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View Full Version : अमिताभ की तुलना कसाब से!


dipu
12-01-2013, 10:39 AM
उर्दू के वरिष्ठ शायर व फिल्म गीतकार निदा फाजली ने मुंबई हमले के दोषी अजमल आमिर कसाब की तुलना अमिताभ बच्चन से की है, उन्होंने दोनों को किसी और का बनाया हुआ खिलौना बताया है।

एक साहित्यिक पत्रिका को लिखे खत में उन्होंने कहा है कि एंग्री यंगमैन को 70 के दशक तक ही कैसे सीमित किया जा सकता है। ‘मुझे लगता है कि 70 के दशक से अधिक गुस्सा तो आज की जरूरत है और फिर अमिताभ को एंग्री यंगमैन की उपाधि से क्यों नवाजा गया? वे तो केवल अजमल आमिर कसाब की तरह बना हुआ खिलौना हैं। एक को हाफिज सईद ने बनाया था, दूसरे को सलीम जावेद की कलम ने गढ़ा था, खिलौने को फांसी दे दी गई लेकिन उस खिलौने को बनाने वाले को पाकिस्तान खुलेआम उसकी मौत की नमाज पढऩे के लिए आजाद छोड़े हुए है।’ दूसरे खिलौने की भी प्रशंसा की जा रही है लेकिन खिलौना बनाने वाले को भुला दिया गया।

aksh
12-01-2013, 11:50 AM
उर्दू के वरिष्ठ शायर व फिल्म गीतकार निदा फाजली ने मुंबई हमले के दोषी अजमल आमिर कसाब की तुलना अमिताभ बच्चन से की है, उन्होंने दोनों को किसी और का बनाया हुआ खिलौना बताया है।

एक साहित्यिक पत्रिका को लिखे खत में उन्होंने कहा है कि एंग्री यंगमैन को 70 के दशक तक ही कैसे सीमित किया जा सकता है। ‘मुझे लगता है कि 70 के दशक से अधिक गुस्सा तो आज की जरूरत है और फिर अमिताभ को एंग्री यंगमैन की उपाधि से क्यों नवाजा गया? वे तो केवल अजमल आमिर कसाब की तरह बना हुआ खिलौना हैं। एक को हाफिज सईद ने बनाया था, दूसरे को सलीम जावेद की कलम ने गढ़ा था, खिलौने को फांसी दे दी गई लेकिन उस खिलौने को बनाने वाले को पाकिस्तान खुलेआम उसकी मौत की नमाज पढऩे के लिए आजाद छोड़े हुए है।’ दूसरे खिलौने की भी प्रशंसा की जा रही है लेकिन खिलौना बनाने वाले को भुला दिया गया।

पता नही उन्होने इस बात को किस सन्दर्भ मे कहा होगा...!! फिर भी सुनने के बाद ये तुलना एक कसैलापन जुबान पर छोड ही गयी है..!! तुलना करने वाले ने ये नही सोचा कि अमिताभ के बाद एक और सुपरस्टार क्यों नहीं पैदा कर सके सलीम जावेद साहब...??

abhisays
12-01-2013, 12:05 PM
http://en.wikipedia.org/wiki/Nida_Fazli

निदा फाजली का यह अमिताभ और कसब का comparison बहुत ही बेवकूफाना नज़र आ रहा है। कसब को यह जनाब एंग्री यंग मैन कह रहे है, इनको पता नहीं शायद इनका यही एंग्री यंग मैन उन्ही के शहर के 161 लोगो का हत्यारा था। निदा फाजली की बौद्धिक दरिद्रता पर हँसी आ रही है।

dipu
12-01-2013, 12:29 PM
Bilkul sahii ..............................................

Dark Saint Alaick
12-01-2013, 01:52 PM
निदा साहब एक बेहतरीन शायर हैं, अतः उन्हें अपनी बात कहने का सलीका संजीदगी से आता है। कई बार कुछ वाक्यांश सन्दर्भ-च्युत होकर उसका अर्थ बदल देते हैं। मुझे नहीं पता कि यह वक्तव्य किस सन्दर्भ में कहा गया है, पूरा ख़त प्रस्तुत किया जाए, तो स्थिति स्पष्ट हो, लेकिन यह कहना ही पड़ेगा कि यह तुलना निहायत बेमानी और मूर्खतापूर्ण है। शायद एक शायर पर एक 'फ़िल्मी शख्सियत' हावी हो गई।

malethia
12-01-2013, 02:26 PM
शायद विश्व के सबसे बड़े लोकतंत्र का यही दुर्भाग्य है की यहाँ किसी के बारे में कोई कुछ भी बोल देता है और बाद में बड़े ही प्यार से सफाई दे देता है ! यदि फाजली साहेब जैसी महान हस्तियाँ ऐसे विचार रखती है तो यह निश्चित ही चिंता का विषय है !

