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View Full Version : Sachin@40


bindujain
24-04-2013, 08:06 AM
SACHIN@40: बड़े भाई अजित ने नहीं दी होती ये सजा, तो आज सचिन लिख रहे होते कविता
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24-04-2013, 08:07 AM
भारतीय क्रिकेट की धड़कन मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंडुलकर आज अपना 40वां जन्मदिन मना रहे हैं। अपने बर्थडे का जश्न वे आईपीएल के मैदान पर बड़ी पारी खेल कर मनाना चाहेंगे।

सचिन का 40वां बर्थडे उनके करियर को नयी दिशा और दशा देने का काम कर सकता है। क्रिकेट जगत में 40 बसंत देखने के बाद भी लगातार खेलते रहना कोई मामूली बात नहीं। अब सचिन के सामने खुद को फिट रखते हुए इंटरनेशनल क्रिकेट में अपनी चमक बरकरार रखने की होगी।

महज 14 साल की उम्र से क्रिकेट मं सक्रिय रहे तेंडुलकर ने अपने करियर में कई उतार-चढ़ाव देखे। कभी चोट ने उन्हें परेशान किया तो कभी खराब फॉर्म के कारण आलोचक उनके पीछे पड़े रहे। कई बार तो कुछ को सिर्फ इसी बात से तकलीफ होती रही कि सचिन इतने लंबे समय तक क्रिकेट से क्यों जुड़े हुए हैं। लेकिन सचिन ने इन सब फिजूल बातों की परवाह किए बगैर सफलता का सफर जारी रखा।

टेस्ट हो या वनडे, दोनों फॉर्मेट्स में सर्वाधिक रन और सेंचुरी बनाने के वर्ल्ड रिकॉर्ड्स उन्होंने अपने नाम कर रखे हैं। क्रिकेट की पिच पर जो कारनामे सचिन ने किए हैं, उन्हें किसी और खिलाड़ी को दोहराने में शायद एक सदी लग जाएगी।

सचिन का यह स्वर्णिम करियर चंद दिनों में नहीं बना। इसके पीछे बरसों की मेहनत छुपी है। तेंडुलकर का चेहरा भले ही शांत दिखे, लेकिन खुद को इस मुकाम तक पहुंचाने के लिए उन्होंने बहुत संघर्ष किया है।

जिंदगी के मील के पत्थर विशालकाय हों यह जरूरी नहीं। सचिन के करियर में छोटी-छोटी बातों का बड़ा अहम रोल रहा है। फिर चाहे बात उनके परिवार को हो या उनकी जिंदगी में अहम रहे दोस्तों की, सभी ने मिल कर सचिन को सचिन बनाया है।

dainikbhaskar.com ने मास्टर ब्लास्टर के जीवन के उनके खास पलों को चुना है जो कि उनके लिए मील का पत्थर साबित हुए। इनके बिना शायद सचिन एक कदम भी आगे नहीं बढ़ पाते।

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24-04-2013, 08:12 AM
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24-04-2013, 08:12 AM
भाई अजित ने दी सजा... सचिन आए क्रिकेट में

सचिन के क्रिकेट करियर का सबसे पहला और अहम पड़ाव रहा उनकी बचपन में की एक शरारत।

सचिन अपने परिवार के सबसे छोटे और नटखट सदस्य थे। मुंबई की साहित्य सहवास कॉलोनी में गर्मियों की छुट्टियां बिताते हुए सचिन शरारतों में मगन थे। एक रविवार की शाम सचिन का पूरा परिवार घर पर आनंद से बैठ कर 'गाइड' फिल्म देख रहा था।

सचिन बाहर खेलने में व्यस्त थे, तभी उनका ध्यान घर की खिड़की पर गया। नन्हे सचिन के मन में शरारत सूझी और वे फिल्म देखने के लिए घर जाने की जगह पेड़ पर चढ़ गए। फिल्म देखने के फितूर में वे फिसल गए और धड़ाम से नीचे गिर पड़े।

