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View Full Version : स्वाइन फ्लू जानकारी – लक्षण, कारण ...


bindujain
12-02-2013, 08:44 AM
स्*वाइन फ्लू के आपातकालीन लक्षण

जब किसी रोगी की घर पर ही देखभाल की जाती है, तो आपातकाल को दर्शाते लक्षणों को जानना और पह्चानना बेहद आवश्यक हो जाता है । यदि आपातकाल स्थिति की चेतावनी देते हुए संकेत किसी व्यक्ति में पाए जाते हैं, तो उसे तुरंत चिकित्सकीय मदद की ज़रूरत है।

व्यस्कों में आपातकाल को दर्शाते लक्षण - -

• बहुत जल्दी जल्दी सांस लेना या सांस लेने में तकलीफ
• छाती या पेट में दर्द या भारीपन
• चक्कर आना
• कुछ न सूझना
• लगातार या बेहद उल्टी आना
• फ्लू के जैसे लक्षणों का सुधार के बाद भी फिर से दिखना और बुखार और कफ का और अधिक बिगडना,

bindujain
12-02-2013, 08:45 AM
बच्चों में आपातकाल को दर्शाते लक्षण - -

• बहुत जल्दी जल्दी सांस लेना या सांस लेने में तकलीफ
• त्वचा का नीला रंग होना
• पर्याप्त मात्रा में तरल पदार्थ का इस्तेमाल न करना ,
• आलसपन
• बहुत चिडचिडापन या गोद में पकड़ने पर भी रोना बंद न करें,
• फ्लू के जैसे लक्षणों का सुधार के बाद भी फिर से दिखना और बुखार और कफ कद और भी बिगडना,
• खुजली के साथ बुखार
• कुछ भी न खाना
• रोने पर आंसू न निकलना

bindujain
12-02-2013, 08:46 AM
स्*वाइन फ्लू के अन्*य लक्षण और चिकित्*सा

गले का दुखना -- ‘एसिटेमिनोफेन‘ या ‘इबुप्रोफेन‘ दर्द को कम करने में मदद कर सकती है। कुछ लोगों में नमक के पानी से गरारा करने से उनके गले के दर्द को आराम मिल सकता है।

ठंड, वेदना, और दर्द का उपचार -- ‘एसिटेमिनोफेन’ या ‘इबुप्रोफेन‘ दर्द को कम करने में मदद कर सकती है। ठंड से बचाव के लिए पीडित व्यक्ति को एक कंबल ढंका देना चाहिए।

कन्जेस्चन (संकुलन का उपचार) – फ्लू से पीडित रोगी को नाक, कान, साइनस और छाती का कन्जेस्चन हो सकता है। इसके कारण दर्द हो सकता है। ‘एसिटेमिनोफेन‘ या ‘इबुप्रोफेन‘ दर्द को कम करने में मदद कर सकती है। फिर भी आपके या आपके बच्चे के लिए कुछ भी उपचार लेने से पहले अपने चिकित्सक से संपर्क करने की सलाह दी जाती है। 4 साल से कम उम्र के बच्चे को कोई कफ या ठंड के लिए दवा नहीं देनी चाहिए।

पेट की समस्याओं का उपचार – फ्लू पेटदर्द, उल्टी आना और दस्त का कारण बन सकता है। रोगी को हल्का भोजन दीजिए, जिससे कि पचने में आसानी हो, पीने के लिए पानी और साफ तरल पदार्थ दीजिए। यदि रोगी को पेट में असहनीय दर्द, बार बार उल्टी या दस्त की शिकायत हो, तो अपने चिकित्सक से तुरंत परामर्श लें।

bindujain
12-02-2013, 08:48 AM
एच-1-एन-1 फ्लू के लिए विषाणु रोधक (एंटीवायरल) दवाओं का उपचार

यदि आपको फ्लू जैसी कोई बीमारी के लक्षण दिखाई देते हैं, तो अपने चिकित्सक से तुरंत परामर्श लें। स्वाइन फ्लु के अधिकतर मरीज़ सही इलाज से ठीक हो जाते हैं। उपचार के अंतर्गत पर्याप्त आराम, बुखार और ठंड को ठीक करने के लिए पेरासिटामोल दिया जाता है।

• अति गम्भीर बीमारी से ग्रस्त मरीज़ों में जैसे ही स्वाइन फ्लु के लक्षण दिखाई देते हैं, वैसे ही जितनी जल्दी सम्भव हो, विषाणु रोधक दवाएं तुरंत शुरू कर देना चाहिए ! आपका चिकित्सक बुखार, कफ के लिए ‘टेमीफ्लु‘ या ‘रेलेंज़ा‘ जैसी विषाणु रोधक (एंटीवायरल) दवाओं को लेने की सलाह दे सकता है। इन दवाओं का उपयोग स्वाइन फ्लु को ठीक करने के लिये दवा उपचार के तौर पर किया जाता है। विषाणु रोधक दवाओं को रोग शुरू होने के २ दिनो के भीतर लेना शुरू कर देना चाहिए, क्योंकि यदि ये दवाएं जितनी जल्दी शुरू की जाती हैं, तो उतनी अधिक असरदार होती हैं। ये दवाएं 5 दिनों तक लेनी चाहिए।

