View Full Version : एशेज सीरीज 2012-13
क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया ((सीए)) ने इंग्लैंड के खिलाफ वर्ष २०१३-१४ में घरेलू जमीन पर होने वाली एशेज सीरीज का कार्यक्रम जारी कर दिया है। इसके मुताबिक दोनों टीमों के बीच पहला अभ्यास मैच अगले वर्ष ३१ अक्टूबर से पर्थ में और पहला टेस्ट २१ नवंबर से ब्रिस्बेन में शुरू होगा। इस दौरे में इंग्लैंड पांच टेस्टों के अलावा पश्चिमी ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ एक तीन दिनी मैच पर्थ में, ऑस्ट्रेलिया ए के खिलाफ होबार्ट में और न्यू साउथ वेल्स एकादश के खिलाफ सिडनी में चार दिनी मैच खेलेगा। साथ ही इंग्लिश टीम का २९ और ३० नवंबर को क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया चेयरमैन एकादश के खिलाफ कैनबरा में दो दिवसीय मैच खेलने का भी कार्यक्रम है। दोनों देशों के बीच इसके बाद होने वाली पांच मैचों की वनडे सीरीज और तीन टी२० मैचों की सीरीज के कार्यक्रम और स्थलों की घोषणा जनवरी में की जाएगी।
एशेज का कार्यक्रम :
मैच दिनांक स्थान
पहला टेस्ट २१ नवंबर से ब्रिस्बेन
दूसरा टेस्ट ५ दिसंबर एडिलेड ओवल
तीसरा टेस्ट १३ दिसंबर पर्थ
चौथा टेस्ट २६ दिसंबर मेलबोर्न
पांचवां टेस्ट ३ जनवरी सिडनी
http://www.p7news.com/images/07-2013/kiski_hogi_ashes-377.jpg
किसकी होगी एशेज़, कल से शुरू हो जाएगी टेस्ट क्रिकेट की सबसे बड़ी जंग और चलेगी लगभग 2 महीने तक। ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड के बीच होने वाली यह टेस्ट सीरीज़ दोनों देशों के लिहाज़ से बेहद अहम होने वाली है।
शुरू होगी दुनिया का सबसे पुरानी, एतिहासिक और सबसे बड़ी क्रिकेट की जंग। सिर्फ 11 सेंटीमीटर की ट्रॉफी के लिए होने वाला क्रिकेट का सबसे बड़ा मुकाबला बस शुरू होने वाला है। मुकाबला भले ही ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंज के बीच हो लेकिन दुनिया भर की नज़रे है इस एतिहासिक सीरीज़ पर इंग्लिश सरज़मी पर बुधवार से शुरू होगी एतिहासिक एशेज़। पहला टेस्ट नॉटिंघम में बुधवार से खेला जाएगा। इस वक्त एशेज़ पर कब्ज़ा है इंग्लैंड का। साल 2010-11 में ऑस्ट्रेलिया को उसी के घर पर मात देकर इंग्लिश टीम ने जीती थी एशेज़ तब इंग्लैंड ने ऑस्ट्रेलिया को 3-1 से हराया था।
यह सीरीज़ कप्तान माइकल क्लार्क की कप्तानी के लिहाज़ से भी काफी अहम है। पिछले कुछ समय से क्लार्क की कप्तानी में टीम का प्रदर्शन लगातार खराब रहा है और टीम में कई बार फूट भी सामने आई है। नई कोच डैरेन लीमन के साथ क्लार्क की नज़रे एक बार फिर एशेज़ पर कब्ज़ा करने की है वैसे अगर दोनों टीमों की बात करे तों इंग्लैंड जहां टेस्ट रैकिंग में दूसरे पायदान पर है तो ऑस्ट्रेलिया है चौथी पोज़ीशन पर।
कंगारू टीम में माइकल क्लार्क और शेन वॉटसन के रूप में सिर्फ दो अनुभवी खिलाड़ी हैं तो वहीं पहली बार कुक की कप्तानी में खेल रही इंग्लिश टीम में कुक के अलावा केविन पीटरसन, जेम्स एंडरसन जॉनथन ट्रॉट और ग्रीम स्वॉन हैं। कागज़ों पर घर पर खेल रही इंग्लिश टीम का दावा बेहद मज़बूत नज़र आता है। वैसे भी हाल ही मे भारत में भारत से 4-0 मात खाने के बाद कंगारू पूरी तरह से पस्त है और इसिलिए दिग्गज एशेज़ शुरू होने से पहले जीत का बड़ा दावेदार इंग्लैंड को ही माना जा रहा है।
http://static.ibnlive.in.com/pix/labs/sitepix/03_2013/michael_clarke_24313.jpg
http://www.espncricinfo.com/db/PICTURES/CMS/161600/161603.jpg
http://www.espncricinfo.com/db/PICTURES/CMS/161500/161599.jpg
Peter Siddle was pumped after taking his fifth wicket, England v Australia, 1st Investec Test, Trent Bridge, 1st day, July 10, 2013
http://www.espncricinfo.com/db/PICTURES/CMS/161500/161589.jpg
Jonathan Trott looks back after playing on, England v Australia, 1st Investec Test, Trent Bridge, 1st day, July 10, 2013
http://www.espncricinfo.com/db/PICTURES/CMS/161500/161581.jpg
Peter Siddle pumps his fists in delight at snaring Kevin Pietersen, England v Australia, 1st Investec Test, Trent Bridge, 1st day, July 10, 2013
एशेज टेस्ट टीम में वार्नर को एंट्री नहीं
ऑस्ट्रेलिया ने विस्फोटक बल्लेबाज डेविड वार्नर के एशेज दौरे पर फिलहाल विराम लगा कर उन्हें जिमबाब्वे और दक्षिण अफ्रीका के दौरे पर जाने वाली ऑस्ट्रेलिया 'ए' टीम में शामिल किया है।
चयनकर्ताओं ने वार्नर को नाटिंगम में चल रहे पहले टेस्ट की टीम में नहीं रखने का फैसला किया था। क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया का मानना है कि इंग्लैंड के सलामी बल्लेबाज जो रूट पर मुक्का जड़ने के कारण निलंबन झेलने वाले वार्नर पूरी तरह से तैयार नहीं हैं।
सीए के मुख्य चयनकर्ता जॉन इनवेरारिटी ने कहा कि बायें हाथ के बल्लेबाज वार्नर को बाद में एशेज टीम में शामिल किया जा सकता है। उन्होंने कहा 'डेविड ने कड़ा अभ्यास किया तथा टीम और अपने साथियों के साथ उनका रवैया अच्छा रहा, लेकिन पहले टेस्ट मैच के लिये उनकी तैयारियां सही नहीं थी।'स्टीवन स्मिथ और एस्टन एगर को ट्रेंटब्रिज टेस्ट की टीम में शामिल करने से ऑस्ट्रेलिया ए टीम में कुछ अन्य बदलाव भी किये गए हैं। अब एरोन फिंच को टीम का कप्तान और अलेक्स डूलान को उप कप्तान बनाया गया है।
मेजबान इंग्लैंड की टीम 57 साल बाद खिताबी हैट्रिक बनाने की कोशिश करेगी. इंग्लैंड ने पिछली दोनों एशेज जीती हैं और उसके पास 1956 के बाद पहली बार लगातार तीन श्रृंखलाएं जीतने का यह बेहतरीन मौका है. दूसरी तरफ ऑस्ट्रेलिया 2011 में अपनी सरजमीं पर मिली हार का दर्द नहीं भुला पाया है और वह एशेज में अच्छा प्रदर्शन करने के लिये बेताब है.
माइकल क्लार्क की अगुवाई वाली ऑस्ट्रेलियाई टीम को इंग्लैंड दौरे पर आयी सबसे कमजोर टीमों में गिना जा रहा है और इसलिए एलिस्टेयर कुक की टीम का पलड़ा भारी माना जा रहा है.