सचिन की इस हरकत से उनके बड़े भाई अजित बेहद खफा हुए। उन्होंने अपने भाई को किसी बेहतर काम में लगाने की ठान ली। उस जमाने में टेनिस के शौकीन रहे सचिन को अजित ने एक क्रिकेट अकादमी में दाखिला दिलवा दिया।

गुरू रमाकांत आचरेकर का साथ मिलने के बाद शुरू हुआ सचिन का क्रिकेट करियर।

सचिन के परिवार में अजित को उनके टेलेंट पर भरोसा था। उसी विश्वास ने सचिन को इस मुकाम पर पहुंचाया है।

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24-04-2013, 08:13 AM
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24-04-2013, 08:14 AM
कांबली संग बनाया रिकॉर्ड, बनाते ही पड़ी गालियां

यह बात बहुत कम लोग जानते हैं कि सचिन तेंडुलकर को हिट करवाने वाले स्कूली वर्ल्ड रिकॉर्ड के बनने के बाद सचिन को डांट पड़ी थी।

सचिन ने अपना जलवा स्कूली क्रिकेट से ही दिखाना शुरू कर दिया था। गुरू रमाकांत अचरेकर की छत्रछाया में वे खेल की बारीकियां सीख रहे थे।

24 फरवरी 1988 को मुंबई स्कूल क्रिकेट की सबसे प्रतिष्ठित हैरिस शील्ड टूर्नामेंट के सेमीफाइनल में सचिन ने अपने जिगरी दोस्त विनोद कांबली के साथ मिल कर ऐसा कमाल किया जिसने उन्हें पहली बार लाइमलाइट में लाया।

सचिन के श्रद्धाश्रम स्कूल का सामना सेंट जेवियर फोर्ट स्कूल से था। सेंट जेवियर वहीं स्कूल है जिसमें सुनील गावस्कर ने अपनी पढ़ाई पूरी की।

साईंराज बहुतुले जैसे धाकड़ स्पिनर्स का सामना करते हुए कप्तान सचिन ने रिकॉर्डतोड़ पारी खेली थी।

मैच के पहले ही दिन श्रद्धाश्रम स्कूल के दोनों ओपनर्स अतुल रानाडे और आर मुले सस्ते में आउट हो गए थे। अब पारी संवारने का दारोमदार था विनोद कांबली और कप्तान सचिन पर।

दोनों बल्लेबाजों ने बेहतरीन प्रदर्शन करते हुए पहले दिन का खेल समाप्त होने तक क्रमशः 182 और 192 रन बनाए। मैच के दूसरे दिन कोच आचरेकर किसी कारण से मैदान पर नहीं पहुंच सके। इस बात का फायदा उठाते हुए सचिन और कांबली ने मिल कर जमके रन बनाए। आचरेकर के असिस्टेंट कोच लक्ष्मण चव्हाण बार-बार दोनों को पारी घोषित करने का इशारा कर रहे थे, लेकिन सचिन ने उस ओर ध्यान नहीं दिया।

लंच टाइम तक दोनों मैदान पर सीटी बजाते और गाना गाते हुए रन बनाते रहे। लंच होते ही जब दोनों पवेलियन लौटे, तो कोच आचरेकर ने उन्हें फोन पर कड़ी चेतावनी देते हुए पारी घोषित करने के लिए कहा। तब तक ये दोनों वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाते हुए 748 रन का स्कोर खड़ा कर चुके थे।

यही रिकॉर्ड सचिन के करियर का पहला मील का पत्थर साबित हुआ।

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24-04-2013, 08:14 AM
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24-04-2013, 08:15 AM
अखबारों तक ही सीमित रह जाता सचिन-कांबली का रिकॉर्ड

