View Full Version : विंबलडन प्रतियोगिता 2013
लंदन।। दुनिया की नंबर एक खिलाड़ी और शीर्ष वरीय सेरेना विलियम्स महिला एकल के चौथे दौर में मंगलवार को यहां सेबिन लिसिस्की के खिलाफ उलटफेर का शिकार होकर विंबलडन टेनिस टूर्नामेंट से बाहर हो गई जबकि डेविड फेरर ने पुरूष एकल के क्वॉर्टर फाइनल में जगह बनाई।
गत चैंपियन सेरेना को जर्मनी की 23वीं वरीय खिलाड़ी के खिलाफ दो घंटे और चार मिनट चले मुकाबले में 2-6, 6-1, 6-4 से हार झेलनी पड़ी। सेबिन ने इससे पहले तीन बार विंबलडन के क्वॉर्टर फाइनल और 2011 में सेमीफाइनल में जगह बनाई थी लेकिन सेरेना को हराना ऑल इंग्लैंड पर उनकी सबसे बड़ी उपलब्धि है।
स्पेन के चौथे वरीय फेरर ने चौथे दौर में क्रोएशिया के गैरवरीय इवान डोडिग को 6-7, 7-6, 6-1, 6-1 से हराया। वह अगले दौर में अजेर्न्टीना के आठवें वरीय जुआन मार्टिन डेल पोत्रो और इटली के 23वें वरीय आंदियास सेप्पी के बीच होने वाले मैच के विजेता से भिड़ेंगे। पिछले महीने फ्रेंच ओपन फाइनल में हमवतन रोजर फेडरर के हाथों शिकस्त झेलने वाले फेरर ने लगातार सातवें ग्रैंडस्लैम क्वॉर्टर फाइनल में जगह बनाई है।
सेबिन क्वॉर्टर फाइनल में इस्टोनिया की काइया केनेपी से भिड़ेंगी जिन्होंने लारा राबसन का 29 साल में विंबलडन के क्वॉर्टर फाइनल में जगह बनाने वाली ब्रिटेन की पहली खिलाड़ी बनने का सपना तोड़ दिया। लारा को करीबी मुकाबले में केनेपी के हाथों सीधे सेटों में 6-7, 5-7 से शिकस्त का सामना करना पड़ा।
सेबिन ने पांच बार की चैंपियन सेरेना को कड़ी टक्कर दी और अपनी विरोधी के मुकाबले अधिक विनर और ऐस लगाए। सेबिन की जीत इसलिए भी काफी मायने रखती है कि पिछले साल फ्रेंच ओपन के पहले दोर में वर्जीना रजाने के हाथों शिकस्त के बाद से सेरेना ने काफी अच्छा प्रदर्शन किया और 80 में से 77 मैच जीते तथा इस दौरान विंबलडन, अमेरिकी ओपन, फ्रेंच ओपन और ओलिंपिक खिताब अपने नाम किए।
सोलह बार की ग्रैंडस्लैम चैंपियन सेरेना ने पहले तीन दौर में सिर्फ 11 गेम गंवाए थे और अपने जीत के क्रम को 34 मैच तक पहुंचाया लेकिन सेबिन का खेल ग्रास कोर्ट के अनुकूल था और जब उन्होंने मैच के चौथे गेम में ही ब्रेक प्वाइंट हासिल किया तो लगने लगा कि उनमें उलटफेर करने की क्षमता है। सेरेना ने पहला ब्रेक प्वाइंट बचाया लेकिन सेबिन ने इस अमेरिकी खिलाड़ी पर दबाव बनाए रखा। सेबिन को छठे गेम में एक और ब्रेक प्वाइंट मिला जिसे जीतकर उन्होंने बढ़त बनाई। जर्मनी की खिलाड़ी ने आठवें गेम में भी सेरेना की सर्विस तोड़कर पहला सेट आसानी से अपने नाम किया।
सेरेना ने दूसरे सेट में जोरदार वापसी की और लगातार 14 अंक जुटाकर अपने तेवर दिखाए। इस अमेरिकी खिलाड़ी ने तीन बार सेबिन की सर्विस तोड़कर आसानी से 1-1 से बराबरी हासिल कर ली। तीसरे और निर्णायक सेट में दोनों खिलाड़ियों के बीच कड़ी टक्कर देखने को मिली। सेरेना ने दो बार सेबिन की सर्विस तोड़ी लेकिन जर्मनी की खिलाड़ी ने तीन बार उनकी सर्विस तोड़कर सेट और मैच अपने नाम कर लिया।
दुनिया के सबसे प्रतिष्ठित ग्रैंड स्लैम टूर्नामेंट विंबलडन के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ है कि सात खिलाड़ियों को चोट लगने के कारण प्रतियोगिता के दूसरे दौर से ही हटना पड़ा है.
