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View Full Version : भारी पड़ीं धोनी की तीन गलतियां, युवराज भी ब


dipu
12-01-2013, 10:32 AM
पहले पाकिस्तान, फिर इंग्लैंड, हर टीम धोनी ब्रिगेड को घर पर धूल चटा रही है। कोलकाता और दिल्ली में जहां गेंद सीम कर रही थी, वहां हारने के बाद अब टीम इंडिया राजकोट जैसे बैटिंग पैराडाइज में भी रन नहीं बना सकी। सीरीज के पहले वनडे में इंग्लैंड ने मेजबान को 9 रन से हराया।

326 रन के लक्ष्य का पीछा करते हुए मेजबान टीम 9 विकेट पर 316 रन ही बना सकी। युवराज सिंह, गौतम गंभीर और सुरेश रैना ने हाफ सेंचुरी लगा कर टीम को जीत दिलाने की कोशिश तो की, लेकिन वे अंत तक टिक नहीं सके।

राजकोट की पिच को देख कर लग रहा था कि यहां दूसरी पारी में 325 रन का स्कोर बनाना मुश्किल नहीं होगा। इस मैदान पर रणजी मैचों में डबल और ट्रिपल सेंचुरी तक लगती रहती हैं। गेंदबाजों की कब्रगाह और बल्लेबाजों की जन्नत कहे जाने वाले राजकोट में यह पहला इंटरनेशनल मुकाबला था, जिसमें मेजबान टीम को हार का सामना करना पड़ा। पुजारा को नहीं खेलाने का धोनी का फैसला टीम पर भारी पड़ा।

यदि टॉस से लेकर मैच की आखिरी गेंद डाले जाने तक हुए घटनाक्रम को देखा जाए तो मेजबान टीम की अनगिनत बेवकूफियां सामने आती हैं। फिर चाहे बात खिलाड़ियों के सेलेक्शन की हो या बल्लेबाजी करते हुए शॉट सेलेक्शन की, हर जगह कप्तान महेंद्र सिंह धोनी एक बार फिर कटघरे में दिखते हैं।

abhisays
12-01-2013, 03:52 PM
लगता है 90 के दशक में जो वेस्ट इंडीज टीम का हाल था वही भारत का हो गया है।

dipu
12-01-2013, 04:05 PM
लगता है 90 के दशक में जो वेस्ट इंडीज टीम का हाल था वही भारत का हो गया है।

लगता तो है

aksh
12-01-2013, 04:58 PM
पहले पाकिस्तान, फिर इंग्लैंड, हर टीम धोनी ब्रिगेड को घर पर धूल चटा रही है। कोलकाता और दिल्ली में जहां गेंद सीम कर रही थी, वहां हारने के बाद अब टीम इंडिया राजकोट जैसे बैटिंग पैराडाइज में भी रन नहीं बना सकी। सीरीज के पहले वनडे में इंग्लैंड ने मेजबान को 9 रन से हराया।

326 रन के लक्ष्य का पीछा करते हुए मेजबान टीम 9 विकेट पर 316 रन ही बना सकी। युवराज सिंह, गौतम गंभीर और सुरेश रैना ने हाफ सेंचुरी लगा कर टीम को जीत दिलाने की कोशिश तो की, लेकिन वे अंत तक टिक नहीं सके।

राजकोट की पिच को देख कर लग रहा था कि यहां दूसरी पारी में 325 रन का स्कोर बनाना मुश्किल नहीं होगा। इस मैदान पर रणजी मैचों में डबल और ट्रिपल सेंचुरी तक लगती रहती हैं। गेंदबाजों की कब्रगाह और बल्लेबाजों की जन्नत कहे जाने वाले राजकोट में यह पहला इंटरनेशनल मुकाबला था, जिसमें मेजबान टीम को हार का सामना करना पड़ा। पुजारा को नहीं खेलाने का धोनी का फैसला टीम पर भारी पड़ा।

यदि टॉस से लेकर मैच की आखिरी गेंद डाले जाने तक हुए घटनाक्रम को देखा जाए तो मेजबान टीम की अनगिनत बेवकूफियां सामने आती हैं। फिर चाहे बात खिलाड़ियों के सेलेक्शन की हो या बल्लेबाजी करते हुए शॉट सेलेक्शन की, हर जगह कप्तान महेंद्र सिंह धोनी एक बार फिर कटघरे में दिखते हैं।

कप्तान का किसी बल्लेबाज के द्वारा बल्लेबाजी करते समय क्या रोल रह जाता है..?? अगर बल्लेबाज बल्लेबाजी नहीं करेंगे..तो इसमै कप्तान क्या कर सकता है..?? धोनी की एक ही गलती कह सकते है और वो है कि उन्होने खुद रन नही बनाये...!!