dipu
30-05-2013, 04:57 PM
झारखंड के नेतरहाट आदिवासी क्षेत्र में सरकार द्वारा जबरन फ़ायरिंग रेंज बनाने की घोषणा के खिलाफ लंबे समय से संघर्ष जारी है। यह फायरिंग रेंज सकड़ों गांवों के आदिवासियों को विस्थापित करेगा और इससे हजारों ज़िंदगियाँ तबाह होंगी। लेकिन आदिवासी तबाह हो, बर्बाद हो-इसकी चिंता कौन करता है !! वैसे हिम्मत की बात यह है कि मूलनिवासियों का संघर्ष कम नहीं हुआ है, वह दुगुने जोश-खरोश के साथ जारी है। अभी 5000 आदिवासियों ने सरकार के खिलाफ धरना-प्रदर्शन किया। लेकिन इसकी कोई खबर न कहीं छपी, न किसी न्यूज़ चैनल पर दिखाई गई। दरअसल आदिवासियों के आंदोलन का नेतृत्व जहां-जहां ''गैर-आदिवासी'' कर रहे हैं, वह सब ''न्यूज़ आइटम'' है लेकिन जहां-जहां आदिवासी हजारों की संख्या में खुद अपना आंदोलन चला रहे हैं, वह खबर साजिशन दबा दी जाती है...
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