इंग्लैंड हालांकि इतिहास से सबक लेकर ऑस्ट्रेलिया को किसी तरह से कम करके आंकने की कोशिश नहीं करेगा. इससे पहले 1989 में भी यही कहा गया था कि ऑस्ट्रेलिया की यह सबसे कमजोर टीम है. ऑस्ट्रेलिया की उस टीम ने 4-0 से जीत दर्ज करके एशेज जीत ली थी.
ऑस्ट्रेलिया की टीम भारत के हाथों 0-4 से हारकर पहली बार टेस्ट मैच खेलेगा जबकि इंग्लैंड की टीम ने भारत को उसकी सरजमीं पर हराया था. ऑस्ट्रेलिया की बल्लेबाजी को लेकर सवाल उठाये जा रहे हैं जिसमें क्लार्क को छोड़कर कोई भी भरोसेमंद बल्लेबाज नहीं है.
पीटर सिडल की अगुवाई वाला ऑस्ट्रेलियाई आक्रमण हालांकि इंग्लैंड के बल्लेबाजों को परेशानी में डाल सकता है. तेज गेंदबाज जेम्स पैटिनसन से ऑस्ट्रेलिया को काफी उम्मीदे हैं. इंग्लैंड भी ऑस्ट्रेलिया से मिलने वाली इन चुनौतियों से वाकिफ है और इसलिए उसे कमजोर नहीं आंक रहा है.
इंग्लैंड के आफ स्पिनर ग्रीम स्वान ने कहा, ‘‘भारत में हाल के परिणाम के बावजूद हम ऑस्ट्रेलिया को किसी भी दृष्टिकोण से कमजोर नहीं आंक रहे हैं. हम नहीं मान रहे हैं कि हम उन पर आसानी से जीत दर्ज कर लेंगे. यदि आप खुद को जीत का दावेदार मान लेते हो तो यह बहुत खतरनाक होता है.’’
ऑस्ट्रेलिया के नवनियुक्त कोच डेरेन लीमन की यह पहली परीक्षा होगी और उनकी युवा टीम खुद को साबित करने के लिये बेताब है. उसके पास कई युवा खिलाड़ी हैं जिनके बारे में इंग्लैंड सही तरह से आकलन नहीं कर सकता है.
ऑस्ट्रेलिया के विकेटकीपर ब्रैड हैडिन भी इसके अपने लिये फायदे का सौदा मानते हैं. उन्होंने कहा, ‘‘हमारे पक्ष में एक बात जाती है कि इनमें से कुछ खिलाड़ी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर क्या कर सकते हैं. हमारे पास कई कुशल खिलाड़ी हैं. उन्हें इस बड़ी श्रृंखला में देखना दिलचस्प होगा.’’
इंग्लैंड के बल्लेबाज न्यूजीलैंड के खिलाफ हाल की टेस्ट श्रृंखला में दबदबा बनाने में नाकाम रहे थे जैसा कि माना जा रहा था. स्टार बल्लेबाज केविन पीटरसन घुटने की चोट के कारण उस श्रृंखला में नहीं खेल पाये थे लेकिन अब वह फिट हैं और इंग्लैंड की जीत में अहम भूमिका निभा सकते हैं.
पीटरसन ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ हमेशा अच्छा प्रदर्शन किया है. उनका अपने इस प्रतिद्वंद्वी के खिलाफ औसत 52.71 है जो उनके करियर औसत 49.01 से बेहतर है. स्वान भी मानते हैं कि इस श्रृंखला में पीटरसन की भूमिका अहम होगी. उन्होंने कहा, ‘‘उसने भारत ने बेजोड़ प्रदर्शन किया था. वह वास्तव में टीम के सकारात्मक पक्ष बन गया है. हमारा अब केपी से कोई मसला नहीं है.’’
कप्तान कुक लगातार अच्छा प्रदर्शन कर रहे हैं लेकिन इस बार उन्हें नये जोड़ीदार के साथ पारी का आगाज करना पड़ेगा. निक काम्पटन को टीम में जगह नहीं दी गयी और उनकी जगह युवा जो रूट पारी का आगाज करेंगे. मध्यक्रम में पीटरसन के अलावा जोनाथन ट्राट और इयान बेल जैसे अनुभवी बल्लेबाज हैं.
ऑस्ट्रेलिया भी श्रृंखला में नयी सलामी जोड़ी के साथ उतरेगा. अनुभवी शेन वाटसन के साथ क्रिस रोजर्स पारी का आगाज करेंगें. रोजर्स को इंग्लैंड की परिस्थितियों में खेलने का अच्छा अनुभव है. कप्तान क्लार्क पर मध्यक्रम की मुख्य जिम्मेदारी रहेगी.
http://i2.dainikbhaskar.com/thumbnail/600x519/web2images/www.bhaskar.com/2013/07/11/2318_11.jpg
ऐशेज सीरीज के पहले मुकाबले में ही मेजबान इंग्लैंड और ऑस्ट्रेलिया के बीच गेंद और बल्ले की रोचक जंग दिखाई दे रही है। टैंट्रब्रिज में खेले जा रहे टेस्ट के दूसरे दिन ऑस्ट्रेलिया ने खराब शुरुआत के बाद जबर्दस्त वापसी कर ली है।
वापसी का कारण भी किसी धुंरधर के कारण नहीं बल्कि एक पहला टेस्ट खेल रहे 19 साल के युवा खिलाड़ी की दम पर।
जब दोनों टीमों के सूरमा विकेट पर नहीं टिक पा रहे थे इस युवा ने गजब का साहस दिखाते हुए पहले ही मैच में वर्ल्ड रिकॉर्ड बना डाला
http://i10.dainikbhaskar.com/thumbnail/600x519/web2images/www.bhaskar.com/2013/07/11/7094_4.jpg
दरअसल पहले दिन इंग्लैंड की पारी ऑस्ट्रेलियाई गेंदबाजों के आगे केवल 215 रनों पर सिमट गई थी। लगा यह था कि ऑस्ट्रेलिया यहां कुछ कर गुजरेगा लेकिन पहले ही दिन के खेल खत्म होने तक कंगारू भी चार विकेट गवां चुके थे।
http://i2.dainikbhaskar.com/thumbnail/600x519/web2images/www.bhaskar.com/2013/07/11/7092_3.jpg
दूसरे दिन इंग्लिश स्पीडस्टार जेम्स एंडरसन कंगारुओं पर टूट पड़े और देखते ही देखते स्कोर 9 विकेट पर 117 रन हो गया था। इस समय एक एंड पर टिके फिलिप ह्यूज का साथ देने आए पहला मैच खेल रहे 19 वर्षीय ऐस्टन एगर।
http://i8.dainikbhaskar.com/thumbnail/600x519/web2images/www.bhaskar.com/2013/07/11/7088_5.jpg
इंग्लिश तूफान के आगे इसके बाद एगर ने जो हौसला दिखाया उसने न सिर्फ ऐशेज बल्कि टेस्ट क्रिकेट में भी नया इतिहास रच दिया। एगर ने तेजतर्रार पचासा ठोक इंग्लैंड के अरमानों पर पानी फेर दिया और टेस्ट इतिहास में डेब्यू मैच में नंबर 11 पर बल्लेबाजी करते हुए सर्वाधिक स्कोर बनाने वाले खिलाड़ी बन गए।
एगर ने पहले मैच में अंग्रेजों के होश ठिकाने करते हुए 98 रनों की पारी खेली। सिर्फ दो रन से वे अपना ऐतिहासिक शतक चूक गए। इस पारी में एगर ने 101 गेंदों का सामना करते हुए 12 चौके और दो छक्के लगाए।
jai_bhardwaj
11-07-2013, 08:59 PM
इस तरह एगर ने न केवल विश्व में किसी ११ वें नंबर के खिलाड़ी द्वारा बनाया गया उच्चतम स्कोर ९८ रन बनाए बल्कि अंतिम विकेट के लिए उच्चतम १६३ रनों की साझेदारी भी का भी रिकार्ड बनाया। इसके पहले वेस्ट इंडीज के खिलाड़ी टीनो बेस्ट द्वारा ११वें नंबर पर बल्लेबाजी करते हुए ९५ रन बनाए गए थे। आज से पहले अंतिम विकेट की उच्चतम साझेदारी १५१ रनों की थी।
