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View Full Version : .क्या कभी लिखा ...इसकी पीड़ा पर ..


dipu
14-02-2013, 11:36 AM
अब आप ही बताइये .............प्यार और इंसानों पर सभी लिखते हैं भैंस पर कौन लिखेंगा जो देती हैं हमें दूध जो रोज चाय बनकर आता हैं हमारे सामने ताजगी देने के लिए ...जीव तो जीव हैं क्या इंसान और क्या जानवर..भैस पर क्या गुजरती हैं क्या कभी किसी ने जाना ..क्या कभी लिखा ...इसकी पीड़ा पर ..


पीपल के पेड़ों से छनकर आई
धूप के नीचे
मेरी भैंस जुगाली की सवारी कर रही है,
जब वह जुगाली का स्वाद
गले में गटकती है
मैं खुश होता हूं
परन्तु जुगाली के बाद भी
जब वह दूध नहीं देती है
मैं उदास हो जाता हूं
हर बार मै दूध देने के लिए
उसे मजबूर नहीं कर सकता हूँ
मैं बैठ जाता हूँ दूध निकालने
उसे लंबा सा इंजेक्शन देकर ,

यहां हमारे जैसे बहुत से परिवार हैं
जो भैंसों को कठोर इंजेक्शनों से बींध देते है
हर रोज़ दूध निकालने से पहले
जीवाणुओं से सताया हुआ और
मच्छरों का खाया हुआ
भैंस का छोटा बच्चा
निशब्द दीर्घ कराह के साथ
त्वचा के उस पोर की पीडा सुनता है
जो माँ के साथ होता है हर रोज
हर रोज थनो में गर्म हो रहै दूध को
खुद ही सारा का सारा
पीने की चाह रखता है
मुझे उनसे ज्यादा खुशी महसूस नहीं होती
मुझे उनसे कम खुशी महसूस नहीं होती
तो भी मेरा मन अचानक गहराने लगता है,

हाथी अपनी सूंढ़ को उठाकर गिराता है
मगरमच्छ जिन्दा रहता है खामोशी के साथ
छलांग लगाता है हिरण
शेर रहता हैं ताक में शिकार की
भेडिये और लकड़बग्गे भागते हैं
चारो और जंगल में
जंगली सूअर और नील गाय
चरते रहते हैं दिन भर घास को
और मस्ती से झूमते हैं खरगोश
मगर भैंस किस तरह जहर का स्वाद
चखती है सुई से
दूध के स्वाद के साथ
इंजक्शन के जहर का
जो दूध बनाकर हमारे खून को
जहर बना रहा है
अब आप ही बताइये
किस तरह का जानवर
कहा जा सकता है हमको ? .............रवि विद्रोही