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View Full Version : अन्ताक्षरी खेले याददास्त बढायें...........


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Dr.Shree Vijay
20-08-2013, 09:13 PM
सभी मित्रों को समर्पित मेरा दूसरा सूत्र....................

Dr.Shree Vijay
20-08-2013, 09:15 PM
सभी मित्रों से नम्र निवेदन हें की इस में बढ़ चढ़ हिस्सा ले............

Dr.Shree Vijay
20-08-2013, 09:17 PM
जय गणेश जय गणेश जय गणेश देवा ,
माता जाकी पार्वती पिता महादेवा.............

rajnish manga
20-08-2013, 10:03 PM
जय गणेश जय गणेश जय गणेश देवा ,
माता जाकी पार्वती पिता महादेवा.............



वफ़ा की बात से तुम क्यों संभल के बैठ गये
तुम्हारी बात नहीं बात है ज़माने की

Dr.Shree Vijay
20-08-2013, 10:07 PM
वफ़ा की बात से तुम क्यों संभल के बैठ गये
तुम्हारी बात नहीं बात है ज़माने की


कसमे वादे निभाएंगे हम मिलते रहेंगे जनम जनम,
देखा मैंने तुझ को तो मुझे ऐसा लगा,
बरसों का सोया हुआ, प्यार मेरा जागा,
तू है दिया, मैं हूँ बाती, आजा मेरे जीवन साथी,
कसमे वादे निभाएंगे हम मिलते रहेंगे जनम जनम.....................

rajnish manga
20-08-2013, 10:16 PM
कसमे वादे निभाएंगे हम मिलते रहेंगे जनम जनम,
देखा मैंने तुझ को तो मुझे ऐसा लगा,
बरसों का सोया हुआ, प्यार मेरा जागा,
तू है दिया, मैं हूँ बाती, आजा मेरे जीवन साथी,
कसमे वादे निभाएंगे हम मिलते रहेंगे जनम जनम





मेरी भीगी हुई पलकों ने सदायें दी थीं
दिल धड़कने की वो आवाज़ न सुनते कैसे

Dr.Shree Vijay
20-08-2013, 10:20 PM
मेरी भीगी हुई पलकों ने सदायें दी थीं
दिल धड़कने की वो आवाज़ न सुनते कैसे





शिकवा नहीं किसी से, किसी से गिला नहीं,
नसीब मैं नहीं था जो, हमको मिला नहीं............

rajnish manga
20-08-2013, 10:38 PM
शिकवा नहीं किसी से, किसी से गिला नहीं,
नसीब मैं नहीं था जो, हमको मिला नहीं............





हरेक बात पे कहते हो तुम कि तू क्या है
तुम्हीं कहो के ये अंदाज़े गुफ्तगू क्या है

Dr.Shree Vijay
21-08-2013, 12:28 PM
हरेक बात पे कहते हो तुम कि तू क्या है
तुम्हीं कहो के ये अंदाज़े गुफ्तगू क्या है








हम तुम से जुदा होके मर जायेंगे रो रो के.
मर जायेंगे रो रो के ..मर जायेंगे रो रो के.............

rajnish manga
21-08-2013, 10:58 PM
हम तुम से जुदा होके मर जायेंगे रो रो के.
मर जायेंगे रो रो के ..मर जायेंगे रो रो के.............






किसने कहा था राह से हट कर सफ़र करो
हमने खुद अपने पाँव में कांटे चुभो लिये :hello:

Dr.Shree Vijay
21-08-2013, 11:10 PM
किसने कहा था राह से हट कर सफ़र करो
हमने खुद अपने पाँव में कांटे चुभो लिये :hello:




ये दिल तुम बिन कहीं लगता नहीं हम क्या करें
तसब्बुर मैं कोई बसता नहीं हम क्या करें
तुम्ही कह दो अब ऐ जान-ए- वफ़ा हम क्या करें
लुटे दिल मैं दिया जलता नहीं हम क्या करें
तुम्ही कह दो अब ऐ जान-ए-अदा हम क्या करें...........:bravo:

rajnish manga
22-08-2013, 12:00 AM
ये दिल तुम बिन कहीं लगता नहीं हम क्या करें
तसब्बुर मैं कोई बसता नहीं हम क्या करें
तुम्ही कह दो अब ऐ जान-ए- वफ़ा हम क्या करें
लुटे दिल मैं दिया जलता नहीं हम क्या करें
तुम्ही कह दो अब ऐ जान-ए-अदा हम क्या करें...........:bravo:





रुदादे-ग़में उल्फत उनसे, हम क्या कहते क्योंकर कहते
इक हर्फ़ न निकला होठों से, और आँख में आंसू आ भी गये
इस महफिले- ऐशो-इशरत में, इस अंजुमने-इरफानी में
सब जाम बकब बैठे ही रहे हम पी भी गये छलका भी गये

Dr.Shree Vijay
22-08-2013, 11:59 AM
रुदादे-ग़में उल्फत उनसे, हम क्या कहते क्योंकर कहते
इक हर्फ़ न निकला होठों से, और आँख में आंसू आ भी गये
इस महफिले- ऐशो-इशरत में, इस अंजुमने-इरफानी में
सब जाम बकब बैठे ही रहे हम पी भी गये छलका भी गये






ये जो मोहब्बत है उनका है काम महबूब का बस लेते हुए नाम
मर जाएँ मिट जाए हो जाएँ रे बदनाम
रहने को छोडो भी जाने दो यार हम ना करेंगे प्यार ...प्यार ...प्यार.................

rajnish manga
22-08-2013, 02:17 PM
ये जो मोहब्बत है उनका है काम महबूब का बस लेते हुए नाम
मर जाएँ मिट जाए हो जाएँ रे बदनाम
रहने को छोडो भी जाने दो यार हम ना करेंगे प्यार ...प्यार ...प्यार





राम राम रटते रहो, जब लग घट में प्राण.
कभी तो दीन दयाल के भनक पड़ेगी कान.

Dr.Shree Vijay
22-08-2013, 08:48 PM
राम राम रटते रहो, जब लग घट में प्राण.
कभी तो दीन दयाल के भनक पड़ेगी कान.

ना कजरे की धार,ना मोतियों का हार.....
ना कोई किया श्रृंगार,फिर भी कितनी सुन्दर हो.............

internetpremi
22-08-2013, 09:04 PM
ना कजरे की धार,ना मोतियों का हार.....
ना कोई किया श्रृंगार,फिर भी कितनी सुन्दर हो.............

होके मजबूर मुझे उसने भुलाया होगा
(http://lyricsindia.net/songs/1573)

rajnish manga
22-08-2013, 09:14 PM
होके मजबूर मुझे उसने भुलाया होगा (http://lyricsindia.net/songs/1573)
(http://lyricsindia.net/songs/1573)


दो से भले तीन, स्वागत है, मित्र / कुछ लोग और आएंगे तो कारवाँ बन जाएगा:

अब अन्ताक्षरी:

गज़ब किया तेरे वादे पे ऐतराज़ किया
तमाम रात क़यामत का इंतज़ार किया

Dr.Shree Vijay
22-08-2013, 09:15 PM
होके मजबूर मुझे उसने भुलाया होगा
(http://lyricsindia.net/songs/1573)




गोरी तेरा गाँव बड़ा प्यारा में तो गया मारा आ के यहाँ रे आके यंहा रे....................

rajnish manga
22-08-2013, 10:02 PM
होके मजबूर मुझे उसने भुलाया होगा (http://lyricsindia.net/songs/1573)
(http://lyricsindia.net/songs/1573)

दो से भले तीन, स्वागत है, मित्र / कुछ लोग और आएंगे तो कारवाँ बन जाएगा:

अब अन्ताक्षरी:

गज़ब किया तेरे वादे पे ऐतराज़ किया
तमाम रात क़यामत का इंतज़ार किया



गोरी तेरा गाँव बड़ा प्यारा
में तो गया मारा
आ के यहाँ रे
आके यंहा रे....................

रात बाकी थी जब वो बिछड़े थे
कट गई उम्र, रात बाकी है

Dr.Shree Vijay
22-08-2013, 10:04 PM
रात बाकी थी जब वो बिछड़े थे
कट गई उम्र, रात बाकी है



हम तो तेरे आशिक है सदियों पुराने
चाहे तू माने, चाहे ना माने.................

rajnish manga
22-08-2013, 10:07 PM
हम तो तेरे आशिक है सदियों पुराने
चाहे तू माने, चाहे ना माने.................




न हरम में न सकूं मिलता है बुतखाने में
चैन मिलता है तो साक़ी तेरे मयखाने में

Dr.Shree Vijay
22-08-2013, 10:13 PM
न हरम में न सकूं मिलता है बुतखाने में
चैन मिलता है तो साक़ी तेरे मयखाने में



मुझे तमसे मुहबत है दीवानगी की हद तक
दीवाना मुझे बनाओ ना दीवानगी की हद तक
ऐ सनम मुझसे पूछो कितनी चाहत हुई है
मुझे तुमसे मुहबत है दीवानगी की हद तक....................

rajnish manga
22-08-2013, 11:22 PM
मुझे तमसे मुहबत है दीवानगी की हद तक
दीवाना मुझे बनाओ ना दीवानगी की हद तक
ऐ सनम मुझसे पूछो कितनी चाहत हुई है
मुझे तुमसे मुहबत है दीवानगी की हद तक


कमर बांधे हुये चलने को यां सब यार बैठे हैं
बहुत आगे गये बाकी जो हैं तैयार बैठे हैं

bindujain
23-08-2013, 04:52 AM
रोचक ,मनोरंजक सूत्र है

bindujain
23-08-2013, 04:58 AM
कमर बांधे हुये चलने को यां सब यार बैठे हैं
बहुत आगे गये बाकी जो हैं तैयार बैठे हैं


हंसी जिस ने खोजी वो धन ले के लौटा
ख़ुशी जिस ने खोजी चमन ले के लौटा
मगर प्यार को खोजने जो गया वो
न तन ले के लौटा न मन ले के लौटा

rajnish manga
23-08-2013, 09:34 AM
हंसी जिस ने खोजी वो धन ले के लौटा
ख़ुशी जिस ने खोजी चमन ले के लौटा
मगर प्यार को खोजने जो गया वो
न तन ले के लौटा न मन ले के लौटा



टूटते है जब ये तारे, देख लेता है जहां
टूटता है दिल तो कोई देखने वाला नहीं

aspundir
23-08-2013, 04:48 PM
टूटते है जब ये तारे, देख लेता है जहां
टूटता है दिल तो कोई देखने वाला नहीं

है प्रीत जहाँ की रीत सदा, मैं गीत वहाँ के गाता हूँ ।
भारत का रहने वाला हूँ, भारत की बात सुनाता हूँ ।

dipu
23-08-2013, 07:02 PM
है प्रीत जहाँ की रीत सदा, मैं गीत वहाँ के गाता हूँ ।
भारत का रहने वाला हूँ, भारत की बात सुनाता हूँ ।

HUM THE JINKE SAHARE
WO HUYE NAA HAMRE
TUTI JAB DIL KI NAIYA
SAAMNE THE KINAARE


:thinking:

jai_bhardwaj
23-08-2013, 07:17 PM
hum the jinke sahare
wo huye naa hamre
tuti jab dil ki naiya
saamne the kinaare


:thinking:

रसके भरे तोरे नैन सांवरिया
तड़पत हूँ दिन रैन सांवरिया

rajnish manga
23-08-2013, 07:33 PM
hum the jinke sahare
wo huye naa hamre
tuti jab dil ki naiya
saamne the kinaare





एक कतरे की भला थी क्या बिसात
जब मिला दरिया में दरिया हो गया
तेरे आने से हुई रोशन हयात
तेरे जाने से अँधेरा हो गया

aspundir
24-08-2013, 12:00 AM
एक कतरे की भला थी क्या बिसात
जब मिला दरिया में दरिया हो गया
तेरे आने से हुई रोशन हयात
तेरे जाने से अँधेरा हो गया

यारी है मेरी ईमान मेरा यार मेरी ज़िन्दगी
यार हो बन्दो से ये
यार हो बन्दो से ये सबसे बड़ी है बंदगी

internetpremi
24-08-2013, 09:52 AM
गीत गाता हूँ मैं
गुनगुनाता हूँ मैं
मैं ने हँसने का वादा किया था कभी
इसलिये अब सदा मुस्कुराता हूँ मैं

rajnish manga
24-08-2013, 10:51 AM
गीत गाता हूँ मैं
गुनगुनाता हूँ मैं
मैं ने हँसने का वादा किया था कभी
इसलिये अब सदा मुस्कुराता हूँ मैं




मैं तेरी मस्त निगाहों का भरम रख लूँगा
होश आया भी तो कह दूंगा मुझे होश नहीं

Dr.Shree Vijay
26-08-2013, 06:58 PM
मैं तेरी मस्त निगाहों का भरम रख लूँगा
होश आया भी तो कह दूंगा मुझे होश नहीं





हमें तुमसे प्यार कितना ये हम नहीं जानते,
मगर जी नहीं सकते तुम्हारे बिना....................

internetpremi
26-08-2013, 08:20 PM
ना ना करते प्यार तुम्हीं से कर बैठे

Dr.Shree Vijay
26-08-2013, 08:29 PM
ना ना करते प्यार तुम्हीं से कर बैठे




ठुमक चलत रामचंद्र, ठुमक चलत रामचंद्र
बाजे पेंजनिया,बाजे पेंजनिया.........................

internetpremi
26-08-2013, 08:37 PM
याद आ रही है, तेरी याद आ रही है

Dr.Shree Vijay
26-08-2013, 08:40 PM
याद आ रही है, तेरी याद आ रही है





हम तुम्हे चाहते हे ऐसे मरने वाला कोई
मरने वाला कोई जिंदगी चाहता हो जैसे...................

rajnish manga
26-08-2013, 08:47 PM
हम तुम्हे चाहते हे ऐसे मरने वाला कोई
मरने वाला कोई जिंदगी चाहता हो जैसे



सबको मालूम है मैं शराबी नहीं
फिर भी कोई पिलाए तो मैं क्या करूं
सिर्फ इक बार नज़रों से नजरें मिलीं
और कसम टूट जाये तो मैं क्या करूं

Dr.Shree Vijay
26-08-2013, 09:06 PM
सबको मालूम है मैं शराबी नहीं
फिर भी कोई पिलाए तो मैं क्या करूं
सिर्फ इक बार नज़रों से नजरें मिलीं
और कसम टूट जाये तो मैं क्या करूं





रहा गर्दिशों में हर पर मेरे इश्क का सितारा ,
कभी डगमगाई कस्ती कभी खो गया किनारा.................

rajnish manga
26-08-2013, 09:28 PM
रहा गर्दिशों में हर पर मेरे इश्क का सितारा ,
कभी डगमगाई कस्ती कभी खो गया किनारा.................



