PDA

View Full Version : अगर कैलेंडर न होता तो ...


Dark Saint Alaick
23-02-2013, 09:48 PM
24 फरवरी को कैलेंडर दिवस पर
अगर कैलेंडर न होता तो ...

http://myhindiforum.com/attachment.php?attachmentid=25152&stc=1&d=1361641688

Dark Saint Alaick
23-02-2013, 09:50 PM
फिल्म ‘तेजाब’ के गीत ‘एक दो तीन ...’ पर थिरकती माधुरी दीक्षित पूरे 30 दिन के इंतजार की कहानी बताती हैं, लेकिन जरा सोचिए कि अगर कैलेंडर नहीं होता, तो क्या ‘तेजाब गर्ल’ 30 दिन का हिसाब रख पातीं। जरा सोचिए, कैलेंडर के बिना भूतकाल या भविष्यकाल की योजनाएं और त्यौहारों की तैयारी कैसे होती।

Dark Saint Alaick
23-02-2013, 09:51 PM
गुड़गांव स्थित एक बहुराष्ट्रीय कंपनी में सॉफ्टवेयर इंजीनियर मनीष गुप्ता कहते हैं कि ‘कैलेंडर की जरूरत इसी बात से समझी जाती है कि हर व्यक्ति के पास आज मोबाइल फोन है और हर मोबाइल फोन में कैलेंडर है।’ उन्होंने कहा कि ‘जिंदगी में एक कैलेंडर की वही अहमियत है, जो घड़ी की है। समय को अपने दायरे में समेटने वाला आधुनिक कैलेंडर कई अहम पड़ावों से होकर गुजरा है और बार-बार सुधार की प्रक्रिया के बाद हमें वह कैलेंडर मिल पाया है, जो हमारे जीवन की विभिन्न प्रक्रियाओं को निर्धारित करता है, लेकिन मुझे लगता है कि आने वाले समय में इसका स्वरूप और परिवर्तित होगा।’

Dark Saint Alaick
23-02-2013, 09:52 PM
इतिहास और पुरातत्व मामलों की विशेषज्ञ डॉ. प्रतिमा अग्रवाल ने कहा कि ‘वर्तमान कैलेंडर कई पुराने प्रकार के कैलेंडरों का मिश्रण है। इसमें मिस्र, रोमन और जूलियन कैलेंडर की अलग-अलग विशेषताएं शामिल हैं।’ डॉ. प्रतिमा ने बताया, ‘मिस्र निवासियों ने 12 महीने का कैलेंडर बनाया था, और हर महीने में 30 दिन थे, जिससे साल पूरा हो रहा था। बाद में मिस्रवासियों ने इस कैलेंडर में साल के अंत में पांच दिन और जोड़े, ताकि सौर वर्ष के मुताबिक, पूरे दिन इसमें शामिल किए जा सकें।’ मिस्र सहित कुछ देशों में 24 फरवरी का दिन कैलेंडर के लिए समर्पित है।

Dark Saint Alaick
23-02-2013, 09:53 PM
डॉ. आर. सी. जैन फरवरी माह में 28 और 29 दिन होने के पीछे रोमन कैलेंडर के सिद्धांत को कारण बताते हैं। डॉ. जैन के मुताबिक, ‘रोमन कैलेंडर में भी 12 महीने का साल था, लेकिन इसकी शुरुआत मार्च से होती थी। बाद में रोम के लोगों ने जनवरी को पहला महीना बनाया।’ उन्होंने बताया, ‘रोम के लोगों ने बाद में, महीनों को सही बैठाने के लिए उनके बीच 29 दिन का अंतर रखा। इन्हीं लोगों ने फरवरी को छोटा करके लीप वर्ष की अवधारणा को इसमें शामिल किया। हालांकि इस बारे में कोई पुख्ता जानकारी नहीं है कि उन्होंने ऐसा क्यों किया।’