इन खिलाड़ियों में महिलाओं के वर्ग में दूसरी वरीयता प्राप्त विक्टोरिया अज़ारेन्का और पुरुषों के वर्ग में छठी वरीयता प्राप्त जो विल्फ़्रेड सोंगा भी शामिल हैं.
हालाँकि प्रतियोगिता के आयोजकों ने अज़ारेन्का के उस दावे को ख़ारिज कर दिया है कि कोर्ट काफ़ी ख़राब स्थिति में हैं. आयोजकों ने कोर्ट को 'शानदार' कहा है.
लेकिन दूसरे दौर में हारकर प्रतियोगिता से बाहर हुईं रूस की मारिया शरापोवा ने कोर्ट के सतह को 'ख़तरनाक' करार दिया.
इससे पहले स्पेन के क्लिक करें रफ़ाएल नडाल को हराकर सनसनी फैलाने वाले बेल्जियम के स्टीव डारसिस ने कंधे की चोट के कारण प्रतियोगिता से अपने को हटा लिया.
इनके अलावा मारिन सिलिच और जॉन आइज़नर भी घुटने की चोट के कारण प्रतियोगिता से हट गए. जबकि रादेक स्टेपनाक मांसपेशियों में खिंचाव के कारण विंबलडन से हट गए हैं.
महिलाओं के वर्ग में योरोस्लाव श्वेडोवा भी दाएँ बाँह में चोट के कारण प्रतियोगिता से हट गई हैं.
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विंबलडन का आयोजन कराने वाले ऑल इंग्लैंड लॉन टेनिस एंड कॉर्केट क्लब ने एक बयान में कहा है, "कोर्ट की तैयारियों में कोई बदलाव नहीं किया गया है. और जहाँ तक हमें जानकारी है ग्रास कोर्ट शानदार स्थिति में हैं. दरअसल ये पिछले साल के मुक़ाबले ज़्यादा सूखे हुए हैं."
दो बार विंबलडन के सेमी फ़ाइनल में स्थान बना चुकीं विक्टोरिया अज़ारेन्का अपने मैच के दौरान बुरी तरह गिर पड़ीं. हालाँकि उन्होंने मारिया जाओ कोहलर के ख़िलाफ़ मैच 6-1, 6-2 से जीत लिया. लेकिन गिरने के बाद उन्हें अपना इलाज कराने में लंबा वक़्त लगा.
बाद में अज़ारेन्का ने कहा, "कोर्ट अच्छी स्थिति में नहीं था. मेरी विरोधी खिलाड़ी भी दो बार गिरीं और मैं तो बुरी तरह गिर पड़ी. मैं नहीं जानती कि ऐसा कोर्ट के कारण हुआ या मौसम के कारण. मैंने कोई ग़लती नहीं की थी और मुझे विंबलडन से हटना पड़ रहा है."
दूसरी ओर ऑल इंग्लैंड लॉन टेनिस एंड कॉर्केट क्लब का कहना है कि वैसे तो कई खिलाड़ी प्रतियोगिता से हटे हैं लेकिन सिर्फ़ एक ही ने इसके लिए कोर्ट पर गिरने को ज़िम्मेदार बताया है.
