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View Full Version : कहीं आपको थाइरॉइड तो नहीं


dipu
12-02-2013, 06:27 PM
अगर बिना ज्यादा मेहनत किए आपको थकान महसूस होती है, बेवजह वजन घटता बढ़ता है या फिर काम पर ध्यान नहीं दे पा रहे हैं, तो इन लक्षणों को हल्के में मत लीजिए और सतर्क हो जाइए। एक बार दिमाग पर जोर डालिए कि क्या यह सिर्फ उम्र बढऩे के लक्षण हैं या फिर थाइरॉइड नाम की बीमारी ने शरीर पर हमला बोल दिया है। असल में ज्यादातर मामलों में ओवरएक्टिव या अंडरएक्टिव थायरॉइड के लक्षण पता ही नहीं लग पाते।



इसलिए आपको यह समझना होगा कि टेस्ट कराने की जरूरत कब है। दरअसल, थाइरॉइड तितली के आकार की एक ग्रंथि है, जो गले में होती है। इसका काम मेटॉबालिज्म को नियंत्रित करने वाले हार्मोन बनाना है। ओवरएक्टिव थाइरॉइड होने पर ये हार्मोन तेज रफ्तारसे बहुत ज्यादा मात्रा में बनते हैं। अंडरएक्टिव थाइरॉइड में हार्मोन कम बनता है। इससे जुड़ा एक तथ्य यह भी है कि थाइरॉइड से महिलाओं को ज्यादा दिक्कत होती है।

dipu
12-02-2013, 06:28 PM
उम्रदराज महिलाओं में अक्सर हल्के ओवरएक्टिव या अंडरएक्टिव थाइरॉइड के लक्षण मिलते हैं, लेकिन वे इतने सक्रिय नहीं होते कि उनकी जांच कराने की जरूरत महसूस की जाए।

dipu
12-02-2013, 06:28 PM
मेडिसिन के क्षेत्र में इसे सब-क्लीनिकल थाइरॉइड की परेशानी के तौर पर जाना जाता है। इसका असर भी ओवरएक्टिव थायरॉइड जैसे ही होता है, लेकिन इसके लक्षण इतने मामूली होते हैं कि ज्यादातर लोगोंको इसका अहसास ही नहीं होता। हालांकि, जैसे ही पता लगे कि आप ओवरएक्टिव या अंडरएक्टिवथाइरॉइड से जूझ रहे हैं, तुरंत डॉक्टर से संपर्क करके थाइरॉइड हार्मोन टेस्ट करवाना चाहिए।

dipu
12-02-2013, 06:29 PM
ओवरएक्टिव थाइरॉइड का इलाज जरूरत से ज्यादा लंबा खिंचे या आपको हाशिमोटोज थायरॉइटिडिस नाम की थाइरॉइड समस्या है, आपका रेडियोएक्टिव आयोडीन या इंटरफेरॉन अल्फा (कैंसर के लिए) या इंटरल्यूकिन-2 (किडनी कैंसर के लिए) या एमियोडरोन (असमान्य हृदय गति के लिए) या फिर लिथियम (मूड डिस्ऑर्डर के लिए) से इलाज हुआ है, तो भी आप सब-क्लीनिकल थाइरॉइड की चपेट में आ सकते हैं।

