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View Full Version : क्विज़ टाइम / किशोर कुमार


rajnish manga
30-01-2013, 09:06 PM
हिंदी फिल्मों के सुप्रसिद्ध पार्श्व गायक स्व. किशोर कुमार के व्यक्तित्व और कृतित्व के बारे में आपको कितनी जानकारी है आइये देखते है:

प्रश्न
1. किशोर कुमार का जन्म कब हुआ था?
2. किशोर कुमार का मूल नाम क्या था?
3. किशोर कुमार खंडवा के रहने वाले थे. यहाँ से पहले उनका परिवार किसी और स्थान पर रहता था. इस स्थान का नाम बताएं?
4. किस संगीत निर्देशक ने किशोर कुमार को फिल्मों में एकल गाने का ब्रेक दिया? गाना और फिल्म का नाम बताएं?
५. इस फिल्म का पहला गाना एक युगल गीत था. गीत का मुखड़ा बताएं?














उत्तर
1. 4 अगस्त 1929
2. आभास कुमार गांगुली
3. भागलपुर
4. खेमचंद प्रकाश/ गीत: मरने की दुआएं क्यों मांगूं/ फिल्म: ज़िद्दी
5. ये कौन आया/ सहगायिका: लता मंगेशकर

rajnish manga
30-01-2013, 09:07 PM
प्रश्न
6. फिल्म ज़िद्दी से पहले किशोर कुमार ने बोम्बे टाकीज़ की एक फिल्म में कोरस गाया था. इसके बारे में और संगीतकार के बारे में बताएं?
7. उसी कोरस में एक अन्य कलाकार ने भी भाग लिया था जो बाद में जा कर एक संगीतकार के रूप में प्रसिद्ध हुआ?
8. बतौर एक्टर किशोर कुमार की पहली फिल्म कौन सी थी?
9. बतौर नायक किशोर कुमार की पहली फिल्म कौन सी थी?
10. वह कौन सा गीत है जो हर माह की पहली तारीख़ को रेडियो श्रीलंका की हिन्दी प्रसारण सेवा में लम्बे समय (लगभग 35 वर्ष) तक बजता रहा और बाद में अन्य रेडियो स्टेशनों द्वारा भी अक्सर बजाया जाता रहा?












उत्तर
6. सरस्वती देवी
7. मदन मोहन
8. मुकद्दर
9. आन्दोलन
10. ‘खुश है ज़माना आज पहली तारीख़ है’

rajnish manga
30-01-2013, 09:07 PM
प्रश्न
11. किशोर कुमार के मनपसंद निर्देशक का नाम बताएं?
12. किशोर कुमार सबसे अधिक प्रभावित के.एल.सहगल, मार्लन ब्रेंडो, बोरिस कर्लोफ़ और टोपोल से हुए. परन्तु यह बताएं कि ‘योडलिंग’ का विचार उन्हें कहाँ से मिला जिसे बाद में उन्होंने अपनी गायकी में विशेष स्थान दिया?
13. किशोर कुमार द्वारा रेकॉर्ड किया गया अंतिम गीत कौन सा था?
14. अपनी मृत्यु के एक दिन बाद वह कौन सा गाना गाने वाले थे?
15. किशोर कुमार की मृत्यु के उपरान्त रेडियो पर कौन सा गाना बार-बार प्रसारित किया जाता रहा था?

उत्तर
11. एल्फ्रेड हिचकॉक
12. डैनी कायी (Danny Kaye)
13. गुरु-ओ-गुरु (फिल्म: वक़्त की आवाज़)
14. मैं तो हूँ सबका, मेरा न कोई; मेरे लिए कोई आँख न रोयी (फिल्म: हत्या)
15. तेरी दुनियाँ से होके मजबूर चला ....
मैं बहुत दूर, बहुत दूर, बहुत दूर चला ....

rajnish manga
30-01-2013, 09:09 PM
प्रश्न
16. नायक के रूप में किशोर कुमार की पहली फिल्म का संगीत निर्देशन शास्त्रीय संगीत की एक मशहूर हस्ती ने किया था. उनका नाम बताएं?
17. कौन सी फिल्म में किशोर कुमार, एस.डी.बर्मन और देवानंद ने पहले पहल इकटठे काम किया?
18. किशोर कुमार ने एस.डी.बर्मन के संगीत निर्देशन में पहला एकल गीत राज कपूर के लिए गाया था. फिल्म का नाम बताएं?
19. आर.डी.बर्मन और किशोर कुमार के बीच अटूट सम्बन्ध था. बताये कि आर.डी. के साथ सर्वप्रथम किस फिल्म में काम किया?
20. किशोर कुमार ने लक्ष्मीकान्त प्यारेलाल के साथ सर्वप्रथम किस फिल्म में काम किया?

उत्तर
16. पन्ना लाल घोष
17. बाज़ी
18. प्यार
19. भूत बँगला
20. मि. एक्स इन बोम्बे
(क्रमश:)

abhisays
30-01-2013, 09:39 PM
एक अलग और नए विषय पर सूत्र के लिए आभार। मैंने शुरू के 2 पोस्ट में उत्तर थोड़े नीचे कर दिए हैं, इससे क्या होगा की सदस्य सवाल के उत्तर मन में सोचकर फिर नीचे स्क्रॉल करके अपने उत्तर मिला सकते हैं। :think:

Dark Saint Alaick
30-01-2013, 10:52 PM
बेहतरीन सूत्र है। :bravo:

मेरा सुझाव है कि अगर रजनीशजी ऐसा ही कोई और सूत्र बनाएं, तो एक दिन प्रश्न प्रस्तुत कर पाठकों से जवाब मांगें और एक दो दिन बाद उसके सही उत्तर स्वयं प्रस्तुत करें। :cheers:

rajnish manga
07-02-2013, 10:47 PM
एक अलग और नए विषय पर सूत्र के लिए आभार। मैंने शुरू के 2 पोस्ट में उत्तर थोड़े नीचे कर दिए हैं, इससे क्या होगा की सदस्य सवाल के उत्तर मन में सोचकर फिर नीचे स्क्रॉल करके अपने उत्तर मिला सकते हैं। :think:


:bravo: :iagree:

अभिषेक जी, इस मूल्यवान एडिटिंग के लिए आपका आभार व्यक्त करता हूँ. मैं आपसे पूरी तरह सहमत हूँ. वैसे भी, मुद्रित रूप में क्विज या प्रश्नोत्तरी में उत्तर अलग से दिए जाते हैं जिसे देखने के लिए अगले या किसी अन्य पृष्ठ पर जाना पड़ता है.

rajnish manga
07-02-2013, 11:02 PM
बेहतरीन सूत्र है। :bravo:

मेरा सुझाव है कि अगर रजनीशजी ऐसा ही कोई और सूत्र बनाएं, तो एक दिन प्रश्न प्रस्तुत कर पाठकों से जवाब मांगें और एक दो दिन बाद उसके सही उत्तर स्वयं प्रस्तुत करें। :cheers:



:hello:
उत्साहवर्धन के लिए धन्यवाद, अलैक जी. मैं आपकी बात से सहमत हूँ कि साथ के साथ उत्तर दिखाए जाने से उत्तर की तलाश में अनुभव होने वाले रोमांच से हम वंचित हो जाते हैं. आगामी कड़ियों में इस बात का अवश्य ध्यान रखूंगा.

rajnish manga
09-02-2013, 10:33 PM
21. बिनाका गीत माला में किशोर कुमार का कौन सा गीत सबसे पहले टॉप पर आया?

२२. किशोर कुमार के जीवन में उनका गीत ‘मेरे सपनों की रानी’ एक नया मोड़ ले कर आया. इस गाने के लिए उन्हें पहली बार फिल्मफेयर पुरस्कार भी मिला. क्या आप बता सकते हैं कि फिल्मफेयर का दूसरा पुरस्कार उन्हें किस गीत के लिए मिला? उन्हें पार्श्व गायन के लिए कुल कितने फिल्मफेयर पुरस्कार मिले?

२३.प्रेम नाथ और नलिनी जयवंत पर फिल्माए गए दो युगल गीत किशोर कुमार द्वारा गाये गए थे. एक गीत उन्होंने क. लता जी के साथ गाया और दूसरा गीत ख़. शमशाद बेगम के साथ गाया. इन दोनों गीतों के बारे में बताइये?

२४. क्या आप बता सकते हैं कि आर.डी.बर्मन के संगीत निर्देशन में बनी फिल्म अमर प्रेम का किशोर कुमार द्वारा गाया लोकप्रिय गीत ‘कुछ तो लोग कहेंगे’ कौन से राग पर आधारित है?

२५. अमिताभ बच्चन पर फिल्माये गए गीत को पहचान कर फिल्म का नाम बताएं जिसकी आरंभिक पंक्तियाँ इस प्रकार हैं ‘क्या जानो, मैं हूँ कौन, मारा हुआ ज़िंदगी का’? यह फिल्म का टाइटल गीत भी था.

dipu
10-02-2013, 02:39 PM
21. बिनाका गीत माला में किशोर कुमार का कौन सा गीत सबसे पहले टॉप पर आया?

२२. किशोर कुमार के जीवन में उनका गीत ‘मेरे सपनों की रानी’ एक नया मोड़ ले कर आया. इस गाने के लिए उन्हें पहली बार फिल्मफेयर पुरस्कार भी मिला. क्या आप बता सकते हैं कि फिल्मफेयर का दूसरा पुरस्कार उन्हें किस गीत के लिए मिला? उन्हें पार्श्व गायन के लिए कुल कितने फिल्मफेयर पुरस्कार मिले?

२३.प्रेम नाथ और नलिनी जयवंत पर फिल्माए गए दो युगल गीत किशोर कुमार द्वारा गाये गए थे. एक गीत उन्होंने क. लता जी के साथ गाया और दूसरा गीत ख़. शमशाद बेगम के साथ गाया. इन दोनों गीतों के बारे में बताइये?

२४. क्या आप बता सकते हैं कि आर.डी.बर्मन के संगीत निर्देशन में बनी फिल्म अमर प्रेम का किशोर कुमार द्वारा गाया लोकप्रिय गीत ‘कुछ तो लोग कहेंगे’ कौन से राग पर आधारित है?

२५. अमिताभ बच्चन पर फिल्माये गए गीत को पहचान कर फिल्म का नाम बताएं जिसकी आरंभिक पंक्तियाँ इस प्रकार हैं ‘क्या जानो, मैं हूँ कौन, मारा हुआ ज़िंदगी का’? यह फिल्म का टाइटल गीत भी था.

२५. अमिताभ बच्चन पर फिल्माये गए गीत को पहचान कर फिल्म का नाम बताएं जिसकी आरंभिक पंक्तियाँ इस प्रकार हैं ‘क्या जानो, मैं हूँ कौन, मारा हुआ ज़िंदगी का’? यह फिल्म का टाइटल गीत भी था.

answer : bandhe haath

rajnish manga
10-02-2013, 09:15 PM
२५. अमिताभ बच्चन पर फिल्माये गए गीत को पहचान कर फिल्म का नाम बताएं जिसकी आरंभिक पंक्तियाँ इस प्रकार हैं ‘क्या जानो, मैं हूँ कौन, मारा हुआ ज़िंदगी का’? यह फिल्म का टाइटल गीत भी था.

answer : bandhe haath

:bravo:

दीपू जी ने प्रश्न 25 का सही उत्तर दिया है. _/

बाक़ी के 4 प्रश्नों के उत्तर बताइये.

rajnish manga
12-02-2013, 12:47 PM
21. बिनाका गीत माला में किशोर कुमार का कौन सा गीत सबसे पहले टॉप पर आया?

२२. किशोर कुमार के जीवन में उनका गीत ‘मेरे सपनों की रानी’ एक नया मोड़ ले कर आया. इस गाने के लिए उन्हें पहली बार फिल्मफेयर पुरस्कार भी मिला. क्या आप बता सकते हैं कि फिल्मफेयर का दूसरा पुरस्कार उन्हें किस गीत के लिए मिला? उन्हें पार्श्व गायन के लिए कुल कितने फिल्मफेयर पुरस्कार मिले?

