PDA

View Full Version : 9 करिश्माई इंडियन क्रिकेट खिलाड़ी


dipu
19-08-2013, 06:07 PM
कमजोर टीमों को हराकर दम भरने वाले को चैंपियन नहीं कहा जाता। असली दबंग तो वह है जो खेल के बादशाह को धूल चटाकर खुद शहंशाह बन जाए। भारतीय क्रिकेट में ऐसी दबंग है कर्नाटक की रणजी टीम।

कर्नाटक क्रिकेट एसोसिएशन इस महीने अपनी 25वीं सालगिरह मना रहा है। रणजी ट्रॉफी के दबंग मुंबई को चुनौती देने वाली इस धाकड़ टीम से भारतीय क्रिकेट को कई नायाब हीरे मिले।

ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ कोलकाता में हुए ऐतिहासिक टेस्ट मुकाबले में टीम इंडिया की हार निश्चित थी, लेकिन कर्नाटक के एक दबंग ने अपने हुनर से टीम को शानदार जीत दिलाई। जरा सोचिए, क्या होता टीम इंडिया का अगर द्रविड़ वीवीएस लक्ष्मण के साथ टिककर रन नहीं बनाते? वह टेस्ट मुकाबला भी एक हार के रूप में दर्ज होकर इंडियन फैन्स को दर्द दे जाता।

ऑस्ट्रेलिया, पाकिस्तान और इंग्लैंड के गेंदबाजों ने टेस्ट बॉलिंग चार्ट पर कब्जा जमा रखा था। अनिल कुंबले और जवागल श्रीनाथ जैसे स्टार्स टेस्ट में धमाल कर इस मोर्चे पर भारतीय क्रिकेट का नाम रोशन किया। विदेशी पिचों पर बल्लेबाजी करने में सबसे आगे रहे हैं राहुल द्रविड़। यदि वे न होते तो भारतीय टीम को मजबूत दीवार कभी नहीं मिल पाती।

कुछ ऐसा ही कर्नाटक के इन स्टार्स का जलवा। हम आपको बता रहे हैं कर्नाटक के उन 9 धुरंधरों के बारे में जिन्होंने भारतीय क्रिकेट को बुलंदियों पर पहुंचाया, लेकिन कभी बदले में स्टारडम नहीं मांगा।

dipu
19-08-2013, 06:08 PM
http://i6.dainikbhaskar.com/thumbnail/600x519/web2images/www.bhaskar.com/2013/08/19/4231_2.jpg

अनिल कुंबले

भारतीय क्रिकेट इतिहास में किसी गेंदबाज ने कुंबले से ज्यादा टेस्ट मैच देश को नहीं जिताए। टूटे जबड़े के साथ गेंदबाजी करते हुए ब्रायन लारा जैसे दिग्गज को आउट करना मामूली बात नहीं।


कुंबले भारत के एकमात्र ऐसे गेंदबाज हैं जिन्होंने टेस्ट क्रिकेट की एक पारी में 10 विकेट चटकाए हैं। पाकिस्तान के खिलाफ दिल्ली टेस्ट में उन्होंने 74 रन के खर्च पर 10 विकेट चटकाए थे। टेस्ट क्रिकेट में यह कारनामा करने वाले वे वर्ल्ड के दूसरे गेंदबाज थे।

उन्होंने अपने करियर में खेले 132 मैचों में 29 की औसत से 619 विकेट झटके, जिसमें से 288 उन्होंने जीते हुए और 495 विकेट ड्रा मुकाबलों में लिए।

यही नहीं, लेग स्पिन के लिए मशहूर रहे कुंबले ने टेस्ट में सेंचुरी भी लगाई थी।

वनडे मैचों में भी कुंबले ने कमाल दिखाया। उन्होंने 271 वनडे मैचों में 337 विकेट झटके, जिसमें से 198 जीते हुए मैचों में थे।

dipu
19-08-2013, 06:11 PM
http://i1.dainikbhaskar.com/thumbnail/600x519/web2images/www.bhaskar.com/2013/08/19/4231_3.jpg

जवागल श्रीनाथ

स्पिन के बीच रफ्तार का कमाल दिखाया जवागल श्रीनाथ ने। मैसूर में जन्मे श्रीनाथ ने अपने टेस्ट करियर में 67 मुकाबले खेलते हुए 236 विकेट चटकाए। वनडे में वे और भी बेहतर रहे। उन्होंने 229 मैचों में 315 विकेट चटकाए।

जवागल श्रीनाथ को कपिल देव के बाद देश का सबसे तेज गेंदबाज कहा जाता है। अपने बेहतरीन शोल्डर एक्शन से वे गेंद को पिच पर ताकत के साथ लैंड करवाते थे। उनकी ताकत थीं इनकटर और इनस्विंगर। पाकिस्तान के खिलाफ कोलकाता में हुए टेस्ट मुकाबले में उन्होंने 86 रन देते हुए 8 विकेट लिए थे। यह उनके करियर का बेस्ट टेस्ट परफॉर्मेंस था।