dipu
12-02-2013, 06:30 PM
सामान्य थाइरॉइड गले में मौजूद थाइरॉइड ग्रंथियों से बनने वाले टी& और टी4 हार्मोन न सिर्फ हमारी हृदय गति को नियंत्रित करते हैं, बल्कि शरीर के तापमान के नियंत्रित करने के साथ - साथ भोजन को ऊर्जा में बदलने का काम भी करते हैं।हाइपोथैलमस में मौजूद थायरोट्रोपिन रिलीजिंग हार्मोन(टीआरएच) कफ ग्रंथि (पिट्यूटरी) को थाइरॉइड स्टिमुलेटिंग हार्मोन (टीएसएच) उत्सर्जन करने का निर्देश देता है, जो कि जवाब में थाइरॉइड को टी& और टी4 हार्मोन बनाने के लिए प्रेरित करती है। जैसे-जैसे टी3 और टी4 की रक्त सांद्रता (कंसेन्ट्रेशन ऑफ ब्लड) बढ़ती है, हाइपोथैलमस और कफ ग्रंथि थाइरॉइड हार्मोन के ब्लड लेवल को सामान्य रखने के लिए अपना-अपना हार्मोन उत्सर्जन बंद कर देते हैं।
कैसे करें थाइरॉइड की जांच
अमेरिकन थाइरॉयड एसोसिएशन के मुताबिक, अगर आपकी उम्र 60 साल से ज्यादा है, तो जरा भी लापरवाही आपके लिए भारी पड़ सकती है। शायद इसी
वजह से विशेषज्ञ सलाह देते हैं कि निश्चित रूप सेसब-क्लीनिकल ओवरएक्टिव थाइरॉइड की जांचकरानी चाहिए, भले ही आपको इसका कोई लक्षण न दिखाई पड़ रहा हो। एक सामान्य से ब्लड टेस्ट से ही इस बात का पता चल जाएगा कि आपको थाइरॉइड की समस्या है या नहीं।

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dipu
12-02-2013, 06:30 PM
कैसे करें थाइरॉइड का इलाज- आम तौर पर रजोनिवृत्ति के दौर से गुजर चुकी महिलाओं के सब-क्लीनिकल थाइरॉइड का इलाज नहीं होता। हार्वर्ड मेडिकल स्कूल से जुड़ी डॉ. जिल पॉलसन कहती हैं, 'ज्यादातर बुजुर्ग लोगों को तब तक सब-क्लीनिकलद थाइरॉइड के इलाज की सलाह नहीं दी जाती, जब तक लक्षण एकदम स्पष्ट न हों। ऐसी स्थिति में लोगों का इलाज जरूरत से ज्यादा होने का खतरा रहता है।

dipu
12-02-2013, 06:31 PM
अगर किसी का ओवरट्रीटमेंट हो जाए, तो उसे हृदयसंबंधी कोई समस्या हो सकती है या फिर बोन लॉस भी हो सकता है। यही वजह है कि डॉक्टर आमतौर पर इलाज से पहले थाइरॉइड के स्तर का अध्ययन करते हैं। हालांकि, सब-क्लीनिकल थाइरॉइड अलग होता है। डॉ. पॉलसन कहती हैं कि अगर किसी को ऑस्टियोपरोसिस याकिसी तरह की दिल संबंधी बीमारी का अहसास होता है, तो उसका तुरंत इलाजकिया जाता है। इसके लिए रेडियोएक्टिवआयोडीन का इस्तेमाल किया जा सकता है।इसके अलावा, मेथिमेजोल दवा से भी इसे काबू करने की कोशिश की जाती है। हार्वर्ड हेल्थ पब्लिकेशंस थाइरॉइड तो नहीं? अगर बेवजह थकान महसूस होती है और वजन में भी अप्रत्याशित गिरावट आ रही है, तो आपको सतर्क हो जाने की सख्त जरूरत है। ये लक्षण बता रहे हैं कि आपके शरीर में थाइरॉइड नाम की खतरनाक बीमारी ने घर बना लिया है। जानिए, क्या है यह बीमारी और उससे बचने के लिए किन बातों पर देना है ध्यान...कहीं आपको ओवरएक्टिव थाइरॉइड के लक्षण
- थकान का अहसास
- तेज धड़कन
- फोकस करने में परेशानी
-अचानक भूख बढऩा
-पसीना आना
- व्यग्रता, डर का अहसास
- वजन में तेज गिरावट
अंडरएक्टिव थाइरॉइड के लक्षण
-थकान का अहसास
-ज्यादा ठंड लगना
- मांसपेशियों में कमजोरी
- नाखून खराब होना
-आवाज कर्कश होना
- बेवजह वजन में बढ़ोतरी