२३.प्रेम नाथ और नलिनी जयवंत पर फिल्माए गए दो युगल गीत किशोर कुमार द्वारा गाये गए थे. एक गीत उन्होंने क. लता जी के साथ गाया और दूसरा गीत ख़. शमशाद बेगम के साथ गाया. इन दोनों गीतों के बारे में बताइये?

२४. क्या आप बता सकते हैं कि आर.डी.बर्मन के संगीत निर्देशन में बनी फिल्म अमर प्रेम का किशोर कुमार द्वारा गाया लोकप्रिय गीत ‘कुछ तो लोग कहेंगे’ कौन से राग पर आधारित है?

२५. अमिताभ बच्चन पर फिल्माये गए गीत को पहचान कर फिल्म का नाम बताएं जिसकी आरंभिक पंक्तियाँ इस प्रकार हैं ‘क्या जानो, मैं हूँ कौन, मारा हुआ ज़िंदगी का’? यह फिल्म का टाइटल गीत भी था.
उत्तर इस प्रकार हैं:

२१. हाल कैसा है जनाब का
२२. दिल ऐसा किसी ने मेरा तोड़ा (फिल्म: अमानुष); कुल 8 फिल्मफेयर पुरस्कार
२३. क.कहाँ ले के जइयो राम जुल्मी नैना तथा
ख़. हम और तुम और हम
२४. राग ‘खमाज’
२५. बंधे हाथ (प्र. २५ का सही उत्तर दीपू जी द्वारा दिया गया)

rajnish manga
12-02-2013, 09:35 PM
प्रश्न
२६ . संगीत निर्देशक जयकिशन (शंकर-जयकिशन जोड़ी) का निधन १२ सितम्बर १९७१ को हुआ. इस अवसर पर किशोर कुमार द्वारा गया कौन सा गीत सार्वाधिक बजाया गया?
२७. सिर्फ एक गीत ऐसा है जिसे किशोर कुमार ने मो. रफ़ी, मुकेश और लता मंगेशकर के साथ समवेत स्वरों में गाया है. कौन सा?
२८. हिंदी फिल्मों और कलाकारों के नामों वाला एक गीत किशोर कुमार ने गाया है जिसके अंत में ‘बम बम नाचम किशोर कुमारम’ जुमला आता है? फिल्म का नाम बताएं?
२९. एस.डी.बर्मन ने एक वर्ष लम्बे ‘कोमा’ में जाने से पहले किशोर कुमार से अंतिम गीत कौन सा गवाया था जो उनकी अवस्था को बखूबी परिभाषित करता था?
३०. ‘हुस्न भी है उदास उदास’ गीत अनिल बिस्वास द्वारा संगीतबद्ध है जिसे किशोर कुमार अपने १० प्रिय गीतों में शुमार करते थे. फिल्म का नाम बतायें?

rajnish manga
14-02-2013, 09:35 PM
प्रश्न
२६ . संगीत निर्देशक जयकिशन (शंकर-जयकिशन जोड़ी) का निधन १२ सितम्बर १९७१ को हुआ. इस अवसर पर किशोर कुमार द्वारा गया कौन सा गीत सार्वाधिक बजाया गया?
२७. सिर्फ एक गीत ऐसा है जिसे किशोर कुमार ने मो. रफ़ी, मुकेश और लता मंगेशकर के साथ समवेत स्वरों में गाया है. कौन सा?
२८. हिंदी फिल्मों और कलाकारों के नामों वाला एक गीत किशोर कुमार ने गाया है जिसके अंत में ‘बम बम नाचम किशोर कुमारम’ जुमला आता है? फिल्म का नाम बताएं?
२९. एस.डी.बर्मन ने एक वर्ष लम्बे ‘कोमा’ में जाने से पहले किशोर कुमार से अंतिम गीत कौन सा गवाया था जो उनकी अवस्था को बखूबी परिभाषित करता था?
३०. ‘हुस्न भी है उदास उदास’ गीत अनिल बिस्वास द्वारा संगीतबद्ध है जिसे किशोर कुमार अपने १० प्रिय गीतों में शुमार करते थे. फिल्म का नाम बतायें?



कोई सही उत्तर प्राप्त नहीं हुआ. सो, अब मैं ही उपरोक्त प्रश्नों के उत्तर आपके सामने रखता हूँ, जो निम्न प्रकार से हैं:

उत्तर

२६. ‘ज़िंदगी इक सफ़र है सुहाना’
२७. फिल्म अमर अकबर अंथोनी का गीत ‘हमको तुमसे हो गया है प्यार क्या करे’
२८. फिल्म: आंसू और मुस्कान
२९. ‘बड़ी सूनी सूनी है, ज़िंदगी ये ज़िंदगी’
३०. फिल्म: फरेब

rajnish manga
14-02-2013, 09:37 PM
प्रश्न:
३१. किशोर कुमार और लता जी के गाये इस युगल गीत को खैय्याम ने संगीतबद्ध किया जिसने किशोर कुमार को उनका चौथा फिल्मफेयर पुरस्कार भी दिलवाया. फिल्म और गीत को पहचानें?
३२. संगीतकार नौशाद ने किशोर कुमार को केवल एक फिल्म में गाने का मौका दिया. फिल्म का नाम बताएं?
३३. ‘जीवन में हमसफ़र मिलते तो हैं ज़रूर, पर खो जाते चल के थोड़ी दूर’ यह गीत किशोर ने किस के संगीत निर्देशन में गाया?
३४. मनमोहन देसाई को गायक ही नहीं मानते थे. लेकिन इसे विडम्बना ही कहेंगे कि उनके ह्रदय के सबसे करीब जो फिल्म रही उसमे एक दो नहीं बल्कि किशोर कुमार के गाये चार-चार गीत शामिल थे. फिल्म का नाम और गीत बताएँ?
३५. कल्याण जी आनंद जी ने किशोर की आवाज़ का काफी प्रयोग किया परन्तु किशोर के लिए संगीतबद्ध एक ही गीत के लिए उन्हें फिल्मफेयर पुरस्कार प्राप्त हुआ. गीत बताएं?

dipu
14-02-2013, 09:51 PM
प्रश्न:
३१. किशोर कुमार और लता जी के गाये इस युगल गीत को खैय्याम ने संगीतबद्ध किया जिसने किशोर कुमार को उनका चौथा फिल्मफेयर पुरस्कार भी दिलवाया. फिल्म और गीत को पहचानें?
३२. संगीतकार नौशाद ने किशोर कुमार को केवल एक फिल्म में गाने का मौका दिया. फिल्म का नाम बताएं?
३३. ‘जीवन में हमसफ़र मिलते तो हैं ज़रूर, पर खो जाते चल के थोड़ी दूर’ यह गीत किशोर ने किस के संगीत निर्देशन में गाया?
३४. मनमोहन देसाई को गायक ही नहीं मानते थे. लेकिन इसे विडम्बना ही कहेंगे कि उनके ह्रदय के सबसे करीब जो फिल्म रही उसमे एक दो नहीं बल्कि किशोर कुमार के गाये चार-चार गीत शामिल थे. फिल्म का नाम और गीत बताएँ?
३५. कल्याण जी आनंद जी ने किशोर की आवाज़ का काफी प्रयोग किया परन्तु किशोर के लिए संगीतबद्ध एक ही गीत के लिए उन्हें फिल्मफेयर पुरस्कार प्राप्त हुआ. गीत बताएं?

३१. किशोर कुमार और लता जी के गाये इस युगल गीत को खैय्याम ने संगीतबद्ध किया जिसने किशोर कुमार को उनका चौथा फिल्मफेयर पुरस्कार भी दिलवाया. फिल्म और गीत को पहचानें?

Tere chehre se nazar nahi hat ti (KABHI KABHI)

३२. संगीतकार नौशाद ने किशोर कुमार को केवल एक फिल्म में गाने का मौका दिया. फिल्म का नाम बताएं?

I THINK - SUNHERA SANSAR .............. HELLO SUNO KYAA HAAL HAI ?

३३. ‘जीवन में हमसफ़र मिलते तो हैं ज़रूर, पर खो जाते चल के थोड़ी दूर’ यह गीत किशोर ने किस के संगीत निर्देशन में गाया?

BEAUTIFUL SONG ............................ MUSIC BY HEMANT

rajnish manga
14-02-2013, 10:14 PM
३१. किशोर कुमार और लता जी के गाये इस युगल गीत को खैय्याम ने संगीतबद्ध किया जिसने किशोर कुमार को उनका चौथा फिल्मफेयर पुरस्कार भी दिलवाया. फिल्म और गीत को पहचानें?

Tere chehre se nazar nahi hat ti (KABHI KABHI)

३२. संगीतकार नौशाद ने किशोर कुमार को केवल एक फिल्म में गाने का मौका दिया. फिल्म का नाम बताएं?

I THINK - SUNHERA SANSAR .............. HELLO SUNO KYAA HAAL HAI ?

३३. ‘जीवन में हमसफ़र मिलते तो हैं ज़रूर, पर खो जाते चल के थोड़ी दूर’ यह गीत किशोर ने किस के संगीत निर्देशन में गाया?

BEAUTIFUL SONG ............................ MUSIC BY HEMANT


:gm:

दीपू जी, आपकी कोशिश की दाद देता हूँ. मगर-

प्र. ३१ का उत्तर ठीक नहीं है.
प्र. ३२ का उत्तर बिलकुल ठीक है.
प्र. ३३ का उत्तर आधा ठीक है. संगीतकार हेमंत (कुमार) नहीं हेमंत (भोंसले) हैं.

प्रश्न ३१, ३४, ३५ का उत्तर बकाया है. कृपया प्रयास जारी रखें.

rajnish manga
17-02-2013, 03:28 PM
प्रश्न:
३१. किशोर कुमार और लता जी के गाये इस युगल गीत को खैय्याम ने संगीतबद्ध किया जिसने किशोर कुमार को उनका चौथा फिल्मफेयर पुरस्कार भी दिलवाया. फिल्म और गीत को पहचानें?
३२. संगीतकार नौशाद ने किशोर कुमार को केवल एक फिल्म में गाने का मौका दिया. फिल्म का नाम बताएं?
३३. ‘जीवन में हमसफ़र मिलते तो हैं ज़रूर, पर खो जाते चल के थोड़ी दूर’ यह गीत किशोर ने किस के संगीत निर्देशन में गाया?
३४. मनमोहन देसाई को गायक ही नहीं मानते थे. लेकिन इसे विडम्बना ही कहेंगे कि उनके ह्रदय के सबसे करीब जो फिल्म रही उसमे एक दो नहीं बल्कि किशोर कुमार के गाये चार-चार गीत शामिल थे. फिल्म का नाम और गीत बताएँ?
३५. कल्याण जी आनंद जी ने किशोर की आवाज़ का काफी प्रयोग किया परन्तु किशोर के लिए संगीतबद्ध एक ही गीत के लिए उन्हें फिल्मफेयर पुरस्कार प्राप्त हुआ. गीत बताएं?

उपरोक्त प्रश्नों के उत्तर इस प्रकार हैं:

उत्तर
३१. ‘हज़ार राहें मुड़ के देखें, कहीं से कोई सदा न आई’ (फिल्म: थोड़ी सी बेवफ़ाई)
३२. सुनहरा संसार (दीपू जी द्वारा सही उत्तर दिया गया)
३३. हेमंत भोंसले (दीपू जी द्वारा आंशिक उत्तर दिया गया)
३४. फिल्म: ‘आ गले लग जा’ के निम्नलिखित चार गीत:
तेरा मुझसे है पहले का नाता कोई/ वादा करो नहीं छोड़ोगे तुम मेरा साथ/ अय मेरे बेटे/ ना कोई दिल में समाया.
३५. ‘मेरा जीवन कोरा कागज़’

rajnish manga
18-02-2013, 02:07 PM
प्रश्न
36. ‘ईना मीना डीका’ गीत में किशोर कुमार ने सी. रामचन्द्र के संगीत निर्देशन में भारतीय फिल्मों में रॉक संगीत की नई लहर शुरू की. कृपया बताएं कि इन दोनों ने पहली बार किस फिल्म में इकट्ठे काम किया?

