपर, सफेद बीच में और हरा रंग सबसे नीचे है। ध्वज की लंबाई-चौड़ाई का अनुपात 3:2 है। सफेद पट्टी के बीच में नीले रंग का चक्र है।

शीर्ष में गहरा केसरिया रंग देश की ताकत और साहस को दर्शाता है। बीच में स्थित सफेद पट्टी धर्म चक्र के साथ शांति और सत्य का संकेत है। हरा रंग देश के शुभ, विकास और उर्वरता को दर्शाता है।

इसका प्रारूप सारनाथ में अशोक के सिंह स्तंभ पर बने चक्र से लिया गया है। इसका व्यास सफेद पट्टी की चौड़ाई के लगभग बराबर है और इसमें 24 तीलियां हैं। भारत की संविधान सभा ने राष्ट्रीय ध्वज का प्रारूप 22 जुलाई 1947 को अपनाया।

यह जानना अत्*यंत रोचक है कि हमारा राष्*ट्रीय ध्*वज अपने आरंभ से किन-किन परिवर्तनों से गुजरा। इसे हमारे स्*वतंत्रता के राष्*ट्रीय संग्राम के दौरान खोजा गया या मान्*यता दी गई। भारतीय राष्*ट्रीय ध्*वज का विकास आज के इस रूप में पहुंचने के लिए अनेक दौरों में से गुजरा।

bindujain
08-01-2013, 09:55 PM
राजकीय प्रतीक

http://knowindia.gov.in/hindi/images/national_emblem.jpg

भारत का राजचिह्न सारनाथ स्थित अशोक के सिंह स्तंभ की अनुकृति है, जो सारनाथ के संग्रहालय में सुरक्षित है। मूल स्तंभ में शीर्ष पर चार सिंह हैं, जो एक-दूसरे की ओर पीठ किए हुए हैं। इसके नीचे घंटे के आकार के पदम के ऊपर एक चित्र वल्लरी में एक हाथी, चौकड़ी भरता हुआ एक घोड़ा, एक सांड तथा एक सिंह की उभरी हुई मूर्तियां हैं, इसके बीच-बीच में चक्र बने हुए हैं। एक ही पत्थर को काट कर बनाए गए इस सिंह स्तंभ के ऊपर 'धर्मचक्र' रखा हुआ है।

भारत सरकार ने यह चिन्ह 26 जनवरी, 1950 को अपनाया। इसमें केवल तीन सिंह दिखाई पड़ते हैं, चौथा दिखाई नही देता। पट्टी के मध्य में उभरी हुई नक्काशी में चक्र है, जिसके दाईं ओर एक सांड और बाईं ओर एक घोड़ा है। दाएं तथा बाएं छोरों पर अन्य चक्रों के किनारे हैं। आधार का पदम छोड़ दिया गया है। फलक के नीचे मुण्डकोपनिषद का सूत्र 'सत्यमेव जयते' देवनागरी लिपि में अंकित है, जिसका अर्थ है- 'सत्य की ही विजय होती है'।

bindujain
09-01-2013, 04:41 AM
इन बातों को आप जानते हैं?

शल्यचिकित्सा के जनक सुश्रुत हैं।

'सिद्धान्त शिरोमणि' के रचयिता हैं सुविख्यात भारतीय गणितज्ञा एवं ज्योतिषाचार्य भास्कराचार्य!

पृथ्वी के द्वारा सूर्य की परिक्रमा करने में लगने वाले समय की शुद्ध गणना आज से हजारों साल पहले कर ली थी। उनके अनुसार उसका मान 365.258756484 दिन था।

तथाकथित पाइथागोरस के प्रमेय को हजारों साल पहले बोधायन ने खोज लिया था। बोधायन को 'पाई' के मान की भी जानकारी थी।

नौकायन की कला का जन्म ६००० वर्ष पूर्व सिन्धु नदी में हुआ था।

तक्षशिला विश्वविद्यालय विश्व का प्रथम विश्वविद्यालय है।

श्रीधराचार्य ने ग्यारहवीं शताब्दी में द्विघातीय समीकरणों का प्रतिपादन किया।

अठारहवीं सदी तक भारत संसार का सबसे सम्पन्न देश था।

भारत की सम्पदा से आकर्षित होकर क्रिस्टोफर कोलम्बस भारत को खोजने निकला था पर भारत को खोजने के लिए निकले कोलंबस ने अमेरिका को खोज डाला।

सैकड़ों वर्षों से चली आ रही गलतफ़हमी को दूर करते हुए अमेरिकी संस्था ieee ने यह सिद्ध कर दिया है कि बेतार के संचार का आविष्कार मारकोनी ने नहीं बल्कि प्रोफ़ेसर जगदीश चन्द्र बोस ने किया था।