स्कूली क्रिकेट में बने 748 रन के स्कोर को मुंबई के अखबारों ने छोटी सी खबर बना कर छापा था। इस स्कोरकार्ड को विजडन जैसे प्रतिष्ठित संस्था में दर्ज करवाने का काम किया मुंबई के पूर्व अंपायर रहे मार्कस काउटो ने।

मार्कस काउटो ने बड़ी मेहनत से विजडन के अधिकारियों के सामने सचिन और कांबली के रिकॉर्ड को सही साबित करवाया। लोग यह बात तो जानते थे कि दो बच्चों ने बड़ा स्कोर बनाया है, लेकिन यह बात किसी ने नहीं सोची थी कि यह सिर्फ स्कूली रिकॉर्ड नहीं बल्कि एक विश्व कीर्तिमान है।

काउटो ने अपने प्रयासों से विजडन में इसे दर्ज करवाया। सचिन और कांबली ने ऑस्ट्रेलिया के विक्टोरिया के गैपस्टीड में बफेलो रिवर बनाम व्हरफली के बीच हुए मुकाबले में दो बच्चों द्वारा बनाए रिकॉर्ड को ध्वस्त किया था। ऑस्ट्रेलिया के पल्टून और एन रिप्पन नाम के बच्चों ने 1913-14 में वह रिकॉर्ड बनाया था।

काउटो की कोशिशों से ही सचिन का रिकॉर्ड विजडन और गिनीज बुक में दर्ज हो सका।

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24-04-2013, 08:15 AM
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24-04-2013, 08:16 AM
हर फॉर्म में जड़ा शतक

सचिन भारत के एकमात्र ऐसे बल्लेबाज हैं जिन्होंने घरेलू क्रिकेट के हर टूर्नामेंट में डेब्यू करते हुए सेंचुरी लगाई है।

हैरिस और जाइल्स शील्ड खेलते समय ही सचिन का चयन रणजी ट्रॉफी के रिजर्व खिलाड़ियों में हो गया था। 11 दिसंबर 1988 में उन्होंने रणजी में डेब्यू किया और पहले ही मैच में गुजरात टीम के खिलाफ शतक जड़ दिया। तब सचिन की उम्र महज 15 साल 232 दिन थी।

मुंबई की रणजी टीम में सचिन का चयन दिलीप वेंगसरकर की पारखी नजरों के कारण हुआ था। हुआ कुछ यूं कि उस साल मुंबई में हुए न्यूजीलैंड के खिलाफ टेस्ट मैच के लिए भारतीय नेशनल टीम प्रैक्टिस कर रही थी। टीम को प्रैक्टिस करवाने के लिए सचिन सहायक खिलाड़ियों के दल में शामिल थे। कपिल देव के खिलाफ नेट्स में बल्लेबाजी करते हुए सचिन हर गेंद को अच्छे से भांप रहे थे। उनकी यह प्रतिभा देख अचंभित हुए वेंगसरकर ने उन्हें तुरंत रणजी टीम का हिस्सा बना लिया।

रणजी के डेब्यू मैच में सेंचुरी लगाने के बाद सचिन ने देवधार और दुलीप ट्रॉफी के पहले मुकाबले में भी सैकड़ा जड़ा।

ईरानी ट्रॉफी मैच में भी उन्होंने सेंचुरी लगाई।

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24-04-2013, 08:16 AM
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24-04-2013, 08:17 AM
पाकिस्तान में डेब्यू रहा सबसे अहम

घरेलू क्रिकेट में प्रभावशाली डेब्यू ने सचिन तेंडुलकर को 1989 के पाकिस्तान दौरे पर जाने वाली भारतीय टीम में शामिल करवा दिया।

यह टूर सचिन के करियर में सबसे अहम रहा। कहते हैं पूत के पांव पालने में ही दिख जाते हैं। पाकिस्तान में सचिन ने साबित कर दिखाया कि वे महज एक स्कूली क्रिकेटर नहीं हैं जो घरेलू मैदानों पर ही शेर होता है।