विषाणु रोधक दवाएं फ्लु को पूर्ण रूप से ठीक नहीं करती हैं, लेकिन कुछ लक्षणों को कम करने में सहायक होती हैं ! जैसे-

• लक्षणों और बीमारी की अवधि को एक दिन तक कम करने में सहायता करते हैं!
• कुछ लक्षणों को कम करते हैं!
• न्यूमोनिया के जैसे गम्भीर बीमारी के खतरे को कम करते हैं!

आपका चिकित्सक आपके लक्षणों को देखकर फ्लू की जांच कराने के लिए कह सकता है । कभी कभी आपका चिकित्सक जांच के नकारात्मक आने पर भी विषाणु रोधक (एंटीवायरल) दवाओं को लेने की सलाह दे सकता है।

bindujain
12-02-2013, 08:49 AM
घर पर स्वाइन फ्लू की चिकित्*सा

टीकाकरण :
स्वाइन फ्लू के लिए टीका विकसित किया गया है! यह टीका ब्रिटेन और अमेरिका जैसे देशों में उपलब्ध है, लेकिन अभी तक भारत में उपलब्ध नहीं है! यह स्वाइन फ्लू से बचाव के लिए सबसे कारगर उपाय है। यदि टीका उपलब्ध है, तो आपको अपने चिकित्सक से टीकाकरण के बारे में परामर्श ले लें। टीकाकरण की सिफारिश निम्नलिखित लोगों के लिए की जाती है।
• --- गर्भवती महिलाओं, 6 महीने की उम्र से कम उम्र के शिशुओं के पारिवारिक सदस्य या उनको संभालने वाले लोग, शिशुओं के पारिवारिक सदस्य या उनको संभालने वाले लोग, स्वास्थ्य सेवा तथा आपातकालीन सेवा के कर्मचारी गण, 6 महीने की उम्र से अधिक उम्र के शिशुओं से लेकर 18 साल की उम्र तक के बच्चे, युवा पीढी (19 से 24 साल के युवा), 25 साल से 64 साल तक के वयस्क । इस समूह के अंतर्गत आनेवाले लोगों में से जिनको बीमारी है-(जैसे कि दिल की बीमारी, फेफडों की बीमारी या किसी तरह का कैंसर), जो कि वायरल के संक्रमण के खतरे को बढा देता है। इन सभी लोगों को स्वाइन फ्लू से अपना बचाव के लिए टीका अवश्य लगाना चाहिए!

bindujain
12-02-2013, 08:50 AM
घर पर स्वाइन फ्लू की चिकित्*सा

विषाणु रोधक (एंटीवायरल) दवा –
इंफ्लूएंजा विषाणु रोधक (एंटीवायरल) दवाएं स्वाइन फ्लू के उपचार के साथ साथ एच-1-एन-1 फ्लू से हमारा बचाव करने में भी मदद करती हैं। चिकित्सक के सलाह के अनुसार इन दवाओं को ठीक तरह से लीजिए।
• अपने हाथों को बार बार साबुन और पानी से करीब २० सेकंड तक धोएं। ये कई तरह के सामान्य संक्रमणों को रोकने के लिए सबसे बढ़िया उपाय है। यदि ये उपलब्ध नहीं है, तो हाथों को धोने के लिए एक अल्कोहल युक्त सेनिटाइजर का प्रयोग किया जा सकता है।
• खांसते या छींकते समय अपने मुंह और नाक को ढंकने के लिए रूमाल या टिश्यू पेपर का प्रयोग करना चाहिए। यदि टिश्यू पेपर नहीं है, तो अपनी कोहनी को मुंह के आगे रखकर खांसना या छींकना चाहिए । उपयोग किए गए टिश्यू पेपर को तुरंत कूडेदान में फेंक देना चाहिए।
• अपनी आंखों, नाक और मुंह को मत छुईए, क्योंकि एच-1-एन-1 वायरस इसी तरह फैलता है !
• फेस मास्क - समाज और घर में फेसमास्क और रेसपिरेटर का उपयोग की सिफारिश आम तौर पर नहीं की जाती है। समाज और घर में कुछ लोगों द्वारा फेसमास्क और रेसपिरेटर का उपयोग फ्लू के संक्रमण से खतरा बढ जाने पर उपयोग करने के बारे में विचार किया जाता है। फेसमास्क और रेसपिरेटर का उपयोग करने की सलाह स्वास्थ्य क्षेत्र में कार्य करनेवाले लोगों को दी जाती है। संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए फेसमास्क का उपयोग स्वाइन फ्लू से संक्रमित, संभावित, या संदिग्ध रोगियों द्वारा किया जाना चाहिए। बच्चे को दूध देते समय भी मास्क का उपयोग करना चाहिए