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bindujain
09-01-2013, 04:49 AM
प्राचीन भारत में नगरीय सभ्यता


मोहन जोदड़ो की खुदाई में मिले विशाल नगर के अवशेष ने यह तो सिद्ध कर दिया है कि आज से लगभग पाँच हजार साल पहले भारत में नगर हुआ करते थे जो आज के आधुनिक नगरों जैसे ही होते थे। सन् 2001 में खम्बात की खाड़ी में समुद्र के भीतर 120 फुट नीचे एक नगर का अवशेष मिला जो कि, कार्बन डेटिंग के अनुसार, 9500 वर्ष पुराना है। (लिंक) इससे सिद्ध होता है कि भारत में हड़प्पा सभ्यता के लगभग 4500 वर्ष पहले भी नगर थे।

ये तो हुए पुरातात्विक साक्ष्य! पर प्राचीन भारत में विशाल नगरों के साक्ष्य विभिन्न प्राचीन भारतीय ग्रन्थों में भी मिलते हैं। वाल्मीकि रचित रामायण में अयोध्या नगरी, मिथिला नगरी, लंकापुरी, विशाला नगरी आदि के विस्तृत विवरण हैं।रामायण में लिखा है कि उन भव्य नगरों में सुन्दर मन्दिर, विशाल अट्टालिकायें, सुन्दर-सुन्दर वाटिकाएँ, बड़ी बड़ी दुकानें इत्यादि हुआ करती थीं। अमूल्य आभूषणों को धारण किये हुये स्त्री-पुरुष आदि नगर की सम्पन्नता का परिचय देते थे। चौड़ी-चौड़ी और साफ सुथरी सड़कों को देख कर ज्ञात होता था कि नगर के रख-रखाव और व्यवस्था बहुत ही सुन्दर और प्रशंसनीय होती थी।

उपरोक्त वर्णन से ज्ञात होता है कि उस काल में आज की ही तरह से नगरों का निर्माण तथा उनका रख-रखाव हुआ करता था। नगरों की साफ-सफाई तथा रख-रखाव के लिए अवश्य ही आज के जैसे ही स्वायत्तशासी संस्थाएँ भी रहा करती होंगी।

भारत में अत्यन्त प्राचीन काल में भी विशाल नगरों का होना भारत के गौरव का द्योतक है तथा भारत का यह गौरव विश्व भर में भारत को एक विशिष्ट स्थान प्रदान करता है। भारत को विश्व भर में विशिष्ट स्थान प्राप्त होना यूरोपियनों, विशेषकर अंग्रेजों, को बिल्कुल पसन्द नहीं आया क्योंकि वे स्वयं को भारतीयों से श्रेष्ठ समझते थे। इसलिए अंग्रेजों ने भारत में अपना उपनिवेश बनाने के बाद सबसे पहला काम तो यह सिद्ध करने का किया कि प्राचीन भारत में सही ढंग से इतिहास लिखने की प्रथा ही नहीं थी और जो भी प्राचीन भारतीय ग्रंथ हैं उनमें इतिहास है ही नहीं, जो कुछ भी है वह गल्प मात्र है। सन् 1909 में प्रकाशित इम्पीरियल गजेटियर कहता है "ऐसा प्रतीत होता है कि प्राचीन काल में हिन्दुओं ने कभी भी सही इतिहास लिखने का प्रयास ही नहीं किया। उन्होंने केवल सामान्य साहित्य ही छोड़ा है जिसमें कहीं-कहीं पर ऐतिहासिक वर्णन भी है, किन्तु, जैसा कि स्पष्ट दिखाई देता है, केवल आकस्मिक वर्णन को इतिहास नहीं समझा जा सकता।"

jai_bhardwaj
09-01-2013, 07:29 PM
उत्कृष्ट, ज्ञानवर्धक, मनोरंजक और संग्रहणीय जानकारियों से भरे इस सूत्र के लिए आभार बन्धु। हमें देश से सम्बंधित कुछ और जानकारियों की लालसा है।

bindujain
11-01-2013, 05:16 PM
उत्कृष्ट, ज्ञानवर्धक, मनोरंजक और संग्रहणीय जानकारियों से भरे इस सूत्र के लिए आभार बन्धु। हमें देश से सम्बंधित कुछ और जानकारियों की लालसा है।




