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View Full Version : एक और 'दामिनी' सीकर (राजस्थान) से


jai_bhardwaj
20-02-2013, 11:04 PM
प्राक्कथन: चौंकिए नहीं जनाब बल्कि तैयार हो जाईये .. एक बार फिर से कुछ नारे लिखी हुयी तख्तियों के साथ ... महिला उत्पीडन का विरोध दर्ज करने के लिए .. प्रशासन को चौकन्ना करने के लिए सड़कों पर चल रहे वाहनों पर तोड़फोड़ करने के लिए ... रेल रोको आन्दोलन का नेतृत्व करने के लिए ... हाँ, सच है .. हम यही सब कुछ करते हैं ... और फिर चुप हो कर अपने अपने काम में लग जाते हैं .... दरअसल ऐसा करके हम अपने सामाजिक कर्तव्यों से मुक्त हो जाते हैं ... यह मुक्ति हमें सामाजिक प्रतिष्ठा दिलाती है ... यही सामाजिक प्रतिष्ठा हमें सहज शान्ति दिलाती है। सहज शान्ति हमें आत्मिक संतोष प्रदत्त करता है और यही आत्मिक संतोष हमें पुनः ऐसे तथाकथित सामाजिक कर्तव्यों को करने के लिए प्रेरित करता है। अंत में हम इसी प्रेरणा के वशीभूत होकर समाज में घटित किसी भी घटना की ओट में स्वयं को खडा हुआ पाते हैं।:think::think::think:

jai_bhardwaj
20-02-2013, 11:05 PM
तुम सबने मुझे वहीं सीकर में ही अकेले मरने के लिए क्यों नहीं छोड़ दिया था? यहाँ क्यों लाये हो मुझे? कितनी तकलीफ और दर्द है मुझे यहाँ। ......... समूह-बलात्कार का शिकार एक ग्यारह वर्षीय बच्ची।

jai_bhardwaj
20-02-2013, 11:05 PM
अधिकारियों ने ऍफ़ आई आर (fir) दर्ज करने में बहुत बिलम्ब किया। वे मेरी बहन को बलात्कार होने से बचा सकते थे। हमें अब धन नहीं चाहिए। मैं बस इतना चाहती हूँ कि मेरी बहन का उस अस्पताल में अच्छे से अच्छा इलाज हो जहाँ के डाक्टर हमें हर स्थिति और प्रतिपल की खबर देते रहें। .............पीड़ित बच्ची की बहन चाँदनी।

jai_bhardwaj
20-02-2013, 11:06 PM
लोग कहते हैं कि बिहार एक भ्रष्ट राज्य है। किन्तु यह घृणित घटना तो बिहार में नहीं बल्कि राजस्थान में घटित हुई है। मैं किसी पर भी भरोसा नहीं कर पा रही हूँ। हमें नहीं पता कि मेरी बच्ची की हालत अब कैसी है? अशोक गहलोत जी कह रहे हैं कि वे मेरी बच्ची को बेहतर इलाज के लिए विदेश भेजेंगे .. मगर कब? .............. पीड़ित बच्ची की माँ।

jai_bhardwaj
20-02-2013, 11:07 PM
बच्ची अभी शिनाख्त परेड की स्थिति में बिलकुल भी नहीं है। इस विषय में जब हमने डाक्टरों से विचार विमर्श किया तो उन्होंने हमें बताया कि अभी ऐसी स्थिति आने में काफी समय लगेगा। यह निश्चित है कि जैसे ही शिनाख्त परेड संपन्न हो जायेगी हम तत्काल मुकदमा पेश कर देंगे। ............... गौरव श्रीवास्तव एसपी सीकर।

jai_bhardwaj
20-02-2013, 11:07 PM
समूह-बलात्कार के द्वारा आयी आंतरिक चोटों के कारण पीड़ित बच्ची मूत्र विसर्जन और मल विसर्जन, दोनों ही योनिमार्ग के माध्यम से कर रही है। हमने बच्ची की यौनिक नसों और मांसपेसियों को दुरुस्त करने के उद्देश्य से उसकी 'विजाइनोप्लास्टी' और 'इंडो रेक्टोप्लास्टी' जैसी सर्जरी की हैं। पीडिता को बहुत सारे इन्फ़ेक्शन्स भी हैं। ................ डा. एस डी शर्मा।

jai_bhardwaj
20-02-2013, 11:09 PM
सीकर (राजस्थान) में समूह बलाक्तार के बाद शारीरिक और मानसिक रूप से विदीर्ण हो चुकी ग्यारह वर्षीय बालिका छह विजाइनल सर्जरी, जयपुर ने छ: महीने आईसीयू में रहने के बाद अब दिल्ली के एम्स में और अधिक पीड़ा और सर्जरीज को भोग रही है। बदनसीब माँ और बहन बस उसके जीवित रहने के लिए प्रार्थना कर रही हैं।