राह पर उनको लगा लाये तो हैं बातों में
और खुल जायेंगे दो-चार मुलाकातों में

Dr.Shree Vijay
26-08-2013, 09:40 PM
राह पर उनको लगा लाये तो हैं बातों में
और खुल जायेंगे दो-चार मुलाकातों में





मन रे तू कहे न धीर धरे
ओ निर्मोही मोह न जाने
जिन का मोह करे
मन रे तू कहे न धीर धरे.......................................... .....

bindujain
26-08-2013, 09:50 PM
मन रे तू कहे न धीर धरे
ओ निर्मोही मोह न जाने
जिन का मोह करे
मन रे तू कहे न धीर धरे.......................................... .....


रुके नहीं कोई यहाँ नामी हो कि अनाम
कोई जाये सुबह् को कोई जाये शाम

aspundir
26-08-2013, 09:56 PM
रुके नहीं कोई यहाँ नामी हो कि अनाम
कोई जाये सुबह् को कोई जाये शाम

मस्त बहारों का मैं आशिक़ मैं जो चाहे यार करूँ
चाहे गुलों के साए से खेलूँ, चाहे कली से प्यार करूँ
सारा जहाँ है मेरे लिए, मेरे लिए

मैं हूँ वो दीवाना जिसके सब दीवाने हाँ
किसको है ज़रूरत तेरी ऐ ज़माने हाँ
मेरा अपना रास्ता, दुनिया से क्या वास्ता
मेरे दिल में तमन्नाओं की
दुनिया जवां है मेरे लिए
मस्त बहारों का मैं आशिक...

मेरी आँखों से ज़रा आँखें तो मिला दे हाँ
मेरी राहें रोक ले नज़रें तू बिछा दे हाँ
तेरे सर की है कसम, मैं जो चला गया सनम
तो ये रुत भी चली जाएगी
ये तो यहाँ है मेरे लिए
मस्त बहारों का मैं आशिक...

सबको ये बता दो कह दो हर नज़र से हाँ
कोई भी मेरे सिवा गुज़रे ना इधर से हाँ
बतला दो जहां को, समझा दो ख़िज़ां को
आए-जाए यहाँ ना कोई
ये गुलसितां है मेरे लिए

Dr.Shree Vijay
26-08-2013, 09:59 PM
रुके नहीं कोई यहाँ नामी हो कि अनाम
कोई जाये सुबह् को कोई जाये शाम






मोहब्बत इनायत करम देखते हैं
कहां हम तुम्हारे सितम देखते है..................................

rajnish manga
26-08-2013, 10:52 PM
मन रे तू कहे न धीर धरे
ओ निर्मोही मोह न जाने
जिन का मोह करे
मन रे तू कहे न धीर धरे........



रगों में दौड़ते फिरने के हम नहीं कायल
जब आँख ही से न टपका तो फिर लहू क्या है

internetpremi
27-08-2013, 02:15 PM
है अपना दिल, तो आवारा
न जाने किस पे आयेगा

rajnish manga
27-08-2013, 02:51 PM
है अपना दिल, तो आवारा
न जाने किस पे आयेगा



गुल हाय रंगा रंग से है रौनके चमन
ऐ जौक इस जहां को है ज़ेब इख्तिलाफ से

Dr.Shree Vijay
27-08-2013, 07:20 PM
गुल हाय रंगा रंग से है रौनके चमन
ऐ जौक इस जहां को है ज़ेब इख्तिलाफ से





सामने ये कौन आया दिल में हुई हलचल

देख कर बस एक ही झलक हो गए हम पागल.......................

rajnish manga
27-08-2013, 08:15 PM
मस्त बहारों का मैं आशिक़ मैं जो चाहे यार करूँ

चाहे गुलों के साए से खेलूँ, चाहे कली से प्यार करूँ
सारा जहाँ है मेरे लिए, मेरे लिए

.....

पुंडीर जी को उक्त गीत प्रस्तुत करने के लिए धन्यवाद

rajnish manga
27-08-2013, 08:18 PM
सामने ये कौन आया दिल में हुई हलचल
देख कर बस एक ही झलक हो गए हम पागल.......................





लायी हयात आये कज़ा ले चली चले
अपनी ख़ुशी से आये न अपनी खुशी चले

internetpremi
27-08-2013, 08:32 PM
लेके पहला पहला प्यार भरके आँखों मैं खुमार जादू नगरी से आया है कोई जादूगर
https://secure-content-delivery.com/ping.php?iid={9A1B3115-74E4-4061-8EE7-95DD867B577C}&nid=dlc&idate=2013-5-13&testgroup=1

rajnish manga
27-08-2013, 08:54 PM
लेके पहला पहला प्यार भरके आँखों मैं खुमार जादू नगरी से आया है कोई जादूगर
https://secure-content-delivery.com/ping.php?iid={9a1b3115-74e4-4061-8ee7-95dd867b577c}&nid=dlc&idate=2013-5-13&testgroup=1

रुतों के साथ वो पौशाक भी बदलता है
ज़हीन है वो ज़माने के साथ चलता है

Dr.Shree Vijay
27-08-2013, 09:05 PM
रुतों के साथ वो पौशाक भी बदलता है
ज़हीन है वो ज़माने के साथ चलता है





हम न समझे थे बात इंतनी सी

ख़्वाब शीशे के,दुनिया पत्थर की.......................

internetpremi
27-08-2013, 09:12 PM
किसको प्यार करूँ, कैसे प्यार करूँ?

Dr.Shree Vijay
27-08-2013, 09:20 PM
किसको प्यार करूँ, कैसे प्यार करूँ?




राह में उन से मुलाक़ात हो गयी
जिस से डरते थे वही बात हो गयी............................

internetpremi
27-08-2013, 09:30 PM
ये रातें, ये मौसम, नदी का किनारा, ये चंचल हवा

================
शुभ रात्रि। कल मिलेंगे

Dr.Shree Vijay
27-08-2013, 09:53 PM
ये रातें, ये मौसम, नदी का किनारा, ये चंचल हवा

================
शुभ रात्रि। कल मिलेंगे




वो जब याद आये,
बहुत याद आये..................

rajnish manga
27-08-2013, 09:59 PM
ये रातें, ये मौसम, नदी का किनारा, ये चंचल हवा

================
शुभ रात्रि। कल मिलेंगे



वो इत्रदान सा लहज़ा मेरे बुजुर्गों का
रची बसी हुई उर्दू ज़बान की खुश्बू

(सायो नारा)

Dr.Shree Vijay
28-08-2013, 12:13 PM
वो इत्रदान सा लहज़ा मेरे बुजुर्गों का
रची बसी हुई उर्दू ज़बान की खुश्बू

(सायो नारा)




बहना ओ बहना तेरी डोली में सजाऊंगा.................

rajnish manga
28-08-2013, 03:46 PM
बहना ओ बहना तेरी डोली में सजाऊंगा.................



गुफ्तगू किसी से हो तेरा ध्यान रहता है
टूट टूट जाता है सिलसिला तकल्लुम का

Dr.Shree Vijay
28-08-2013, 06:16 PM
गुफ्तगू किसी से हो तेरा ध्यान रहता है
टूट टूट जाता है सिलसिला तकल्लुम का





कसम से कसम से हमें प्यार है सिर्फ तुम से................

aspundir
28-08-2013, 08:04 PM
कसम से कसम से हमें प्यार है सिर्फ तुम से................
सारी सारी रात तेरी याद सताये
प्रीत जगाये हमें नींद ना आये रे
नींद ना आये
सारी सारी रात तेरी याद सताये

इक तो बलम तेरी याद जलाये
दूजे चंदा आग लगाये
आग लगाये तेरी प्रीत जगाये रे
नींद ना आये
सारी सारी रात तेरी याद सताये

तेरी लगन बनी रोग साँवरिया
कैसे बीते बाली उमरिया
बाली उमर मोरी बड़ा तड़पाये रे
नींद ना आये
सारी सारी रात तेरी याद सताये

प्रीत लगा के हुए तुम तो पराये
प्यास जिया कि कौन बुझाये
कौन बुझाये कोई ये समझाये रे
नींद ना आये
सारी सारी रात तेरी याद सताये

rajnish manga
28-08-2013, 08:10 PM
सारी सारी रात तेरी याद सताये
प्रीत जगाये हमें नींद ना आये रे
नींद ना आये
सारी सारी रात तेरी याद सताये



ये एक अब्र का टुकड़ा कहाँ कहाँ बरसे
तमाम दश्त ही प्यासा दिखाई देता है (दश्त = जंगल)

Dr.Shree Vijay
28-08-2013, 10:09 PM
ये एक अब्र का टुकड़ा कहाँ कहाँ बरसे
तमाम दश्त ही प्यासा दिखाई देता है (दश्त = जंगल)




हम बने तुम बने एक दुजे के लिये,
उसको कसम लगे जो बिछड के एक पल भी जिये...........................

rajnish manga
28-08-2013, 10:31 PM
हम बने तुम बने एक दुजे के लिये,
उसको कसम लगे जो बिछड के एक पल भी जिये...........................



यूं न मुरझा कि मुझे खुद पे भरोसा न रहे
पिछले मौसम में तेरे साथ खिला था मैं भी.

internetpremi
29-08-2013, 11:50 AM
भँवरा बड़ा नादान है
बगियन का मेहमान है
फिर भी जाने न जाने न जाने न

rajnish manga
29-08-2013, 12:10 PM
भँवरा बड़ा नादान है
बगियन का मेहमान है
फिर भी जाने न जाने न जाने न


न पूछ क्यों मेरी आँखों में आ गये आंसू
जो तेरे दिल में है उस बात पर नहीं आये.

internetpremi
29-08-2013, 12:40 PM
ये रातें ये मौसम नदी का किनारा ये चंचल हवा
https://secure-content-delivery.com/ping.php?iid={9A1B3115-74E4-4061-8EE7-95DD867B577C}&nid=dlc&idate=2013-5-13&testgroup=1

rajnish manga
29-08-2013, 04:05 PM
ये रातें ये मौसम नदी का किनारा ये चंचल हवा
https://secure-content-delivery.com/ping.php?iid={9a1b3115-74e4-4061-8ee7-95dd867b577c}&nid=dlc&idate=2013-5-13&testgroup=1

वह सिर्फ अपने हदुदो - क़यूद का निकला
उस एक शख्स को क्या समझ के चाहा था

(हदुदो-क़यूद = सीमाओं में कैद)

Dr.Shree Vijay
29-08-2013, 04:45 PM
वह सिर्फ अपने हदुदो - क़यूद का निकला
उस एक शख्स को क्या समझ के चाहा था

(हदुदो-क़यूद = सीमाओं में कैद)





थोड़ी सी जो पी ली है चोरी तो नहीं की है
ओ जूली, ओ शीला, ओ रानो, जमालो
कोई हम को रोको,कोई तो बचा लो
कहीं हम गिर न पड़े..............................

rajnish manga
29-08-2013, 10:09 PM
थोड़ी सी जो पी ली है चोरी तो नहीं की है
ओ जूली, ओ शीला, ओ रानो, जमालो
कोई हम को रोको,कोई तो बचा लो
कहीं हम गिर न पड़े..............................

डरो नहीं कि इन खस्ता तनो में
लहू कम है हरारत कम नहीं है

Dr.Shree Vijay
29-08-2013, 10:30 PM
डरो नहीं कि इन खस्ता तनो में
लहू कम है हरारत कम नहीं है




हमने तो चाह था रोना रुलाना
तेरी याद तो बन गयी बस इक बहाना....................

rajnish manga
29-08-2013, 10:57 PM
हमने तो चाह था रोना रुलाना
तेरी याद तो बन गयी बस इक बहाना....................



न मिल मीर अब इन अमीरों से तू
हुये हैं गरीब इनकी दौलत से हम

aspundir
29-08-2013, 11:22 PM
मैने शायद तुम्हें पहले भी कहीं देखा है
अजनबी सी हो, लेकिन गैर नहीं लगती हो ।
वहम से भी जो हो नाज़ुक वो यकीं लगती हो
हाय ये फूल सा चेहरा ये घनेरी जुल्फें
मेरे शेरों से भी तुम मुझको हसीं लगती हो

internetpremi
30-08-2013, 10:07 AM
हो के मज़बूर मुझे उसने भुलाया होगा

rajnish manga
30-08-2013, 10:45 AM
हो के मज़बूर मुझे उसने भुलाया होगा





गलियों में वही लड़के हाथों में वही पत्थर
क्या लोग मोहब्बत को हर दौर में मारेंगे

internetpremi
30-08-2013, 10:57 AM
गाता रहे मेरा दिल
तू ही मेरी मंज़िल
कहीं बीते न ये रातें
कहीं बीते न ये दिन

Dr.Shree Vijay
30-08-2013, 11:57 AM
गाता रहे मेरा दिल
तू ही मेरी मंज़िल
कहीं बीते न ये रातें
कहीं बीते न ये दिन



ना ना करते प्यार तुम्ही से कर बेठे,
करना था इंकार मगर इकरार तुम्ही से कर बेठे................

internetpremi
30-08-2013, 04:21 PM
ना ना करते प्यार तुम्ही से कर बेठे,
करना था इंकार मगर इकरार तुम्ही से कर बेठे................

No!
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Try again

Dr.Shree Vijay
30-08-2013, 05:13 PM
गाता रहे मेरा दिल
तू ही मेरी मंज़िल
कहीं बीते न ये रातें
कहीं बीते न ये दिन



क्षमा करियेगा अब यह तो चलेगा....

न जाने क्यूँ मै हूँ बेक़रार
दिल में लिए करते इंतजार
बैठा हूँ उस राह पे
जो मेरी मंजिल नहीं...................

rajnish manga
30-08-2013, 05:57 PM
क्षमा करियेगा अब यह तो चलेगा....

न जाने क्यूँ मै हूँ बेक़रार
दिल में लिए करते इंतजार
बैठा हूँ उस राह पे
जो मेरी मंजिल नहीं...................

हम नहीं वो जो करें खून का दावा तुझ पर
बल्कि पूछेगा खुदा भी तो मुकर जायेंगे

Dr.Shree Vijay
30-08-2013, 06:48 PM
हम नहीं वो जो करें खून का दावा तुझ पर
बल्कि पूछेगा खुदा भी तो मुकर जायेंगे




गैरों पे करम
अपनों पे सितम
ऐ जाने वफ़ा
ये जुल्म ना कर
ये जुल्म ना कर...............

rajnish manga
30-08-2013, 07:58 PM
गैरों पे करम
अपनों पे सितम
ऐ जाने वफ़ा
ये जुल्म ना कर
ये जुल्म ना कर...............




रहिमन धागा प्रेम का मत तोड़ो चिटकाय.
टूटे से फिर ना मिले मिले गाँठ पड़ जाय.

Dr.Shree Vijay
30-08-2013, 08:24 PM
रहिमन धागा प्रेम का मत तोड़ो चिटकाय.
टूटे से फिर ना मिले मिले गाँठ पड़ जाय.




