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View Full Version : इरादा क्या है , मेरी जा ssssssss न !


Dr. Rakesh Srivastava
24-08-2013, 12:13 PM
तू अपने हुस्न से खुद अन्जान , मगर है बस्ती में कोहराम
जो बूढ़े भजते सीता राम , उन्हें भी अब तेरा ही ध्यान
इरादा क्या है , मेरी जा sssssssssssssssssssss न !
हो ऐसी टॉनिक मेरी जान , आँख से करते सब रस पान
खिंच रहीं उनकी भी साँसें , जिन्हें जाना था क़ब्रिस्तान
इरादा क्या है , मेरी जा sssssssssssssssssssss न !
हुस्न तेरा है एक अनार , तेरे पीछे सौ - सौ बीमार
सीरियस मुझको सबसे मान , मुझपे सबसे पहले दे ध्यान
इरादा क्या है , मेरी जा sssssssssssssssssssss न !
मोहल्ले भर की सारी मूँछ , हिलातीं तेरे आगे पूँछ
किसी को ग़ैरत का ना ध्यान , डगमगाया सबका ईमान
इरादा क्या है , मेरी जा sssssssssssssssssssss न !
जवानी तुझपे है घनघोर , न जाने बरस रही किस ओर
प्यास से हलक में अटकी जान , जल्द हो मुझपे मेहरबान
इरादा क्या है , मेरी जा sssssssssssssssssssss न !
जवानी जल्द ढलेगी यार , बना मत इसको तू हथियार
कब तलक कितनी लेगी जान , तू लड़की है या पाकिस्तान
इरादा क्या है , मेरी जा sssssssssssssssssssss न !
हुस्न दिखता मर्यादा पार , तो हर नज़रें करतीं व्यभिचार
पड़े सांसत में इसकी जान , समझते मुफ़्त का सब पकवान
इरादा क्या है , मेरी जा sssssssssssssssssssss न !

रचयिता ~ ~ डॉ .राकेश श्रीवास्तव ,गोमती नगर ,लखनऊ .

Dark Saint Alaick
24-08-2013, 01:02 PM
बहुत बढ़िया। गुदगुदाने वाले इस गीत की प्रस्तुति के लिए शुक्रिया कविवर। :gm:

rajnish manga
24-08-2013, 05:53 PM
.....
हो ऐसी टॉनिक मेरी जान , आँख से करते सब रस पान
खिंच रहीं उनकी भी साँसें , जिन्हें जाना था क़ब्रिस्तान
इरादा क्या है , मेरी जा sssssssssssssssssssss न !
.....
मोहल्ले भर की सारी मूँछ , हिलातीं तेरे आगे पूँछ
किसी को ग़ैरत का ना ध्यान , डगमगाया सबका ईमान
इरादा क्या है , मेरी जा sssssssssssssssssssss न !
.....
रचयिता ~ ~ डॉ .राकेश श्रीवास्तव ,गोमती नगर ,लखनऊ .

बिलकुल अनोखा दृष्य उपस्थित करने वाली, हास्य रस में रची-पगी इस सुन्दर रचना के लिए हमारा धन्यवाद स्वीकार करें, डॉ. श्रीवास्तव.