jai_bhardwaj
20-02-2013, 11:10 PM
फोन पर आ रही एक बच्ची की आवाज बहुत ही कारुणिक और चौंकाने वाली थी," पहले मैं चल फिर सकती थी ... किन्तु अब नहीं। उन आदमियों ने मेरे साथ बहुत गंदी बात की। मैं बहुत डरी हुई हूँ कि वे कहीं यहाँ आकर मुझे जान से न मार डालें। दीदी, क्या तुमने उन्हें जेल भिजवा दिया है? आप मुझे इन्साफ दिलाओगे न? मुझे दर्द होता है बहुत .. मैं यहाँ ठीक हो जाऊँगी न? ........" वह अपनी दर्द भरी वाणी में कुछ और प्रश्न करती .. उसकी सिसकती हुयी बहन ने फोन को बंद कर दिया।

jai_bhardwaj
20-02-2013, 11:10 PM
पीडिता की बहन बहुत डरी हुई है क्योंकि एम्स के एक प्राइवेट वार्ड में, जहाँ पर जयपुर के जेके लोन पैडियाट्रिक अस्पताल के आईसीयू में छह माह व्यतीत करने के बाद आयी उसकी मासूम छोटी बहन का इलाज हो रहा है, किसी ने हिदायत दी थी कि बच्ची के विषय में किसी भी प्रकार की जानकारी प्रेस अथवा मीडिया को न देना।

jai_bhardwaj
20-02-2013, 11:11 PM
सीकर के एक छोटे से गाँव में दो आदमियों द्वारा पिछले वर्ष की 20 अगस्त को इस ग्यारह वर्षीय बालिका के साथ समूह बलात्कार किया गया था। चार अन्य आदमियों ने बलात्कारियों को छुपाने और साक्ष्य मिटाने का कार्य किया था। यह बच्ची जयपुर के जेके लोन पैडियाट्रिक अस्पताल के आईसीयू में 22 अगस्त से भर्ती थी। तब से अब तक उसे चार बड़ी और दो छोटी विजाइनल सर्जरीज को झेलना पडा है, 14 छोटे प्रोसीजरल आपरेशन्स, बारम्बार संक्रमण और निर्बाध पीड़ा के बाद भी पीडिता सामान्य जीवन से अभी कोसों दूर है।

समूह बलात्कार के कारण उसकी विजाइना इतनी बुरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गयी है कि विदीर्ण योनिमार्ग मलद्वार में समा गया है। डाक्टरों ने उसके पेट से एक कृतिम नली बनायी है ताकि वह मलत्याग कर सके। "वह मूत्र विसर्जन और मल विसर्जन, दोनों ही क्रियाएं योनिमार्ग के माध्यम से कर रही है" बच्ची की सर्जरीज को अंजाम देने वाले डाक्टर एल डी अगरवाल ने आगे बताया,"हमने विजाइनोप्लास्टी एवं इंडो रेक्टोप्लास्टी जैसी शल्य क्रियाएं की हैं ताकि बच्ची की विजाइनल नसें और माँसपेशियाँ फिर से कार्य करने लगें।"

jai_bhardwaj
20-02-2013, 11:12 PM
बच्ची की अंतिम सर्जरी 13 जनवरी को संपन्न हुयी थी। डाक्टरों के अनुसार अब अगले तीन माह बाद ही वे नई सर्जरी कर सकेंगे किन्तु इस बीच बच्ची के घावों को नियिमित रूप से साफ़ स्वच्छ रखना पडेगा। इतने सारे दिनों तक हर पल अस्पताल के परिसर में बैठी रहने वाली पीडिता की माँ ने आखिर जब जयपुर अस्पताल में हो रहे इलाज पर प्रश्न चिन्ह लगाया तो 7 फरवरी 2013 को सड़क मार्ग से लाकर बच्ची को दिल्ली के एम्स में भरती कराया गया है। जहाँ पर बदले परिवेश में पीडिता हक्कीबक्की लेटी हुयी अगले इलाज की प्रतीक्षा कर रही है वहीं पर पीडिता की माँ एवं बड़ी बहन चाँदनी बारी बारी से (कोइ एक बच्ची के पास रहती है) एम्स के अहाते में कंपकपाती ठण्ड में ठिठुरकर रातें गुजार रही हैं।

"यहाँ पर डाक्टरों ने बताया है कि वे मेरी बहन को आठ दिनों के लिए आब्जर्वेशन में रखेंगे और इसके उपरान्त ही इलाज के विषय में निर्णय लेंगे। उन्होंने यह भी कहा है कि वे अभी किसी भी प्रकार की सर्जरी नहीं कर सकेंगे। वे आठ दिनों के बाद मेरी बहन को यहाँ से डिस्चार्ज कर देंगे और फिर एक माह बाद सर्जरी करेंगे। लेकिन सवाल यह उठाता है कि यहाँ से डिस्चार्ज होने के बाद हम कहाँ जायेंगे?" चिंतित स्वर में चांदनी के पूछा।

jai_bhardwaj
20-02-2013, 11:13 PM
ग्यारह वर्षीया पीडिता अपनी मेडिकल कंडीशन से अनजानी है। "उस घटना के दिन से आज तक मेरी बहन मुस्कुराई नहीं है। उसे नहीं पता है कि वाकयी उसके साथ क्या दुर्घटना घटित हुयी है .. सब कुछ अप्रत्याशित ही तो है।" चांदनी धीरे से बुदबुदायी।

