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View Full Version : हम होंगे कामयाब ........


bindujain
15-01-2013, 08:18 PM
अगर मै निराश हूँ तो मै गाऊँगा ।
अगर मै दुखी हूँ तो मै हँसूंगा ।
अगर मै बीमार हूँ तो दुगुना काम करूँगा ।
अगर मुझे डर लगता है तो तेजी से मै आगे बढ़ जाऊँगा ।
अगर मै खुद को हीन समझता हूँ तो नये वस्त्र पहनूँगा ।
अगर मै अनिश्चय की स्थिति में हूँ तो मै अपनी आवाज बढा़ लूँगा ।
अगर मै गरीबी का अनुभव करता हूँ तो मै आगे आने वाले दौलत के बारे में सोचूँगा ।
अगर मै खुद को अयोग्य समझता हूँ तो अपनी पिछली सफलता के बारे में सोचूँगा ।
अगर मै खुद को महत्वहीन समझता हूँ तो मै अपने लक्ष्यों के बारे में सोचूँगा ।

bindujain
15-01-2013, 08:19 PM
मै इस संसार में हारने के लिये नहीं आया हूँ ,
न ही मेरी शिराओं में असफलता प्रवाहित हो रही है ।
मै कोई भेड़ नहीं जिसे कोई गडिर्या हाँके।
मै एक शेर हूँ और मै भेडो़ की झुँड की तरह
बात करने, चलने और सोने से इंकार करता हूँ।
असफलता की बलिवेदी मेरा भाग्य नहीं बन सकती।

मै तब तक जुटा रहूँगा जब तक मै सफल ना हो जाऊँ ।

bindujain
15-01-2013, 08:20 PM
धरती को बौनों की नहीं,
उँचे कद के इन्सानों की जरूरत है,
किंतु इतने उँचे भी नहीं,
कि पांव तले दूब ही न जमें,
कोई कांटा न चुभे, कोई कली न खिले,
न बसंत हो न पतझड़,हो सिर्फ उँचाई का अंधड़,
मात्र अकेलेपन का सन्नाटा,
मेरे प्रभु,मुझे इतनी उँचाई कभी मत देना,
गैरों को गले लगा ना सकूं,
इतनी रूखाई कभी मत देना,

dipu
15-01-2013, 08:20 PM
good topic

bindujain
15-01-2013, 08:21 PM
चोटी से गिरने से अधिक चोट लगती है,
अस्थि जुड़ जाती है पीडा़ मन को सुलगाती है,
इसका अर्थ यह भी नहीं कि,
चोटी पर चढ़ने की चुनौती ही ना मानें,
इसका अर्थ यह भी नहीं कि,
परिस्थिति पर विजय पाने की न ठाने॥

bindujain
15-01-2013, 08:24 PM
सफल होने के लिये प्लान जरूरी

http://2.bp.blogspot.com/_U_B0crRL_M8/STd8i0kx51I/AAAAAAAAAEA/hzbOW7Qt2h0/s320/indexE.jpg


एक बार एक मक्खी को कमरें में बन्द कर दिया गया ,और कहा गया कि तुम्हें १२ घंटे
में इसमें से बाहर निकलना है।मक्खी बहुत ही आशावादी व उत्साहित थी,वह दूर से उड़ती
हुई आती है और दिवार से टकरा जाती है,वह बार-बार ऐसा करती है हार नहीं मानती है
और अन्त में वीर गति को प्राप्त हो जाती है।

अब दूसरी मक्खी को यही कार्य दिया जाता है,वह पहले ६ घंटे सोचती है फिर बगल में
एक छेद देखती है और उससे निकल जाती है।

केवल उत्साहित व आशावादी होने से कुछ
नहीं होता सफल होने के लिये आपके पास
प्लान होना चाहिये।

bindujain
15-01-2013, 08:26 PM
दुनिया का सबसे असफल आदमी

एक आदमी की कहानी
जो पहले स्टोर कीपर बना
परन्तु असफल रहा
फिर इंजीनियरिंग की
पढ़ाई की ,अफसोस
असफल रहा
सेना में कप्तान बना परन्तु
निकाल दिया गया
उसने एक युवती से प्रेम किया
पर सादी से पहले ही वह युवती
टपक गई(भगवान को प्यारी)
कानून की पढा़ई की और
जबर्दस्त असफलता हासिल
की
राजनीत में कदम रखा
और आरम से दस बारह
चुनाव हार गया
आप जानना चाहेंगे वह आदमी कौन था
वह और कोई नहीं अमेरिका के महान
राष्ट्रपति लिंकन ही थे।

हर काली रात के बाद सुहानी सुबह जरूर आती है।

bindujain
15-01-2013, 08:31 PM
" विजय की शुरूआत प्रारंभ से होती है"


जब भारत के राष्ट्रपति
कलाम जी एयर फोर्स के
लिये क्वालिफाई नहीं कर
पाये थे तो स्वामी शिवानन्द

की जिन पक्तियों ने
उन्हें सकारात्मक सोच
कायम रखने की प्रेरणा दी
,वे थीं,"यदि तुम सच्चे ह्रदय से

स्वप्न देखते हो और तुम्हारे
स्वप्न पवित्र व लक्ष्यकेन्द्रित

हैं तो उनमें एक
अद्वितीय इलेक्ट्रो-मैग्नेटिक
का समावेश हो जाता हईस्लिये
जब दिमाग सोता

है तो वह शक्ति की
निरवता में बहता जाता है
और भोर के साथ अन्य दैविय
पिण्डों की शक्ति को साथ

लेकर वापस आती है
और मस्तिष्क में एक
ब्रह्माण्डीय शक्ति भर देति हैआपको
इस शक्ति पर विश्वास

करते हुये यह मानना पडे़गा
कि सूर्य कल फिर निकलेगा।

" विजय की शुरूआत प्रारंभ से होती है"



"वह हासिल करने की कोशिश करें जिसके आप हकदार हैं"

bindujain
15-01-2013, 08:37 PM
भगवान आप के बारे में कुछ सोच रहा है।



साधारण लोगों को परेशानी,दुख व असफलता अधिक मिलती है,क्यो?

ताकि वो असाधारण बन सकें।

जीवन भर हारने के बाद लिंकन उम्र के आखरी पडा़व पर अमेरिका के राष्ट्रपति बनें,

गाँधी जी साधारण वकील से राष्ट्रपिता कैसे बनें ये हम सब जानते हैं,

विल्मा रूडोल्फ को भगवान ने विकलांग बनाया तभी तो उसने ओलंपिक में तीन स्वर्ण जीत इतिहास बनाया,

कलाम जी को उनकी बहन ने कंगन बेच कर पढा़या,

आईन्स्टीन जन्म के समय मन्दबुद्धि थे,आज दुनिया उन्हें सदी का वैज्ञानिक मानती है,

क्या इतने उदाहरण काफी नहीं,

क्या आप भी अपने आप को असाधारण मानते है?

क्या आप भी परेशान हैं?

क्या आप का भी मजाक उडा़या जाता है?

यदि हाँ,तो खुस हो जाइए


भगवान आप के बारे में कुछ सोच रहा है।

bindujain
15-01-2013, 08:39 PM
अगर आप सफल होना चाहते हैं



अगर आप सफल होना चाहते हैं
तो दूसरों को सफल होने में मदद कीजिये


आप खुद ब खुद सफल हो जायेंगे।(अज्ञात)

जल्दी मर जाना अच्छा है,पर बेकार की जिन्दगी जीना उससे लाख गुना बुरा है।(अज्ञात)

आप हर दिन इस तरह मेहनत करें जैसे कि आपका जीवन इसी पर निर्भर है।(अज्ञात)

अगर आप सोचते हैं कि आप प्रभाव उत्पन्न करने के लिये बहुत छोटे हैं,तो कमरे में एक मच्छर के साथ सोने की कोशिश कर के देख लें।(अनीता रोडिक)

जब किसी के मन में उड़ने का आवेग हो,तो वह रेंगने के लिये सहमत नहीं हो सकता।(हेलन केलर)

अगर a=सफलता है ,तो मंत्र है a=x+y+z,जहाँ xकाम, yलगन,व zअपना मुँह बन्द रखना है।(आइंस्टीन)

bindujain
15-01-2013, 08:45 PM
हराने से क्या हराना




दुनिया भर में ऐसे लाखो उदाहरण हैं जिनमे लोग हराने के बाद ही जीते हों |
जिस वर्ष कोक बाजार में उतरी थी उसके सिर्फ 400 बोतल बीके थे |
आइन्स्टीन की पी एच डी करने को अस्वीकृत कर दिया गया था |
हेनरी फोर्ड दो बार दिवालिया घोषित किये गए थे|
, रोडिन को तीन बार आर्ट स्कूल में दाखिला नहीं मिला फिर भी वो महँ मूर्तिकार बने|
अब्राहन लिंकन सात बार चुनाव हारे|
ऐसे दुनिया भर में लाखो उदाहरण है |
इन सभी मामलों में अवरोध,निराशा,अस्वीकृति और असफल कोशिशे इन्हें रोक नहीं पाई|
इन लोगो ने विफलता को ही सफलता की सीढ़ी बनाया|
यही वो अंतर है जो साधारण को अशधारण बनता है|

bindujain
11-02-2013, 08:00 AM
सफलता के चार नियम


कल मैने चेतन भगत की प्रसिद्ध किताब

one night @the call centreपढ़ी उसमें

मुझे भगवान का फोन करनाव सफलता के

चार नियम बताना सबसे अच्छा लगा।

चलिये वो नियम मै आपकोभी बताता हूँ।

पहला नियम-सफल होने के लिये मनुष्यमें थोडी़ बहुत बुद्धिमानी होनी चाहिये।

दूसरा नियम-मनुष्य में थोडी़ बहुत कल्पना-शक्ति होनी चाहिये।

तीसरा नियम-मनुष्य में आत्मविश्वास होना ही चाहिये।

चौथा नियम-चौथा नियम सुनकर सायद आपचौंक जाएँ।

चौथा नियम है असफलता आप जितने भी सफल
आदमियों
को जानतें होसबके बारे में विचार करें तो वे पहले

असफल हुयेफिर जा के सफल हुये।चाहे वे गाँधी जी हो,

अटल जीहों,कलाम जी हों,लिंकन हों,टाटा हों,बिल गेट्स

हों न्युटन हों आइनस्टीन हों या कोइ अन्य।

किसी ने ठीक ही कहा है

,"यदि आप सफल होना चाहते हैंतो अपनी असफलता की दर दुगनी कर दें"

जब तक आप असफल नहीं होगे तबतक आपकी

हँसी कैसेउडा़ई जायेगी ,आप गिरेंगे नहीं तो आप

का मजाक कैसे बनायाजायेगा,आप को नकारा कैसे

सिद्ध किया जा सकता है और जबतक ऐसा नहीं

होगा तब तक आप कैसे अपने आप को साबितकर

सकते हैं।आज हम लगभग जितनी भी अच्छे

वस्तुओं का उपयोग कर रहेंहैं वे दरसल ये

कुछ शुरू में हारे लोगों की सनक का नतीजा है।