bindujain
12-02-2013, 08:50 AM
घर पर स्वाइन फ्लू की चिकित्*सा

कठोर सतह को साफ करना -
जब कोई खांसता या छींकता है, तो छोटी बून्दो में से निकले वायरस कठोर सतह पर आ जाते हैं, जिस पर ये वायरस 24 घंटो तक जीवित रह सकते हैं । दरवाजों के हैंडल, रिमोट कंट्रोल, हैण्ड रैल्स, कम्प्युटर का कीबोर्ड जैसी चीजों के बाह्य भागों को साफ रखना चाहिए। साबुन या पानी या कोई भी सामान्य क्लीनर से इन सतहों को साफ करना चाहिए।
• यदि आपको फ्लू जैसी कोई बीमारी हो, तो घर पर ही रहे रहें। फ्लू के संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए कार्यस्थल, विद्यालय या भीडभाड वाली जगहों पर जाने से बचें और किसी से हाथ न मिलाएं। यदि आपको फ्लू जैसी कोई बीमारी हो, तो संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए घर पर ही रहे, और दूसरों से संपर्क न बनाएं। बुखार ठीक होने के बाद कम से कम 24 घंटों के लिए घर पर ही रहें, (इसका अर्थ यह है कि जब आपमें दवा के बगैर बुखार के कोई लक्षण नज़र नहीं आ रहे हों)। अन्य लोगों को संक्रमण से बचाने के लिए उनके संपर्क में बिल्कुल भी न आएं।
• अति गम्भीर बीमारी से ग्रस्त मरीज़ों में जैसे ही स्वाइन फ्लु के लक्षण दिखाई देते हैं, वैसे ही जितनी जल्दी सम्भव हो, विषाणु रोधक दवाएं तुरंत शुरू कर देना चाहिए ! आपका चिकित्सक बुखार, कफ के लिए ‘टेमीफ्लु‘ या ‘रेलेंज़ा‘ जैसी विषाणु रोधक (एंटीवायरल) दवाओं को लेने की सलाह दे सकता है। इन दवाओं का उपयोग स्वाइन फ्लु को ठीक करने के लिये दवा उपचार के तौर पर किया जाता है ! ये दवाएं अस्पताल में भर्ती होने और मौत के खतरे से रोगियों को बचाने में लोगों की मदद करती है।
• यदि संभव हो, तो जिन लोगों को फ्लु की बीमारी हो, उन लोगों से करीब ६ फीट की दूरी बनाए रखें।
• यदि संभव...

bindujain
12-02-2013, 08:51 AM
स्वाइन फ्लू में यात्रा

ये एक नए प्रकार का फ्लू वायरस है और ज्यादातर लोगों में इस वायरस के लिए प्रतिरोधक क्षमता की कमी है। इसलिए ये दुनिया भर में बड़ी तेजी से फैल चुका है और एक महामारी का रूप धारण कर चुका है। यदि आप कोई यात्रा की योजना बना रहे हैं या कहीं घूमने की योजना बना रहे हैं, तो फ्लु का संक्रमण आपकी यात्रा की तैयारियों पर असर डाल सकता है।

फ्लू के मौसम के दौरान खुद को और दूसरों को स्वस्थ रखने के लिए उठाए जाने वाले कदम

यात्रा से पहले
• टीका लगवाएं - स्वाइन फ्लू का टीका अवश्य लगवाए, जैसे ही टीका उपलब्ध हो, क्योंकि एच-1-एन-1 संक्रमण से बचाव के लिए यह सबसे बढ़िया रास्ता है।
• एक यात्रा स्वास्थ्य किट बनाएं । इस किट में कुछ चीज़ें रखें। (जैसे कि टिश्यु पेपर, बुखार या दर्द निवारक दवा, थर्मामीटर, फेस मास्क, साबुन, और एक अल्कोहल युक्त हैंड रब), जिनकी आपको यात्रा के दौरान फ्लू से बीमार होने पर ज़रुरत पड सकती है।
• जब आपकी तबियत बिल्कुल ठीक हो, तभी यात्रा करें। अपनी यात्रा शुरु करने से पहले इस बात का निरीक्षण कर लें कि आप कैसा मह्सूस कर रहे हो, फ्लु के कोई लक्षण तो नज़र नहीं आ रहे हैं। यदि आपमें फ्लू जैसे बीमारी के लक्षण दिखाई दे रहे हों, (जैसे कि बुखार, कफ, ठण्ड, या उल्टी जैसे लक्षण), आपको बुखार ठीक होने के बाद कम से कम 24 घंटों के लिए घर पर ही रहना चाहिए, (इसका अर्थ यह है कि जब दवा के बगैर बुखार के कोई लक्षण नज़र नहीं आ रहे हों)