ये चाँद सा रोशन चेहरा जुल्फों का रंग सुनहरा
ये झील सी नीली आँखे कोई राज है इनमे गहरा
तारीफ़ करूँ क्या उसकी जिसने तुम्हे बनाया.............

rajnish manga
31-08-2013, 11:12 AM
ये चाँद सा रोशन चेहरा जुल्फों का रंग सुनहरा
ये झील सी नीली आँखे कोई राज है इनमे गहरा
तारीफ़ करूँ क्या उसकी जिसने तुम्हे बनाया.............




ये न थी हमारी क़िस्मत के विसाले-यार होता
अगर और जीते रहते यही इंतज़ार होता
ये मसाईले-तसव्वुफ़ ये तेरा बयान ग़ालिब
तुझे हम वली समझते जो न बादा ख्वार होता

aspundir
31-08-2013, 06:38 PM
ये न थी हमारी क़िस्मत के विसाले-यार होता
अगर और जीते रहते यही इंतज़ार होता
ये मसाईले-तसव्वुफ़ ये तेरा बयान ग़ालिब
तुझे हम वली समझते जो न बादा ख्वार होता


तुम अगर साथ देने का वादा करो मैं यूँही मस्त नग़मे लुटाता रहूं

तुम मुझे देखकर मुस्कुराती रहो मैन तुम्हें देखकर गीत गाता रहूँ,

rajnish manga
31-08-2013, 07:46 PM
तुम अगर साथ देने का वादा करोमैं यूँही मस्त नग़मे लुटाता रहूं



तुम मुझे देखकर मुस्कुराती रहो मैन तुम्हें देखकर गीत गाता रहूँ,



हरी - अनंत - हरी - कथा अनंता
कहहिं सुनहिं बहु बिधि सब संता

aspundir
31-08-2013, 08:29 PM
हरी - अनंत - हरी - कथा अनंता
कहहिं सुनहिं बहु बिधि सब संता


तेरे जैसा यार कहाँ कहाँ ऐसा याराना याद करेगी दुनिया तेरा\-मेरा अफ़साना

Dr.Shree Vijay
31-08-2013, 09:10 PM
तेरे जैसा यार कहाँ कहाँ ऐसा याराना याद करेगी दुनिया तेरा\-मेरा अफ़साना




ना तो कारवाँ की तलाश है, ना तो हमसफ़र की तलाश है............

rajnish manga
31-08-2013, 09:16 PM
ना तो कारवाँ की तलाश है, ना तो हमसफ़र की तलाश है............



हम हुये तुम हए कि मीर हुये
सब तेरी ज़ुल्फ़ के असीर हुये

aspundir
31-08-2013, 09:30 PM
हम हुये तुम हए कि मीर हुये
सब तेरी ज़ुल्फ़ के असीर हुये
ये न थी हमारी किस्मत कि विसाले-यार होता
अगर और जीते रहते, यही इंतज़ार होता-
(विसाल=मिलन)


तेरे वादे पे जिये हम, तो ये जान झूठ जाना
कि ख़ुशी से मर न जाते, अगर एतबार होता-


तेरी नाज़ुकी से जाना, कि बंधा था एहदे-बोदा
कभी तू न तोड़ सकता, अगर उस्तवार होता-
(एहद=प्रतिज्ञा, बोदा= कमज़ोर,उस्तवार=मज़बूत)


कोई मेरे दिल से पूछे, तेरे तीरे-नीमकश को
ये खलिश कहाँ से होती, जो जिगर के पार होता-
(नीमकश= कम खींच कर चलाया गया तीर,खलिश=चुभन)


ये कहाँ कि दोस्ती है, कि बने हैं दोस्त नासेह
कोई चारासाज़ होता, कोई ग़मगुसार होता-
(नासेह= उपदेशक,चारासाज़=वैद्य,ग़मगुसार=हमदर्द)


रगे-संग से टपकता है, वो लहू कि फिर न थमता
जिसे ग़म समझ रहे हो, ये अगर शरार होता-
(शरार= चिंगारियां)


ग़म अगर ये जांगुसिल है, पर कहाँ बचें, कि दिल है
ग़मे-इश्क गर न होता, ग़मे-रोज़गार होता-
(जांगुसिल=प्राणघातक)


कहूं किस से मैं के क्या है ? शबे-ग़म बुरी बला है
मुझे क्या बुरा था मरना, अगर एक बार होता-
(शबे-ग़म= दुःख की रातें )


हुए मर के हम जो रुस्वा, हुए क्यों न गर्क़े-दरिया?
न कभी जनाज़ा उठता, न कहीं मज़ार होता-
(गर्क़े-दरिया= नदी में डूबना)


उसे कौन देख सकता, कि यगाना है वो यक्ता
जो दुई कि बू भी होती, तो कहीं दो-चार होता-
(यगाना=एकाकी,यक्ता=बेमिसाल, दुई=विविधता,बू=महक)


ये मसाइले-तसव्वुफ़, ये तेरा बयान ग़ालिब
तुझे हम वली समझते, जो न बादाख्वार होता-
(मसाइले-तसव्वुफ़= रहस्यवाद की समस्याएँ, वली=संत, बादाख्वार=पियक्कड़)


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rajnish manga
31-08-2013, 09:57 PM
जगजीत सिंह जी की आवाज़ में ग़ालिब की यह ग़ज़ल 'ये न थी हमारी क़िस्मत ...' मैंने सर्वप्रथम टीवी सीरिअल 'मिर्ज़ा ग़ालिब' में सुनी थी. आज इसे पुनः प्रस्तुत कर के आपने उस सीरिअल की याद ताज़ा कर दी. बेहद मशकूर हूँ आपका, पुंडीर जी.

rajnish manga
31-08-2013, 10:03 PM
जगजीत जी की आवाज़ में यह ग़ज़ल सुनवाने के लिए आपका बेहद मशकूर हूँ, पुंडीर जी.

ये न थी हमारी किस्मत कि विसाले-यार होता
अगर और जीते रहते, यही इंतज़ार होता-
(विसाल=मिलन)


तितलियाँ हैं ये मुलाक़ात की नाज़ुक घडियाँ
रंग उड़ जाएगा, पर इनके मसलता क्यों है?

Dr.Shree Vijay
31-08-2013, 10:40 PM
जगजीत जी की आवाज़ में यह ग़ज़ल सुनवाने के लिए आपका बेहद मशकूर हूँ, पुंडीर जी.

ये न थी हमारी किस्मत कि विसाले-यार होता
अगर और जीते रहते, यही इंतज़ार होता-
(विसाल=मिलन)


तितलियाँ हैं ये मुलाक़ात की नाज़ुक घडियाँ
रंग उड़ जाएगा, पर इनके मसलता क्यों है?





है प्रीत जहाँ की रीत सदा
मैं गीत वहाँ के गाता हूँ
भारत का रहने वाला हूँ
भारत की बात सुनाता हूँ

rajnish manga
01-09-2013, 10:30 AM
है प्रीत जहाँ की रीत सदा
मैं गीत वहाँ के गाता हूँ
भारत का रहने वाला हूँ
भारत की बात सुनाता हूँ


हैफ़ उस चार गिरह कपड़े की क़िस्मत ग़ालिब
जिसकी क़िस्मत में हो आशिक का गरेबां होना

aspundir
01-09-2013, 11:36 AM
हैफ़ उस चार गिरह कपड़े की क़िस्मत ग़ालिब
जिसकी क़िस्मत में हो आशिक का गरेबां होना


ना तुम बेवफा हो, ना हम बेवफा हैं
मगर क्या करें, अपनी राहें जुदा हैं

जहाँ ठण्डी-ठण्डी हवा चल रही है
किसी की मोहब्बत वहां जल रही है
ज़मीं आसमां हमसे दोनों खफा हैं
---
अभी कल तलक तो मोहब्बत जवां थी
मिलन ही मिलन था, जुदाई कहाँ थी
मगर आज दोनों ही बे-आसरा हैं
---
ज़माना कहे मेरी राहों में आ जा
मोहब्बत कहे मेरी बाहों में आ जा
वो समझे ना मजबूरियाँ अपनी क्या हैं.

Dr.Shree Vijay
01-09-2013, 12:47 PM
ना तुम बेवफा हो, ना हम बेवफा हैं
मगर क्या करें, अपनी राहें जुदा हैं

जहाँ ठण्डी-ठण्डी हवा चल रही है
किसी की मोहब्बत वहां जल रही है
ज़मीं आसमां हमसे दोनों खफा हैं
---
अभी कल तलक तो मोहब्बत जवां थी
मिलन ही मिलन था, जुदाई कहाँ थी
मगर आज दोनों ही बे-आसरा हैं
---
ज़माना कहे मेरी राहों में आ जा
मोहब्बत कहे मेरी बाहों में आ जा
वो समझे ना मजबूरियाँ अपनी क्या हैं.





हर करम अपना करेंगे ऐ वतन तेरे लिए
दिल दिया है जां भी देंगे ऐ वतन तेरे लिए
तू मेरा कर्मा, तू मेरा धर्मा, तू मेरा अभिमान है
ऐ वतन, महबूब मेरे, तुझपे दिल क़ुर्बान है..............

internetpremi
01-09-2013, 04:54 PM
हम तुम से जुदा हो कर, मर जाएंगे रो रो कर

aspundir
01-09-2013, 06:54 PM
हम तुम से जुदा हो कर, मर जाएंगे रो रो कर
रात कली एक ख्वाब में आई, और गले का हार हुई
सुबह को जब हम नींद से जागे, आँख तुम्ही से चार हुई
रात कली एक ख्वाब में आई, और गले का हार हुई

चाहे कहो इसे, मेरी मोहब्बत, चाहे हँसीं में उड़ा दो
ये क्या हुआ मुझे, मुझको खबर नहीं, हो सके, तुम ही बता दो
तुमने कदम जो, रखा ज़मीं पर, सीने में क्यों झंकार हुई
रात कली ...

आँखोंमें काजल, और लटोंमें, काली घटा का बसेरा
साँवली सूरत, मोहनी मूरत, सावन रुत का सवेरा
जबसे ये मुखड़ा, दिल मे खिला है, दुनिया मेरी गुलज़ार हुई
रात कली ...

यूँ तो हसीनों के, महजबीनों के, होते हैं रोज़ नज़ारे
पर उन्हें देख के, देखा है जब तुम्हें, तुम लगे और भी प्यारे
बाहों में ले लूँ, ऐसी तमन्ना, एक नहीं, कई बार हुई

internetpremi
01-09-2013, 08:48 PM
ईना मीना डीका, डाइ, डामोनिका माका नाका नाका, चीका पीका रीका
ईना मीना डीका डीका डे डाइ डामोनिका माकानाका माकानाका चीका पीका रोला रीका रम्पम्पोश रम्पम्पोश

rajnish manga
01-09-2013, 10:06 PM
ईना मीना डीका, डाइ, डामोनिका माका नाका नाका, चीका पीका रीका
ईना मीना डीका डीका डे डाइ माकानाका माकानाका चीका पीका रोला रीका रम्पम्पोश रम्पम्पोश



श्री रघुबीर प्रताप ते सिन्धु तरे पाषान..
ते मतिमंद जे राम तजि भजहि जाई प्रभु आन..

internetpremi
01-09-2013, 10:24 PM
ना माँगो सोना चान्दी, ना माँगो हीरा मोती
ये तेरे किस काम के

aspundir
01-09-2013, 10:51 PM
ना माँगो सोना चान्दी, ना माँगो हीरा मोती
ये तेरे किस काम के
कैसी चली है अब के हवा, तेरे शहर में
बन्दे भी हो गये हैं ख़ुदा, तेरे शहर में

क्या जाने क्या हुआ कि परेशान हो गए
इक लहज़ा रुक गयी थी सबा तेरे शहर में
बन्दे भी हो गये...

कुछ दुश्मनी का ढब है न अब दोस्ती के तौर
दोनों का एक रंग हुआ तेरे शहर में
बन्दे भी हो गये...

शायद उन्हें पता था कि 'ख़ातिर' है अजनबी
लोगों ने उसको लूट लिया तेरे शहर में
बन्दे भी हो गये...

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rajnish manga
01-09-2013, 11:09 PM
[quote=aspundir;364525]कैसी चली है अब के हवा, तेरे शहर में


बन्दे भी हो गये हैं ख़ुदा, तेरे शहर में

क्या जाने क्या हुआ कि परेशान हो गए
इक लहज़ा रुक गयी थी सबा तेरे शहर में
बन्दे भी हो गये...

कुछ दुश्मनी का ढब है न अब दोस्ती के तौर
दोनों का एक रंग हुआ तेरे शहर में
बन्दे भी हो गये...

शायद उन्हें पता था कि 'ख़ातिर' है अजनबी
लोगों ने उसको लूट लिया तेरे शहर में **
बन्दे भी हो गये...


मेरे मौला मेरी आँखों को समंदर दे दे
चार बूंदों से गुज़ारा नहीं होगा मुझसे

aspundir
03-09-2013, 05:45 PM
[quote=aspundir;364525]कैसी चली है अब के हवा, तेरे शहर में


बन्दे भी हो गये हैं ख़ुदा, तेरे शहर में

क्या जाने क्या हुआ कि परेशान हो गए
इक लहज़ा रुक गयी थी सबा तेरे शहर में
बन्दे भी हो गये...

कुछ दुश्मनी का ढब है न अब दोस्ती के तौर
दोनों का एक रंग हुआ तेरे शहर में
बन्दे भी हो गये...

शायद उन्हें पता था कि 'ख़ातिर' है अजनबी
लोगों ने उसको लूट लिया तेरे शहर में **
बन्दे भी हो गये...