http://i5.dainikbhaskar.com/thumbnail/600x519/web2images/www.bhaskar.com/2013/07/13/3323_39.jpg
कैरेबियाई दिग्गज के एक सवाल से कटघरे में आया क्रिकेट का शर्मनाक सच
क्रिकेट वर्ल्ड में भारतीय उपमहाद्वीप के खिलाड़ियों से आईसीसी और मैच रैफरी द्वारा पक्षपात की बातें अक्सर सुर्खियों में रहती हैं। माना जाता है कि इ कैरेबियाई और एशियाई खिलाड़ी आईसीसी के निशाने के पर रहते हैं वहीं इंग्लैंड और ऑस्ट्रेलिया के खिलाड़ियों के लिए आईसीसी नरम रुख अपनाता है।
ऐशेज सीरीज के तीसरे दिन क्रिस ब्रॉड स्कैंडल से एक बार फिर खेल भावना पर बहस शुरू हो गई है। दरअसल ब्रॉड ने यह जानते हुए भी कि वे आउट हैं अंपायर के निर्णय का इंतजार किया और अंपायर ने उन्हें नॉट आउट करार दे दिया था।
इस वाकए के बाद अंपायर और ब्रॉड दोनों ही आलोचकों के निशाने पर हैं। ब्रॉड पर खेल भावना को आहत करने का इल्जाम पूर्व क्रिकेटर लगा रहे हैं। इस बहस में कैरेबियाई दिग्गज माइकल होल्डिंग ने एक शर्मनाक सच को सामने ला दिया है। दरअसल माइकल होल्डिंग ने खेल भावना का उल्लंघन करने पर दी जाने वाली सजा को लेकरआईसीसी पर सवाल उठाया है। होल्डिंग ने चैंपियंस ट्रॉफी में उनके ही हमवतन दिनेश रामदीन को दी गई सजा का हवाला भी दिया है।
रामदीन पर यह आरोप था कि पाक के खिलाफ मैच में कैच पकड़ते समय गेंद के जमीन से छू जाने के बात जानते हुए भी उन्होंने बैट्समैन के खिलाफ अपील की थी। आईसीसी ने इसे खेल भावना के विपरीत मानते हुए रामदीन को दो वन-डे के लिए बैन कर दिया था।
http://i1.dainikbhaskar.com/thumbnail/600x519/web2images/www.bhaskar.com/2013/07/13/3329_20.jpg
अब ऐसा ही मामला अंग्रेज क्रिकेटर क्रिस ब्रॉड के साथ पेश आया है। ब्रॉड ने भी यह जानते हुए कि वे आउट हैं अंपायर के निर्णय का इंतजार किया। अंपायर के नॉट आउट दिए जाने पर ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ियों ने इसका विरोध भी किया था।
http://i6.dainikbhaskar.com/thumbnail/600x519/web2images/www.bhaskar.com/2013/07/13/3311_25.jpg
होल्डिंग ने कहा है कि जब ब्रॉड ये जानते थे कि वे आउट हैं तो उन्हें खुद ही सच बता देना था और पवेलियन लौट आना था। ऐसा न कर उन्होंने ने भी खेल भावना का उल्लंघन किया है जिस पर उन्हें सजा दी जानी चाहिए क्योंकि रामदीन वाले मामले में आईसीसी ऐसा ही कर चुकी है। होल्डिंग ने यह भी कहा कि ऐसा नहीं होता तो आईसीसी का पक्षपात एक बार सामने आ जाएगा। गौरतलब है कि रामदीन को खेल भावना का उल्लंघन करने की सजा भी स्टुअर्ट ब्रॉड के पिता और उस मैच के रैफरी क्रिस ब्रॉड ने सुनाई थी।
पहले टीम इंडिया से जमकर पिटे अब अंग्रेज भी निकाल रहे कंगारुओं की हेकड़ी
http://i5.dainikbhaskar.com/thumbnail/600x519/web2images/www.bhaskar.com/2013/07/14/7918_1.jpg
http://i9.dainikbhaskar.com/thumbnail/600x519/web2images/www.bhaskar.com/2013/07/14/7917_5.jpg
http://i2.dainikbhaskar.com/thumbnail/600x519/web2images/www.bhaskar.com/2013/07/14/7920_2.jpg
http://i2.dainikbhaskar.com/thumbnail/600x519/web2images/www.bhaskar.com/2013/07/14/7922_4.jpg
ऐशेज: पहले टेस्ट में इंग्लैंड की नाटकीय जीत, कंगारुओं को 14 रनों से दी शिकस्त
मेजबान इंग्लैंड ने ऑस्ट्रेलिया को रोमांचक मुकाबले में 14 रनों से हराकर ऐशेज 2013 का पहला टेस्ट जीत लिया। जीत के लिए 311 रनों का पीछा करते हुए ऑस्ट्रेलिया पांचवे दिन दूसरी पारी में 296 रनों पर ऑल ऑउट हो गई।
ऑस्ट्रेलिया के लिए ब्रैड हैडिन की अगुआई में पुछल्ले बल्लेबाजों ने जमकर संघर्ष किया लेकिन एंडरसन ने उनके अरमानों पर पानी फेर दिया। मैन ऑफ द मैच जेम्स एंडरसन ने दूसरी पारी में भी पांच विकेट लिए।
हैडिन ने आखिरी विकेट के लिए जेम्स पैटिनसन (25) के लिए 65 रन जोड़कर मैच को रोचक बना दिया लेकिन एंडरसन ने 71 के निजी स्कोर पर उन्हें विकेटकीपर मैट प्रायर के हाथों लपकवाकर रोमांच का अंत कर दिया और इंग्लैंड को सीरीज में 1-0 की बढ़त दिला दी।
रैफरल ने दिलाई जीत
हैडिन ऑस्ट्रेलिया को जीत के करीब पहुंचा चुके थे। लंच के बाद पहले एंडरसन की गेंद हैडिन के बल्ले का एज लेती हुई प्रायर के दस्तानों में चली गई लेकिन मैदानी अंपायर अलीम डार ने अंग्रेजों की अपील को ठुकरा दिया।
कुक ने रैफरल मांगा जिस पर तीसरे अंपायर ने हैडिन को आउट देकर इंग्लैंड की जीत पर मोहर लगा दी।
टैंटब्रिज में खेले जा रहे टेस्ट के चौथे दिन ऑस्ट्रेलिया ने 311 रनों का पीछा करते हुए केवल 174 रनों पर ही छह महत्वपूर्ण विकेट खो दिए थे।
चौथे दिन स्टम्प के समय विकेटकीपर ब्रैड हैडिन 11 और पिछली पारी के हीरो एस्टन एगर एक रन पर नाबाद थे।
http://www.espncricinfo.com/db/PICTURES/CMS/161900/161907.2.jpg
http://www.espncricinfo.com/db/PICTURES/CMS/161900/161951.jpg
ऐशेज सीरीज में जिस तरह के रोमांच के लिए जानी जाती है वह टैंटब्रिज में खेले गए पहले टेस्ट में दिखाई भी दिया। ऑस्ट्रेलिया के पुछल्ले बल्लेबाजों ने गजब का हौसला दिखाते हुए इंग्लिश टीम के पसीने निकाल दिए लेकिन वे टीम को जीत के करीब तो ले गए लेकिन मंजिल तक नहीं पहुंचा पाए।
जीत के लिए 311 रनों का पीछा करते समय ऑस्ट्रेलिया ने एक समय छह विकेट केवल 134 रन पर खो दिए थे और यह लग रहा था कि इंग्लैंड मैच आसानी से जीत लेगा लेकिन इसके बाद विकेट कीपर बल्लेबाज हैडिन ने10 वे विकेट के लिए जेम्स पैटिनसन के साथ मिलकर जिस तरह का संघर्ष उसने इंग्लैंड के होश ठिकाने कर दिए।
