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View Full Version : सरकार का झूठा वादा: 7वां सिलेंडर


dipu
11-01-2013, 06:43 PM
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की घोषणा को साढ़े तीन माह बीतने के बावजूद अभी तक राज्य की ओर से अतिरिक्त तीन सब्सिडाइज्ड सिलेंडर मिलना शुरू नहीं हुए हैं। नतीजतन 1 जनवरी से उपभोक्ताओं को प्रति सिलेंडर 477 रु. ज्यादा चुकाने पड़ रहे हैं। दिसंबर के चौथे सप्ताह से ही उपभोक्ताओं को 388 रु. के स्थान पर प्रति सिलेंडर 865 रु. चुकाने पड़ रहे हैं।

यह स्थिति तब है जब मुख्यमंत्री ने कैबिनेट बुलाकर एलान किया था कि राज्य सरकार केंद्र द्वारा दिए जाने वाले सब्सिडी वाले 6 सिलेंडरों के बाद तीन सिलेंडर अपनी ओर से उपलब्ध कराएगी।

तब भाजपा पर बरसी थी कांग्रेस

३क् अक्टूबर को शिमला में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने कहा था कि कांग्रेस शासित राज्यों ने ३ सस्ते सिलेंडर देकर महंगाई के बोझ को कम किया है। जबकि भाजपा शासित राज्य ऐसा नहीं कर रहे। सोनिया के बाद ऐसे ही बयान कांग्रेस के अन्य नेताओं ने दिए थे। अब सचाई यह है कि जिन कांग्रेस शासित राज्यों ने यह घोषणा की थी, वह अब तक पूरी नहीं हो पाई। केंद्र सरकार के पास सारे प्रस्ताव अटके हैं।

एजेंसी संचालकों ने कहा- आदेश ही नहीं मिले

ऑल इंडिया एलपीजी डिस्ट्रीब्यूटर्स फैडरेशन राजस्थान के अध्यक्ष दीपक सिंह गहलोत का कहना है कि तेल कंपनियों की ओर से तीन अतिरिक्तसिलेंडरों के लिए कोई आदेश उन्हें नहीं दिए गए हैं और न ही सॉफ्टवेयर में कोई बदलाव किया गया है। आदेश आए तो ही वे सब्सिडी वाले अतिरिक्त सिलेंडर दे सकते हैं।

19 सितंबर को घोषणा कर लूटी थी वाहवाही

>केंद्र सरकार ने 14 सितंबर 2012 को सिलेंडरों की राशनिंग कर घरेलू उपभोक्ता को साल में केवल 6 सिलेंडर सब्सिडी वाले देने के आदेश दिए थे।

>इसके बाद राज्य सरकार ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की अध्यक्षता में 19 सितंबर को कैबिनेट की बैठक में निर्णय किया था कि केंद्र की ओर से दिए जा रहे सिलेंडरों के अतिरिक्त तीन और सिलेंडरों पर सब्सिडी देगी।

>यह भी कहा गया था कि मार्च 2013 तक शेष 6 माह में भी इन तीन सिलेंडरों का लाभ उपभोक्ताओं को दिया जाएगा।

मंत्री ने कहा- केंद्र ने अटका रखा है: खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री परसादीलाल से बातचीत

सरकार की घोषणा के 3 सिलेंडर कब से मिलेंगे?

हमने घोषणा करते ही केंद्र सरकार को पत्र भेज दिया था। केंद्र सरकार ने हमारा प्रस्ताव अटका रखा है। वहां से आदेश तेल कंपनियों को दिए जाने हैं। वे आदेश देंगे, तब ही मिलेंगे सब्सिडी वाले सिलेंडर।

आपने केंद्र पर दबाव क्यों नहीं बनाया?

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने भी निर्णय से केंद्र को अवगत करा दिया था। अब केंद्र सरकार पता नहीं क्यों देरी कर रही है? हमारे विभाग के सचिव, राज्य के मुख्य सचिव, मुख्यमंत्री और खुद मैंने केंद्र सरकार को इस बाबत याद दिलाया।

राज्य सरकार किसका इंतजार कर रही है?

गुजरात चुनाव के ठीक पहले केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री वीरप्पा मोइली ने तीन सिलेंडर अपनी ओर से देने के लिए कहा था। हम उनके फैसले का इंतजार कर रहे थे। अब न तो वे दे रहे हैं और न ही हमारे प्रस्ताव पर तेल कंपनियों को आदेश कर रहे हैं।

घोषणा तो आपने की थी? उसका क्या?

हमने उपभोक्ताओं को कमिटमेंट कर दिया है तो सिलेंडर तो उन्हें देने ही हैं। हम केंद्र पर लगातार दबाव बनाए हुए हैं।

ताकि मार्च निकल जाए

राज्य सरकार की टालमटोल से सवाल उठने लगे हैं। यदि इसी तरह सरकार घोषणा टालती रही तो अप्रैल से नया सत्र शुरू हो जाएगा और इसी के साथ नए सब्सिडाइज्ड सिलेंडर मिलना शुरू हो जाएंगे। लोग ये घोषणा भूल जाएंगे।

हमसे हर माह 100 करोड़ ज्यादा की वसूली

राज्य के करीब 7 लाख उपभोक्ता 1 जनवरी से अब तक लगभग 33.40 करोड़ रु. का अतिरिक्त बोझ उठा चुके हैं। इस हिसाब से उपभोक्ताओं पर एक माह में औसतन 100 करोड़ रु. का भार पड़ेगा।