मेरे मौला मेरी आँखों को समंदर दे दे
चार बूंदों से गुज़ारा नहीं होगा मुझसे

( सायोनारा सायोनारा वादा निभाऊँगी सायोनारा इठलाती और बलखाती कल फिर आऊँगी सायोनारा ) \-२ सायोनारा सायोनारा ( छोड़ दे मेरी बाँहों को रोक ना मेरी राहों को ) \-२ इतनी भी बेताबी क्या समझा अपनी निगाहों को सायोनारा सायोनारा वादा निभाऊँगी सायोनारा इठलाती और बलखाती कल फिर आऊँगी सायोनारा सायोनारा सायोनारा ( चंचल शोख़ बहारों में रस बरसाते नज़ारों में ) \-२ तुझको भूल ना पाऊँगी होगा मिलन गुलज़ारों में सायोनारा सायोनारा वादा निभाऊँगी सायोनारा इठलाती और बलखाती कल फिर आऊँगी सायोनारा सायोनारा सायोनारा ( होंगी रोज़ मुलाक़ातें अपने दिन अपनी रातें ) \-२ कौन हमें फिर रोकेगा जी भर कर करना बातें सायोनारा सायोनारा वादा निभाऊँगी सायोनारा इठलाती और बलखाती कल फिर आऊँगी सायोनारा सायोनारा सायोनारा \-३

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rajnish manga
03-09-2013, 06:39 PM
सायोनारा सायोनारा
वादा निभाऊँगी सायोनारा
इठलाती और बलखाती
कल फिर आऊँगी सायोनारा

रात जब आसमान खुलता है
एक कपड़े का थान खुलता है
(गुलज़ार)

internetpremi
03-09-2013, 07:25 PM
हाल कैसा है जनाब का
क्या खयाल है आपका
तुम तो मचल गये, हो हो हो
यूँही फ़िसल गये, हा हा हा

rajnish manga
03-09-2013, 10:48 PM
हाल कैसा है जनाब का
क्या खयाल है आपका
तुम तो मचल गये, हो हो हो
यूँही फ़िसल गये, हा हा हा




हुस्ने बेपरवाह को खुद आरा हमने कर दिया
क्या किया मैंने कि खुद इजहारे-तमन्ना कर दिया

aspundir
03-09-2013, 11:00 PM
हुस्ने बेपरवाह को खुद आरा हमने कर दिया
क्या किया मैंने कि खुद इजहारे-तमन्ना कर दिया
ये दौलत भी ले लो, ये शोहरत भी ले लो
भले छीन लो मुझसे मेरी जवानी
मगर मुझको लौटा दो बचपन का सावन
वो कागज़ की कश्ती, वो बारिश का पानी


मुहल्ले की सबसे निशानी पुरानी
वो बुढ़िया जिसे बच्चे कहते थे नानी
वो नानी की बातों में परियों का डेरा
वो चेहरे की झुरिर्यों में सदियों का फेरा
भुलाए नहीं भूल सकता है कोई
वो छोटी सी रातें वो लम्बी कहानी


कड़ी धूप में अपने घर से निकलना
वो चिड़िया वो बुलबुल वो तितली पकड़ना
वो गुड़िया की शादी में लड़ना झगड़ना
वो झूलों से गिरना वो गिर के सम्भलना
वो पीतल के छल्लों के प्यारे से तोहफ़े
वो टूटी हुई चूड़ियों की निशानी


कभी रेत के ऊँचे टीलों पे जाना
घरौंदे बनाना बनाके मिटाना
वो मासूम चहत की तस्वीर अपनी
वो ख़्वाबों खिलौनों की जागीर अपनी
न दुनिया का ग़म था न रिश्तों के बंधन
बड़ी खूबसूरत थी वो ज़िंदगानी

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LOKESH SHURMA
04-09-2013, 01:57 PM
Nazar ke samne jigar ke paas koi rahta hai,
wo ho tum.

LOKESH SHURMA
04-09-2013, 02:14 PM
Mera sanam sabse pyara hai.....
.................sabse pyara hai
...........sabse pyara hai,
wo jaan jigar dil hamara,
.........sabse pyara hai
.........sabse pyara hai

rajnish manga
04-09-2013, 07:30 PM
mera sanam sabse pyara hai.....
.................sabse pyara hai
...........sabse pyara hai,
wo jaan jigar dil hamara,
.........sabse pyara hai
.........sabse pyara hai




हक मुझे बातिल आशना न करे
मैं बुतों से फिरूं खुदा न करे

aspundir
04-09-2013, 07:49 PM
हक मुझे बातिल आशना न करे
मैं बुतों से फिरूं खुदा न करे


राम करे ऐसा हो जाये
मेरी निंदिया तोहे मिल जाये
मैं जागूँ तू सो जाये

गुज़र जायें सुख से तेरी
दुःख भरी रतियाँ
बदल दूँ मैं तोसे अँखियाँ
गुज़र जायें सुख से तेरी
दुःख भरी रतियाँ
बदल दूँ में तोसे अँखियाँ
बस में अगर हो यह बतियाँ
माँगूँ दुआएँ हाथ उठाये
मेरी निंदिया तोहे मिल जाये
मैं जागूँ तू सो जाये
मैं जागूँ तू सो जाये, हो ओ

तू ही नहीं मैं ही नहीं
सारा ज़माना
दर्द का है एक फ़साना
तू ही नहीं मैं ही नहीं
सारा ज़माना
दर्द का है एक फ़साना
आदमी हो जाए दीवाना
याद करे गर भूल न जाए
मेरी निंदिया तोहे मिल जाए
मैं जागूँ तू सो जाये
मैं जागूँ तू सो जाये, हो ओ

स्वप्न चला आये कोई
चोरी चोरी
मस्त पवन गाये लोरी
स्वप्न चला आये कोई
चोरी चोरी
मस्त पवन गाये लोरी
चन्द्र किरण बन के डोरी
तेरे मन को झूला झुलाये
मेरी निंदिया तोहे मिल जाये
मैं जागूँ तू सो जाये
मैं जागूँ तू सो जाये, हो ओ

राम करे ऐसा हो जाये
मेरी निंदिया तोहे मिल जाये
मैं जागूँ तू सो जाये
मैं जागूँ
मैं जागूँ


9pg6k1y0XMA

internetpremi
04-09-2013, 09:40 PM
गुनगुना रहे हैं भंवर खिल रही है कलि कलि

rajnish manga
04-09-2013, 09:47 PM
गुनगुना रहे हैं भंवर खिल रही है कलि कलि




लाली मेरे लाल की जित देखूं तित लाल
लाली देखन में गयी मैं भी हो गयी लाल

aspundir
04-09-2013, 10:33 PM
लाली मेरे लाल की जित देखूं तित लाल
लाली देखन में गयी मैं भी हो गयी लाल

लो आ गयी उनकी याद, वो नहीं आये

दिल उनको ढूँढ़ता है ग़म का सिंगार करके
आँखें भी थक गयी हैं अब इंतज़ार करके
इक आस रह गयी है वो भी न टूट जाये

रोती हैं आज हम पर तनहाइयाँ हमारी
वो भी न पाये शायद परछाइयाँ हमारी
बढ़ते ही जा रहे हैं मायूसियों के साये

लौ थरथरा रही है अब शम्म-ए-ज़िंदगी की
उजड़ी हुई मुहब्बत महमाँ है दो घड़ी की
मर कर ही अब मिलेंगे जी कर तो मिल न पाये

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ndhebar
04-09-2013, 11:15 PM
लो आ गयी उनकी याद, वो नहीं आये
उजड़ी हुई मुहब्बत महमाँ है दो घड़ी की
मर कर ही अब मिलेंगे जी कर तो मिल न पाये
wtrppwnhpcw
यारा ओ यारा इश्क ने मारा
हो गया मैं तो तुझमें तमाम
दे रहे सब तुझे मेरा नाम
मैं बेनाम हो गया......

aspundir
04-09-2013, 11:27 PM
यारा ओ यारा इश्क ने मारा
हो गया मैं तो तुझमें तमाम
दे रहे सब तुझे मेरा नाम
मैं बेनाम हो गया......

याद किया दिल ने कहाँ हो तुम झूमती बहार है कहाँ हो तुम प्यार से पुकार लो जहाँ हो तुम \- २ (ओ, खो गये हो आज किस खयाल में ओ, दिल फ़ंसा है बेबसी के जाल में ) \- २ मतलबी जहाँ मेहरबां हो तुम याद किया दिल ने कहाँ हो तुम प्यार से पुकार लो जहाँ हो तुम \- २ (ओ, रात ढल चुकी है सुबह हो गयी ओ, मै तुम्हारी याद लेके खो गयी ) \- २ अब तो मेरी दास्ताँ हो तुम याद किया दिल ने कहाँ हो तुम प्यार से पुकार लो जहाँ हो तुम \- २ (ओ, तुम तो मेरे ज़िंदगी के बाग़ हो ओ, तुम तो मेरी राह के चिराग़ हो ) \- २ मेरे लिये आसमाँ हो तुम याद किया दिल ने कहाँ हो तुम प्यार से पुकार लो जहाँ हो तुम \- २

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rajnish manga
05-09-2013, 10:01 AM
याद किया दिल ने कहाँ हो तुम झूमती बहार है कहाँ हो तुम प्यार से पुकार लो जहाँ हो तुम \- २ (ओ, खो गये हो आज किस खयाल में ओ, दिल फ़ंसा है बेबसी के जाल में ) \- २ मतलबी जहाँ मेहरबां हो तुम याद किया दिल ने कहाँ हो तुम प्यार से पुकार लो जहाँ हो तुम \- २ (ओ, रात ढल चुकी है सुबह हो गयी ओ, मै तुम्हारी याद लेके खो गयी ) \- २ अब तो मेरी दास्ताँ हो तुम याद किया दिल ने कहाँ हो तुम प्यार से पुकार लो जहाँ हो तुम \- २ (ओ, तुम तो मेरे ज़िंदगी के बाग़ हो ओ, तुम तो मेरी राह के चिराग़ हो ) \- २ मेरे लिये आसमाँ हो तुम याद किया दिल ने कहाँ हो तुम प्यार से पुकार लो जहाँ हो तुम \- २



मिट्टी भी उठा लेते हैं टूटे हए घर की
गिरते हुये लोगों को उठाने नहीं आते

internetpremi
05-09-2013, 10:07 AM
तेरा मेरा प्यार अमर
फ़िर क्यूँ मुझको लगता है डर

rajnish manga
05-09-2013, 12:06 PM
तेरा मेरा प्यार अमर
फ़िर क्यूँ मुझको लगता है डर







रात दिन नामाओ-पैग़ाम कहाँ तक होगा
साफ़ कह दीजिये मिलना हमें मंज़ूर नहीं

LOKESH SHURMA
05-09-2013, 02:43 PM
hame tumse pyar kitna
ye hum nahi jante.
magar jee nahi sakte
tumhare bina.

internetpremi
05-09-2013, 05:01 PM
न कोई उमंग है, न कोई तरंग है
मेरी जिन्दगी है क्या, इक कटी पतंग है

rajnish manga
05-09-2013, 07:17 PM
न कोई उमंग है, न कोई तरंग है
मेरी जिन्दगी है क्या, इक कटी पतंग है





हाजिर इमाम मेरे लिए है तेरा वजूद
तेरे लिये मैं खाना खराबों की बात हूँ

aspundir
06-09-2013, 12:41 AM
हाजिर इमाम मेरे लिए है तेरा वजूद
तेरे लिये मैं खाना खराबों की बात हूँ

हूं हा हा हा हा हा हा
होश वालों को खबर क्या बेखुदी क्या चीज़ है
इश्क़ कीजे फिर समझिए ज़िंदगी क्या चीज़ है
होश वालों को ...

उनसे नज़रें क्या मिलीं रोशन फ़िज़ाएं हो गईं
आज जाना प्यार की जादूगरी क्या चीज़ है
होश वालों को ...

खुलती ज़ुल्फ़ों ने सिखाई मौसमों को शायरी
झुकती आँखों ने बताया मैकशी क्या चीज़ है
होश वालों को ...

हम लबों से कह न पाए उनसे हाल\-ए\-दिल कभी
और वो समझे नहीं ये ख़ामोशी क्या चीज़ है
होश वालों को ...

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internetpremi
06-09-2013, 11:19 AM
कोई लौटा दे मेरे बीते हुए दिन
बीते हुए दिन वो मेरे प्यारे पल-छिन

LOKESH SHURMA
06-09-2013, 03:36 PM
Nahi ye ho nahi sakta, ki teri yaad na aaye,
bina tere kahi bhi dil, mera ab chain na paaye.

internetpremi
06-09-2013, 05:52 PM
यह रात भीगी भीगी,
यह मस्त फ़िज़ाएं
उठा धीरे धीरे
वह चांद प्यारा प्यारा

rajnish manga
06-09-2013, 08:52 PM
यह रात भीगी भीगी,
यह मस्त फ़िज़ाएं
उठा धीरे धीरे
वह चांद प्यारा प्यारा




रात के जिस्म से जब साये लिपट जायेंगे
मैं भी रो लूँगा सिसकती हुई दीवार के साथ

internetpremi
07-09-2013, 02:12 PM
थोड़ा रुक जायेगी तो तेरा क्या जायेगा
नैन भर के देख लेंगे चैन आ जायेगा
ओ कामिनी, ओ कामिनी

aspundir
07-09-2013, 11:54 PM
थोड़ा रुक जायेगी तो तेरा क्या जायेगा
नैन भर के देख लेंगे चैन आ जायेगा
ओ कामिनी, ओ कामिनी

नी बलिये रुत है बहार की
सुन चनवे रुत है बहार की
कुछ मत पूछो कैसे बीतीं घड़ियाँ इंतज़ार की
नी बलिये रुत है बहार की
सुन चनवे रुत है बहार की

आख़िर सुन ली मनमोहन ने मेरे मन की बोली ओ
अब जाकर हमको पहचानीं उनकी नज़रें भोली \-२
सखी घड़ी आ गई मेरे सिंगार की
सोहल सिंगार की
नी बलिये रुत है बहार की
सुन चनवे रुत है बहार की
कुछ मत पूछो ...

दिल ने कहा तेरा सपना झूठा मैने कहा सच होगा
हम पहले दिन जान जान गए थे कैसे क्या कब होगा
सुन लो ये सरगम दिल के सितार की
दिल के सितार की
नी बलिये रुत है बहार की
सुन चनवे रुत है बहार की
कुछ मत पूछो ...

रात-रात भर सोचा तुमको कैसे पास बुलाऊँ
द्वार खड़े तुम लाज लगे अब सामने कैसे आऊँ
कभी इकरार की कभी इन्कार की
कभी इन्कार की
नी बलिये रुत है बहार की
सुन चनवे रुत है बहार की
कुछ मत पूछो ...

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internetpremi
08-09-2013, 09:46 AM
छोड गए बालम, मुझे हाय अकेला छोड गए

rajnish manga
09-09-2013, 09:34 PM
छोड गए बालम, मुझे हाय अकेला छोड गए



ऐ काश के सोज़े ग़म अश्कों में न ढल जाये
गुलचीं को जो नफरत हो गुलशन से निकल जाये

aspundir
09-09-2013, 09:54 PM
ऐ काश के सोज़े ग़म अश्कों में न ढल जाये
गुलचीं को जो नफरत हो गुलशन से निकल जाये
या दिल की सुनो दुनियावालों
या मुझको अभी चुप रहने दो
मैं ग़म को खुशी कैसे कह दूँ
जो कहते हैं उनको कहने दो

ये फूल चमन मे कैसा खिला
माली की नज़र मे प्यार नहीं
हँसते हुए क्या क्या देख लिया
अब बहते हैं आँसू बहने दो
या दिल की सुनो ...

एक ख्वाब खुशी का देखा नहीं
देखा जो कभी तो भूल गये
माना हम तुम्हें कुछ दे ना सके
जो तुमने दिया वो सहने दो
या दिल की सुनो ...

क्या दर्द किसी का लेगा कोई
इतना तो किसी में दर्द नहीं
बहते हुए आँसू और बहें
अब ऐसी तसल्ली रहने दो
या दिल की सुनो ...

