pt.satender bhardwaj
05-06-2013, 09:57 AM
पश्चिमी पहरावे का पश्चिमी सभ्यता को तो लाभ है क्योंकि वहां के मर्द शराव पी पी कर नपुंसक हो रहे है जिस कारण वहां की नारियों को नग्न रहने पर कोई नुक्सान नहीं और लाभ यह कि उन को अपना बंश चलाने के लिय पुरुषों को उत्तेजित करना पड़ता है । क्योंकि शराव आदमी को काफी हद तक नपुंसक बना देती है और वहां का जल वायु भी ठंडा है जबकि भारत में ऐसा नहीं है यहाँ चार ऋतुएं हैं ,भारत में आज भी काफी हद तक खान पान में असली सामान मिलता है ,भारत के लोग शारिरीक रूप से मेहनती है, श्रम में विश्वास करते हैं ,शराव के आदि ज्यादा लोग नहीं हैं ,समाज में शराव को गलत मन जाता है इस का भी काफी हद तक शराब से भारतीय समाज का दूर रहना कारण है और सब से बड़ी बात कि भारतीय चन्द्र कि पूजा करते है जिस से भाबुकता आती है संबेदना आती है ।ये सब कई कारण है कि हमारे पुरखो ने नारियों को ऐसे परिधान पहनने कि व्यबस्था की,और नारी को पूज्या माना न कि भोग्या ! माँ भगवती की पूजा ,कन्या पूजा ये सब नारी पर होने वाले अत्यचारों को रोकने की ही व्यबस्था थी जिसे आज की युबां पीडी अनदेखा कर रही है ।
समय स्थान स्थिति के अनुरूप रहना सदा लाभकारी रहता है ।
आज जरुरत है इस पर सब को विचार करने क़ी !
ये सब लिखने का मेरा आशय किसी को आहत करना नहीं !एक विचार है !,अच्छा लगे तो इस पर और विचार करें और गलत लगे तो अज्ञानी समझ कर क्षमा करदे किन्तु मेरे लिखे पर हो सके तो विचार जरुर करें ।
हे नारी ! तुम श्रधा हो, पुज्या हो ,आदि शक्ति हो , माँ हो , बहन हो , बेटी हो ,पत्नी हो ,नारी के रूप मे ही माँ भगवती ने दुष्ट राक्षसों का संहार किया है , तुम कमजोर नहीं हो ,आने वाली पीडीयों कि जननी हो ,सशक्त हो जायो ,किन्तु ! भारतीय भेष भूषा में ।
ॐ शांतिः शांतिः शांतिः !
"सर्वज्ञ मुनि "
संस्थापक अवम अध्यक्ष ,
अंतर राष्ट्रिय ज्योतिषीय धर्म संघ
09871050422
समय स्थान स्थिति के अनुरूप रहना सदा लाभकारी रहता है ।
आज जरुरत है इस पर सब को विचार करने क़ी !
ये सब लिखने का मेरा आशय किसी को आहत करना नहीं !एक विचार है !,अच्छा लगे तो इस पर और विचार करें और गलत लगे तो अज्ञानी समझ कर क्षमा करदे किन्तु मेरे लिखे पर हो सके तो विचार जरुर करें ।
हे नारी ! तुम श्रधा हो, पुज्या हो ,आदि शक्ति हो , माँ हो , बहन हो , बेटी हो ,पत्नी हो ,नारी के रूप मे ही माँ भगवती ने दुष्ट राक्षसों का संहार किया है , तुम कमजोर नहीं हो ,आने वाली पीडीयों कि जननी हो ,सशक्त हो जायो ,किन्तु ! भारतीय भेष भूषा में ।
ॐ शांतिः शांतिः शांतिः !
"सर्वज्ञ मुनि "
संस्थापक अवम अध्यक्ष ,
अंतर राष्ट्रिय ज्योतिषीय धर्म संघ
09871050422