महज 67 मैचों में 599 मेडन डालने वाले वे इंडिया के एकमात्र गेंदबाज हैं।

dipu
19-08-2013, 06:11 PM
http://i6.dainikbhaskar.com/thumbnail/600x519/web2images/www.bhaskar.com/2013/08/19/4235_4.jpg

गुंडप्पा विश्वनाथ

लेट कट खेलने में उस्ताद टीम इंडिया के इस स्टार बल्लेबाज ने करियर का आगाज ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ कानपुर में हुए टेस्ट मुकाबले से किया था। करियर में महज 91 मैच खेलकर उन्होंने 14 सेंचुरी लगाते हुए 6080 रन बनाए थे।


मैसूर के भद्रवति में पैदा हुए विश्वनाथ ने 1982 में चेन्नई में इंग्लैंड की बैंड बजाते हुए 222 रन की पारी खेली थी। उससे पहले 1978 में वे फैसलाबाद में पाकिस्तान के खिलाफ 145 रन की पारी खेल पड़ोसियों को अपनी कलाई का जादू दिखा चुके थे।

विश्वनाथ के खाते में रन की संख्या भले ही औसत दिखे, लेकिन जिस प्रकार के गेंदबाजी आक्रमण का सामना करते हुए उन्होंने ये रन बनाए थे, वह वाकई अद्भुत है।

वेस्ट इंडीज के एंडी रॉबर्ट्स, पाकिस्तान के वसीम अकरम और ऑस्ट्रेलिया के डेनिस लिली को खेलना सभी के बस की बात नहीं थी। लेकिन विश्वनाथ ने घरेलू मैदानों से लेकर विदेशी पिचों तक अपना कमाल दिखाया।

dipu
19-08-2013, 06:13 PM
http://i3.dainikbhaskar.com/thumbnail/600x519/web2images/www.bhaskar.com/2013/08/19/4235_5.jpg

वेंकटेश प्रसाद

जवागल श्रीनाथ के न्यू बॉल पार्टनर रहे वेंकटेश प्रसाद ने अपनी मध्यम तेज गेंदबाजी से देश को कई मुकाबले जिताए। महज 33 टेस्ट मैचों में 96 विकेट लेने वाले वेंकी एक मामले में काफी अनलकी रहे। वह था विकेट की सेंचुरी। टेस्ट क्रिकेट में उन्होंने 96 विकेट लिए और वनडे में 196 विकेट ले सके। दोनों ही मोर्चों पर वे सेंचुरी पूरी करने से चूक गए।


प्रसाद का सबसे यादगार वनडे परफॉर्मेंस 8 जून 1999 को देखने को मिला। पाकिस्तान के खिलाफ मैनचेस्टर में हुए वनडे में उन्होंने महज 27 रन देते हुए 5 विकेट चटकाए। वह मैच भारतीय टीम 47 रन से जीती थी।

टेस्ट में भी उनका करियर बेस्ट पाकिस्तान के खिलाफ देखने को मिला। 28 जनवरी 1999 को हुए टेस्ट में उन्होंने तीसरी पारी में 33 रन देते हुए 6 विकेट चटकाए।

dipu
19-08-2013, 06:14 PM
http://i6.dainikbhaskar.com/thumbnail/600x519/web2images/www.bhaskar.com/2013/08/19/4236_6.jpg

रॉजर बिन्नी

टीम इंडिया के बेहतरीन ऑलराउंडर्स में बिन्नी का नाम शुमार है। बेंगलुरु में 1983 में हुए पाकिस्तान के खिलाफ वनडे में उन्होंने नाबाद 83 रन की यादगार पारी खेली थी। उसी के दम पर भारतीय टीम ने वह मैच जीता था। 1986 में इंग्लैंड में उन्होंने मैच विनिंग परफॉर्मेंस देकर इतिहास रचा था। उस हैडिंगले में हुए मैच में उन्होंने 7 विकेट चटकाए थे। 1983 के वर्ल्ड कप में बिन्नी का अहम रोल था। उन्होंने उस टूर्नामेंट में 18 विकेट झटके थे।


बिन्नी ने टेस्ट करियर में 47 विकेट लिए और 830 रन बनाए। वनडे में उन्होंने 629 रन बनाए और 77 विकेट चटकाए।

dipu
19-08-2013, 06:33 PM
http://i10.dainikbhaskar.com/thumbnail/600x519/web2images/www.bhaskar.com/2013/08/19/4236_7.jpg