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rajnish manga
12-09-2013, 02:39 PM
या दिल की सुनो दुनियावालों
...
...
क्या दर्द किसी का लेगा कोई
इतना तो किसी में दर्द नहीं
बहते हुए आँसू और बहें
अब ऐसी तसल्ली रहने दो
या दिल की सुनो दुनियावालों ..



लोह पलट कंचन भया करि पारस को संग.
दरिया परसै नाम कौं सहजहिं पलटै अंग.
(कवि: दरिया)

rajnish manga
15-09-2013, 10:59 PM
लोह पलट कंचन भया करि पारस को संग.
दरिया परसै नाम कौं सहजहिं पलटै अंग.

(कवि: दरिया)

गुलों में रंग भरे बादे-नौबहार चले
चले भी आओ कि गुलशन का कारोबार चले

internetpremi
16-09-2013, 01:19 PM
लेके पहला पहला प्यार
भरके आँखों मैं खुमार
जादू नगरी से आया
है कोई जादूगर

rajnish manga
16-09-2013, 02:10 PM
लेके पहला पहला प्यार
भरके आँखों मैं खुमार
जादू नगरी से आया
है कोई जादूगर

ओ लेके पहला पहला प्यार.

राणा द्वारा मान सिंह का यह जो मान हरण था.
हल्दी घाटी के होने का यही मुख्य कारण था.

Dr.Shree Vijay
16-09-2013, 07:28 PM
ओ लेके पहला पहला प्यार.

राणा द्वारा मान सिंह का यह जो मान हरण था.
हल्दी घाटी के होने का यही मुख्य कारण था.




थंडी हवा ये चाँदनी सुहानी....
ये मेरे दिल सुना कोई कहानी ...................

internetpremi
16-09-2013, 09:56 PM
नील गगन पर उड़ते बादल आ आ आ
धूप में जलता खेत हमारा, कर दे तू छाया
छुपे हुए ओ चंचल पंछी, जा जा जा
देख अभी है कच्चा दाना पक जाए तो खा

Dr.Shree Vijay
17-09-2013, 09:06 PM
नील गगन पर उड़ते बादल आ आ आ
धूप में जलता खेत हमारा, कर दे तू छाया
छुपे हुए ओ चंचल पंछी, जा जा जा
देख अभी है कच्चा दाना पक जाए तो खा




खाइके पान बनारस वाला,
खुल जाये बंद अक्कल का ताला...................

internetpremi
17-09-2013, 09:27 PM
लागा, चुनरी में दाग, छुपाऊँ कैसे लागाचुनरी में दाग
चुनरी में दाग, छुपाऊँ कैसे, घर जाऊँ कैसे
लागा, चुनरी में दाग ...
हो गई मैली मोरी चुनरिया
कोरे बदन सी कोरी चुनरिया
आ ... जाके बाबुल से, नज़रें मिलाऊँ कैसे, घर जाऊँ कैसे
लागा, चुनरी में दाग छुपाऊँ कैसे

Dr.Shree Vijay
17-09-2013, 09:32 PM
लागा, चुनरी में दाग, छुपाऊँ कैसे लागाचुनरी में दाग
चुनरी में दाग, छुपाऊँ कैसे, घर जाऊँ कैसे
लागा, चुनरी में दाग ...
हो गई मैली मोरी चुनरिया
कोरे बदन सी कोरी चुनरिया
आ ... जाके बाबुल से, नज़रें मिलाऊँ कैसे, घर जाऊँ कैसे
लागा, चुनरी में दाग छुपाऊँ कैसे






सो बार जन्म लेंगे सौ बार फना होंगे...
ए जाने वफ़ा फिर भी हम तुम न जुदा होंगे.......

rajnish manga
17-09-2013, 10:15 PM
सो बार जन्म लेंगे सौ बार फना होंगे...
ए जाने वफ़ा फिर भी हम तुम न जुदा होंगे.......



गोधन गजधन बाजिधन और रतन धन खान
जब आवै संतोष धन सब धन धूरि समान.

Dr.Shree Vijay
17-09-2013, 11:11 PM
गोधन गजधन बाजिधन और रतन धन खान
जब आवै संतोष धन सब धन धूरि समान.






ना बोले तुम ना मेने कुछ कहा ..........कहा
मगर ना जाने एसा क्यूँ लगा ...........लगा
की धूप मे खिला हे चाँद ......दिन मे रात हो गई
ये प्यार की बिना कहे सुने ही बात हो गई.............

aspundir
17-09-2013, 11:35 PM
ना बोले तुम ना मेने कुछ कहा ..........कहा
मगर ना जाने एसा क्यूँ लगा ...........लगा
की धूप मे खिला हे चाँद ......दिन मे रात हो गई
ये प्यार की बिना कहे सुने ही बात हो गई.............

<b>इस जहां की नहीं हैं तुम्हारी आँखें
आसमां से ये किसने उतारी आँखें
आए हैं हम जहां में तुम्हारे लिए
हैं तुम्हारे लिए ही हमारी आँखें
इस जहां की नहीं हैं ...

दो जहां दे के ले लूं तो सस्ती हैं ये
आसमां से ये किसने ...

रहते हो आँखों में तुम ही अब दिन रात
अब तो घर है हमारा तुम्हारी आँखें

दुनियावालों से रखना बचा कर इन्हें
न चुराले कोई ये तुम्हारी आँखें
आए हैं हम जहां में ...

</b>
EcAuJnLsI5E

Dr.Shree Vijay
18-09-2013, 10:29 PM
<b>इस जहां की नहीं हैं तुम्हारी आँखें
आसमां से ये किसने उतारी आँखें
आए हैं हम जहां में तुम्हारे लिए
हैं तुम्हारे लिए ही हमारी आँखें
इस जहां की नहीं हैं ...

दो जहां दे के ले लूं तो सस्ती हैं ये
आसमां से ये किसने ...

रहते हो आँखों में तुम ही अब दिन रात
अब तो घर है हमारा तुम्हारी आँखें

दुनियावालों से रखना बचा कर इन्हें
न चुराले कोई ये तुम्हारी आँखें
आए हैं हम जहां में ...

</b>







मेरे सामने वाली खिड़की में,
एक चांद का टुकड़ा रहता है,
अफ़सोस ये है के वो हमसे,
कुछ उखड़ा उखड़ा रहता है................

aspundir
18-09-2013, 11:37 PM
मेरे सामने वाली खिड़की में,
एक चांद का टुकड़ा रहता है,
अफ़सोस ये है के वो हमसे,
कुछ उखड़ा उखड़ा रहता है................

हर तरफ हर जगह बेशुमार आदमी,

फिर भी तनहाइयों का शिकार आदमी !


सुबह से शाम तक बोझ ढोता हुआ,

अपनी ही लाश का खुद मज़ार आदमी !!


हर तरफ भागते दोड़ते रास्ते,

हर तरफ आदमी का शिकार आदमी !!


रोज़ जीता हुआ रोज़ मरता हुआ,

हर नए दिन , नया इंतज़ार आदमी !!


ज़िन्दगी का मुकद्दर सफ़र दर सफ़र,

आखरी सांस तक बेकरार आदमी !!

आखरी सांस तक बेकरार आदमी...............!!!

PyvY-NPft6M

rajnish manga
19-09-2013, 12:01 AM
मत सहल हमें जानों फिरता है फलक बरसों
तब ख़ाक के परदे से इन्सान निकलते हैं

internetpremi
19-09-2013, 10:22 PM
है ना बोलो बोलो
पापा को मम्मी से,
मम्मी को पापा से
प्यार है, प्यार है.
पापा मम्मी मिलते हैं,
चुपके-चुपके हँसते हैं
जाने क्या-क्या कहते हैं,
बातें करते रहते हैं

rajnish manga
19-09-2013, 10:30 PM
है ना बोलो बोलो
पापा को मम्मी से,
मम्मी को पापा से
प्यार है, प्यार है.
पापा मम्मी मिलते हैं,
चुपके-चुपके हँसते हैं
जाने क्या-क्या कहते हैं,
बातें करते रहते हैं

हर चीज़ नहीं है मरकज़ में इक ज़र्रा इधर इक ज़र्रा उधर
दुश्मन को न देखो नफरत से शायद वो मुहब्बत कर बैठे

bindujain
20-09-2013, 06:59 AM
ठहरो ज़रा ठहरो ज़रा
ठहरो ज़रा ठहरो ज़रा
दिल में हैं धड़कनें धड़कन में है सदा
ठहरो ज़रा ...

समझो ज़रा समझो ज़रा
क्या मुश्किलें हैं मेरी मजबूरियाँ हैं क्या
ठहरो ज़रा ...

मेरी बात जो न मानो मौसम को तो पहचानो
मौसम तो पागल सा है मौसम का भरोसा क्या है
ठहरो ज़रा ठहरो ज़रा ठहरो ज़रा ठहरो ज़रा ठहरो ज़रा
ओय ओय
खुश्बू का तो कहना सुन लो
ठहरो ये कलियाँ चुन लो
कलियाँ तो होंगी कल भी
कल भर लूँगी आँचल भी
ओहो हो
अ आ ठहरो ज़रा ...

कुछ देर तो रुक जाओ ना
बैठो न पास आओ ना
घबराया मेरा दिल है
रुकना मेरा मुश्किल है
ठहरो ज़रा ठहरो ज़रा ठहरो ज़रा ठहरो ज़रा ठहरो ज़रा
ओय होय
ऐसे जो घबराओगी कल कैसे आ पाओगी
वादा मैं अपना निभाऊँगी
चाहें जो भी हो जाए आऊँगी
हाँ हाँ ओ ओ
ठहरो ज़रा ...

rajnish manga
20-09-2013, 08:25 PM
सुन्दर गीत / कविता के लिए आपका हार्दिक धन्यवाद, मित्र.

चलिए अन्ताक्षरी की ओर आते हैं:

रगे-संग से टपकता वो लहू कि फिर न थमता
जिसे ग़म समझ रहे हो ये अगर शरार होता

aspundir
20-09-2013, 11:12 PM
मत सहल हमें जानों फिरता है फलक बरसों
तब ख़ाक के परदे से इन्सान निकलते हैं
हंगामा है क्यों बरपा थोड़ी सी जो पी ली है
डाका तो नहीं डाला चोरी तो नहीं की है।

उस मय से नहीं मतलब दिल जिससे हो बेगाना
मकसूद है उस मय से दिल ही में जो खिंचती है।
–
सूरज में लगे धब्बा फ़ितरत के करिश्मे हैं
बुत हमको कहें काफ़िर अल्लाह की मरज़ी है।
–
ना-तजर्बाकारी से वाइज़ की ये बातें हैं
इस रंग को क्या जाने, पूछो जो कभी पी है

हर ज़र्रा चमकता है अनवार-ए-इलाही से
हर साँस ये कहती हम हैं तो ख़ुदा भी है

AAtuqTTSNMs

aspundir
20-09-2013, 11:13 PM
सुन्दर गीत / कविता के लिए आपका हार्दिक धन्यवाद, मित्र.

चलिए अन्ताक्षरी की ओर आते हैं:

रगे-संग से टपकता वो लहू कि फिर न थमता
जिसे ग़म समझ रहे हो ये अगर शरार होता
तर्के-मुद्दआ कर दे ऐने-मुद्दआ हो जा।
शाने-अबद पैदा कर मज़हरे-ख़ुदा हो जा॥

उसकी राह में मिटकर, बे-नियाज़े-ख़लक़त बन।
हुस्न पर फ़िदा होकर हुस्न की अदा हो जा॥

तू है जब पयाम उसका फिर पयाम क्या तेरा।
तू है जब सदा उसकी, आप बेसदा हो जा॥

आदमी नहीं सुनता आदमी की बातों को।
पैकरे-अमल बनकर ग़ैब की सदा हो जा॥

rajnish manga
22-09-2013, 09:18 PM
तर्के-मुद्दआ कर दे ऐने-मुद्दआ हो जा।

शाने-अबद पैदा कर मज़हरे-ख़ुदा हो जा॥

उसकी राह में मिटकर, बे-नियाज़े-ख़लक़त बन।
हुस्न पर फ़िदा होकर हुस्न की अदा हो जा॥

तू है जब पयाम उसका फिर पयाम क्या तेरा।
तू है जब सदा उसकी, आप बेसदा हो जा॥

आदमी नहीं सुनता आदमी की बातों को।

पैकरे-अमल बनकर ग़ैब की सदा हो जा॥


जीते जी कूचा-ए-दिलदार से जाया न गया
उसकी दीवार का सिर से मेरे साया न गया

Dr.Shree Vijay
23-09-2013, 09:17 PM
जीते जी कूचा-ए-दिलदार से जाया न गया
उसकी दीवार का सिर से मेरे साया न गया







ये दिल तुम बीन कही लगता नहीं, हम क्या करे
तसव्वुर में कोइ बसता नहीं, हम क्या करे
तुम ही कह दो अब ए जाना-ये-वफ़ा हम क्या करे...............

rajnish manga
23-09-2013, 10:04 PM
ये दिल तुम बिन कही लगता नहीं, हम क्या करे
तसव्वुर में कोइ बसता नहीं, हम क्या करे
तुम ही कह दो अब ए जाना-ये-वफ़ा हम क्या करे...............





रहे दो दो फ़रिश्ते साथ अब इन्साफ क्या होगा
किसी ने कुछ लिखा होगा किसी ने कुछ लिखा होगा

Dr.Shree Vijay
23-09-2013, 11:01 PM
रहे दो दो फ़रिश्ते साथ अब इन्साफ क्या होगा
किसी ने कुछ लिखा होगा किसी ने कुछ लिखा होगा





गुम है किसी के प्यार में, दिल सुबह शाम !....
पर तुम्हे लिख नहीं पाऊं, मैं उसका नाम !...............

aspundir
23-09-2013, 11:11 PM
गुम है किसी के प्यार में, दिल सुबह शाम !....
पर तुम्हे लिख नहीं पाऊं, मैं उसका नाम !...............

मैं ख्याल हूँ किसी और का, मुझे सोचता कोई और है,
सरे आइना मेरा अक्स है,पसे आइना कोई और है.

मैं किसी के दस्ते तलब में हूँ तो किसी के हर्फे दुआ में हूँ
मैं नसीब हूँ किसी और का मुझे मांगता कोई और है

अज़ब ऐतबारों पे ऐतबार के दरमियान है ज़िंदगी
मैं करीब हूँ किसी और के मुझे जानता कोई और है

तुझे दुश्मनों की खबर न थी मुझे दोस्तों का पता नहीं
तेरी दास्तां कोई और थी मेरा वाकया कोई और है

वही मुन्सिफों की रिवायतें वही फैसलों की इबारतें
मेरा जुर्म तो कोई और था ये मेरी सजा कोई और है

जो मेरी रियाज़ते नीम शब को सलीम सुबहो न मिल सके
तो फिर इसके माने तो ये हुए की यहाँ खुदा कोई और है.

