dipu
29-01-2013, 05:47 PM
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नासा की एक अंतरिक्ष टेलिस्कोप से सूर्य के बाहरी वातावरण में बहुत गर्म तत्व की ‘चुंबकीय परतें’ देखी गईं हैं। वैज्ञानिकों का दावा है कि इससे सूरज के रहस्यमयी गर्म वातावरण के बारे में विस्तार से जानकारी मिल सकती है। इसके अलावा अंतरिक्ष के मौसम के बारे में पूर्वानुमान लगाने में मदद मिलेगी।
यह खोज नासा की हाई रेजोल्यूशन कोरोनल इमेजर (हाई-सी) दूरबीन से की गई है। इसकी जानकारी साइंस मैगजीन ‘नेचर’ में प्रकाशित की गई है। इस दूरबीन को पिछले साल जुलाई में नासा के मार्शल स्पेस फ्लाइट सेंटर में सौर अंतरिक्ष विज्ञानी जोनाथन किरटेन की टीम ने अंतरिक्ष में भेजा था।
यह 9.5 इंच की है। इसने अंतरिक्ष में 10 मिनट की उड़ान भरी थी। इसका काम था सूर्य के कोरोना (बाहरी क्षेत्र) का अध्ययन करना। ‘स्पेस डॉट कॉम’ के अनुसार दूरबीन की मदद से 165 तस्वीरें खींचीं गईं।
सूर्य की सतह आश्चर्यजनक रूप से सिर्फ 6,215 डिग्री सेल्सियस गर्म थी। जबकि अंदर की सतह इससे हजारों गुना ज्यादा गर्म। सूर्य की सतह से नीचे शक्तिशाली चुंबकीय तरंगें सूर्य के बाहरी क्षेत्र को 15 लाख डिग्री सेल्सियस तक गर्म कर सकती हैं। हालांकि केवल इससे सूर्य के बाहरी क्षेत्र के अत्यधिक तापमान का पता नहीं चलेगा।
नासा की एक अंतरिक्ष टेलिस्कोप से सूर्य के बाहरी वातावरण में बहुत गर्म तत्व की ‘चुंबकीय परतें’ देखी गईं हैं। वैज्ञानिकों का दावा है कि इससे सूरज के रहस्यमयी गर्म वातावरण के बारे में विस्तार से जानकारी मिल सकती है। इसके अलावा अंतरिक्ष के मौसम के बारे में पूर्वानुमान लगाने में मदद मिलेगी।
यह खोज नासा की हाई रेजोल्यूशन कोरोनल इमेजर (हाई-सी) दूरबीन से की गई है। इसकी जानकारी साइंस मैगजीन ‘नेचर’ में प्रकाशित की गई है। इस दूरबीन को पिछले साल जुलाई में नासा के मार्शल स्पेस फ्लाइट सेंटर में सौर अंतरिक्ष विज्ञानी जोनाथन किरटेन की टीम ने अंतरिक्ष में भेजा था।
यह 9.5 इंच की है। इसने अंतरिक्ष में 10 मिनट की उड़ान भरी थी। इसका काम था सूर्य के कोरोना (बाहरी क्षेत्र) का अध्ययन करना। ‘स्पेस डॉट कॉम’ के अनुसार दूरबीन की मदद से 165 तस्वीरें खींचीं गईं।
सूर्य की सतह आश्चर्यजनक रूप से सिर्फ 6,215 डिग्री सेल्सियस गर्म थी। जबकि अंदर की सतह इससे हजारों गुना ज्यादा गर्म। सूर्य की सतह से नीचे शक्तिशाली चुंबकीय तरंगें सूर्य के बाहरी क्षेत्र को 15 लाख डिग्री सेल्सियस तक गर्म कर सकती हैं। हालांकि केवल इससे सूर्य के बाहरी क्षेत्र के अत्यधिक तापमान का पता नहीं चलेगा।