पीडिता को देखने वाले साइकोलोजिस्ट का कहना है कि बच्ची मानसिक रूप से स्थिर है। जबकि बच्ची की माँ कुछ और ही बात बता रही हैं, " मेरी बेटी आधी रात को जग जाती है और पूछती है,'क्या मैं अभी ज़िंदा हूँ? क्या वे (बलात्कारी) मुझे मार डालेंगे? क्या वे जानते हैं कि मैं यहाँ हूँ?'" जब उसका दर्द उसकी सहनशक्ति से परे हो जाता है तो वह अपनी माँ से कह उठती है,'तुम मुझे अस्पताल में क्यों लाई हो? क्यों नहीं उस दिन मुझे सड़क पर मर जाने दिया?'

jai_bhardwaj
20-02-2013, 11:14 PM
" लोग मेरी बच्ची से मिलने आते थे और इसके भविष्य के विषय में आश्वासन भी देते हैं किन्तु मुझे पता है कि यह सब बेमतलब की बाते हैं। डाक्टरों ने हिदायत दे रखी थी कि बच्ची से मिलने आने वाले नेताओं से मैं यहाँ होने वाली असुविधा के लिए कदापि ना कहूँ।" घबराई हुयी पीडिता की माँ कह रही है। यद्यपि अस्पताल प्रशासन ने बच्ची की माँ की बातों को सिरे से खारिज करते हुए कहा है कि वे पीडिता का उत्कृष्ट इलाज कर रहे थे। " उपेक्षा का कोई प्रश्न ही नहीं है। अलबत्ता हमने उचित समय पर आपरेशन्स किये हैं अन्यथा अब तक उसकी जान बचाने के लाले पड़ गए होते।" जयपुर के जेके लोन पैडियाट्रिक अस्पताल के डा एस डी शर्मा ने आगे कहा,"लेकिन यह सच है कि कोई कोई संक्रमण लगातार बने रहे जिनके कारण इलाज का सकारात्मक पहलू नहीं नज़र आया। लडकी मौखिक रूप से किसी भी प्रकार का तरल ले सकने की स्थिति में नहीं है इसलिए वह आईवी की स्थिति में है।"

jai_bhardwaj
20-02-2013, 11:14 PM
यदि अभी हाल ही में दिल्ली में हुए समूह बलात्कार की घटना को सामने रखें तो यह बच्ची कभी भी वेंटिलेटर में नहीं रखी गयी है। " इन दोनों घटनाओं में तुलनात्मक अध्ययन नहीं किया जा सकता है क्योंकि दिल्ली के मामले में जहाँ अंग प्रत्यारोपण की आवश्यकता थी वहीं इस घटना में हम चीथड़ों में बँटी कोशिकाओं और मांसपेशियों को फिर से दुरुस्त करने का प्रयत्न कर रहे हैं।"डा शर्मा ने बताया। अपने डाक्टरी जीवन में बहुत से बलात्कार के मामलों को देख चुके डा शर्मा बताते हैं,"राजस्थान में अल्पायु बालिकाओं के साथ घटित बलात्कार के मामले हमारे अस्पताल में आते रहते हैं किन्तु यह मामला बहुत ही पेचीदा था।" हालांकि बालिका के मलमार्ग और मूत्रमार्ग के एक ही होजाने के विषय में पूछने पर वह कन्नी काटते नज़र आये और इस विषय पर अपना मंतव्य प्रकट नहीं किया कि दिल्ली मामले जैसे ही इस मामले में भी बालिका के अविकसित जननांगों में किसी वस्तु को जबरदस्ती घुसाया गया है अथवा नहीं। हाँ, उन्होंने यह अवश्य स्पष्ट किया कि, " इस प्रकार की पेचीदगी जबरदस्ती मानव लिंग प्रवेश से भी संभव है।"

jai_bhardwaj
20-02-2013, 11:15 PM
"मेरी बेटियाँ ही मेरा सहारा हैं। मेरा बेटा बिहार में अपनी ससुराल में रहता है और वह हमलोगों से कोई मतलब भी नहीं रखता है। हमलोग चांदनी की शादी की तैयारी कर रहे थे कि अचानक ही इनके पिता की मृत्यु हो गयी और अब यह दुर्घटना घट गई।" सुबुकती हुयी पीड़ित बच्ची की माँ ने कहा। घटना के दिन के बाद से माँ बेटी सीकर नहीं गयी हैं। जयपुर में उन्हें किसी एनजीओ की मदद से एक धर्मशाला में पनाह मिली थी।

इस मामले में दखल देनेवाली एक एनजीओ कार्यकर्ता नसीमा गहरी वेदना के साथ कहती हैं कि, "बच्ची की माँ और बहन को कैसे बताया जाए कि यह कभी भी अपनी सामान्य जिन्दगी नहीं जी सकेगी। गर्भाशय में पहुँची गहरी चोट के कारण अब यह कभी भी माँ नहीं बन सकेगी। इसके वैवाहिक संबंधों में भी अडचने आ सकती हैं। दरभंगा (बिहार) से आव्रजित यह परिवार बहुत ही गरीब है।"