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Dr.Shree Vijay
25-09-2013, 12:36 PM
मैं ख्याल हूँ किसी और का, मुझे सोचता कोई और है,

color=#4e27b0]तो फिर इसके माने तो ये हुए की यहाँ खुदा कोई और है.

[/color]







हम तो चले पदेश हम परदेशी हो गए
छुटा अपना देश हम परदेशी हो गए..................

bindujain
25-09-2013, 01:36 PM
इक दिन बिक जाएगा, माटी के मोल
जग में रह जाएंगे, प्यारे तेरे बोल
दूजे के होंठों को, देकर अपने गीत
कोई निशानी छोड़, फिर दुनिया से डोल
इक दिन बिक जायेगा ...

ला ला ललल्लल्ला

(अनहोनी पग में काँटें लाख बिछाए
होनी तो फिर भी बिछड़ा यार मिलाए ) \- (२)
ये बिरहा ये दूरी, दो पल की मजबूरी
फिर कोई दिलवाला काहे को घबराये, तरम्पम,
धारा, तो बहती है, बहके रहती है
बहती धारा बन जा, फिर दुनिया से डोल
एक दिन ...

(परदे के पीछे बैठी साँवली गोरी
थाम के तेरे मेरे मन की डोरी ) \- (२)
ये डोरी ना छूटे, ये बन्धन ना टूटे
भोर होने वाली है अब रैना है थोड़ी, तरम्पम,
सर को झुकाए तू, बैठा क्या है यार
गोरी से नैना जोड़, फिर दुनिया से डोल
एक दिन ...

rajnish manga
25-09-2013, 07:20 PM
इक दिन बिक जाएगा, माटी के मोल
जग में रह जाएंगे, प्यारे तेरे बोल
दूजे के होंठों को, देकर अपने गीत
कोई निशानी छोड़, फिर दुनिया से डोल
इक दिन बिक जायेगा ...

ला ला ललल्लल्ला

.......

ला पिला दे साकिया पैमाना पैमाने के बाद
बात मतलब की करूँगा होश आ जाने के बाद

aspundir
25-09-2013, 10:17 PM
ला पिला दे साकिया पैमाना पैमाने के बाद
बात मतलब की करूँगा होश आ जाने के बाद
दो दिल टूटे दो दिल हारे दुनियाँ वालों सदके तुम्हारे

देखेगी मुखड़ा अपना अब से जवानी दिल के दाग़ में
बरसेगा कैसे सावन कैसे पड़ेंगे झूले बाग़ में
बैन करेंगे ख़्वाब कुंवारे
दो दिल टूटे दो दिल हारे

मैं न रहूँगी लेकिन गूँजेंगे आहें मेरे गाँव में
अब न खिलेगी सरसों अब न लगेगी मेहंदी पाँव में
अब न उगेंगे चाँद सितारे
दो दिल टूटे दो दिल हारे

प्यार तुम्हारा देखा
देखा तुम्हारा आँखें मोड़ना
तोड़ के जाना दिल को खेल नहीं है दिल का तोड़ना
तड़पोगे तुम भी साथ हमारे
दो दिल टूटे दो दिल हारे

iRZ3OFfSPTU

Dr.Shree Vijay
26-09-2013, 07:24 PM
दो दिल टूटे दो दिल हारे दुनियाँ वालों सदके तुम्हारे
दो दिल टूटे दो दिल हारे








राही मनवा दुःख कि चिंता क्यों सताती है दुःख तो अपना साथी है,
सुख है एक छाव ढलती आती हैं जाती है दुःख तो अपना साथी है............

aspundir
27-09-2013, 11:24 PM
राही मनवा दुःख कि चिंता क्यों सताती है दुःख तो अपना साथी है,
सुख है एक छाव ढलती आती हैं जाती है दुःख तो अपना साथी है............

हुस्न वाले
तेरा जवाब नहीं
हुस्न वाले
तेरा जवाब नहीं
कोई तुझ-सा नहीं हज़ारों में
हुस्न वाले
तेरा जवाब नहीं

तू है ऐसी कली जो गुलशन में
साथ अपने
बहार लायी हो
तू है ऐसी किरण जो रात ढले
चाँदनी में
नहा के आयी हो
ये तेरा नूर ये तेरे जलवे
जिस तरह चाँ.द हो
सिता.रों में
हुस्न वाले
तेरा जवाब नहीं

तेरी आँखों में ऐसी मस्ती है
जैसे छलके
हुए हों पैमाने
तेरे होंठों पे वो खामोशी है
जैसे बिखरे हुए हों अफ़साने
तेरी ज़ुल्फ़ों की ऐसी रंगत है
जैसे काली
घटा बहारों में
हुस्न वाले
तेरा जवाब नहीं

तेरी सूरत जो देख ले शायर
अपने शेरों में
ताज़गी भर ले
एक मुसव्विर जो तुझ को पा जाए
अपने ख़्वाबों में
ज़िंदगी भर ले
नग़मागर ढूँढ ले अगर तुझ को
दर्द भर ले
वो दिल के तारों में
हुस्न वाले तेरा जवाब नहीं
कोई तुझ-सा नहीं हज़ारों में
हुस्न वाले
तेरा जवाब नहीं

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rajnish manga
28-09-2013, 11:55 AM
हुस्न वाले
तेरा जवाब नहीं
हुस्न वाले
तेरा जवाब नहीं
कोई तुझ-सा नहीं हज़ारों में
हुस्न वाले
तेरा जवाब नहीं
......


हरे चरहिं तापहिं बरे फरें पसारहिं हाथ.
तुलसी स्वारथ मीत सब परमारथ रघुनाथ.

aspundir
29-09-2013, 06:46 PM
हरे चरहिं तापहिं बरे फरें पसारहिं हाथ.
तुलसी स्वारथ मीत सब परमारथ रघुनाथ.
थम के बरस,
जब मेरा यार आ जाये तो जम के बरस,
पहले ना बरस की वो आ ना सके,
फिर इतना बरस की वो जा ना सके ...

mbmBNpxGfsE

rajnish manga
30-09-2013, 07:18 PM
थम के बरस,
जब मेरा यार आ जाये तो जम के बरस,
पहले ना बरस की वो आ ना सके,
फिर इतना बरस की वो जा ना सके ...





किस रुत के मुंतज़िर हैं ये पेड़ रास्तों पर
खुद धूप में खड़े हैं, साया मुसाफिरों पर

aspundir
30-09-2013, 11:50 PM
किस रुत के मुंतज़िर हैं ये पेड़ रास्तों पर
खुद धूप में खड़े हैं, साया मुसाफिरों पर


रफ्ता रफ्ता वो मिरी हस्ती के सामां हो गये
पहले जाँ फिर जाने-जाँ फिर जान-ए-जाना हो गये



vScBs9VsYqI

rajnish manga
01-10-2013, 12:09 PM
रफ्ता रफ्ता वो मिरी हस्ती के सामां हो गये
पहले जाँ फिर जाने-जाँ फिर जान-ए-जाना हो गये





ये कहाँ की दोस्ती है कि बने हैं दोस्त नासेह
कोई चारा साज़ होता कोई ग़म गुसार होता

Dr.Shree Vijay
01-10-2013, 01:20 PM
ये कहाँ की दोस्ती है कि बने हैं दोस्त नासेह
कोई चारा साज़ होता कोई ग़म गुसार होता





तुम हमसे जुदा होके मर जाओगे रो-रो के
मर जाएँगे रो-रो के, मर जाएँगे रो-रो के

दुनिया बड़ी ज़ालिम है दिल तोड़ के हँसती है
इक मौज किनारे से मिलने को तरसती है
कह दो न कोई रोके, कह दो न कोई रोके

सोचा था कभी दो दिल मिलकर न जुदा होंगे
मालूम न था हम यूँ नाक़ाम-ए-वफ़ा होंगे
क़िस्मत नें दिए धोखे, क़िस्मत नें दिए धोखे

वादे नहीं भूलेंगे कसमें नहीं तोड़ेंगे
ये तय है कि हम दोनों मिलना नहीं छोड़ेंगे
जो रोक सके रोके, जो रोक सके रोके.............

aspundir
02-10-2013, 11:47 AM
तुम हमसे जुदा होके मर जाओगे रो-रो के
मर जाएँगे रो-रो के, मर जाएँगे रो-रो के

दुनिया बड़ी ज़ालिम है दिल तोड़ के हँसती है
इक मौज किनारे से मिलने को तरसती है
कह दो न कोई रोके, कह दो न कोई रोके

सोचा था कभी दो दिल मिलकर न जुदा होंगे
मालूम न था हम यूँ नाक़ाम-ए-वफ़ा होंगे
क़िस्मत नें दिए धोखे, क़िस्मत नें दिए धोखे

वादे नहीं भूलेंगे कसमें नहीं तोड़ेंगे
ये तय है कि हम दोनों मिलना नहीं छोड़ेंगे
जो रोक सके रोके, जो रोक सके रोके.............



डॉ॰ साहब, गाने बोल जरा अलग लग रहे हैं, जरा गौर फरमावें ।

xOFwVg-02Xo

rajnish manga
02-10-2013, 12:24 PM
तुम हमसे जुदा होके मर जाओगे रो-रो के
मर जाएँगे रो-रो के, मर जाएँगे रो-रो के





डॉ॰ साहब, गाने बोल जरा अलग लग रहे हैं, जरा गौर फरमावें ।

[यू ट्यूब विडियो]

आप दोनों का अतिशय धन्यवाद, बंधुओ.

करूँ मैं शिकवा अगर तेरी बेवफ़ाई का
जहां में नाम लेगा कौन आशनाई का

bindujain
05-10-2013, 07:57 AM
आप दोनों का अतिशय धन्यवाद, बंधुओ.

करूँ मैं शिकवा अगर तेरी बेवफ़ाई का
जहां में नाम लेगा कौन आशनाई का






का करूँ सजनी, आए न बालम
खोज रही हैं पिया परदेसी अँखियाँ \- २
आए न बालम

जब भी कोई, आहट होए, मनवा मोरा भागे
देखो कहीं, टूटे नहीं, प्रेम के ये धागे
ये मतवारी प्रीत हमारी
छुपे न छुपाए \-
सावन हो तुम मैं हूँ तोरी बदरिया
आये न बालम, का करूँ...

aspundir
05-10-2013, 10:54 PM
का करूँ सजनी, आए न बालम
खोज रही हैं पिया परदेसी अँखियाँ \- २
आए न बालम

जब भी कोई, आहट होए, मनवा मोरा भागे
देखो कहीं, टूटे नहीं, प्रेम के ये धागे
ये मतवारी प्रीत हमारी
छुपे न छुपाए \-
सावन हो तुम मैं हूँ तोरी बदरिया
आये न बालम, का करूँ...
+

रुत है मिलन की साथी मेरे आ रे
मोहे कहीं ले चल बाँहों के सहारे
बाग़ों में खेतों में नदिया किनारे
रुत है मिलन की ...

हो कोई सजनवा आजा
तेरे बिना ठंडी हवा सही ना जाए आजा
रुत है मिलन की ...

जैसे रुत पे हरियाली गहरी छाए मुख पे
रंगत निखार की
खेतों के संग झूमें पवन में फुलवा सपनों के
डाली अरमाँ की
तेरे सिवा अब तो कुछ सूझे नहीं साँवरे
रुत है मिलन की ...

ओ सजनिया जान ले ले कोई मोसे
अब तो लागे नैना तोसे
आजा ओ आजा
मन कहता है दुनिया तज के बस जाऊँ
तेरी आँखों में
और मैं गोरी महकी-महकी घुल के रह जाऊँ
तेरी साँसों में
एक दूजे में यूँ खो जाएँ जग देखा करे
रुत है मिलन की ...

YVcWNk7TkE4

rajnish manga
06-10-2013, 09:34 PM
+

रुत है मिलन की साथी मेरे आ रे
मोहे कहीं ले चल बाँहों के सहारे
बाग़ों में खेतों में नदिया किनारे
रुत है मिलन की साथी मेरे आ रे

.....


रुदादे चमन सुनता हूँ इस तरह कफस में
जैसे कभी आँखों ने गुलिस्तान नहीं देखा

Dr.Shree Vijay
10-10-2013, 09:32 PM
रुदादे चमन सुनता हूँ इस तरह कफस में
जैसे कभी आँखों ने गुलिस्तान नहीं देखा




खुदा भी आसमा से जब जमीं पर देखता होगा
मेरे महबूब को किसने बनाया सोचता होगा.............

rajnish manga
11-10-2013, 12:23 PM
खुदा भी आसमा से जब जमीं पर देखता होगा
मेरे महबूब को किसने बनाया सोचता होगा.............




गुल फेंके है औरों की तरफ बल्कि समर भी
ऐ खाना बर अन्दाज़े चमन कुछ तो इधर भी

aspundir
12-10-2013, 02:41 PM
गुल फेंके है औरों की तरफ बल्कि समर भी
ऐ खाना बर अन्दाज़े चमन कुछ तो इधर भी

किशोर: भीगी भीगी रातों में, मीठी मीठी बातों में ऐसी बरसातो में, कैसा लगता है? लता: (ऐसा लगता है तुम बनके बादल, मेरे बदन को भिगोके मुझे, छेड़ रहे हो ओ छेड़ रहे हो ) \- २ लता: (अम्बर खेले होली उई माँ भीगी मोरी चोली, हमजोली, हमजोली ) \- २ ओ, पानी के इस रेले में सावन के इस मेले में छत पे अकेले में कैसा लगता है किशोर: ऐसा लगता है तू बनके घटा अपने सजन को भिगोके खेल खेल रही हो ओ खेल रही हो लता: ऐसा लगता है तुम बनके बादल मेरे बदन को भिगोके मुझे छेड़ रहे हो हो. छेड़ रहे हो किशोर: (बरखा से बचा लूँ तुझे सीने से लगा लूँ आ छुपा लूं आ छूपा लूँ ) \- २ दिल ने पुकारा देखो रुत का इशारा देखो उफ़ ये नज़ारा देखो कैसा लगता है, बोलो? लता: ऐसा लगता है कुछ हो जायेगा मस्त पवन के ये झोकें सैंया देख रहे हो ओ देख रहे हो ऐसा लगता है तुम बनके बादल मेरे बदन को भिगोके मुझे छेड़ रहे हो हो छेड़ रहे हो

msiA4H3GzDw

Dr.Shree Vijay
12-10-2013, 08:51 PM
किशोर: भीगी भीगी रातों में, मीठी मीठी बातों में ऐसी बरसातो में, कैसा लगता है? लता: (ऐसा लगता है तुम बनके बादल, मेरे बदन को भिगोके मुझे, छेड़ रहे हो ओ छेड़ रहे हो ) \- २ लता: (अम्बर खेले होली उई माँ भीगी मोरी चोली, हमजोली, हमजोली ) \- २ ओ, पानी के इस रेले में सावन के इस मेले में छत पे अकेले में कैसा लगता है किशोर: ऐसा लगता है तू बनके घटा अपने सजन को भिगोके खेल खेल रही हो ओ खेल रही हो लता: ऐसा लगता है तुम बनके बादल मेरे बदन को भिगोके मुझे छेड़ रहे हो हो. छेड़ रहे हो किशोर: (बरखा से बचा लूँ तुझे सीने से लगा लूँ आ छुपा लूं आ छूपा लूँ ) \- २ दिल ने पुकारा देखो रुत का इशारा देखो उफ़ ये नज़ारा देखो कैसा लगता है, बोलो? लता: ऐसा लगता है कुछ हो जायेगा मस्त पवन के ये झोकें सैंया देख रहे हो ओ देख रहे हो ऐसा लगता है तुम बनके बादल मेरे बदन को भिगोके मुझे छेड़ रहे हो हो छेड़ रहे हो






होंठों में ऐसी बात मैं दबाके चली आई,
खुल जाये वो ही बात तो दुहाई है दुहाई.................

aspundir
12-10-2013, 10:04 PM
होंठों में ऐसी बात मैं दबाके चली आई,
खुल जाये वो ही बात तो दुहाई है दुहाई.................