37. किशोर कुमार ने राजेश खन्ना के लिए कौन सी फिल्म में बिना पैसे लिए गाने गाये जबकि उनके बारे में कहा जाता था कि पैसों के मामले में किशोर कुमार कोई समझौता नहीं करते थे?

:hello:
उत्तर:
36. शहनाई
37. अलग अलग

rajnish manga
21-02-2013, 01:47 PM
38. हेमंत कुमार ने फिल्म 'खामोशी' में किशोर से 'वो शाम कुछ अजीब थी' नामक गीत जिस साल में गवाया, उसी साल उन्होंने किशोर से एक अन्य गीत 'हवाओं पे लिख दो....' भी गवाया. इस की फिल्म का नाम बताएं?

39. फिल्म 'अन्नदाता' में सलिल चौधरी ने किशोर और साबिता चौधरी के स्वर में एक युगल गीत गवाया था. गीत के बोल बताएँ ?

40. 'दूर गगन की छांव में' किशोर के जीवन से प्रेरित फिल्म थी, जिसमे इरशाद और किशोर कुमार ने इकट्ठे काम किया था (टाइटल गीत सुप्रसिद्ध गीतकार शैलेन्द्र ने लिखा था). इरशाद कौन थे और उनके इस फिल्म में आने का क्या कारण था?

rajnish manga
27-02-2013, 09:09 PM
38. हेमंत कुमार ने फिल्म 'खामोशी' में किशोर से 'वो शाम कुछ अजीब थी' नामक गीत जिस साल में गवाया, उसी साल उन्होंने किशोर से एक अन्य गीत 'हवाओं पे लिख दो....' भी गवाया. इस की फिल्म का नाम बताएं?

39. फिल्म 'अन्नदाता' में सलिल चौधरी ने किशोर और साबिता चौधरी के स्वर में एक युगल गीत गवाया था. गीत के बोल बताएँ ?

40. 'दूर गगन की छांव में' किशोर के जीवन से प्रेरित फिल्म थी, जिसमे इरशाद और किशोर कुमार ने इकट्ठे काम किया था (टाइटल गीत सुप्रसिद्ध गीतकार शैलेन्द्र ने लिखा था). इरशाद कौन थे और उनके इस फिल्म में आने का क्या कारण था?
:cheers:

उत्तर
38. दो दूनी चार
39. ओ मेरी प्राण सजनी चम्पावती
40. इस फिल्म के निर्माण के दौरान ही गीतकार शैलेन्द्र की मृत्यु हो गई थी. अतः बाक़ी के गीत इरशाद से लिखवाये गए.

rajnish manga
02-03-2013, 02:27 PM
प्रश्न
41. संगीतकार के रूप में किशोरे कुमार की पहली फिल्म का नाम बताएं?


42. कौन सी फिल्म में किशोर ने पहली बार गीत लिखे?


43. किशोर कुमार ने वहीदा रहमान के साथ केवल एक फिल्म में इकट्ठे अभिनय किया. फिल्म का नाम बताएं?

rajnish manga
03-03-2013, 01:38 PM
प्रश्न
41. संगीतकार के रूप में किशोरे कुमार की पहली फिल्म का नाम बताएं?


42. कौन सी फिल्म में किशोर ने पहली बार गीत लिखे?


43. किशोर कुमार ने वहीदा रहमान के साथ केवल एक फिल्म में इकट्ठे अभिनय किया. फिल्म का नाम बताएं?

उपरोक्त प्रश्नों के उत्तर हाजिर हैं:

उत्तर
41. झुमरू
42. झुमरू
43. गर्ल फ्रेंड

rajnish manga
03-03-2013, 01:39 PM
प्रश्न
44. ‘कश्ती का खामोश सफ़र है’ दोगाना किशोर के साथ किसने गाया था?
45. ‘माइकल है तो साइकिल है’ कोन सी फिल्म का गीत है? फिल्म के डायरेक्टर का नाम भी बताएं?
46. फिल्म ‘भागमभाग’ के डायरेक्टर का नाम बताएं?

agyani
03-03-2013, 03:34 PM
44. - सुधा मल्होत्रा

45.

46. मास्टर भगवान

rajnish manga
03-03-2013, 08:42 PM
प्रश्न
44. ‘कश्ती का खामोश सफ़र है’ दोगाना किशोर के साथ किसने गाया था?
45. ‘माइकल है तो साइकिल है’ कोन सी फिल्म का गीत है? फिल्म के डायरेक्टर का नाम भी बताएं?
46. फिल्म ‘भागमभाग’ के डायरेक्टर का नाम बताएं?

44. - सुधा मल्होत्रा

45.

46. मास्टर भगवान

उत्तर : ज्ञानी जी के द्वारा प्रेषित प्रश्न 44 और 46 का उत्तर सही पाया गया. उनकी अच्छी कोशिश के लिए उन्हें धन्यवाद.

44. सुधा मल्होत्रा (ज्ञानी जी का उत्तर सही है)
45. फिल्म ‘बेवकूफ’ / आई. एस. जौहर
46. भगवान (ज्ञानी जी का उत्तर सही है)

rajnish manga
03-03-2013, 08:44 PM
प्रश्न
47. ‘पायल वाली देखना’ किस फिल्म का गीत है? संगीतकार का नाम बताएं?

48. ‘चाचा जिंदाबाद’ फिल्म में किशोर कुमार के साथ किस अभिनेत्री ने नायिका की भूमिका निभायी?

49. किशोर कुमार और मधुबाला ने एक साथ सर्वप्रथम कोन सी फिल्म में काम किया?

rajnish manga
06-03-2013, 01:19 PM
प्रश्न
47. ‘पायल वाली देखना’ किस फिल्म का गीत है? संगीतकार का नाम बताएं?

48. ‘चाचा जिंदाबाद’ फिल्म में किशोर कुमार के साथ किस अभिनेत्री ने नायिका की भूमिका निभायी?

49. किशोर कुमार और मधुबाला ने एक साथ सर्वप्रथम कोन सी फिल्म में काम किया?

:hello:इस बार कोई उत्तर प्राप्त नहीं हुए, अतः इनके उत्तर नीचे दिए जा रहे हैं:

उत्तर
47. फिल्म ‘एक राज़’ / चित्रगुप्त
48. अनीता गुहा
49. ढाके का मलमल

rajnish manga
06-03-2013, 01:21 PM
प्रश्न
50. बिमल रॉय ने ही किशोर को सर्वप्रथम फिल्म ‘नौकरी’ में अभिनय का मौका दिया. फिल्म की नायिका कौन थीं?
51. किशोर कुमार ने अपने करियर में चार बंगाली फिल्मों में काम किया. इन फिल्मों का नाम बताएं?
52. किशोर कुमार द्वारा निर्देशित वह कौन सी फिल्म थी जिसमे किये गए अपने अभिनय को वो अपनी दस यादगार भूमिकाओं में शुमार करते थे?
53. उनकी अंतिम फिल्म ‘ममता की छाँव में’ पूरी न हो सकी. इस फिल्म के बाद किशोर कुमार एक नयी फिल्म की योजना भी बना चुके थे जिसमे दो ही पात्र थे और इन भूमिकाओं के लिए कलाकारों का चयन भी कर लिया गया था. वो कौन थे?

rajnish manga
08-03-2013, 12:53 PM
प्रश्न
50. बिमल रॉय ने ही किशोर को सर्वप्रथम फिल्म ‘नौकरी’ में अभिनय का मौका दिया. फिल्म की नायिका कौन थीं?
51. किशोर कुमार ने अपने करियर में चार बंगाली फिल्मों में काम किया. इन फिल्मों का नाम बताएं?
52. किशोर कुमार द्वारा निर्देशित वह कौन सी फिल्म थी जिसमे किये गए अपने अभिनय को वो अपनी दस यादगार भूमिकाओं में शुमार करते थे?
53. उनकी अंतिम फिल्म ‘ममता की छाँव में’ पूरी न हो सकी. इस फिल्म के बाद किशोर कुमार एक नयी फिल्म की योजना भी बना चुके थे जिसमे दो ही पात्र थे और इन भूमिकाओं के लिए कलाकारों का चयन भी कर लिया गया था. वो कौन थे?

:hello:इस बार कोई महानुभाव उत्तर देने नहीं पहुचे. सो, उपरोक्त प्रश्नों का उत्तर निम्न प्रकार है:

उत्तर
50. शीला रमानी
51. समर / लुकोचुरी / दुष्टु प्रोजापति / मध्य रातेर तारा
52. ‘दूर गगन की छाँव में’
53. डैनी डेन्जोंगपा और किशोर कुमार

rajnish manga
13-03-2013, 12:09 PM
प्रश्न
54. फिल्म ‘शरारत’ में किशोर कुमार के लिए मौ. रफ़ी ने पार्श्व गायन किया था. गीत के बोल थे ‘अजब है दास्ताँ तेरी ए ज़िन्दगी’. इस फिल्म से पहले भी ओ.पी. नैयर के निर्देशन में रफ़ी ने किशोर के लिए पार्श्व गायन किया था. फिल्म का नाम और गीत का मुखड़ा बताएं?
55. किशोर कुमार मानते थे उनके रूप में एक इसाई पादरी ने पुनर्जीवन लिया है. वह इसाई पादरी कौन थे और वह ऐसा क्यों मानते थे?
56. “जीवन में उन्होंने छोटी छोटी ख्वाहिशें पाली, वो भी पूरी न हो सकीं” किशोर के बारे में ऐसा किसने कहा था?

malethia
13-03-2013, 10:52 PM
प्रश्न
54. फिल्म ‘शरारत’ में किशोर कुमार के लिए मौ. रफ़ी ने पार्श्व गायन किया था. गीत के बोल थे ‘अजब है दास्ताँ तेरी ए ज़िन्दगी’. इस फिल्म से पहले भी ओ.पी. नैयर के निर्देशन में रफ़ी ने किशोर के लिए पार्श्व गायन किया था. फिल्म का नाम और गीत का मुखड़ा बताएं?
55. किशोर कुमार मानते थे उनके रूप में एक इसाई पादरी ने पुनर्जीवन लिया है. वह इसाई पादरी कौन थे और वह ऐसा क्यों मानते थे?
56. “जीवन में उन्होंने छोटी छोटी ख्वाहिशें पाली, वो भी पूरी न हो सकीं” किशोर के बारे में ऐसा किसने कहा था?

54. फिल्म ‘शरारत’ में किशोर कुमार के लिए मौ. रफ़ी ने पार्श्व गायन किया था. गीत के बोल थे ‘अजब है दास्ताँ तेरी ए ज़िन्दगी’. इस फिल्म से पहले भी ओ.पी. नैयर के निर्देशन में रफ़ी ने किशोर के लिए पार्श्व गायन किया था. फिल्म का नाम और गीत का मुखड़ा बताएं?
film - raagini
geet -man mora baawra

rajnish manga
15-03-2013, 10:54 AM
प्रश्न
54. फिल्म ‘शरारत’ में किशोर कुमार के लिए मौ. रफ़ी ने पार्श्व गायन किया था. गीत के बोल थे ‘अजब है दास्ताँ तेरी ए ज़िन्दगी’. इस फिल्म से पहले भी ओ.पी. नैयर के निर्देशन में रफ़ी ने किशोर के लिए पार्श्व गायन किया था. फिल्म का नाम और गीत का मुखड़ा बताएं?
55. किशोर कुमार मानते थे उनके रूप में एक इसाई पादरी ने पुनर्जीवन लिया है. वह इसाई पादरी कौन थे और वह ऐसा क्यों मानते थे?
56. “जीवन में उन्होंने छोटी छोटी ख्वाहिशें पाली, वो भी पूरी न हो सकीं” किशोर के बारे में ऐसा किसने कहा था?

