PDA

View Full Version : इन तस्वीरों को खींचना पड़ा फोटोग्राफर की é


dipu
27-01-2013, 05:30 PM
http://i1.dainikbhaskar.com/thumbnail/600x519/web2images/www.bhaskar.com/2013/01/26/0001_main_pic.jpg


किसी घटना की फोटो खींचना एक फोटोग्राफर का काम होता है। भले ही वह अच्छी हो या बुरी। जब कोई ऐसी घटना घट रही हो जो किसी व्यक्ति के हस्तक्षेप से रुक सकती है, तो ऐसे में फोटोग्राफर को क्या करना चाहिए इस बात को लेकर कई बार बहस होती है।

उसे उस घटना की तस्वीरें लेना चाहिए या घटना घटने से रोकने की कोशिश करना चाहिए। दिल्ली में आत्मदाह करती महिला की तस्वीरें खींचने वाले फोटोग्राफरों और कैमरामैनों की बेहद आलोचना हुई थी।

ऐसे ही एक मामले को हम आपको बताने जा रहे हैं। कैसे एक फोटोग्राफर की तस्वीर उसकी मौत का कारण बन गई। जिस फोटो के लिए उसे पुलित्जर पुरस्कार से सम्मानित किया गया वही उसकी मौत का कारण बना।

dipu
27-01-2013, 05:30 PM
http://i3.dainikbhaskar.com/thumbnail/600x519/web2images/www.bhaskar.com/2013/01/26/9858_pic_two.jpg


ये तस्वीर दक्षिण सूडान में पड़े सूखे दौरान मार्च 1993 में केविन कार्टर नाम के फोटोग्राफर ने ली थी। तस्वीर में भूख से तड़पती बच्ची एक फूड सेल्टर पर जाने की कोशिश कर रही है, पर उसके रास्ते में खड़ी गिद्ध के कारण वहां नहीं जा पा रही।

dipu
27-01-2013, 05:31 PM
http://i6.dainikbhaskar.com/thumbnail/600x519/web2images/www.bhaskar.com/2013/01/26/9859_pic_one.jpg


इस तस्वीर के लिए कार्टर को पुलित्जर पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। बच्ची की मदद करने के बजाय उसकी तस्वीर खीचने के लिए उन्होंने करीब 20 मिनट तक इस बात का इंतजार किया कि शायद यह गिद्ध बच्ची पर हमला करे। अगर ऐसा होगा तो उनकी तस्वीर और बढ़िया हो जाएगी

dipu
27-01-2013, 05:32 PM
http://i10.dainikbhaskar.com/thumbnail/600x519/web2images/www.bhaskar.com/2013/01/26/0027_pic_three.jpg

उनकी इस अमानवियता के लिए दुनिया भर में काफी आलोचना हुई। लगातार हो रही आलोचना के चलते तस्वीर खीचने के तीन महीने के बाद ही कार्टर ने आत्महत्या कर ली।

rajnish manga
05-02-2013, 02:28 PM
उनकी इस अमानवियता के लिए दुनिया भर में काफी आलोचना हुई। लगातार हो रही आलोचना के चलते तस्वीर खीचने के तीन महीने के बाद ही कार्टर ने आत्महत्या कर ली।



दीपू जी, जर्नलिज्म (रिपोर्ताज व फोटो) के लिए पुलित्ज़र पुरस्कार 'नोबेल' जैसी अहमियत रखता है. उपरोक्त बच्चे की भयावह तस्वीर बहुत दर्दनाक है. लेकिन जिन परिस्थितियों में यह फोटो खींची गयी वह भी उतनी ही हृदयविदारक हैं. कलाकार ने लोगों की तीखी प्रतिक्रिया के फलस्वरूप आत्म हत्या जैसा एक्सट्रीम कदम उठाया या इसके पीछे कुछ और कारण था यह कौन बता सकता है.