पुरुषों के वर्ग में छठी वरीयता प्राप्त सोंगा भी घुटने की चोट के कारण प्रतियोगिता से हट गए हैं. नडाल को हराने वाले डारसिस तो मैच शुरू होने से पहले ही हट गए.
उन्होंने बताया कि नडाल के ख़िलाफ़ मैच के दौरान ही वे गिर गए थे और उन्हें कंधे पर चोट लगी थी.
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जर्मनी की साबिने लिसिस्की ने विंबलडन में अपना स्वÃ*णम अभियान जारी रखते हुए मंगलवार को महिला सिंगल्स के सेमीफाइनल में जगह बना ली, जबकि 2012 की उपविजेता पोलैंड की एग्निएस्का रादवांस्का को अंतिम चार में प्रवेश करने के लिए वर्षा बाधित मुकाबले में संघर्ष करना पड़ा।
विश्व की नंबर एक खिलाड़ी और गत चैंपियन सेरेना विलियम्स को धराशायी करने के 24 घंटे बाद ही लिसिस्की ने एक और धमाकेदार जीत के साथ साबित कर दिया कि सेरेना पर जीत कोई तुक्का नहीं थी। कोर्ट नंबर एक पर 23वीं वरीयता प्राप्त जर्मनी की लिसिस्की ने जबरदस्त खेल जारी रखा और क्वार्टर फाइनल में इस्टोनिया की काइया कानेपी को सीधे सेटों में 6-3, 6-3 से पराजित किया।
लगातार चौथे वर्ष यहां क्वार्टर फाइनल खेलने उतरी जर्मन खिलाड़ी ने यह मुकाबला 61 मिनटों में जीता। लिसिस्की ने कानेपी की सर्व पहले ही गेम में भंग कर दी और इसके बाद उन्होंने पलटकर नहीं देखा। दूसरे सेट के तीसरे गेम में लिसिस्की ने तीन डबल फॉल्ट किए और पहली बार अपनी सर्विस गंवा दी। लेकिन अगले ही गेम में ब्रेक हासिल कर लिया। इसके बाद उन्होंने अगले पांच में से चार गेम जीतकर सेमीफाइनल में प्रवेश कर लिया।
जीत के बाद लिसिस्की ने कहा, 'मैं यहां पिछले तीन वर्षो से क्वार्टर फाइनल खेल रही हूं और इसका अनुभव मेरे लिए काफी मददगार रहा। मुझ पर कोई दबाव नहीं था क्योंकि मैं इस खेल से बहुत प्यार करती हूं और मैं इसे उसी तरह रखना चाहती हूं। मैं हर मैच जीतने के लिहाज से कोर्ट में उतरती हूं। इतने सारे प्रशंसकों का मिलना मेरे लिए उत्साहवर्धक है। इससे बेहतर कुछ नहीं हो सकता।'
अगले दौर में उनका सामना चौथी वरीय रादवांस्का से होगा, जिन्होंने सेंटर कोर्ट पर वर्षा से बाधित क्वार्टर फाइनल मुकाबले में छठी वरीयता प्राप्त चीन की ली ना को 7-6, 4-6, 6-2 से शिकस्त दी। रादवांस्का को मैच के दौरान उपचार भी कराना पड़ा। पोलिश खिलाड़ी शुरुआत से ही जांघ पर पट्टियां बाधकर खेल रही थीं। जीत के बाद रादवांस्का ने कहा, 'मेरे पिछले दो मैच बेहद संघर्षपूर्ण रहे, इसलिए मुझे खुशी है कि मैं जीतने में सफल रही। मैं पिछले काफी समय से लगातार खेल रही हूं और इसलिए मुझे संघर्ष करना पड़ा।' लिसिस्की के खिलाफ सेमीफाइनल के बारे में उन्होंने कहा, 'हम जूनियर वर्ग से ही एक दूसरे के खिलाफ खेल रहे हैं। ग्रास कोर्ट पर अच्छा मुकाबला रहेगा और मैं उसे लेकर उत्साहित हूं।'