छह संतानों में सबसे छोटी यह पीड़ित बच्ची बिहार के औरंगाबाद से विस्थापित होकर पिछले वर्ष ही यहाँ राजस्थान आने वाले एक अंत्यंत गरीब मुस्लिम परिवार से सम्बन्ध रखती है। पिता की असामयिक मृत्यु के बाद वह अपनी माँ और बड़ी बहन के साथ सीकर में रहकर घरेलु नौकरानी का कार्य करने वाली अपनी एक दूसरी विवाहित बड़ी बहन के पास आकर रहने लगी थी।

jai_bhardwaj
20-02-2013, 11:16 PM
वह ईद का दुर्भाग्यशाली दिन था जब यह ग्यारह वर्षीय लडकी अपनी सोलह वर्षीय बड़ी बहन चांदनी और पड़ोस की लडकी मुन्नी के साथ समीप के सिनेमा हाल में शाम ( 6 से 9 बजे) का शो देख कर वापस आ रही थी तभी मार्शल महिन्द्रा में सवार दो लोगों ने उसे जबरदस्ती उठा लिया था। चांदनी के अनुसार, " अब्बू के बिना यह हमारी पहली ईद थी इसलिए हम सभी हताश और दुखी थे। तभी पड़ोस से मुन्नी आई और हमे मिठाई देते हुए नज़दीक के सिनेमाहाल में लगी मूवी देखने का आग्रह करने लगी। फिर हम तीनों लगभग दस मिनट की पैदल दूरी पर स्थित निकटवर्ती सिनेमाहाल में मूवी देखने लगे थे। वहीं पर वे दोनों पुरुष भी मूवी देख रहे थे। एक तो मूवी मजेदार नहीं थी और दूसरे रात भी हो रही थी इसलिए हम तीनों ने बीच में ही मूवी छोड़ कर बाहर निकल आयी और घर की तरफ आने लगी थी। हमें नहीं पता था कि वे हमारा पीछा कर रहे हैं। अचानक ही उन्होंने मुन्नी के दुपट्टे को पकड़ कर घसीटा किन्तु किसी प्रकार से मुन्नी बच निकली। तभी उन्होंने मेरी बहन को पकड़ लिया और खिड़की के रास्ते उसे कार के अन्दर डाल लिया और कार को भगा दिया। हम लोग चिल्लाते हुए कार का पीछा भी किया किन्तु वे मेरी आँखों के ओझल हो कर दूर चले। तब हम समीप के पुलिस स्टेशन जाकर इस बात की सूचना दी और कार का नंबर बताते हुए उसके गंतव्य की दिशा बताई और मेरी बहन को बचाने की गुहार लगाई किन्तु पुलिसवालों ने हमारी एक नहीं सुनी और बिना ऍफ़ आई आर लिखे ही हमें भगा दिया।"

jai_bhardwaj
20-02-2013, 11:17 PM
चांदनी ने सुबुकते हुए आगे बताया, "जब अगले दिन हम इलाकाई लोगों और नज़दीकी स्कूल की एक टीचर सरोज को साथ लेकर फिर से थाने के सामने जाकर धरना प्रदर्शन करने लगे तब जाकर पुलिस ने हमारी ऍफ़ आई आर दर्ज की और उसी दिन अपरान्ह चार बजे अधमरी हालत में मेरी बहन को हाइवे के किनारे से बरामद कर लिया। यदि पुलिस समय पर कार्यवाही करती तो निश्चित ही मेरी बहन आज सुरक्षित दशा में होती।"

"सरोज पहले हमें सपोर्ट कर रही थी और हमारी ऍफ़ आई आर दर्ज कराने में सहायता भी की थी। किन्तु जब बाद में उन्हें पता चला कि अभियुक्त उनकी जात बिरादरी से हैं तो वह हमारा साथ छोड़ गयी और उलटे हमें केस रफा दफा करने और वापस लेने के लिए दबाव डालने लगी। मुझे आश्चर्य है कि एक स्कूल टीचर हो कर भी वह अभियुक्तों का साथ दे रही थी। वह भी सिर्फ इसलिए क्योंकि वे उनकी जात विरादर के हैं। मैं स्कूल कभी नहीं गयी हूँ किन्तु मैं यह बात अच्छे से जानती हूँ कि जब नारी की इज्जत और आबरू की बात हो तो जात-विरादरी पीछे छूट जाती है।" :bravo: चांदनी ने आंसू पोछते हुए कहा।:iagree:

jai_bhardwaj
20-02-2013, 11:18 PM
एनजीओ की महिला कार्यकर्ता नसीमा ने बताया कि इस ग्यारह वर्षीया पीडिता ने उन्हें बताया था कि इन दोनों अभियुक्तों ने मुन्नी के दुपट्टे से उसकी आँखों में पट्टी बाँध दिया था और उसके अपने कपड़ों से उसके हाथ और पैर बाँध दिए थे।