कराची की तेज पिच पर सचिन ने करियर का पहला टेस्ट खेला। उस मैच में पाकिस्तानी फास्ट बॉलर्स अपनी स्विंग और रफ्तार से भारतीय बल्लेबाजों के बारह बजा रहे थे। जब रवि शास्त्री जैसे दिग्गज के आउट होने के बाद सचिन बल्लेबाजी को उतरे, तो दूसरे छोर पर खड़े नवजोत सिंह सिद्धू को लगा ये बलि का बकरा कहां से आ गया।

पहली ही गेंद पर सचिन घायल हो कर नीचे गिर पड़े। उनकी नाक से खून टपक रहा था। पाकिस्तानी खेमा भी नेशनल टीम से खेल रहे इस बच्चे की हालत देख कर अचंभित था। सभी ने कहा कि सचिन तुम रिटायर हो जाओ, तब पतली सी आवाज में तेंडुलकर ने कहा, "मैं खेलेगा।"

16 साल के बच्चे का जोश देख कर सिद्धू में भी नई ऊर्जा आ गई। सचिन ने डेब्यू पर कुल 15 रन बनाए थे, लेकिन उन 15 रनों ने सचिन को एक ठोस बल्लेबाज के रूप में स्थापित कर दिया।

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24-04-2013, 08:17 AM
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24-04-2013, 08:18 AM
पहली कार मारूती 800

किसी भी व्यक्ति की जिंदगी में अहम होती है उसकी पहली गाड़ी। सचिन ने जब अपने क्रिकेट टेलेंट से कमाना शुरू किया तो उन्होंने सबसे पहले अपने बचपन के शौक को पूरा किया। जब सचिन महज 6 साल के थे तब से उन्हें कार का बहुत शौक था। वे रोड पर चलने वाली हर कार को बड़े चाव से देखते थे।

जब उनकी आमदनी बढ़ने लगी तो उन्होंने सबसे पहले अपनी कार खरीद ली। सचिन के गैराज में आने वाली सबसे पहली कार मारूति 800 थी। उसके बाद उन्होंने मारुति 1000, जो कि अब विलुप्त हो चुकी है, उसे अपना बनाया।

महज 21 की उम्र में सचिन ने सेकंड हैंड बीएमडब्ल्यू कार खरीद कर अपने शौक को और आगे बढ़ाया।

आग सचिन के गैराज में मर्सिडीज से लेकर निसान और बीएमडब्ल्यू जैसी लग्जरी कारे हैं, लेकिन सचिन को आज भी अपनी पहली मारुति याद है।

जब सचिन सफलता की सीढ़ी चढ़ते हुए नए मॉडल्स की तरफ आकर्षित होते गए, तब उनकी पहली मारुति को संभाला उनके भाई अजित तेंडुलकर ने।

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24-04-2013, 08:18 AM
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24-04-2013, 08:19 AM
पहली इंटरनेशनल सेंचुरी

इंटरनेशनल क्रिकेट में 100 का आंकड़ा पार करने में सचिन को थोड़ा समय लगा। नवंबर 1989 में डेब्यू करने के बाद पहली सेंचुरी उन्होंने अगस्त 1990 में लगाई। 9 अगस्त 1990 को मैनचेस्टर में इंग्लैंड के खिलाफ टेस्ट में सचिन ने नाबाद 119 रन बनाए।

यह उनके करियर का पहला अंतरराष्ट्रीय सैकड़ा था। करियर का पहला शतक जब विदेशी मैदान पर बना तो सचिन के करियर को एक नई दिशा मिल गई।

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24-04-2013, 08:19 AM
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24-04-2013, 08:20 AM
यॉर्कशायर के पहले विदेशी बल्लेबाज

इंग्लैंड में लगी सेंचुरी ने सचिन को महज दो साल में एक खास उपलब्धि दिलवा दी। 1992 में यॉर्कशायर काउंटी ने पहली बार किसी विदेशी मूल के खिलाड़ी को अपनी टीम में शामिल किया। वह लकी क्रिकेटर थे अपने सचिन।

