aspundir
16-05-2013, 10:11 PM
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इसे दुनिया का सबसे बड़ा कब्रिस्तान है, जहां दुनिया भर से खराब जहाजों को नष्ट किया जाता है, उन्हें तोड़ा और काटा जाता है। बड़े-बड़े टैंकर और क्रूज लाइनर और समुद्र किनारे सैकड़ों मजदूर नष्ट करने में लगे होते हैं। उनके हाथ में छोटे-छोटे औजार होते हैं। हम बात कर रहे हैं पाकिस्तान के कराची शहर की, यहां समुद्री किनारे गदानी पर खराब जहाजों के बेड़े खड़े रहते हैं।
इसे दुनिया की सबसे खतरनाक नौकरी भी कहा जा सकता है। इस मेहनत कश काम के लिए मजदूरों को सिर्फ रोज के 188 रुपए मिलते हैं। लेकिन हैरानी की बात है, कम मजदूरी के बाद भी यहां काम करने वालों की कभी कमी नहीं रहती है।
पूरे दिन भर मजदूर मशीनों और मसल्स की ताकत से इन जहाजों से लोहा निकालने का काम करते हैं। यह उनके घरों से कई गुना और मंजिला बड़े होते हैं। आदमी मर जाते हैं, पैर टूट जाते हैं और मांसपेशिया जवाब दे जाती हैं, लेकिन काम है कि कभी नहीं रुकता। गदानी समुद्री तट कराची के दक्षिण पश्चिम में स्थित हैं। यह दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा शिप ग्रेवयार्ड है, पहले नंबर पर भारत(अलंग) और बांग्लादेश (चिटगॉन्ग) आते हैं।
इसे दुनिया का सबसे बड़ा कब्रिस्तान है, जहां दुनिया भर से खराब जहाजों को नष्ट किया जाता है, उन्हें तोड़ा और काटा जाता है। बड़े-बड़े टैंकर और क्रूज लाइनर और समुद्र किनारे सैकड़ों मजदूर नष्ट करने में लगे होते हैं। उनके हाथ में छोटे-छोटे औजार होते हैं। हम बात कर रहे हैं पाकिस्तान के कराची शहर की, यहां समुद्री किनारे गदानी पर खराब जहाजों के बेड़े खड़े रहते हैं।
इसे दुनिया की सबसे खतरनाक नौकरी भी कहा जा सकता है। इस मेहनत कश काम के लिए मजदूरों को सिर्फ रोज के 188 रुपए मिलते हैं। लेकिन हैरानी की बात है, कम मजदूरी के बाद भी यहां काम करने वालों की कभी कमी नहीं रहती है।
पूरे दिन भर मजदूर मशीनों और मसल्स की ताकत से इन जहाजों से लोहा निकालने का काम करते हैं। यह उनके घरों से कई गुना और मंजिला बड़े होते हैं। आदमी मर जाते हैं, पैर टूट जाते हैं और मांसपेशिया जवाब दे जाती हैं, लेकिन काम है कि कभी नहीं रुकता। गदानी समुद्री तट कराची के दक्षिण पश्चिम में स्थित हैं। यह दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा शिप ग्रेवयार्ड है, पहले नंबर पर भारत(अलंग) और बांग्लादेश (चिटगॉन्ग) आते हैं।