गौरव श्रीवास्तव, सीकर एस पी के अनुसार उन्होंने घटना के दो दिनों के अन्दर दोनों अभियुक्तों सुरेश जाट (25 वर्ष) और रमेश शर्मा ( 26 वर्ष ) को गिरफ्तार कर लिया है। उन्होंने आगे बताया कि, "इस घटना के विषय अभियुक्तों की संख्या को लेकर तमाम तरह की अफवाहें गर्म हैं ... कुछ लोग छह लोगों के होने की बात कहते हैं तो कुछ लोग कोई और संख्या बता रहे हैं किन्तु सच यही है कि गिरफ्तार किये गए दोनों अभियुक्तों ने ही सीकर के एकांत क्षेत्र में बच्ची से बलात्कार किया है। हमने गाडी नंबर के आधार पर अभियुक्तों की पहचान की और मोबाईल काल के आधार पर उन्हें ट्रेस कर के गिरफ्तार कर लिया है। यद्यपि अभियुक्तों ने घटना के बाद से ही चालाकी पूर्वक फोन को स्विचआफ कर लिया था किन्तु हमने उनके नंबर से की गयी आख़िरी काल के आधार पर हम उन लोगों तक पहुँच गए जिन्होंने इस अपराध में उनकी सहायता की थी।"

jai_bhardwaj
20-02-2013, 11:19 PM
"इस अपराध के सहयोगी रहे गिरधारी लाल और योगराज ने न केवल अपराधियों को नए कपडे दिए बल्कि उन्हें 500 रूपये भी दिए थे। क्योंकि अपराधियों के कपडे बुरी तरह से खून से तरबतर थे अतः इन दोनों सहयोगियों ने उन्हें न केवल वस्त्र उपलब्ध करवाए बल्कि कुछ धन भी दिया ताकि वक्त पर काम आ सके और यह सब तब हुआ जब बच्ची का एक दिन पूर्व बलात्कार हो चुका था और वह अभी तक कार की डिक्की में लस्तपस्त मौजूद थी। इसके बाद इसे हाइवे के किनारे लावारिस हालत में छोड़ कर दोनों अभियुक्त अपने मित्र राधे श्याम और रोमा राम के पास छिप गए। राधेश्याम और रोमाराम ने इन्हें न केवल शरण दी बल्कि इन्हें भोजन भी मुहैया कराया। इस प्रकार ये दोनों भी इस जघन्य अपराध के साथी बन गए। इन्ही के पास से ये दोनों अभियुक्त गिरफ्तार किये गए।" एस पी सीकर ने अपनी बात सम्पूर्ण करते हुए कहा।

"पीडिता के कान की बालियाँ और उसकी चूड़ियाँ अपराधियों की कार में बरामद हुयी हैं। एक बयान में बच्ची ने कहा है कि वह अन्य चारों को पहचान नहीं सकती है किन्तु कार में पड़े पड़े ही उसने गिरधारी लाल और योगराज के मकान को अच्छे से देखा है और उसे पहचान सकती है। दोनों अभियुक्तों की वार्तालाप से बच्ची ने यह जान लिया था कि यहाँ पर उन्हें नए कपडे मिले हैं और साथ ही साथ 500 रूपये भी। गिरधारी लाल और योगराज को हाईकोर्ट से जमानत मिल चुकी है जबकि सुरेश शर्मा और रमेश जाट दोनों अभी जेल में बंद हैं। पीडिता अभी शिनाख्त परेड करने की स्थिति में नहीं है इसलिए हमने डाक्टरों से अनुरोध किया है कि जैसे ही वह इस स्थिति में आ जाए तो पुलिस को सूचित किया जाए। जैसे ही शिनाख्त परेड संपन्न हो जाती है .. हम अविलम्ब न्यायालय में वाद प्रस्तुत कर देंगे।" एस पी सीकर ने अंततः अपना पक्ष रखते हुए आपनी बात समाप्त की।

jai_bhardwaj
20-02-2013, 11:20 PM
पीडिता के वकील पुरषोत्तम शर्मा ने भी यही बात दुहराई कि जैसे ही शिनाख्त परेड हो जायेगी वैसे ही वाद अदालत में पहुँच जाएगा।

बरामद होने के बाद बच्ची को सीकर के अस्पताल में ले जाया गया था। तदुपरांत उसे जयपुर के महिला चिकित्सालय में भरती कराया गया था और बाद में 22 अगस्त को वह जयपुर के ही जेके लोन पैड्रीयाट्रिक अस्पताल में शिफ्ट कर दी गयी थी। यहाँ पर उसका इलाज गायनालाजिस्ट एवं सर्जन सहित आठ चिकित्सकों के पेनल के द्वारा किया जा रहा था।

