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View Full Version : इस 'डर' से डरने की जरूरत नहीं


Dark Saint Alaick
06-04-2013, 10:22 AM
इस 'डर' से डरने की जरूरत नहीं
फोबिया : इलाज है कारगर उपाय

http://myhindiforum.com/attachment.php?attachmentid=26363&stc=1&d=1365225711

फोबिया एक जाना पहचाना शब्द है, जिसका जिक्र आम बोल-चाल की भाषा में कई बार होता है। लेकिन बहुत कम लोग ही इसके वास्तविक अर्थ से परिचित रहते हैं। फोबिया का प्रयोग डर अथवा भय की अभिव्यक्ति के तौर पर करते हैं। फोबिया केवल डर ही नहीं, एक गम्भीर बीमारी है जो कि पूरे जीवन को प्रभावित कर सकती है।

Dark Saint Alaick
06-04-2013, 10:23 AM
अक्सर हमारे मन में किसी न किसी चीज का डर जरूर होता है। किसी को ऊंचाई से डर लगता है तो किसी को अंधेरे से, कोई भीड़ देखकर घबराता है तो कोई अकेलेपन से कतराता है। कब मन के भीतर छिपा यह डर फोबिया में बदल जाता है पता ही नहीं चल पाता। हम अपने फोबिया से इतना घबराते हैं कि इसे दूर करने के बजाय इससे बचने के उपाय खोजते रहते हैं, जबकि मनोचिकित्सा की मदद से फोबिया को दूर करने में बहुत आसानी होती है।

Dark Saint Alaick
06-04-2013, 10:23 AM
क्या है फोबिया

फोबिया एक प्रकार का रोग है, जिसमें इंसान को किसी खास वस्तु, कार्य एवं परिस्थिति के प्रति भय उत्पन्न हो जाता है। फोबिया में अपने डर की सोच भी व्यक्ति को इतना डरा देती है कि उसकी मानसिक व शारीरिक क्षमताओं पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है। इसमें इंसान का डर वास्तविक या काल्पनिक दोनों हो सकते हैं। आमतौर पर किसी भी तरह के फोबिया से ग्रस्त रोगी अपने डर पर पर्दा डाले रहते हैं। उनको लगता है कि अपना डर दूसरों को बताने से लोग उन पर हंसेंगे। इसीलिए वह अपने डर व उस परिस्थिति से सामना करने की बजाय बचने की हर सम्भव कोशिश करते हैं।

Dark Saint Alaick
06-04-2013, 10:25 AM
फोबिया के सामान्य प्रकार

एनिमल फोबिया : प्रभावित व्यक्ति सांप, मकड़ी, कुत्ते और चूहा-गिलहरी जैसे जानवरों से डरता है।
नेचुरल इनवायरमेंट फोबिया: ऊंचाई, तूफान, पानी और अंधेरे से डरना आदि इसमें शामिल है।
सिचुएशनल फोबिया: इसमें किसी खास स्थिति से जैसे बंद जगह, ऊंचाई, ड्राइविंग, सुरंग या पुल से डर आदि शामिल है।
ब्लड-इंजेक्शन-इंजुरी फोबिया: चोट, खून, इंजेक्शन या किसी भी तरह के मेडिकल उपकरण से डर आदि।

फोबिया की इन चार श्रेणियों के अलावा कई अन्य तरह के फोबिया भी होते है, जैसे किसी बड़ी बीमारी का डर, सांस रुकने या कुछ अटकने की सोच से डर या फिर जोकर के गेटअप से भी डर शामिल है।

Dark Saint Alaick
06-04-2013, 10:26 AM
कई प्रकार की समस्याएं

अगर इलाज न कराया जाए तो हो सकता है कि फोबिया किसी व्यक्ति को उस हद तक ले जाएं, जहां डर के कारण उसके रुटीन जीवन पर असर पड़ने लगे। कई बार वक्त के साथ फोबिया-पीड़ित व्यक्ति का डर कम होने लगता है पर ऐसा कम ही होता है। फोबिया व्यक्ति के नशे का शिकार होने की आशंका ज्यादा होती है। कई बार फोबिया का घातक असर जीवन लेने वाला भी साबित हो सकती है।

Dark Saint Alaick
06-04-2013, 10:27 AM
वजह और रिस्क फैक्टर

http://myhindiforum.com/attachment.php?attachmentid=26364&stc=1&d=1365226026

फोबिया का कोई विशेष कारण नहीं है, बल्कि कई कारक मिलकर इसे जन्म देते है। जैसे यह आनुवांशिक हो सकता है, बचपन में पालन-पोषण का तरीका भी किसी खास तरह का हादसा जैसे कुत्ते के काटने के कारण व्यक्ति फोबियाग्रस्त हो सकता है। किसी और के साथ किसी दुर्घटना का साक्षी होना जैसे किसी को बिल्डिंग से गिरते देखना ऊंचाई से डरा सकता है। फोबिया की शुरुआत आमतौर पर बचपन में एनिमल फोबिया, ब्लड-इंजेक्शन फोबिया आदि होता है, वहीं वयस्कावस्था में सिचुएशनल फोबिया की शुरुआत होती है।