इस तरह मैच भले ही इंग्लैंड ने जीत लिया हो लेकिन ऑस्ट्रेलिया की नंबर-10 जोड़ी ने दोनों पारियों में दिल जीत लिया।
ऐशेज 2013 के दूसरे टेस्ट का दूसरा दिन गेंदबाजों के नाम रहा। दिन भर में गिरे 16 विकेटों के बीच मेजबान इंग्लैंड का पलड़ा फिलहाल भारी बना हुआ है। खेल खत्म होने तक इंग्लिश टीम ने दूसरी पारी में तीन विकेट पर 31 रन बना लिए हैं। जो रूट और नाइट वॉचमैन की भूमिका में आए टिम ब्रेसनन क्रीज पर हैं।
इससे पहले ऑस्ट्रेलिया की पहली पारी केवल 128 रनों पर सिमट गई और इस तरह मेजबान इंग्लैंड को मिली 233 रनों की बड़ी लीड से ऑस्ट्रेलियाई टीम संकट में आ चुकी है।
दूसरे दिन ऑस्ट्रेलियाई ओपनर क्रिस रोजर्स का आउट होना बड़ा ही मजेदार रहा। जिस अंदाज में रोजर्स आउट हुए उसकी सोशल मीडिया पर न सिर्फ जमकर खिल्ली उड़ी बल्कि वे खुद भी शर्मिदा नजर आए।
http://i8.dainikbhaskar.com/thumbnail/600x519/web2images/www.bhaskar.com/2013/07/20/7280_10.jpg
हीरो बने स्वान
पहले टेस्ट में विकेटों के लिए तरसे स्वान का जादू यहां पहली पारी में जमकर चला। स्वान ने पहले स्टुअर्ट ब्रॉड के साथ मिलकर आखिरी विकेट के लिए 48 रनों की उपयोगी साझेदारी की और फिर पांच विकेट चटकाए।
ऑस्ट्रेलियाई पारी पर स्वान कहर बनकर टूटे और क्रिस रोजर्स, उस्मान ख्वाजा, स्टीवन स्मिथ, ब्रैड हैडिन और रियान हैरिस का विकेट लेकर कंगारू पारी को केवल 128 पर समेट दिया।
ब्रेसनन का डबल
इंग्लिश टीम ने इस मैच के लिए स्टीवन फिन की बजाए टिम ब्रेसनन को प्लेइंग इलेवन में शामिल किया था। ब्रेसनन ने भी इस निर्णय पर खरा उतरते हुए ऑस्ट्रेलिया टॉप ऑर्डर को निशाना बना डाला।
ब्रेसनन ने पहले तीखे तेवर अपनाए हुए वॉटसन की वॉट लगाई और फिर फिलिप ह्यूज को चलता किया।
वॉटसन ने 30 रनों की पारी खेली जो ऑस्ट्रेलियाई पारी में सर्वाधिक स्कोर रहा।
टर्निग प्वाइंट रहे क्लार्क
ऑस्ट्रेलयाई पारी में कप्तान माइकल क्लार्क का आउट होना टर्निग प्वाइंट साबित हुआ। स्विंग और स्पिन अटैक के बीच क्लार्क क्रीज पर जमते दिखाई दे रहे थे कि स्टुअर्ट ब्रॉड की एक गेंद उन्हें चकमा दे गई।
28 रनों की पारी खेल चुके क्लार्क के आउट होते ही ऑस्ट्रेलियाई पारी बिखर गई और आखिरी 4 विकेट केवल 38 रनों पर गिर गए।
रोजर्स का नाटकीय अंत
ऑस्ट्रेलिया के खब्बू ओपनर क्रिस रोजर्स का आउट होना बड़ा ही नाटकीय रहा। ग्रीम स्वान की एक हाथ से छूटी हुई स्लोअर फुलटॉस को मारने के चक्कर में रोजर्स चूक कर गए और गेंद उनके पैड से भी ऊपर लगी।
शॉट खेलने के लिए झुके रोजर्स इस समय स्टम्प्स के सामने थे और स्वान की अपील पर अंपायर ने अंगुली उठा दी।
कॉमेंटेटर और पूर्व क्रिकेटर्स ने इस तरह आउट होने पर रोजर्स की खूब खिल्ली उड़ाई और इसे क्रिकेट इतिहास की सबसे खराब गेंद पर गिरा विकेट बताया।
रोजर्स भी आउट कर जब पवेलियन जा रहे थे तो इस तरह आउट होने पर शर्मिदा नजर आ रहे थे।
ऐशेज 2013 का हर दिन एक नया विवाद सामने ला रहा है। लॉर्डर्स के मैदान पर दूसरे टेस्ट के तीसरे दिन फिर रैफरल सिस्टम पर ऑस्ट्रेलियाई भड़क गए और इस बार तो क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया ने ट्वीट कर एक भद्दा कमेंट भी कर दिया।
कुछ ही देर में हालाकि बोर्ड ने इस ट्वीट को डिलीट कर दिया लेकिन तब तक काफी देर हो चुकी थी। बाद में बोर्ड ने बाकायदा इस आपत्तिजनक ट्वीट के लिए माफी भी मांगी।
दूसरी ओर तीसरे दिन का खेल खत्म होने तक इंग्लैंड ने दूसरे टेस्ट में जीत की तैयारी कर ली है। युवा बैट्समैन जे रूट ने धमाकेदार पारी खेल ऑस्ट्रेलिया की हार लगभग तय कर दी है।
http://i10.dainikbhaskar.com/thumbnail/600x519/web2images/www.bhaskar.com/2013/07/21/4687_10.jpg
दूसरे टेस्ट के तीसरे दिन ही इंग्लैंड ने मैच जीतने की तैयारी कर ली है। खेल खत्म होने तक ने दूसरी पारी में पांच विकेट पर 333 रन बना लिए हैं। पहली पारी में मिली 231 रनों की लीड मिलाकर इंग्लिश टीम अब तक 566 रनों की बढ़त हासिल कर चुकी है।
http://i4.dainikbhaskar.com/thumbnail/600x519/web2images/www.bhaskar.com/2013/07/21/4689_8.jpg
तीसरा दिन इंग्लिश बल्लेबाज जे रूट के नाम रहा। रूट ने लॉर्डस पर अपनी पहला और टेस्ट करियर का दूसरा शतक ठोक ऑस्ट्रेलिया को पस्त कर दिया। रूट 178 रन बनाकर नाबाद हैं और उम्मीद की जा रही है कि वे चौथे दिन अपना दोहरा शतक पूरा कर लेंगे।
वहीं तीसरे दिन ऑस्ट्रेलिया का गुस्सा फिर रैफरल सिस्टम पर निकला। दरअसल टी टाइम से थोड़ा पहले इयान बैल का काफी नीचा कैच प्वाइंट पर स्टीवन स्मिथ ने पकड़ लिया। बैल क्रीज पर खड़े रहे जिसे देख मैदानी अंपायर ने मामला तीसरे अंपायर को रैफर कर दिया।
http://i9.dainikbhaskar.com/thumbnail/600x519/web2images/www.bhaskar.com/2013/07/21/4688_7.jpg
तीसरे अंपायर ने रिप्ले देख फैसला बैल के हक में दिया, जबकि रिप्ले में यह एक क्लीन कैच लग रहा था। इस डिसीजन ने ऑस्ट्रेलियाई हैरान रह गए।
लार्ड्स टेस्टः दोहरे शतक से चूके रुट, इंग्लैंड की पारी घोषित
इंग्लैंड के कप्तान एलिस्टर कुक ने लार्ड्स टेस्*ट मैच के चौ*थे दिन जोई रुट (180) के आउट होते ही अपनी दूसरी पारी घोषित कर दी। मेजबान टीम ने ऑस्ट्रेलिया के सामने 583 रनों का लक्ष्य रखा है।
इंग्लैंड ने मैच के चौथे दिन महज 15 मिनट के खेल में अपनी दूसरी पारी घोषित कर दी। इंग्लैंड ने दूसरी पारी सात विकेट पर 349 रन बनाए। मेजबान टीम ने पहली पारी में 361 रन बनाए थे।
जवाब में पहली पारी में ऑस्ट्रेलिया की पूरी टीम महज 128 रनों पर आउट हो गई थी। मेहमान टीम की खराब बल्*लेबाजी के कारण इंग्लैंड को 233 रनों की बड़ी बढ़त हासिल हो गई।