इस विषय में डा एल डी अग्रवाल बताते हैं कि, 'पीड़ित बच्ची के आने के पांच घंटों के बाद हम इसकी चोटों की गंभीरता और पेचीदगियों को समझ सके थे। साथ ही साथ वह घटना के लगभग 48 घंटों के बाद हमारे पास आयी थी इसलिए उसकी चोटें विकृत हो चुकी थी।"

jai_bhardwaj
20-02-2013, 11:21 PM
यद्यपि सरकारी खजाने से पीड़ित परिवार को पांच लाख का एक ड्राफ्ट मिला है किन्तु इससे परिवार संतुष्ट और खुश नहीं है। "हमें धन नहीं चाहिए। बच्ची एक बार ठीक हो जाए तो हम बहुत कमा लेंगे। हमें सिर्फ और सिर्फ बच्ची की सकुशल वापसी चाहिए।" बिलखती हुई पीडिता की माँ ने आगे कहा था ," हमें नहीं पता कि मेरी बेटी की मेडिकल कंडीशन क्या है। डाक्टर हमें कुछ भी नहीं बताते हैं। मुख्यमंत्री ने बेटी को बेहतर इलाज के लिए विदेश भेजने को कहा है किन्तु आखिर कब भेजेंगे? क्या उसके मरने के बाद?"

"मैं अपनी बहन को विदेश नहीं भेजना चाहती बल्कि मैं तो चाहती हूँ कि उसका इलाज यहीं भारत में किसी अच्छे प्राइवेट अस्पताल में हो जहाँ के डाक्टर ईमानदार हों और हमें उसके विषय में सही सही सभी सूचनाएं देते रहें।" चांदनी ने फ़रियाद करते हुए कहा।

jai_bhardwaj
20-02-2013, 11:22 PM
माँ और बहन दर्द से चीखती हुयी इस ग्यारह वर्षीय बच्ची को निसहाय दृष्टि से देखती रहती हैं और साथ ही साथ अभियुक्तों की ओर से आ रही धमकियों का भी सामना कर रही हैं। "जयपुर के अस्पताल के आईसीयू में इन्ही अभियुक्तों का एक रिश्तेदार आया था और हमें दस लाख रुपयों का लालच देते हुए केस को वापस लेने को कहा था। इस विषय पर उसने मेरे मोबाइल पर भी बात कही थी।" चांदनी ने आगे बताया, "सुरेश जाट का राजनैतिक मेल मिलाप है।हमें आश्चर्य है कि जहाँ एक ओर प्रेस और मीडिया के लोग मेरी बहन से मिलने के लिए अस्पताल प्रबंधन से बार बार असफल अनुरोध करते रहे हैं वहीं अभियुक्तों का रिश्तेदार सीधे आईसीयू में पहुँच जाता है।" चांदनी के चेहरे पर झुंझलाहट के भाव स्पष्ट नज़र आ रहे थे।

jai_bhardwaj
20-02-2013, 11:23 PM
"मेरे विचार से सरकार इस बच्ची के लिए कुछ ठोस कार्यवाही नहीं कर रही है। या फिर शायद मीडिया ने इस घटना को गंभीरता और प्रचुरता से हाईलाईट नहीं किया है।" एनजीओ की महिला कार्यकर्ता नसीमा ने कहा था।

(साभार: मूल अंगरेजी संस्करण - 'दी पायोनियर' अखबार (10-02-2013), हिंदी अनुवाद प्रस्तोता द्वारा)

jai_bhardwaj
20-02-2013, 11:27 PM
मित्रों, यह कहानी एक जीवित 'दामिनी' की है। क्या सचमुच यह घटना हृदय विदारक नहीं है?:think:
ऐसे अपराधियों के लिए सरकार कोई ठोस क़ानून क्यों नहीं बना रही है? :think:
क्या ऐसे क़ानून से उसे किसी अपने पर गाज गिरती दिखाई दे रही है?:think:
या फिर सरकार के नुमाइन्दे सिर्फ कठपुतली मात्र हैं? :think:

Dark Saint Alaick
20-02-2013, 11:57 PM
आपने बहुत विचारोत्तजक सूत्र स्थापित किया है, मित्र। किन्तु सिर्फ यही कहूंगा कि एक और नहीं ... अनेक दामिनियां ... और इसके बावजूद राजस्थान के माननीय मुख्यमंत्री ही नहीं, विपक्षी भाजपा के नेता तक मुंह पर ताला लगाए बैठे हैं। सीकर में दरिंदगी का शिकार हुई बिहार की यह मासूम बच्ची राजस्थान में दरिंदगी का शिकार हुई एकमात्र नहीं है, ऎसी अनेक घटनाएं हाल के महीनों में दर्ज हुई हैं। ऎसी अनेक घटनाएं हैं, जिनमें पीड़िताएं न्याय के लिए दर-दर भटक रही हैं। ऐसा ही एक शर्मनाक वाकया नम आंखों और थरथराती अँगुलियों से यहां लिखते हुए मैं बेहद शर्मिन्दा हूं कि मेरे शहर में जब संप्रग की महानतम अध्यक्ष श्रीमती सोनिया गांधी और दलितों के मसीहा के रूप में बहु-प्रचारित श्री राहुल गांधी सहित हिन्दुस्तान की समूची राजनीति देश की स्थिति पर गंभीर चिंतन कर रही थी, ठीक तभी अपना बलात्कार करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की मांग लेकर मुख्यमंत्री निवास के पास धरने पर बैठी पीड़िता को पुलिसिया जुल्म का शिकार बनना पडा, और तब से उसका अब तक कोई पता नहीं है। उत्पीडन का शिकार यह युवती मीलों दूर का सफ़र तय कर सोनियाजी से न्याय की आस में राजधानी आई थी।
मूल रूप से मैं राजस्थान की इस स्थिति के लिए विपक्षी बीजेपी के कमजोर नेतृत्व को जिम्मेदार मानता हूं। कांग्रेस की इस सरकार के शासन काल में यहां ऎसी अपूर्व और ऐतिहासिक घटनाएं हुई हैं कि यदि कांग्रेस विपक्ष में होती, तो आप राजस्थान को नित्य न सिर्फ सुर्ख़ियों में देख रहे होते, बल्कि अब तक यहां राष्ट्रपति शासन लग चुका होता, लेकिन धन्य है श्री गहलोत की किस्मत कि बड़े-बड़े घोटालों के आरोप, प्रतापगढ़ में पुलिस थाणे में बलात्कार, सवाई माधोपुर में अल्पसंख्यक समुदाय के थानेदार को ज़िंदा जला दिए जाने, भरतपुर के गोपालगढ़ में अल्पसंख्यकों के सामूहिक नरसंहार जैसे आरोपों/घटनाओं के बावजूद वे न सिर्फ मूंछों पर ताव दे रहे हैं, बल्कि कांग्रेस आलाकमान उन्हें सर आंखों पर बिठाए है। क्या कहूं ... बस, मैं राजस्थान का होने पर शर्मिन्दा महसूस कर रहा हूं। धन्यवाद।

jai_bhardwaj
07-05-2013, 08:42 PM
http://myhindiforum.com/attachment.php?attachmentid=27137&stc=1&d=1367941321

]एक तरफ हम सरकार से बलात्कार जैसी घ्रणित घटनाओं पर स्पष्टीकरण मांग रहे हैं और दूसरी तरफ एक बाप अपनी ही अबोध बेटी पर यौनिक अत्याचार करता है .....[/COLOR]


गाजियाबाद, जासंकें। मसूरी थानाक्षेत्र में पिता ने नाबालिग बेटी से रेप किया। पुलिस ने उसके खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया है और उसकी तलाश कर रही है।

मसूरी थाना क्षेत्र में एक महिला अपने चार बच्चे, पति, सास और ससुर के साथ रहती है। 15 दिन पूर्व महिला तीन बच्चों को लेकर मायके चली गई। उसकी 11 वर्षीय बेटी, पति और सास व ससुर घर पर ही थे। आरोप है कि इस दौरान पति ने बेटी से रेप किया और घर छोड़ कर चला गया। महिला के घर लौटने पर बेटी ने उसे आपबीती बताई। महिला ने मसूरी थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई। पुलिस मामले की जांच कर रही है। लड़की को मेडिकल जांच के लिए भेज दिया गया है।

jai_bhardwaj
07-05-2013, 08:43 PM
http://myhindiforum.com/attachment.php?attachmentid=27138&stc=1&d=1367941460


त्यूणी में दो दलित छात्राओं से रेप

त्यूणी, देवता के जागरण से रात में घर लौट रही त्यूणी क्षेत्र की दो दलित किशोरियों से रेप करने का मामला प्रकाश में आया है। इनमें से एक सातवीं और दूसरी नौवीं कक्षा की छात्रा है। पीड़िता के भाई की तहरीर पर राजस्व पुलिस त्यूणी ने दो युवकों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया है। पुलिस ने उनकी तलाश कर रही है।

राजस्व पुलिस के अनुसार, गुरुवार देर शाम को चालदा महाराज की देव पालकी गांव पहुंचने पर ग्रामीणों ने जागरण का आयोजन किया था। इसमें शामिल होने को त्यूणी क्षेत्र के एक गांव की 14 वर्षीय किशोरी अपनी सहेली (13 वर्षीय) के साथ गईं थी। जागरण खत्म होने के बाद रात में दोनों सहेलियां घर लौट रही थीं। रास्ते में दो युवकों ने उन्हें रोक लिया और जबरन उठाकर खेतों में ले गए और दोनों से रेप किया। इस दौरान वहां से गुजर रहे एक किशोरी के पिता चीख पुकार सुनकर मौके पर पहुंचे, लेकिन तब तक दोनों आरोपी वहां से फरार हो गए।

शनिवार सुबह इस संबंध में पीड़िता के भाई ने राजस्व पुलिस में तहरीर दी। उसने डूंगरी गांव के दो युवकों पर रेप करने का आरोप लगाया है। तहरीर के आधार पर राजस्व पुलिस ने शनिवार को डूंगरी गांव के दो आरोपी युवकों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया है। राजस्व उपनिरीक्षक जीवन सिंह तोमर ने बताया कि रविवार को दून अस्पताल में पीड़ित किशोरियों का मेडिकल कराया जाएगा। एसडीएम अशोक पांडे के अनुसार तहसीलदार त्यूणी केडी जोशी को आरोपियों की गिरफ्तारी के आदेश दे दिए गए हैं।