सूत्र पसंद करने और हौसला बडाने का शुक्रिया




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abhisays
11-01-2013, 05:47 PM
एक और शानदार सूत्र का आग़ाज़ करने के लिए बिंदु जी आपको बहुत बहुत धन्यवाद :bravo::bravo::bravo:

bindujain
13-01-2013, 08:38 AM
भारतीय ध्*वज संहिता

राष्*ट्रीय ध्*वज देश की प्रतिष्*ठा होती है, और उसका सम्*मान करना राष्*ट्र के हर नागरिक का प्रथम कर्तव्*य होता है। इसी को ध्*यान में रखकर हमारे तिरंगे के लिए एक
संहिता का निर्माण किया गया। जिसका पालन कर हम अपने तिरंगे की सम्*मान की रक्षा कर सकें। तिरंगे को किसी भी दशा में, पर्दे, वस्*त्रो, या फिर संप्रादायिक लाभ के लिए नही प्रयोग किया जा सकता है। तिरंगे को सूर्यास्*त के पूर्व ही उतार लेना चाहिए।

तिरंगे को आशयपूर्वक जमीन, या पानी का स्*पर्श नही कराना चाहिए। तिरंगे को सामान्*यत: किसी भी वाहन, वायुयान, या जलपोत पर लपेटा नहीं जा सकता है। किसी भी ऐसे स्*थान पर जहां किसी अन्*य राष्*ट्र का ध्*वज हो वहां, विशेष ध्*यान देना चाहिए कि अन्*य ध्*वज की उंचाई तिरंगे से ज्*यादा न हो।

नोट: तिरंगा हमारे देश की शान है, आपको कत्*तई नहीं भूलना चाहिए कि इसी तिरंगे की शान को बरकार रखने के लिए हमारे देश के जवान सरहदो पर अपने प्राणो की आहूति तक दे देतें है, लेकिन इसकी सम्*मान में कोई कमी नहीं आने देतें है। हमे भी इसका पूरा सम्*मान करना चाहिए और ध्*वज संहिता का पुरा पालन करना चाहिए। इसे किसी भी सामान आदी को बांधने में न प्रयोग करें, क्*योकि ये वहीं तिरंगा है जिसमें एक शहीद जवान का शरीर बड़े ही सम्*मान से ढका जाता है।

bindujain
13-01-2013, 08:41 AM
भारत का ध्वज

http://upload.wikimedia.org/wikipedia/commons/thumb/4/41/Flag_of_India.svg/800px-Flag_of_India.svg.png

भारत के राष्ट्रीय ध्वज जिसे तिरंगा भी कहते हैं, तीन रंग की क्षैतिज पट्टियों के बीच एक नीले रंग के चक्र द्वारा सुशोभित ध्वज है, जिसकी अभिकल्पना पिंगली वैंकैया ने की थी।[1][2] इसे १५ अगस्त १९४७ को अंग्रेजों से भारत की स्वतंत्रता के कुछ ही दिन पूर्व २२ जुलाई, १९४७ को आयोजित भारतीय संविधान-सभा की बैठक में अपनाया गया था।[3] इसमें तीन समान चौड़ाई की क्षैतिज पट्टियाँ हैं , जिनमें सबसे ऊपर केसरिया, बीच में श्वेत ओर नीचे गहरे हरे रंग की पट्टी है। ध्वज की लम्बाई एवं चौड़ाई का अनुपात २:३ का है। सफेद पट्टी के मध्य में गहरे नीले रंग का एक चक्र है जिसमें २४ अरे होते हैं। इस चक्र का व्यास लगभग सफेद पट्टी की चौड़ाई के बराबर होता है व रूप सम्राट अशोक की राजधानी सारनाथ में स्थित स्तंभ के शेर के शीर्षफलक के चक्र में दिखने वाले की तरह होता है।

bindujain
13-01-2013, 08:46 AM
States of India

India is subdivided into 28 states, 6 union territories and a National Capital Territory.

Union Territories

Andaman and Nicobar Islands , Chandigarh , Dadra and Nagar Haveli , Daman and Diu , Lakshadweep , Pondicherry , National Capital Territory , Delhi.

States of India

Jammu & Kashmir , Himachal Pradesh , Punjab , Haryana , Rajasthan , Delhi , Uttar Pradesh , Chandigarh , Karnataka , Tamil Nadu , Kerala , Andhra Pradesh , Gujarat , Maharashtra , Goa ,Daman & Diu , Bihar , Orissa , West Bengal , Sikkim , Assam , Meghalaya , Arunachal Pradesh , Nagaland , Manipur , Mizoram , Tripura , Madhya Pradesh .

bindujain
05-02-2013, 05:13 PM
Taj Mahal

http://www.indiacultureblog.com/wp-content/uploads/2010/06/taj-mahal.jpg
The Taj Mahal of India is one of the seven wonders of India. The monument is a symbol of love. The monument was constructed by Mughal Emperor Shah Jahan in loving memory of his wife Mumtaz Mahal. He had fallen in love with her at first sight. Taj Mahal is situated on the banks of River Yamuna. It is a second name of love and romance.