bindujain
12-02-2013, 08:52 AM
अपने स्वास्थ्य की सुरक्षा के लिए कुछ आसान कदम -
• अपने हाथों को बार बार साबुन और पानी से करीब २० सेकंड तक धोएं। ये कई तरह के सामान्य संक्रमणों को रोकने के लिए सबसे बढ़िया उपाय है। यदि ये उपलब्ध नहीं है, तो हाथों को धोने के लिए एक अल्कोहल युक्त सेनिटाइजर का प्रयोग किया जा सकता है।
• खांसते या छींकते समय अपने मुंह और नाक को ढंकने के लिए रूमाल या टिश्यू पेपर का प्रयोग करना चाहिए। यदि टिश्यू पेपर नहीं है, तो अपनी कोहनी को मुंह के आगे रखकर खांसना या छींकना चाहिए ।
• यदि संभव हो, तो जिन लोगों को फ्लु की बीमारी हो, उनसे दूरी बनाकर रहें, रोगी व्यक्ति से करीब ६ फीट की दूरी बनाए रखें ।
• दरवाजों के हैंडल, रिमोट कंट्रोल, हैण्ड रैल्स, कम्प्युटर का कीबोर्ड जैसी चीजों के बाह्य भागों को साफ रखना चाहिए।
• आप अपने स्वास्थ्य का निरीक्षण करते रहें, फ्लू के लक्षण और तुम कैसा महसूस कर रहे हो ।
• फ्लु का टीका लेने के साथ साथ आप अपने चिकित्सक से विषाणु रोधक (एंटीवायरल) दवाओं के बारे में संपर्क करें । आपका चिकित्सक को यदि फ्लू के लक्षण दिखाई देंगे, तो आपको एच-१-एन-१ फ्लू से बचाव के लिए ‘टेमीफ्लु’ या ‘ रेलेंज़ा‘ जैसी विषाणु रोधक (एंटीवायरल) दवाओं को 10 दिन तक लेने की सलाह दे सकता है।

bindujain
12-02-2013, 08:53 AM
यह बेहद आवश्यक है कि आपको फ्लू के लक्षणों के बारे में जानकारी हो,
स्वाइन फ्लू के लक्षणों में शामिल हैं :

• बुखार या बढा हुआ तापमान (38°c/100.4°f से अधिक)
• अत्यधिक थकान
• सिरदर्द
• ठण्ड लगना या नाक निरंतर बहना
• गले में खराश
• कफ
• सांस लेने में तकलीफ
• भूख कम लगना
• मांसपेशियों में बेहद दर्द
• पेट खराब होना, जैसे कि उल्टी या दस्त होना

यदि आपको बुखार या तापमान (38°c/100.4°f से अधिक) तक हो, और उपर बताये गए लक्षणों में से दो या दो से अधिक लक्षण दिखाई दे रहे हों, तो आप स्वाइन फ्लू से संक्रमित हो सकते है, आपको चिकित्सक से तुरंत मिलना है ।

bindujain
12-02-2013, 08:54 AM
एच1एन1 होने पर घर पर मरीज़ की देखभाल कैसे करें


‘इंफ्लूएंजा‘ के लिए ‘फ्लू‘ शब्द का भी प्रयोग किया जाता है, और दोनो का अर्थ एक ही है । ये एक नए प्रकार का फ्लू का वायरस है और ज्यादातर लोगों में इस वायरस के लिए प्रतिरोधक क्षमता की कमी है। इसलिए ये दुनिया भर में बड़ी तेजी से फैल चुका है और एक महामारी का रूप धारण कर चुका है। लेकिन फ्लू के अधिकतर मरीज़ों का घर पर ही इलाज हो सकता है। फ्लू से पूर्ण रूप से ठीक होने में करीब एक हफ्ते का समय लग सकता है।

फ्लू के प्रकोप के दौरान अपने और अपने परिवार के स्वास्थ्य की सुरक्षा के लिए कुछ आसान कदम -
इंफ्लूएंजा ए वायरस के एक प्रकार ‘एच-1-एन-1‘ के इंसान संस्करण द्वारा स्वाइन फ्लू उत्पन्न होता है। यह वायरस साधारण फ्लू के वायरस की तरह ही फैलता है। जब कोई खांसता या छींकता है, तो छोटी बून्दे थोडे समय के लिए हवा में फैल जाती हैं, छोटी बून्दो में से निकले वायरस कठोर सतह पर आ जाते हैं।