सचिन को तेज गेंदबाज क्रेग मैकडरमॉट के चोटिल होने के कारण टीम में शुमार किया गया था। यॉर्कशायर के साथ पहले १६ फर्स्ट क्लास मैचों में सचिन ने 46.52 के औसत से 1070 रन बनाए।

इस अनुबंध के मिलने के बाद जैसे सचिन के करियर में पंख से लग गए।

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24-04-2013, 08:20 AM
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24-04-2013, 08:21 AM
1992 में लगाया सिडनी में शतक

1992 के ऑस्ट्रेलिया दौरे पर सचिन ने एक और कमाल किया। सिडनी क्रिकेट ग्राउंड पर हुए टेस्ट मुकाबले में उन्होंने नाबाद 148 रन बनाए। यही नहीं, दुनिया की सबसे तेज पिच पर्थ में भी सचिन ने मर्व ह्यूग्स, ब्रूस रीड और क्रेग डरमॉट जैसे दिग्गज फास्ट बॉलर्स का सामना करते हुए 114 रन की पारी खेली।

सचिन की बल्लेबाजी देखते हुए मर्व ह्यूग्स ने ऑस्ट्रेलिया के दिग्गज कप्तान एलन बॉर्डर को कहा था, ये छोटा बच्चा तुम से ज्यादा रन बनाएगा एबी।

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24-04-2013, 08:21 AM
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24-04-2013, 08:22 AM
डेब्यू पर तीन हाफ सेंचुरी

1992 के क्रिकेट वर्ल्ड कप में सचिन ने बेहतरीन प्रदर्शन किया था। उस टूर्नामेंट में महज 8 मैच खेल कर सचिन ने तीन हाफ सेंचुरी लगाते हुए 283 रन बनाए थे। मोहम्मद अजहरुद्दीन के बाद भारत के लिए रन बनाने के मामले में वे दूसरे नंबर के बल्लेबाज रहे थे।

यह वर्ल्ड कप भी सचिन के करियर का लॉन्चिंप पैड साबित हुआ।

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24-04-2013, 08:22 AM
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24-04-2013, 08:23 AM
मिला रिकॉर्डतोड़ कॉन्ट्रेक्ट

क्रिकेट की पिच पर रिकॉर्ड तोड़ने के बाद सचिन ने विज्ञापन जगत में भी नए कीर्तिमान बनाने शुरू किए। 1995 में वर्ल्ड टेल ने उनके साथ 300 मिलियन रुपए का अनुबंध किया।

खेल इतिहास में किसी भी प्लेयर को मिलने वाला वह उस समय का सबसे बड़ा अनुबंध था।

सचिन लगातार सफल होते गए और उन पर धनवर्षा लगातार होती गई।

1995 में हुई पांच साल की डील को वर्ल्ड टेल ने 2001 में लगभग दोगुना करते हुए सचिन के साथ रिश्ता और मजबूत कर लिया। 2001 में वर्ल्ड टेल ने सचिन के साथ 800 मिलियन रुपए का अनुबंध किया।

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24-04-2013, 08:23 AM
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24-04-2013, 08:24 AM
बल्ले को भी मिला हमसफर

शादी के एक साल बाद 1996 में सचिन के बल्ले को भी साथी मिल गया। यह पहला मौका था जब सचिन के बल्ले को किसी स्पॉन्सर का साथ मिला।

सचिन और उनके बल्ले का साथ भी बड़ा पुराना है। सुनील गावस्कर ने एक मैच के दौरान इस बात का खुलासा किया था कि सचिन को अपने बल्ले से इतना प्यार है कि टूटने के बावजूद वे उस पर टेप चिपका कर खेलते हैं। उसी बल्ले से सचिन ने करियर में 40 से ज्यादा इंटरनेशनल शतक लगाए हैं।