पुरुषों में शीर्ष वरीय नोवाक जोकोविक ने जर्मनी के 13वीं वरीय टॉमी हास को 6-1, 6-4, 7-6 से मात देते हुए क्वार्टर फाइनल में जगह बनाई। सर्बियाई स्टार अब चेक गणराज्य के सातवीं वरीय टॉमस बर्डिक से भिड़ेंगे, जिन्होंने ऑस्ट्रेलिया के बर्नाड टॉमिक को चार सेट तक चले कड़े मुकाबले में 7-6, 6-7, 6-4, 6-4 से हराकर अंतिम आठ में जगह बनाई। स्पेन के चौथी वरीय डेविड फेरर भी अंतिम आठ में जगह बनाने में सफल रहे हैं। उन्होंने क्रोएशिया के इवान डोडिग को 6-7, 7-6, 6-1, 6-1 से मात दी। क्वार्टर फाइनल में उनका सामना आठवीं वरीय अर्जेटीना के जुआन मार्टिन डेल पोत्रो से होगा, जिन्होंने इटली के आंद्रे सेपी को 6-4, 7-6, 6-3 से बाहर का रास्ता दिखाया।
लाइव मैच के लिए यहाँ क्लिक करे (http://www.wimbledon.com/en_GB/scores/index.html)
फ्रांस की बार्तोली बनीं विंबलडन की 'रानी'
फ्रांस की मारियन बार्तोली ने विंबलडन ग्रैंड स्लैम टेनिस टूर्नामेंट महिला सिंगल्स के फाइनल में आज यंग जर्मन खिलाड़ी सेबिन लिसिकी को हरा कर खिताब अपने नाम कर लिया। बार्तोली ने लिसिस्की को लगातार सेटों में 6-1, 6-4 के अंतर से रौंदते हुए इस बड़े मुकाबले में जीत दर्ज की।
बार्तोली ओपन युग में पहली बार ग्रैंडस्लैम खिताब जीतने वाली पांचवीं सबसे अधिक उम्र की खिलाड़ी हैं। वह 28 साल की हैं। बार्तोली ने ताकतवर खेल का शानदार नमूना पेश करते हुए अपने पहले ग्रैंडस्लैम खिताब का लंबा इंतजार खत्म किया। उन्होंने सिर्फ 81 मिनट में लिसिकी को हराया, जो दूसरे सेट में मैच हाथ से निकलने के बाद रोने लगी थीं।
बार्तोली ने मैच के बाद कहा, 'ईमानदारी से कहूं तो मुझे विश्वास नहीं हो रहा है। बचपन से ही मैंने इस लम्हे का सपना देखा था।' उन्होंने कहा, 'ऐस लगाकर विंबलडन जीतना तो मैं अपने सपने में भी नहीं सोच सकती थी। यह ट्रॉफी जीतकर मैं काफी खुश हूं।'
लिसिकी पहली बार विंबलडन के फाइनल में पहुंचीं हैं, जबकि बार्तोली वर्ष 2007 में भी फाइनल में पहुंची थीं। तब वीनस विलियम्स ने उन्हें हरा दिया था।
इससे पहले बार्तोली ने गुरुवार को खेले गए महिला सिंगल्स के पहले सेमीफाइनल मैच में 15वीं सीड खिलाड़ी बेल्जियम की कर्स्टन फ्लिपकेंस को 6-1, 6-2 से हराकर फाइनल में प्रवेश किया था। वहीं दूसरे सेमिफाइनल में 23 साल की लिसिकी ने 6-4, 2-6, 9-7 से चौथी सीड रादवान्सका को मात दी थी।
लिसिकी ने पिछले सोमवार को वर्ल्ड नंबर वन सेरेना विलियम्स को प्री क्वॉर्टर फाइनल में मात देकर बड़ा उलटफेर किया था। इसके बाद क्वॉर्टर फाइनल मैच में इस्टोनिया की काइया केनेपी को आसानी दी। जर्मन खिलाड़ी इससे पहले तीन बार विंबलडन के क्वॉर्टर फाइनल और 2011 में सेमीफाइनल में पहुंची थी।
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विंबलडनः ब्रायन ब्रदर्स ने जीता डबल्स खिताब