• अपने हाथों को बार बार साबुन और पानी से करीब २० सेकंड तक धोएं। ये कई तरह के सामान्य संक्रमणों को रोकने के लिए सबसे बढ़िया उपाय है। यदि ये उपलब्ध नहीं है, तो हाथों को धोने के लिए एक अल्कोहल युक्त सेनिटाइजर का प्रयोग किया जा सकता है।
• खांसते या छींकते समय अपने मुंह और नाक को ढंकने के लिए रूमाल या टिश्यू पेपर का प्रयोग करना चाहिए। यदि टिश्यू पेपर नहीं है, तो अपनी कोहनी को मुंह के आगे रखकर खांसना या छींकना चाहिए । उपयोग किए गए टिश्यू पेपर को तुरंत कूडेदान में फेंक देना चाहिए।
• यदि संभव हो, तो जिन लोगों को फ्लु की बीमारी हो, या रोगी व्यक्ति से करीब ६ फीट की दूरी बनाए रखें।
• – एच-1-एन-1 वायरस कठोर सतह पर 24 घंटे जीवित रह सकता है, इसीलिए दरवाजों के हैंडल, रिमोट कंट्रोल, हैण्ड रैल्स, कम्प्युटर का कीबोर्ड जैसी चीजों के बाह्य भागों को साफ रखना चाहिए।
• अपनी आंखों, नाक और मुंह को मत छुईए, क्योंकि एच-1-एन-1 वायरस इसी तरह फैलता है !
• अपने चिकित्सक से परामर्श लेकर एच-1-एन-1 फ्लू और सामान्य फ्लू का टीका लगाना चाहिए, जैसे ही टीका उपलब्ध हो, क्योंकि एच-1-एन-1 संक्रमण से बचाव के लिए यह सबसे बढ़िया रास्ता है ।
• यदि आपको फ्लू जैसी कोई बीमारी हो, तो संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए घर पर ही रहे, और दूसरों से संपर्क न बनाएं । बुखार ठीक होने के बाद कम से कम 24 घंटों के लिए घर पर ही रहें, (इसका अर्थ यह है कि जब आपमें दवा के बगैर बुखार के कोई लक्षण नज़र नहीं आ रहे हों)
• यदि संभव हो, तो जिन लोगों को फ्लु की बीमारी हो, उन लोगों से करीब ६ फीट की दूरी बनाए रखें ।

bindujain
12-02-2013, 08:55 AM
वरिष्ठ नागरिकों में स्वा*इन फ्लू

वे लोग, जो 65 साल के हैं, या उससे बड़े हैं, बुजुर्ग की श्रेणी में आते हैं। बुजुर्ग लोग सामान्य फ्लू की अपेक्षा एच-१-एन-१ फ्लू के वायरस की चपेट में कम आते हैं। ६५ साल या उससे बड़े लोगों में संक्रमण का खतरा कम हो जाता है । हाल ही के रिपोर्ट के अनुसार, 65 उम्र से बडी उम्र के लोगों में एच-१-एन-१ फ्लू के अपेक्षाकृत कम संक्रमण के मामले पाए गए हैं, और गम्भीर बीमारी और मौत के बहुत कम मामले दिखाई दिए हैं। यद्यपि 65 उम्र से बडी उम्र के लोगों में एच-१-एन-१ फ्लू के अपेक्षाकृत कम संक्रमण के मामले पाए गए हैं, लेकिन यदि वे संक्रमित होते हैं, तो इनमे गम्भीर बीमारी और मौत का खतरा अधिक रह्ता है।
एच-१-एन-१ फ्लू से बचाव

• टीकाकरण - स्वाइन फ्लू का टीका अवश्य लगवाए, जैसे ही टीका उपलब्ध हो, क्योंकि एच-1-एन-1 संक्रमण से बचाव के लिए यह सबसे बढ़िया रास्ता है। अपने चिकित्सक से सामान्य फ्लू के टीके के बारे में भी जानकारी ले लें । फ्लू से पूर्णरूपेण सुरक्षा के लिए दोनों ही टीकों की बेहद ज़रूरत होती है ।
• विषाणु रोधक दवा (एंटीवायरल दवा)- यदि आपके चिकित्सक को ज़रूरत महसूस होगी, तो आपके लिए विषाणु रोधक दवाओं (एंटीवायरल दवा) का सुझाव दे सकते हैं । दो दवाईयों, ओसेल्टामविर (टेमीफ्लु) और ज़नामिविर (रेलेंज़ा) का उपयोग स्वाइन फ्लु को ठीक करने के लिये दवा उपचार के तौर पर किया जाता है ! ये दवाएं फ्लु के उपचार के लिए दूसरा कारगर तरीका है। विषाणु रोधक दवाओं को रोग शुरू होने के २ दिनो के भीतर लेना शुरू कर देना चाहिए, क्योंकि यदि ये दवाएं जितना जल्दी शुरू की जाती हैं, उतना अधिक असरदार होती हैं और ये दवाएं 5 दिनों तक दवा लेनी चाहिए।