:gm:

मित्रो, इस बार मलेथिया जी ने अच्छी कोशिश की और एक प्रश्न का उत्तर भेजा. उनका उत्तर बिलकुल सही है. आपकी जानकारी के लिए सभी उत्तर हाजिर हैं:

उत्तर
54. फिल्म ‘रागिनी’ का गीत ‘मन मोरा बावरा’
(मलेथिया जी का उत्तर सही पाया गया)
55. ‘फादर ब्राउन’. किशोर कुमार को कई बार यह ख़याल आता था कि वह पादरी के रूप में जैसे कहीं प्रवचन दे रहे हैं. उनके मन में यह विचार उस समय के बाद घर कर गया जब एक कब्रिस्तान में उन्होंने एक कब्र पर लिखा हुआ पाया ‘फादर ब्राउन, स्वर्गवास 4 अगस्त 1929’ जो इत्तफाक़ से किशोर कुमार का जन्मदिन भी था.

56. उनकी पसंदीदा सह-गायिका आशा भोंसले

rajnish manga
15-03-2013, 11:08 AM
प्रश्न
57. 1961-62 में एक फिल्म निर्माता ने किशोर की ज्यादतियों से तंग आ कर फिल्म बनते बनते ही उन पर मुकद्दमा दायर कर दिया था. निर्माता और फिल्म का नाम बताएं?
58. आपातकाल के दौरान ‘गीतों भरी शाम’ कार्यक्रम में गाने से इंकार करने पर किशोर कुमार के गानों पर दूरदर्शन और रेडियो में प्रसारण पर रोक लगा दी गई थी. प्रसंगवश, एक अन्य प्रख्यात पार्श्व-गायक (या गायिका) ने भी उस कार्यक्रम में गाने से इंकार कर दिया था. उनका नाम बतायें?
59. किशोर कुमार ने सिर्फ एक बार अपनी बनायी फिल्म के अलावा किसी अन्य बैनर की फिल्म का संगीत दिया. फिल्म का नाम बता सकते हैं?

rajnish manga
15-03-2013, 11:36 PM
प्रश्न
57. 1961-62 में एक फिल्म निर्माता ने किशोर की ज्यादतियों से तंग आ कर फिल्म बनते बनते ही उन पर मुकद्दमा दायर कर दिया था. निर्माता और फिल्म का नाम बताएं?
58. आपातकाल के दौरान ‘गीतों भरी शाम’ कार्यक्रम में गाने से इंकार करने पर किशोर कुमार के गानों पर दूरदर्शन और रेडियो में प्रसारण पर रोक लगा दी गई थी. प्रसंगवश, एक अन्य प्रख्यात पार्श्व-गायक (या गायिका) ने भी उस कार्यक्रम में गाने से इंकार कर दिया था. उनका नाम बतायें?
59. किशोर कुमार ने सिर्फ एक बार अपनी बनायी फिल्म के अलावा किसी अन्य बैनर की फिल्म का संगीत दिया. फिल्म का नाम बता सकते हैं?

इस बार किसी मित्र ने उत्तर प्रेषित नहीं किये. तो मैं ही अब आपको इन प्रश्नों के उत्तर बताता हूँ.

उत्तर
57. निर्माता : कालिदास / फिल्म थी ‘हाफ टिकट’
58. लता मंगेशकर, उनका विदेश में एक कार्यक्रम था.
59. फिल्म: ज़मीन आसमान

rajnish manga
15-03-2013, 11:44 PM
किशोर कुमार, आशा भोंसले और ओ.पी.नैयर
सन 1950 के आसपास किशोर कुमार गायक-हीरो बनने के लिए काफी कोशिश कर रहे थे लेकिन उन्हें सफलता नहीं मिल रही थी. लेखक व निर्देशक पी.एल.संतोषी उन दिनों ‘छम छमा छम’ नाम से फिल्म कर रहे थे जिसमे किशोर कुमार को बतौर हीरो ब्रेक दिया गया था. इस फिल्म में संगीत निर्देशन की जिम्मेदारी फिल्म ‘आसमान’ के बाद अपनी दूसरी फिल्म कर रहे संगीतकार ओ.पी.नैयर को दी गयी थी. यह फिल्म ओ.पी.नैयर के अपने करियर के लिए तो मील का पत्थर साबित हुयी ही, उनके साथ किशोर कुमार और आशा भोंसले के फिल्म करियर के लिए भी वरदान साबित हुयी. आशा जी की बात करें तो इस फिल्म से पहले यानि 1948 से गाने तो गा रही थीं लेकिन कोई बढ़िया ब्रेक नहीं मिला था और न ही किसी फिल्म की हीरोइन के लिए गाने का मौका.

rajnish manga
15-03-2013, 11:46 PM
फिल्म ‘छम छमा छम’ में आशा जी से कुल नौ गीत गवाए गए. इनमें से एक गीत उन्होंने एक एकल, एक कोरस में, एक गीत ‘मुंशी मुनक्का’ नाम के गायक के साथ (नैन मिला नैन मिला चुपके से... ) और बाकी के छः गीत उन्होंने किशोर कुमार के साथ गाये. किशोर के साथ गाये गीत अधिकतर नटखट टाइप के थे जैसे – ‘चल री जमीला, चल रे फकीरे’ और ‘झूम उठे दुनिया वो गीत गायें हम’ आदि. यही वो फिल्म थी जिसमें किशोर कुमार की यौड्लिंग कला को भी सही प्रकार बाहर आने का मौका मिला. यूं तो किशोर कुमार इससे पहले यानि फिल्म ‘मुकद्दर’ से यौड्लिंग का इस्तेमाल करने लगे थे लेकिन इस दिशा में किशोर कुमार की अलग पहचान बनाने का श्रेय और आशा भोंसले के गायन करियर को बनाने का श्रेय ओ.पी. नैयर को ही जाता है. इस प्रकार हम यह कह सकते हैं कि फिल्म ‘छम छमा छम’ कई मायनों में एक ऐतिहासिक फिल्म थी.

rajnish manga
16-03-2013, 11:47 PM
किशोर कुमार की गायकी की खासियत यह थी कि संगीतकारों को उनके हिसाब से अपने संगीत में परिवर्तन करना पड़ता था. फिल्म ‘अधिकार’ (1954) में अविनाश कुमार का संगीत इसका उदाहरण है. इसी साल आई एक दूसरी फिल्म ‘पहली तारीख’ में किशोर कुमार के शरारती अंदाज़ के अनुसार गीत स्वरबद्ध किये गए. इस फिल्म का संगीत निर्देशन सुधीर फड़के कर रहे थे जो मराठी फिल्मों में अपने भाव प्रवण गीतों के लिए मशहूर थे. गीत ‘खुश है ज़माना आज पहली तारीख़ है’ संगीतकार के दृष्टिकोण में आये बदलाव की एक बढ़िया मिसाल है. यह अमर गीत किसे नहीं याद आता होगा. संगीतकार के परंपरागत प्रशंसकों को भी इन गीतों से सुखद आश्चर्य हुआ.

rajnish manga
19-03-2013, 02:52 PM
प्रश्न

60. किशोर कुमार ने अपना नाम बदल कर 'अब्दुल्ला' रख लिया था, यह अफवाह किस प्रकार शुरू हुयी?

61. किशोर कुमार ने योगिता बाली के सामने शादी का प्रस्ताव किस फिल्म के निर्माण के दौरान किया था?

62. अपने जीवन काल में किशोर कुमार ने एक ऐसी फिल्म का निर्देशन किया जिसमें एक भी गीत नहीं था. फिल्म का नाम बताएं?

63. किशोर कुमार की मृत्यु गांगुली परिवार के लिए शुभ माने जाने वाले दिन हुयी? इस दिन के बारे में बताएं?

malethia
19-03-2013, 06:10 PM
60. किशोर कुमार ने अपना नाम बदल कर 'अब्दुल्ला' रख लिया था, यह अफवाह किस प्रकार शुरू हुयी?

शायद यह नाम किशोर कुमार ने मधुबाला से निकाह करने के लिए रखा था !

rajnish manga
19-03-2013, 10:58 PM
60. किशोर कुमार ने अपना नाम बदल कर 'अब्दुल्ला' रख लिया था, यह अफवाह किस प्रकार शुरू हुयी?

शायद यह नाम किशोर कुमार ने मधुबाला से निकाह करने के लिए रखा था !


:iagree:

मलेथिया जी, जहाँ तक सन्दर्भ की बात है आपका अनुमान बिलकुल ठीक है, लेकिन बाद में इसे अफवाह के रूप में ही लिया गया था. धन्यवाद. बाकी प्रश्नों के संभावित उत्तर भी ट्राई करें!

malethia
20-03-2013, 01:18 PM
:iagree:

मलेथिया जी, जहाँ तक सन्दर्भ की बात है आपका अनुमान बिलकुल ठीक है, लेकिन बाद में इसे अफवाह के रूप में ही लिया गया था. धन्यवाद. बाकी प्रश्नों के संभावित उत्तर भी ट्राई करें!

जहां तक मुझे ज्ञात है की किशोर कुमार ने मधुबाला से निकाह करने के लिए अपना नाम अब्दुल करीम रखा था और इसी कारण किशोर का पूरा परिवार उनसे नाराज़ था और परिवार की नाराजगी दूर करने के लिए इन्होने दुबारा हिन्दू रीती रिवाज़ से शादी की थी !:think:

rajnish manga
20-03-2013, 01:42 PM
जहां तक मुझे ज्ञात है की किशोर कुमार ने मधुबाला से निकाह करने के लिए अपना नाम अब्दुल करीम रखा था और इसी कारण किशोर का पूरा परिवार उनसे नाराज़ था और परिवार की नाराजगी दूर करने के लिए इन्होने दुबारा हिन्दू रीती रिवाज़ से शादी की थी !:think:

आप ठीक कहते है. इस विषय में आपने मेरी तथा फोरम के अन्य साथियो की जानकारी में और इज़ाफ़ा किया है, मलेथिया जी. इससे ज्ञात होता है कि आप किशोर कुमार के व्यक्तित्व, कृतित्व एवं जीवन के विविध पहलुओं का कितनी बारीकी से निरीक्षण करते रहे हैं.आपका हार्दिक धन्यवाद.

rajnish manga
20-03-2013, 01:50 PM
प्रश्न

60. किशोर कुमार ने अपना नाम बदल कर 'अब्दुल्ला' रख लिया था, यह अफवाह किस प्रकार शुरू हुयी?

61. किशोर कुमार ने योगिता बाली के सामने शादी का प्रस्ताव किस फिल्म के निर्माण के दौरान किया था?

62. अपने जीवन काल में किशोर कुमार ने एक ऐसी फिल्म का निर्देशन किया जिसमें एक भी गीत नहीं था. फिल्म का नाम बताएं?

63. किशोर कुमार की मृत्यु गांगुली परिवार के लिए शुभ माने जाने वाले दिन हुयी? इस दिन के बारे में बताएं?

उत्तर

60. उनकी मधुबाला से शादी होने के मौके पर
(मलेथिया जी ने इस प्रश्न का उत्तर बिलकुल सही दिया है)
61. शाबाश डैडी
62. 'दूर वादियों में कहीं'
63. यह उनके बड़े भाई अशोक कुमार का 76 वाँ जन्म दिन भी था (13/10/1987).

rajnish manga
20-03-2013, 11:57 PM
प्रश्न

64. आपको शायद मालूम नहीं होगा कि किशोर कुमार सत्यजित राय की फिल्मों ‘चारु लता’ एवं ‘घरे बायिरे’ में गीत गा चुके हैं. सत्यजित राय उनसे इस कदर प्रभावित थे कि उन्होंने किशोर के सामने अपनी एक फिल्म में नायक की भूमिका का प्रस्ताव भी रखा था. वह कौन सी फिल्म थी?

65. किशोर कुमार के पास एक विशेष प्रकार की फिल्मों का व्यक्तिगत संग्रह था और वे इसमें वृद्धि करते रहते थे? इन फिल्मों के बारे में बता सकते हैं?

66. ‘जनारदन’, ‘रघुनन्दन’, ‘जगन्नाथ’, ‘गंगाधर’, ‘बुद्धुराम’ और ‘झटपट-झटपटपट’ आदि नामों का किशोर कुमार से क्या सम्बन्ध है?

malethia
21-03-2013, 11:38 AM
प्रश्न


66. ‘जनारदन’, ‘रघुनन्दन’, ‘जगन्नाथ’, ‘गंगाधर’, ‘बुद्धुराम’ और ‘झटपट-झटपटपट’ आदि नामों का किशोर कुमार से क्या सम्बन्ध है?