सैयद किरमानी

कर्नाटक रणजी टीम का अहम हिस्सा रहे सैयद किरमानी का नाम देश के बेस्ट विकेटकीपरों में शुमार है। उन्होंने विकेटकीपिंग में ढेरों रिकॉर्ड बनाए। अब उन कीर्तिमानों को भले ही धोनी ने अपना बना लिया हो, लेकिन किरमानी की महानता इससे कम नहीं होती।


88 टेस्ट मैचों की 124 पारियों में 160 कैच और 38 स्टंपिंग आसान बात नहीं। वनडे में भी किरमानी खास रहे औऱ 49 मैचों में 27 कैच और 9 स्टंपिंग समेत 36 शिकार किए।

किरमानी ने विकेटकीपर होकर अपने करियर में एक विकेट भी चटकाया। पाकिस्तान के खिलाफ अक्टूबर 1983 को नागपुर में हुए टेस्ट में उन्होंने अजीम हफीज को क्लीन बोल्ड किया था।

dipu
19-08-2013, 06:36 PM
http://i7.dainikbhaskar.com/thumbnail/600x519/web2images/www.bhaskar.com/2013/08/19/4237_8.jpg


एरापल्ली प्रसन्ना

देश के सबसे सफल स्पिनर्स में शुमार एरापल्ली प्रसन्ना को गेंदबाज के वेष में छुपा चेस प्लेयर कहा जाता था। वे अपनी बिसात पर बल्लेबाजों को फंसाते थे और विकेट लेते थे। महज 49 मैचों में 189 विकेट लेने वाले प्रसन्ना ने करियर में 10 बार पारी में 5 विकेट और 2 बार मैच में 10 विकेट लेने का कमाल किया।

फर्स्ट क्लास क्रिकेट में उनके नाम 957 विकेट दर्ज हैं।

dipu
19-08-2013, 06:36 PM
http://i9.dainikbhaskar.com/thumbnail/600x519/web2images/www.bhaskar.com/2013/08/19/4237_9.jpg


राहुल द्रविड़

भारतीय क्रिकेट की दीवार रहे राहुल द्रविड़ को किसी इंट्रोडक्शन की जरूरत नहीं। वनडे और टेस्ट दोनों में 10 हजारी बनने वाले द्रविड़ ने कई ऐसे कारनामे किए जो अन्य भारतीय बल्लेबाज कभी नहीं कर सके। फिर बात सबसे ज्यादा डबल सेंचुरी लगाने की हो या कैच लपकने की, द्रविड़ हर मामले में अव्वल रहे।


जैमी के नाम से मशहूर इस दिग्गज ने टेस्ट में 36 सेंचुरी और 63 हाफ सेंचुरी समेत 13288 रन बनाए। वनडे में उन्होंने 12 शतक और 83 अर्धशतकों के दम पर 10889 रन बनाए।

बल्लेबाजी के अलावा गेंदबाजी में भी द्रविड़ ने कमाल किए। उन्होंने टेस्ट में 1 और वनडे में 4 बल्लेबाजों को आउट किया।

Dr.Shree Vijay
19-08-2013, 06:58 PM
बेहतरीन........................................... ..................

dipu
19-08-2013, 07:34 PM
बेहतरीन........................................... ..................

:hello::hello::hello:

internetpremi
19-08-2013, 09:39 PM
कर्णाटक के सर्वश्रेष्ठ क्रिकेट खिलाडियों की सूची में एक और नाम जोडना आवश्यक है और वह है बी एस चन्द्रशेखर।

dipu
20-08-2013, 06:40 AM
कर्णाटक के सर्वश्रेष्ठ क्रिकेट खिलाडियों की सूची में एक और नाम जोडना आवश्यक है और वह है बी एस चन्द्रशेखर।

http://www.espncricinfo.com/inline/content/image/27590.html?alt=player

Full name Bhagwath Subramanya Chandrasekhar

Born May 17, 1945, Mysore, Karnataka

Current age 68 years 95 days

Major teams India, Karnataka, Mysore

Batting style Right-hand bat

Bowling style Legbreak


Profile

For a nation starved of wins abroad, Chandra was a rare jewel: he was for long India's biggest match-winner overseas, with 42 wickets in five Tests. Batsmen didn't know quite what to expect from him and sometimes neither did Chandra himself, as he once admitted. An attack of polio in childhood left his right arm withered, but Chandra turned his handicap into an advantage. After a long, bouncing run-up, he delivered sharp googlies, spiteful topspinners and legbreaks at near medium-pace from the back of his hand with a whipping action. He could often be erratic, but no one among India's famed spin quartet was more likely to deliver an unplayable ball than Chandra. His 6 for 38 at The Oval in 1971 gave India their first series victory in England and he was instrumental in India's first win in Australia in 1978, taking 12 for 104 at Melbourne.