bindujain
12-02-2013, 08:55 AM
अपने स्वास्थ्य की सुरक्षा के लिए कुछ ठोस कदम

• स्वाइन फ्लू का टीका अवश्य लगवाए, जैसे ही टीका उपलब्ध हो, क्योंकि एच-1-एन-1 संक्रमण से बचाव के लिए यह सबसे बढ़िया रास्ता है ।
• अपने हाथों को बार बार साबुन और पानी से करीब २० सेकंड तक धोएं। ये कई तरह के सामान्य संक्रमणों को रोकने के लिए सबसे बढ़िया उपाय है। यदि ये उपलब्ध नहीं है, तो हाथों को धोने के लिए एक अल्कोहल युक्त सेनिटाइजर का प्रयोग किया जा सकता है।
• खांसते या छींकते समय अपने मुंह और नाक को ढंकने के लिए रूमाल या टिश्यू पेपर का प्रयोग करना चाहिए। यदि टिश्यू पेपर नहीं है, तो अपनी कोहनी को मुंह के आगे रखकर खांसना या छींकना चाहिए ।
• यदि संभव हो, तो जिन लोगों को फ्लु की बीमारी हो, उनसे दूरी बनाकर रहें, रोगी व्यक्ति से करीब ६ फीट की दूरी बनाए रखें ।
• दरवाजों के हैंडल, रिमोट कंट्रोल, हैण्ड रैल्स, कम्प्युटर का कीबोर्ड जैसी चीजों के बाह्य भागों को साफ रखना चाहिए।
• आप अपने स्वास्थ्य का निरीक्षण करते रहें, फ्लू के लक्षण की जांच करें और यह समझे कि आप कैसा महसूस कर रहे हो।

यदि आपमें फ्लू जैसे बीमारी के लक्षण दिखाई दे रहे हों, (जैसे कि बुखार, कफ, ठण्ड, या उल्टी जैसे लक्षण) या आप फ्लू से पीड़ित किसी रोगी के संपर्क में आए हों, तो आप अपने चिकित्सक से तुरंत संपर्क करें । आपका चिकित्सक आपको एच-१-एन-१ फ्लू से बचाव के लिए ‘टेमीफ्लु‘ या ‘रेलेंज़ा‘ जैसी विषाणु रोधक (एंटीवायरल) दवाओं को 10 दिन तक लेने की सलाह दे सकता है। विषाणु रोधक दवाओं को रोग शुरू होने के २ दिनो के भीतर लेना शुरू कर देना चाहिए, क्योंकि यदि ये दवाएं जल्दी शुरू होती हैं, तो अधिक असरदार होती हैं और 5 दिनों तक दवा लेना चाहिए।
चिकित्सक से तुरंत मिलना है ।

bindujain
12-02-2013, 08:56 AM
यदि आप दिल के मरीज़ हैं, तो स्वाइन फ्लू से अपना बचाव करने के लिए निम्नलिखित कदम उठाएं।

• अपने चिकित्सक से परामर्श लेकर स्वाइन फ्लू से अपना बचाव करने के लिए एक प्लान बनाएं और उसका अनुसरण करें।
• दिल की बीमारी से ग्रस्त 6 महीने की उम्र से अधिक उम्र के मरीज़ों को एच-1-एन-1 फ्लू का और सामान्य फ्लू का टीका लगाना चाहिए । जैसे ही टीका उपलब्ध हो, क्योंकि एच-1-एन-1 संक्रमण से बचाव के लिए यह सबसे बढ़िया रास्ता है।
• हमेशा दिल की बीमारी के बचाव और उपचार के लिए उपयोग में आनेवाली साधारण दवाओं की पर्याप्त मात्रा अपने नज़दीक रखनी चाहिए।
• अपने चिकित्सक से तुरंत परामर्श लें, यदि आपको फ्लू जैसी कोई बीमारी के लक्षण दिखाई देते हैं। एच-1-एन-1 फ्लू के उपचार के लिए आपका चिकित्सक ‘टेमीफ्लु‘ या ‘रेलेंज़ा‘ जैसी विषाणु रोधक (एंटीवायरल) दवाओं को 10 दिन तक लेने की सलाह दे सकता है। विषाणु रोधक दवाओं को रोग शुरू होने के २ दिनो के भीतर लेना शुरू कर देना चाहिए, क्योंकि यदि ये दवाएं जितनी जल्दी शुरू की जाती हैं, तो उतनी अधिक असरदार होती हैं।