dipu
12-02-2013, 06:31 PM
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सब-क्लीनिकल थाइरॉइड होता है अगर
- थाइरॉइड ग्रंथि बढ़ गई हो
-गले की ग्रंथियों में जलन हो
सामान्य थाइरॉइड से पहले गले में कुछ ऐसे होती हैं ग्रंथियां थाइरॉइड का स्तर जब बढ़ जाता है और वह ओवरएक्टिव हो जाता है तो गले में मौजूद ग्रंथियों कुछ इस तरह की हो जाती हैं मोटापे से हो सकता है डिप्रेशन मोटापा एक ऐसी दिक्कत है, जिसके कारण हम डायबिटीज, दिल की परेशानी और कुछ तरह के कैंसर जैसी बड़ी बीमारियों की चपेट में आ सकते हैं। लेकिन, फ्रांस में 10 साल तक 9,000 से ज्यादा बुजुर्गों पर हुई एक स्टडी में इसबात की पुष्टि हुई है कि मोटापे का संबंधमानसिक अवसाद से भी होता है। स्कूल के साइकेट्री विभाग में हार्वर्ड मेडिकल असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. माइकल क्रेग मिलर का कहना है, हां, मोटापे और डिप्रेशन का ताल्लुक है। इनमें पहली वजह से दूसरी और दूसरी वजह से पहली दिक्कत पैदा हो सकती है। मिलर बताते हैं कि डिप्रेशन और मोटापे को एक-दूसरे से मदद मिलती है। मुताबिक, 'मोटापे से दिमाग के उस हिस्से पर असर पड़ता है, जो हमारे मूड को नियंत्रित करता है। जब आपतनाव में होते हैं, तो एनर्जी कम रहती है और मोटिवेशन भी नहीं रहता है।

dipu
12-02-2013, 06:32 PM
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ऐसी स्थिति में शारीरिक गतिविधियों में भी काफी कमी आ जाती है। डिप्रेशन से गुजर रहे ज्यादातर लोग एक्सरसाइज से भी बचने लगते हैं। इसके परिणामस्वरूप, वजन में बढ़ोतरी होने लगती है। अगर दोनों दिक्कतों ने आपके शरीर पर कब्जा कर लिया है, तो उनकी पकड़ छुड़ाने में मुश्किल हो जाएगी। हालांकि, डॉ. मिलर कायह भी कहना है कि एक छोटा-सा बदलाव आपकी स्थिति बदल सकता है। उनके मुताबिक, 'कुछ लोग क्रेश डाइट और आसान व कम समय लेने वाले एक्सरसाइज प्रोग्राम अपना सकते हैं। शुरुआत में छोटे कदम उठाए जा सकते हैं। अगर आप इस प्रोग्राम को आजमाना चाहते हैं तो 15 मिनट की वॉक से शुरुआत कीजिए। इसके साथ ही ऐसे खाने से बचिए, जिनके बिना आपका काम चल सकता है। इन बदलावों को आसानी से अंजाम देने के लिए आप ऐसा दोस्त चुन सकतेहैं, जो ये सब करने में आपकी मदद करे। सबसे जरूरी ऐसी चीजें हैं, जिन्हें आप आगे बरकरार रख सकें।

dipu
12-02-2013, 06:33 PM
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अगर आपका वजन घटना शुरू होगा, तो इस बात की पूरी संभावना है कि आप बेहतर महसूस करेंगे। डॉ. मिलर का कहना है जब लोगों का वजन घटने लगता है, तो वे गर्व महसूस करते हैं, उनमें ज्यादा एनर्जी आती है। वह मानसिक रूप से ज्यादा सेहतमंद होते हैं और उनका मूड काफी सुधर जाता है। कई अन्य अध्ययनों में भी यह बात सामने आई है कि डिप्रेशन से शरीर पर खासा बुरा असर पड़ता है। जाहिर है, आप डिप्रेशन के साथ-साथ अन्य बीमारियां लेना पसंद नहीं करेंगे।