ये सब उनकी बगिया के पेड़ पोधों के नाम से ,जिनसे वो अक्सर बातें करके अपना अकेलापन दूर करते थे !

rajnish manga
21-03-2013, 06:23 PM
ये सब उनकी बगिया के पेड़ पोधों के नाम से ,जिनसे वो अक्सर बातें करके अपना अकेलापन दूर करते थे !

:hello:मैं आपको इस उत्तर के लिए तहे दिल से धन्यवाद देता हूँ, मलेथिया जी. इस हद तक आपकी जानकारी सटीक है कि मैं सिर्फ इतना ही कह सकता हूँ - "कमाल कर दिया आपने!"

malethia
21-03-2013, 08:15 PM
प्रश्न


65. किशोर कुमार के पास एक विशेष प्रकार की फिल्मों का व्यक्तिगत संग्रह था और वे इसमें वृद्धि करते रहते थे? इन फिल्मों के बारे में बता सकते हैं?

जहां तक मुझे ज्ञात है किशोर जी को अंग्रेज़ी 'क्लासिक' फ़िल्में देखने का शौक था. और शायद इसी चक्कर में एक बार वे अमरीका से वो ढेर सारी 'वेस्टर्न' फ़िल्मों की कैसेट ले आए.!

rajnish manga
21-03-2013, 09:47 PM
जहां तक मुझे ज्ञात है किशोर जी को अंग्रेज़ी 'क्लासिक' फ़िल्में देखने का शौक था. और शायद इसी चक्कर में एक बार वे अमरीका से वो ढेर सारी 'वेस्टर्न' फ़िल्मों की कैसेट ले आए.!

:gm:

मलेथिया जी, प्रश्न का उत्तर देने के लिए धन्यवाद. लेकिन यहाँ मैं आपको बताना चाहता हूँ कि वेस्टर्न फिल्मों में से उन्हें हॉरर फ़िल्में विशेष रूप से पसन्द आती थीं. जब भी उन्हें मौका मिलता वे इस शैली की फिल्मों के कैसेट खरीद लेते, अतः उनके पास नयी पुरानी हॉरर फिल्मों का अच्छा ख़ासा खजाना था.

rajnish manga
21-03-2013, 09:57 PM
प्रश्न

64. आपको शायद मालूम नहीं होगा कि किशोर कुमार सत्यजित राय की फिल्मों ‘चारु लता’ एवं ‘घरे बायिरे’ में गीत गा चुके हैं. सत्यजित राय उनसे इस कदर प्रभावित थे कि उन्होंने किशोर के सामने अपनी एक फिल्म में नायक की भूमिका का प्रस्ताव भी रखा था. वह कौन सी फिल्म थी?

65. किशोर कुमार के पास एक विशेष प्रकार की फिल्मों का व्यक्तिगत संग्रह था और वे इसमें वृद्धि करते रहते थे? इन फिल्मों के बारे में बता सकते हैं?

66. ‘जनारदन’, ‘रघुनन्दन’, ‘जगन्नाथ’, ‘गंगाधर’, ‘बुद्धुराम’ और ‘झटपट-झटपटपट’ आदि नामों का किशोर कुमार से क्या सम्बन्ध है?

उत्तर
(मलेथिया जी ने दो प्रश्नों के उत्तर दिए जिनमे से एक सही पाया गया)
64. ‘पारस पत्थर’
65. हॉरर फ़िल्में
66. ये सभी किशोर कुमार के आँगन में लगे हुए पौधों के नाम थे जिन्हें वह अपने मित्र की संज्ञा देते थे.
(मलेथिया जी द्वारा प्रेषित उत्तर बिलकुल ठीक था)

rajnish manga
23-03-2013, 04:11 PM
प्रश्न
67. “ऊपर वाले के पास भी वो साँचा नहीं मिलेगा जिससे एक और किशोर कुमार को बनाया जा सके.” किशोर कुमार के निधन पर यह शब्द बॅालीवुड की किस शख्सियत ने कहे थे?

68. किशोर कुमार के मुंह से निकले अंतिम शब्द कौन से थे?

rajnish manga
24-03-2013, 09:30 PM
प्रश्न
67. “ऊपर वाले के पास भी वो साँचा नहीं मिलेगा जिससे एक और किशोर कुमार को बनाया जा सके.” किशोर कुमार के निधन पर यह शब्द बॅालीवुड की किस शख्सियत ने कहे थे?

68. किशोर कुमार के मुंह से निकले अंतिम शब्द कौन से थे?

उत्तर

67. राज कपूर
68. “किशोर कुमार मरेगा तो खंडवा में. किशोर कुमार, जीते रहो!”

malethia
31-03-2013, 05:35 PM
उत्तर


68. “किशोर कुमार मरेगा तो खंडवा में. किशोर कुमार, जीते रहो!”
इन्हें उनके आखरी शब्द नहीं कह सकते क्यूंकि ये बाते तो वो अक्सर कहते थे , वे कहा करते थे की कौन इन मतलबी लोगों के बीच रहना चाहता है !

rajnish manga
03-04-2013, 04:21 PM
इन्हें उनके आखरी शब्द नहीं कह सकते क्यूंकि ये बाते तो वो अक्सर कहते थे , वे कहा करते थे की कौन इन मतलबी लोगों के बीच रहना चाहता है !

:bravo:

मलेथिया जी, मैं आपका आभारी हूँ कि आपने इस ओर ध्यान दिलाया और कुछ नयी जानकारी भी यहाँ रखी. लेकिन अंतिम शब्दों के बारे में जो मैंने पढ़ा वही मैंने यहाँ लिखा है. यदि आपके पास इस सम्बन्ध में कोई और सूचना हो तो उसे अवश्य शेयर करें.

rajnish manga
03-04-2013, 04:24 PM
किशोर कुमार के जीवन में मधुबाला का आगमन

किशोर कुमार का अपनी पहली पत्नि रोमा देवी से सम्बन्ध विच्छेद हो चुका था और वे अपने दाम्पत्य जीवन के दुखद अध्याय को भूलने की कोशिश कर रहे थे. दूसरी ओर, मधुबाला दिलीप कुमार तथा कतिपय अन्य प्रेम प्रसंगों में हार कर निराश हो चुकी थीं. प्रेम उनके लिए जैसे एक असंम्भव लगने वाला शब्द बन गया. अपनी बढती बीमारी और मौत को नज़दीक देख कर ज़िन्दगी को भरपूर जी लेने के सपने उन्हें निराशा से उबारते और उनमे नवीन उत्साह भर देते थे. वे अक्सर सोचती कि क्या उन्हें कंवारी ही दुनिया से जाना होगा? उनकी यह ख्वाहिश थी कि वे दुनिया से एक सौभाग्यवती स्त्री की तरह विदा हों. इसी अरसे में किशोर कुमार उनकी ज़िन्दगी में आशा की किरण बन कर आये. यह हुआ ‘चलती का नाम गाड़ी’ नामक फिल्म के निर्माण के दौरान. हालांकि, इससे पहले वे दोनों एक अन्य फिल्म ‘ढाके की मलमल’ में साथ काम कर चुके थे लेकिन उस समय उन दोनों की दोस्ती तो हुई लेकिन दोनों के संबंधों में घनिष्ठता नहीं थी.

नयी फिल्म के निर्माण के दौरान अपनी बढती घनिष्ठता के बीच एक दिन मधुबाला ने किशोर कुमार के सामने अपने दिल की बात कह दी और कहा, “मेरी मौत नज़दीक आ रही है. आप मुझसे शादी कर के मुझे मरने से बचा सकते हैं.” किशोर इस प्रस्ताव से उलझन में पड़ गए. उन्होंने मधुबाला से कहा, “सच कहूं मधु, एक बार वैवाहिक जीवन में नाकाम होने के बाद मझे डर लगता है. मैंने दुबारा शादी न करने का फैंसला किया है.”

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03-04-2013, 04:26 PM
किशोर कुमार का उत्तर सुन कर मधुबाला निराश तो हुयी लेकिन उन्होंने उम्मीद नहीं छोड़ी. वे अपनी बात पर कायम रहीं. वे किशोर को बतातीं कि भले आपको वैवाहिक जीवन से डर लगता हो परन्तु मैं अधिक समय तक जीवित रहने वाली नहीं हूँ. इसलिए डरिये मत. मैं तो सौभाग्यवती हो कर मरना चाहती हूँ. आप अगर चाहें तो मुझे मोक्ष दिला सकते हैं.

इस प्रकार मधुबाला की मोक्षप्राप्ति की इच्छा पूरी करने की गरज से किशोर कुमार उनसे शादी करने के लिए राजी हो गए. वे जानते थे कि मधुबाला से उन्हें वैवाहिक सुख नहीं मिल सकेगा. लेकिन शादी के बाद वह एक पति के रूप में विलक्षण व्यक्ति साबित हुए और उन्होंने मधुबाला के अन्दर जीने की इच्छा को मजबूत किया और आसन्न मृत्यु को सहन करने की शक्ति प्रदान करते रहे. मधुबाला ने कुछ भी न दे कर सब कुछ पा लिया था. किशोर ने कुछ भी इच्छा रखे बगैर मधुबाला का जीवन भर दिया. मधुबाला की घातक बिमारी के बावजूद शादी के दस वर्ष तक उन दोनों का वैवाहिक जीवन टिका रहा. ‘चलती का नाम गाड़ी’ फिल्म के रिलीज़ होने के एक साल बाद उन दोनों ने 1959 में शादी कर ली और 1969 में वे दुनिया से विदा हुयीं.

कहा जा सकता है कि मधुबाला की एक सौभाग्यवती के रूप में दुनिया से जाने की इच्छा को पूरा करने के लिए किशोर कुमार ने विवाह के लिए हाँ की थी, अतः यह एक सौदा था. किन्तु किशोर कुमार ने कभी इसे एक सौदे के रूप नहीं लिया. उन्होंने अंत तक इस रिश्ते को ईमानदारी से निभाया.

rajnish manga
03-04-2013, 04:28 PM
इन दोनों को निकट से देखने वाले अभिनेता इफ्तेख़ार का कहना था कि पुरुष होने के बावजूद कुछ न मिलने की स्थिति में भी मधुबाला को अंत तक खुशियाँ देने वाले किशोर कुमार जैसे आदमी का मिलना मुश्किल है.
जब किशोर ने मधुबाला से शादी का फैंसला किया तो तो डॉक्टर ने मधुबाला को चेतावनी दी थी. ‘आप भले शादी करें, पर आपको भावना की कीमत चुकानी पड़ेगी. पति के रूप में आपको उनका साथ त्यागना पड़ेगा.’ और किशोर ने स्वेच्छा से इस स्थिति को स्वीकार करने के बाद शादी कर ली.

शादी के बाद शुरू शुरू में मधुबाला किशोर कुमार के जुहू स्थित मकान “गौरीकुंज” में में रहती थीं. पर यह जगह संता क्रुज़ हवाई अड्डे के नज़दीक थी और वे हवाई जहाज की आवाज को बर्दाश्त नहीं कर पाती थीं. इस बात का ख़याल रखते हुए किशोर कुमार ने मधुबाला को उनके पिता के यहाँ रखा. इस सबके बावजूद भी उन्होंने मधुबाला को कभी उपेक्षित महसूस नहीं होने दिया और वे हर रोज़ उन्हें देखने के लिए वहां एक बार अवश्य जाते.

निराश हो कर जब भी मधुबाला मरने की बात करती तो किशोर उसके मुंह पर हाथ रख कर चुप करा देते और कहते कि अभी तुम्हारी जाने की उमर नहीं है. इस पर मधुबाला कहती कि उमर न सही, बिमारी तो है. किशोर समझाते कि तुम बिमारी की चिंता न करो. हम एक से एक बड़े डाक्टरों को दिखाएँगे.