bindujain
12-02-2013, 08:57 AM
अपने और अपने परिवार के स्वास्थ्य की सुरक्षा के लिए कुछ आसान कदम -
• अपने हाथों को बार बार साबुन और पानी से करीब २० सेकंड तक धोएं। ये कई तरह के सामान्य संक्रमणों को रोकने के लिए सबसे बढ़िया उपाय है। यदि ये उपलब्ध नहीं है, तो हाथों को धोने के लिए एक अल्कोहल युक्त सेनिटाइजर का प्रयोग किया जा सकता है।
• खांसते या छींकते समय अपने मुंह और नाक को ढंकने के लिए रूमाल या टिश्यू पेपर का प्रयोग करना चाहिए। यदि टिश्यू पेपर नहीं है, तो अपनी कोहनी को मुंह के आगे रखकर खांसना या छींकना चाहिए। उपयोग किए गए टिश्यू पेपर को तुरंत कूडेदान में फेंक देना चाहिए।
• यदि संभव हो, तो जिन लोगों को फ्लू की बीमारी हो, उनसे दूरी बनाकर रहें, रोगी व्यक्ति से करीब ६ फीट की दूरी बनाए रखें।
• दरवाजों के हैंडल, रिमोट कंट्रोल, हैण्ड रैल्स, कम्प्युटर का कीबोर्ड जैसी चीजों के बाह्य भागों को साफ रखना चाहिए।
• आप अपने स्वास्थ्य का निरीक्षण करते रहें, फ्लू के लक्षण और कैसा महसूस कर रहे हो।
• अपनी आंखों, नाक और मुंह को मत छुईए, क्योंकि एच-1-एन-1 वायरस इसी तरह फैलता है!
• यह बेहद आवश्यक है कि आपके बच्चे इन सभी बातों को अपने रोज़मर्रा के जीवन में अमल में लाएं।
यदि आपको फ्लू जैसी कोई बीमारी हो, तो संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए बुखार ठीक होने के बाद कम से कम 24 घंटों के लिए घर पर ही रहें, (इसका अर्थ यह है कि जब मरीज़ में दवा के बगैर बुखार के कोई लक्षण नज़र नहीं आ रहे हों)।

bindujain
12-02-2013, 08:58 AM
गर्भावस्था् और स्वाइन फ्लू


गर्भवती महिलाओं में किसी भी अन्य स्वस्थ वयस्कों की अपेक्षाकृत स्वाइन फ्लू के संक्रमण की चपेट में आने का खतरा बहुत अधिक रहता है । गर्भवती महिलाओं में यह एच-१-एन-१ फ्लू अनेक गंभीर समस्याओं का कारण बन सकता है ।

• किसी भी अन्य स्वस्थ वयस्कों की अपेक्षाकृत गर्भवती महिलाएं स्वाइन फ्लू के संक्रमण की चपेट में आने से और भी बीमार हो सकती हैं ।
• गर्भवती महिलाओं को अस्पताल में भर्ती कराने की नौबत आने का खतरा अधिक रहता है ।
• एच-१-एन-१ फ्लू का संक्रमण की अनेक गंभीर समस्याओं के अंतर्गत न्यूमोनिया, गर्भपात, मृत्यु आते हैं ।
• एच-१-एन-१ फ्लू का संक्रमण अजन्मे शिशु के लिए भी गंभीर समस्या बन सकता है ।

यदि आपमें फ्लू जैसे बीमारी के लक्षण दिखाई दे रहे हों, (जैसे कि बुखार, कफ, ठण्ड, या उल्टी जैसे लक्षण) या आप फ्लू से पीड़ित किसी रोगी के संपर्क में आई हों, तो आप अपने चिकित्सक से तुरंत संपर्क करे । जिन गर्भवती महिलाओं में फ्लू जैसे बीमारी के लक्षण दिखाई दे रहे हों, तो एच-१-एन-१ फ्लू को ठीक करने के लिए विषाणु रोधक (एंटीवायरल) दवाओं का उपयोग किया जाता है ।

bindujain
12-02-2013, 08:58 AM
एच-१-एन-१ फ्लू से बचाव

• स्वाइन फ्लू का टीका अवश्य लगवाए, जैसे ही टीका उपलब्ध हो, क्योंकि एच-1-एन-1 संक्रमण से बचाव के लिए यह सबसे बढ़िया रास्ता है । अपने चिकित्सक से सामान्य फ्लू के टीके के बारे में भी जानकारी ले लें । फ्लू से पूर्णरूपेण सुरक्षा के लिए दोनों ही टीकों की बेहद ज़रूरत होती है । दोनों ही टीकों की सिफारिश की जाती है, क्योंकि ये टीके न सिर्फ आपकी सुरक्षा करते हैं, बल्कि आपके उस गर्भस्थ शिशु की भी सुरक्षा करते है, जिसे 6 महीने की उम्र तक टीका नहीं दिया जा सकता है !

