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View Full Version : पियक्कड़ी पर पीएचडी


Dark Saint Alaick
26-01-2013, 01:08 PM
पियक्कड़ी पर पीएचडी


कल ही इन्टरनेट पर एक शानदार पोस्ट देखी, अंग्रेजी में थी, सोचा चलो हिंदी में तर्जुमा कर अपने पाठकों का ज्ञानवर्धन कर दें। यह लेख उन दारूबाजों को समर्पित है, जिन्होंने अपनी पूरी जिंदगी दारु को समर्पित कर रखी है। ऐसा अक्सर देखा जाता है कि लोग दो तीन पैग पीने के बाद अजीब-अजीब हरकतें करने लगते हैं, यह लेख उन दारूबाजों की तरफ से लिखा गया है, जो ज्यादा पीने के बाद ऐसा ही कुछ महसूस करते हैं। दारूबाजों से निवेदन है कि बोतल खोलने के पहले इस लेख को पढ़ें, क्योंकि पीने के बाद तो शायद कोई दूसरे सज्जन इसे पढकर आपका उपचार कर रहे होंगे। क्या नहीं? ... तो शुरू कीजिए पढ़ना। :hello:

Dark Saint Alaick
26-01-2013, 01:20 PM
1.


लक्षण : यदि आपको लगे कि आपके पैर ठन्डे और गीले हो रहे हैं।

कारण : आपने अपने गिलास को ढंग से नहीं पकड़ रखा है, (आप दारू को गिलास के पिछले हिस्से में उंडेल रहे हैं, जो आपके पैर पर गिर रही है)।

उपचार : गिलास को धीरे से उलटिए, ताकि उसकी गहराई में आप झांक सकें, अब फिर से उस में दारू उंडेलना शुरू कीजिए। इस बार ज़रा सीधे डालिएगा।

Dark Saint Alaick
26-01-2013, 01:21 PM
2.


लक्षण : आपको आंखों के सामने ढेर सारी रौशनी दिखाई पड़ रही है या पुरातन उक्ति का हवाला देते हुए कहें, तो आपको तारे नृत्य करते दिख रहे हैं।

कारण : आप फर्श पर गिरे पड़े हैं।

उपचार : अपने शरीर को 90 डिग्री में घुमाइए। क्या कहा, 90 डिग्री क्या होता है ? देखा गणित से नफरत करने का क्या नतीजा होता है ? अपने एक हाथ को फर्श पर लगाइए और उठ खड़े होइए, 90 के फेर में मत अटकिए।

Dark Saint Alaick
26-01-2013, 01:22 PM
3.


लक्षण : आपको सब कुछ धुंधला-धुंधला दिखाई दे रहा है।

कारण : आप खाली गिलास के आर पार देख रहे हैं।

उपचार : अब देखना वेखना छोड़िए और गिलास (सीधा करके) में दारू डालिए।

Dark Saint Alaick
26-01-2013, 01:23 PM
4.


लक्षण : पूरा फर्श हिल रहा है।

कारण : कोई भूकम्प वगैरह नहीं आया है, आप फर्श पर घसीटे जा रहे हैं।

उपचार : आपने आपको संयत करने की कोशिश करिए, और कम से कम उनसे पूछिए तो कि भई, कहां ले जा रहे हो? वहां दारू इंतज़ाम है कि नहीं?

Dark Saint Alaick
26-01-2013, 01:27 PM
5.


लक्षण : आपको सभी लोगों की आवाज गूंजती-गूंजती सुनाई दे रही है।

कारण : नहीं भाई, आप पहाड़ों पर नहीं हैं। आपने अपना खाली गिलास कान में लगा रखा है।

उपचार : अब गिलास से टेलीफोन-टेलीफोन खेलना छोड़िए, गिलास भरिए ... यानी अगला पैग बनाइए और फिर शुरू हो जाइए।

Dark Saint Alaick
26-01-2013, 01:29 PM
6.


लक्षण : आपको अपने परिवार के लोगों की शक्लें अजीब-अजीब सी लग रही है।

कारण : आप गलत घर में घुस आए हैं।

उपचार : इससे पहले कि ये सब मिल कर आपको पीटें, दोनों हाथ जोड़कर उनको निवेदन करें कि वे आपको आपके घर तक छोड़कर आएं।

Dark Saint Alaick
26-01-2013, 01:30 PM
7.


लक्षण : एक अजीब सी महिला, जानी पहचानी आवाज में चिल्ला चिल्ला कर कुछ फिजूल सा कहने की कोशिश कर रही है।

कारण : आप अपने ही घर में अपनी बीवी के सामने खड़े हैं। यदि महिला आपको पीने के बाद अजीब लग रही है, तो ये आपकी शादी के फैसले में की गई जल्दबाजी का ही नतीजा है।

उपचार : 'डार्लिंग, अब से तौबा, आगे से नहीं ...' टाइप का कोई डायलॉग (निवेदन भरे, मधुर स्वर में) पेश कीजिए। पत्नीजी, अपनी ऊर्जा खत्म होते ही, आपको आपके हाल पर छोड़ कर, पैर पटकती हुई चली जाएंगी।

Dark Saint Alaick
26-01-2013, 01:38 PM
8.


लक्षण : वातावरण में अजीब सी गंध है, लेकिन कोई आपको बहुत प्यार-दुलार कर रहा है।

कारण : आप नाली में गिरे पड़े हैं और सूअर या कुत्ता आपके मुंह को चाट रहा है।

उपचार : सूअर/कुत्ते को दूर हटाइए, नाले से उठने की (वैसे ही 90 डिग्री वाली) कोशिश कीजिए।

Dark Saint Alaick
26-01-2013, 01:39 PM
9.


लक्षण : पूरा कमरा थरथरा रहा है, सभी लोग अजीब सी सफ़ेद पोशाक में हैं।

कारण : आप एम्बुलेंस में हैं।

उपचार : कुछ मत कीजिए, यूं ही पड़े रहिए। जो करना है, डॉक्टर को करने दें।

Dark Saint Alaick
26-01-2013, 01:41 PM
10.


लक्षण : सभी लोग उलटे-उलटे (सर के बल चलते हुए) दिखाई दे रहे हैं और सारे लोग अजीब सी खाकी पोशाक में हैं।

कारण : आप पुलिस थाने में हैं और आपको उल्टा लटकाया गया है।

उपचार : उनसे पूछिए कि भाई, हंगामा है क्यों बरपा थोड़ी सी जो पी ली है।



तो फिर आप लोग अपनी राय देना मत भूलिएगा, कोई और प्वाइंट रह गया हो, तो जरूर बताइएगा। :hello:

rajnish manga
26-01-2013, 02:17 PM
9.


लक्षण : पूरा कमरा थरथरा रहा है, सभी लोग अजीब सी सफ़ेद पोशाक में हैं।

कारण : आप एम्बुलेंस में हैं।

उपचार : कुछ मत कीजिए, यूं ही पड़े रहिए। जो करना है, डॉक्टर को करने दें।

:bravo:

बहुत अच्छे, अलैक जी. यह तो कुछ कुछ ऐसा ही लगता है:

मैं मधुशाला के अन्दर हूँ, या मेरे अन्दर मधुशाला.

Sikandar_Khan
30-01-2013, 06:39 PM
अच्छी रिसर्च है |