किशोर कुमार की आर्थिक स्थिति भी इन दिनों बहुत अच्छी नहीं रहती थी क्योंकि नयी फ़िल्में भी अधिक नहीं मिल रही थीं. जो कमाई होती वह बिमारी पर खर्च हो जाती. ऐसे हालात में भी उन्होंने मधुबाला की बीमारी के खर्च में कमी नहीं रखी. यहाँ इलाज न हो पाने पर वह मधुबाला को विदेश भी ले गए.

rajnish manga
03-04-2013, 04:31 PM
मृत्यु शैया पर पड़े पड़े मधुबाला के प्रति पति की ऐसी आस्था और प्यार अद्भुत था. कभी कभी वे यह सब देख कर भयभीत भी हो जाती. लेखक सी.एल.काविश के अनुसार किशोर कुमार जब मधुबाला से मिलने जाते तो मधुबाला का चेहरा खुशी के मारे खिल उठता था. पर उनके जाने के बाद वे उड़ा हो कर कहतीं कि मैं तो इस आदमी को कुछ नहीं दे सकती फिर भी वे मुझे इतना चाहते हैं कि कभी कभी मुझे दर लगने लगता है. कभी वह कहती कि मुझ जैसी बेजान गुड़िया से प्यार करते करते यह आदमी मुझे छोड़ तो नहीं देगा न?

प्रेम नाथ और दिलीप कुमार दोनों मधुबाला को प्यार करते थे लेकिन उनके प्रेम में अपतिभ सौन्दर्य का आकर्षण था. लेकिन किशोर के प्रेम में ऐसी कोई आसक्ति नहीं थी. बल्कि एक विरक्ति थी. वे बिना किसी अपेक्षा के अंत तक मधुबाला को निस्वार्थ प्रेम करते रहे.

साल 1969 के फरवरी माह की 14 तारीख़ को मधुबाला ने अपना 35 वाँ जन्मदिन मनाया. दो दिन बाद ही उनकी तबीयत बिगड़ने लगी वे कहतीं कि यह बिमारी तो मुझे न जीने देती है न मरने देती है.

rajnish manga
03-04-2013, 04:33 PM
मधुबाला का अंतिम समय

किशोर कुमार उनके सिरहाने बैठे रहते, उनके बालों में हाथ फेर कर उन्हें हिम्मत देते. ऐसे में मधुबाला शांत पड़ी रहती. परन्तु 21 फरवरी की रात को उनकी तबीयत अचानक बहुत खराब हो गई और किशोर अपने घर न जा सके. 22 तारीख़ को भी वो सारा दिन मधुबाला के पास ही बैठे रहे. 23 तारीख़ को किशोर का कलकत्ता जाने का पूर्व निर्धारित कार्यक्रम था जिसके बारे में मधुबाला को ज्ञात था. मधुबाला ने किशोर से कहा कि संभव हो सके तो यहीं रूक जाओ लेकिन काम जरूरी हो तो चले जाओ. इसके बाद किशोर सुबह कलकत्ता जाने का विचार कर अपने घर की तरफ चल दिए. जाने से पहले मधुबाला के पिता अताउल्ला खां ने कहा कि तुम फोन के नज़दीक ही सोना. कोई मुश्किल हुयी तो मैं तुम्हें फोन करूंगा.

और वही हुआ जिसका डर था. फोन आया और पता चला कि रात के लगभग नौ बजे मधुबाला की तबियत अचानक बहुत बिगड़ गई. फोन मिलते ही किशोर दौड़े दौड़े गए. उस वक़्त मधुबाला आख़िरी साँसें ले रही थीं. वे जैसे किशोर का ही इंतज़ार कर रही थीं. किशोर को देखते ही उन्होंने इशारे से अपने पास बुलाया. किशोर ने उनका सर अपनी गोद में रख लिया. प्राण त्यागते समय मधुबाला ने केवल यही कहा,

“मुझे माफ़ करना किशोर. मैं आपको कुछ न दे सकी.”
यही मधुबाला के आख़िरी शब्द थे.

और 23 फरवरी 1969 का दिन मधुबाला की मौत की खबर ले कर आया.

rajnish manga
12-06-2013, 02:21 PM
प्रश्न: किशोर कुमार ने अपने जीवन काल में किन किन फिल्मों का संगीत निर्देशन किया है?

उत्तर: निम्लिखित सात फिल्मों का संगीत निर्देशन किशोर कुमार ने किया:

1. झुमरू
2. दूर गगन की छाँव में
3. दूर का राही
4. हम दो डाकू
5. चलती का नाम ज़िन्दगी
6. शाबाश डैडी
7. दूर कहीं वादियों में

rajnish manga
25-07-2013, 10:04 PM
1985 में किशोर कुमार से लिए गये एक इंटरव्यू के कुछ अंश प्रस्तुत हैं:

प्रश्न: आप इस बात के लिए बदनाम थे कि आप अपने निर्माताओं को परेशान करते थे?

किशोर: यह बकवास है. बल्कि सच्चाई इसके उलट यह थी कि वे मुझे परेशान करते थे....मेरी परवाह किसे थी .... अगर वे लोग मेरी परवाह करते थे तो इसलिए कि मैं सेलेबल था. मेरे मुश्किल दिनों में किसने मेरी परवाह की? इस व्यवसाय में कौन किसी की परवाह करता है?

प्रश्न: इसी बात ने आपको एकांत में रहने के लिए बाध्य किया?

किशोर: देखिये, मैं सिगरेट और शराब वगैरह नहीं पीता, मैं पार्टियों में नहीं जाता. मैं इसी तरह से खुश हूँ. मैं काम से काम रखता हूँ. घर से काम और काम से सीधे घर आता हूँ. इसी ने अगर मुझे एकांत में रहना सिखाया है तो ऐसा ही सही. यहां मैं अपनी हॉरर से भरपूर फ़िल्में देखता हूँ, भूतों से खेलता हूँ, अपने पेड़-पौधों से बातें करता हूँ और गाने गाता हूँ. इस मतलबी संसार में कोई भी रचनात्मक व्यक्ति अकेला रहने के लिए मजबूर हो जाता है. आप मुझसे यह मेरा अधिकार कैसे छीन सकते हैं.

rajnish manga
25-07-2013, 10:09 PM
प्रश्न: आपके अधिक दोस्त क्यों नहीं है?

किशोर: मेरा एक भी दोस्त नहीं है. लोगों से मुझे बोरियत होने लगती है और फिल्मों से जुड़े लोग तो बहुत बोर करते हैं. उनकी बजाय मैं पेड़-पौधों से बातें करना ज्यादा पसंद करता हूँ.

प्रश्न: आपने अच्छे निर्देशकों के साथ काम करने के लिए बात क्यों नहीं की?

किशोर: मैं बहुत डर गया था ... सत्यजित राय मेरे पास आये और कहने लगे कि तुम्हें मेरे साथ एक कॉमेडी फिल्म “परस पत्थर” में काम करना है. मैं दर कर भाग गया. बाद में वही रोल तुलसी चक्रवर्ती ने किया .... यह बड़ा अच्छा रोल था लेकिन मैं महान निर्देशकों से डरा हुआ था.

प्रश्न: लेकिन आप तो राय साहब को जानते थे?

किशोर: हाँ, जानता था. जब वे फिल्म ‘पाथेर पांचाली’ बना रहे थे तो वे बड़े आर्थिक संकट में आ गये थे. तो उस समय मैंने उन्हें पांच हजार रूपए दिये थे. उन्होंने पैसे पूरे चुका दिये थे, लेकिन मैंने उन्हें यह न भूलने दिया कि मैंने उनकी क्लासिक फिल्म बनाने के दौरान उनकी मदद की थी. मैं अभी तक उन्हें छेड़ता हूँ. मैं उधार दिये हुये पैसे कभी नहीं भूलता.

rajnish manga
25-07-2013, 10:13 PM
प्रश्न: आपकी पहली पत्नि रूम देवी के साथ क्या समस्या थी?

किशोर: वो बहुत पतिभाशाली महिला थीं. लेकिन हम इकठ्ठा नहीं रह सके. वो करियर बनाना चाहती थीं और मैं चाहता था कि वो घर सम्हालें ...बीवियों को पहले घर की देखभाल करनी आणि चाहिए.... करियर और घर दो अलग अलग चीजे है ... अतः हम अपने अपने रास्तों पर चल पड़े.

प्रश्न: दूसरी पत्नि मधुबाला?

किशोर: वह बिलकुल अलग बात है. मैं उससे शादी करने से पहले से जानता था कि वह बहुत बीमार है ... लेकिन कसम तो कसम होती है न ... मैंने अपनी बात राखी और उसे पत्नि के रूप में अपने घर ले आया यह जानते हए भी कि वह अपने दिल की जन्मजात बीमारी से मर रही हैं .. मैंने नौ सालों तक उसकी सेवा की. मैंने अपनी आँखों के सामने उसे मरते देखा. आप इसे नहीं समझ सकेंगे जब तक खुद इसमें से हो कर न गुज़रें. वह बेहद खूबसूरत महिला थी लेकिन उनकी मौत बड़ी दर्दनाक थी. वह चिड़चिड़ी हो जाती थी और दुःख में चिल्लाती थी. इतना चंचल व्यक्ति किस प्रकार बिस्तर पर बंध कर रह गया. मुझे उस हालत मैं भी उसे हँसाना होता थी यही डॉक्टर की हिदायत थी. उसकी आख़िरी सांस तक मैं यही करता रहा. मैं उसके साथ साथ हँसता था और रोता था.

प्रश्न: योगिता बाली के बारे में बताएं?

किशोर: मुझे यह कभी नहीं लगा कि वह शादी के बारे में गंभीर थी. वह अपनी मां को ले कर बहुत ओबसेस्ड रहती थी.

प्रश्न: और आपकी (लीना चंदावरकर के साथ) वर्तमान शादी?

किशोर: वह अलग तरह की इंसान है ... वह अभिनेत्री है किन्तु औरों से अलग है. उसने ट्रेजेडी देखी है और उसका सामना किया है. जब ... पति को मार दिया जाये ... तो ज़िन्दगी की समझ आ जाती है. ... चीजों की अनित्यता की समझ आ जाती है. .... अब मैं खुश हूँ.

dipu
26-07-2013, 08:33 AM
बहुत बढिया

rajnish manga
31-05-2014, 12:00 AM
किशोर कुमार के चाहने वालों को उनके विषय में छोटी से छोटी बात भी महत्वपूर्ण लगती है. यही वजह है कि हम निम्नलिखित बातें आपसे साझा कर रहे हैं:

1. 1975 में एक फिल्म बनी थी ‘लव इन बॉम्बे’. इस फिल्म के संगीत निर्देशक थे – शंकर जयकिशन. इस फिल्म में शंकर जयकिशन ने मजरूह सुल्तानपुरी और आनन्द दत्ता के साथ साथ किशोर कुमार से भी कुछ गीत लिखवाये थे.

2. अभिनेता स्व. विनोद मेहरा ने दो फिल्मों में किशोर कुमार के बचपन की भूमिकाएं निभायीं थी. ये फ़िल्में थीं – 1. रागिनी और 2. बेवकूफ़.

rajnish manga
04-08-2014, 11:12 AM
आज 4 अगस्त 2014 को स्वर्गीय किशोर कुमार का 85 वां जन्म दिन है. आज ही के दिन 1929 को उनका जन्म हुआ था. वह अपने गीतों और अपने अभिनय के ज़रिये अपने जीवन काल में ही अपने चाहने वालों के बीच एक किम्वदंती के रूप में प्रख्यात हो गये थे. उनकी मृत्यु (13 अक्तूबर 1987) के पश्चात भी उनके चाहने वालों की संख्या में कोई कमीं नहीं आयी बल्कि पहले से भी अधिक वृद्धि हुई है. हम इस महान शख्सियत की स्मृति में अपने श्रद्धा सुमन अर्पित करते हैं.