गर्भवती महिलाओं में एच-१-एन-१ फ्लू का टीका सुरक्षित माना जाता है । पिछले कई सालों से सामान्य फ्लू का टीका गर्भवती महिलाओं को दिया जा रहा है और यह टीका सुरक्षित और असरदायक दिखाई दिया है । एच-१-एन-१ फ्लू का टीका सामान्य फ्लू के टीके की तरह ही बनाया गया है।

यदि आपमें फ्लू जैसे बीमारी के लक्षण दिखाई दे रहे हों, (जैसे कि बुखार, कफ, ठण्ड, या उल्टी जैसे लक्षण) या आप फ्लू से पीड़ित किसी रोगी के संपर्क में आए हों, तो आप अपने चिकित्सक से तुरंत संपर्क करें। आपका चिकित्सक आपको एच-१-एन-१ फ्लू से बचाव के लिए ‘टेमीफ्लु‘ या ‘रेलेंज़ा‘ जैसी विषाणु रोधक (एंटीवायरल) दवाओं को 10 दिन तक लेने की सलाह दे सकता है ।

bindujain
12-02-2013, 08:59 AM
आपके और आपके परिवार के स्वास्थ्य की सुरक्षा के लिए हर दिन उठाए जाने वाले कदम –
आपके और आपके परिवार के स्वास्थ्य की सुरक्षा के लिए नीचे दी गई बातों को रोज़मर्रा के जीवन में अमल में लाए ।

• अपने हाथों को बार बार साबुन और पानी से करीब २० सेकंड तक धोएं। ये कई तरह के सामान्य संक्रमणों को रोकने के लिए सबसे बढ़िया उपाय है । यदि ये उपलब्ध नहीं है, तो हाथों को धोने के लिए एक अल्कोहल युक्त सेनिटाइजर का प्रयोग किया जा सकता है।
• खांसते या छींकते समय अपने मुंह और नाक को ढंकने के लिए रूमाल या टिश्यू पेपर का प्रयोग करना चाहिए। यदि टिश्यू पेपर नहीं है, तो अपनी कोहनी को मुंह के आगे रखकर खांसना या छींकना चाहिए ।
• अपनी आंखों, नाक और मुंह को मत छुईए, क्योंकि एच-1-एन-1 वायरस इसी तरह फैलता है !
• यदि संभव हो, तो जिन लोगों को फ्लु की बीमारी हो, उनसे दूरी बनाकर रहें, रोगी व्यक्ति से करीब ६ फीट की दूरी बनाए रखें ।
• दरवाजों के हैंडल, रिमोट कंट्रोल, हैण्ड रैल्स, कम्प्युटर का कीबोर्ड जैसी चीजों के बाह्य भागों को साफ रखना चाहिए।
• भीड़भाड़ वाली जगह पर जाने से बचें, क्योंकि वहां पर एच-१-एन-१ वायरस का खतरा और अधिक बढ़ जाता है ।
• आप अपने स्वास्थ्य का निरीक्षण करते रहें, साथ ही फ्लू के लक्षण पर भी नज़र रखें। और यह भी जाने कि आप कैसा महसूस कर रहे हो।
• फ्लू जैसी बीमारी से पीड़ित परिवार के किसी भी सदस्य की देखभाल के लिए घर में एक अलग ही कमरे की व्यवस्था करें । और यदि संभव हो तो बीमार पारिवारिक सदस्य की देखभाल के लिए किसी अन्य व्यक्ति को रखें ।

यदि आपमें फ्लू जैसे बीमारी के लक्षण दिखाई दे रहे हों, (जैसे कि बुखार, कफ, ठण्ड, या उल्टी जैसे लक्षण...

bindujain
12-02-2013, 09:00 AM
एच1एन1 हो तो क्*या करें

• यदि आप फ्लू के जैसी कोई बीमारी से पीड़ित हो, तो घर पर ही रहें। संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए अन्य लोगों के संपर्क में आने से बचें। आप अपना बुखार ठीक होने के बाद कम से कम 24 घंटों के लिए घर पर ही रहें, (इसका अर्थ यह है कि जब आपमें दवा के बगैर बुखार के कोई लक्षण नज़र नहीं आ रहे हों)।
• शरीर में शुष्कता (डिहायड्रेशन) से बचने के लिए पर्याप्त मात्रा में पानी और अन्य तरल पदार्थ पिएं।
• बुखार और कफ के उपचार के लिए दवाएं लें ।
• यदि आप बीमार हैं, या आप गर्भवती हैं, या आपका बच्चा 5 साल से कम उम्र का है, या आप अस्थमा, मधुमेह, या दिल की बीमारी से पीडित हैं, तो अपने चिकित्सक से तुरंत परामर्श लें।

JRodriguse
12-02-2013, 11:56 PM
यह सूत्र तो स्वास्थ्य विभाग में होना चाहिए, यहाँ क्या कर रहा है? :think: