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View Full Version : मॉडरेटर बनने के क्या नियम है ?


dipu
11-01-2013, 08:03 PM
मॉडरेटर बनने के क्या नियम है ? कृपया विस्तार से बताये

ALEX
12-01-2013, 08:02 AM
be active and help admins :devil:

Dark Saint Alaick
14-01-2013, 10:51 PM
मेरी नज़र में -
सबसे पहले फोरम के प्रति आपकी निष्ठा, कर्तव्य-पालन के प्रति गंभीरता और सभी सदस्यों के साथ सहयोग-भाव। अन्य सभी चीजें बहुत पीछे छूट जाती हैं।
हो सकता है आप तकनीक में बहुत दक्ष न हों, लेकिन यह दोयम है, क्योंकि करते-करते मनुष्य सब कुछ सीख जाता है, किन्तु पद-प्राप्त होते ही अपना स्वभाव परिवर्तित कर लेने वाले शीघ्र ही इस पद से हाथ धो बैठते हैं, अर्थात आप पद प्राप्ति के बाद कुछ और गंभीर (यहां आशय सदा मुंह लटकाए रखने से नहीं है, बस अपना बचपना पीछे छोड़ने से मकसद है), कुछ और नम्र तथा कुछ और सहयोगात्मक रवैये वाले हो जाएं यानी आप खुद को बॉस नहीं, सेवक समझें, तभी आप एक श्रेष्ठ नियामक साबित हो सकते हैं। :hello:

Nadan91
15-01-2013, 02:31 PM
मेरी नज़र में -
सबसे पहले फोरम के प्रति आपकी निष्ठा, कर्तव्य-पालन के प्रति गंभीरता और सभी सदस्यों के साथ सहयोग-भाव। अन्य सभी चीजें बहुत पीछे छूट जाती हैं।
हो सकता है आप तकनीक में बहुत दक्ष न हों, लेकिन यह दोयम है, क्योंकि करते-करते मनुष्य सब कुछ सीख जाता है, किन्तु पद-प्राप्त होते ही अपना स्वभाव परिवर्तित कर लेने वाले शीघ्र ही इस पद से हाथ धो बैठते हैं, अर्थात आप पद प्राप्ति के बाद कुछ और गंभीर (यहां आशय सदा मुंह लटकाए रखने से नहीं है, बस अपना बचपना पीछे छोड़ने से मकसद है), कुछ और नम्र तथा कुछ और सहयोगात्मक रवैये वाले हो जाएं यानी आप खुद को बॉस नहीं, सेवक समझें, तभी आप एक श्रेष्ठ नियामक साबित हो सकते हैं। :hello:

aapka bahut bahut shukriya ,
Me koshish karunga in baato par amal karne ki.

dipu
15-01-2013, 02:56 PM
मेरी नज़र में -
सबसे पहले फोरम के प्रति आपकी निष्ठा, कर्तव्य-पालन के प्रति गंभीरता और सभी सदस्यों के साथ सहयोग-भाव। अन्य सभी चीजें बहुत पीछे छूट जाती हैं।
हो सकता है आप तकनीक में बहुत दक्ष न हों, लेकिन यह दोयम है, क्योंकि करते-करते मनुष्य सब कुछ सीख जाता है, किन्तु पद-प्राप्त होते ही अपना स्वभाव परिवर्तित कर लेने वाले शीघ्र ही इस पद से हाथ धो बैठते हैं, अर्थात आप पद प्राप्ति के बाद कुछ और गंभीर (यहां आशय सदा मुंह लटकाए रखने से नहीं है, बस अपना बचपना पीछे छोड़ने से मकसद है), कुछ और नम्र तथा कुछ और सहयोगात्मक रवैये वाले हो जाएं यानी आप खुद को बॉस नहीं, सेवक समझें, तभी आप एक श्रेष्ठ नियामक साबित हो सकते हैं। :hello:

bahut badiya...................... agar mokaa mila to jarur koshish karege