आज गूगल ने भी अपने होम पेज पर किशोर कुमार की तस्वीर दे कर उन्हें सम्मान दिया है:

https://www.google.co.in/logos/doodles/2014/kishore-kumars-85th-birthday-5765138946719744-hp.jpg (https://www.google.co.in/search?newwindow=1&site=&q=Kishore+Kumar&oi=ddle&ct=kishore-kumars-85th-birthday-5765138946719744-hp&hl=en)

rajnish manga
04-08-2014, 09:54 PM
स्व. किशोर कुमार की कुछ तस्वीरें

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^
https://encrypted-tbn0.gstatic.com/images?q=tbn:ANd9GcTze_zPGknTFvKVZNSM5MSlfWtn48B2P 8aSSObO7AD7ocG-fbJNVA^https://encrypted-tbn3.gstatic.com/images?q=tbn:ANd9GcR_kV6nza4pVIb5ut5UNbpnGI2YHmlIB tf5jWW0E0OSQOrN0imw

rajnish manga
04-08-2014, 10:06 PM
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https://encrypted-tbn3.gstatic.com/images?q=tbn:ANd9GcRdGGWJGVkAimc1vDyvKKLs4Q4Z_SrXB dkpmAAFairP3TJBXmOGDg^https://encrypted-tbn0.gstatic.com/images?q=tbn:ANd9GcQMti3jMCHfhvojgFRFCHML-xrW4Dl_9E0PxN44BW9rzwIrOInEgA

rajnish manga
04-08-2014, 10:17 PM
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rajnish manga
04-08-2014, 10:21 PM
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Kishore Kumar

हम सब जानते हैं कि बॉलीवुड के कलाकार, जिनमें अभिनेता – अभिनेत्रियाँ – गायक - गायिकायें शामिल हैं, अक्सर स्टेज शोज़ करने देश-विदेश जाते रहे हैं और आज भी जाते रहते हैं. राज कपूर और देवानंद से लेकर शाहरुख खान तक ऐसे प्रोग्राम करते रहे हैं. अनुमान किया जाता है कि ऐसे सभी कार्यक्रमों में पार्श्व गायक किशोर कुमार की शिरकत वाले प्रोग्राम जितने सफल होते थे उतने अन्य प्रोग्राम नहीं होते थे. यही कारण है कि जब किशोर कुमार की अचानक मृत्यु हुई तो उनके सभी प्रशंसकों में शोक की लहर दौड़ गई थी. उन्हें दुःख था कि अब वे किशोर कुमार को नाचते, गाते व उछल-कूद करते अपने सामने नहीं देख सकेंगे.

इस प्रकार के स्टेज शोज़ होते थे या शूटिंग, डबिंग या के रिकॉर्डिंग हर क्षेत्र में किशोर कुमार की अपनी ख़ास शैली हुआ करती थी और यही कारण था कि लोग उन्हें ‘किशोरदा’ न कह कर ‘सनकीदा’ कह कर पुकारते थे. उनको नज़दीक से देखने वाले लोगों का मानना था कि किशोर कुमार की इन्हीं हरकतों की वजह से उनकी लोकप्रियता बनी हुई थी. इन शोज़ में किशोर कुमार के हज़ारों प्रशंसक उन पर जान न्यौछावर करते थे.

rajnish manga
04-08-2014, 10:24 PM
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Kishore Kumar


मुंबई में जब कभी भी किशोर कुमार स्टेज शो करते थे तो राज कपूर, देव आनंद या दिलीप कुमार या फिर राजेश खन्ना जैसे सुपरस्टार समय निकाल कर अपने आप ही पहुँचने की कोशिश करते थे. ऐसे ही मुंबई के शणमुखानंद हाल में एक कार्यक्रम के दौरान किशोर किमार एक गीत प्रस्तुत कर रहे थे. यह गीत था ‘दुखी मन मेरे, सुन मेरा कहना’. अपने बड़े भाई अशोक कुमार की फरमाइश पर किशोर उनके कंधे पर सिर रख कर यह गीत गा रहे थे और गाते गाते भावुक हो गये थे. किशोर गाने में इस कदर डूबे हुये थे कि खचाखच भरे हुये हाल में सन्नाटा छ गया था. यहाँ तक कि अशोक कुमार भी किशोर कुमार की पीठ थपथपाने लगे. लेकिन तभी कुछ ऐसा होता है कि दर्शक सकते में आ गये. किशोर एक दम से अपने बड़े भाई के पास से छिटक कर दूर खड़ी एक कोरस गायिका के नज़दीक जा गिरे और दूसरे मूड का गीत गा कर झूमने लगे. यह गीत था – ‘ रफ्ता रफ्ता देखो आँख मेरी लड़ी है’. वह दीवानों की तरह स्टेज पर अपने शरारती अंदाज़ में झूम रहे थे. ऐसे थे हमारे हर दिल अज़ीज़ कलाकार किशोर कुमार.

bindujain
05-08-2014, 07:15 AM
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rajnish manga
05-08-2014, 09:31 PM
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100 sincere

https://encrypted-tbn1.gstatic.com/images?q=tbn:ANd9GcQJ9mq44vgj_4qS7PdrzgpwewhLoCyqk YTLzmowSO4x0LOO-IUU
to Binduji

rajnish manga
05-08-2014, 11:13 PM
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Kishore kumar

गायक कलाकारों द्वारा दिए जाने वाले स्टेज शोज़ में आम तौर पर देखने में आता है कि वे एक समय में दो-तीन गाने गाकर ब्रेक ले लेते हैं और इस बीच कोई अन्य कलाकार कार्यक्रम को आगे बढ़ाता है. लेकिन किशोर कुमार के स्टेज शोज़ की बात ही निराली होती थी. वह जब स्टेज पर प्रोग्राम शुरू करते तो दर्शक जैसे किसी जादुई दुनिया में पहुँच जाते थे और हार गाना समाप्त होने के बाद ‘वन्स मोर .... वन्स मोर’ की आवाजों से ऑडिटोरियम को सर पर उठा लेते थे. इस प्रकार होता यह था कि किशोर कुमार 2-3 गीत नहीं बल्कि 15-20 गीत तक बिना रुकावट के गा जाते थे. इन गीतों में पर्याप्त विविधता का ध्यान रखा जाता था जैसे – रोमांटिक, गमगीन, उछलकूद या शरारत वाले तथा योडलिंग वाले गीत.

rajnish manga
05-08-2014, 11:24 PM
http://myhindiforum.com/attachment.php?attachmentid=33101&stc=1&d=1407262980

rajnish manga
05-08-2014, 11:25 PM
http://myhindiforum.com/attachment.php?attachmentid=33102&d=1407262979 (http://myhindiforum.com/attachment.php?attachmentid=33102&d=1407262979)

rajnish manga
05-08-2014, 11:28 PM
https://encrypted-tbn0.gstatic.com/images?q=tbn:ANd9GcTwJkJjx5zU24A7DcpSjr0iqjsQGjlqR 5QjULP9Kc3BgpyCcPJaCA
Kishore kumar


देखने में आता है कि जब अन्य गायक गायिकाएं अपने स्टेज शोज़ करते हैं तो कुल समय का कुछ भाग ही उनके अपने हिस्से आता है. अधिकतर समय तो ट्रूप के अन्य कलाकार ही ले जाते हैं जैसे – मिमिक्री वाले, नृत्य-गीत व दूसरे दर्जे के गायक-गायिकाओं द्वारा. इसके अतिरिक्त इंस्ट्रुमेंटल कार्यक्रम भी पेश किये जाना आम बात है. लेकिन किशोर कुमार के कार्यक्रमों में 80 से 90 प्रतिशत समय किशोर कुमार ही छाये रहते थे. यह स्वाभाविक भी था क्योंकि जो दर्शक पैसा खर्च करके आपके कार्यक्रम को देखने आते हैं उनकी रूचि का ध्यान रखना ही पड़ता है. किशोर कुमार भी अपने कार्यक्रमों में इस बात का भरपूर ध्यान रखते थे. बहुत से गीत तो दर्शकों की फ़रमाइश पर ही प्रस्तुत किये जाते थे.

rajnish manga
05-08-2014, 11:33 PM
https://encrypted-tbn0.gstatic.com/images?q=tbn:ANd9GcTwJkJjx5zU24A7DcpSjr0iqjsQGjlqR 5QjULP9Kc3BgpyCcPJaCA
Kishore kumar

किशोर कुमार के पुत्र अमित कुमार, जो स्वयं स्टेज शोज़ प्रस्तुत करने के लिये जाने जाते हैं, एक घटना को याद करते हुये बताते हैं:

“एक बार पश्चिम बंगाल के मिदनापुर जिले में किशोर कुमार जी का कार्यक्रम रखा गया था. डैडी के नाम से सारी टिकटें एक सप्ताह पहले ही बिक चुकी थीं. आयोजकगण की बेवकूफी की वजह से हमें एक साधारण सी कार में कई घंटे की यात्रा करनी पड़ी. डैडी को धूल से बहुत एलर्जी होती थी. सो, नियत जगह पर पहुँच तो गये लेकिन डैडी का गला बहुत खराब हो चुका था. वे कुछ भी बोल पाने में असमर्थ थे. उन्होंने आयोजकों को फटकारते हुये लगभग 10000 से अधिक दर्शकों से माफ़ी मांगते हुये उनसे कहा कि उनका गला गाना गा सकने लायक नहीं है. लेकिन बंगाल की पब्लिक व दर्शकों के संयम की दाद देनी पड़ेगी. बिना उत्तेजित हुये वह बड़े धैर्य से बैठे रहे. डैडी ने उनसे प्रभावित होते हुये पूछा कि अगर स्टेज पर मैं नाचूँ, कूदूँ, झूमूँ और बस अपने होंठ हिलाता रहूँ तथा पीछे से मेरा बेटा गाना गाये तो चलेगा? इस पर श्रोताओं ने कहा कि आप स्टेज पर कुछ भी करिये, चलेगा. तब डैडी द्वारा स्टेज पर एक्टिंग व नाच गाने के अभिनय के साथ मैं परदे के पीछे गाता रहा. यह मेरे लिये बहुत मुश्किल घड़ी थी क्योंकि मुझे डैडी के लिप मूवमेंट को भी ध्यान में रखना पड़ रहा था. मगर हमारा यह प्रयोग बहुत सफल रहा. रात को इस बात पर ख़ुशी ज़ाहिर करते हुये डैडी ने मुझे गले लगाया और कहा कि बेटा, आज तूने मेरी साख रख ली.”

rajnish manga
14-09-2014, 03:26 PM
https://encrypted-tbn0.gstatic.com/images?q=tbn:ANd9GcTwJkJjx5zU24A7DcpSjr0iqjsQGjlqR 5QjULP9Kc3BgpyCcPJaCA
Kishore kumar

किशोर कुमार बहुमुखी प्रतिभा के धनी थे. वह लेखक, निर्देशक, गीतकार, संगीतकार, स्क्रिप्ट राइटर, नायक, कॉमेडियन और गायक तो थे ही, उनकी दूरदृष्टि भी ग़ज़ब की थी. एक बार किशोर कुमार आशा भोंसले के साथ एक गीत की रिकॉर्डिंग कर रहे थे. गीत के बोल थे – ‘पिया...पिया...पिया...मोरा जिया पुकारे’. अभी रिकॉर्डिंग चल रही थी कि आशा जी के गले से एक हुक सी उठी. उन्होंने रिकॉर्डिंग रोकने का इशारा किया. सारी स्थिति को किशोर भांपते हुये उन्हें गीत गाते रहने का निर्देश दिया. उन दिनों में रिकॉर्डिंग में डबिंग की व्यवस्था नहीं थी इसलिये रिकॉर्डिंग ख़तम होने के बाद जब आशा जी ने कहा कि उनकी त्रुटि को जब दर्शक देखेंगे-सुनेंगे तो कितना बुरा लगेगा. इस पर किशोर कुमार ने आशा जी को समझाते हुये कहा कि इस फिल्म का हीरो मैं हूँ, इसलिये निश्चिन्त रहो. ज्यों ही गाने का वह हिस्सा नायिका की जुबान पर आएगा मैं नायिका के मुंह पर हाथ रख दूंगा. इतनी सी बात के लिये दोबारा रिकॉर्डिंग कराना निर्माता के साथ ज्यादती नहीं होगी?

rajnish manga
14-09-2014, 03:45 PM
एक ख्वाहिश जो पूरी न हो सकी


http://myhindiforum.com/attachment.php?attachmentid=33211&stc=1&d=1410691194


बहुत वर्ष पहले की बात है जब सन 1987 में किशोर कुमार ने निर्णय लिया कि वह फिल्मों से संन्यास लेने के बाद वापस अपने गांव खंडवा लौट जाएंगे। वह अकसर कहा करते थे कि “दूध जलेबी खायेंगे खंडवा में बस जाएंगे” लेकिन उनका यह सपना अधूरा ही रह गया। 13 अक्टूबर, 1987 को दिल का दौरा पड़ने की वजह से उनकी मौत हो गई। उनकी आखिरी इच्छा के अनुसार उनको खंडवा में ही दफनाया गया।

rajnish manga
14-09-2014, 03:49 PM
https://encrypted-tbn0.gstatic.com/images?q=tbn:ANd9GcTwJkJjx5zU24A7DcpSjr0iqjsQGjlqR 5QjULP9Kc3BgpyCcPJaCA
किशोर कुमार

साल 1987 की इस कहानी को अधिकांश लोग जानते हैं पर बहुत कम ही लोग जानते है कि किशोर कुमार की ऐसी कौन सी ख्वाहिश थी जिसे पूरा करने की उन्होंने कई बार कोशिश कीं पर इसके बावजूद भी उन्हें असफलता ही मिली। आज 13 अक्टूबर की तारीख है और इस दिन किशोर कुमार की उपलब्धियों के लिए टेलीविजन चैनल्स और अखबारों में उन्हें याद किया जाएगा। लेकिन उनके गायकी कॅरियर की वो कौन सी उपलब्धि थी जिसे चाहते हुए भी किशोर कुमार हासिल नहीं कर पाए?

