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View Full Version : स्वास्थ्य के सूत्र


rajnish manga
07-07-2013, 11:21 PM
स्वास्थ्य के सूत्र
(स्वतंत्रता सैनानी श्री राम चन्द्र विकल के अनुभवों पर आधारित)

इन सूत्रों के अनुसार आचरण कर के हर व्यक्ति स्वस्थ और निरोग जीवन व्यतीत कर सकता है.

1. सूर्योदय से पूर्व स्नान करें. सर्दियों में भी ठन्डे पानी से नहायें और ठंड भगाएं, आसन कर के रोग भगाएं

2. चाय-कॉफ़ी के बजाय छाछ व् पानी का अधिक से अधिक प्रयोग करें

3. न लेना, न देना, मगन रहना

4. दिल खोल कर हंसें, रक्त संचार सुचारू रहेगा

5. किसी बात को मन में न रखें. किसी न किसी को अभिन्न मित्र अवश्य बनायें जिससे मन की बात, सब कुछ कह सकें. अभिन्न मित्र न हो तो, पेड़ पौधों के पास जा कर उनसे अपने मन की बात कह कर दिल के बोझ को हल्का करें.

6. शुद्ध वायु में विधिपूर्वक प्राणायाम करने से कई रोगों से बचा जा सका है लेकिन प्रारंभ में इसे किसी विशेषज्ञ की देख रेख में ही करना चाहिए.

rajnish manga
07-07-2013, 11:22 PM
सरल योगासन से रोग उपचार

1. ह्रदय रोग > ताड़ासन

सीधे खड़े हो कर सिर के ऊपर हथेलियों के पृष्ठ भाग को हाथ ऊपर नीचे कर बार-बार मिलायें

लाभ: इससे ह्रदय बलवान होता है / फेफड़ों की शक्ति में वृद्धि / भुजाओं, टांगों, जाँघों की मांसपेशियां शक्तिशाली होती है.

2. उदर रोग > वज्रासन

(भोजन के पंद्रह मिनट बाद) घुटने मोड़ कर बैठें. पैरों के अंगूठे एक द्दूसरे में फंसे हों.

लाभ: गैस रोग और कब्जियत दूर होगी / पाचन शक्ति में वृद्धि

3. श्वास और दमा > खगासन

पद्मासन लगा कर पेट के बल लेटें. सांस खींच कर हथेलियों के बल सर, गले और छाती को भूमि से उठायें.

लाभ: श्वास और दमें की बिमारी में लाभ / सिर, गले, छाती और पेट के रोग भी दूर करता है.

4. गठिया वात > उष्ट्रासन

छाती के बल लेट कर दोनों पेरों को घुटनों से मोड़ कर ऊपर उठायें. दोनों हाथों से दोनों पैरों को पकड़ कर सिर को जितना हो सके ऊपर उठायें. सांस रोकें. आसन छोड़ते समय सांस निकालें.

लाभ > गठिया वात से मुक्ति / जिगर तथा बढ़ी तिल्ली ठीक होती है / पांडू रोग भी दूर होता है.

5. कफ़ पित्त > भुजंगासन

पेट के बल लेटें. हथेलियाँ बगल में रख कर धीरे धीरे ठोड़ी और सीना उठा कर आकाश की और देखें.

लाभ: कफ़ पित्त सम्बन्धी विकारों से मुक्ति / ह्रदय मजबूत / समूचा नाड़ी संस्थान चेतन हो उठता है.

rajnish manga
07-07-2013, 11:23 PM
6. मधुमेह > अर्ध-मत्स्येन्द्र आसन

घुटने को मोड़ कर दाहिनी जांघ के नीचे लायें. दायें पैर का घुटना घुटने के पास रख एड़ी को मूत्राशय-गुदा के मध्य रखें. बाए हाथ से दायें पैर का अंगूठा पकड़ कर सिर पीछे की ओर ले जायें.

लाभ: मधुमेह के लिए अत्यंत उपयोगी. इस रोग के लिए रीढ़ की हड्डी को मोड़ने वाला हर आसन उपयोगी

7. रक्तचाप > बालासन

सख्त बिस्तर पर औंधे मुंह लेटें. फिर (जैसा कि इसके नाम से प्रकट है बच्चों की सोने की मुद्रा में) एक हाथ और एक पैर को फर्श पर एक ओर को टिका कर लेटें.

लाभ: दस मिनट लेटने से रक्तचाप सामान्य हो जाता है.

8. साइटिका > गाव तकिये पर रोलिंग

छोटा सा गाव तकिया लें. उसे पीठ के नीचे रख कर शरीर को घुमाते हए आगे-पीछे ले जायें.

लाभ: इससे सायटिका रोग दूर होता है तथा पूरे शरीर का व्यायाम भी हो जाता है.

Dr.Shree Vijay
02-08-2013, 03:20 PM
बेहतरीन........................................... ............