पांच मैचों की एशेज सीरीज का पहला मैच जीतकर इंग्लैंड ने 1-0 की बढ़त बना रखी है।
मेजबान टीम ने कल के अपने स्कोर पांच विकेट पर 333 रन से आगे खेलना शुरू किया। लेकिन टीम के खाते में 11 रन जुड़ने के बाद जॉनी बैरेस्ट्रो (20) कैच आउट हो गए। वह रेयान हैरिस की गेंद पर विकेटकीपर ब्रैड हैडिन के हाथों लपके गए। उन्होंने रुट के साथ छठवें विकेट के लिए 62 रनों की साझेदारी की।
रुट का साथ देने क्रीज पर विकेटकीपर-बल्*लेबाज मैट प्रायर आए और उन्हें फिरकी गेंदबाज ऑस्टर एगर की गेंद पर आसान जीवनदान मिला।
दूसरी ओर, शानदार बल्*लेबाज ओपनर रुट अपने कल के निजी स्कोर में महज दो रन जोड़ पाए। हैरिस की गेंद पर स्कूप करने के प्रयास में फाइन लेग में लपके गए। उनके आउट होते इंग्लिश कप्तान कुक ने अपनी दूसरी पारी सात विकेट पर 349 रनों पर घोषित कर दी। 233 रनों की बढ़त के कारण इंग्लैंड ने ऑस्ट्रेलिया के सा*मने 583 रनों का विशाल लक्ष्य रखा।
लाजवाब बल्*लेबाजी कर रहे रुट एक खराब शॉट खेलने के प्रयास में अपने पहले दोहरे शतक से चूक गए। यह उनके कॅरियर की सर्वश्रेष्ठ पारी है।
ऑस्ट्रेलिया की ओर से पीटर सिडल ने तीन और रेयान हैरिस ने दो विकेट हासिल किए। जबकि पैटिंसन और स्टीवन स्मिथ को एक-एक सफलता मिली।
लंदन : जो रूट दोहरा शतक जड़ने में नाकाम रहे लेकिन उन्होंने अपनी आफ ब्रेक का जलवा दिखाकर इंग्लैंड को रविवार को यहां आस्ट्रेलिया के खिलाफ दूसरे टेस्ट क्रिकेट मैच में बड़ी जीत की तरफ बढ़ा दिया।
आस्ट्रेलिया ने 583 रन के विशाल लक्ष्य का पीछा करते हुए चौथे दिन चाय के विश्राम तक छह विकेट पर 136 रन बनाये हैं। वह लक्ष्य अब भी 447 रन पीछे है। रूट ने सुबह 180 रन की पारी खेली जिससे इंग्लैंड ने अपनी दूसरी पारी सात विकेट पर 349 रन पर समाप्त घोषित की।
रूट ने इसके बाद दूसरे सत्र में गेंदबाजी में अपना कमाल दिखाया। आस्ट्रेलिया 22 गेंद और दो रन के अंदर तीन विकेट गंवाने से बड़ी हार और पांच मैचों की एशेज श्रृंखला में 0-2 से पिछड़ने के करीब पहुंच गया है। कामचलाउ स्पिनर रूट को कप्तान एलिस्टेयर कुक ने आस्ट्रेलियाई कप्तान माइकल क्लार्क (51) और उस्मान ख्वाजा (54) की साझेदारी तोड़ने के लिये गेंद सौंपी और रूट ने उन्हें निराश नहीं किया। उन्होंने पहले क्लार्क को कुक के हाथों कैच कराकर चौथे विकेट के लिये 98 रन की साझेदारी तोड़ी और इसके बाद ख्वाजा को भी पवेलियन भेजा। रूट ने अब तक चार ओवर में आठ रन देकर दो विकेट लिये हैं।
आस्ट्रेलिया ने चाय के विश्राम से ठीक पहले स्टीवन स्मिथ (1) का विकेट गंवाया जिन्हें टिम ब्रेसनन ने विकेट के पीछे कैच कराया। चाय के समय ब्रैड हैडिन क्रीज पर थे जिन्हें अभी अपना खाता खोलना है।
क्लार्क ने रूट की लेग की तरफ टर्न होती गेंद को ग्लान्स करने की कोशिश की लेकिन वह उनके बल्ले का किनारा लेकर लेग स्लिप में खड़े कुक के पास पहुंच गयी। इस कामचलाउ गेंदबाज के अगले ओवर में गेंद ख्वाजा के बल्ले को चूमती हुई दूसरी स्लिप में जेम्स एंडरसन के हाथों में समा गयी। ब्रेसनन की गेंद ने स्मिथ के बल्ले का अंदरूनी किनारा लिया। बल्लेबाज ने तुरंत रेफरल का इशारा किया लेकिन तीसरे अंपायर ने भी मैदानी अंपायर मारियास इरासमुस के फैसले को ही सही ठहराया।
पहली पारी में केवल 128 रन पर ढेर होने वाले आस्ट्रेलिया की दूसरी पारी शुरूआत भी बेहद खराब रही। शेन वाटसन (20) फिर से नाकाम रहे और जेम्स एंडरसन की गेंद पर एलबीडब्ल्यू होकर पवेलियन लौटे। वाटसन ने इस बार अंपायर के फैसले को चुनौती नहीं दी और चुपचाप पवलियन लौट गये।
इसके बाद स्वान ने गेंद संभाली तथा एक विकेट पर 24 रन का स्कोर जल्द ही तीन विकेट पर 36 रन हो गया। आस्ट्रेलिया की पहली पारी में पांच विकेट लेने वाले स्वान ने आज अपनी पांचवीं गेंद पर ही बायें हाथ के सलामी बल्लेबाज क्रिस रोजर्स को को बोल्ड कर दिया। गेंद ने टर्न नहीं लिया लेकिन रोजर्स ने उसे खेलने की कोशिश नहीं की और वह उनके आफ स्टंप पर लग गयी।
क्लार्क को फिर से मुश्किल परिस्थितियों में क्रीज पर कदम रखना पड़ा। यदि विकेटकीपर मैट प्रायर ने स्टंपिंग का मौका नहीं गंवाया होता तो आस्ट्रेलियाई कप्तान भी केवल दो रन बनाकर पवेलियन लौट जाते। नाटिंघम में पहला मैच 14 रन से जीतकर श्रृंखला में 1-0 से आगे चल रहे इंग्लैंड ने रविवार को अपनी दूसरी पारी पांच विकेट पर 333 रन से आगे बढ़ायी।
रूट 178 रन पर खेल रहे थे और इसलिए उन्हें दोहरा शतक बनाने का मौका देने के लिये पारी समाप्त घोषित नहीं की गयी। लेकिन आस्ट्रेलियाई तेज गेंदबाज रेयान हैरिस के चार गेंद के अंदर दो विकेट ले लिये। उन्होंने जानी बेयरस्टॉ (20) को विकेटकीपर ब्रैड हैडिन के हाथों कैच कराने के बाद रूट को भी पवेलियन भेजा जिसके तुरंत बाद इंग्लैंड के कप्तान एलिस्टेयर कुक ने पारी समाप्त घोषित कर दी।
रूट ने स्कूप करने के प्रयास थर्ड मैच पर कैच दिया। उन्होंने 338 गेंद खेली तथा 18 चौके और दो छक्के लगाये।
ऑस्ट्रेलिया पर जारी रहेगा हमला : बेल
इंग्लिश बल्लेबाज इयान बेल ने कहा है कि उनकी टीम एशेज़ के आगामी टेस्ट मैचों में भी ऑस्ट्रेलियाई गेंदबाजों पर हमले करना जारी रखेगी।
अखबार द मिरर के अनुसार ऑस्ट्रेलियाई तेज गेंदबाज जेम्स पैटिनसन एक के बाद एक दो टेस्ट मैचों में खेलने के कारण पीठ की चोट से जूझ रहे हैं। ऐसे में इंग्लैंड की योजना है कि वह आगामी टेस्टों में भी विपक्षी टीम के गेंदबाजों को पस्त करने के लिए रणनीति तैयार करेगी।
