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View Full Version : नाइट शिफ्ट करने वाली महिलाओं को ब्रेस्*ट क


dipu
02-07-2013, 08:01 PM
http://media2.intoday.in/aajtak/images/stories/072013/cancer_650_070213020515.jpg

जो महिलाएं दफ्तर में नाइट शिफ्ट करती हैं वे इस खबर को जरूर पढ़ें और सावधान हो जाएं. वैज्ञानिकों ने दावा किया है कि जो महिलाएं 30 साल से नाइट शिफ्ट कर रही हैं उन्*हें ब्रेस्*ट कैंसर होने का खतरा दोगुना है.
शोधकर्ताओं का मानना है कि नाइट शिफ्ट के दौरान आर्टिफीशियल रोशनी यानी कि कृत्रिम प्रकाश शरीर में मौजूद रसायनों को नुकसान पहुंचाता है और यह प्रक्रिया ट्यूमर के विकास को गति देती है.

डेली मेल के मुताबिक कनाडा की एक टीम ने ब्रेस्*ट कैंसर से पीड़ित 1,134 महिलाओं के करियर का अध्*ययन किया. इन महिलाओं की तुलना उन 1,179 महिलाओं से की गई, जिन्*हें ब्रेस्*ट कैंसर नहीं था.

रिसर्च में सामने आया कि हर तीसरी महिला ने अपनी जिंदगी में कभी ना कभी नाइट शिफ्ट की है और नर्सिंग, एयरहोस्*टेस, होटल रिसेप्*शनिस्*ट जैसे रोल अदा किए हैं. इसके बाद शोधकर्ताओं ने उन महिलाओं को उनकी नाइट शिफ्ट के आधार पर अलग-अलग ग्रुप्*स में बांट दिया. इन ग्रुप्*स में 14, 15 से 29, 30 या उससे ज्*यादा साल तक नाइट शिफ्ट कर चुकीं महिलाएं शामिल थीं.

ब्रिटिश मेडिकल जर्नल की वेबसाइट में रिसर्च के नतीजे प्रकाशित किए गए है जिसके मुताबिक जिन महिलाओं ने 30 साल से कम नाइट शिफ्ट की थी उनमें किसी और की तुलना में ब्रेस्*ट कैंसर का जोखिम नहीं था. लेकिन जिन्*होंने 30 साल से ज्*यादा नाइट शिफ्ट की थी उनमें इसका दोगुना खतरा था.

हालांकि ज्*यादातर लोग दिन के समय दफ्तर में कृत्रिम प्रकाश में ही काम करते हैं, लेकिन वैज्ञानिकों का मानना है कि रात के समय ऐसी रोशनी कैंसर को बढ़ावा देती है क्*योंकि इससे प्राकृतिक नींद और हार्मोन प्रभावित होते हैं.

वैज्ञानिकों को लगता है कि कृत्रिम प्रकाश कैंसर को रोकने वाले मेलाटोनिन हार्मोन को दबा देता है. गौरतलब है कि मेलाटोनिन हार्मोन कैंसर को रोकने में मदद करता है.

Dr.Shree Vijay
02-08-2013, 07:05 PM
यह तो वाकई दुखद समाचार हैं...................................