Dark Saint Alaick
23-02-2013, 09:53 PM
डॉ. जैन को लगता है कि इस लीप वर्ष को सौर और चंद्र कैलेंडर के हिसाब से दिन निर्धारित करने के लिए डाला गया होगा। डॉ. प्रतिमा बताती हैं, ‘जूलियस सीजर ने एक खगोलविद सोसिजेंस एलेंग्जेंडरिया से बेहतर कैलेंडर सुझाने को कहा, जिन्होंने कैलेंडर में सममिति लाने के लिए दिनों को 30 और 31 दिनों के बीच बांटा। इसके अलावा उन्होंने ही दिनों की गणना करते हुए फरवरी को 28 दिन का बनाया और इस तरह अलग-अलग कैलेंडरों से मिल कर आधुनिक कैलेंडर अस्तित्व में आया।’ मनीष कहते हैं कि ‘चीनी कैलेंडर बिल्कुल अलग होता है। उनका नव वर्ष अलग होता है और उनकी गणनाएं भी अलग होती हैं। हमारे यहां भी कैलेंडर अलग-अलग होते हैं। ज्योतिषीय गणनाएं सूर्य आधारित और चंद्र आधारित होती हैं और हमारे देश के कैलेंडर में यह बातें मुख्य होती हैं।’

Sikandar_Khan
24-02-2013, 10:27 PM
काफी रोचक जानकारी मिली इस सूत्र के जरिए |

aspundir
26-02-2013, 11:17 PM
रोचक..................

jai_bhardwaj
27-02-2013, 07:01 PM
Many European and Mediterranean-based peoples inherited the ancient Sumerian-Babylonian sexagesimal system of time keeping, using 24 hours in a day, with hours of 60-minutes each, and 60 seconds per minute. There are still today 360 degrees in a circle due to the ancient Babylonian year of 360 days. (That all changed after the catastrophe of 701 B.C.) Now our year is about 365 1/4 days long.

Many used the Moon's cycles, in 28-29 day Lunar calendars, trying to reconcile this regular (monthly) movement with the annual Solar cycles.

Calendars of ancient peoples help to confirm the Biblical time frame. They point to a 6,000 year span (or shorter), which is consistent with a literal reading of the Bible.

The Chinese calendar, for example, is at about the year 4707 (in 2010). It appears to mark the birth date of Noah (or some other pivotal event), from some 300 years before the Great Flood. Their civilization does not at all predate that time. But they have laid claim to this particular starting point or starting person's origin.

jai_bhardwaj
27-02-2013, 07:02 PM
Many calendars have been passed down from Ancient India. The Mahabharat calendar began about 3,200 B.C. That would put its start between the Mayan and the Chinese calendars, i.e. from some event in the pre-Flood era.

The origin of the Egyptian Calendar is still debated. Some contend that it began about 4,500 years ago, others that it began a little before 6,000 years ago (4236 B.C.). (Both are consistent with Biblical chronology.)

rajnish manga
04-03-2013, 09:14 PM
Many calendars have been passed down from Ancient India. The Mahabharat calendar began about 3,200 B.C. That would put its start between the Mayan and the Chinese calendars, i.e. from some event in the pre-Flood era.

The origin of the Egyptian Calendar is still debated. Some contend that it began about 4,500 years ago, others that it began a little before 6,000 years ago (4236 B.C.). (Both are consistent with Biblical chronology.)

:bravo:

अलैक जी व जय जी के द्वारा प्रस्तुत जानकारी सामान्य पाठकों के लिए बहुत लाभ दायक सिद्ध होगी. मैं चाहता हूँ कि भारतवर्ष में प्राचीन काल से अब तक प्रचलित रहे विभिन्न कैलेंडरों जैसे विक्रमी संवत् व शक संवत् आदि के बारे में भी तथ्यपरक जानकारी उपलब्ध करवाई जाये तो मुझ जैसे कई लोगों की जिज्ञासा शांत होगी. हमारे यहाँ भी वर्ष, माह, अहोरात्र, दिवस, पल, विपल आदि की अवधारणा बहुत प्राचीन काल से चली आ रही है.