मिरर में प्रकाशित रिपोर्ट के अनुसार पैटिनसन ने माना है कि इंग्लिश गेंदबाजों जेम्स एंडरसन और स्टुअर्ट ब्रॉड को ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ गेंदबाजी करने से पहले काफी आराम दिया गया था जिससे उनका प्रदर्शन अच्छा रहा था।
बेल ने कहा कि उनकी टीम तीसरे ट्राफोर्ड टेस्ट में भी ऑस्ट्रेलियाई गेंदबाजों को थकाने की कोशिश करेगी। उन्होंने कहा कि यदि हमारे गेंदबाजों को समय दिया जाए तो वह 20 विकेट तक लेने में सक्षम है। भारत दौरे के बाद हमने इस बात को महसूस किया है।
इंग्लैंड को एशेज़ में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 2-0 की बढ़त दिलाने में अहम भूमिका निभाने वाले बेल ने कहा कि बल्लेबाजों के लिए भी आराम जरूरी होता है। यदि उन्हें देर तक मैदान पर टिकना है तो जरूरी है कि उन्हें करीब एक सप्ताह का आराम दिया जाए।
इस बीच बेल ने कहा कि उन्हें अगले सप्ताह से शरू होने जा रहे ट्राफोर्ड टेस्ट में भी अच्छे प्रदर्शन की उम्मीद है। उन्होंने बताया कि इस ग्रांउड पर उन्होंने हमेशा अच्छा प्रदर्शन किया है तथा 2005 में यहां दोहरे अर्धशतक भी लगाए थे।
ASHES: कंगारुओं ने खेला आखिरी दाव, अंग्रेजों को भी मिली GOOD NEWS
http://i1.dainikbhaskar.com/thumbnail/600x519/web2images/www.bhaskar.com/2013/08/01/2580_23.jpg
ऐशेज 2013 का तीसरा टेस्ट आज से ओल्ड ट्रेफर्ड, मैनचेस्टर में खेला जा रहा है। पांच टेस्ट की सीरीज में 2-0 से पिछड चुकी ऑस्ट्रेलिया के पास वापसी का यह आखिरी मौका है।
यहां मिली एक और हार ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेट का जनाना निकाल देगी। ऐसे में कंगारू खेमा पूरी सतर्कता बरत रहा है वहीं दो जीत के बाद इंग्लिश टीम के हौसले बुलंद हैं।
इस बेहद अहम मुकाबले के लिए दोनों टीमों की प्लेइंग इलेवन फाइनल हो चुकी है। प्लेइंग इलेवन में कंगारुओं ने सीरीज बचाने आखिरी दाव खेल दिया है वहीं इंग्लिश टीम को भी एक राहत भरी खबर मिली है।
कंगारुओं ने अपनी प्लेइंग इलेवन में टीम के बैड ब्वॉय बन चुके डेविड वार्नर को शामिल किया है। वार्नर को इस मुकाबले के लिए खासतौर पर दक्षिण अफ्रीका में खेल रही ऑस्ट्रेलिया की ए टीम से वापस बुलाया गया है।
वहीं पहले ही मैच में रिकॉर्ड पारी खेलने वाले ऑस्ट्रेलिया की युवा सनसनी एश्टन एगर के इस स्थान पर ऑफ स्पिनर लाथन लियोन को शामिल किया गया है। लियोन ने भारतीय दौरे पर अच्छा प्रदर्शन किया था। चोटिल हुए जेम्स पैटिनसन का स्थान मिचेल स्टार्क ने लिया है।
दूसरी ओर तीसरे टेस्ट में इंग्लिश टीम को भी राहत भरी खबर मिली है। चोटिल हुए केविन पीटरसन को तीसरे टेस्ट के लिए फिट घोषित किया है और वे तीसरे टेस्ट में बल्लेबाजी करते दिखाई देंगे।
http://digitalimages.bhaskar.com/cph/epaperimages/02082013/BP2310644-large.jpg
ऑस्ट्रेलिया के ऑफ स्पिनर नाथन लियोन (4/42) ने शानदार गेंदबाजी करते हुए इंग्लैंड को चौथे एशेज क्रिकेट टेस्ट के पहले दिन बड़ा स्कोर बनाने से रोका। शुक्रवार का खेल खत्म होने तक इंग्लैंड ने पहली पारी में नौ विकेट पर 238 रन बना लिए थे।
जेम्स एंडरसन 16 और टिम ब्रेसनन 12 रन पर खेल रहे थे। लियोन ने जोनाथन ट्रॉट, केविन पीटरसन, इयान बेल और जॉनी बेयरस्टो को अपना शिकार बनाया। लियोन के अलावा हैरिस ने दो तथा जैक्सन बर्ड, पीटर सिडल व वाटसन ने एक-एक विकेट लिया। पांच मैचों की सीरीज में इंग्लैंड 2-0 से आगे है। पहले दो टेस्ट इंग्लैंड के नाम रहे, जबकि तीसरा टेस्ट ड्रॉ रहा।
25 साल के स्टार स्पिनर नाथन ने इस स्पेल के साथ ही एक खास रिकॉर्ड अपने नाम किया। इस धांसू परफॉर्मेंस से उन्होंने दिग्गज शेन वार्न की बराबरी भी कर डाली।
टॉस जीत पहले बल्लेबाजी करने उतरी इंग्लिश टीम की शुरुआत अच्छी नहीं रही। इंग्लैंड को पहला झटका जोए रूट (16) के रूप में लगा। उन्हें 34 रन के कुल स्कोर पर तेज गेंदबाज वाटसन ने विकेट के पीछे ब्रेड हैडिन के हाथों लपकवाया। इसके बाद क्रीज पर आए ट्रॉट ने संभलकर खेलते हुए टीम को 100 के पार पहुंचाया।
लियोन इंग्लैंड में गेंदबाजी करते हुए 25 या उससे कम की उम्र में 4 विकेट चटकाने वाले दूसरे स्पिनर बन गए हैं। शेन वार्न ने महज 24 की उम्र में यह कारनामा किया था। उन्होंने 3 जून 1993 को यह उपलब्धि हासिल की थी।
वार्न ने 1993 के टूर पर इंग्लैंड के खिलाफ खेले 6 मैचों में 25.79 के औसत से 34 विकेट चटकाए थे
अगस्त 2009 के बाद हुआ ऐसा
अगस्त 2009 के बाद यह पहला मौका है जब किसी राइट आर्म स्पिनर ने इंग्लैंड में 4 विकेट चटकाए हैं। लियोन से पहले एमजे नॉर्थ ने 2009 की एशेज सीरीज में यह कमाल किया था।
नॉर्थ ने 20 अगस्त 2009 को ओवल में हुए टेस्ट की तीसरी पारी में 98 रन देते हुए 4 विकेट झटके थे।
http://i8.dainikbhaskar.com/thumbnail/600x519/web2images/www.bhaskar.com/2013/08/10/3976_3.jpg
एशेज सीरीज इंग्*लैंड ने अपने नाम कर ली है। यह सीरीज जहां ऑस्*ट्रेलिया के शर्मनाक प्रदर्शन के लिए याद किया जाएगा, वहीं अंग्रेज खिलाडि़यों की गैरमर्यादित हरकतों के लिए भी याद किया जाएगा।
जीत के नशे में डूबे इंग्लैंड के क्रिकेटरों ने ऐतिहासिक ओवल मैदान में पिच पर पार्टी की और पेशाब तक कर दिया। इस हरकत पर उनका मजाक उड़ रहा है, वहीं दूसरी तरफ इंग्लैंड के ग्रीम स्वान इस बर्ताव को बिल्कुल गलत नहीं मानते।
ashes:जीत के नशे में बदतमीज हुए इंग्लिश क्रिकेटर, पिच पर कर डाली पेशाब
स्वान ने अपनी उस आधी रात में मनाई पार्टी को स्वीकार करते हुए कहा, "हमने मैदान पर एक से दो बार पेशाब की। अब पार्टी के बीच में यदि स्टुअर्ट ब्रॉड, केविन पीटरसन और जेम्स एंडरसन को यह प्राकृतिक कार्य 1-2 बार करना भी पड़ा तो उसमें हर्ज ही क्या है?"