सचिन की जिंदगी का एक अहम हमसफर उनका वह कीमती बल्ला भी रहा है

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24-04-2013, 08:24 AM
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24-04-2013, 08:25 AM
शुरू किया जिंदगी का नया सफर

24 मई 1995 को सचिन तेंडुलकर ने अपनी जिंदगी का सबसे अहम फैसला लिया। उन्होंने अपने से पांच साल सीनियर अंजलि मेहता को अपनी अर्धांगिनी बनाया।

अंजलि सचिन का क्रिकेट के बाद दूसरा प्यार थीं। पहली नजर के प्यार ने सचिन को शादी के मुकाम तक पहुंचाया।

अंजलि हर मोड़ पर सचिन के साथ खड़ी रहीं हैं। अच्छा हो या बुरा, हर समय अंजलि ने सचिन का साथ निभाया।

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24-04-2013, 08:25 AM
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24-04-2013, 08:25 AM
1996 में मिली कप्तानी, बदली किस्मत

1996 में सचिन को मोहम्मद अजहरुद्दीन की जगह टीम इंडिया की कमान सौंपी गई। सचिन जैसे सिर्फ रन बनाने के लिए बने हैं। कप्तानी करना उन्हें कभी रास आया ही नहीं।

कप्तान सचिन के अच्छे प्रदर्शन के बावजूद टीम इंडिया हारती रही। 2 जनवरी 1997 को सचिन ने साउथ अफ्रीका में 169 रन की पारी खेल कर बतौर कप्तान पहला टेस्ट शतक लगाया।

बतौर कप्तान सचिन ने 25 टेस्ट मैचों में 51.35 के औसत से 2054 रन बनाए, जिसमें सात शतक और सात अर्धशतक शुमार रहे। लेकिन वे इनमें से कुल चार मैचों में टीम को जीत दिला सके। 9 मैचों में टीम को सचिन की कप्तानी में हार मिली और 12 मैच ड्रा रहे।

कप्तानी के दौरान जो सचिन ने बुरा दौर देखा वह उन्हें मानसिक रूप से मजबूत बनाने में मददगार रहा। साल 2000 में उन्होंने कप्तानी पद से इस्तीफा दे दिया। उनकी जगह सौरव गांगुली को टीम की कमान सौंपी गई।

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24-04-2013, 08:26 AM
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24-04-2013, 08:26 AM
1997 में घर आई प्यारी सारा

12 अक्टूबर 1997 सचिन तेंडुलकर की जिंदगी का एक अहम दिन रहा। इसी दिन उनके घर नन्ही परी सारा का जन्म हुआ। अपनी पहली बिटिया पर सचिन ने जम कर लाड़ लुटाया।

सारा आज अपनी मां अंजलि के साथ मिल कर अपनी नानी मां के चैरिटी संस्था में मदद करती हैं।

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24-04-2013, 08:27 AM
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24-04-2013, 08:27 AM
विजडन ने दिया एक नया नाम

1997 में ही सचिन तेंडुलकर को विजडन क्रिकेटर ऑफ द ईयर चुना गया। क्रिकेट की बाइबल कही जाने वाली इस मैगजीन का एक नियम है कि वे एक खिलाड़ी को कुल एक बार ही सम्मानित करते हैं। यदि यह नियम नहीं होता तो 1990 के दशक में शायद हर साल सचिन को ही इस अवार्ड से सम्मानति किया जाता।

सचिन तेंडुलकर को कुछ सालों बाद फिर से विजडन ने सराहा। इस बार उन्हें साल नहीं बल्कि टेस्ट और वनडे इतिहास का दूसरा सबसे बेहतरीन क्रिकेटर होने का सम्मान दिया गया

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24-04-2013, 08:28 AM
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24-04-2013, 08:29 AM
सचिन को मिला नन्हा अर्जुन