शीर्ष वरीयता प्राप्त बॉब और माइक ब्रायन की अमेरिकी जोड़ी ने विंबलडन का डबल्स खिताब जीत लिया है। फाइनल मुकाबले में ब्रायन ब्रदर्स ने क्रोएशिया के इवान डोडिग तथा ब्राजील के मार्सेलो मेलो की 12वीं वरीयता प्राप्त जोड़ी को 3-6 6-3 6-4 6-4 से हराया।
यह जीत कई मायनों में ऐतिहासिक है। इस जीत के साथ ही ब्रायन बंधु एक ही समय में चारों ग्रैंड स्लैम डबल्स खिताब जीतने वाली पहली जोड़ी बन गए हैं। उनकी उपलब्धि इतनी बड़ी है कि इसे 'ब्रायन स्लैम' के नाम से पुकारा जा रहा है। यह जोड़ी इस समय ओलंपिक चैंपियन भी है। 35 वर्षीय ब्रायन बंधुओं का यह 15वां ग्रैंड स्लैम खिताब है।
ब्रायन ब्रदर्स ने सेमीफाइनल में भारत के रोहन बोपन्ना और फ्रांस के एडुआर्ड रोजर वैसेलीन की जोड़ी को 6-7, 6-4, 6-3, 5-7, 6-3 से हराया था। डोडिग और मेलो लिएंडर पेस-रादेक स्टेपानेक की चौथी वरीयता प्राप्त भारतीय-चेक जोड़ी को हराकर फाइनल में पहुंचे थे।
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जोकोविच फाइनल में पहुंचे
दुनिया के नंबर एक खिलाड़ी नोवाक जोकोविच विंबलडन के पुरुष सिंगल्स के फाइनल में पहुंच गए हैं। उन्होंने सेमीफाइनल में अर्जेंटीना के जुआन मार्टिन डेल पोत्रो को 7-5 4-6 7-6 6-7 6-3 से हराया। ऑस्ट्रेलियाई ओपन चैंपियन जोकोविच दूसरी बार विंबलडन में फाइनल में पहुंचे हैं।
अब उनका मुकाबला एंडी मर्रे और पोलैंड के जर्जी जानोविच के बीच होने वाले मैच के विजेता से होगा। जोकोविच विंबलडन में अपना सातवां ग्रैंड स्लेम खिताब जीतने की कवायद में हैं।
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क्या कोई ब्रिटिश विंबलडन जीत पाएगा? 77 साल से हर साल पूछे जाने वाले इस सवाल को एंडी मरे ने सात जुलाई 2013 को दफन कर दिया। उन्होंने फाइनल में दुनिया के नंबर एक खिलाड़ी नोवाक जोकोविच को बुरी तरह शिकस्त दी। इसके साथ ही वे फ्रेड पैरी (1936) के बाद विंबलडन जीतने वाले पहले ब्रिटिश बन गए। स्कॉटलैंड के एंडी मरे जब रविवार को सेंटर कोर्ट में उतरे तो उन पर हजारों निगाहें टिकी थीं। उन पर 77 साल की नाकामी का इतिहास बदलने का दबाव था। सामने थे सर्बिया के नोवाक जोकोविच। वही जोकोविच, जो उन्हें अब तक 11 बार हरा चुके थे। जबकि मरे उन्हें सिर्फ सात बार हरा पाए थे। लेकिन इस बार मरे को खिताब से कम मंजूर न था। पिछले साल फाइनल में रोजर फेडरर से हारने वाले मरे इस बार शुरू से ही चैंपियन की तरह खेले और मुकाबला 6-4, 7-5, 6-4 से जीता।
दूसरी वरीयता प्राप्*त मरे ने तीसरे ही गेम में जोकोविच की सर्विस ब्रेक की। फिर तो उन्होंने पीछे मुड़कर भी नहीं देखा। मुकाबला तीन घंटे नौ मिनट चला लेकिन जोकोविच कभी जीतते नहीं लगे। शीर्ष वरीय जोकोविच बिल्कुल में भी रंग में नहीं थे। इसका अंदाजा इसी बात से पता चलता है कि वे एक भी सेट टाइब्रेकर तक भी नहीं खींच पाए। मरे का यह दूसरा ग्रैंडस्लैम खिताब है।