साल 1950 से लेकर 60 के दशक की शुरुआत तक हिंदी सिनेमा के संगीतकारों की लिस्ट में नौशाद का नाम पहले नंबर पर लिया जाता था। नौशाद ने अपनी फिल्मों में शास्त्रीय संगीत पर आधारित धुनों का बखूबी इस्तेमाल किया और उन्हें क्लासिकल संगीत की समझ ना रखने वाले आम दर्शकों तक भी पनी धुनों को पहुंचाया। नौशाद ऐसे पहले संगीतकार थे जो 50 के दशक में एक फिल्म में संगीत देने के लिए एक लाख रुपए लेते थे।

जाहिर सी बात है जब 60 के दशक में नौशाद राज कर रहे थे तो ऐसे में उनसे जुड़े करीबी लोगों को ज्यादा महत्व दिया जाता था। नौशाद के मनपसंद गायक लता मंगेशकर और मोहम्मद रफी थे। मोहम्मद रफी, नौशाद के बेहद करीबी थे जिस कारण नौशाद ज्यादातर गायिकी के मौके मोहम्मद रफी को ही दिया करते थे। उन दिनों किशोर कुमार भी गायक बनने का सपना लेकर सिनेमा में आए।

rajnish manga
14-09-2014, 03:56 PM
http://myhindiforum.com/attachment.php?attachmentid=33212&d=1410691190 (http://myhindiforum.com/attachment.php?attachmentid=33212&d=1410691190)^https://encrypted-tbn0.gstatic.com/images?q=tbn:ANd9GcTwJkJjx5zU24A7DcpSjr0iqjsQGjlqR 5QjULP9Kc3BgpyCcPJaCA

किशोर कुमार

किशोर कुमार के लिए बहुत मुश्किल था हिन्दी सिनेमा में अपना मुकाम बनाना क्योंकि उन दिनों लोग मोहम्मद रफी को ही सुनना चाहते थे पर साल 1969 में रिलीज हुई फिल्म “आराधना” ने किशोर कुमार की किस्मत को बदल दिया। मोहम्मद रफी को चाहने वाले लोग धीरे-धीरे किशोर कुमार की गायिकी के दीवाने हो गए। सच तो यह था कि दोनों की गायक अपनी गायिकी के अंदाज में बेहतर थे।

नौशाद भी समय परिवर्तन के साथ-साथ किशोर कुमार की गायिकी को पसंद करने लगे। नौशाद ने किशोर कुमार को फिल्म ‘सुनहरा संसार’ में गाने का मौका दिया। साल 1975 में जब फिल्म सुनहरा संसार रिलीज हुई तो उसमें किशोर कुमार का गाया गाना नहीं था। जब नौशाद से पूछा गया कि फिल्म से वो गाना कट क्यों कर दिया गया तो नौशाद ने जवाब दिया कि फिल्म के निर्देशक ने उस गाने की शूटिंग ही नहीं की थी। ऐसे में कहीं ना कहीं किशोर कुमार का नौशाद से विश्वास उठ गया और फिर कभी भी दोनों ने एक साथ काम नहीं किया। इस बीच दोनों का ही कुछ भी नुकसान नहीं हुआ बल्कि नुकसान उन लोगों का हुआ जो किशोर और नौशाद को एक साथ सुनना चाहते थे।
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rajnish manga
18-09-2014, 11:13 PM
दर्द हमारा कोई न जाना
(किशोर कुमार के इंटरव्यूज़ पर आधारित)


http://myhindiforum.com/attachment.php?attachmentid=33230&stc=1&d=1411063947


कुछ महीने पहले काम से फुरसत मिली तो कश्मीर गया था. बहुत पहले मैंने अपनी पत्नी और खुद से भी वादा किया था कि मैं कश्मीर जाऊँगा. मुझे ख़ुशी है कि आखिरकार मैंने वह वादा निभाया. ख़ुशी इस लिये भी थी कि बर्फ से ढकी घाटी और इस जगह की शांति ने मुझे बहुत प्रभावित किया. अचानक ही मुझे इस ख़याल ने घेर लिया कि मैं कौन था और मैं क्या बन गया हूँ? मैं इस ओर चला जा रहा हूँ. मैंने इस प्रकार की कई बातें अनुभव की जिन्होंने मुझे हिला कर रख दिया.

rajnish manga
18-09-2014, 11:15 PM
इससे पहले कि मैं आगे बढूँ, मैं अतीत की चंद बातों पर चर्चा करना चाहता हूँ. और मैं अपनी पृष्ठभूमि पर नज़र डालना चाहता हूँ जिसमे मैं पला-बढ़ा हूँ.

यह एक नौजवान की कहानी है जो एक ऐसा संजीदा व्यक्ति था जिसे एक जोकर बना दिया गया. यह पुरानी बात है जिसे सही परिप्रेक्ष्य में समझने का वक़्त आ गया है क्योंकि अब वह नौजवान उस पड़ाव पर आ पहुंचा है जहां उसकी मसखरी खत्म होनी चाहिये.

यह किशोर कुमार की कहानी है, मेरी कहानी. कई बरस पहले जब मैंने फिल्म इंडस्ट्री में कदम रखा तो मैं एक दुबला पतला सा एक गंभीर तबीयत नौजवान था. मुझमे अच्छा काम करने का जूनून था. मैं गाता था. मेरे आदर्श थे – के.एल. सहगल और खेमचंद प्रकाश. ये ऐसे नाम हैं जिनकी गूँज तब तक रहेगी जब तक फिल्म इंडस्ट्री कायम है. मैं इन दोनों हस्तियों को मिसाल के तौर पर देखता था.

एक प्लेबैक सिंगर के तौर पर मेरी शुरूआती कोशिशें खासी कामयाब रही थी. खेमचंद प्रकाश के साथ मैंने जो गाने गाये वो गंभीर और सहज थे. यानी इनमें कोई जटिलता नहीं थी. खेमचंद प्रकार की नज़र में मैं एक ऐसा नौजवान था जो आगे चल कर बहुत अच्छा सिंगर बनने वाला था. उनकी सोच गलत भी नहीं थी.

rajnish manga
21-09-2014, 11:02 PM
किशोर कुमार की अदाकारी हमें हंसाती थी। उनके मजेदार गीत कदमों में थिरकन भी लाते थे और चेहरे पर हंसी भी। लेकिन वो जोकर नहीं थे। मसखरे भी नहीं थे। पर्दे पर वो हंसाते गए, अपनी आवाज के जादू से गुदगुदाते गए तो हम यही समझ बैठे की किशोर कुमार की असल जिंदगी भी ऐसी ही मजेदार होगी और थी भी। कम से कम दूर से देखकर तो ऐसी ही लगती थी। उनका चुटिला अंदाज, मस्ती, उनकी अजीबोगरीब हरकतों के किस्से सुनकर यही लगा कि किशोर दा जैसे पर्दे पर वैसे ही हकीकत में। लेकिन क्या आप जानते हैं कि सुरीले किशोर की अंदर गम के साज़ भी बजा करते थे। उनकी हंसी की खनक के पीछे दर्द भरी आह भी थी। जिस मायानगरी ने उन्हें सबकुछ दिया वही उन्हें काटने दौड़ती थी और उनके अंदर हमेशा मुंबई से भागने की तड़प बनी रहती थी। वो भागकर फिर से अपने शहर खंडवा जाना चाहते थे। ये शहर तो उन्हें कभी रास आया ही नहीं था।

rajnish manga
21-09-2014, 11:04 PM
लोगों ने क्या-क्या नहीं कहा किशोर दा को। मसखरा, जोकर, बंदर, पागल। लेकिन दर्द किसी ने नहीं समझा। हाल ही में किशोर दा के दो अलग-अलग इंटरव्यू मुझे पढ़ने को मिले। एक साल 1960 में छपा तो दूसरा उनकी मौत से दो साल पहले 1985 में। यानि दोनों इंटरव्यू में करीब 25 साल का फासला था लेकिन दर्द एक ही था, “मैं मसखरा नहीं बनना चाहता था। मैं अपनी जमीन के साथ जीना चाहता था”। आभास कुमार गांगुली तो सिर्फ गाना चाहता था, संगीत की दुनिया में खो जाना चाहता था लेकिन उसे खुद भी पता नहीं चला कि वो कब आभास से एक ‘तमाशा’ बन गया जिसे लोगों ने नाम दिया किशोर कुमार।

किशोर तो अपने भाई अशोक कुमार से मिलने बंबई आए थे। सोचा था कि वो उन्हें के.एल सहगल से मिलवा सकते हैं क्योंकि किशोर उन्हें अपना आदर्श मानते थे। लेकिन बंबई आकर जैसे वो फंस गए। वो सिर्फ गाना चाहते थे लेकिन परिस्थितियों ने उन्हें ऐसा उलझाया कि किशोर एक्टिंग करने लगे लेकिन सुकून उन्हें गायकी में ही मिलता था। फिर भी वो फिल्मी दुनिया में रम गए। गायक भी बने अभिनेता भी।

rajnish manga
21-09-2014, 11:20 PM
http://myhindiforum.com/attachment.php?attachmentid=33244&stc=1&d=1411323454

Kishore Kumar: A Family Photo

1960 में मशहूर फिल्म पत्रिका ‘फिल्मफेयर’ में छपे उनके एक लेख में उन्हें मसखरा समझे जाने की टीस साफ नजर आती है। किशोर ने उसमें कहा था, “मुझमें अच्छा काम करने का जुनून था। मैं अच्छा गा रहा था। किसी ने सलाह दी ऐसे मत गाओ, यह कुछ ज्यादा ही सादा है। इसमें थोड़ा मसाला डाल, कुछ बूम चिक टाइप चीज करो। तो दूसरे ने सलाह दी कि प्लेबैक सिंगिग में कोई भविष्य नहीं है, एक्टिंग में आओ, पैसा भी इसी में है”।

सलाहें आती गईं किशोर दा उनपर अमल करते गए और फिर जो किशोर सबके सामने आया वो वह मासूम लेकिन जुनूनी आभास नहीं था जो खंडवा से गाने का शौक लिए आया था। ये लोगों का बनाया किशोर था जो मगरुर और दूसरों की खामियां देखने वाला बन गया था। इंटरव्यू में किशोर बताते हैं कि उन्हें एक जाने माने निर्देशक ने सिगरेट का धुंआ उड़ाते हुए कहा था कि वो जो कर रहे हैं वो 25 साल पुरानी चीज है।

sachinasati23
22-09-2014, 12:30 PM
nice knowledge..