1999 में सचिन के परिवार में एक और नए सदस्य की एंट्री हुई। बेटी सारा के बाद सचिन के जीवन में बेटे अर्जुन का आगमन हुआ।

हर पिता-बेटे की जोड़ी की तरह सचिन और अर्जुन का खास रिश्ता है। सचिन अपने सभी क्रिकेटिया गुण अर्जुन में सम्मलित करने की कोशिश करते रहते हैं। हालांकि, वे अर्जुन पर क्रिकेटर बनने का दबाव नहीं बनाते, फिर भी उनके बेटे ने इसी खेल में करियर बनाने की ठान ली है।

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24-04-2013, 08:29 AM
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24-04-2013, 08:30 AM
ब्रेडमैन का तोड़ा रिकॉर्ड

22 अगस्त 2002 का दिन सचिन के क्रिकेट करियर में एक नया मुकाम लेकर आया। इसी दिन उन्होंने क्रिकेट के डॉन सर ब्रेडमैन का 29 टेस्ट शतकों का रिकॉर्ड तोड़ दिया। सचिन ने इंग्लैंड के खिलाफ लीड्स टेस्ट मैच में बेहतरीन 193 रन की पारी खेल कर यह उपलब्धि हासिल की।

सचिन ने अपनी उस पारी में 19 चौके और तीन छक्के लगाए थे। पहली पारी में बनाए उस शतक से सचिन ने टीम इंडिया को ऐतिहासिक पारी और 46 रन की जीत दिलाई थी।

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24-04-2013, 08:30 AM
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24-04-2013, 08:31 AM
टेनिस एल्बो ने किया परेशान

इंसान की जिंदगी में खुशी भरे पल ही मील का पत्थर नहीं होते। इसमें वे पल भी शामिल होते हैं जब व्यक्ति बुरे दौर से गुजरता है। 2004-05 में भारी बल्ले के इस्तेमाल के कारण सचिन तेंडुलकर को टेनिस एल्बो की परेशानी से जूझना पड़ा था।

इस चोट ने सचिन के करियर को खतरे में डाल दिया था। क्रिकेट पंडितों ने तो यहां तक दावा कर दिया था कि तेंडुलकर अब एक या दो साल से ज्यादा नहीं खेल सकेंगे, लेकिन सचिन ने उस दौर से निकलते हुए खुद को फिर से क्रिकेट में साबित किया।

2005 से 2013 के बीच सचिन ने कुल 78 टेस्ट मैच खेले जिसमें उन्होंने 49 की औसत से 5958 रन बनाए। इसमें 17 शतक और 29 अर्धशतक शुमार रहे।

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24-04-2013, 08:31 AM
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24-04-2013, 08:32 AM
ऐतिहासिक दोहरा शतक

24 फरवरी 2010 को सचिन तेंडुलकर ने एक ऐसा कारनामा किया जिसकी कल्पना किसी ने सपने में भी नहीं की थी।

सचिन ने साउथ अफ्रीका के खिलाफ ग्वालियर में हुए वनडे मैच में नाबाद 200 रन बना कर इतिहास रचा। इस कारनामे ने सचिन का नाम रिकॉर्डबुक्स में सुनहरे अक्षरों से अंकित कर दिया।

वनडे इतिहास में यह पहला मौका था जब कोई बल्लेबाज २०० रन के पार पहुंचा।

bindujain
24-04-2013, 08:32 AM
http://i6.dainikbhaskar.com/thumbnail/600x519/web2images/www.bhaskar.com/2013/04/24/7406_54.jpg

bindujain
24-04-2013, 08:33 AM
2011 में जीता जहां

सचिन तेंडुलकर के जीवन का सबसे सुखद लम्हा रहा 2011 का वर्ल्ड कप। अपनी बरसों की तमन्ना को उन्होंने वनडे क्रिकेट को अलविदा कहने से पहले पूरा कर लिया।