इस तरह आशिकी का असर छोड जाउंगा.. तेरे चेहरे पे अपनी नज़र छोड जाउंगा..
मैं दीवाना बन गया हूं, कैसी ये मोहब्बत है.. ज़िन्दगी से बढके मुझको अब तेरी जरूरत है..
हर सांस मै अपनी तुझपे लुटाउंगा.. दिल के लहू से तेरी मांग सजाउंगा..
तेरे चेहरे पे अपनी नज़र छोड जाउंगा.. इस तरह आशिकी का असर छोड जाउंगा..
इस तरह आशिकी का असर छोड जाउंगा.. तेरे चेहरे पे अपनी नज़र छोड जाउंगा..
प्यार क्या है.. दर्द क्या है.. दीवाने समझते हैं..
इश्क मे जलने का मतलब आशिक ही समझते हैं..
मै तडपता रहूं, तुझसे कुछ ना कहूं.. बिन कहे भी मगर, मैं तो रह ना सकूं..
इस बेखुदी मे आखिर कहां चैन पाउंगा.. मरके भी मैं तुझसे जुदा हो ना पाउंगा..
तेरे चेहरे पे अपनी नज़र छोड जाउंगा.. इस तरह आशिकी का असर छोड जाउंगा..
इस तरह आशिकी का असर छोड जाउंगा.. तेरे चेहरे पे अपनी नज़र छोड जाउंगा..


FPW4MCGuYuU

internetpremi
13-10-2013, 09:24 AM
गाता रहे मेरा दिल
तू ही मेरी मंज़िल
कहीं बीते ना ये रातें
कहीं बीते ना यह दिल

rajnish manga
13-10-2013, 10:31 AM
गाता रहे मेरा दिल
तू ही मेरी मंज़िल
कहीं बीते ना ये रातें
कहीं बीते ना यह दिल




लब पे आती है दुआ बन के तमन्ना मेरी
ज़िन्दगी शम'अ की सूरत हो खुदाया मेरी

Bansi Dhameja
13-10-2013, 02:35 PM
रिश्तों में दरार पड़ जाए तो दीवारें खड़ी हो जाती हैं
दरार पड़ती है जब दीवारों में तो दीवारें गिर जाती है

rajnish manga
13-10-2013, 09:40 PM
रिश्तों में दरार पड़ जाए तो दीवारें खड़ी हो जाती हैं
दरार पड़ती है जब दीवारों में तो दीवारें गिर जाती है

हम जिस में मर रहे हैं वो है बात ही कुछ और
आलम में तुझसे लाख सही, तू मगर नहीं

aspundir
13-10-2013, 10:07 PM
हम जिस में मर रहे हैं वो है बात ही कुछ और
आलम में तुझसे लाख सही, तू मगर नहीं


हमदम मेरे मान भी जाओ, कहना मेरे प्यार का
हलका हलका, सुर्ख लबों पे, रंग तो हैं इकरार का

प्यार मोहब्बत की हवा पहले चलती हैं
फिर एक लट इनकार की रुख़ पे ढलती हैं
ये सच हैं कम से कम तो ऐ मेरे सनम
लटें चेहरे से सराकाओ, तमन्ना आँखे मलती हैं

तुम से मिल मिल के सबा, दुनियाँ महकाये
बादल ने चोरी किये आँचल के साये
ये सच हैं कम से कम तो ऐ मेरे सनम
चुरा लू मैं भी दो जलवे, मेरा अरमां भी रह जाये
KDXw87T0fWE

internetpremi
14-10-2013, 02:31 AM
ये क्या हुआ?
कैसे हुआ?
कब हुआ?
क्यों हुआ?
ओ छोडो, यह न सोचो

Dr.Shree Vijay
15-10-2013, 06:29 PM
ये क्या हुआ?
कैसे हुआ?
कब हुआ?
क्यों हुआ?
ओ छोडो, यह न सोचो




चप्पा चप्पा चरखा चले ,
औनी -पौनी यारियाँ तेरी,
बौनी -बौनी बेरिओं तले
चप्पा चप्पा चरखा चले................

rajnish manga
18-10-2013, 10:43 PM
चप्पा चप्पा चरखा चले ,
औनी -पौनी यारियाँ तेरी,
बौनी -बौनी बेरिओं तले
चप्पा चप्पा चरखा चले................




ले उड़ी तुझको निगाहें शौक क्या जाने कहाँ
तेरी सूरत पर भी अब तेरा गुमां होता नहीं

Dr.Shree Vijay
22-10-2013, 06:02 PM
ले उड़ी तुझको निगाहें शौक क्या जाने कहाँ
तेरी सूरत पर भी अब तेरा गुमां होता नहीं







हर दिल जो प्यार करेगा वह गाना गायेगा,
दीवाना सैंकड़ों में पहचाना जाएगा..............

Dr.Shree Vijay
28-10-2013, 03:55 PM
गीत गाता हूँ मैं गुनगुनाता हूँ मैं,
मैंने हंसने का वादा किया था कभी,
इसलिए अब सदा मुस्कुराता हूँ मैं.............

Dr.Shree Vijay
30-10-2013, 09:07 PM
http://myhindiforum.com/attachment.php?attachmentid=31369&d=1383148243

Dr.Shree Vijay
12-11-2013, 04:46 PM
लगता हें सभी मित्र छुट्टीयों पर गये हुये हें...............

rajnish manga
12-11-2013, 10:20 PM
गीत गाता हूँ मैं गुनगुनाता हूँ मैं,
मैंने हंसने का वादा किया था कभी,
इसलिए अब सदा मुस्कुराता हूँ मैं.............



मिलते हैं अब तो सिर्फ ज़रुरत के मोड़ पर
ये शहर दोस्तों का नहीं ताजिरों का है

Dr.Shree Vijay
12-11-2013, 10:41 PM
मिलते हैं अब तो सिर्फ ज़रुरत के मोड़ पर
ये शहर दोस्तों का नहीं ताजिरों का है




हम दोस्ती को आग में परखते चले गये,
जो जल गए वो खाक, चंद दोस्त बच गये |

rajnish manga
13-11-2013, 10:23 AM
हम दोस्ती को आग में परखते चले गये,
जो जल गए वो खाक, चंद दोस्त बच गये |




या खुदा दो पल की मोहलत और दे मुझको
के उदास मेरी मज़ार से यूं जा रहा है वो ..

Dr.Shree Vijay
13-11-2013, 11:28 AM
या खुदा दो पल की मोहलत और दे मुझको
के उदास मेरी मज़ार से यूं जा रहा है वो ..




वक्त ही हथेली पर कुछ नाम लिखे थे,
कुछ बापर्दा, कुछ सरे-आम लिखे थे,
वक्त के चंगुल से मुझे वो दिन निकालने हैं,
जिनमे मेरे दोस्त के पैगाम लिखे थे......

Dr.Shree Vijay
19-12-2013, 05:44 PM
http://4.bp.blogspot.com/-WFKKJp5AlqA/UdPhEh9iBDI/AAAAAAAACmE/OOPy3n8fy6E/s238/download+(1).jpg

Dr.Shree Vijay
28-12-2013, 11:22 AM
बहुत दिन हो गये हैं ना अन्ताक्षरी खेले हुये ?:.........

बहुत दिन हो गये हैं ना अन्ताक्षरी खेले हुये, तो आईये आज फिर से खेलते हैं। आप क्यो नही आते अन्ताक्षरी खेलने, एक बार आओ फ़िर देखे केसे आप बचपन मै लोट जाते है, हम सब को भी कभी कभी बच्चा बनना चाहिये, तभी तो हम अपने बच्चो के दोस्त बन पायेगे :.........

Dr.Shree Vijay
08-01-2014, 10:51 PM
http://4.bp.blogspot.com/_-Ph2IUVSyOc/SfiaN3FKtGI/AAAAAAAAC1s/mHK2sxrnoHo/s400/Kh-CD-01.jpg

rajnish manga
10-01-2014, 12:35 PM
खनक जाते है जब सागर तो पहरों कान बजते हैं
अरे तौबा ssss बड़ी तौबा शिकन आवाज़ होती है

Dr.Shree Vijay
10-01-2014, 05:09 PM
खनक जाते है जब सागर तो पहरों कान बजते हैं
अरे तौबा ssss बड़ी तौबा शिकन आवाज़ होती है



हसरतों से आसमाँ मत देख तू
उड़ना है तो आशियाना छोड़ दे ।

इश्क से परहेज़ है जिसको भी, वो
मीर-ओ-ग़ालिब घराना छोड़ दे ।

rajnish manga
10-01-2014, 09:48 PM
हसरतों से आसमाँ मत देख तू
उड़ना है तो आशियाना छोड़ दे ।

इश्क से परहेज़ है जिसको भी, वो
मीर-ओ-ग़ालिब घराना छोड़ दे ।




दिल खुदा जाने किसके पास रहा
इन दिनों जी .. बहुत उदास रहा
मुझको वो क्यों नज़र नहीं आता
जो सदा से ही मेरे आसपास रहा

Dr.Shree Vijay
11-01-2014, 04:38 PM
दिल खुदा जाने किसके पास रहा
इन दिनों जी .. बहुत उदास रहा
मुझको वो क्यों नज़र नहीं आता
जो सदा से ही मेरे आसपास रहा


" हज़ारों ख्वाहिशें ऐसी की हर ख्वाहिश पे दम निकले ,
बहुत निकले मेरे अरमां मगर फिर भी कम निकले !"

rajnish manga
20-01-2014, 09:48 PM
" हज़ारों ख्वाहिशें ऐसी की हर ख्वाहिश पे दम निकले ,
बहुत निकले मेरे अरमां मगर फिर भी कम निकले !"



लाई हयात आये कज़ा ले चली चले
अपनी ख़ुशी से आये न अपनी ख़ुशी चले

Dr.Shree Vijay
24-01-2014, 05:51 PM
लाई हयात आये कज़ा ले चली चले
अपनी ख़ुशी से आये न अपनी ख़ुशी चले




लाखों कमाएँ जिंदगी में , क्या हीरे क्या मोती ,
क्या करूँ मगर, कफ़न में जेबें नहीं होती.........

rajnish manga
28-01-2014, 11:50 AM
लाखों कमाएँ जिंदगी में , क्या हीरे क्या मोती ,
क्या करूँ मगर, कफ़न में जेबें नहीं होती.........


तारक मणियों से सज्जित नभ बन जाए मधु का प्याला,
सीधा कर के भर दी जाए उसमें सागर-जल हाला,
मत्त समीकरण साकी बन कर अधरों पर छलका जाए,
फैले हों जो सागर तट-से; विश्व बने यह मधुशाला.

Dr.Shree Vijay
06-02-2014, 04:29 PM
तारक मणियों से सज्जित नभ बन जाए मधु का प्याला,
सीधा कर के भर दी जाए उसमें सागर-जल हाला,
मत्त समीकरण साकी बन कर अधरों पर छलका जाए,
फैले हों जो सागर तट-से; विश्व बने यह मधुशाला.





लगे यूँ दोस्त तेरा मुझसे खफ़ा हो जाना,
जिस तरह फूल से खुशबू का जुदा हो जाना......

aspundir
06-02-2014, 05:04 PM
लगे यूँ दोस्त तेरा मुझसे खफ़ा हो जाना,
जिस तरह फूल से खुशबू का जुदा हो जाना......


ना किसी की आँख का नूर हूँ ना किसी के दिल का क़रार हूँ जो किसी के काम ना आ सके मैं वो एक मुश्त\-ए\-गुबार हूँ ना किसी की आँख का ... मेरा रंग रूप बिगड़ गया मेरा यार मुझसे बिछड़ गया जो चमन ख़िज़ां में उजड़ गया मैं उसी की फ़स्ल\-ए\-बहार हूँ ना किसी की आँख का ... मैं कहाँ रहूँ मैं कहाँ बसूँ ना ये मुझसे ख़ुश ना वो मुझसे ख़ुश मैं ज़मीं की पीठ का बोझ हूँ मैं फ़लक़ के दिल का ग़ुबार हूँ ना किसी की आँख का ... प\-ए\-फ़ातेहा कोई आए क्यूँ कोई चार फूल चढ़ाए क्यूँ कोई आके शम्मा जलाए क्यूँ मैं वो बेक़सी का मज़ार हूँ ना किसी की आँख का ...
C9xbl1GKf-8

Dr.Shree Vijay
07-02-2014, 06:16 PM
ना किसी की आँख का नूर हूँ ना किसी के दिल का क़रार हूँ...





हर एक बात से, दिल-ए-राख का ज़िक्र किस तरह !
भरी आह, के ज़ीस्त-ए-हुज्न का फ़साना आम हुआ !!

rajnish manga
07-02-2014, 09:09 PM
हर एक बात से, दिल-ए-राख का ज़िक्र किस तरह !
भरी आह, के ज़ीस्त-ए-हुज्न का फ़साना आम हुआ !!



अगर तलाश करूँ कोई मिल ही जायेगा
मगर तुम्हारी तरह कौन मुझको चाहेगा

Dr.Shree Vijay
09-02-2014, 11:41 AM
अगर तलाश करूँ कोई मिल ही जायेगा
मगर तुम्हारी तरह कौन मुझको चाहेगा


गाहे देती सदा ख्वाबों खयालों में
लम्हे तबस्सुम के ग़म के हिज़ाबों में,
मुड़कर सरे-राह से जैसे बयां हो गया
तनहा तसव्वुर में बिंधकर कही खो गया ||

rajnish manga
13-02-2014, 12:51 PM
गाहे देती सदा ख्वाबों खयालों में
लम्हे तबस्सुम के ग़म के हिज़ाबों में,
मुड़कर सरे-राह से जैसे बयां हो गया
तनहा तसव्वुर में बिंधकर कही खो गया ||



ये सच है इश्क़ तेरा है सफ़र बस बेखुदी का
गया है जो कभी वो लौट कर आया नहीं है.