"हम पिच के बीच में प्राइवेट पार्टी कर रहे थे। सभी लड़के बियर पी रहे थे और गाने गुनगुना रहे थे। मुझे लगता है कि इस दौरान हमने 2-3 बार पेशाब की। आधी रात का समय था और यह एक निजी पार्टी थी। मैदान पर अंधेरा था, ऐसे में हम कहां जाते।"
उल्लेखनीय है कि एशेज सीरीज में 3-0 की बढ़त मिलने के बाद टीम से बाहर चल रहे मोंटी पानेसर ने एक बियर बार में झगड़ा किया था। उस घटना में भी उन्होंने बाउंसर्स पर पेशाब की थी।
इंग्लैंड के खिलाफ एशेज सीरीज में मिली 0-3 की हार ने ऑस्ट्रेलियाई टीम की क्रिकेट जगत में किरकिरी करवा दी है। कभी हर मोर्चे पर दबंग रहने वाली ऑस्ट्रेलियन टीम अब घरेलू मैदानों से लेकर विदेशी पिचों तक सिर्फ पिट रही है।
http://i4.dainikbhaskar.com/thumbnail/600x519/web2images/www.bhaskar.com/2013/08/27/0372_1.jpg
1977 के बाद यह पहला मौका था जब ऑस्ट्रेलिया बिना एक भी मैच जीते एशेज सीरीज हारी। कप्तान माइकल क्लार्क ने अपने खिलाड़ियों को अनुशासन में रहना, होमवर्क करना और उनकी बात मानना तो सिखा दिया, लेकिन इस स्कूली ट्रेनिंग में वे जीत का रटा हुआ पाठ भूल गए।
ऑस्ट्रेलिया क्रिकेट वर्ल्ड की एकमात्र ऐसी टीम है जो लगातार 74 महीनों तक नंबर 1 टीम की कुर्सी पर रही है। जून 2003 में टेस्ट नंबर 1 रैंकिंग पर आने वाली कंगारू टीम को अगस्त 2009 में भारतीय टीम ने अव्वल पोजिशन से हटाया था। उसके बाद से वह कभी दोबारा नंबर 1 नहीं बन सकी।
आखिर ऐसा क्या हुआ ऑस्ट्रेलियाई टीम के साथ, जो वह नंबर 1 का रिकॉर्ड बनाने के बाद अब लगातार मैच गंवाने का रिकॉर्ड बना रही है।
मिली सबसे ज्यादा हार
2009 - 2013
ऑस्ट्रेलियाई टीम का पतन इसी बात से साबित होता है कि उसने 2009 से 2013 के बीच टेस्ट क्रिकेट में सबसे ज्यादा मैच गंवाए। इंग्लैंड, साउथ अफ्रीका और भारत के मुकाबले ऑस्ट्रेलिया का परफॉर्मेंस सबसे घटिया रहा।
2009 से 2013 के बीच ऑस्ट्रेलिया ने 46 मैच खेले, जिसमें से कुल 21 में उसे जीत मिली और 16 में पराजय झेलनी पड़ी। कंगारू मैच जीतना तो दूर, उसे बचाने तक में सफल नहीं हो सके।
जीत-हार के अनुपात में ऑस्ट्रेलियाई टीम चौथे स्थान पर है।
ऐसे बना था 74 महीने नंबर 1 टीम का रिकॉर्ड
2003 - 2009
2003 से 2009 के बीच का दौर ऑस्ट्रेलिया के लिए सबसे बेहतरीन था। उस दौरान खेले 73 टेस्ट मैचों में से ऑस्ट्रेलियाई टीम ने 47 मैच जीते थे और 14 मैच ड्रा करवाए थे। कुल 12 मैचों में टीम को हार का सामना करना पड़ा था। उस दौरान कोई भी टीम ऑस्ट्रेलियाई टीम को टक्कर नहीं दे पाई थी। इंग्लैंड टीम ने 86 में से 38 मैच जीते जरूर थे, लेकिन 22 मैच हारकर उसने खुद को ऑस्ट्रेलिया से बहुत पीछे कर लिया था।
उस दौरान कंगारुओं का जीत-हार का अनुपात सबसे ज्यादा 3.91 का रहा। इस मामले में दूसरे पर थी टीम इंडिया, जिसने 65 में से 25 मैच जीते थे और 14 गंवाए थे, यानी 1.78 का जीत-हार अनुपात।
http://i8.dainikbhaskar.com/thumbnail/600x519/web2images/www.bhaskar.com/2013/08/27/0372_2.jpg
बल्लेबाजी हुई कमजोर
2009 से 2013
अगस्त 2009 से अगस्त 2013 के बीच ऑस्ट्रेलिया के लिए सबसे ज्यादा रन माइकल क्लार्क ने बनाए हैं। उन्होंने इस दौरान खेले 45 मैचों में 54.84 के औसत से 4004 रन बनाए हैं, जिसमें 12 सेंचुरी और 12 हाफ सेंचुरी शुमार हैं।
क्लार्क ऑस्ट्रेलिया के लिए भले ही नंबर 1 बल्लेबाज रहे हैं, लेकिन वर्ल्ड क्रिकेट में नंबर 1 पर बैठे हैं इंग्लैंड के एलिस्टेयर कुक। कुक ने इस दौरान 49 मैचों में 52.98 के औसत से 4292 रन बनाए हैं, जिसमें 16 शतक और 12 अर्धशतक शामिल हैं।
क्लार्क के अलावा कोई अन्य युवा पोंटिंग और हसी की जगह भरने में कामयाबी हासिल नहीं कर सका। हसी इस पीरियड में ऑस्ट्रेलिया के लिए रन बनाने वाले दूसरे नंबर के बल्लेबाज रहे। उन्होंने 37 मैचों में 50.31 के औसत से 2918 रन बनाए। तीसरे नंबर पर 2501 रनों के साथ शेन वाटसन हैं। रिकी पोंटिंग ने भी 2009 से 2012 के बीच 2033 रन बनाए।
डेविड वार्नर (1401), ब्रेड हैडिन (1335) और फिलिप ह्यूग्स (1063) जैसे युवा बल्लेबाज बुरी तरह से फ्लॉप हुए हैं।
2009 से 2013 के बीच सबसे ज्यादा रन बनाने वाले बल्लेबाज ये रहे -
एलिस्टर कुक (इंग्लैंड) - 4292 रन
माइकल क्लार्क (ऑस्ट्रेलिया) - 4004 रन
जॉनेथन ट्रॉट (इंग्लैंड) - 3584 रन
इयान बेल (इंग्लैंड) - 3343 रन
हाशिम अमला (साउथ अफ्रीका) - 3325
टॉप 5 में तीन इंग्लैंड के बल्लेबाजों की मौजूदगी उनकी सफलता और कंगारुओं के पतन की गाथा कहती है।
पोंटिंग रहे टॉप पर
2003 - 2009
ऑस्ट्रेलियाई टीम जब पूरे शवाब पर थी तो उसकी सबसे बड़ी ताकत थी बल्लेबाजी। एक छोर से रिकी पोंटिंग रन बनाते थे तो दूसरी तरफ से मैथ्यू हेडन गेंदबाजों को रुलाते थे।
जून 2003 से अगस्त 2009 के बीच इन दोनों धुरंधरों ने लगभग बराबरी से रन बनाए। पोंटिंग ने उस पीरियड में खेले 69 मैचों में 59.61 के औसत से 6558 रन बनाए थे, जिसमें 21 शतक और 31 अर्धशतक शुमार थे। उस दौरान वर्ल्ड क्रिकेट में उनसे ज्यादा रन किसी और धुरंधर ने नहीं बनाए थे।
हेडन का नंबर ऑलओवर बल्लेबाजों में 8वें क्रम पर जरूर था, लेकिन रनों में कुछ खास फर्क नहीं था। हेडन ने भी 61 मैचों में 49.51 के औसत से 5150 रन बनाए थे, जिसमें 16 सेंचुरी और 19 हाफ सेंचुरी शामिल थीं।