Dark Saint Alaick
06-04-2013, 10:29 AM
फोबिया के लक्षण

फोबिया के रोगी आम लोगों की तरह ही दिखाई देते हैं। वैसे तो इस रोग का पता नहीं चल पाता है, लेकिन फोबिया के रोगियों का अपने डर से सामना होने और अपने डर के बारे में बात करने पर इसके लक्षण सामने आते हैं। आमतौर पर फोबिया के रोगी अपने डर से दूर ही रहते हैं, लेकिन अनजाने में अपने डर को अपने सामने देखकर उनको फोबिया का दौरा पड़ता है। ऐसे में उनमें तनाव, बेचैनी, पसीने आना, परिस्थिति या लोगों से दूर भागना, सिर में भारीपन, कानों में अलग-अलग आवाजें सुनाई देना, दिल की धड़कन बढ़ जाना, सांस तेज होना, डायरिया, चक्कर आना, शरीर में कहीं भी दर्द को महसूस करना, पेट खराब हो जाना, ब्लड प्रेशर बढ़ना या कम हो जाना जैसी दिक्कतें दिखाई देती हैं। फोबिया का दौरा पड़ने पर रोगी में इस तरह के लक्षण दिखाई देने लगते हैं। ऐसे में रोगी बहुत ज्यादा पेनिक हो जाता है। ऐसी स्थिति में रोगी के साथ किसी भी तरह की जबरदस्ती उसके लिए खतरनाक हो सकती है। जबरदस्ती करने से रोगी और भी ज्यादा पेनिक हो जाता है और उसका डर कोई भी भयंकर रूप ले सकता है।

Dark Saint Alaick
06-04-2013, 10:31 AM
फीयर व फोबिया में अंतर

* हवाई उड़ान के दौरान तूफान आने पर डरना सामान्य है, वहीं किसी बहुत महत्वपूर्ण मौके को उड़ान के डर से टालना फोबिया है।

* किसी बहुत ऊंची बिल्डिंग में ऊंचाई से देखने पर डर सामान्य है, जबकि ऊंचाई पर दफ्तर होने पर कोई नौकरी जॉइन न करना फोबिया है।

* खून निकलने या इंजेक्शन लगने पर बेचैनी सामान्य डर है, वहीं इंजेक्शन के डर से चिकित्सक के पास जाना टालना फोबिया है।

Dark Saint Alaick
06-04-2013, 10:32 AM
बच्चों में कुछ सामान्य डर

छोटे बच्चों में कुछ अमूमन होते है, जो वक्त से साथ अपने आप दूर हो जाते है। अगर बच्चे का डर उसकी सामान्य दिनचर्या, खान-पान,नींद आदि में रुकावट डाल रहा है तो ही ध्यान देने की जरुरत है। चाइल्डींजाइटी एक्सपर्ट के अनुसार बच्चों मे सामान्य डर है।

शून्य से दो साल: ऊंची आवाज, अजनबियों से या बड़े आब्जेक्ट आदि से।

तीन से छह साल: काल्पनिक चीजों से जैसे भूत, दानव, अंधेरे या अकेलेपन से।

सात से सोलह साल: चोट लगना, कमजोरी, मौत, स्कूल में प्रदर्शन या प्राकृतिक आपदा आदि से।

Dark Saint Alaick
06-04-2013, 10:33 AM
फोबिया का इलाज

फोबिया के इलाज के लिए कोई एक खास ट्रीटमेंट नहीं होता है। हर मरीज का फोबिया और उसकी परिस्थिति अलग-अलग होती है, इसलिए फोबिया का इलाज भी मरीज और उसके डर के अनुरूप ही किया जाता है। कॉग्निटिव- बिहेवियरल थैरेपी इसके इलाज का सबसे प्रभावी तरीका है। इस थैरेपी के तहत व्यक्ति को कल्पना में अपने डर के करीब जाने को कहा जाता है। इसमें चरण-दर-चरण व्यक्ति को कल्पना करने को कहा जाता है। जैसे ऊंचाई से डरने वाले को कहा जाए कि वह महसूस करे कि वो दसवीं मंजिल पर खड़ा है। इसके बाद व्यक्ति को एक्सरसाइज करवाई जाती है ताकि उसका कल्पना की ऊंचाई से डर कम हो सके। अगर फोबिया आपकी सामान्य जिंदगी में हस्तक्षेप कर रहा है तो जरूरत है चिकित्सकीय मदद लेने की। फोबिया स्पेसिफिक और सोशल दोनों ही तरह का हो सकता है,जिसके कारण सोशियोलॉजिकल या बायोलॉजिकल यानी समाज के दबाव के कारण किसी परिस्थिति विशेष के लिए डर पैदा हो जाता है बायोलॉजिकल कारएा यानी के दिमाग में रासायनिक असंतुलन के कारण डर पैदा हो जाता है। दवाईयों से इसका इलाज सम्भव है इसके अलावा सायकोथैरेपी भी दी जाती है। फोबिया के ट्रीटमेंट के लिए रोगी के थायरॉयड, ब्लड शुगर, डायबिटीज आदि की जांच करना भी जरूरी होता है।