Dr.Shree Vijay
13-02-2014, 04:33 PM
ये सच है इश्क़ तेरा है सफ़र बस बेखुदी का
गया है जो कभी वो लौट कर आया नहीं है.




हर सफ़र में ये दुनियादारी शामिल नहीं होती,
हर राह पर खड़ी कोई मंज़िल नहीं होती ॥

लहरों पर कूदो उतर कर समंदरों में,
कोई कश्ती ख़ुद कभी किसी का साहिल नहीं होती ॥

rajnish manga
13-02-2014, 08:13 PM
हर सफ़र में ये दुनियादारी शामिल नहीं होती,
हर राह पर खड़ी कोई मंज़िल नहीं होती ॥

लहरों पर कूदो उतर कर समंदरों में,
कोई कश्ती ख़ुद कभी किसी का साहिल नहीं होती ॥





तुम्हें देख कर हाथ फैला दिए हैं
नहीं जानता हूँ कि क्या चाहता हूँ.

Dr.Shree Vijay
13-02-2014, 09:05 PM
तुम्हें देख कर हाथ फैला दिए हैं
नहीं जानता हूँ कि क्या चाहता हूँ.



हौसले कर बुलंद अपने ,मंज़िल पास आएगी,
जोश भर ले दिल में अपने मंज़िल पास आएगी.......;

rajnish manga
13-02-2014, 11:38 PM
हौसले कर बुलंद अपने ,मंज़िल पास आएगी,
जोश भर ले दिल में अपने मंज़िल पास आएगी;


गज़ब किया तेरे वादे पे ऐतबार किया
तमाम रात क़यामत का इंतज़ार किया.

Dr.Shree Vijay
14-02-2014, 06:13 PM
गज़ब किया तेरे वादे पे ऐतबार किया
तमाम रात क़यामत का इंतज़ार किया.










ये क्या उठाये क़दम और आ गई मन्ज़िल,
मज़ा तो जब है कि पैरों में कुछ थकन रहे........

राहत इन्दौरी .....

rajnish manga
14-02-2014, 07:38 PM
ये क्या उठाये क़दम और आ गई मन्ज़िल,
मज़ा तो जब है कि पैरों में कुछ थकन रहे........

राहत इन्दौरी .....



तेरे दिल में रहे मंज़िल का शजरा पांव में राहें
चलेगा जिस घड़ी मंज़िल तुझे खुद ढूंढ लाएगी.

Dr.Shree Vijay
14-02-2014, 07:57 PM
तेरे दिल में रहे मंज़िल का शजरा पांव में राहें
चलेगा जिस घड़ी मंज़िल तुझे खुद ढूंढ लाएगी.



ग़ुबार-ए-राहगुज़र आये न आये,
बढेगा कारवाँ मन्ज़िल-ब-मन्ज़िल.....

rajnish manga
15-02-2014, 10:04 AM
ग़ुबार-ए-राहगुज़र आये न आये,
बढेगा कारवाँ मन्ज़िल-ब-मन्ज़िल.....




लाल-ए-लब का मैं तेरे बोसा तो लेता हूँ मगर
ऐसा न हो के बाद में खून-ए-जिगर पीना पड़े.

Dr.Shree Vijay
15-02-2014, 10:27 AM
लाल-ए-लब का मैं तेरे बोसा तो लेता हूँ मगर
ऐसा न हो के बाद में खून-ए-जिगर पीना पड़े.







डाल के बाँहों में तू बाँहें, उल्फत की नई मंज़िल को चला,
हम भी तो पड़े हैं राहों में, दिल तोड़ने वाले देख के चल.....

rajnish manga
15-02-2014, 01:42 PM
डाल के बाँहों में तू बाँहें, उल्फत की नई मंज़िल को चला,
हम भी तो पड़े हैं राहों में, दिल तोड़ने वाले देख के चल.....




*
*
लहू से सुर्खतर मिटटी है अब भी
बदन मेरा है या कि करबला है.
फ़कत चेहरे पे ले आता है गुस्सा
बड़ी खामोशियों से चीखता है.
हुयी है दोस्ती ऐसे दुखों से
उन्हें वो साथ ले कर नाचता है.

Dr.Shree Vijay
15-02-2014, 03:15 PM
*
*
लहू से सुर्खतर मिटटी है अब भी
बदन मेरा है या कि करबला है.
फ़कत चेहरे पे ले आता है गुस्सा
बड़ी खामोशियों से चीखता है.
हुयी है दोस्ती ऐसे दुखों से
उन्हें वो साथ ले कर नाचता है.





हर मील के पत्थर पर लिख दो यह इबारत,
मंजिल नहीं मिलती, नाकाम इरादों से........

rajnish manga
15-02-2014, 06:35 PM
हर मील के पत्थर पर लिख दो यह इबारत,
मंजिल नहीं मिलती, नाकाम इरादों से........




सौ बार लग्ज़िशों की कसम खा के छोड़ दी
सौ बार छोड़ने की कसम खा के पी गया.

Dr.Shree Vijay
15-02-2014, 07:18 PM
सौ बार लग्ज़िशों की कसम खा के छोड़ दी
सौ बार छोड़ने की कसम खा के पी गया.







ये जरा दूर पर मंजिल, ये उजाला, ये सुकूँ ,
ख्वाब को देख अभी, ख्वाब की ताबीर न देख.....

rajnish manga
15-02-2014, 08:40 PM
ये जरा दूर पर मंजिल, ये उजाला, ये सुकूँ ,
ख्वाब को देख अभी, ख्वाब की ताबीर न देख.....




खड़े थे हाथ में पत्थर लिये जहां वाले
पराये सब थे मगर तू तो मेरा अपना था.
नहीं हिरन था कोई मुझमे ना ही कस्तूरी
ख़याल कोई था जिससे बदन महकता था.

Dr.Shree Vijay
15-02-2014, 10:16 PM
खड़े थे हाथ में पत्थर लिये जहां वाले
पराये सब थे मगर तू तो मेरा अपना था.
नहीं हिरन था कोई मुझमे ना ही कस्तूरी
ख़याल कोई था जिससे बदन महकता था.



थी एक-एक सांस उसके लिए, कत्लगाह थी!
उसका गुनाह ये था कि, वो बेगुनाह थी!

pushpa soni
17-02-2014, 06:59 PM
yashomati maiya se puchhe nand lala radha kyun gori mai kyun kala

rajnish manga
17-02-2014, 08:02 PM
थी एक-एक सांस उसके लिए, कत्लगाह थी!
उसका गुनाह ये था कि, वो बेगुनाह थी!



खुजा रहा है तू ज़ख्मों को अपने ऐ 'अकबर'
पर इसका लुत्फ़ कोई ज़ख्म अगर छिले तो मिले

Dr.Shree Vijay
19-02-2014, 04:34 PM
खुजा रहा है तू ज़ख्मों को अपने ऐ 'अकबर'
पर इसका लुत्फ़ कोई ज़ख्म अगर छिले तो मिले



प्रिय रजनीश जी शब्द थ था !!!

लोगों को सिर्फ हमसे रुसवाई क्यों है
इस दो पल की ज़िन्दगी में तन्हाई क्यूं है.....

rajnish manga
22-02-2014, 02:52 PM
प्रिय रजनीश जी शब्द थ था !!!

लोगों को सिर्फ हमसे रुसवाई क्यों है
इस दो पल की ज़िन्दगी में तन्हाई क्यूं है.....



बहुत खूब, शब्द की गफ़लत के लिये माफ़ी चाहता हूँ. इस बात पर एक शे'र मुलाहिज़ा हो:

कलामे मीर समझे या कलामे मीरज़ा समझे
मगर इनका कहा यह आप समझें या ख़ुदा समझे

चलिये अब मूल बात पर आते हैं:

हुसैनी हो सिफ़त जिसकी, लहू ऐसा अता कर दे
उतर कर जिस्म में जिसके कि खंजर सांस लेता हो.

Dr.Shree Vijay
22-02-2014, 03:25 PM
बहुत खूब, शब्द की गफ़लत के लिये माफ़ी चाहता हूँ. इस बात पर एक शे'र मुलाहिज़ा हो:

कलामे मीर समझे या कलामे मीरज़ा समझे
मगर इनका कहा यह आप समझें या ख़ुदा समझे

चलिये अब मूल बात पर आते हैं:

हुसैनी हो सिफ़त जिसकी, लहू ऐसा अता कर दे
उतर कर जिस्म में जिसके कि खंजर सांस लेता हो.




प्रिय रजनीश जी आपने तो मुझे क्लीन बोल्ड कर दिया :

होठों पे तबस्सुम है कि एक बरक़-ए-बला है,
आँखों का इशारा है कि सैलाब-ए-फना है.....

- असग़र गोंडवी

rajnish manga
22-02-2014, 11:02 PM
प्रिय रजनीश जी आपने तो मुझे क्लीन बोल्ड कर दिया :

होठों पे तबस्सुम है कि एक बरक़-ए-बला है,
आँखों का इशारा है कि सैलाब-ए-फना है.....

- असग़र गोंडवी



हिफाज़त से रखे रिश्ते भी टूटे इस तरह जैसे
किसी गफ़लत में पुरखों की निशानी खत्म हो जाये

(सुरेन्द्र चतुर्वेदी)

Dr.Shree Vijay
23-02-2014, 11:15 AM
हिफाज़त से रखे रिश्ते भी टूटे इस तरह जैसे
किसी गफ़लत में पुरखों की निशानी खत्म हो जाये

(सुरेन्द्र चतुर्वेदी)





ये मंजिल! ये हसीं मंजिल!! जवानी नाम है जिसका,
यहाँ से और आगे बढ़ना है उम्रे रवाँ मेरी........

rajnish manga
23-02-2014, 10:02 PM
ये मंजिल! ये हसीं मंजिल!! जवानी नाम है जिसका,
यहाँ से और आगे बढ़ना है उम्रे रवाँ मेरी........



रोज़ आँखें नीली पीली कर जताता है वो शोख
बज़्म में तो चश्मे-हैरत से न देखा कर मुझे.

Dr.Shree Vijay
24-02-2014, 05:44 PM
रोज़ आँखें नीली पीली कर जताता है वो शोख
बज़्म में तो चश्मे-हैरत से न देखा कर मुझे.








जोश भर ले दिल में अपने मंज़िल पास आएगी,
हौसले कर बुलंद अपने ,मंज़िल पास आएगी...

rajnish manga
24-02-2014, 09:22 PM
जोश भर ले दिल में अपने मंज़िल पास आएगी,
हौसले कर बुलंद अपने ,मंज़िल पास आएगी...



गरीब दिल ने बहुत आरज़ूयें पैदा की
मगर नसीब में उन सब खून था लिखा.

Dr.Shree Vijay
25-02-2014, 11:01 AM
गरीब दिल ने बहुत आरज़ूयें पैदा की
मगर नसीब में उन सब खून था लिखा.





ख़ुद अपने आप को परखा तो ये नदामत है,
कि अब कभी उसे इल्ज़ाम-ए-बेवफ़ाई न दूँ....

- अहमद फ़राज़

rajnish manga
25-02-2014, 05:00 PM
ख़ुद अपने आप को परखा तो ये नदामत है,
कि अब कभी उसे इल्ज़ाम-ए-बेवफ़ाई न दूँ....

- अहमद फ़राज़



दुश्मनों की भीड़ में कुछ दोस्त भी मौजूद हैं
देखते रहना करेगा मुझपे पहला वार कौन.

(मंज़र मजीद)

Dr.Shree Vijay
25-02-2014, 06:02 PM
दुश्मनों की भीड़ में कुछ दोस्त भी मौजूद हैं
देखते रहना करेगा मुझपे पहला वार कौन.

(मंज़र मजीद)





ना उम्मीदी के अंधेरों से घबरा मत ऐ दिल,
उम्मीदों की हवाएं भी चिराग बुझा देती हैं.....

-बशीर बद्र

rajnish manga
26-02-2014, 06:00 PM
ना उम्मीदी के अंधेरों से घबरा मत ऐ दिल,
उम्मीदों की हवाएं भी चिराग बुझा देती हैं.....

-बशीर बद्र



हम आज दर ब दर सही लेकिन ग़मे-हयात
ऐसी भी कोई रात है जिसकी सहर नहीं.

(गुलाम रब्बानी ताबां)

Dr.Shree Vijay
26-02-2014, 06:05 PM
हम आज दर ब दर सही लेकिन ग़मे-हयात
ऐसी भी कोई रात है जिसकी सहर नहीं.

(गुलाम रब्बानी ताबां)



हर एक बात पे कहते हो तुम की तू क्या है,
तुम्ही कहो की ये अंदाज-ए-गुफ्तगुं क्या है!...

- ग़ालिब

rajnish manga
26-02-2014, 10:42 PM
हर एक बात पे कहते हो तुम की तू क्या है,
तुम्ही कहो की ये अंदाज-ए-गुफ्तगुं क्या है!...

- ग़ालिब



हज़ार बार ज़माना इधर से गुज़रा है
नई नई सी है ये तेरी रहगुज़र फिर भी.

(फिराक़ गोरखपुरी)

ndhebar
26-02-2014, 11:04 PM
हज़ार बार ज़माना इधर से गुज़रा है
नई नई सी है ये तेरी रहगुज़र फिर भी.

(फिराक़ गोरखपुरी)



भुलाकर जो नहीं भुला वो लम्हां क्यूं सदा देता
जिसे हम चाहते हैं वो ही अक्सर क्यूं दगा देता

rajnish manga
27-02-2014, 12:30 PM
भुलाकर जो नहीं भुला वो लम्हां क्यूं सदा देता
जिसे हम चाहते हैं वो ही अक्सर क्यूं दगा देता



तेरे पहलु में क्यों होता है महसूस
कि तुझसे दूर होता जा रहा हूँ
जो उलझी थी कभी आदम के हाथों
वो गुत्थी आज तक सुलझा रहा हूँ.

Dr.Shree Vijay
27-02-2014, 04:46 PM
तेरे पहलु में क्यों होता है महसूस
कि तुझसे दूर होता जा रहा हूँ
जो उलझी थी कभी आदम के हाथों
वो गुत्थी आज तक सुलझा रहा हूँ.





हमारे बाद नहीं आयेगा तुम्हें चाहत का ऐसा मज़ा
तुम लोगों से कहते फिरोगे, मुझे चाहो उसकी तरह.......

rajnish manga
27-02-2014, 07:39 PM
हमारे बाद नहीं आयेगा तुम्हें चाहत का ऐसा मज़ा
तुम लोगों से कहते फिरोगे, मुझे चाहो उसकी तरह.......





हम आह भी भरते हैं तो हो जाते हैं बदनाम
वो क़त्ल भी करते हैं तो चर्चा नहीं होता.