Shah Jahan was filled with grief when his third wife, Mumtaz Mahal died after giving birth to their 14th child Gauhara Begum in 1631. In 1632 the construction of Taj Mahal began. The burial chamber was completed in 1648 and later it five years to complete the surrounding buildings and garden. The beauty of the Taj can be enjoyed anytime of the day- i.e. whether it is early morning or afternoon or evening. But it is magnificent during night time especially on a moonlight night. The rays of the moon give a silvery glow to the entire monument.

bindujain
05-02-2013, 05:14 PM
Badrinath temple
http://www.indiacultureblog.com/wp-content/uploads/2013/01/Badrinath.jpg
The Char Dham is the four pilgrimage places in India which are worshipped by the Hindus. They are: Badrinath, Dwarka, Jagannath Puri and Rameshwaram.

Badrinath is a small holy town in Chamoli district in the state of Uttarakhand, India. The word Badri means a berry fruit that is grown in large quantity in this area. Nath means the ‘Lord of’. In Sanskrit Badri is a name of Indian Jujube tree and is an edible berry. These trees are in abundant quality in this area.

bindujain
05-02-2013, 05:15 PM
The Golden Temple
http://www.indiacultureblog.com/wp-content/uploads/2010/03/golden_temple.jpg
One of the famous Sikh Gurdwaraof the Sikhs is the Golden Temple in Amritsar. The construction work of this gurdwara was started by Guru Ram Das, the fourth sikh Guru. The work was later completed by his successor, Guru Arjan Dev in 1604. The temple is also known as the Harmandir Sahib or Darbar Sahib. This temple is the holy place of the Sikhs.

All men and women from all walks of life and people of all religion come here to worship God equally. The Guru Granth Sahib is the eternal guru of Sikhism and this granth is present in temple here. People pay a holy respect to the Guru Granth Sahib whether it is placed anywhere in the world. The temple is surrounded by a large lake known as the Sarovar. It contains Holy Water or immortal nectar or Amrit. There are four entrances to the temple and these signify the importance of acceptance and openness. On Diwali the temple is beautifully decorated with lights. The Sikhs visit the temple on special occasions like birthdays, marriages, childbirth, etc.

bindujain
05-02-2013, 05:19 PM
http://spirittourism.com/wp-content/uploads/2012/07/Indian-Monuments-Beautiful-Monuments-of-India.jpg
INDIAN MONUMENTS: BEAUTIFUL MONUMENTS OF INDIA

bindujain
05-02-2013, 05:20 PM
http://indianmonumentsattractions.files.wordpress.com/2013/01/bangalorevidhanasoudha-indian-monuments-attractions.jpg?w=645&h=410
Vidhana Soudha, A Magnificent Building

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05-02-2013, 05:21 PM
Charminar – An Icon of Hyderabad
http://indianmonumentsattractions.files.wordpress.com/2013/01/indian-monument-attractions-charminar-dayview.jpg
Charminar is one of the Indian monument attractions located in the City of Hyderabad which is the capital city of the State of Andhra Pradesh in South India.

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05-02-2013, 05:23 PM
http://indianmonumentsattractions.files.wordpress.com/2013/01/indian-monument-attractions-classic-charminar.jpg

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05-02-2013, 05:23 PM
http://indianmonumentsattractions.files.wordpress.com/2013/01/indian-monument-attractions-5.jpg

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05-02-2013, 05:23 PM
http://indianmonumentsattractions.files.wordpress.com/2013/01/indian-monument-attractions-charminar-2.jpg

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05-02-2013, 05:24 PM
http://indianmonumentsattractions.files.wordpress.com/2013/01/indian-monument-attractions-6.jpg

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05-02-2013, 05:25 PM
http://indianmonumentsattractions.files.wordpress.com/2013/01/indian-monument-attractions-charminar-1.jpg

bindujain
05-02-2013, 05:25 PM
Exploring the Unseen Beauty of Hawa Mahal

http://indianmonumentsattractions.files.wordpress.com/2012/12/hawa-mahal-indian-monuments-attractions.jpg?w=645

bindujain
05-02-2013, 05:26 PM
http://indianmonumentsattractions.files.wordpress.com/2012/12/hawa-mahal-inside-indian-monument-attractions.jpg?w=645
Hawa Mahal Inside – Indian Monument Attractions

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05-02-2013, 05:27 PM
http://indianmonumentsattractions.files.wordpress.com/2012/12/hawa-mahal-dari-dalam-indian-monument-attractions.jpg?w=645
hawa-mahal-dari-dalam – Indian Monument Attractions

bindujain
05-02-2013, 05:27 PM
http://indianmonumentsattractions.files.wordpress.com/2012/12/pentas-dalam-hawa-mahal-indian-monument-attractions.jpg?w=645
pentas-dalam-hawa-mahal – Indian Monument Attractions

bindujain
05-02-2013, 05:53 PM
http://myculturalbaptism.files.wordpress.com/2012/05/akshardham03f.jpg
Akshardham Temple