2003 से 2009 के बीच ये दोनों धुरंधर करियर के सबसे बेहतरीन दौर से गुजर रहे थे। उम्र बढ़ने के साथ जैसे-जैसे इनके रनों की रफ्तार कम हुई, वैसे-वैसे ऑस्ट्रेलिया का पतन भी शुरू हो गया।
2003 से 2009 के बीच सबसे ज्यादा रन बनाने वाले ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाज -
बैट्समैन
मैच खेले
रन
100/50
रिकी पोंटिंग
69
6558
21/31
मैथ्यू हेडन
61
5150
16/19
माइकल क्लार्क
52
3652
12/15
माइक हसी
42
3317
10/16
जस्टिन लेंगर
42
2975
8/12
नहीं मिले वार्न-मैक्ग्राथ जैसे गेंदबाज
2009 - 2013
इन चार सालों में ऑस्ट्रेलिया टीम की सबसे ज्यादा दुर्गति उसके गेंदबाजों के कारण हुई है। टेस्ट मुकाबलों में जरूरी होता है कि दूसरी टीम को दो बार ऑलआउट किया जाए। लेकिन ऑस्ट्रेलिया इस मामले में फ्लॉप रही।
पीटर सिडल को छोड़कर कोई अन्य बॉलर 100 के आंकड़े को पार नहीं कर सका। वहीं इंग्लैंड के ग्रीम स्वान, स्टुअर्ट ब्रॉड और जेम्स एंडरसन ने 100 प्लस विकेट लिए। इस पीरियड में ग्रीम स्वान वर्ल्ड क्रिकेट में सबसे ज्यादा विकेट लेने वाले गेंदबाज रहे। उन्होंने पीटर सिडल के 118 विकेट के मुकाबले 200 शिकार किए।
ऑस्ट्रेलिया के लिए मिचेल जॉनसन ने 91 विकेट तो लिए, लेकिन उनका औसत 33.59 का रहा। युवा स्पिनर नाथन लियोन ने भी 33.23 के औसत से 85 विकेट चटकाए। उनमें शेन वार्न जैसा स्पार्क देखने को नहीं मिला। टीम में फास्ट बॉलर्स में नियमितता की कमी ने कंगारुओं को हर मोर्चे पर मात दिलाई।
कभी 27 रन देकर 5 विकेट लेने वाले जेम्स पैटिंसन इस दौरान कुल 12 मैच खेल पाए, वहीं डग बोलिंगर और मिचेल स्टार्क भी 11 और 12 मैच खेल सके।
स्टार तिकड़ी ने लिए 500 प्लस विकेट
2003 - 2009
ऑस्ट्रेलियाई टीम को लगातार 74 महीनों तक नंबर 1 की गद्दी पर आसीन रखने के पीछे सबसे बड़ा हाथ टीम के बॉलर्स का रहा। शेन वार्न, ब्रेट ली और ग्लेन मैक्ग्राथ ने जेसन गिलेस्पी और स्टुअर्ट मैक्गिल के साथ मिलकर ऐसा बॉलिंग कॉम्बिनेशन बनाया था जिसने न सिर्फ ऑस्ट्रेलियाई पिचों पर बल्कि विदेशी मैदानों पर भी कमाल किया।
वार्न, ब्रेट ली और मैक्ग्राथ ने मिलकर 2003 से 2009 के बीच 546 विकेट चटकाए। इस कॉम्बिनेशन ने ऑस्ट्रेलिया को टॉप पर पहुंचा दिया।
वार्न ने 2004 से 2007 के बीच खेले 38 टेस्ट मैचों में 24.75 के औसत से 217 विकेट चटकाए। वहीं ली ने 2003 से 2008 के बीच खेले 45 मैचों में 191 विकेट झटके। मैक्ग्राथ ने 2007 में रिटायरमेंट लेने से पहले 31 मैचों में 138 विकेट लिए।
इस पीरियड में सबसे ज्यादा विकेट लेने वाले ऑस्ट्रेलियाई बॉलर -
बॉलर
मैच खेले
विकेट
एवरेज
शेन वार्न
38
217
24.75
ब्रेट ली
45
191
31.62
ग्लेन मैक्ग्राथ
31
138
21.53
मिचेल जॉनसन
26
114
28.80
जेसन गिलेस्पी
28
96
27.11
http://i4.dainikbhaskar.com/thumbnail/600x519/web2images/www.bhaskar.com/2013/08/27/7459_1.jpg
इंग्लैंड के खिलाफ शर्मनाक एशेज हार के बाद सभी तरफ ऑस्ट्रेलियाई टीम की आलोचना हो रही है। कभी दबंगों की तरह जीत दर्ज करने वाले कंगारू अब भीगी बिल्ली की तरह कांप रहे हैं। जीत का मुंह देखे तो जैसे उन्हें अरसा बीत गया।
पिछले साल यही ऑस्ट्रेलियाई टीम अपने घर पर टीम इंडिया को पटखनी देकर बल्लियों उछल रही थी। कप्तान माइकल क्लार्क खुद को उस जीत से इतना महान समझने लगे कि सभी टीमें उन्हें नौसिखुआ लगने लगीं। अपने ही सीनियर खिलाड़ियों को बाहर करने में उन्हें जैसे गर्व महसूस हो रहा था।
हेय पोंटिंग - तुम अच्छा नहीं खेल रहा मेट। प्लीज नए लड़कों को आने दो।
मिस्टर क्रिकेट हसी - अब आप भी फिसड्डी हो रहे हो। टीम में रहना है तो कुछ बड़ा करो मेट।
इन सब दलीलों से उन्होंने सीनियर्स को बाहर कर युवा टीम खड़ी कर ली। यही नहीं, जो गेंदबाज उनकी बात नहीं सुनते वे उन्हें रोटेशन पॉलिसी के तहत बाहर कर देते। पांच विकेट लेने के तुरंत बाद मिचेल जॉनसन को बाहर बैठान की गलती कोई अहम में अंधा कप्तान ही कर सकता है।
इसी अकड़ में क्लार्क कुछ शर्मनाक रिकॉर्ड अपनी टीम के नाम लिख गए।
वेलेंटाइन्स डे के बाद से नहीं मिली जीत
ऑस्ट्रेलिया के लिए जैसे जीत दूर की कौड़ी हो गई है। 10 फरवरी के बाद से कंगारुओं को टेस्ट, वनडे या टी-20 में से किसी भी फॉर्मेट में जीत नसीब नहीं हुई। इस दौरान खेले 13 मैचों में 10 में कंगारू हारे हैं।
टेस्ट -
9 खेले - 7 में हार और 2 ड्रा
वनडे
4 खेले - 1 में जीत, 2 में हार और 1 का नतीजा नहीं निकल सका।
टी-20
एकमात्र टी-20 खेला, उसमें भी वेस्ट इंडीज ने हरा दिया।
रिकॉर्ड से चूके अंग्रेज
इंग्लैंड की टीम ओवल मैदान पर इतिहास रचने से चूक गई। यदि वह आखिरी टेस्ट मुकाबला जीत जाती एक नया इतिहास रच जाता।
एलेस्टर कुक इंग्लैंड के इतिहास में ऑस्ट्रेलिया पर 4-0 की जीत दर्ज करने वाले पहले कप्तान बनते। खराब रोशन के कारण फील्ड अंपायरों ने इंग्लैंड को जीत से महज 21 रन पहले रोक लिया।
http://i7.dainikbhaskar.com/thumbnail/600x519/web2images/www.bhaskar.com/2013/08/27/7463_3.jpg
vBulletin® v3.8.9, Copyright ©2000-2024, vBulletin Solutions, Inc.