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View Full Version : जीवन का प्यार हो तुम.!!!!


Advo. Ravinder Ravi Sagar'
22-08-2013, 01:40 AM
बहती नदियों-सा.!
सूरज की किरनो-सा.!!
जीवन का अभिमान हो तुम.!!!
जीवन का एक सार हो तुम.!!!!
मृग नयणी-सी.!
बिखरी चाँदनी-सी.!!
जीवन का श्रींगार हो तुम.!!!
जीवन का प्यार हो तुम.!!!!
मारू स्थल पर.!
फेले सन्नाटे-सा.!!
जीवन का वरदान हो तुम.!!!
जीवन का कल्याण हो तुम.!!!!
धकती जवाला-सी.!
कोमल ममता-सी.!!!
जीवन का संग्राम हो तुम.!!!
जीवन का विराम हो तुम.!!!!

Bahati nadiyon-sa.!
Suraj ki kirano-sa.!!
Jiwan ka abhimaan ho tum.!!!
Jiwan ka ek saar ho tum.!!!!
Mrag nayani-si.!
Bikhari chaandni-si.!!
Jiwan ka shirangaar ho tum.!!!
Jiwan ka pyaar ho tum.!!!!
Maru sthal par.!
Phele sannate-sa.!!
Jiwan ka vardaan ho tum.!!!
Jiwan ka kalyan ho tum.!!!!
Dhakati jawala-si.!
Komal mamta-si.!!!
Jiwan ka Sangraam ho tum.!!!
Jiwan ka Viraam ho tum.!!!!
अपनी प्रिय पत्नी को समर्पित.

bindujain
22-08-2013, 07:01 AM
बहती नदियों-सा.!
सूरज की किरनो-सा.!!
जीवन का अभिमान हो तुम.!!!
जीवन का एक सार हो तुम.!!!!
मृग नयणी-सी.!
बिखरी चाँदनी-सी.!!
जीवन का श्रींगार हो तुम.!!!
जीवन का प्यार हो तुम.!!!!
मारू स्थल पर.!
फेले सन्नाटे-सा.!!
जीवन का वरदान हो तुम.!!!
जीवन का कल्याण हो तुम.!!!!
धकती जवाला-सी.!
कोमल ममता-सी.!!!
जीवन का संग्राम हो तुम.!!!
जीवन का विराम हो तुम.!!!!

bahati nadiyon-sa.!
Suraj ki kirano-sa.!!
Jiwan ka abhimaan ho tum.!!!
Jiwan ka ek saar ho tum.!!!!
Mrag nayani-si.!
Bikhari chaandni-si.!!
Jiwan ka shirangaar ho tum.!!!
Jiwan ka pyaar ho tum.!!!!
Maru sthal par.!
Phele sannate-sa.!!
Jiwan ka vardaan ho tum.!!!
Jiwan ka kalyan ho tum.!!!!
Dhakati jawala-si.!
Komal mamta-si.!!!
Jiwan ka sangraam ho tum.!!!
Jiwan ka viraam ho tum.!!!!
अपनी प्रिय पत्नी को समर्पित.
अच्छा है

dipu
22-08-2013, 04:44 PM
good story

Dr.Shree Vijay
22-08-2013, 06:03 PM
बेहतरीन........................................... ..................

rajnish manga
22-08-2013, 06:10 PM
बहती नदियों सा.!
सूरज की किरनो सा.!!
जीवन का अभिमान हो तुम.!!!
जीवन का एक सार हो तुम.!!!!

मृगनयनी सी.!
बिखरी चाँदनी सी.!!
जीवन का श्रृंगार हो तुम.!!!
जीवन का प्यार हो तुम.!!!!
मरुस्थल पर.!
फैले सन्नाटे-सा.!!
जीवन का वरदान हो तुम.!!!
जीवन का कल्याण हो तुम.!!!!

धधकती जवाला सी.!
कोमल ममता सी.!!!
जीवन का संग्राम हो तुम.!!!
जीवन का विराम हो तुम.!!!!
अपनी प्रिय पत्नी को समर्पित.

बहुत सुन्दर, रविन्द्र जी. हृदय के निश्छल भावों की काव्यात्मक अभिव्यक्ति हेतु बहुत बहुत धन्यवाद. हमारी शुभकामनायें.

jai_bhardwaj
22-08-2013, 07:07 PM
पुरुष प्रायः बड़ी कठिनाई से अपनी जीवनसंगिनी के लिए ऐसे उदगार निकालते हैं। शायद उन्हें यह भय बना रहता है कि उनके ऐसा कहने से 'ये' उनके बराबर न खड़ी हो जाए। दम्भी पुरुष कभी नहीं चाहता कि उसकी पत्नी उसके समकक्ष हो।

आंतरिक वात्सल्य से परिपूर्ण उपरोक्त हृदयोदगार एवं सहज स्वीकृति के लिए आपका आभार है बन्धु। उत्तम!!

Advo. Ravinder Ravi Sagar'
25-08-2013, 10:37 PM
आप सभी का शुक़रिया!!