15 मई 1987 को ग्लासगो में जन्मे मरे 2005 से प्रोफेशनल खिलाड़ी बने। वह 2007 में टॉप 10 खिलाडिय़ों में शामिल हो गए और 2009 में शीर्ष रैंकिंग 2 हासिल की। 2012 में ओलिंपिक स्वर्ण और पहला ग्रैंडस्लैम (यूएस ओपन) जीता।
ऐतिहासिक पल का गवाह बनने के लिए खर्च किए 32 लाख रुपए : ब्रिटिश प्रशंसकों को ‘अपने चैंपियन’ का बेसब्री से इंतजार था। कई प्रशंसक तो इस पल का गवाह बनने के लिए इतने आतुर थे कि एक-एक टिकट के लिए 32-32 लाख रुपए तक खर्च कर स्टेडियम पहुंचे। एक ब्रिटिश अखबार के मुताबिक मरे के फाइनल में पहुंचने के बाद टिकट के दाम में 450 फीसदी की बढ़ोतरी हुई।
विंबलडन में मुस्कुराई पिंकी
विंबलडन के पुरुष एकल फाइनल का आगाज़ भारत की ‘स्माइल परी’ ङ्क्षपकी ने रविवार को सेंटर कोर्ट में टॉस कर किया। फाइनल में चोटी के दो खिलाडिय़ों सॢबया के नोवाक जोकोविच और ब्रिटेन के एंडी मरे के बीच था। ङ्क्षपकी के टॉस करने से दुनिया के करोड़ों दर्शकों के सामने सेंटर कोर्ट पर भारत की भी मौजूदगी दर्ज हो गई।
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रविवार को विंबलडन का फाइनल मुकाबले के दौरान ब्रिटिश पीएम डेविड कैमरून और उनकी मां मैरी कैमरून लंदन स्थित सेंटर कोर्ट पर मौजूद थे।
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विंबलडन के ऑल इंग्*लैंड लॉन टेनिस क्*लब में फ्रेड पैरी की कांसे की मूर्ति है।
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प्यार और जीत का खुमार कुछ ऐसा होता है कि उसमें इंसान अपना होश खो बैठता है। वर्ल्ड नंबर 2 टेनिस प्लेयर एंडी मरे ने जब नोवाक जोकोविच को विंबलडन के फाइनल में हराकर 77 साल का सूखा खत्म किया तो उस नशे में वे सिर से पांव तक डूब गए।
अपनी जीत को सेलिब्रेट करने के लिए जब वे अपने साथियों से मिलने के लिए सेंटर कोर्ट की कुर्सियां लांघकर ऊपर पहुंचे, तो उन्होंने अपनी गर्लफ्रेंड किम सियर्स को किस किया। कोच, ट्रेनर से लेकर वहां बैठे अपने सभी समर्थकों को गले से लगाया, लेकिन इस बीच वे अपनी मां जूडी को भूल गए।
मरे के जीतते ही उनकी मां की आंखों से आंसू निकल आए थे। वे अपने जज्बातों को रोक नहीं पा रही थीं। इसलिए वे अपनी सीट से उठकर पीछे की तरफ रोने के लिए चली गईं।
जब मरे नीचे उतरने लगे तो उन्हें बीच में रोककर किसी ने याद दिलाया... अरे अपनी मां से तो मिल लो। तब कहीं जाकर मरे पीछे मुड़े और जूडी ने उन्हें गले से लगाया। ऐसा नहीं कि मरे और उनकी मां के बीच संबंधों में कुछ खटास है। यह तो जीत का नशा था। जिस जीत का इंतजार वे बरसों से कर रहे थे, उसे हासिल करने के बाद वे सन्न से रह गए
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