ऑस्ट्रेलिया, पाकिस्तान और श्रीलंका जैसी दिग्गज टीमों का हराते हुए भारत ने 2011 में वर्ल्ड चैंपियन होने का रुतबा हासिल किया। 1983 के बाद यह भारत की दूसरी वर्ल्ड कप जीत थी।

सचिन ने इस जीत में दो शतक और दो अर्धशतक के साथ योगदान दिया था।

bindujain
24-04-2013, 08:34 AM
http://i2.dainikbhaskar.com/thumbnail/600x519/web2images/www.bhaskar.com/2013/04/24/7409_55.jpg

bindujain
24-04-2013, 08:34 AM
100वां शतक भी अनोखा कमाल

सचिन के करियर का सबसे बड़ा मील का पत्थर साबित हुआ 100वां इंटरनेशनल शतक। यह कारनामा उन्होंने बांग्लादेश के खिलाफ 16 मार्च 2012 को हुए वनडे मैच में किया। उस मैच में सचिन ने 12 चौकों और 1 छक्के की मदद से 114 रन बनाए।

सचिन के नाम वनडे में 49 और टेस्ट 51 शतक दर्ज हैं। खेल के इतिहास में 100 इंटरनेशनल सेंचुरी लगाने वाले वे एकमात्र बल्लेबाज हैं।

jai_bhardwaj
24-04-2013, 09:19 PM
इस महत्वपूर्ण अवसर पर उत्कृष्ट सामग्री के लिए हार्दिक आभार बन्धु ,,,,,,,

jai_bhardwaj
28-04-2013, 07:19 PM
http://myhindiforum.com/attachment.php?attachmentid=26814&stc=1&d=1367158756


SACHIN IN CHILDHOOD ................SO CUTE!!

jai_bhardwaj
28-04-2013, 07:19 PM
http://myhindiforum.com/attachment.php?attachmentid=26815&stc=1&d=1367158705

SACHIN AS MUSICIAN

jai_bhardwaj
28-04-2013, 07:20 PM
http://myhindiforum.com/attachment.php?attachmentid=26816&stc=1&d=1367158705


SACHIN AS ADVENTURER

jai_bhardwaj
28-04-2013, 07:21 PM
http://myhindiforum.com/attachment.php?attachmentid=26817&stc=1&d=1367158705

SACHIN AS DANCER ...

jai_bhardwaj
28-04-2013, 07:22 PM
http://myhindiforum.com/attachment.php?attachmentid=26818&stc=1&d=1367158916


SACHIN IN A PARTY ..........

jai_bhardwaj
28-04-2013, 07:23 PM
http://myhindiforum.com/attachment.php?attachmentid=26819&stc=1&d=1367158916


SACHIN AS TENNIS PLAYER ..

jai_bhardwaj
28-04-2013, 07:23 PM
http://myhindiforum.com/attachment.php?attachmentid=26820&stc=1&d=1367158916

SACHIN AS T.T. PLAYER ..

jai_bhardwaj
28-04-2013, 07:24 PM
http://myhindiforum.com/attachment.php?attachmentid=26821&stc=1&d=1367158916


SACHIN AS MAMAMIYA ..... SO FUNNY !!

jai_bhardwaj
28-04-2013, 07:25 PM
http://myhindiforum.com/attachment.php?attachmentid=26822&stc=1&d=1367159107


SACHIN AS ARMY MAN

jai_bhardwaj
28-04-2013, 07:26 PM
http://myhindiforum.com/attachment.php?attachmentid=26823&stc=1&d=1367159107

SACHIN AS CAPTAIN ..

jai_bhardwaj
28-04-2013, 07:26 PM
http://myhindiforum.com/attachment.php?attachmentid=26824&stc=1&d=1367159107


SACHIN AS DOWN TO EARTH MAN

jai_bhardwaj
28-04-2013, 07:27 PM
http://myhindiforum.com/attachment.php?attachmentid=26825&stc=1&d=1367159107


SACHIN'S FANS HONOUR HIM AS A 'GOD'