abhisays
12-01-2013, 03:35 PM
10-15 साल पहले लोग कुछ भी बोलकर निकल लेते थे, लेकिन आजकल मीडिया इतना तेज और फुर्तीला हो गया है की आप कुछ भी उल्टा पुल्टा बोलकर नहीं निकल सकते। और मैं तो कहूँगा सबसे पावरफुल तो अपने सोशल मीडिया हो गया है, ट्विटर और फेसबुक। सोशल मीडिया के ही कारण आज ओवैसी जेल में है।

dipu
12-01-2013, 04:07 PM
बिलकुल सही कहा आपने

jai_bhardwaj
12-01-2013, 07:30 PM
पता नही उन्होने इस बात को किस सन्दर्भ मे कहा होगा...!! फिर भी सुनने के बाद ये तुलना एक कसैलापन जुबान पर छोड ही गयी है..!! तुलना करने वाले ने ये नही सोचा कि अमिताभ के बाद एक और सुपरस्टार क्यों नहीं पैदा कर सके सलीम जावेद साहब...??

http://en.wikipedia.org/wiki/nida_fazli

निदा फाजली का यह अमिताभ और कसब का comparison बहुत ही बेवकूफाना नज़र आ रहा है। कसब को यह जनाब एंग्री यंग मैन कह रहे है, इनको पता नहीं शायद इनका यही एंग्री यंग मैन उन्ही के शहर के 161 लोगो का हत्यारा था। निदा फाजली की बौद्धिक दरिद्रता पर हँसी आ रही है।

निदा साहब एक बेहतरीन शायर हैं, अतः उन्हें अपनी बात कहने का सलीका संजीदगी से आता है। कई बार कुछ वाक्यांश सन्दर्भ-च्युत होकर उसका अर्थ बदल देते हैं। मुझे नहीं पता कि यह वक्तव्य किस सन्दर्भ में कहा गया है, पूरा ख़त प्रस्तुत किया जाए, तो स्थिति स्पष्ट हो, लेकिन यह कहना ही पड़ेगा कि यह तुलना निहायत बेमानी और मूर्खतापूर्ण है। शायद एक शायर पर एक 'फ़िल्मी शख्सियत' हावी हो गई।

शायद विश्व के सबसे बड़े लोकतंत्र का यही दुर्भाग्य है की यहाँ किसी के बारे में कोई कुछ भी बोल देता है और बाद में बड़े ही प्यार से सफाई दे देता है ! यदि फाजली साहेब जैसी महान हस्तियाँ ऐसे विचार रखती है तो यह निश्चित ही चिंता का विषय है !

संदर्भित कथ्य पर इतनी सशक्त टिप्पणियाँ आने के बाद कुछ भी अव्यक्त नहीं रह जाता।
उपरोक्त तुलनात्मक व्याख्या, भले ही एक भाषा के पुरोधा द्वारा किया गया है, निश्चित ही अत्यंत पीडादायी और भर्त्सना के योग्य है।

dipu
12-01-2013, 07:43 PM
संदर्भित कथ्य पर इतनी सशक्त टिप्पणियाँ आने के बाद कुछ भी अव्यक्त नहीं रह जाता।
उपरोक्त तुलनात्मक व्याख्या, भले ही एक भाषा के पुरोधा द्वारा किया गया है, निश्चित ही अत्यंत पीडादायी और भर्त्सना के योग्य है।


पीडादायी और भर्त्सना के योग्य :iagree:

bindujain
12-01-2013, 08:20 PM
निदा फाजली ने कसाब से की अमिताभ की तुलना

http://asset.starnews.in/5369d5ea499a546d77a74a8470a75130_full.jpg

निदा फाजली सटिया गए है ?

dipu
16-06-2013, 08:36 PM
Thanks 4 rply

rajnish manga
16-06-2013, 09:41 PM
निदा साहब एक बेहतरीन शायर हैं, अतः उन्हें अपनी बात कहने का सलीका संजीदगी से आता है। कई बार कुछ वाक्यांश सन्दर्भ-च्युत होकर उसका अर्थ बदल देते हैं। मुझे नहीं पता कि यह वक्तव्य किस सन्दर्भ में कहा गया है, पूरा ख़त प्रस्तुत किया जाए, तो स्थिति स्पष्ट हो, लेकिन यह कहना ही पड़ेगा कि यह तुलना निहायत बेमानी और मूर्खतापूर्ण है। शायद एक शायर पर एक 'फ़िल्मी शख्सियत' हावी हो गई।

यह नहीं माना जा निदा फाजली साहब ने ऐसा गैर जिम्मेदाराना बयान दिया होगा. उनकी संजीदगी और देशभक्ति से वाकिफ लोग इस पर यकीं नहीं करेंगे. सन्दर्भ से काट कर जब कोई बात कही - लिखी जाती है तो अर्थ का अनर्थ हो जाता है. क्या हम पूरा बयान देख सकते है ?

Deep_
02-07-2013, 05:30 PM
मुझे लग रहा है की निदा फाज़ली ने कसाब को बनानेवाले पाकिस्तान की निंदा की है...लेकिन वह अपने मन में अमिताभजी के बारे में थोडी नफरत दबाए हुए है। अमिताभ को कीसीने अमिताभ नहि बनाया है, ना जंजीर, शोले जैसी फिल्मोनें ना सलीम- जावेद जैसे लेखको ने। ये सब तो वो मोके थे जो देर-सवेर कलाकारों को मिलते ही है।
अमिताभने अपनी कला, समज, योग्यता + सबसे बडी बात विनम्रता के साथ अपनी एक छबी बनाई है। कई दोर एसे भी थे जब वह अकेले पड गए थे...लेकिन बार बार वह उठ खडे हुए है। यह कोई आम बात नहि है।