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jai_bhardwaj
07-05-2013, 08:47 PM
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दुष्कर्म पीड़िताओं में 40 फीसद नाबालिग

सड़कों पर उमड़ी भीड़ व लोगों के जनआक्रोश से मीडिया की सुर्खियां बने वसंत विहार और गांधीनगर गैंगरेप मामले तो महज बानगी हैं। राजधानी में अभी भी ऐसी अनगिनत लड़कियां हैं जिनके साथ हुई दरिंदगी पर किसी का ध्यान नहीं गया।

दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष बरखा सिंह बताती हैं कि रेप की शिकार बनी पीड़िताओं में करीब 40 फीसद नाबालिग हैं। इतना ही नहीं, महिला आयोग में लगातार बढ़ रही रेप के मामलों की शिकायत राजधानी की सुरक्षा व्यवस्था पर भी सवाल उठा रही है। बरखा सिंह इसकी वजह अपराधियों में पुलिस व कानून का खौफ खत्म होना बताती हैं।

दिल्ली महिला आयोग के अनुसार 16 दिसंबर (वसंत विहार गैंगरेप) के बाद रेप की शिकायतों की संख्या एक माह में 120 से बढ़कर 240 तक पहुंच गई है। इसके पीछे आयोग समाज खासकर महिलाओं में मामला दर्ज कराने के लिए आई जागरूकता तथा पुलिस की पहले से ज्यादा मुस्तैदी को भी वजह मानता है। लेकिन समाज में इस तरह रेप के मामले बढ़ने से आयोग भी चिंतित है।

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jai_bhardwaj
07-05-2013, 08:48 PM
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बरखा सिंह बताती हैं कि उनके समक्ष किशोरियों और अबोध बच्चियों के साथ इस तरह के कृत्य की शिकायतें आती हैं तो सुनवाई के दौरान वह खुद भी विचलित हो जाती हैं। नजदीकी रिश्तों के अंदर घटने वाले मामले तो उन्हें अंदर तक झकझोर देते हैं। वह कहती हैं कि यह समस्या समाज से जुड़ी है। इसलिए हर घर को इससे निजात पाने के लिए पहल करनी होगी। साथ ही साथ कानून को भी और सख्त बनाए जाने की आवश्यकता पर भी उन्होंने जोर दिया।

महिला आयोग की एक अन्य सदस्य ने बताया कि 13 से 18 वर्ष आयु वर्ग की किशोरियों के साथ रेप के मामले बढ़े हैं। 3 से 17 साल तक की पीड़ितों की संख्या भी दोगुनी हो गई है। पुलिस कार्रवाई के बाद काउंसलिंग के लिए आयोग में आने वाली युवतियों और किशोरियों की दास्तां काफी दर्द भरी होती है। यह समाज की सोच में आई गिरावट का परिणाम है कि 11 माह तक की बच्चियों के साथ रेप के मामले सामने आ रहे हैं।
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jai_bhardwaj
07-05-2013, 08:50 PM
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पिता ही निकला गुनहगार

'महज 9 साल की उम्र से बेटी के साथ उसी का पिता दुष्कर्म करता रहा। 6 साल से भी अधिक समय तक मासूम बच्ची पिता की गलत हरकत को चुपचाप सहती रही। वजह थी अपनी छोटी बहन व भाई की जान को खतरा। पिता भाई बहनों को मारने की धमकी देकर उसके साथ गलत हरकत करता था। स्कूल में तबियत खराब होने पर एक दिन बच्ची को अस्पताल ले जाया गया तब डॉक्टर के पूछने पर रोते-रोते उसने आपबीती बताई। मामला पुलिस के पास पहुंचा तब कहीं जाकर बच्ची को पिता के आतंक से मुक्ति मिल पाई।'

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jai_bhardwaj
07-05-2013, 08:51 PM
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महिलाओं की प्रतिक्रियाएं

'बच्चियों के साथ रेप समाज की विकृति का आइना है। हमें अपने घरों में खास कर बेटों को संस्कार देने की जरूरत है, लेकिन पुलिस का खौफ आखिर कब तक होगा लोगों में, इसका इंतजार है।' -शशि गुप्ता, निजी क्षेत्र में कार्यरत

'दिल्ली में महिलाओं की सुरक्षा की गारंटी कौन देगा, यह समझ नहीं आता। आखिर कब तक हम घर से बाहर डर डर कर निकलते रहेंगे.? आज हम किसी अनजान व्यक्ति पर भरोसा नहीं कर सकते और ना ही पुलिस पर।' -नीतू वर्मा, गृहिणी


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jai_bhardwaj
07-05-2013, 08:54 PM
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दिल्ली महिला आयोग की वर्ष 2011-12 की वार्षिक रिपोर्ट के अनुसार

दुष्कर्म संकट सेल में आए कुल मामले- 668

हेल्पलाइन नंबर में आए दुष्कर्म मामले- 507

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विभिन्न अदालत में लंबित मामले- 5118

विभिन्न अदालतों में नए मामले - 1032

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