dipu
12-01-2013, 10:29 AM
जब तक मेरे शहीद पति का सिर सरकार मेरे गांव नहीं लाती, तब तक मुझे चैन नहीं मिलेगा। - शहीद हेमराज की पत्नी धर्मवती (8 जनवरी 2013 को मेंढर में लांसनायक हेमराज का सिर पाक फौज ने काट दिया।)
कब तक सरकार शांत बैठी रहेगी, पाक से मैच खेलती रहेगी, सांस्कृतिक कार्यक्रम करती रहेगी।- शहीद सौरभ कालिया के पिता एन.के. कालिया (1999 के करगिल युद्ध में कैप्टन कालिया की देह पाक ने क्षत-विक्षत कर लौटाई थी)
शेरनगर की मीना सिंह सचमुच शेरनी हैं। बेटा था उनका हेमराज। लांसनायक था। अब नायक है। हीरो। मथुरा का, उत्तर प्रदेश का, सारे देश का। सिर झुकाया नहीं। मां ने यही तो कहा कि ‘वो काट सकते हैं, झुका नहीं सकते।’ दढिय़ा गांव सीधी जिले में है। सीधा सरल ही तो था सुधाकर सिंह। पत्नी दुर्गा देवी, मानों दुर्गा ही बन गई। लोगों की सलामी के बीच तेजस्वी चेहरा लिए। बोली मुझे भी फौजी बना दो। मध्यप्रदेश ही नहीं, देश का मान रखा पति ने। इलाहाबाद के सीआरपीएफ जवान बाबूलाल पटेल का सामना पाकिस्तानियों से नहीं, नक्सलियों से हुआ। झारखंड में मुठभेड़ के दौरान शहीद इस जांबाज को काट कर नृशंसता का सबसे निकृष्ट उदाहरण देते हुए नक्सलियों ने उनके भीतर बम लगा दिया। देश सकते में आ गया। हालांकि अब आ रहा है कि शक्तिशाली विस्फोटक का पाक की कुख्यात खुफिया आईएसआई से संबंध है।
ऐसे बर्बर हमले आखिर हम पर क्यों हो रहे हैं? क्यों होते ही रहते हैं? प्रश्न बहुत पुराना और अनुत्तरित है। कुछ अनुमान यहां लगाए जा रहे हैं :
पाक फौज जानती है उसका कुछ नहीं बिगड़ेगा
हमारी सेना मानती है उसे ‘शांत’ रहने को कहा जाएगा
पाक फौज, पाक सरकार पर हावी है
हमारी सेना, गरिमा के साथ, सरकार और देश के मूल्यों के अनुरूप चलती है
पाक सरकार खुद फौज और आंतकियों का घालमेल करा चुकी है
हमारी सरकार न पाक फौज में खौफ पैदा कर पाई है, न ही आतंकियों में
कब तक सरकार शांत बैठी रहेगी, पाक से मैच खेलती रहेगी, सांस्कृतिक कार्यक्रम करती रहेगी।- शहीद सौरभ कालिया के पिता एन.के. कालिया (1999 के करगिल युद्ध में कैप्टन कालिया की देह पाक ने क्षत-विक्षत कर लौटाई थी)
शेरनगर की मीना सिंह सचमुच शेरनी हैं। बेटा था उनका हेमराज। लांसनायक था। अब नायक है। हीरो। मथुरा का, उत्तर प्रदेश का, सारे देश का। सिर झुकाया नहीं। मां ने यही तो कहा कि ‘वो काट सकते हैं, झुका नहीं सकते।’ दढिय़ा गांव सीधी जिले में है। सीधा सरल ही तो था सुधाकर सिंह। पत्नी दुर्गा देवी, मानों दुर्गा ही बन गई। लोगों की सलामी के बीच तेजस्वी चेहरा लिए। बोली मुझे भी फौजी बना दो। मध्यप्रदेश ही नहीं, देश का मान रखा पति ने। इलाहाबाद के सीआरपीएफ जवान बाबूलाल पटेल का सामना पाकिस्तानियों से नहीं, नक्सलियों से हुआ। झारखंड में मुठभेड़ के दौरान शहीद इस जांबाज को काट कर नृशंसता का सबसे निकृष्ट उदाहरण देते हुए नक्सलियों ने उनके भीतर बम लगा दिया। देश सकते में आ गया। हालांकि अब आ रहा है कि शक्तिशाली विस्फोटक का पाक की कुख्यात खुफिया आईएसआई से संबंध है।
ऐसे बर्बर हमले आखिर हम पर क्यों हो रहे हैं? क्यों होते ही रहते हैं? प्रश्न बहुत पुराना और अनुत्तरित है। कुछ अनुमान यहां लगाए जा रहे हैं :
पाक फौज जानती है उसका कुछ नहीं बिगड़ेगा
हमारी सेना मानती है उसे ‘शांत’ रहने को कहा जाएगा
पाक फौज, पाक सरकार पर हावी है
हमारी सेना, गरिमा के साथ, सरकार और देश के मूल्यों के अनुरूप चलती है
पाक सरकार खुद फौज और आंतकियों का घालमेल करा चुकी है
हमारी सरकार न पाक फौज में खौफ पैदा कर पाई है, न ही आतंकियों में