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View Full Version : कहाँ हैं भगवान ?


aspundir
19-02-2013, 08:02 PM
एक आदमी हमेशा की तरह अपने नाई की दूकान पर बाल कटवाने गया.


बाल कटाते वक़्त अक्सर देश-दुनिया की बातें हुआ करती थीं….

आज भी वे सिनेमा, राजनीति और खेल जगत , इत्यादि के बारे में बातकर रहे थे
कि अचानक भगवान् के अस्तित्व को लेकर बात होने लगी.

नाई ने कहा , “ देखिये भैया ,आपकी तरह मैं भगवान् के अस्तित्व में यकीन नहीं रखता.”

“तुम ऐसा क्यों कहते हो?”,आदमी ने पूछा .

“अरे , ये समझना बहुत आसान है ,

बस गली में जाइए और आप समझ जायेंगे कि भगवान् नहीं है.

आप ही बताइए कि अगर भगवान् होते तो क्या इतने लोग बीमार होते?

इतने बच्चे अनाथ होते ?

अगर भगवान् होते तो किसी को कोई दर्द कोई तकलीफ नहींहोती

”,नाई ने बोलना जारी रखा ,

“मैं ऐसे भगवान के बारे में नहीं सोच सकता जो इन सब चीजों को होने दे .आप
ही बताइए कहाँ है भगवान?”

आदमी एक क्षण के लिए रुका , कुछ सोचा, पर बहस बढे ना इसलिए चुप ही रहा .

नाई ने अपना काम ख़तम किया

और आदमी कुछ सोचते हुए दुकानसे बाहर निकला और कुछ दूर जाकर खड़ा हो गया. .

कुछ देर इंतज़ार करने के बादउसे एक लम्बी दाढ़ी – मूछ वाला अधेड़
व्यक्ति उस तरफ आता दिखाई पड़ा,

उसे देखकर लगता था मानो वो कितने दिनोंसे नहाया-धोया ना हो.

आदमी तुरंत नाई कि दुकान में वापस घुस गया और बोला ,

“ जानतेहो इस दुनिया में नाई नहीं होते!”

“भला कैसे नहीं होते हैं?, नाई ने सवाल किया, “ मैं साक्षात तुम्हारे सामने हूँ!! ”


“नहीं ” आदमी ने कहा, “ वो नहीं होते हैं, वरना किसी की भी लम्बी दाढ़ी –
मूछ नहीं होती पर वो देखो सामने उस आदमी की कितनी लम्बी दाढ़ी-मूछ है !!”

“अरे नहीं भाई साहब नाई होते हैं लेकिन बहुत से लोग हमारे पास नहीं आते .” नाई बोला

“बिलकुल सही ” आदमी ने नाई को रोकते हुए कहा ,”यही तो बात है , भगवान भी
होते हैं पर लोग उनके पास नहीं जाते और ना ही उन्हें खोजने का प्रयास
करते हैं, इसीलिए दुनिया में इतना दुःख-दर्द है.”